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जयशंकर के बयान पर भड़का पाकिस्तान, कहा-कश्मीर विवाद अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है

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पाकिस्तान आए दिन कश्मीर के रास्ते भारत में आतंकियों को भेजता है और भारत में अशांति फैलाने का मंसूबा रखता है। हालांकि,भारत उसके हर नापाक मंसूबे पर पानी फेर देता है। एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जहर उगला है।पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि कश्मीर विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है और इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार हल करना चाहिए। पाकिस्तान की ये प्रतिक्रिया भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर के हाल के बयान के बाद आई है।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के विवाद को एकतरफा तरीक से नहीं सुलझाया जा सकता है। यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित है। इसे सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीर के अवाम की इच्छाओं के मुताबिक हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अनसुलझे विवाद का समाधान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। बलूच ने कहा कि पाकिस्तान कूटनीति और बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का वह दृढ़ता से जवाब देगा।

क्या बोले थे विदेश मंत्री

इससे पहले जयशंकर ने शुक्रवार को कहा था कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का युग समाप्त हो गया है। कार्रवाई के परिणाम होते हैं, और जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, मुझे लगता है कि अनुच्छेद 370 समाप्त हो गया है। आज मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते पर विचार कर सकते हैं। मैं यह कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं और चाहे घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में जाएं, हम किसी भी तरह से प्रतिक्रिया करेंगे।

भारत ने पाकिस्तान से कई बार इस बात को दोहराया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।भारत ने इस बात को भी हमेशा दोहराया रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, शत्रुता और हिंसा मुक्त वातावरण में सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर थम नहीं रहा अत्याचार! हिंदू शिक्षकों से जबरन छीनी जा रही नौकरी, 2 शब्द लिखवाकर लिया जा रहा इस्तीफा

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की परेशानियों का अंत नहीं हो रहा है. हमलों और अत्याचारों का सामना करने के बाद, अब हिंदुओं को सरकारी नौकरियों से इस्तीफा देने पर मजबूर किया जा रहा है. 5 अगस्त से अब तक लगभग 50 हिंदू शिक्षाविदों को इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया है.

यह खुलासा बांग्लादेश छात्र एक्य परिषद, जो कि बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एक्य परिषद का छात्र संगठन है, ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया. एक मीडिया हाउस ने उन शिक्षकों की सूची प्राप्त की है जिन्होंने इस्तीफा दिया है. सरकारी बकरगंज कॉलेज की प्रिंसिपल शुक्ला रॉय ने की इस्तीफा देते हुए फोटो भी सामने आई है. उनसे एक सादे कागज पर "मैं इस्तीफा देती हूं" सिर्फ इतना ही लिखवाकर इस्तीफा ले लिया गया.

कुछ शिक्षकों ने बांग्लादेश में हिंदू शिक्षकों के इस्तीफे की पुष्टि की. संजय कुमार मुखर्जी, एसोसिएट प्रोफेसर, लोक प्रशासन और गवर्नेंस स्टडीज विभाग, काज़ी नजरुल विश्वविद्यालय, बांग्लादेश ने कहा, "दादा, मैं संजय कुमार मुखर्जी, एसोसिएट प्रोफेसर, लोक प्रशासन और गवर्नेंस स्टडीज विभाग, काज़ी नजरुल विश्वविद्यालय, बांग्लादेश हूं. मुझे प्रॉक्टर और विभागाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. हम इस समय बहुत असुरक्षित हैं."

डॉ. चंद्रनाथ पोद्दार, प्रोफेसर, गणित विभाग, ढाका विश्वविद्यालय को छात्रों द्वारा जबरन इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। जिन शिक्षकों ने डर के कारण कैंपस में नहीं आने का फैसला किया था, उनके घरों तक जाकर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। यहां हिंदू शिक्षकों की एक आंशिक सूची दी गई है, जिन्हें जिहादी समूहों द्वारा इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया है।

5 या 6 सितंबर,यहां जानिए, कब है हरतालिका तीज व्रत, और व्रत करने का शुभ मुहूर्त

सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज व्रत का खास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन उपवास रखने और भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही व्रत रखने वाली महिलाओं के पति पर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं। वहीं, जो कुंवारी कन्याएं हरतालिका तीज का व्रत करती हैं, उन्हें मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है तथा उनका दांपत्य जीवन महादेव और मां गौरी के समान होता है। आइए आपको बताते हैं कि इस साल हरतालिका तीज का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा के लिए कौन सा समय शुभ रहेगा।

सुहागिन महिलाएं 6 सितंबर 2024 को हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं लाल रंग के कपड़े पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं तथा सोलह श्रृंगार करती हैं। महादेव और माता पार्वती की मिट्टी से बनी मूर्ति की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था।

हरतालिका तीज व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आरंभ: 5 सितंबर 2024 को दोपहर 12:21 बजे से

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त: 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3:01 बजे पर

प्रातःकाल हरतालिका पूजा का शुभ मुहूर्त: 6 सितंबर 2024 को सुबह 6:02 बजे से 8:33 बजे तक

राहुल गांधी ने देश के छात्रों और युवाओं से की बड़ी मांग, कहा, सरकार से सवाल उठाओ, हक के लिए आवाज उठाओ मैं आपके साथ खड़ा हूं...

कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी देश में युवाओं में बढ़ती आत्महत्या पर चिंता जताते हुए छात्रों-युवाओं से ऐसी मांग कर डाली है, जो बीजेपी और पीएम नरेन्द्र मोदी की टेंशन बढ़ा सकती है। राहुल गांधी ने देश के युवाओं से अपने हक में आवाज उठाने, सरकार से सवाल करने की अपील की है।

दरअसल रायबरेली सांसद शनिवार को ने अपने व्हाट्सऐप चैनल पर युवाओं को संदेश दिया। उन्होंने कहा कि देश में युवाओं के बीच बढ़ती आत्महत्या दर बहुत ही दुखद और चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में 0-24 आयु के बच्चों की जनसंख्या 58.20 करोड़ से घटकर 58.10 करोड़ हो गई। वहीं छात्र आत्महत्याओं की संख्या चौंकाने वाले रूप से 6,654 से बढ़कर 13,044 हो गई है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मेरी सरकार से अपेक्षा है कि वो विद्यार्थियों और युवाओं के इस कठिन रास्ते को आसान करने की हर संभव योजना बनाएं। उनके रास्ते में बाधाएं नहीं, उन्हें समर्थन पहुंचाएं। विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिवावकों से अनुरोध है की उन्हें मानसिक समर्थन और प्रोत्साहन दें और देश के युवा साथियों से अपील है कि समस्याओं के विरुद्ध आवाज उठाओ, सवाल करो, अपना हक मांगो- डरो मत. मैं आपके साथ खड़ा हूं और आपके अधिकार दिलाने के लिए सड़क से संसद तक लड़ता रहूंगा।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “भारत आज सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है, लेकिन अफसोस की बात है की इस शक्ति को सही इस्तेमाल की सुविधाओं की जगह उन्हें कठिनाइयां और मजबूरियां मिल रही हैं। कांग्रेस सांसद बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में पेपर लीक को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कहा, “भयंकर बेरोजगारी, पेपर लीक, शिक्षा में भ्रष्टाचार, महंगी पढ़ाई, सामाजिक उत्पीड़न, आर्थिक असमानता आज के विद्यार्थी ऐसी अनगिनत समस्याओं से जूझते हुए सफलता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।

कोलकाता कांड से पल्ला झाड़ रहीं ममता बनर्जी ! जांच से खुद को दूर रखने और गुमराह करने का कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने मुख्यमंत्री पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार-हत्या मामले से निपटने के तरीके को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कड़ा हमला किया और उन पर जांच से खुद को दूर करने और गुमराह करने का आरोप लगाया।

चौधरी ने दावा किया कि शुरू से ही राज्य सरकार को दोष से बचाने के लिए जांच को गुमराह करने की कोशिशें की गईं। उन्होंने मामले की प्रगति पर स्पष्टता की कमी पर निराशा व्यक्त की और कथित तौर पर जिम्मेदारी से बचने के लिए बनर्जी की आलोचना की। चौधरी ने कहा, "शुरुआत से ही राज्य सरकार की जवाबदेही से बचने के लिए जांच को गुमराह करने की कोशिशें की गई हैं। हम अभी भी नहीं जानते कि असली दोषी कौन है। जब सीबीआई ने कार्यभार संभाला, तो ममता बनर्जी अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट गईं। अगर वह प्रतिबद्ध हैं, तो उन्हें सीबीआई के साथ सहयोग करना चाहिए और अदालत में गवाही देनी चाहिए।"

इसी से जुड़े एक घटनाक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में महिलाओं से जुड़े अपराधों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की कमी की निंदा की। सिंह ने ऐसे अपराधों पर मोदी सरकार के सख्त रुख पर टिप्पणी की, लेकिन अपर्याप्त प्रयासों के लिए कई राज्यों की आलोचना की। उन्होंने कोलकाता में हुई हालिया घटना को दुखद और शर्मनाक बताया। यह मामला कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या से जुड़ा है, जिसे 9 अगस्त को एक सेमिनार हॉल में मृत पाया गया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद जांच का जिम्मा संभालने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) ने कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक आरोपी संजय रॉय पर अतिरिक्त पॉलीग्राफ परीक्षण किए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा प्रबंधित की जाए। इसके अतिरिक्त, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने जांच के नतीजे आने तक संदीप घोष की सदस्यता निलंबित कर दी है।

पीएम मोदी ने कहा, महिला और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर जल्द फैसले करने की जरूरत..यह समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार (31 अगस्त) को कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश को महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में तेजी से फैसले करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और बच्चों की सुरक्षा समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या को लेकर उपजे आक्रोश के बीच आई है। जिसके बाद कड़े कानून बनाने और जल्द से जल्द फैसला कर दोषियों को सजा देने की मांग उठ रही है।

इस बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि, "देश में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को संबोधित करने वाले कई कानून हैं। 2019 में फास्ट-ट्रैक कोर्ट कानून पारित किया गया, जिसके तहत गवाह बयान केंद्र बनाए गए। जिला निगरानी समितियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन समितियों को और मजबूत किया जाए और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों में तेजी से फैसले सुनाए जाएं।"

सुप्रीम कोर्ट के 75 साल पूरे होने पर दिल्ली में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, "आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा... समाज की गंभीर चिंता का विषय है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में कई सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन हमें इसे और अधिक सक्रिय बनाने की जरूरत है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि, "महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से संबंधित मामलों में जितनी तेजी से निर्णय लिए जाएंगे, आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही अधिक आश्वासन मिलेगा।"

राजनीति में एंट्री लेंगी विनेश फोगाट! शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन में पहुंचकर दिया समर्थन, पढ़िए, उन्होंने क्या कहा...

पेरिस ओलिंपिक में एक छोटी सी चूक से बाहर होने वालीं रेसलर विनेश फोगाट, हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले एक नए अवतार में दिखीं। विनेश फोगट ने शंभू बॉर्डर पर किसानों आंदोलन में शामिल होते हुए उनके प्रति अपना अटूट समर्थन दिखाया और कहा, "आपकी बेटी आपके साथ है"। शंभू बॉर्डर पर किसानों ने शनिवार को अपने चल रहे विरोध प्रदर्शन के 200वें दिन एक बड़ी सभा के साथ जश्न मनाया। फोगट भी एकजुटता दिखाने के लिए उनके साथ शामिल हुईं। वैसे ये पहले से ही तय माना जा रहा था, जिस हिसाब से कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा और अन्य कांग्रेसी विनेश का स्वागत करने पहुंचे थे और सोशल मीडिया पर भी जमकर उनके पक्ष में आवाज़ उठाई जा रही थी, उससे ये स्पष्ट हो गया था कि विनेश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति से जरूर जुड़ेंगी। अब वे विपक्ष द्वारा समर्थित किसान आंदोलन से जुड़ गईं हैं। और राजनीति में प्रवेश करने के लिए आंदोलन सबसे सटीक तरीका है, अरविन्द केजरीवाल इसका बड़ा उदाहरण हैं।

उल्लेखनीय है कि, 13 फरवरी से किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं, जब अधिकारियों ने उनके दिल्ली मार्च को रोक दिया था। प्रदर्शनकारी अन्य प्रमुख मुद्दों के अलावा सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। किसान आंदोलन की समर्थक और एक प्रमुख खेल हस्ती फोगट को किसानों ने माला पहनाकर सम्मानित किया। शंभू बॉर्डर पर अपने भाषण में विनेश फोगट ने किसानों के प्रति प्रशंसा व्यक्त की और स्वीकार किया कि वे लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी ऊर्जा और दृढ़ संकल्प कम नहीं हुआ है। उन्होंने एक किसान परिवार में जन्म लेने पर गर्व व्यक्त किया और प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि वह उनकी बेटी के रूप में उनके साथ खड़ी हैं।

इस दौरान विनेश फोगट ने कहा कि, "मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा जन्म एक किसान परिवार में हुआ। मैं आपको बताना चाहती हूं कि आपकी बेटी आपके साथ है। हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा, क्योंकि कोई और हमारे लिए नहीं आएगा। मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी मांगें पूरी हों और आप अपना अधिकार लिए बिना वापस न लौटें।" किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि विरोध शांतिपूर्ण तरीके से लेकिन बहुत तीव्रता के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र उनके संकल्प की परीक्षा ले रहा है, और उनकी मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।

पंधेर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "हम एक बार फिर सरकार के सामने अपनी मांगें रखेंगे और नई घोषणाएं भी की जाएंगी।" उन्होंने जोर देकर कहा कि विरोध के 200 दिन पूरे होना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। किसानों ने बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने भाजपा से रनौत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का आग्रह किया है, जिनकी टिप्पणियों ने पहले भी किसान समुदाय के बीच विवाद और विरोध को जन्म दिया है। कंगना ने कहा था कि, किसान आंदोलन से बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने कि कोशिश कि जा सकती है। हालाँकि, भाजपा ने उनके बयान से किनारा कर लिया था और उन्हें ऐसे बयान ना देने के लिए चेताया भी था। वहीं, सलमान खुर्शीद, संजय राउत जैसे विपक्ष के कई नेता कह चुके हैं कि भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति बन सकती है और लोग प्रधानमंत्री आवास में घुस सकते हैं, नरेंद्र मोदी को भागना पड़ सकता है। किसान नेता भी संसद और दिल्ली घेरने की बातें कर रहे थे, जिसके बाद कंगना ने बांग्लादेश वाली बात कह दी, जो किसान नेताओं को बुरी लगी।

बता दें कि, किसानों ने आगामी हरियाणा चुनावों के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करने का भी संकेत दिया है। वे आने वाले दिनों में अपने अगले कदमों की घोषणा करने की योजना बना रहे हैं, तथा राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में सक्रिय भूमिका निभाने के अपने इरादे पर जोर देंगे। इससे पहले भी जब दिल्ली में किसान आंदोलन हुआ था, तब भी किसान नेता राकेश टिकैत ने बढ़-चढ़कर राजनितिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था और विपक्ष के लिए माहौल बनाने की कोशिश की थी। हालाँकि, इसके बावजूद विपक्ष 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव हार गया। तब किसान आंदोलन में शामिल योगेंद्र यादव ने कहा था कि, हमने तो पिच तैयार कर दी थी, विपक्ष को ही इस पर बैटिंग करना नहीं आया। यानी ये स्पष्ट था कि आंदोलन, विपक्ष को सियासी लाभ देने के लिए किया गया था, 700 किसानों की मौत विपक्ष के लिए पिच बनाने में हुई थी। अब वापस हरियाणा चुनाव के पहले किसान नेता कुछ बड़ा करने की योजना बना रहे हैं, और इसमें अब उन्हें विनेश फोगाट का भी साथ मिल गया है, जो बीते कुछ समय से कांग्रेस के करीब देखी जा रहीं हैं।

जम्मू कश्मीर चुनाव के लिए कांग्रेस ने कसी कमर, राहुल गांधी चार सितंबर से करेंगे अभियान का आगाज़

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 4 सितंबर को चुनाव प्रचार के लिए जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों ने ये जानकारी दी है। राहुल गांधी के डूरू विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने की संभावना है, जहां से कांग्रेस ने गुलाम अहमद मीर को मैदान में उतारा है। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी 4 सितंबर को एक जनसभा को संबोधित कर सकते हैं। कांग्रेस ने 27 अगस्त को पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा हस्ताक्षरित एक दस्तावेज में आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए नौ उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की थी।

जिसके अनुसार, प्रमुख नेता गुलाम अहमद मीर डूरू से और विकार रसूल वानी बनिहाल से चुनाव लड़ेंगे। पीरजादा मोहम्मद सैयद महत्वपूर्ण अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, जबकि शेख रियाज डोडा सीट से चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने त्राल सीट से सुरिंदर सिंह चन्नी, देवसर से अमानुल्लाह मंटू, इंदरवाल से शेख जफरुल्लाह, भद्रवाह से नदीम शरीफ और डोडा पश्चिम से प्रदीप कुमार भगत को मैदान में उतारा है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी जम्मू-कश्मीर चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को अपना समर्थन दिया है।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष जिया लाल वर्मा ने बुधवार को बताया था कि पार्टी आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ेगी और दूसरे या तीसरे चरण में नामांकन दाखिल करने की संभावना है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में हो रहे हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दलों के बीच हुए सीट बंटवारे के समझौते के अनुसार नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) 90 में से 51 सीटों पर और कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालाँकि, पांच सीटों पर दोनों पार्टियां आमने-सामने होंगी। दोनों पार्टियों ने एक-एक सीट CPIM और पैंथर्स पार्टी के लिए छोड़ी है।

एमपी में कर्ज में डूबी मोहन यादव सरकार, इन 73 योजनाओं पर लगाया ब्रेक, मंडरा रहा आर्थिक संकट

मध्यप्रदेश में चल रही योजनाओं पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। प्रदेश सरकार अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर बाजार से कर्ज उठा रही है। अब सरकार एक बार फिर 5,000 करोड़ रुपये का लोन लेने जा रही है, जिसे 2 किश्तों में, 2,500-2,500 करोड़ रुपये के रूप में लिया जाएगा। इससे पहले, इसी महीने सरकार 5,000 करोड़ रुपये का लोन पहले ही ले चुकी है। 31 मार्च 2024 तक प्रदेश सरकार पर 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है। वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए, वित्त विभाग ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर पाबंदी लगाई है। इसका अर्थ है कि इन योजनाओं पर खर्च करने के लिए पहले वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। हालांकि, वित्त विभाग के अफसरों के अनुसार, राशि निकालने से पहले वित्त की अनुमति का मतलब यह नहीं है कि योजनाएं बंद हो गई हैं।

वित्त विभाग ने जिन 73 योजनाओं पर अनुमति लेना अनिवार्य किया है, उनमें नगरीय विकास एवं आवास योजना की 8 योजनाएं सम्मिलित हैं। इनमें कायाकल्प अभियान, महाकाल परिसर विकास योजना, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण, और एमनी अर्बन डवलपमेंट प्रोजेक्ट पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा, कृषि विभाग की समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना, मुख्यमंत्री लक्ष्मी योजना, ऋण समाधान योजना, औद्योगिकीकरण अधोसंरचना विकास, डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश इंवेस्ट ड्राइव, क्लस्टरों की स्थापना, वेदांत पीठ की स्थापना, रामपथ गमन अंचल विकास योजना, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना, मुख्य जिला मार्गों एवं अन्य का नवीनीकरण, लाडली बहना आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, युवक-युवतियों को रोजगार प्रशिक्षण, ग्रामीण परिवहन नीति के क्रियान्वयन, मां तुझे प्रणाम, और स्टेडियम एवं अधोसंरचना निर्माण जैसी योजनाएं सम्मिलित हैं।

वहीं, वित्त विभाग ने 52 योजनाओं से खर्च की पाबंदी को हटा दिया है। जुलाई माह में, वित्त विभाग ने 47 विभागों की 125 योजनाओं पर पाबंदी लगाई थी, जिनमें से अब 52 पर से रोक हटा ली गई है। बताया जा रहा है कि RBI से कर्ज लेने के पश्चात् इन विभागों से रोक हटाई गई है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सतेंद्र जैन के अनुसार, "राज्य में कोई भी योजना बंद नहीं हुई है। वित्त विभाग से अनुमति लेना वित्तीय अनुशासन का हिस्सा है। राज्य सरकार के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। नई योजनाओं पर काम हो रहा है तथा पुरानी योजनाओं का लाभ भी लोगों को मिल रहा है।" वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने सरकार द्वारा निरंतर कर्ज लिए जाने को लेकर निशाना साधा है। उनका आरोप है, "सरकार की अधिकांश योजनाएं कर्ज लेकर चल रही हैं।"

तकनीक के युग में बदले युद्ध के तरीके, क्या सैनिकों की जगह हथियारों से लैस ड्रोन लड़ेंगे युद्ध?

#drone_are_the_weapons_of_the_future

आज यूरोप और मिडिल ईस्ट में संघर्ष की हालात है। एक तरफ रूस-यूक्रेन करीब ढाई साल से युद्ध लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ इजराइल-हमास के बीच जंग जारी है। संघर्षों पर ध्यान दें तो अधिकतर हमलों में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।बीते कुछ महीनों में यूक्रेन ने रूस के भीतर लंबी दूरी तक हमले बढ़ा दिए हैं, वो सप्ताह में कई बार ड्रोन का इस्तेमाल कर रणनीतिक तौर पर अहम ठिकानों पर हमले कर रहा है। वो रूसी वायु सेना के ठिकानों, तेल और हथियारों के डिपो और उसके कमांड सेंटर्स को निशाना बना रहा है।यूक्रेनी कंपनियां अब सैकड़ों वन-वे (एक बार इस्तेमाल होने वाले) ड्रोन का उत्पादन कर रही हैं। यूक्रेन के एक टॉप कमांडर ने दावा किया है कि जंग की शुरुआत से लेकर अब तक रूस 14 हज़ार ड्रोन का इस्तेमाल कर चुका है।

वहीं दूसरी तरफ लगातार हमास और हिज्बुल्ला आतंकियों के ठिकानों पर ड्रोन से हमला कर रहा है। एक ड्रोन निगरानी और जासूसी करता है, तो दूसरे से हमला हो जाता है। कई बार तो एक ही ड्रोन से ये दोनों काम कर दिए जाते हैं। जिस ड्रोन से इजरायल ने निगरानी की. हमास आतंकियों की सुरंगों का पता लगाया, उसका नाम है एलबिट हर्मेस 450 (Elbit Hermes 450) ड्रोन। यह मीडियम साइज मल्टी पेलोड अनमैन्ड एरियल व्हीकल है। इसे लंबे समय वाले टैक्टिकल मिशन के लिए ही बनाया गया है। यह एक बार में कम से कम 20 घंटे तक उड़ान भर सकता है।

इन दोनों युद्दों पर गौर करें तो दुश्मन को नज़र आए बिना छिपकर वार करना अब युद्ध का यही तरीका बनता जा रहा है। ड्रोन, एक मानव रहित हथियार है। जिसके जरिए दुश्मन की जमीन पर कदम रखे बिना उसे ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता है। ड्रोन में इलेक्ट्रोऑप्टिकल, इंफ्रारेड सेंसर्स लगे हैं। जिनकी मदद से ये कम्यूनिकेशन और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस, सिंथेटिक अपर्चर राडार, ग्राउंड मूविंग टारगेट इंडीकेशन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर या हाइपरस्पेक्ट्रल सेंसर्स का इस्तेमाल करता है। ये ऐसी तकनीक हैं, जिनसे दुश्मन पाताल के अंदर कहीं भी छिपा हो, उसे ये खोज निकलते हैं।

वैसे ड्रोनों के इस्तेमाल का ये तरीका नया नहीं है। हां कह सकते हैं कि हाल के दशकों में इसी तरीके से जंग लड़े जा रहे हैं। 2019 में हूती लड़ाकों के ठिकानों से उड़े इन ड्रोन्स ने 1500 किलोमीटर दूर जाकर साउदी अरब में हमला किया। साउदी अरब की क्रूड ऑयल प्रोसेस करने वाले अबैकक पर हुए हमले में उन्हें पूरी तरह से तहस नहस कर डाला, लेकिन साउदी अरब का डिफेंस सिस्टम इन्हें डिटेक्ट नहीं कर सका। सउदी अरब में अमेरिकी पैट्रिओट -3 एयर डिफेंस सिस्टम लगा है, जो इन ड्रोन्स को डिटेक्ट करने में फेल हो गया। 2018 में भी हूती ने अबु धाबी एयरपोर्ट पर 3 हमले किए थे, इन हमलों में भी ड्रोन ही थे।

6 जनवरी 2018 को सीरीया पर इसी तरह का हमला हुआ , जो दूनिया का पहला ऐसा हमला था। जब अज्ञात जगह से आए हथियारों से लोडेड 13 ड्रोन्स ने सीरीया के हेमेमिन एयरबेस और टार्टस नवल बेस पर हमला किया था। इसके तीन महीने बाद रूस को भी ऐसे हमलों का सामना करना पड़ा था। एक के बाद एक तीन हमले, अप्रैल उसके बाद जून फिर अगस्त। इन हमलों में रूस ने कुल 47 ड्रोन्स को मार गिराया था।

2018 के अगस्त में वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो पर भी जो हमला हुआ, वो हथियारों से लैस ड्रोन से ही था। हालांकि राष्ट्रपति इस हमले में बच गए, लेकिन हथियार के तौर पर ड्रोन का इस्तोमाल किए जाने का खतरा बढ़ने की आशंका जतायी जाने लगी थी। जिसके बाद दुनिया के बड़े नेताओं की सुरक्षा में ड्रोन गन और बजूका जैसी बंदूकें शामिल की गई हैं। जो ड्रोन के हमले को पहले से ही मार गिराए।

युद्ध में इनका इस्तेमाल करने की शुरूआत सीआईए ने की, जब 2001 में तालीबान को निशाना बनाया गया। इसके बाद 15 सालों का कैंपन शुरू हुआ, जिसके बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान के इलाके में 400 से भी ज्यादा हमले हुए।

अमेरिका में ड्रोन का सालों से इस्तेमाल होता आ रहा है। ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि अमेरिका ड्रोन के जरिए सालों तक ओसामा बिन लादेन पर निगाहें बनाये हुए था और इसी सर्विलांस के जरिए 2011 में उसे मार गिराने में कामयाब रहा। ठीक इसी तरह अमेरिका ने 2015 में ड्रोन हमले में आईएसआईएस के आतंकी जिहादी जाॅन का भी काम तमाम किया था।

ये हमलावर ड्रोन शुरूआत में अमेरिका और इजराइल जेसै देशों के पास थे, जो तकनीक के मामले में आगे थे। बाद में चीन भी इसमें शामिल हो गया। चीन एक ऐसा देश है, जो अपने हथियार दूसरे देशों को बेचने की इच्छा रखता है। चीन ने अपने यहां बने ड्रोन्स को कई दूसरे देशों में बेचना शुरू किया और अब इस ड्रोन्स को तकनीक बदलकर हमलावर और आत्मधाती बनाया जा रहा है

ये ड्रोन्स ना केवल बहुत सस्ते हैं, बल्कि इनका रखरखाव भी आसान है। हथियारों से लोड दर्जन भर ड्रोन्स पर महज 1.5 लाख के करीब डॉलर खर्च कर अरबों का नुकसान किया जा सकता है।

दुश्मनों तो खाक में मिलाना हो तो ड्रोन्स अच्छे विकल्प साबित हो रहे हैं...पहले दुश्मनों की खुफिया जानकारी जुटाओ...फिर उन्हें मिट्टी में मिलाओं...इसका सबसे अच्छा उदाहरण ईरान है...जिसने ड्रोन की अत्याधुनिक तकनीक यमन के हूती विद्रोहियों को ट्रांसफर किया है....