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आइए जानते हैं "स्त्री 2'" में खौफ का आतंक मचाने वाले सरकटा का रोल प्ले करने वाले एक्टर कौन है।

नयी दिल्ली : क्या आप जानते हैं कि 'स्त्री 2' में खौफ का आतंक मचाने वाले सरकटा का रोल किसने प्ले किया था? मेकर्स ने सरकटा के लिए क्या तरकीब अपनाई और कैसे सीन शूट किए थे? यहां जानिए सब

कौन है स्त्री 2 में आतंक मचाने वाला सरकटा, पुलिस कॉन्स्टेबल सुनील कुमार ने निभाया रोल, इस तरकीब से बने दानव

श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव की हॉरर कॉमेडी 'स्त्री 2' ने बॉक्स ऑफिस पर सुनामी ला दी है। पहले ही वीकेंड में फिल्म जहां देश में 200 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है, वहीं वर्ल्डवाइड 300 करोड़ से भी आगे बढ़ गई है। इस बार जहां एक तरफ स्त्री को इंसाफ मिला, तो वहीं सरकटे का आतंक देखने को मिला। 

सरकटे के आतंक के साथ-साथ अक्षय कुमार के कैमियो ने जो ट्विस्ट पैदा किया, उसने तो दर्शकों के होश ही उड़ा दिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 'स्त्री 2' में सरकटे का रोल असल में किसने किया है? बिना सिर वाले विलेन ने इस बार चंदेरी के लोगों ही नहीं, दर्शकों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया। चलिए बताते हैं कि कौन है ये एक्टर:

'स्त्री 2' में सुनील कुमार बने सरकटा

'स्त्री 2' में जिसने सरकटे का रोल प्ले किया, उसका नाम सुनील कुमार है और वह जम्मू के रहने वाले हैं। इन्हें 'जम्मू का ग्रेट खली' कहा जाता है.

रेसलर और पुलिस कॉन्स्टेबल हैं 'स्त्री 2' के सरकटा

सुनील कुमार एक कमाल के रेसलर हैं और रिपोर्ट्स हैं कि वह जम्मू-कश्मीर पुलिस में एक कॉन्स्टेबल हैं।

सनी जाट के नाम से हैं मशहूर

सुनील कुमार इंस्टाग्राम पर एक्टिव हैं और यहां उन्होंने अपना नाम सनी जाट बताया है। बायो में उन्होंने जानकारी दी है कि वह एक एक्टर, एथलीट और इन्फ्लूएंसर हैं।

'सरकटा' है 'दे ग्रेट अंगार', हाइट 7.7 फुट

सरकटे का रोल निभाने वाले सुनील कुमार की हाइट 7.7 फुट है। उन्हें 'द ग्रेट अंगार' के नाम से भी जाना जाता है।

CGI से सरकटा बनाया और सुनील कुमार के बॉडी शॉट्स जोड़े

क्या आप जानते हैं कि मेकर्स ने सुनील कुमार के साथ सरकटे वाले सीन कैसे शूट किए थे? डायरेक्टर अमर कौशिक ने 'बॉलीवुड हंगामा' से बातचीत में बताया कि उनकी सुनील कुमार को उनकी कास्टिंग टीम ने खोजा था। 

फिजीक और हाइट की वजह से सुनील कुमार को साइन कर लिया गया। अमर कौशिक ने बताया कि CGI के जरिए सरकटा का चेहरा बनाया था, और बाकी सुनील कुमार के बॉडी के शॉट्स इस्तेमाल किए थे।

यह है 'सरकटा' सुनील कुमार का सपना

सुनील कुमार जम्मू-कश्मीर में रहते हैं। फिल्मों में काम करने के अलावा वह बतौर कॉनस्टेबल नौकरी भी करते हैं। साल 2019 में वह WWE का हिस्सा भी रहे थे। उनका सपना अब भारत को WWE में रीप्रेजेंट करने का है।

आज का इतिहास: 1972 में आज ही के दिन वन्यजीव संरक्षण कानून को दी गई थी मंजूरी


नयी दिल्ली : 21 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1972 में आज ही के दिन वन्यजीव संरक्षण कानून को मंजूरी दी गई थी। 2005 में 21 अगस्त को ही बांग्लादेश और भारत की सीमा सुरक्षा बल के जवानों के बीच संघर्ष विराम का समझौता हुआ था।

2008 में आज ही के दिन मून मिशन पर भारत ने अमेरिका स्पेश एजेंसी नासा से हाथ मिलाया था। 

2006 में 21 अगस्त को ही इराक के अपदस्थ राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने नरसंहार ट्रायल में भाग लेने से मना कर दिया था।

2003 में 21 अगस्त के दिन ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफ़ी अन्नान ने इराक में संयुक्त शांति सेना भेजने का प्रस्ताव खारिज किया था।

1988 में आज ही के दिन भारत नेपाल सीमा पर आए भूकंप से 1 हजार लोगों की मौत हो गई थी।

1972 में आज ही के दिन वन्यजीव संरक्षण कानून को मंजूरी दी गई थी।

1968 में 21 अगस्त को ही चेकोस्लोवाकिया के स्थानीय रेडियो द्वारा पराग्वे पर सोवियत संघ के नेतृत्व में हमले की घोषणा की थी।

1963 में आज ही के दिन बुद्ध मंदिर पैगोडा में छापे के विरोध में दक्षिण वियतनाम में मार्शल लॉ की घोषणा की थी।

1959 में 21 अगस्त के दिन ही हवाई अमेरिका का 50वां प्रांत बना था।

1944 में आज ही के दिन अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र के संगठन की योजनाओं को लेकर मुलाकात की थी।

1938 में 21 अगस्त के दिन ही इटली के हाई स्कूलों में यहूदी शिक्षकों पर प्रतिबंध लगा था।

1931 में आज ही के दिन पंडित विष्णु दिगंबर का निधन हुआ था।

1915 में 21 अगस्त को ही पहले विश्व युद्ध के दौरान इटली ने तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।

1842 में आज ही के दिन तस्मानिया के शहर होबर्ट की स्थापना हुई थी।

1718 में 21 अगस्त को ही तुर्की और वेनिस के बीच शांति संधि हुई थी।

21 अगस्त को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

1986 में आज ही के दिन 100 और 200 मीटर के दौड़ विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले एथलीट उसैन बोल्ट का जन्म हुआ था।

1978 में 21 अगस्त के दिन ही भारतीय अभिनेत्री भूमिका चावला का जन्म हुआ था।

1927 में आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे बी सत्य नारायण रेड्डी का जन्म हुआ था।

1910 में 21 अगस्त के दिन ही प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार नारायण श्रीधर बेन्द्रे का जन्म हुआ था।

1871 में आज ही के दिन भारत के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और सेवक गोपाल कृष्ण देवधर का जन्म हुआ था।

21 अगस्त को हुए निधन

2007 में 21 अगस्त के दिन ही उर्दू की प्रसिद्ध लेखिका क़ुर्रतुलऐन हैदर का निधन हुआ था।

2006 में आज ही के दिन भारत रत्न से सम्मानित प्रख्यात शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खान का निधन हो गया था।

1995 में 21 अगस्त के दिन ही खगोल भौतिक शास्त्री सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर का निधन हुआ था।

1981 में आज ही के दिन भारत के प्रसिद्ध गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी और लेखक काका कालेलकर का निधन हुआ था।

1978 में 21 अगस्त के दिन ही भारत के महान् क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक वीनू मांकड़ का निधन हुआ था।

1948 में आज ही के दिन भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक वामनराव बलिराम लाखे का निधन हुआ था।

1931 में 21 अगस्त के दिन ही प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक विष्णु दिगम्बर पलुस्कर का निधन हुआ था।

हरियाणा के फरीदाबाद में सामुदायिक भंडारे के दौरान खेलते समय गर्म सब्जी के बर्तन में दो बच्चियां गिरी जिसमें से 2 साल की मासूम बच्ची की हुई मौत


फरीदाबादः दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में बड़ी अनहोनी घटना सामने आई है। यहां रविवार के दिन एक भंडारा कार्यक्रम में दो मासूम बच्चियां गर्म सब्जी के बड़े बर्तन में गिर गईं. इसमें झुलसकर एक की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है. उसका इलाज कराया जा रहा है. इस घटना से परिवार गहरे दुख में है. पूरे गांव में गमगीन मौहाल है. मृतक बच्ची महज 2 साल की थी.

हरियाणा के फरीदाबाद में एक बच्ची की रविवार को एक ‘भंडारे’ (सामुदायिक भोज) में दर्दनाक मौत हो गई. दो बच्चियां गर्म सब्जियों से भरे एक बड़े बर्तन में गिर गईं थीं. जिसके कारण एक लड़की की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गई. पुलिस के मुताबिक वे भंडारे की रसोई में खेलते समय फिसलकर बर्तन में गिर गईं.

पुलिस ने बताया कि बल्लभगढ़ कस्बे के पास ढीग गांव के एक मंदिर में धार्मिक समागम – भागवत कथा – में भाग लेने वाले लोगों के लिए प्रसाद तैयार किया जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ. दोनों लड़कियों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने 2 साल की जिया को मृत घोषित कर दिया. परी (छह) को गंभीर रूप से झुलसने के कारण बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया.

पुलिस ने बताया कि रसोइये ने सब्जियों को ठंडा करने के लिए बर्तन को चूल्हे से उतार लिया था, लेकिन बच्चों को बाहर निकालने की कोशिश में उसके हाथ जल गए. पुलिस ने बताया कि समारोह में मौजूद लोगों के अनुसार, परी जिया के ऊपर गिर गई और दोनों लड़कियां अपना संतुलन खो बैठीं और बर्तन में गिर गईं. उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद जिया का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया. बल्लभगढ़ सदर थाने के प्रभारी उमेश कुमार ने कहा कि हमें दोनों लड़कियों के माता-पिता से कोई शिकायत नहीं मिली है. हालांकि, मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जिया की मौत पर शोक जताते हुए ग्रामीणों ने प्रसाद को तालाब में फेंक दिया।

विनेश फोगाट के लिए गांव वालों ने मिल कर जुटाया इनाम, मिला '1000 गोल्ड मेडल से भी ज्यादा कीमती' तोहफा


नयी दिल्ली : गांव ने एकजुट होकर विनेश के लिए पुरस्कार की रकम जुटाई। छोटे बड़े सभी ने इसमें बढ़ चढ़ कर अपनी ओर से योगदान दिया, जिसमें गांव के चौकीदार की ओर ऐसे 100 से लेकर फौजी भाईचारा समूह के सदस्यों की ओर से ₹21,000 तक की रकम शामिल था। 

कथित तौर पर दान देर रात में आया। गांव की सरपंच रीतिका सांगवान विनेश के स्वागत समारोह में शामिल नहीं हो सकीं और उन्होंने अपने पति से उनका स्वागत करने के लिए कहा।

वर्ष 1944 में आज ही के दिन हुआ था भारत के 9वें प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म


नयी दिल्ली : 20 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि वर्ष 2008 में आज ही के दिन रसायन व उर्वरक मंत्री राम विलास पासवान ने खाद उद्योग को जारी वित्त वर्ष में INR 22,000 करोड़ की अतिरिक्त सब्सिडी देने की घोषणा की गई थी।

वर्ष 2008 में 20 अगस्त के दिन ही भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रसिद्ध कलाकार अरुणा साई राम को अमेरिका में विशिष्ट सम्मान से नवाजा गया था।

वर्ष 2001 में आज ही के दिन स्पेन में भारतीय चैंपियन विश्वनाथन आनन्द ने स्पेन के अलेक्सेई शिरोव को हराकर विलारोडेज शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता था।

वर्ष 1998 में 20 अगस्त के दिन ही लिएंडर पेस ने पीट सम्प्रास को हराकर पायलेट पेन अंतरराष्ट्रीय टेनिस प्रतियोगिता जीती थी।

वर्ष 1994 में आज ही के दिन अमेरिका द्वारा क्यूबा के शरणार्थियों को आश्रय देने की 28 वर्ष की पुरानी नीति को समाप्त करने की घोषणा की गई थी।

वर्ष 1991 में 20 अगस्त के दिन ही उत्तरी यूरोपीय देश इस्तोनिया ने तत्कालीन सोवियत रुस संघ से अलग होने की घोषणा की थी।

वर्ष 1979 में आज ही के दिन पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था।

वर्ष 1977 में 20 अगस्त के दिन ही अमेरिका के वोयागेर दो अंतरिक्ष-यान को प्रक्षेपित किया गया था।

वर्ष 1949 में आज ही के दिन यूरोपीय देश हंगरी में संविधान को अपनाया था।

वर्ष 1913 में 20 अगस्त के दिन ही फ्रांस के एडोल्फ पेगोड पैराशूट के जरिए विमान से उतरने वाले पहले पायलट बने थे।

वर्ष 1897 में आज ही के दिन रोनाल्ड रॉस ने कलकत्ता (अब कोलकाता) के प्रेसिडेंसी जनरल हॉस्पिटल में काम करने के दौरान मलेरिया के कारक एनोफिलीज मच्छर की पहचान की थी।

1884 में आज ही के दिन ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था पहला क्रिकेट टेस्ट मैच 

वर्ष 1641 में 20 अगस्त के दिन ही इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच शांति समझौता हुआ था।

20 अगस्त को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

वर्ष 1986 में आज ही के दिन भारत की महिला शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव का जन्म हुआ था।

वर्ष 1946 में आज ही के दिन इन्फोसिस कंपनी के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति का जन्म हुआ था।

वर्ष 1944 में 20 अगस्त के दिन ही भारत के नौवें प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का जन्म हुआ था।

वर्ष 1940 में 20 अगस्त के दिन ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित प्रसिद्ध पर्यावरणविद राजेन्द्र कुमार पचौरी का जन्म हुआ था।

वर्ष 1917 में आज ही के दिन प्रगतिशील काव्य धारा के प्रसिद्ध कवि त्रिलोचन शास्त्री का जन्म हुआ था।

20 अगस्त को हुए निधन

वर्ष 2014 में आज ही के दिन प्रसिद्ध भारतीय योग गुरु बी. के. एस. आयंगर का निधन हुआ था।

वर्ष 2011 में 20 अगस्त के दिन ही भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार और शिक्षाविद राम शरण शर्मा का निधन हुआ था।

वर्ष 2004 में आज ही के दिन इतिहासकार गंगाराम सम्राट का निधन हुआ था।

वर्ष 1991 में 20 अगस्त के दिन ही उड़िया भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार गोपीनाथ मोहंती का निधन हुआ था।

20 अगस्त को प्रमुख उत्सवसद्भावना दिवस (राजीव गांधी का जन्मदिन)

विश्व फोटोग्राफी दिवस आज आइए जानते है 185 सालों में कितनी बदली तस्वीरों की दुनिया


19 अगस्त को हर साल दुनिया भर में विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। यह दिन फोटोग्राफी के प्रति जागरूकता फैलाने, फोटोग्राफरों को सम्मानित करने और इस अद्भुत कला के महत्व को समझाने के लिए मनाया जाता है। 1839 में फोटोग्राफी के आविष्कार के बाद से अब तक की यात्रा अत्यंत रोचक और परिवर्तनशील रही है। आइए जानते हैं, 185 सालों में फोटोग्राफी की दुनिया में कितने बदलाव आए हैं।

1. फोटोग्राफी का प्रारंभिक दौर:

फोटोग्राफी की शुरुआत 1839 में हुई जब फ्रांस के लुइस डागुएरे ने "डागुएरोटाइप" नामक प्रक्रिया का आविष्कार किया। यह प्रक्रिया उस समय की पहली व्यावहारिक और सफल फोटोग्राफी विधि थी, जिसमें तांबे की प्लेट पर सिल्वर आयोडाइड की कोटिंग की जाती थी। शुरुआती दौर में तस्वीरें लेना बहुत जटिल और समय-साध्य था, और केवल कुछ ही लोग इस कला का आनंद ले पाते थे।

2. फिल्म फोटोग्राफी का युग:

19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में फिल्म फोटोग्राफी ने जगह बनाई। 1888 में जॉर्ज ईस्टमैन ने "कोडक" कैमरा लॉन्च किया, जिसने आम लोगों के लिए फोटोग्राफी को सुलभ बना दिया। कोडक कैमरा में रोल फिल्म का इस्तेमाल होता था, जिसे कई बार उपयोग किया जा सकता था। इसने फोटोग्राफी को मास लेवल पर पहुंचा दिया और इस कला को वैश्विक पहचान दिलाई।

3. रंगीन फोटोग्राफी का आगमन:

1930 और 1940 के दशकों में रंगीन फोटोग्राफी ने फिल्म उद्योग और फोटोग्राफी के क्षेत्र में क्रांति ला दी। कोडक और अन्य कंपनियों ने रंगीन फिल्म का उत्पादन शुरू किया, जिससे रंगों का जादू तस्वीरों में भर गया। अब तस्वीरें और भी वास्तविक दिखने लगीं, और फोटोग्राफी का अनुभव और भी समृद्ध हो गया।

4. डिजिटल फोटोग्राफी का युग:

1990 के दशक में डिजिटल कैमरों का आगमन हुआ, जिसने फोटोग्राफी की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया। अब फिल्म की आवश्यकता नहीं थी और तस्वीरों को तुरंत देखा जा सकता था। डिजिटल फोटोग्राफी ने फोटोग्राफी को और भी सुलभ और व्यापक बना दिया। इसके साथ ही फोटोशॉप और अन्य एडिटिंग सॉफ़्टवेयर ने तस्वीरों को एडिट करने और उन्हें और अधिक आकर्षक बनाने के विकल्प दिए।

5. स्मार्टफोन फोटोग्राफी:

21वीं सदी में स्मार्टफोन के उभार ने फोटोग्राफी को हर व्यक्ति की जेब में पहुंचा दिया। आजकल के स्मार्टफोन उन्नत कैमरा सुविधाओं के साथ आते हैं, जिससे हर कोई कहीं भी और कभी भी तस्वीरें खींच सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने भी इस क्षेत्र में योगदान दिया है, जहां लोग अपनी तस्वीरें साझा कर सकते हैं और एक-दूसरे के साथ जुड़ सकते हैं।

6. फोटोग्राफी का भविष्य:

अब हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के युग में प्रवेश कर रहे हैं, जहां फोटोग्राफी के नए आयाम खुल रहे हैं। AI आधारित कैमरा सिस्टम और ऑटोमेटेड फोटो एडिटिंग सॉफ़्टवेयर फोटोग्राफी को और भी उन्नत बना रहे हैं।

निष्कर्ष:

फोटोग्राफी की दुनिया में पिछले 185 वर्षों में अभूतपूर्व बदलाव आए हैं। यह कला न केवल यादों को संजोने का एक माध्यम है, बल्कि लोगों के भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने का एक सशक्त साधन भी बन गई है। विश्व फोटोग्राफी दिवस के इस मौके पर, हम इस अद्भुत कला का सम्मान करते हैं और इसके भविष्य के विकास की ओर उत्सुकता से देखते हैं।

RRC NR Recruitment 2024: उत्तर रेलवे में अप्रेंटिसशिप के 4096 पदों पर आवेदन शुरू, 10वीं-ITI उत्तीर्ण युवा कर सकते हैं अप्लाई


नई दिल्ली:- रेलवे में सरकारी नौकरी पाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए बेहतरीन मौका है। रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (RRC) उत्तर रेलवे की ओर से ट्रेड अप्रेंटिसशिप के 4096 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। 

10वीं/ आईटीआई उत्तीर्ण अभ्यर्थी इस भर्ती में भाग लेने के लिए 16 अगस्त 2024 से ऑनलाइन माध्यम से उत्तर रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। आवेदन की लास्ट डेट 16 सितंबर तय की गई है।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी ने मान्यता प्राप्त बोर्ड से 50 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं उत्तीर्ण किया हो और इसके साथ ही अभ्यर्थी ने आईटीआई सर्टिफिकेट प्राप्त किया हो। उम्मीदवार की आयु न्यूनतम 15 वर्ष से कम और अधिकतम आयु 24 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ऊपरी आयु में रेलवे के नियमनुसार छूट दी जाएगी। उम्र की गणना 16 सितंबर 2024 के अनुसार की जाएगी।

कैसे कर सकेंगे आवेदन

इस भर्ती में आवेदन के लिए आपको सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर rrcnr.org भर्ती से संबंधित लिंक पर लिंक पर क्लिक करना होगा। यहां आपको पहले मांगी गई डिटेल भरकर पंजीकरण करना होगा।

रजिस्ट्रेशन होने के बाद अभ्यर्थी अन्य डिटेल, हस्ताक्षर, फोटोग्राफ आदि अपलोड करें। इसके बाद निर्धारित शुल्क जमा करें और फॉर्म को सबमिट कर दें।

आज का इतिहास:वर्ष 2004 में आज ही के दिन बाजार में अपने शेयर लाई थी सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल


नयी दिल्ली : 19 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि वर्ष 2004 में 19 अगस्त को ही दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल ने अपने शेयर बाजार में उतारे थे।

वर्ष 2000 में 19 अगस्त को ही हिना जलाली को वर्ल्ड की पहली मानवाधिकार संरक्षक प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। वर्ष 1999 में आज ही के दिन भारत की परमाणु नीति के मसौदे से नाखुश जी-8 ने सभी तरह की मदद पर रोक लगाने की घोषणा की थी।

वर्ष 2010 में आज ही के दिन अमेरिकी सेना की अंतिम ब्रिगेड के कुवैत जाने के साथ ऑपरेशन इराकी फ्रीडम समाप्त हुआ था।

वर्ष 2007 में 19 अगस्त के दिन ही अंतरिक्ष स्टेशन पर गए मिशन एंडेवर के यात्रियों ने स्पेसवॉक पूरा किया था।

वर्ष 2005 में आज ही के दिन श्रीलंका सरकार और लिट्टे (LTTE) में शांति वार्ता फिर शुरू करने पर सहमति हुई थी।

वर्ष 2004 में 19 अगस्त को ही दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल ने अपने शेयर बाजार में उतारे थे।

वर्ष 2004 में आज ही के दिन वान डेन हुगेनबैंड ओलंपिक सबसे तेज तैराक बने थे।

वर्ष 2000 में 19 अगस्त को ही हिना जलाली को वर्ल्ड की पहली मानवाधिकार संरक्षक प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था।

वर्ष 1999 में आज ही के दिन भारत की परमाणु नीति के मसौदे से नाखुश जी-8 ने सभी तरह की मदद पर रोक लगाने की घोषणा की थी।

वर्ष 1977 में 19 अगस्त के दिन ही सोवियत संघ ने सेरी सागान में न्यूक्लियर टेस्ट किया था।

वर्ष 1973 में आज ही के दिन फ्रांस ने परमाणु परीक्षण किया था।

वर्ष 1964 में आज ही के दिन संचार उपग्रह सिनकोम 3 का प्रक्षेपण किया गया था।

वर्ष 1960 में 19 अगस्त को ही स्पूतनिक 5 अंतरिक्ष यान से 2 कुत्ते और 3 चूहे अंतरिक्ष में भेजे गए थे।

वर्ष 1949 में आज ही के दिन भुवनेश्वर ओडिशा की राजधानी बना था।

वर्ष 1919 में 19 अगस्त के दिन ही अफगानिस्तान ने ब्रिटेन से अपनी फ्रीडम की घोषणा की थी।

वर्ष 1812 में 19 अगस्त के दिन ही अमेरिका के युद्धपोत ने ब्रिटेन के युद्धपोत गंर्रियर को हराया था।

वर्ष 1796 में आज ही के दिन स्पेन और फ्रांस ने ब्रिटेन गठबंधन के खिलाफ साइन किए थे।

19 अगस्त को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

वर्ष 1950 में 19 अगस्त के दिन ही इन्फोसिस फाउंडेशन के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति की पत्नी एवं प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सुधा मूर्ति का जन्म हुआ था।

वर्ष 1946 में आज ही के दिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का जन्म हुआ था।

वर्ष 1928 में 19 अगस्त के दिन ही हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार शिवप्रसाद सिंह का जन्म हुआ था।

वर्ष 1918 में आज ही के दिन भारत के नौवें राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा का जन्म हुआ था।

वर्ष 1911 में 19 अगस्त के दिन ही भारत के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और एकांकीकार आरसी प्रसाद सिंह का जन्म हुआ था।

वर्ष 1907 में आज ही के दिन निबंधकार, उपन्यासकार, आलोचक और शोधकर्ता हज़ारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म हुआ था।

वर्ष 1891 में 19 अगस्त के दिन ही भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि, लेखक और पत्रकार हरिशंकर शर्मा का जन्म हुआ था।

वर्ष 1887 में आज ही के दिन भारत के क्रांतिकारी नेता एस. सत्यमूर्ति का जन्म हुआ था।

19 अगस्त को हुए निधन

वर्ष 2013 में 19 अगस्त के दिन ही अनुवादक और हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध इतिहासकार रोनाल्ड स्टुअर्ट मेक्ग्रेगॉर का निधन हुआ था।

वर्ष 1993 में आज ही के दिन हिंदी और बांग्ला फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता और निर्माता उत्पल दत्त का निधन हुआ था।

वर्ष 1662 में आज ही के दिन फ्रांस के गणितज्ञ और कैल्कयुलेटर के आविष्कारक ब्लेज़ पास्कल का निधन हुआ था।

19 अगस्त को प्रमुख उत्सव

विश्व फोटोग्राफी दिवस।

भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि,आइए जानते है उनसे जुड़ी कुछ खास बाते



भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के उन महान नेताओं में से एक थे जिनका योगदान न केवल राजनीति में, बल्कि देश की सामाजिक और सांस्कृतिक धारा में भी महत्वपूर्ण रहा है। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें:

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था। अटल जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर से पूरी की और आगे की पढ़ाई कानपुर के डीएवी कॉलेज से की, जहाँ से उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।

2. राजनीतिक करियर की शुरुआत:

वाजपेयी जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जन संघ से की, जिसे आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी के रूप में पुनर्गठित किया गया। 1957 में वे पहली बार बलरामपुर, उत्तर प्रदेश से सांसद चुने गए। इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री का पद भी शामिल है।

3. प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल:

अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। पहली बार 1996 में, दूसरी बार 1998 में और तीसरी बार 1999 में। उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किए, जिसने भारत को विश्व स्तर पर एक मजबूत परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया।

4. भारत रत्न सम्मान:

अटल बिहारी वाजपेयी को 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें भारतीय राजनीति और समाज में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया।

5. कवि और लेखक:

अटल बिहारी वाजपेयी एक प्रख्यात कवि और लेखक भी थे। उनकी कविताओं में देशभक्ति, समाज सुधार और मानवीय संवेदनाओं की झलक मिलती है। "मेरी इक्यावन कविताएँ" उनकी प्रमुख काव्य संग्रह में से एक है।

6. विनम्रता और सर्वसम्मति की राजनीति:

वाजपेयी जी की राजनीति की सबसे बड़ी खासियत उनकी विनम्रता और सभी दलों के साथ मिलकर काम करने की क्षमता थी। उनकी नेतृत्व क्षमता और सर्वसम्मति बनाने की कला ने उन्हें सभी दलों में सम्मान दिलाया।

7. स्वास्थ्य और निधन:

अटल बिहारी वाजपेयी का स्वास्थ्य उनके जीवन के अंतिम वर्षों में धीरे-धीरे बिगड़ता गया। 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर, हमें उनके महान विचारों और उनकी सेवाओं को याद करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। उनका जीवन हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी मातृभूमि की सेवा में हमेशा समर्पित रहें।

आज है पुत्रदा एकादशी, इस कथा के बिना अधूरा है पुत्रदा एकादशी व्रत, संतान की होगी प्राप्ति


नयी दिल्ली : हर महीने में 2 बार एकादशी व्रत किया जाता है। सावन माह की पुत्रदा एकादशी का व्रत आज 16 अगस्त 2024 को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान प्राप्ति और बच्चे की तरक्की से जुड़ी सभी तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत बिना अधूरा कथा पाठ करने से अधूरा माना जाता है ।

एकादशी तिथि को शुभ माना जाता है।

इस दिन श्रीहरि की पूजा होती है।

सावन में पुत्रदा एकादशी व्रत किया जाता है। एकादशी तिथि पर विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मत है कि पुत्रदा एकादशी व्रत करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही यश कीर्ति सुख और समृद्धि में भी वृद्धि होती है। अगर आप भी संतान की प्राप्ति चाहते हैं, तो सावन की पुत्रदा एकादशी का व्रत करें और पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ करें। इससे साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होगा। आइए पढ़ते हैं पुत्रदा एकादशी व्रत कथा।

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा

प्राचीन कथा के अनुसार, द्वापर युग के शुरुआत में एक नगरी थी, जिसका नाम महिरूपति था। इस नगरी में महीजित नाम का राजा राज्य करता था। लेकिन उसको पुत्र न होने की वजह से राजा को राज्य सुखदायक नहीं लगता था।

पुत्रदा एकादशी पर राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य

पुत्र की प्राप्ति के लिए राजा ने कई तरह के उपाय किए। लेकिन पुत्र सुख प्राप्त नहीं हुआ। एक बार राजा ने सभी ऋषि-मुनियों, सन्यासियों और विद्वानों को बुलाया और उनसे पुत्र प्राप्ति के उपाय पूछे। सभी ने राजा की समस्या को सुनकर कहा कि हे राजन तुमने पूर्व जन्म में सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन तालाब से एक गाय को जल नहीं पीने दिया था, जिसकी वजह से गाय ने तुम्हे संतान न होने का श्राप दिया था। इसकी वजह से तुम पुत्र की प्राप्ति से वंचित हो।

इसके पश्चात ऋषि-मुनियों ने कहा कि अगर तुम सावन की एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करोगे, तो इस श्राप से मुक्ति पा सकते हो। जिसके बाद तुम्हें संतान की प्राप्ति हो सकती है। इसके बाद राजा न सच्चे मन से सावन की एकादशी का व्रत किया। 

इस व्रत के पुण्य से राजा की पत्नी गर्भवती हुई और पुत्र को जन्म दिया। धार्मिक मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मुरादें पूरी होती हैं।