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योजनाओं का जमीनी स्तर पर हो क्रियान्वयन: उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन

रायपुर-   वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन ने मुंगेली जिले के कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय काम-काज की गहन समीक्षा की। बैठक में मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन हो और उसका लाभ अंतिम व्यक्ति को मिलना चाहिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने दायित्वों का गंभीरतापूर्वक निर्वहन करते हुए जनहित के कार्य करने प्रेरित किया।

प्रभारी मंत्री ने कहा कि विभागीय अधिकारी कार्यालयीन काम-काज के साथ फील्ड पर भी जाकर निचले अमलों के कार्याे की समीक्षा करें। आप लोग अच्छा काम करेंगे तो शासन-प्रशासन के लिए जनता के बीच अच्छा संदेश जाएगा और जिले का नाम रोशन होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा है कि विकास के साथ सरकार की जितनी भी कल्याणकारी योजनाएं चल रही है, उसका लाभ पात्रता रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मिले। अधिकारी आपसी समन्वय स्थापित कर जनहित के लिए बेहतर से बेहतर कार्य करें।

प्रभारी मंत्री श्री देवांगन ने स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों एवं स्टॉफ की समय पर उपस्थिति की जानकारी ली। उन्होने कहा कि मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होने स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने अधिकारियों को स्कूलों का नियमित तौर पर निरीक्षण करने और लापरवाही बरतने वाले पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। प्रभारी मंत्री ने जिले में निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए। बिजली की समस्या होने पर युद्धस्तर पर सुधार की कार्यवाही करें। उन्होने प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होने श्रम एवं उद्योग विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं का लाभ पात्रतानुसार अधिक से अधिक लोगों को दिलाने के लिए कहा। विधायक पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि जनहित के कार्याे को प्राथमिकता के साथ किया जाए। शासन की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले।

बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, एनआरएलएम, लखपति दीदी का गठन, महतारी वंदन योजना, मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना, आरटीई सरस्वती सायकल योजना, पीएम उज्जवला योजना, जल जीवन मिशन, पीएम विश्वकर्मा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, आयुष्मान योजना, स्वच्छ भारत मिशन आदि महत्वाकांक्षी योजनाओं सहित स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम, रोजगार, वन आदि विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा हुई और लक्ष्य के अनुरूप आवश्यक प्रगति लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ट प्रशासनिक अधिकारी और सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

फ्लैगशिप योजनाओं का आमजनों को मिले शत-प्रतिशत लाभ: राज्यपाल रमेन डेका

रायपुर    राज्यपाल रमेन डेका ने बिलासपुर जिले के प्रवास के दौरान  जिले के अधिकारियों से विकास एवं अन्य गतिविधियों पर बैठक लेकर उनसे सामान्य परिचर्चा की। उन्होंने कहा कि शासन की फ्लैगशिप योजनाओं का आमजन मानस को शत-प्रतिशत लाभ मिलना चाहिए। राज्यपाल श्री डेका ने जल संरक्षण एवं जल संचयन, पौधारोपण एवं पर्यावरण संवर्धन, परंपरागत एवं जैविक खेती प्रोत्साहन, टी.बी उन्मूलन आदि विषयों पर अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक प्रगति लाने के लिए निर्देशित किया। 

उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम‘ थीम पर चलाए जा रहे वृक्षारोपण के  संबंध में जानकारी ली।  राज्यपाल श्री डेका ने कृषि विभाग के अधिकारी से परंपरागत कृषि एवं जैविक खेती प्रोत्साहन, फसल बीमा आदि विषयों पर की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण कर जिले के प्रगतिशील किसानों को चिन्हांकित कर उन्हें प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल बीमा के प्रति जागरूक करें ताकि बीमा योजना का शत प्रतिशत लाभ उन्हें मिल सके।
 

राज्यपाल ने जिले में टीबी उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों एवं प्रगति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने  टीबी उन्मूलन के लिए बेहतर मॉनिटरिंग करने एवं इसके प्रति लोगों को जागरूक करने कहा। इस दौरान उन्होंने रेडक्रॉस के संबंध में भी जानकारी ली । उन्होंने कहा कि ड्रग्स पेडलिंग के कारण युवा काफी प्रभावित हो रहा है इसके लिए सभी आवश्यक उपाय करें तथा नशे की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित करें।
   

राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने एवं स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य आधारभूत सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास करने की बात कहीं। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में सहकारी गतिविधि बढ़ाने के लिए भी कहा ताकि अंचल में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाते हुए मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। इसके साथ-साथ उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने विभागीय दायित्वों को पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ निर्वहन करने तथा बेहतर नवाचार के साथ कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। बैठक में बिलासपुर जिला प्रशासन के अधिकारी, एनसीसी के कमाण्ड अधिकारी एवं सभी विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।  

स्वाभिमानी और स्वावलंबी युवाओं से भारत बनेगा ग्लोबल पावर: वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी

रायपुर-     छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने आज यहां नवा रायपुर स्थित आईटीएम यूनिवर्सिटी में एरीज एग्रो लिमिटेड के सहयोग से स्थापित आईटीएम ड्रोन ट्रेनिंग एकादमी का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्वाभिमानी और स्वावलंबी युवाओं से भारत ग्लोबल पावर बनेगा।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने ड्रोन एकादमी के पहले बैच में प्रशिक्षण ले रहे ड्रोन दीदी और ड्रोन पायलट को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के हाल के बजट में इंटर्नशिप के लिए विशेष प्रावधान किये गए हैं ताकि देश के एक करोड़ से ज्यादा यूथ इंटर्नशिप लेकर देश में मैनपावर की कमी दूर कर सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया का 20 प्रतिशत युवा भारत में हैं और दुनिया को काम करने वालों की जरुरत है। यहाँ सात दिन की ड्रोन ट्रेनिंग कैरियर के लिए ज्यादा कारगर हो सकता है। उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं के दीर्घकालीन सफलता में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी पर जोर दिया।

आईटीएम ड्रोन ट्रेनिंग एकादमी को छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहले ड्रोन ट्रेनिंग एकादमी बनने का गौरव प्राप्त हुआ है जो महज सात दिनों के प्रशिक्षण में ड्रोन दीदी और ड्रोन पायलट तैयार करेगा जो डीजीसीए सर्टिफाइड पायलट कहलाएंगे। आईटीएम यूनिवर्सिटी कैंपस में उद्घाटन समारोह में डायरेक्टर जनरल लक्ष्मी मूर्ति ने मुख्य अतिथि वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी और विशेष अतिथि के रूप में मौजूद एरीज एग्रो लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राहुल मीरचंदानी का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।

डायरेक्टर जनरल लक्ष्मी मूर्ति ने कहा कि आईटीएम यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेशन के अलावा ड्रोन टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता लाने बहुत जल्द डिग्री एवं मास्टर प्रोग्राम भी प्रारंभ करेगा ताकि प्रदेश के युवाओं को इसका हरसंभव लाभ मिल सकें। एरीज एग्रो लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राहुल मीरचंदानी ने कहाकि ड्रोन तकनीकों का कृषि में इस्तेमाल करने से किसानों की कई समस्याएं दूर होंगी। समय और मजदूर काम लगने के साथ ड्रोन से पानी की भी बचत होगी और फसलों की पैदावार दोगुनी होगी।

इसके पश्चात ड्रोन अकादमी में ड्रोन अकादमी के डायरेक्टर निलेश कोकाटे ने वित्त मंत्री सहित सभी अतिथियों को अत्याधुनिक ड्रोन से जुड़ी तकनीकी जानकारी दीं। इस कार्यक्रम में एरीज एग्रो लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट डी. के. तिवारी, कार्यक्रम संयोजक मितुल कोठारी, छत्तीसगढ़ स्टेट इंचार्ज रवि मिश्रा, कामर्शियल मैनेजर अनुपम पांडेय, मार्केटिंग मैनेजर उमेश कुमार मिश्रा, दिवेश कुमार यादव, रजिस्ट्रार सौरव चटर्जी सहित अन्य मौजूद थे।

राज्यपाल रमेन डेका ने रतनपुर में आदिशक्ति माँ महामाया देवी का किया दर्शन, पूजा- अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और प्रगति की कामना की

रायपुर- राज्यपाल रमेन डेका आज अपने बिलासपुर प्रवास के दौरान ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी रतनपुर स्थित आदिशक्ति माँ महामाया देवी मंदिर पहुँचे। यहाँ उन्होंने देवी मां की विधिवत पूजा- अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और प्रगति की कामना की। महामाया मंदिर पहुंचने पर राज्यपाल रमेन डेका व राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी का परम्परागत ढंग से स्वागत किया गया।

उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक नगरी रतनपुर का गौरवशाली इतिहास रहा है। कलचुरी वंश के शासक रत्नदेव प्रथम ने रतनपुर को अपनी राजधानी बनाया और यहाँ 11वीं शताब्दी में आदिशक्ति माँ महामाया देवी मंदिर का निर्माण कराया। यहाँ पर चैत्र और क्वांर दोनों नवरात्रियों में भव्य मेले का आयोजन होता है, जहां पूरे देश से श्रद्धालुगण माँ महामाया दर्शन के लिए आते हैं और माँ महामाया के दर्शन कर उनके समक्ष मनोकामनाएं रखते हैं। मंदिर का मंडप नागर शैली में बना है। यह 16 स्तंभों पर टिका हुआ है। गर्भगृह में आदिशक्ति मां महामाया की प्रतिमा स्थापित है।

’बिलासपुर उद्योग संघ के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री’

रायपुर-     जिला उद्योग संघ बिलासपुर के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बिलासपुर पहुचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ के उद्योग यहां के विकास और अर्थव्यवस्था के इंजन है। यहां के उद्योगों का छत्तीसगढ़ के विकास में बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 लागू किया गया है ताकि उद्योग को बढ़ावा देने बेहतर माहाल स्थापित करने के साथ आप सभी की समस्याओं को दूर किया जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत 10 वर्षों के कार्यकाल में देश को विकास की राह में आगे बढ़ाने का कार्य किया। वे देश को विश्व की तीसरी आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

समारोह में मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वर्ष 2047 तक आप सभी के सहयोग से देश को विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया गया है। छत्तीसगढ़ को भी विकसित छत्तीसगढ़ बनाने तैयार किया जा रहा है और इसमें आप सभी का सहयोग और सलाह जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक नवम्बर को छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य का विजन डाक्यूमेंट लांच किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम नई उद्योग नीति भी ला रहे हैं, इसे भी एक नवम्बर को लांच किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बिजली, पानी, कोयला, लौह, हीरा, टीन, लीथियम सहित अन्य खनिज भंडार है। वन संसाधन के साथ वनोपज भी है। हमारे जशपुर क्षेत्र में टमाटर और बस्तर में इमली का वृहद उत्पादन है। इससे आदिवासी क्षेत्रों के विकास में गति आएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों के लिए बहुत स्कोप है और छतीसगढ़ की सरकार उद्योगों को जो सुविधाएं दें सकती है, उपलब्ध करायेगी तथा समस्याओं को दूर करेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने उद्योग संघ के पदाधिकारियों से कहा कि आपके हाथों में हुनर और ताकत है। आप सभी छत्तीसगढ़ के विकास और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में अपना योगदान जरूर दें। मुख्यमंत्री श्री साय ने बिजली की समस्या को दूर करने और बेहतर औद्योगिक माहौल के लिए अधिकारियों तथा उद्योगपतियों के साथ सद्भावना पूर्ण व्यवहार स्थापित करने की दिशा में पहल करने की बात कही।

समारोह में अति विशिष्ट अतिथि तोखन साहू आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री भारत सरकार एवं सांसद बिलासपुर ने कहा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि और उद्योग पर निर्भर है। उद्योग से रोजगार भी उत्पन्न होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रोजगारोन्मुखी उद्योग को बढ़ावा देने की पहल की है। मुद्रा लोन को बढ़ाया है।

समारोह में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि छतीसगढ़ के विकास में उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उद्योगों से सिर्फ किसी सामान का निर्माण नहीं होता और यह पैसा कमाने का साधन नहीं है। रोजगार सृजन में भी उद्योग की भूमिका है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार लगातार उद्योग को बढ़ावा दे रही है। प्रधानमंत्री द्वारा भी लघु उद्योग सहित अन्य उद्योग को बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने स्वर्ण जयंती पर बिलासपुर जिला उद्योग संघ को बधाई दी।

जिला उद्योग संघ बिलासपुर के स्वर्ण जयंती समारोह में संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री साय, अति विशिष्ट अतिथि तोखन साहू आवास एवं शहरी राज्य मंत्री भारत सरकार एवं सांसद बिलासपुर, विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विधायकगण अमर अग्रवाल, धरम लाल कौशिक, धरमजीत सिंह, सुशांत शुक्ला, अटल श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष हाउसिंग बोर्ड भूपेंद्र सवन्नी का शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर अभिनन्दन किया।

इस अवसर पर बिलासपुर उद्योग संघ के संस्थापक सदस्य हरीश केडिया, अध्यक्ष जिला उद्योग संघ अनिल सलूजा, महासचिव शरद सक्सेना सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। समारोह में बिलासपुर उद्योग संघ के अध्यक्ष ने नई उद्योग नीति, सिंगल विंडो सिस्टम के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

झारखंड दौरे से लौटे​ वित्तमंत्री चौधरी, देवेंद्र यादव को बिहार का प्रभारी बनाए जाने पर कसा तंज, कही ये बात

रायपुर-  प्रदेश के वित्तमंत्री ओपी सिंह झारखंड दौरे से राजधानी रायपुर लौटे। एयरपोर्ट में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने झारखंड दौरे को लेकर और देवेंद्र यादव को बिहार का प्रभारी बनाए जाने पर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि देवेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ की शांत फिजा को अशांत करने का काम किया है।

झारखंड में मिली जिम्मेदारी को लेकर वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि भाजपा संगठन 365 दिन 24 घंटे काम करता है। झारखंड में चुनाव है तो वहां जाकर कार्य में सहयोग कर रहे हैं। पर्दे के पीछे रहकर हमको काम करना होता है। संगठन जो भी काम कार्यकर्ताओं को देता है, उसे प्रतिबद्धता के साथ निभाया जाता है।

बिहार का प्रभारी देवेंद्र यादव को बनाए जाने पर वित्त मंत्री चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस अपराधीकरण को अपने सर्वोच्च स्तर पर ले गई है। देवेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ की शांत फिजा को असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर डिस्टर्ब करने का काम किया है।

‘‘राष्ट्रीय पोषण माह 2024‘‘ का आयोजन 01 से 30 सितम्बर तक

रायपुर-   जनसमुदाय तक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता संबंधित व्यापक प्रचार प्रसार एवं प्रभावी व्यवहार परिवर्तन हेतु जनआंदोलन के रूप में प्रतिवर्ष के भाँति इस वर्ष भी ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह‘‘ का अयोजन 01 से 30 सितम्बर 2024 तक किया जाना है। महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक सुश्री तुलिका प्रजापति ने समस्त कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र लिखकर ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह 2024‘‘ के सफल आयोजन के लिए निर्देशित किया है।

राज्य द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के दौरान मुख्य रूप से एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, बेहतर प्रशासन, पारदर्शिता और कुशल सेवा वितरण के लिए प्रौद्योगिकी, समग्र पोषण के थीम पर विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जानी है। सुश्री प्रजापति ने पोषण माह के प्रभावी सुचारू एवं परिणाम मूलक आयोजन एवं गतिविधियों के आयोजन में सम्मानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि, सहयोगी विभागों, स्वयं सेवी संस्थाओं, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी, महिला स्व-सहायता समूहों, महिला मण्डली, नेहरू युवा केन्द्रों, नेशनल कैडिट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना आदि की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। पूर्व वर्षों में राज्य में आयोजित पोषण माह, पोषण पखवाड़ा में विभिन्न सहयोगी विभागों एवं डेव्हलेपमेंट संस्थाओं का सक्रिय एवं परिणाममूलक सहयोग प्राप्त होता रहा है। इस वर्ष भी विभिन्न सहयोगी विभागों के मैदानी अमले के मध्य प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए जिला, विकासखण्ड, ग्राम स्तर एवं प्रत्येक केन्द्र स्तर पर पोषण माह का आयोजन किया जाना है। पोषण माह 2024 का मुख्य उद्देश्य पोषण पंचायतों को सक्रिय करना है, इस हेतु ग्राम स्तर पर सरपंच एवं ग्राम पंचायतों को गतिविधियों का आधार बनाते हुए जनआंदोलन को जनभागीदारी के रूप में परिवर्तित करना है।

राष्ट्रीय पोषण माह 2024 अंतर्गत 01 सितम्बर से 30 सितम्बर 2024 तक प्रतिदिन आयोजित किए जाने वाले गतिविधि कैलेण्डर एवं सहयोगी विभागों की कार्य दायित्व की कार्ययोजना तैयार की गयी है। पोषण माह के दौरान की जाने वाली समस्त गतिविधियों को जन आंदोलन के डैशबोर्ड पोर्टल पर अनिवार्यतः प्रतिदिन प्रविष्ठी किया जायेगा।

समावेशी शिक्षा के साथ विश्वविद्यालय ज्ञान के क्षेत्र में बने विश्वगुरू: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   महामहिम राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बिलासपुर के अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित 5वां दीक्षांत समारोह में शिरकत की। उन्होंने 64 विषयों में विद्यार्थियो को 92 गोल्ड मेडल तथा 48 को पी.एच.डी. और 35 हजार 291 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा शामिल हुए। उन्हें भारतीय न्याय व्यवस्था में अमूल्य योगदान पर पी.एच.डी. की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। कार्यक्रम में इससे पहले दीक्षांत समारोह शोभायात्रा निकाली गई। दीक्षांत समारोह में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरूण साव, राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी शामिल हुई। विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक अमर अग्रवाल, धरम लाल कौशिक, धरमजीत सिंह, सुशांत शुक्ला, अटल श्रीवास्तव एवं दिलीप लहरिया शामिल हुए। राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों ने विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका कन्हार और मासिक पत्रिका अटल दृष्टि का विमोचन किया। कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि विश्वविद्यालय हमारी सामूहिकता, ज्ञान और संस्कृति के संरक्षक है। वे ऐसे स्थान है जहां इतिहास संरक्षित किया जाता है। साहित्य का विश्लेषण किया जाता है। आप अपनी पढ़ाई के माध्यम से विचार के विविध क्षेत्रों मेें जुड़ रहें है मानवता के बारे में आपकी विचार को समृद्ध किया जा रहा है। भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दूरदर्शिता का प्रतिनिधित्व करती है। इसका उद्देश्य युवाओं को तेजी से गतिशील दुनिया में आगे बढ़नेे के लिए कौशल और ज्ञान से परिपूर्ण करना है। छत्तीसगढ़ के लिए यह नीति प्रगतिशील सुधारों की लहर लाती है, जो हमारे शैक्षणिक संस्थानों पर गहरा प्रभाव डालने के लिए तैयार है। विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रम को न केवल उभरते हुए रूझानों और प्रौद्योगिकी के प्रति गतिशील और उत्तरदायी बनाना चाहिए बल्कि इसमें भारतीय परंपरा की समृद्ध विरासत भी शामिल होनी चाहिए। हम मिलकर एक उच्च शिक्षा प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं, जो न केवल हमारे छात्रों की जरूरतों केा पूरा करेगी बल्कि हमारे राज्य और राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान देगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि देश विकसित भारत2047  के संकल्प हेतु क्रियाशील है, हम भी प्रदेश में विकसित छत्तीसगढ़ विजन 2047 के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रहे हैं। मैं आश्वस्त हूँ कि इस दीक्षांत समारोह के बाद इस संस्थान के प्रतिभाशाली युवा अपनी रूचि के क्षेत्रों में अपना और अपने विश्वविद्यालय का नाम रौशन करते हुए इस संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। यह विश्वविद्यालय अपने नवाचारों से एक उदाहरण बनता जा रहा है। मुझे यह भी ज्ञात हुआ है कि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के अंतर्गत विश्वविद्यालय को 20 करोड़ रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है जो प्रशंसनीय है तथा इससे विश्वविद्यालय की अधोसंरचना का विस्तार होगा और यहां उच्च शिक्षा का स्तर और भी उन्नत होगा। हमें तक्षशिक्षा, नालंदा जैसे भारतीय परपंरा के विशिष्ट विश्वविद्यालय को अपना आदर्श मानते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रमों में प्रोत्साहन देना है। भारत हमेशा से ज्ञान के क्षेत्र में विश्वगुरु रहा है। हमें पुनः विश्वविद्यालयों को उस प्रतिष्ठा तक पहुँचाने में प्रयासरत होना है। हमें वही प्रतिष्ठा फिर से अर्जित करने के लिए हमारे शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विख्यात विशेषज्ञों द्वारा लंबे और व्यापक विचार विमर्श के बाद बनाई गई है। यह शिक्षा नीति भावी परिदृश्य को ध्यान में रख कर बनाई गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का टापू बनकर न रहे, समाज से सरोकार रहे, समाज एवं राष्ट्र में विश्वविद्यालय का योगदान हो तथा निरंतर शोध कार्य हो। आधुनिक युग में युवा पीढ़ी शिक्षित तो हो रही है परन्तु उन्हें संस्कारों से जोड़ने की जिम्मेदारी भी हमारी है। छत्तीसगढ़ प्रदेश अपनी विशेष संस्कृति के लिए जाना जाता है, अतः छात्रों को संस्कार और संस्कृति के संरक्षण मूलक शिक्षा देने की व्यवस्था के लिए विशेष प्रयास होना चाहिए।

सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय का तेजी से विकास हुआ है इसे भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ द्वारा अकादमिक और प्रशासनिक विकास केन्द्र के रूप में मान्यता दी गई है जो विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रशिक्षण की गुणवत्ता को दर्शाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उच्च शिक्षा के साथ-साथ कानूनी क्षेत्र में भी विकास और उन्नति के अवसर खोलती है। कार्यक्रम को केन्द्रीय शहरी राज्य विकास मंत्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से सभी को अवगत कराया।

इस अवसर पर उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्तिगण, पंडित सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति वंश गोपाल, नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति एल.पी. पटेरिया, हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पलटा, भूपेन्द्र सवन्नी, कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे प्रशासनिक अधिकारी सहित बड़ी संख्या में विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, यूनिवर्सिटी केे प्राध्यापक एवं विद्यार्थी मौजूद थे।

देश के विभिन्न हिस्सों से आए सोशल मीडिया इनफ्लुरेन्स करेंगे ‘‘द बस्तर मड़ई‘‘ का प्रमोशन

रायपुर-  बस्तर की अपनी नैसर्गिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, अनूठी सामाजिक ताना-बाना और ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थलों के बारे में सोशल मीडिया के इनफ्लुरेन्स अब देश-दुनिया को परिचित करवाएंगे। शुक्रवार को आसना स्थित बादल अकादमी में बस्तर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने देश के विभिन्न हिस्सों से आए सोशल मीडिया इनफ्लुरेन्स से चर्चा करते हुए ‘द बस्तर मड़ई’ कॉन्सेप्ट के माध्यम से बस्तर को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने सहयोग प्रदान किये जाने कहा। ज्ञातव्य है कि जिला प्रशासन द्वारा बस्तर में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु तैयार की गई ‘द बस्तर मड़ई’ का बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप और थीम म्यूजिक का हाल ही में विमोचन किया गया है।

मौके पर कलेक्टर बस्तर विजय दयाराम के. ने बस्तर की खूबियों को रेखांकित करते हुए बताया कि लगभग 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा के दौरान विभिन्न पूजा विधान के अंतराल को देखते हुए दशहरा के साथ-साथ बस्तर की प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थलों, एडवेंचर स्थल, सांस्कृतिक स्थलों से पर्यटकों को अवगत कराने के लिए प्रशासन द्वारा ‘द बस्तर मड़ई’ का कॉन्सेप्ट तैयार किया गया है। इसके तहत बस्तर में पर्यटकों को अन्य स्थलों का भ्रमण सहित देखने-समझने का सुअवसर मिल सके। उन्होंने बताया कि ‘द बस्तर मड़ई’ में नीला रंग में बस्तर की जल से संबंधित पर्यटन स्थल, हरा रंग जंगल से संबंधित स्थल, भूरा रंग गुफा और पुरातव स्थल, पीला रंग आदिवासी संस्कृति एवं बस्तर के हाट-बाजार और लाल रंग में बस्तर की आध्यात्मिक शक्ति विशेषकर आराध्य देवी मां दंतेश्वरी और ऐतिहासिक बस्तर दशहरा को प्रदर्शित किया गया है। बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप चार रंगों के 42 पर्यटन स्थलों की जानकारी तथा स्थलों की संक्षिप्त विवरण के साथ रूट की जानकारी और बस्तर जिला में पहुंचने के लिए परिवहन सेवा रेलमार्ग, वायुमार्ग एवं सड़कमार्ग की जानकारी दी गई है। पहले बस्तर के प्रसिद्ध दशहरा, चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, कुटुमसर गुफा को देखने आते थे इसमें परिवर्तन करते हुए बस्तर की अन्य ख़ूबसूरती और सांस्कृतिक विरासत को भी दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।

धुरवा तुवाल से सम्मानित हुए सोशल मीडिया इनफ्लुरेन्स

इस दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए सोशल मीडिया इनफ्लुरेन्स एवं युवाओं ने बस्तर की प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थलों तथा पर्यटन स्थलों को देखने-समझने के लिए अपार उत्साह दिखाया और अगले दो पूरे बस्तर का भ्रमण कर बस्तर की खूबियों को संजोने के क्रम में भरपूर सहभागी बनने की बात कही। इस मौके पर कलेक्टर ने सभी सोशल मीडिया इनफ्लुरेन्स एवं युवाओं को धुरवा तुवाल भेंटकर सम्मानित किया और धुरवा तुवाल के सम्बंध में बताया कि बस्तर की धुरवा जनजाति के लोग अपने घर आए मेहमान को यह अंग वस्त्र सम्मान स्वरूप भेंट करते हैं। इस अवसर पर बादल अकादमी में बस्तर की लोक संस्कृति की छटा भी देखने को मिला, जिसमें पारम्परिक लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक धुरवा लोक नृत्य एवं डंडारी लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बादल अकादमी के लोक कलाकारों ने गोंडी लोकगीत की मधुर प्रस्तुति देकर बस्तर को देखने-समझने और बूझने का प्रेरक सन्देश दिया।

द बस्तर मड़ई’ विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं को समेटे हुए एक प्रदर्शनी

मड़ई (संस्कृति का उत्सव) बस्तर की परंपरा और संस्कृति को एक आधुनिक समागम के साथ अनुभव किया जा सकता है, जिसमें विविध सांस्कृतिक आयाम, सामुदायिक सहभागिता और बस्तर के धरोहर को पर्यटकों के मन में जीवंत ढंग से चित्रित करने की कोशिश है। बस्तर अंचल की नैसर्गिक सौंदर्य, समृद्ध संस्कृति, प्रचुर खनिज एवं वनोपज संपदा के साथ ही ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व एवं पुरातात्विक महत्व के स्थलों को वैश्विक पटल पर प्रदर्शित करने सहित पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के दौरान पर्यटकों को बस्तर को करीब से देखने-समझने एवं बूझने का अवसर प्रदान करने हेतु ‘बस्तर मड़ई’ कॉन्सेप्ट तैयार किया गया है।

देशव्यापी साक्षरता सप्ताह एक सितम्बर से

रायपुर-   राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू किए गए उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रति जागरूकता फैलाने और समाज के सभी वर्गों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से 1 से 8 सितम्बर 2024 तक देशव्यापी साक्षरता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान शिक्षा और साक्षरता पर केन्द्रित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। साक्षरता सप्ताह का समापन 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बताया कि इस साक्षरता सप्ताह के दौरान, पूरे देश भर में, जिला, ब्लॉक, नगरीय क्षेत्रों और ग्राम पंचायतों के साथ-साथ प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से बुनियादी साक्षरता, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, व्यावसायिक कौशल, और सतत् शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

साक्षरता सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत पहले दिन 01 सितम्बर को उल्लास रथ की रवानगी और शैक्षणिक संस्थाओं में विभिन्न सेमिनार व सम्मेलन का आयोजन, दूसरे दिन 02 सितम्बर को समस्त शैक्षणिक संस्थानों में उल्लास ‘सबके लिए शिक्षा’ पर केन्द्रित गीत, नृत्य, पेंटिंग जैसे विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन, तीसरा दिन 03 सितम्बर को पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों में उल्लास कार्यक्रम पर चर्चा और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसी तरह चौथे दिन 04 सितम्बर को उल्लास महिला साक्षरता पर केंद्रित कार्यक्रम और व्यावसायिक कौशल पर आधारित सामग्री का प्रदर्शन, पांचवां दिन 05 सितम्बर को शैक्षणिक संस्थानों में उल्लास नवभारत साक्षरता पर केन्द्रित थीम पर भाषण और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन, छठवां दिन 06 सितम्बर को नवाचारी गतिविधियों का प्रदर्शन और सतत शिक्षा पर केंद्रित कार्यक्रम, सातवां दिन 07 सितम्बर को शैक्षणिक संस्थाओं में उल्लास साक्षरता रैली का आयोजन एवं अंतिम दिवस 08 सितम्बर को राज्य स्तरीय उल्लास मेला और अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का आयोजन किया जाएगा।