कोलकाता रेप-मर्डर केस में देश भर में उबाल, परत दर परत जानिए, ममता सरकार से कहां हुई गलती
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के बाद से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और कोलकाता पुलिस निशाने पर हैं। इस मामले को लेकर जनता में गुस्सा बढ़ता जा रहा है और सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
मामले को दबाने की कोशिश
घटना वाले दिन पुलिस और सरकार ने इस मामले को आत्महत्या का मामला बताया, जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की गई थी। डॉक्टर के माता-पिता को अपनी बेटी का शव देखने के लिए तीन घंटे से ज्यादा इंतजार करना पड़ा, और पुलिस ने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने का दबाव भी बनाया।
जांच में लापरवाही और मुआवजे पर सवाल
शुरू से ही इस मामले की जांच में कई खामियां दिखीं। पीड़िता की डायरी का एक पन्ना गायब था, जिससे यह शक होता है कि इसमें कोई महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती थी। ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की, जिसे पीड़िता के पिता ने अपमानजनक बताया।
वारदात की जगह पर निर्माण कार्य
सेमिनार हॉल, जहां ट्रेनी डॉक्टर के साथ वारदात हुई थी, वहां घटना के तुरंत बाद चिनाई का काम शुरू करा दिया गया। बाथरूम की दीवार का एक हिस्सा भी तोड़ दिया गया, जिससे सबूत नष्ट करने की कोशिश की आशंका जताई जा रही है।
प्रिंसिपल पर कार्रवाई की बजाय प्रमोशन
घटना के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपना पद छोड़ दिया, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बजाय उन्हें कोलकाता के नेशनल मेडिकल कॉलेज में सीनियर पोस्ट पर प्रमोट कर दिया गया। घोष ने ही सबसे पहले इस घटना को आत्महत्या का मामला बताया था।
मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़
14 अगस्त की रात, जब डॉक्टर और अन्य लोग इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, तब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भीड़ ने तोड़फोड़ की। पुलिस ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और चुपचाप तमाशा देखती रही।
आलोचकों पर कार्रवाई
ममता बनर्जी सरकार ने इस मामले में आलोचना करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की। मीडिया और सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों को दबाने की कोशिश की गई। रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से कुल 280 लोगों को नोटिस जारी किए गए और कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है। इस घटना ने ममता बनर्जी की सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में सरकार को फटकार लगाई है। आगे की जांच और कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
Aug 21 2024, 13:27