पीएम मोदी ने छात्राओं के साथ मनाया रक्षाबंधन, कलाई पर दिखी एक खास राखी
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आज पूरा देश रक्षाबंधन का पर्व बड़े ही प्यार और उल्लास के साथ मना रहा है। इस खास मौके पर आज पीएम मोदी को भी दिल्ली में स्कूली छात्रों ने राखी बांधी। इस दौरान वे बहुत खुश नजर आए। राखी से पीए मोदी की कलाई भर गई।
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एक बच्ची ने पीएम मोदी को बहुत ही खास राखी बांधी। इस राखी में एक विशेष संदेश के साथ एक तस्वीर भी थी। उसमें पीएम की दिवंगत मां की फोटो लगी है। इस खास राखी में लगी फोटो में पीएम मोदी अपनी मां के पैरों को धोते हुए नजर आ रहे हैं।
इससे पहले रक्षाबंधन त्योहार पर पीएम मोदी ने देश के लोगों को बधाई दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखते हुए कहा, 'समस्त देशवासियों को भाई-बहन के असीम स्नेह के प्रतीक पर्व रक्षाबंधन की ढेरों शुभकामनाएं। यह पावन पर्व आप सभी के रिश्तों में नई मिठास और जीवन में सुख, समृद्धि एवं सौभाग्य लेकर आए।'
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि सावन के आखिरी सोमवार को लेकर भी हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व भाई-बहन के प्यार एवं पवित्र रिश्ते को और गहरा करता है। अटूट प्रेम के इस पर्व पर बहनें जहां अपने भाइयों की सफलता की प्रार्थना करती है। भाई इसके बदले अपनी बहनों की हर प्रकार की विपत्ति से रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।








आज पूरे देश में भाई-बहन के प्रेम का प्रतिक त्योहार रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन भाइयों और बहनों के बीच प्यार और आपसी विश्वास की भावनाओं को मजबूत करता है।उन्होंने महिलाओं की रक्षा पर भी लोगों को संदेश दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि रक्षाबंधन हमारे देश की विविधता में एकता का प्रतीक है। यह त्योहार सांस्कृतिक और धार्मिक सीमाओं से परे है। द्रौपदी मुर्मू ने उन्होंने महिलाओं के हितों, अधिकार और सम्मान को लेकर कहा कि यह त्योहार हमारे महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए हमारे संकल्प को मजबूत करने का काम करता है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार देश में प्रेम और सद्भावना को बढ़ाता है। उन्होंने इस दौरान उम्मीद जताई कि इस त्योहार के जरिए महिलाओं का सम्मान समाज में बढ़ेगा। बता दें कि आज रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। यह एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भाइयों और बहनों के बीच प्यार और बंधन को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। राखी सुरक्षा की भावना का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर भाई अपनी बहनों को किसी भी प्रकार के परेशानी से बचाने का वादा करते हैं।
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। पूरा देश ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानित के कारण उबल रहा है। देशभर के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। राजनीतिक दल सड़कों पर है। इस बीच घटना पर दुख व्यक्त करते हुए 70 से अधिक पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है। उन्होंने कोलकाता में हुए जघन्य अपराध के दोषियों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने तथा डॉक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ शारीरिक और मौखिक दोनों तरह की हिंसा से निपटने के लिए एक अलग कानून बनाने की मांग की है। प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने वालों में डॉ. हर्ष महाजन, एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, कोरोना काल में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के निदेशक डॉ एसके सरीन, अशोक वैद, अनूप मिश्रा, ए.के. ग्रोवर, अलका कृपलानी और मोहसिन वली समेत 70 से ज्यादा नाम हैं। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है, “हम पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टर हाल में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई भयावह घटना के बारे में गहरी चिंता और पीड़ा के साथ आपको लिख रहे हैं। हमारे देश के प्रमुख के रूप में, हम इस भयावह स्थिति को दूर करने के लिए आपसे तत्काल और व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं।” पत्र में कहा गया, “हम पूरी एकजुटता के साथ पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं, जिसका दर्द और क्षति अकल्पनीय है। हम चिकित्सा समुदाय को भी अपना पूरा समर्थन देते हैं, जो अपने काम के दौरान इस तरह की हिंसा का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुरक्षित रखा जाना चाहिए।” *डॉक्टरों ने पीएम मोदी से की ये मांग* -डॉक्टर स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की सुरक्षा के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मौजूदा कानूनी ढांचे को और अधिक सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। -यौन हिंसा के अपराधियों के लिए कठोर और समयबद्ध सजा: डॉक्टर ऐसे अपराधों के खिलाफ निवारक के रूप में कठोर और त्वरित दंड की वकालत करते हैं। -अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में उन्नत सुरक्षा उपाय: पत्र में सरकार से सभी चिकित्सा कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के भीतर बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने का आग्रह किया गया है। -स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक विशेष कानून का अधिनियमन और कार्यान्वयन: हम केंद्र और राज्य सरकारों से स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक अलग कानून बनाने और लागू करने का आग्रह करते हैं, जिससे जमीन पर इसका तेजी से कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। -पत्र में कहा गया है कि एक प्रस्तावित विधेयक, “डॉक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम विधेयक” 2019 से तैयार किया गया है, लेकिन अभी तक पारित होने और अपनाने के लिए संसद में पेश नहीं किया गया है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि इस आशय का एक अध्यादेश तुरंत लाया जा सकता है, और विधेयक को तुरंत पारित किया जाना चाहिए ताकि देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों में काम करने वाले सभी लोग पीड़ित रोगियों की सेवा में बिना किसी डर के काम कर सकें। *सुप्रीम कोर्ट ने केस पर लिया स्वत: संज्ञान* महिला से रेप और मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इस केस पर स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ 20 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगी।
Aug 19 2024, 14:06
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