टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का निरीक्षण के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के सदस्यों ने किया जिले का दौरा
विभिन्न प्रखंडों में टीबी मरीजों को मिल रही सुविधा की ली जानकारी -सभी प्रखंड के टीबी कर्मियों के साथ बैठक की आयोजित -टीबी मरीजों की टेस्टिंग और उपचार करवाने का दिया निर्देश -प्राइवेट चिकित्सकों के क्लीनिक से भी टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करने का दिया गया निर्देश -टीबी चैंपियन द्वारा अन्य लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करना टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के लिए आवश्यक पूर्णिया, 28 अगस्त जिले में टीबी से ग्रसित मरीजों की जांच एवं उपलब्ध इलाज सुविधा का निरीक्षण के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के दो सदस्यीय टीम द्वारा जिले के विभिन्न प्रखंडों का दौरा किया गया।
इस दौरान अधिकारियों ने सरकारी और प्राइवेट क्लीनिकों द्वारा टीबी ग्रसित मरीजों को उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधा की जानकारी ली। इसके साथ-साथ विभिन्न प्रखंडों में टीबी ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी लेते हुए सभी प्रखंड के टीबी एसटीएस/एसटीएलएस को इसमें तेजी लाते हुए ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों की पहचान कर उनका सुनिश्चित समय में उपचार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जिला अधिकारियों और सभी प्रखंड के एसटीएस/एसटीएलएस के साथ राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के एएनएम स्कूल में एकदिवसीय बैठक आयोजित की गई। इस दौरान सभी प्रखंड कर्मियों को अपने संबंधित प्रखंड में ज्यादा संभावित टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए उनका आवश्यक उपचार कराने का निर्देश दिया गया।
इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के एसटीएसयू सुधाकर जोशी और एसटीएसयू विनय सिंह के साथ साथ राज्य स्वास्थ्य टीबी कन्सलटेंट डॉ सरोज कांत चौधरी और राकेश श्रीवास्तव द्वारा सभी जिला एवं प्रखंड टीबी उन्मूलन अधिकारियों और कर्मियों के साथ बैठक आयोजित कर जिले में टीबी ग्रसित मरीजों की जांच एवं उपचार सुविधा में तेजी लाने का आवश्यक निर्देश दिया गया। इस दौरान संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कृष्ण मोहन दास, डीपीएस राजेश शर्मा, डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ असफाक नाजिर भट्ट, केएचपीटी जिला प्रतिनिधि अरुणेंदु झा, वर्ल्ड विजन इंडिया प्रतिनिधि अजय अकेला के साथ साथ सभी प्रखंड के एसटीएस, एसटीएलएस, लैब टेक्नीशियन और अन्य टीबी कर्मी उपस्थित रहे। इसके बाद केंद्रीय और राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया से भी मुलाकात करते हुए जिले में टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करने के लिए ज्यादा टीबी स्क्रीनिंग करवाने और प्राइवेट चिकित्सकों द्वारा भी टीबी संभावित मरीजों की पहचान कर उनके आवश्यक उपचार करवाने के लिए आवश्यक निर्देश दिया गया। सिविल सर्जन द्वारा इसकी संख्या बढ़ाने के लिए सभी अधिकारियों और कर्मियों को निर्देश देने पर सहमति जताई गई। टीबी मरीजों की टेस्टिंग और उपचार करवाने का दिया निर्देश : समीक्षा बैठक में सभी प्रखंड के एसटीएस/एसटीएलएस को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारी सुधाकर जोशी ने कहा कि देश में टीबी उन्मूलन करने के लिए पूरे देश के सभी क्षेत्रों में 01 लाख जनसंख्या में 44 से कम टीबी ग्रसित मरीज मिलने पर देश को टीबी मुक्त घोषित किया जाएगा। इसके लिए प्रखंड स्तर पर कर्मियों को टीबी के संभावित मरीजों की जांच और टीबी ग्रसित मरीजों का आवश्यक इलाज करवाने पर देश को टीबी मुक्त बनाया जा सकता है। प्रखंड स्तर पर सभी पंचायत में 02 से कम टीबी मरीज मिलने पर संबंधित पंचायत को टीबी मुक्त कहा जा सकता है। इसके लिए कर्मियों को संबंधित क्षेत्र में लक्षण के आधार पर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान कर उन्हें आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। टीबी लक्षण दिखाई देने पर संबंधित मरीजों का सुजर और एचआईवी टेस्टिंग भी विशेष रूप से करवाना जरूरी है क्योंकि टीबी ग्रसित होने पर संबंधित मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाता है और उन्हें अन्य बीमारियों से लड़ने में समस्या होती है। टीबी ग्रसित होने पर संबंधित मरीज का सुजर लेवल बढ़ जाता है। अगर मरीज एचआईवी ग्रसित है तो उन्हें टीबी ग्रसित होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे मरीजों की पहचान कर उन्हें जिला यक्ष्मा केंद्र से टीबी उन्मूलन के लिए आवश्यक मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने की जरूरत है। जलालगढ़ प्रखंड में टीबी ग्रसित मरीजों की एचआईवी टेस्ट जबकि के.नगर, बैसा और धमदाहा में सुजर टेस्ट कम होने पर संबंधित एसटीएस/एसटीएलएस को इसमें सुधार करने का अधिकारियों द्वारा निर्देश दिया गया। अधिकारी ने निक्षय मित्र एप्प के माध्यम से टीबी ग्रसित मरीजों की नियमित रूप से फॉलोआप करते रहने का निर्देश दिया ताकि उनके स्वास्थ्य में सुधार और नियमित दवाई उपयोग की जानकारी प्राप्त हो सके। अधिकारी ने कहा कि टीबी ग्रसित मरीजों के आसपास के लोगों की भी स्क्रीनिंग करना आवश्यक है जिससे कि उन्हें टीबी ग्रसित होने पर शुरुआत में ही उपचार व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सके। पिछले तीन महीने में टीबी स्क्रीनिंग द्वारा जिले में जितने मरीज मिले हैं उनका स्पैक्चलूम टेस्ट विशेष रूप से सुनिश्चित करना चाहिए और उन्हें उपचार व्यवस्था उपलब्ध कराई जानी चाहिए। प्राइवेट चिकित्सकों के क्लीनिक से भी टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करने का दिया गया निर्देश : केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारी विनय सिंह ने कहा कि टीबी मरीजों की पहचान के लिए प्रखंड कर्मियों को स्थानीय क्षेत्र में प्राइवेट चिकित्सकों से भी लगातार संपर्क बनाए रखना चाहिए। पूर्णिया जिले में सिर्फ 162 प्राइवेट चिकित्सक चिन्हित हैं जहां से टीबी मरीजों की जांच और उपचार की जानकारी प्राप्त होती है। इसकी संख्या में विस्तार होना चाहिए। प्राइवेट चिकित्सकों के साथ साथ देशी चिकित्सकों से भी टीबी संभावित मरीजों की जानकारी लेते हुए उनकी स्क्रीनिंग करना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि समय पर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान कर उनका उपचार सुनिश्चित किया जा सके। सभी टीबी मरीजों की जांच को निक्षय मित्र पोर्टल पर अपडेट रखना चाहिए ताकि राज्य और केंद्र स्वास्थ्य विभाग को जिला में टीबी ग्रसित मरीजों की जानकारी समय से उपलब्ध हो सके। टीबी ग्रसित मरीजों की जांच और उपचार एप्प द्वारा अपडेट रखना चाहिए जिससे कि जिला में टीबी सक्सेस रेट सुनिश्चित किया जा सके। इसके लिए आशा एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के अधिकारियों द्वारा भी ज्यादा संभावित टीबी मरीजों की पहचान कर उनका स्क्रीनिंग करवाने के लिए सूचित करने का अवश्यक निर्देश जारी करना चाहिए। उनके द्वारा टीबी मरीजों की पहचान कर उपचार करवाने से संबंधित क्षेत्र को टीबी मुक्त किया जा सकता है। टीबी चैंपियन द्वारा अन्य लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करना टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के लिए आवश्यक : केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा क्षेत्र को टीबी फ्री करने के लिए टीबी से स्वस्थ हो चुके टीबी चैंपियन द्वारा भी स्थानीय लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने और संभावित टीबी मरीजों की पहचान कर उन्हें टेस्टिंग करवाने के लिए जागरूक करने पर बल दिया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारी सुधाकर जोशी ने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में टीबी चैंपियन की भूमिका अहम है क्योंकि क्षेत्र में उनके द्वारा लोगों को जागरूक करने पर ज्यादा से ज्यादा लोग टीबी के लक्षण, पहचान और उपचार करवाने के लिए जागरूक हो सकेंगे। इससे स्थानीय लोग टीबी लक्षण दिखाई देने पर तत्काल चिकित्सकीय सहायता लेते हुए जल्द टीबी से सुरक्षित हो सकते हैं। क्षेत्र में टीबी के लिए लोगों को जागरूक करने और टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान कर उनका उपचार करवाने के लिए टीबी चैंपियन को सहयोग राशि भी दिया जाता है। इसके लिए लोगों को जागरूक करने का केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सभी टीबी कर्मियों को निर्देश दिया गया। प्राइवेट चिकित्सकों द्वारा भी टीबी ग्रसित मरीजों की जानकारी जिला स्वास्थ्य विभाग को सूचित करनेके लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया। सभी प्रखंड टीबी कर्मियों को जिले में टीबी मरीजों की संख्या और उनके उपचार व्यवस्था को नियमित अपडेट रखने के लिए आवश्यक निर्देश दिया गया।
Aug 29 2024, 10:21