*प्रिटिंग ओलंपियाड 2024 के प्रथम विजेता अनु को एक लाख रूपये से सम्मानित किया गया*
अयोध्या- डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में शनिवार को विश्वविद्यालय व ऑफसेट प्रिंटिंग एसोसिएशन, नई दिल्ली के तहत ‘‘सस्टेनेबल प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग‘‘ विषय पर अन्र्तराष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारम्भ हुआ। कांफ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए अवध विवि की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने कहा कि प्रिटिंग तकनीक दुनिया में तेजी से बदल रही है, जो संचार की एक शक्तिशाली विधा है। वैश्विक स्तर पर बदल रही इस दुनिया में तेजी से तकनीकी संसाधनों का उपयोग बढ़ा है, इसके लिए यह आवश्यक है कि हम प्राकृतिक संसाधनों को संजो कर रखते हुए आगे बढ़े। इसके लिए पर्यावरण हितैषी संसाधनों का उपयोग करना होगा। दुनिया में प्राकृतिक संसाधन सीमित मात्रा में हैं, यदि उनका दोहन लगातार होता रहा तो आने वाली पीढ़ी के लिए मुश्किल खड़ी हो जायेगी। प्रिटिंग तकनीक में कई प्रकार के निष्प्रयोज्य पदार्थों का कचरा निकलता है साथ ही घातक रसायनों का भी उत्सर्जन हो रहा है। ऐसी स्थिति में आने वाली पीढ़ी के लिए हमे ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने वाले संसाधनों को अपनाना होगा, जिससे कम मात्रा में हमारे प्राकृतिक संसाधन एवं जल प्रभावित हो। दुनिया प्रिटिंग डिजीटलाइजेशन की तरफ बढ़ रही है, इसी लिए मशीन तकनीक की प्रक्रिया सस्टेनेबल होनी चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय मोतीहारी के कुलपति प्रो० संजय श्रीवास्तव रहे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सीमा विहीन वैश्विक अर्थव्यवस्था बन रही है इसके साथ ही संसाधनों का उपयोग भी काफी बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक संसाधनों को बचाये रखने के लिए पर्यावरण हितैषी प्रिटिंग तकनीक को अपनाना होगा। इसके लिए इको फ्रेंडली सामग्री का उपयोग आवश्यक है। इसके साथ-साथ ही रिसाकिल किये जाने वाले पेपर और बायोडिग्रेबल इंक का उपयोग करना होगा।
नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करना होगा। उन प्रिटिंग तकनीकों को अपनाना होगा जो कम कचरा उत्पन्न करती हैं। कांफ्रेंस के स्वागत उदबोधन में ऑफसेट प्रिंटिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो० कमल मोहन चोपड़ा ने बताया कि विश्व भर में संचार के लिए बड़े स्तर पर प्रिटिंग तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। सस्टेनेबल प्रिंटिंग न केवल पर्यावरण की दृष्टि से लाभकारी है बल्कि यह व्यवसायों को भी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़ावा देती है। सस्टेनेबल प्रिंटिंग की लागत में दीर्घकालिक लाभ जैसे ऊर्जा की बचत और अपशिष्ट में कमी कुल लागत को कम कर सकता है।
कार्यक्रम के पूर्व प्रिटिंग ओलंपियाड 2024 का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम भारत के 4 प्रतिभागियों ने अन्तिम चयन हुआ था, उनमें से प्रथम विजेता अनु को एक लाख रूपये का चेक पुरस्कार और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। प्रिटिंग के क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान के लिए वर्ष 2024 का प्रिंटश्री अवार्ड मि० करमेहम, तमिलनाडू को प्रदान किया गया। ओपीए के द्वारा प्रेसिडेंसियल अवार्ड 2024 के तहत आशीष अग्रवाल, पुनीत तलवार, मनीष चोपड़ा, जवाहर लाल भार्गव, अरविन्द कुमार पाण्डेय, पी०दयानिधि, शब्बीर अहमद और अंजनी कुमार सिंह को दिया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० गीतिका श्रीवास्तव व धन्यवाद ज्ञापन डॉ० प्रवीन कुमार अग्रवाल व डॉ० टी०के०एस० लक्ष्मीप्रिया ने किया।
Sep 07 2024, 19:15