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झारखंड दौरे से लौटे​ वित्तमंत्री चौधरी, देवेंद्र यादव को बिहार का प्रभारी बनाए जाने पर कसा तंज, कही ये बात

रायपुर-  प्रदेश के वित्तमंत्री ओपी सिंह झारखंड दौरे से राजधानी रायपुर लौटे। एयरपोर्ट में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने झारखंड दौरे को लेकर और देवेंद्र यादव को बिहार का प्रभारी बनाए जाने पर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि देवेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ की शांत फिजा को अशांत करने का काम किया है।

झारखंड में मिली जिम्मेदारी को लेकर वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि भाजपा संगठन 365 दिन 24 घंटे काम करता है। झारखंड में चुनाव है तो वहां जाकर कार्य में सहयोग कर रहे हैं। पर्दे के पीछे रहकर हमको काम करना होता है। संगठन जो भी काम कार्यकर्ताओं को देता है, उसे प्रतिबद्धता के साथ निभाया जाता है।

बिहार का प्रभारी देवेंद्र यादव को बनाए जाने पर वित्त मंत्री चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस अपराधीकरण को अपने सर्वोच्च स्तर पर ले गई है। देवेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ की शांत फिजा को असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर डिस्टर्ब करने का काम किया है।

‘‘राष्ट्रीय पोषण माह 2024‘‘ का आयोजन 01 से 30 सितम्बर तक

रायपुर-   जनसमुदाय तक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता संबंधित व्यापक प्रचार प्रसार एवं प्रभावी व्यवहार परिवर्तन हेतु जनआंदोलन के रूप में प्रतिवर्ष के भाँति इस वर्ष भी ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह‘‘ का अयोजन 01 से 30 सितम्बर 2024 तक किया जाना है। महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक सुश्री तुलिका प्रजापति ने समस्त कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र लिखकर ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह 2024‘‘ के सफल आयोजन के लिए निर्देशित किया है।

राज्य द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के दौरान मुख्य रूप से एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, बेहतर प्रशासन, पारदर्शिता और कुशल सेवा वितरण के लिए प्रौद्योगिकी, समग्र पोषण के थीम पर विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जानी है। सुश्री प्रजापति ने पोषण माह के प्रभावी सुचारू एवं परिणाम मूलक आयोजन एवं गतिविधियों के आयोजन में सम्मानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि, सहयोगी विभागों, स्वयं सेवी संस्थाओं, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी, महिला स्व-सहायता समूहों, महिला मण्डली, नेहरू युवा केन्द्रों, नेशनल कैडिट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना आदि की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। पूर्व वर्षों में राज्य में आयोजित पोषण माह, पोषण पखवाड़ा में विभिन्न सहयोगी विभागों एवं डेव्हलेपमेंट संस्थाओं का सक्रिय एवं परिणाममूलक सहयोग प्राप्त होता रहा है। इस वर्ष भी विभिन्न सहयोगी विभागों के मैदानी अमले के मध्य प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए जिला, विकासखण्ड, ग्राम स्तर एवं प्रत्येक केन्द्र स्तर पर पोषण माह का आयोजन किया जाना है। पोषण माह 2024 का मुख्य उद्देश्य पोषण पंचायतों को सक्रिय करना है, इस हेतु ग्राम स्तर पर सरपंच एवं ग्राम पंचायतों को गतिविधियों का आधार बनाते हुए जनआंदोलन को जनभागीदारी के रूप में परिवर्तित करना है।

राष्ट्रीय पोषण माह 2024 अंतर्गत 01 सितम्बर से 30 सितम्बर 2024 तक प्रतिदिन आयोजित किए जाने वाले गतिविधि कैलेण्डर एवं सहयोगी विभागों की कार्य दायित्व की कार्ययोजना तैयार की गयी है। पोषण माह के दौरान की जाने वाली समस्त गतिविधियों को जन आंदोलन के डैशबोर्ड पोर्टल पर अनिवार्यतः प्रतिदिन प्रविष्ठी किया जायेगा।

समावेशी शिक्षा के साथ विश्वविद्यालय ज्ञान के क्षेत्र में बने विश्वगुरू: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   महामहिम राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बिलासपुर के अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित 5वां दीक्षांत समारोह में शिरकत की। उन्होंने 64 विषयों में विद्यार्थियो को 92 गोल्ड मेडल तथा 48 को पी.एच.डी. और 35 हजार 291 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा शामिल हुए। उन्हें भारतीय न्याय व्यवस्था में अमूल्य योगदान पर पी.एच.डी. की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। कार्यक्रम में इससे पहले दीक्षांत समारोह शोभायात्रा निकाली गई। दीक्षांत समारोह में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरूण साव, राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी शामिल हुई। विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक अमर अग्रवाल, धरम लाल कौशिक, धरमजीत सिंह, सुशांत शुक्ला, अटल श्रीवास्तव एवं दिलीप लहरिया शामिल हुए। राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों ने विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका कन्हार और मासिक पत्रिका अटल दृष्टि का विमोचन किया। कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि विश्वविद्यालय हमारी सामूहिकता, ज्ञान और संस्कृति के संरक्षक है। वे ऐसे स्थान है जहां इतिहास संरक्षित किया जाता है। साहित्य का विश्लेषण किया जाता है। आप अपनी पढ़ाई के माध्यम से विचार के विविध क्षेत्रों मेें जुड़ रहें है मानवता के बारे में आपकी विचार को समृद्ध किया जा रहा है। भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दूरदर्शिता का प्रतिनिधित्व करती है। इसका उद्देश्य युवाओं को तेजी से गतिशील दुनिया में आगे बढ़नेे के लिए कौशल और ज्ञान से परिपूर्ण करना है। छत्तीसगढ़ के लिए यह नीति प्रगतिशील सुधारों की लहर लाती है, जो हमारे शैक्षणिक संस्थानों पर गहरा प्रभाव डालने के लिए तैयार है। विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रम को न केवल उभरते हुए रूझानों और प्रौद्योगिकी के प्रति गतिशील और उत्तरदायी बनाना चाहिए बल्कि इसमें भारतीय परंपरा की समृद्ध विरासत भी शामिल होनी चाहिए। हम मिलकर एक उच्च शिक्षा प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं, जो न केवल हमारे छात्रों की जरूरतों केा पूरा करेगी बल्कि हमारे राज्य और राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान देगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि देश विकसित भारत2047  के संकल्प हेतु क्रियाशील है, हम भी प्रदेश में विकसित छत्तीसगढ़ विजन 2047 के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रहे हैं। मैं आश्वस्त हूँ कि इस दीक्षांत समारोह के बाद इस संस्थान के प्रतिभाशाली युवा अपनी रूचि के क्षेत्रों में अपना और अपने विश्वविद्यालय का नाम रौशन करते हुए इस संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। यह विश्वविद्यालय अपने नवाचारों से एक उदाहरण बनता जा रहा है। मुझे यह भी ज्ञात हुआ है कि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के अंतर्गत विश्वविद्यालय को 20 करोड़ रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है जो प्रशंसनीय है तथा इससे विश्वविद्यालय की अधोसंरचना का विस्तार होगा और यहां उच्च शिक्षा का स्तर और भी उन्नत होगा। हमें तक्षशिक्षा, नालंदा जैसे भारतीय परपंरा के विशिष्ट विश्वविद्यालय को अपना आदर्श मानते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रमों में प्रोत्साहन देना है। भारत हमेशा से ज्ञान के क्षेत्र में विश्वगुरु रहा है। हमें पुनः विश्वविद्यालयों को उस प्रतिष्ठा तक पहुँचाने में प्रयासरत होना है। हमें वही प्रतिष्ठा फिर से अर्जित करने के लिए हमारे शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विख्यात विशेषज्ञों द्वारा लंबे और व्यापक विचार विमर्श के बाद बनाई गई है। यह शिक्षा नीति भावी परिदृश्य को ध्यान में रख कर बनाई गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का टापू बनकर न रहे, समाज से सरोकार रहे, समाज एवं राष्ट्र में विश्वविद्यालय का योगदान हो तथा निरंतर शोध कार्य हो। आधुनिक युग में युवा पीढ़ी शिक्षित तो हो रही है परन्तु उन्हें संस्कारों से जोड़ने की जिम्मेदारी भी हमारी है। छत्तीसगढ़ प्रदेश अपनी विशेष संस्कृति के लिए जाना जाता है, अतः छात्रों को संस्कार और संस्कृति के संरक्षण मूलक शिक्षा देने की व्यवस्था के लिए विशेष प्रयास होना चाहिए।

सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय का तेजी से विकास हुआ है इसे भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ द्वारा अकादमिक और प्रशासनिक विकास केन्द्र के रूप में मान्यता दी गई है जो विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रशिक्षण की गुणवत्ता को दर्शाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उच्च शिक्षा के साथ-साथ कानूनी क्षेत्र में भी विकास और उन्नति के अवसर खोलती है। कार्यक्रम को केन्द्रीय शहरी राज्य विकास मंत्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से सभी को अवगत कराया।

इस अवसर पर उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्तिगण, पंडित सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति वंश गोपाल, नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति एल.पी. पटेरिया, हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पलटा, भूपेन्द्र सवन्नी, कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे प्रशासनिक अधिकारी सहित बड़ी संख्या में विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, यूनिवर्सिटी केे प्राध्यापक एवं विद्यार्थी मौजूद थे।

देश के विभिन्न हिस्सों से आए सोशल मीडिया इनफ्लुरेन्स करेंगे ‘‘द बस्तर मड़ई‘‘ का प्रमोशन

रायपुर-  बस्तर की अपनी नैसर्गिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, अनूठी सामाजिक ताना-बाना और ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थलों के बारे में सोशल मीडिया के इनफ्लुरेन्स अब देश-दुनिया को परिचित करवाएंगे। शुक्रवार को आसना स्थित बादल अकादमी में बस्तर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने देश के विभिन्न हिस्सों से आए सोशल मीडिया इनफ्लुरेन्स से चर्चा करते हुए ‘द बस्तर मड़ई’ कॉन्सेप्ट के माध्यम से बस्तर को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने सहयोग प्रदान किये जाने कहा। ज्ञातव्य है कि जिला प्रशासन द्वारा बस्तर में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु तैयार की गई ‘द बस्तर मड़ई’ का बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप और थीम म्यूजिक का हाल ही में विमोचन किया गया है।

मौके पर कलेक्टर बस्तर विजय दयाराम के. ने बस्तर की खूबियों को रेखांकित करते हुए बताया कि लगभग 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा के दौरान विभिन्न पूजा विधान के अंतराल को देखते हुए दशहरा के साथ-साथ बस्तर की प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थलों, एडवेंचर स्थल, सांस्कृतिक स्थलों से पर्यटकों को अवगत कराने के लिए प्रशासन द्वारा ‘द बस्तर मड़ई’ का कॉन्सेप्ट तैयार किया गया है। इसके तहत बस्तर में पर्यटकों को अन्य स्थलों का भ्रमण सहित देखने-समझने का सुअवसर मिल सके। उन्होंने बताया कि ‘द बस्तर मड़ई’ में नीला रंग में बस्तर की जल से संबंधित पर्यटन स्थल, हरा रंग जंगल से संबंधित स्थल, भूरा रंग गुफा और पुरातव स्थल, पीला रंग आदिवासी संस्कृति एवं बस्तर के हाट-बाजार और लाल रंग में बस्तर की आध्यात्मिक शक्ति विशेषकर आराध्य देवी मां दंतेश्वरी और ऐतिहासिक बस्तर दशहरा को प्रदर्शित किया गया है। बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप चार रंगों के 42 पर्यटन स्थलों की जानकारी तथा स्थलों की संक्षिप्त विवरण के साथ रूट की जानकारी और बस्तर जिला में पहुंचने के लिए परिवहन सेवा रेलमार्ग, वायुमार्ग एवं सड़कमार्ग की जानकारी दी गई है। पहले बस्तर के प्रसिद्ध दशहरा, चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, कुटुमसर गुफा को देखने आते थे इसमें परिवर्तन करते हुए बस्तर की अन्य ख़ूबसूरती और सांस्कृतिक विरासत को भी दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।

धुरवा तुवाल से सम्मानित हुए सोशल मीडिया इनफ्लुरेन्स

इस दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए सोशल मीडिया इनफ्लुरेन्स एवं युवाओं ने बस्तर की प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थलों तथा पर्यटन स्थलों को देखने-समझने के लिए अपार उत्साह दिखाया और अगले दो पूरे बस्तर का भ्रमण कर बस्तर की खूबियों को संजोने के क्रम में भरपूर सहभागी बनने की बात कही। इस मौके पर कलेक्टर ने सभी सोशल मीडिया इनफ्लुरेन्स एवं युवाओं को धुरवा तुवाल भेंटकर सम्मानित किया और धुरवा तुवाल के सम्बंध में बताया कि बस्तर की धुरवा जनजाति के लोग अपने घर आए मेहमान को यह अंग वस्त्र सम्मान स्वरूप भेंट करते हैं। इस अवसर पर बादल अकादमी में बस्तर की लोक संस्कृति की छटा भी देखने को मिला, जिसमें पारम्परिक लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक धुरवा लोक नृत्य एवं डंडारी लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बादल अकादमी के लोक कलाकारों ने गोंडी लोकगीत की मधुर प्रस्तुति देकर बस्तर को देखने-समझने और बूझने का प्रेरक सन्देश दिया।

द बस्तर मड़ई’ विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं को समेटे हुए एक प्रदर्शनी

मड़ई (संस्कृति का उत्सव) बस्तर की परंपरा और संस्कृति को एक आधुनिक समागम के साथ अनुभव किया जा सकता है, जिसमें विविध सांस्कृतिक आयाम, सामुदायिक सहभागिता और बस्तर के धरोहर को पर्यटकों के मन में जीवंत ढंग से चित्रित करने की कोशिश है। बस्तर अंचल की नैसर्गिक सौंदर्य, समृद्ध संस्कृति, प्रचुर खनिज एवं वनोपज संपदा के साथ ही ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व एवं पुरातात्विक महत्व के स्थलों को वैश्विक पटल पर प्रदर्शित करने सहित पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के दौरान पर्यटकों को बस्तर को करीब से देखने-समझने एवं बूझने का अवसर प्रदान करने हेतु ‘बस्तर मड़ई’ कॉन्सेप्ट तैयार किया गया है।

देशव्यापी साक्षरता सप्ताह एक सितम्बर से

रायपुर-   राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू किए गए उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रति जागरूकता फैलाने और समाज के सभी वर्गों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से 1 से 8 सितम्बर 2024 तक देशव्यापी साक्षरता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान शिक्षा और साक्षरता पर केन्द्रित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। साक्षरता सप्ताह का समापन 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बताया कि इस साक्षरता सप्ताह के दौरान, पूरे देश भर में, जिला, ब्लॉक, नगरीय क्षेत्रों और ग्राम पंचायतों के साथ-साथ प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से बुनियादी साक्षरता, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, व्यावसायिक कौशल, और सतत् शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

साक्षरता सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत पहले दिन 01 सितम्बर को उल्लास रथ की रवानगी और शैक्षणिक संस्थाओं में विभिन्न सेमिनार व सम्मेलन का आयोजन, दूसरे दिन 02 सितम्बर को समस्त शैक्षणिक संस्थानों में उल्लास ‘सबके लिए शिक्षा’ पर केन्द्रित गीत, नृत्य, पेंटिंग जैसे विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन, तीसरा दिन 03 सितम्बर को पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों में उल्लास कार्यक्रम पर चर्चा और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसी तरह चौथे दिन 04 सितम्बर को उल्लास महिला साक्षरता पर केंद्रित कार्यक्रम और व्यावसायिक कौशल पर आधारित सामग्री का प्रदर्शन, पांचवां दिन 05 सितम्बर को शैक्षणिक संस्थानों में उल्लास नवभारत साक्षरता पर केन्द्रित थीम पर भाषण और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन, छठवां दिन 06 सितम्बर को नवाचारी गतिविधियों का प्रदर्शन और सतत शिक्षा पर केंद्रित कार्यक्रम, सातवां दिन 07 सितम्बर को शैक्षणिक संस्थाओं में उल्लास साक्षरता रैली का आयोजन एवं अंतिम दिवस 08 सितम्बर को राज्य स्तरीय उल्लास मेला और अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का आयोजन किया जाएगा।

शिक्षकों की अनुशासनहीनता: दिव्यांग भृत्य कराती है प्रार्थना, प्रिंसिपल और टीचर्स राष्ट्रगान के बाद पहुंचते हैं स्कूल
मोहला-मानपुर-   जिले के नक्सल प्रभावित मानपुर ब्लॉक मुख्यालय स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल में अनुशासनहीनता और लापरवाही की गंभीर स्थिति सामने आई है. यहां राष्ट्रगान के प्रति स्कूल के प्रिंसिपल और अध्यापकों की गैरजिम्मेदारी उजागर हुई है. स्कूल में प्रार्थना एक दिव्यांग महिला भृत्य द्वारा कराई जाती है, जबकि स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य अध्यापक प्रार्थना के बाद देर से स्कूल पहुंचते हैं.

औचक निरीक्षण में हुआ खुलासा

हाल ही में शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राजहंस मंडावी ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने देखा कि दिव्यांग महिला भृत्य प्रार्थना करा रही हैं और प्रिंसिपल और सभी अध्यापक स्कूल के आसपास भी नहीं थे. राजहंस मंडावी ने इस दौरान भृत्य के साथ प्रार्थना में भाग लिया.

दरवाजा टूटे हुए हैं शौचालय के दरवाजे

प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन के विपरीत, मानपुर के आत्मानंद स्कूल के शौचालय की स्थिति बेहद खराब है. शौचालय के दरवाजे टूटे हुए हैं और गंदगी का ढेर लगा हुआ है, जिससे इसका उपयोग असंभव हो गया है. शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने निरीक्षण के दौरान इस स्थिति की भी जांच की.

जानिए क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस तमाम परिस्थिति से वाकिफ होने के बाद अध्यक्ष राजहंस मंडावी ने मौजूद मीडिया को बताया, कि उन्होंने इस दौरान स्कूली बच्चो से चर्चा की, बच्चों ने उन्हें बताया कि रोजाना यहां भृत्य ही प्रार्थना कराती है. सत्ता रूढ़ भाजपा के एक जिम्मेदार पदाधिकारी राजहंस ने तमाम परिस्थितियों को स्वयं उजागर कर कार्यवाही की बात कही है. वहीं दूसरी ओर जिला शिक्षा अधिकारी अभी भी जांच का हवाला देकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

मंत्री का जेठ बताकर रौब झाड़ना पड़ा महंगा : दो लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, लाइन अटैच हुए प्रधान आरक्षक फिर से पुलिस सहायता केंद्र में पदस्थ

अंबिकापुर-    प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और भटगांव विधानसभा की विधायक लक्ष्मी राजवाड़े के रिश्तेदार काे शराब पीकर पुलिसकर्मियों पर रौब झाड़ना महंगा पड़ गया. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों पर एफआईआर दर्ज किया है. दरअसल 25 अगस्त की रात को नशे में धुत्त दो लोग अपने आप को महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का जेठ बताते हुए बस स्टैंड पर हुल्लड़बाजी कर रहे थे. इसकी सूचना पर पुलिस कर्मियों ने दोनों को पुलिस सहायता केंद्र लाया. यहां भी आरोपियों ने स्वयं को कैबिनेट मंत्री का जेठ बताते हुए जमकर हंगामा मचाया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.

प्रधान आरक्षक फिर से पुलिस सहायता केंद्र में पदस्थ

इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने राजू राजवाड़े व राजू सिंह के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता व आबकारी एक्ट की धारा के तहत अपराध पंजीकृत किया है. बस स्टैंड में शराब के नशे में हंगामा मचाने वाले युवक को रोकने वाले प्रधान आरक्षक देव नारायण नेताम ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उनका मेडिकल कराया था. इसके बाद मामला हाईप्रोफाइल होने पर प्रधान आरक्षक पर उल्टा कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें लाइन अटैच कर दिया था. बाद में किरकिरी होने पर खंडन भी जारी किया था. इस प्रधान आरक्षक को पुनः बस स्टैंड के पुलिस सहायता केंद्र में पदस्थ कर दिया गया है.

मंत्री राजवाड़े ने कहा था – दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए

दरअसल बस स्टैंड में शराब के नशे में पुलिस कर्मियों के साथ बहसबाजी करते हुए और स्वयं को कैबिनेट मंत्री का जेठ बताने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद कैबिनेट मंत्री की भी किरकिरी हुई. इसके बाद मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने इस मामले में अपना बयानजारी करते हुए कहा कि कानून सबके लिए समान है. इस मामले में पुलिस को अपना काम बिना कोई दबाव के करना चाहिए. संभवतः पुलिस अधिकारियों ने भी विभाग की हो रही फजीहत को देखते हुए इस कार्रवाई को करने का आदेश दिया होगा.

भीम आर्मी प्रमुख सांसद चंद्रशेखर की सभा, छत्तीसगढ़ में निकालेंगे यात्रा
रायपुर-  भीम आर्मी के संस्थापक और सांसद चंद्रशेखर आजाद पार्टी के सामाजिक न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए आज रायपुर पहुंचे. इस दौरान एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा कि सामाजिक न्याय यात्रा को मजबूत करने का काम हुआ है. पूरे प्रदेश भर से समस्या को लेकर रैली है. 

बलौदाबाजार की घटना को लेकर भीम आर्मी के संस्थापक और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सरकार के इशारे पर प्रशासन ने आरोपियों को बचाने और सतनामी समाज के लोगों पर जुर्म करने के लिए कार्रवाई की. यह बात किसी से छिपी हुई नहीं है. इसको लेकर पूरे देश में आक्रोश है.

उन्होंने पार्टी के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमारी यात्रा का प्रथम चरण है, इसी तरह से और तीन यात्रा निकाली जाएगी. बड़ी-बड़ी सभाएं करके समाज को एकजुट करेंगे. सरकार द्वारा जो जुर्म किया जा रहा है, सरकार द्वारा जिन अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है, उसके खिलाफ हमारा मोर्चा जारी रहेगा.

साइंस कॉलेज में वाटरप्रूफ डोम तैयार

बता दें कि रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में होने वाले कार्यक्रम के लिए वाटरप्रूफ डोम बनाए गए हैं. आयोजन में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में भीम आर्मी के लोग शामिल होंगे. पहली बार बड़े पैमाने पर हो रहे पार्टी के आयोजन को लेकर राजनीतिक विश्लेषक भी नजर रखे हुए हैं.

रायपुर गोलीकांड : हत्या के चारों आरोपियों को हाईकोर्ट ने किया बरी, जानिए पूरा मामला…

बिलासपुर-   रायपुर के सेजबहार में वर्ष 2017 में गोली मारकर की गई एक चर्चित हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि केवल हथियार की बरामदगी दोषसिद्धि का आधार नहीं बन सकती, अपराध करने का कोई स्थापित उद्देश्य साबित होना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ के इस फैसले में मोहम्मद यासीन, शेख गुफरान अहमद, मोहम्मद आसिफ अहमद और शेख समीर अहमद को 2017 में बबलू उर्फ इरफान की हत्या के मामले में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया. इन चारों आरोपियों को पहले ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था, लेकिन हाईकोर्ट ने साक्ष्यों के गंभीर विश्लेषण के बाद उन्हें बरी कर दिया.

मामला 15 जून 2017 का है, जब शिकायतकर्ता ने बताया कि बबलू उर्फ इरफान एक पारिवारिक समारोह से लौट रहे थे. तभी रायपुर के सेजबहार के पास मोटरसाइकिल सवार चार नकाबपोश लोगों ने उनकी कार को रोकी और इरफान के सिर में गोली मार दी. मामले में पुलिस ने पुरानी रंजिश व शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया व उनके पास से हथियार जब्त कर न्यायालय में चालान पेश किया. सत्र न्यायालय से आरोपियों को सजा हुई. इसके खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील पेश की.

जानिए पूरा मामला

इस मामले में शिकायतकर्ता राजीव भोसले ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके सहयोगी बबलू उर्फ इरफान की कुछ अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना रायपुर के सेजबहार इलाके में हुई थी, जहां भोसले और इरफान एक पारिवारिक समारोह से लौट रहे थे. भोसले के मुताबिक, चार नकाबपोश मोटरसाइकिल सवारों ने उनकी कार को रोका और उनमें से एक व्यक्ति, जिसे बबलू ने आसिफ के रूप में पहचाना, ने बबलू के सिर में गोली मार दी. इस हमले में बबलू की मौके पर ही मौत हो गई. मामले की सुनवाई के दौरान बताया गया कि हत्या का कारण आरोपियों और मृतक के बीच लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी थी. ट्रायल कोर्ट ने राजीव भोसले सहित चश्मदीद गवाहों की गवाही और आरोपियों से बरामद हथियारों के फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को दोषी ठहराया था.

इधर मामले की हाईकोर्ट में अपील में आरोपियों ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष उनकी पहचान और अपराध में उनकी संलिप्तता को निर्णायक रूप से स्थापित करने में विफल रहा. एकमात्र चश्मदीद गवाह राजीव भोसले की गवाही में कई असमानताएं थीं, जिनमें अभियुक्तों की गलत पहचान शामिल है. इसके अलावा उन्होंने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि बरामद हथियारों की बैलिस्टिक जांच में देरी हुई थी, जिससे सबूतों की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है.

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों का गंभीरता से विश्लेषण किया और पाया कि मामले में कई महत्वपूर्ण विसंगतियां थीं. साथ ही गवाह राजीव भोसले द्वारा आरोपियों की पहचान में कई गलतियां हुई थीं. हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि आपराधिक मामले में दोषसिद्धि तभी हो सकती है, जब अपराध को उचित संदेह से परे साबित किया गया हो. संदेह या कमजोर सबूत दोषसिद्धि का आधार नहीं बन सकते. अदालत ने यह भी नोट किया कि अभियोजन पक्ष हत्या के पीछे के स्पष्ट मकसद को स्थापित करने में असफल रहा. इस तथ्यों के चलते हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों की दोषसिद्धि को रद्द कर उन्हें बरी कर दिया.

बलौदाबाजार हिंसा : थाने में 13 FIR दर्ज, 2500 पेज का चालान पेश, पुलिस ने 356 लोगों को बनाया है आरोपी, अब तक 183 की गिरफ्तारी

बलौदाबाजार-  छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा, आगजनी मामले में पुलिस ने कोर्ट में महत्वपूर्ण चालान पेश किया, जिसमें जिला संयुक्त कार्यालय में हुई आगजनी की घटना से संबंधित दस्तावेज हैं. पुलिस सिटी कोतवाली थाना में दर्ज 13 एफआईआर में 10 चालान पहले ही पेश कर चुकी है. वहीं संयुक्त जिला कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को जलाए जाने के दो मामलों में 61 आरोपी बनाए गए थे, जिसका चालान पेश किया गया.

आगजनी के मुख्य मामले में पुलिस 1325 पेज और 1200 पेज का चालान पेश किया है. बता दें कि जिले की इस आगजनी हिंसा में शासन को 13 करोड़ की क्षति हुई थी. वहीं पुलिस अब तक 183 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कर चुकी है. पूरे अपराधों मे शामिल अभियुक्तों की बात करें तो 356 आरोपी हैं. अभी भी इस घटना की जांच जारी है और तकनीकी टीम का सहारा लेकर आरोपियों की तलाश की जा रही है.

एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि इस घटना की जांच करने दस्तावेज बनाने में ही लगभग 70 विवेचकों ने दिन रात मेहनत की है, जिसका परिणाम है कि इतनी बड़ी घटना का हम साक्ष्य संकलन के साथ दस्तावेज बनाने में कामयाब हुए हैं. कम समय में लगातार चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर रहे हैं. अभी भी जांच प्रक्रिया प्रारंभ है.

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि ग्राम महकोनी में 15 व 16 मई की दरम्यान रात अमरगुफा के जैतखाम काटे जाने के बाद सतनामी समाज का गुस्सा फुटा था और पुलिस ने आनन फानन में बिहार के तीन मजदूरों को आरोपी बनाकर न्यायालय में पेश कर मामले का पटाक्षेप किया था, पर समाज के लोग इससे संतुष्ट नहीं हुए और सीबीआई जांच की मांग की. धीरे धीरे यह क्रोध ज्वालामुखी बन गया और 10 जून को आगजनी की घटना घटी, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. इस पूरे घटनाक्रम को किसने तुल दिया, किसका मार्गदर्शन रहा, किसने बाहरी लोगों को बुलाया, किसने इतने बड़े आयोजन के लिए चंदा दिया और किसने भीड़ को इस तरह के कार्य के लिए उकसाया, यह जांच का विषय है. फिलहाल घटना के बाद शासन-प्रशासन जांच में जुटी. अब तक 183 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया है, जिसमें विभिन्न संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी के साथ कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव शामिल हैं, जो अभी जेल के सलाखों के पीछे न्यायिक हिरासत में हैं.