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MUDA Scam: सीएम सिद्धारमैया को मिला कांग्रेस विधायकों का साथ, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार बोले- हमारी सरकार को अस्थिर करने की हो रही साजिश


डेस्क: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले को लेकर कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि आज हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हमारे सभी विधायक सीएम सिद्धारमैया के साथ खड़े होंगे। पूरी कांग्रेस पार्टी सीएम सिद्धारमैया के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल हमारे खिलाफ राजनीति कर रहे हैं। राज्यपाल ने बिना किसी जांच के सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है।

डीके शिवकुमार ने कहा कि भाजपा और जेडीएस हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं जो कभी नहीं होगा, हमें इसकी परवाह नहीं है कि वे क्या कर रहे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत पर अभियोजन स्वीकृति अनुरोधों को मंजूरी देते समय भेदभाव करने का बुधवार को आरोप लगाया। सिद्धरमैया ने कहा कि लोकायुक्त की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने सोमवार को एक बार फिर राज्यपाल को एक प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें कथित अवैध खनन पट्टा मामले में केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी गई है।

एसआईटी ने पिछले साल नवंबर में, केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री कुमारस्वामी पर मुकदमा चलाने के लिए गहलोत से अनुमति मांगी थी। आरोप है कि कुमारस्वामी ने 2007 में राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर ‘श्री साई वेंकटेश्वर मिनरल्स’ को कथित तौर पर कानून का उल्लंघन करके खनन पट्टा दिया था। सिद्धरमैया ने कोप्पल जिले के गनीगेरा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्यपाल ने 26 जुलाई को उन्हें ‘‘कारण बताओ नोटिस’’ जारी किया, जबकि उसी दिन उन्हें उनके (मुख्यमंत्री के) खिलाफ अभियोजन की मंजूरी संबंधी अनुरोध पत्र मिला था। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कुमारस्वामी के मामले में गहलोत ने कोई कार्रवाई नहीं की।
कोलकाता रेप और मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हसने पर कप‍िल सिब्बल को लगी फटकार, ‘किसी की जान चली गई, कम से कम हंसिए तो मत'


डेस्क : कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जबरदस्त बहस हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से अब तक की जांच रिपोर्ट देने को कहा था. इस दौरान सीबीआई की जॉइंट सेक्रेटरी रैंक की अफसर भी मौजूद थी. ममता बनर्जी सरकार का बचाव करते-करते कपिल सिब्बल ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को दलीलों के जरिए दबाव में लाने की कोशिश की.

पोस्टमार्टम और अननेचुरल डेथ की एंट्री को लेकर तुषार मेहता अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि एफआईआर अस्पताल की तरफ से नहीं दर्ज करायी गई, बल्कि पीड़िता के पिता की मिन्नतों के बाद दर्ज की गई। सिब्बल ने हंसते हुए उनके सवाल का जवाब दिया तो एसजी ने कहा कि किसी की मौत हुई है। उस मामले की सुनवाई चल रही है। आप हंस कैसे कर सकते हैं। किसी की गरिमा का सवाल है।

CJI चंद्रचूड़ और कपिल सिब्बल आमने -सामने आ गए। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि “कपिल सिब्बल जी, बंगाल का रेप कांड बहुत ही गंभीर मामला है! ऐसे संवेदनशील मुद्दे राजनीति के लिए नहीं होते हैं, कृपया इसका राजनीतिकरण मत करिए। आप सुनवाई के दौरान हंसने लगे, ये आपको शोभा देता है क्या? आप बंगाल सरकार के प्रतिनिधि हैं लेकिन जरा उस रेप पीड़िता के बारे में भी सोचिए, उनके माता-पिता के बारे में सोचिए! ”

वहीं सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कोर्ट को कहा कि वह एक स्टेट (बंगाल) के तरफ से वकील बने हैं सोशल मीडिया पर मेरा इतना विरोध हो रहा है और लोग मेरे स्विस बैंक के अकाउंट दिखाने लगे हैं।

इसपर तुरंत ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा यह आरोप आपके वर्तमान क्लाइंट के द्वारा ही शुरू किया गया था । आपको बता दें कि तुषार मेहता का इशारा केजरीवाल के तरफ था जिन्होंने मंच से कपिल सिब्बल का नाम और अकाउंट नंबर बोलकर बताया था कि कपिल सिब्बल का स्विस बैंक में खाता है।

इससे पहले सुनवाई में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई थी। मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह घटना पूरे भारत में चिकित्सकों की सुरक्षा के संबंध में व्यवस्थागत मुद्दे को उठाती है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और काम करने की स्थितियां सुरक्षित नहीं हैं तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं।



यूपी में सरकारी कर्मचारियों को बतानी होगी चल-अचल संपत्ति, वरना नहीं मिलेगा प्रमोशन, अगस्त की सैलरी भी नहीं


डेस्क: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि अब राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल और अचल संपत्ति घोषित करनी होगी। इसके लिए आखिरी तारीख 31 अगस्त रखी गई है। अगर आखिरी तारीख तक ये काम नहीं होता है तो कर्मचारियों की अगस्त महीने की सैलेरी नहीं आएगी। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन भी नहीं होगा। आइए जानते हैं इस आदेश के बारे में विस्तार से।

जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने सभी विभागों के प्रमुखों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि सभी सरकारी कर्मचारी 31 अगस्त तक चल-अचल संपत्ति घोषित करें नहीं तो उनका प्रमोशन नहीं होगा। इसके साथ ही कर्मचारियों की अगस्त महीने की सैलरी भी नहीं आएगी। सरकारी कर्मियों को संपत्ति घोषित करने का निर्देश पहले भी दिया जा चुका है लेकिन संतोषजनक रिस्पांस नहीं मिलने पर सरकार ने कड़ा फैसला लिया है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों को मानव संपदा पोर्टल पर चल और अचल संपत्ति का विवरण दर्ज कराने को कहा जा रहा है। पहले संपत्ति घोषित करने की तारीख 31.12.2023 तक रखी गई थी। इसके बाद निर्धारित समयावधि 30.06.2024 बताई गई थी। इसके बाद पोर्टल पर चल अचल सम्पत्ति का विवरण प्रस्तुत किये जाने हेतु निर्धारित समयावधि दिनांक 31.07.2024 तक बढ़ायी गयी। हालांकि, सम्पत्ति का विवरण प्रस्तुत करने वाले कार्मिकों की संख्या बहुत कम है।

सरकार के आदेश में कहा गया है कि मानव सम्पदा पोर्टल पर सम्पत्ति विवरण प्रस्तुत करने की कार्यवाही चूंकि प्रथम बार की जा रही है इसलिए कठिनाईयों एवं समस्त परिस्थिितयों को ध्यान में रखते हुए कार्मिकों को पोर्टल पर सम्पत्त विवरण दर्ज करने हेतु एक अवसर और प्रदान किया गया है। इसलिए चल-अचल समपत्ति का विवरण पोर्टल पर प्रस्तुत करने के लिए अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2024 निर्धारित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
आज से 2 दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर खरगे और राहुल गांधी, कांग्रेस की स्थिति का लेंगे जायजा

डेस्क: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही सियासी हलचल शुरू हो गई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज बुधवार को जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे. आगामी चुनाव को लेकर दोनों नेता जम्मू-कश्मीर में कई बैठक कर कांग्रेस की स्थिति का जायजा लेंगे.


एआईसीसी (कांग्रेस पार्टी) के महासचिव गुलाम अहमद मीर ने बताया कि पहले दोनों नेताओं का जम्मू जाने का कार्यक्रम था लेकिन अब वे अपनी यात्रा श्रीनगर से शुरू करेंगे. दोनों नेता गुरुवार को कश्मीर घाटी के 10 जिलों में पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. उसके बाद वे जम्मू में कैडर के साथ बातचीत करने के बाद दिल्ली रवाना होंगे. उन्होंने आगे कहा, ‘वे चुनाव के लिए जमीनी स्तर की तैयारियों के बारे में पूरा फीडबैक लेंगे.’

जम्मू कश्मीर के दौरे से पहले कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी ने 2 दिन पहले सोमवार को चार चुनावी राज्यों के महासचिवों, प्रभारियों और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों से भी मुलाकात की थी.

चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद बीजेपी भी अपने चुनावी मोड में आ गई है. बीते रविवार को बीजेपी जम्मू- कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना और बीजेपी के चुनाव प्रभारी जी किशन रेड्डी ने बैठक की. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी पूरी तरीके से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू- कश्मीर के विकास के लिए पिछले 10 सालों में बहुत काम किया है. आने वाले दिनों में यहां पर हमारी ही सरकार आएगी.

गठबंधन के बारे में रैना ने कहा कि हम किसी भी राजनीतिक पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन कश्मीर घाटी की 8 से 10 सीट ऐसी होंगी जहां पर हम निर्दलीय उम्मीदवारों को सपोर्ट करेंगे.

चुनाव आयोग ने बीते शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है. जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में चुनाव होंगे. वोटिंग 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगी, जबकि वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को की जाएगी.


जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा, "राहुल गांधी का यहां आने का (जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव) या गठबंधन से कोई लेना-देना नहीं है...उन्होंने यहां आने की इच्छा जताई थी।
यूपी के गाजियाबाद में एक लड़की के साथ बलात्कार कर अर्धनग्न अवस्था में लाल कुआं के पास छोड़ा, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर पहुंची पुलिस

डेस्क: लाल कुआं के पास अर्धनग्न अवस्था में बैठी महिला ने अपने साथ झाड़ियों में ले जाकर दुष्कर्म किए जाने के आरोप लगाए। किसी ने उसका वीडियो पर बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पुलिस को वीडियो से सार्वजनिक दुष्कर्म होने की जानकारी मिली तो हड़कंप मच गया।  महिला आरोप लगा रही थी कि कुछ लोग उसे जबरन नंदग्राम से उठाकर ले आए और शराब पिलाने के बाद उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला ने कार सवार लोगों की बहुत मिन्नतें कीं और इज्जत बचाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं मानें। हालांकि बाद में महिला के मानसिक रूप से विक्षिप्त होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने राहत की सांस ली।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सड़क किनारे अर्द्धनग्न अवस्था में बैठी महिला का आरोप ने आरोप लगाय कि कुछ लोग उसको नंदग्राम से उठाकर ले आए और झाड़ियों में ले जाकर पहले उसे शराब पिलाई। उसके बाद उसके साथ बलात्कार किया और देर रात उसको लाल कुआं के पास छोड़कर चले गए। महिला का कहना है कि उसने खुद को पांच बच्चों की मां बताते हुए काफी मिन्नतें की और इज्जत बचाने का प्रयास किया लेकिन कार सवार शराब के नशे में धुत थे और उसकी एक नहीं सुनी। उन्होंने महिला की इज्जत तार- तार करने के बाद लालकुंआ पर सड़क किनारे छोड़ दिया और फरार हो गए।

महिला ने यह भी बताया कि पुलिस चौकी पर पहुंचकर पुलिस को पूरी बात बताई लेकिन पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं की। महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस महिला के पास पहुंची और पूछताछ की। पुलिस का कहना है वह अनाप- शनाप बातें कर रही थी, काफी प्रयास के बाद महिला के परिवार से संपर्क हो पाया। परिवार वालों ने बताया कि महिला मानसिक रूप विक्षिप्त है। वह पहले भी इसी तरह घर से कहीं चली गई थी और इसी तरह के अनाप शनाप आरोप लगाए थे।

एसीपी वेब सिटी पूनम मिश्रा ने बताया कि मामला वेव सिटी थानाक्षेत्र का है। महिला पुलिस कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर महिला से पूछताछ की लेकिन वह कोई बात स्पष्ट नहीं बता रही थी, काफी प्रयास के बाद महिला के परिजनों को खोजा गया तो परिजनों ने बताया कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है और मंगलवार देर शाम घर से निकल गई थी। हरिद्वार और रुड़की पहुंचकर महिला इस तरह के आरोप पहले भी लगा चुकी है। परिजनों ने बताया है कि वह घर से निकल जाती है और इस तरह के अनाप शनाप आरोप लगाती है। एसीपी ने बताया कि परिजनों को बुलाया गया है, महिला को उनके सुपुर्द कर दिया जाएगा।
ममता बनर्जी ने तय किया है ‘रेट कार्ड’, डॉक्टर के रेप-मर्डर में भी डील की कोशिश: पीड़ित पक्ष के वकील का दावा


डेस्क: कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर से रेप और हत्या मामले के वकील ने CM ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप लगाया है। पीड़िता के वकील ने दावा किया है कि CM ममता बनर्जी ने पैसे देकर यह मामला ठंडा करने की कोशिश की। पीड़िता के वकील ने यह भी आरोप लगाया कि CM ममता बनर्जी ने रेप पीड़िताओं के लिए रेटकार्ड बनाया है और वह इसके जरिए उनको शांत करवाती हैं। वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल CV आनंद बोस ने कहा है कि राज्य अब महिलाओं के सुरक्षित नहीं है।

कोलकाता की पीड़िता के परिजनों के वकील बिकाश रंजन भट्टाचार्या ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रोल निंदनीय है। जब भी कहीं कोई रेप की घटना होती है, वह तुरंत ही पीड़ित के परिवार के सम्पर्क में आती हैं और उन्हें पैसा देकर कहती हैं कि सब कुछ हो गया। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि उन्होंने रेप के लिए रेट कार्ड फिक्स कर दिए हैं। रेप पीड़िताओं को जरूर मुआवजा मिलना चाहिए लेकिन वह सब जाँच के बाद होना चाहिए।”


उन्होंने आगे कहा, “ममता बनर्जी गवाहों को खरीदने का प्रयास करती हैं, इस वाले मामले (आर जी कर मेडिकल कॉलेज) में भी यह प्रयास किया गया था। पीड़िता के अभिभावकों ने इसको लेकर मना कर दिया था। उन्होंने मामले को कोर्ट में ले जाने की बात कही थी। जिसके बाद यह मामला CBI के पास चला गया और अब उस की जाँच चल रही है।”

पीड़िता के वकील ने राज्य की पुलिस पर भी प्रश्न उठाए। उन्होंने कहा, “पुलिस कमिश्नर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की कोई जरूरत नहीं थी, वह मामले को नियंत्रण में असफल रहे हैं। घटना के बाद भी पुलिस का रवैया असंतोषजनक था। जब पुलिस लोगों के विचार को रोकने लगे तो साफ़ हो जाता है कि उन्होंने अपना काम ढंग से नहीं किया।”


मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल CV आनंद बोस ने भी राज्य के हालातों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि बंगाल की सरकार फेल हो गई है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। बंगाल की सरकार महिलाओं को सुरक्षित करने में फेल रही है। बंगाल को फिर से उस समय में लाना होगा जब महिलाओं का समाज में सम्माननीय स्थान होता था। महिलाएँ गुंडों से डरी हुई हैं। राज्य की सरकार इस मुद्दे को लेकर असंवेदनशील है।”


राज्यपाल CV आनंद बोस ने कहा कि मामले में हाई कोर्ट ने भी अपनी चिंताएँ जताई हैं। उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल के रूप में अपना कर्तव्य निभाऊंगा। राज्यपाल बोस ने पीड़िता के परिवार के प्रति अपनी संवेदना भी प्रकट की है। इससे पहले इस मामले में पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई थी। इसमें पीड़िता को मारने से पहले उसके साथ बर्बरता का जिक्र था।

गौरतलब है कि कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली एक PG मेडिकल छात्रा का शव 9 अगस्त को अर्धनग्न अवस्था मिला था। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। पोस्टमार्टम में साफ़ हुआ था कि छात्रा के साथ रेप हुआ है और फिर उसकी नृशंसता से हत्या कर दी गई।

इस मामले में कॉलेज और पुलिस प्रशासन पर शुरुआत में ढिलाई बरतने के के आरोप हैं। मामले में हीलाहवाली से क्षुब्ध होकर इसकी जाँच कलकत्ता हाई कोर्ट ने CBI को सौंप दी थी। इस बीच लगातार छात्र इस मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी और न्याय के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। मामले में ममता बनर्जी सरकार पर प्रश्न उठ रहे हैं।
स्कूल में भी असुरक्षित लड़कियां: 4 साल की दो छोटी बच्चियों के साथ स्कूल में यौन शोषण, बाथरूम का सफाईकर्मी गिरफ्तार, प्रिंसिपल पर हुई कार्रवाई



डेस्क: ठाणे के बदलापुर स्थित एक स्कूल के बाथरूम में बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न किए जाने का खुलासा हुआ है। इस घटना के विरोध में स्थानीय लोग ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है। लोग रेल रोको आंदोलन करके स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।इसके बाद बदलापुर रेलवे स्टेशन पर कई लोकल ट्रेनें रोक दी गईं हैं। इसकी जानकारी सीपीआरओ सेंट्रल रेलवे ने दी है। स्कूल के सफाईकर्मी पर बाथरूम में दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। पुलिस ने सफाईकर्मी को अरेस्ट कर लिया है। घटना के चार दिन बाद भी स्कूल प्रशासन की चुप्पी के खिलाफ पैरेंट्स का गुस्सा फूटा है। प्रदर्शनकारियों ने मुंबई जाने वाली ट्रेनों का ट्रैक ब्लॉक किया।


क्या है पूरा मामला?


ठाणे पुलिस ने अनुसार एक नर्सरी स्कूल की दो बच्चियों के यौन शोषण का मामला सामने आया था। इस घटना में 23 साल के पुरुष सफाईकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज करके किया गया है। पुलिस के अनुसार उसे अरेस्ट भी कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार यौन शोषण का खुलासा तब हुआ था जब चार साल की बच्ची ने अपने अभिभावक को इस बारे में बताया था। जिसके बाद दोनों परिवारों ने मेडिकल जांच कराने की मांग की। इसके बाद उन्होंने ठाणे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।पुलिस के अनुसार यह मामला पॉस्को में दर्ज किया गया है। इस घटना पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संज्ञान लिया है। फडणवीस ने घटन की जांच के लिए एसआईटी गठित की है।

स्कूल में चार साल की बच्चियों के साथ गंदी हरकत के खुलासे के बाद अभिभावकों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि स्कूल ने सुरक्षा को हल्के में लिया। स्कूल ने घटना के खुलासे के बाद भी कोई माफी नहीं मांगी। स्कूल प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटना को रोकने के लिए कोई आश्वासन नहीं दिया। पुलिस की जांच में स्कूल प्रबंधन की ओर से कई खामियां और लापरवाही सामने आई हैं। इसके बाद अभिभावकों को गुस्सा फूट पड़ा।

अभिभावकों के कड़े विरोध के बाद स्कूल ने अपने प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को निलंबित कर दिया, तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी के लिए एक अधिकारी का तबादला कर दिया। अभिभावकों के प्रदर्शन के बाद पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मामले को तेजी से निपटाने और स्कूल में सुरक्षा उपाय बढ़ाने का वादा किया। पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी को एक अगस्त को स्कूल में काम पर रखा गया था। पुलिस ने उसे अरेस्ट करके कोर्ट से 21 अगस्त तक के लिए रिमांड लिया है।

बदलापुर स्कूल में बच्चियों से छेड़छाड़ की घटना को संज्ञान में लेते हुए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने स्पेशल आईजी की आरती सिंह को एसआईटी का चीफ बनाया है। तो वहीं दूसरी तरफ इस घटना को लेकर बदलापुर में आक्रोश है। प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों और लोगों को रेलवे ट्रैक से हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में तोड़फोड़ भी की।
सीनियर IAS अफसर गोविंद मोहन होंगे अगले केंद्रीय गृह सचिव, भल्ला की जगह लेंगे


डेस्क: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी गोविंद मोहन को बुधवार को अजय कुमार भल्ला के स्थान पर केंद्रीय गृह सचिव नियुक्त किया गया है। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है कि 1989 बैच के IAS अफसर गोलिंद मौजूदा सचिव भल्ला का कार्यकाल पूरा होने पर पद संभालेंगे। गोविंद फिलहाल संस्कृति मंत्रालय के सचिव हैं। वह गृह मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी (OSD) के रूप में कार्यभार संभालेंगे। खास बात यह है कि मोहन की नियुक्ति आने वाले दिनों में जम्मू और कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के नजरिए से काफी अहम है।

आधिकारिक आदेश में कहा गया है, 'कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने संस्कृति मंत्रालय में सचिव गोविंद मोहन, आईएएस (सिक्किम: 1989) को तत्काल प्रभाव से गृह मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी नियुक्त करने को मंजूरी दी है।' आदेश में कहा गया है, “मोहन 22.08.2024 को श्री अजय कुमार भल्ला, आईएएस (असम-मेघालय: 1984) का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनके स्थान पर गृह मंत्रालय के सचिव का पदभार संभालेंगे।' बता दें कि मोहन ने BHU से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है और अक्तूबर 2021 से उन्होंने केंद्रीय संस्कृति सचिव के रूप में काम किया है। वह इससे पहले भी 2 बार गृह मंत्रालय के लिए काम कर चुके हैं।

बता दें कि इससे पहले केंद्र ने कैबिनेट सचिव पद के लिए वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन के नाम को शनिवार को मंजूरी दी थी। सोमनाथन का इस पद पर कार्यकाल 2 वर्ष का होगा और वह वर्तमान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा का स्थान लेंगे, जिनका इस पद पर पांच वर्ष का कार्यकाल इस महीने के अंत में पूरा होगा। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने सोमनाथन की कैबिनेट सचिव के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है तथा 30 अगस्त 2024 से उनका 2 साल का कार्यकाल होगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काफिले की गाड़ियां आपस में टकराईं, साथ में मौजूद थे दोनों डिप्टी सीएम, मचा हड़कंप


डेस्क : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काफिले में शामिल चार पुलिस वाहन मंगलवार दोपहर जलगांव जिले में एक-दूसरे से टकरा गए, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ। पुलिस ने यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने बताया कि शिंदे के अलावा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी काफिले में यात्रा कर रहे थे। यह घटना कुसुम्बा हवाई अड्डे के पास हुई। अधिकारी ने बताया कि पुलिस की एक कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

हालही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के विवाद को लेकर अपनी राय रखी थी और उद्धव पर जमकर निशाना साधा था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि इसकी शुरुआत शिवसेना उद्धव ठाकरे की तरफ से की गई थी। जब राज ठाकरे बीड के दौरे पर थे। यह हमारे महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। उन्होंने शुरुआत में राज ठाकरे के काफिले को रोका और उस पर पत्थर और सुपारी फेंकी। किसी को भी यह पसंद नहीं आया। ये एक्शन का रिएक्शन था।

शिंदे ने आगे कहा, "जिस दिन से हमारे सरकार की स्थापना हुई है। उस दिन से इन लोगों के भाषण आप देखिए सरकार एक महीने में गिरेगी, 2 महीने में गिरेगी। आज 2 साल हो गए सरकार दिन-ब-दिन और मजबूत हुई क्योंकि हमने अपने विचार को नहीं छोड़ा। जो लोग अपने विचार छोड़ देते हैं, उन्हें इस प्रकार की स्थिति का सामना करना पड़ता है। हर दल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सत्ता के लिए अपने विचारों के साथ समझौता न करें।"
सरकारी कर्मचारी की मौत पर 20% रकम माता-पिता को भी, असम में नया नियम


डेस्क: भारत में बीते कुछ दिनों से किसी सरकारी कर्मचारी की मौत पर मिलने वाले मुआवजे के बंटवारे को लेकर काफी विवाद देखने को मिला है। लोगों के बीच ये बात चर्चा का विषय रही है कि कर्मचारी की मौत के बाद मुआवजे में से कुछ हिस्सा उसके माता-पिता को भी मिले। अब इस मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बड़ा ऐलान किया है। असम सरकार ने मुआवजे की राशि के बंटवारे के लिए नया नियम लाने का फैसला किया है।


असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि असम में किसी सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद मुआवजे की राशि का बंटवारा 80:20 के रेशियों में किया जाएगा। सीएम हिमंत ने बताया कि मुआवजे की 80 प्रतिशत राशि मृतक के पति/पत्नी को और 20 प्रतिशत राशि माता-पिता को दी जाएगी।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि मुआवजे के 80:20 के रेशियों में बंटवारे का नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा। सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने इस फैसले के कारण बारे में बात करते हुए कहा है कि हम नहीं चाहते कि दुख की घड़ी में परिवार बंट जाएं।

असम के मुख्यमंत्री ने जानकारी दी है कि सरकारी ट्रांसफर और पोस्टिंग भ्रष्टाचार का एक बड़ा स्रोत हैं। इसे समाप्त करने के लिए हमारी सरकार एक पोर्टल लाएगी, जिसके माध्यम से कर्मचारी स्वयं अपना ट्रांसफर कर सकेंगे। इसमें सरकारी हस्तक्षेप को न्यूनतम रखा जाएगा। असम सीएम ने ये भी कहा है कि अगले वर्ष असम का 14वां मेडिकल कॉलेज गुवाहाटी में चालू हो जाएगा जबकि 2026 में 3 और मेडिकल कॉलेज चालू हो जाएंगे।