निक्षय मित्र द्वारा जिले के 55 टीबी ग्रसित मरीजों को गोद लेकर टीबी से स्वस्थ होने हेतु उपलब्ध कराई गई पोषण सामग्री
निक्षय मित्र द्वारा जिले के 55 टीबी ग्रसित मरीजों को गोद लेकर टीबी से स्वस्थ होने हेतु उपलब्ध कराई गई पोषण सामग्री -51 टीबी ग्रसित मरीजों को निक्षय मित्र बनकर डॉ देवी राम द्वारा दिया गया पोषण सामग्री, 02-02 मरीज को डब्लूएचओ कंसल्टेंट और धमदाहा चिकित्सक द्वारा लिया गया है गोद -मरीजों को टीबी से सुरक्षित करने के लिए ज्यादा लोगों को निक्षय मित्र बनकर करना चाहिए मदद : आईएमए अध्यक्ष -निक्षय मित्र द्वारा टीबी मरीजों को पोषण उपलब्ध कराने में पूर्णिया जिला राज्य में छठे स्थान पर : सीडीओ पूर्णिया, 24 अगस्त जिले में टीबी से ग्रसित मरीजों को कम समय में टीबी से सुरक्षित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर मरीजों को आवश्यक मेडिसिन उपलब्ध कराने के साथ साथ टीबी ग्रसित होने पर ग्रसित मरीजों को शारीरिक कमजोरी से सुरक्षित रखने के लिए निक्षय मित्र द्वारा टीबी ग्रसित मरीजों को आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराई जा रही है।
इसमें शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ देवी राम द्वारा ज्यादा से ज्यादा टीबी ग्रसित मरीजों को सहयोग किया जा रहा है। डॉ देवी राम द्वारा नियमित रूप से जिले में टीबी से ग्रसित मरीजों को शारीरिक दुर्बलता से सुरक्षित रखने के लिए निक्षय मित्र के रूप में पोषण उपलब्ध कराई जा रही है। शनिवार को भी डॉ देवी राम द्वारा जिले के 51 टीबी से ग्रसित मरीजों को और 02 टीबी ग्रसित मरीजों को डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ अशफाक नाजिर भट्ट और 02 टीबी ग्रसित मरीजों को अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा के चिकित्सक डॉ आशीष कुमार द्वारा गोद लेते हुए उन्हें टीबी से सुरक्षित होने के लिए पोषण सामग्री उपलब्ध कराई गई। शनिवार को राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) के जिला यक्ष्मा केंद्र में सभी 55 टीबी ग्रसित मरीजों को आईएमए अध्यक्ष डॉ सुधांशु कुमार और जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कृष्ण मोहन दास द्वारा पोषण सामग्री का वितरण किया गया। इस दौरान डॉ देवी राम के सहयोगी अनिल अग्रवाल के साथ साथ डीपीएस राजेश शर्मा सहित डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ अशफाक नाजिर भट्ट, अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा के चिकित्सक डॉ आशीष कुमार, डॉ चंदन कुमार, केएचपीटी जिला प्रतिनिधि अरुणेंदु झा, टीबी हेल्थ विजिटर राजनाथ झा, प्रशांत कुमार, एसटीएस धीरज निधि, राकेश कुमार, प्रिया कुमारी, रंजीत कुमार, टीबी चैंपियन साक्षी गुप्ता, मनेंद्र कुमार सहित जिला यक्ष्मा केंद्र के सभी कर्मचारी और टीबी ग्रसित मरीज उपस्थित रहे। मरीजों को टीबी से सुरक्षित करने के लिए ज्यादा लोगों को निक्षय मित्र बनकर करना चाहिए मदद : आईएमए अध्यक्ष मरीजों को पोषण सामग्री वितरित करते हुए आईएमए अध्यक्ष डॉ सुधांशु कुमार ने बताया कि टीबी एक गंभीर संक्रामक बीमारी से जिसे समय रहते जांच और इलाज करने से ठीक किया जा सकता है।
इसके लिए लोगों को जागरूक होते हुए टीबी के लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी अस्पताल में जांच करवाते हुए टीबी ग्रसित पाए जाने पर उसका आवश्यक इलाज करवाना चाहिए। जिला यक्ष्मा केंद्र में टीबी ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक दवाई उपलब्ध रहती है जिसका समय पर उपयोग कर ग्रसित मरीज टीबी से स्वस्थ हो सकते हैं। टीबी मरीजों को टीबी से सुरक्षित होने के लिए आवश्यक दवाई के साथ साथ बेहतर पोषाहार का उपयोग करना भी जरूरी होता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निक्षय मित्र कार्यक्रम चलाया जाता है जिसके माध्यम से किसी भी सामान्य व्यक्ति द्वारा निक्षय मित्र बनकर किसी भी टीबी से ग्रसित मरीजों को गोद लेते हुए उन्हें स्वास्थ्य होने तक आवश्यक पोषण सामग्री उपलब्ध कराने में मदद कर सकते हैं। निक्षय मित्र के रूप में संबंधित व्यक्ति को टीबी ग्रसित मरीजों को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक सामग्री दिया जाता है। इसका उपयोग करने पर टीबी ग्रसित मरीज बहुत जल्द टीबी बीमारी को मात देते हुए टीबी से सुरक्षित हो सकते हैं। इसके लिए आईएमए के सभी चिकित्सकों के साथ साथ अन्य लोगों को भी साथ आना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा टीबी ग्रसित मरीजों को गोद लेते हुए उन्हें टीबी से सुरक्षित करने में मदद करनी चाहिए। निक्षय मित्र द्वारा टीबी मरीजों को पोषण उपलब्ध कराने में पूर्णिया जिला राज्य में छठे स्थान पर : सीडीओ जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि निक्षय मित्र द्वारा टीबी ग्रसित मरीजों को समय समय पर पोषण सामग्री उपलब्ध कराने में पूर्णिया जिला राज्य में छठे स्थान पर है। पूर्णिया जिले में अबतक 01 हजार 176 टीबी ग्रसित मरीजों को अलग अलग निक्षय मित्रों द्वारा गॉड लेते हुए उन्हें नियमित रूप से पोषण सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इससे संबंधित टीबी ग्रसित मरीजों द्वारा कम समय में टीबी बीमारी को हराते हुए सुरक्षित किया गया है। टीबी ग्रसित होने पर नियमित दवाई और बेहतर पोषण का उपयोग करने से लोग कम समय में टीबी से सुरक्षित हो सकते हैं। डॉ दास ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति टीबी ग्रसित होने पर आवश्यक इलाज करवाते हुए स्वास्थ्य हो जाता है तो भी उनके परिजनों को भविष्य में टीबी ग्रसित होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे लोगों को लक्षण दिखाई देने पर बिना देर किए टीबी की जांच करवानी चाहिए और टीबी ग्रसित पाए जाने पर तत्काल अस्पताल से इलाज सुविधा का लाभ उठाना चाहिए। सुनिश्चित समय में टीबी की पहचान और तत्काल इलाज करवाने से सभी लोग टीबी बीमारी से सुरक्षित रह सकेंगे और हमारा देश टीबी उन्मूलन करने में सफल हो सकेगा।
Aug 24 2024, 19:27