इस तरह बांधें भाईयों को राखी, होगा मंगल ही मंगल, जानिए कब राखी बांधने का है शुभ मुहूर्त
रक्षा बंधन इस वर्ष 19 अगस्त को यानी आज मनाया जा रहा है। इस बार भद्राकाल के चलते सुबह राखी नहीं बांधी जाएगी। भद्राकाल, जो शनि की बहन मानी जाती हैं, को शुभ कार्यों में बाधा डालने वाली माना जाता है। इसलिए इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। इस बार भद्राकाल सुबह से शुरू हो जाएगा, जिससे राखी दोपहर बाद बांधना सही रहेगा।
19 अगस्त को राखी बांधने के लिए लगभग 7 घंटे 37 मिनट का शुभ मुहूर्त उपलब्ध है। आप दोपहर डेढ़ बजे के बाद से राखी का त्योहार मना सकते हैं।
राखी बांधने की विधि परंपरागत रूप से विविध होती है, लेकिन इस विशेष दिन पर कुछ सामान्य रिवाज होते हैं। इस बार रक्षा बंधन पर सौभाग्य और शोभन योग बन रहे हैं, जिससे यह समय शुभ और फलदायी माना जा रहा है।
राखी बांधने से पहले, सबसे पहले भगवान को पूजा की जाती है। इसके लिए निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण किया जाता है:
ऊँ नमो नारायणाय
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:
इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए, राखी की पूजा की जाती है जिसमें रोली, अक्षत, फूल, धूप, दीप और प्रसाद का उपयोग किया जाता है। इसके बाद, चावल, पीला सरसों, दूब और पीला सिक्का को रेशमी या सूती वस्त्र में बांधकर कलाई में बांधने तक रखे जाते हैं। इसके साथ ही मौली (सुतली) भी जोड़कर राखी बांधी जाती है।
कई स्थानों पर राखी बांधते समय भाई को नारियल भी दिया जाता है। इस प्रकार से राखी की पूजा और बांधने की परंपरा को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ निभाया जाता है।
रक्षा बंधन 19 अगस्त को पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाएगा, जो सुबह 3:04 बजे से रात 11:55 बजे तक रहेगी। भद्राकाल की अवधि पूर्णिमा तिथि की शुरुआत के साथ शुरू होकर दोपहर 1:30 बजे तक चलेगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:30 से रात 9:07 तक है।







आज पूरे देश में भाई-बहन के प्रेम का प्रतिक त्योहार रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन भाइयों और बहनों के बीच प्यार और आपसी विश्वास की भावनाओं को मजबूत करता है।उन्होंने महिलाओं की रक्षा पर भी लोगों को संदेश दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि रक्षाबंधन हमारे देश की विविधता में एकता का प्रतीक है। यह त्योहार सांस्कृतिक और धार्मिक सीमाओं से परे है। द्रौपदी मुर्मू ने उन्होंने महिलाओं के हितों, अधिकार और सम्मान को लेकर कहा कि यह त्योहार हमारे महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए हमारे संकल्प को मजबूत करने का काम करता है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार देश में प्रेम और सद्भावना को बढ़ाता है। उन्होंने इस दौरान उम्मीद जताई कि इस त्योहार के जरिए महिलाओं का सम्मान समाज में बढ़ेगा। बता दें कि आज रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। यह एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भाइयों और बहनों के बीच प्यार और बंधन को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। राखी सुरक्षा की भावना का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर भाई अपनी बहनों को किसी भी प्रकार के परेशानी से बचाने का वादा करते हैं।
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। पूरा देश ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानित के कारण उबल रहा है। देशभर के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। राजनीतिक दल सड़कों पर है। इस बीच घटना पर दुख व्यक्त करते हुए 70 से अधिक पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है। उन्होंने कोलकाता में हुए जघन्य अपराध के दोषियों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने तथा डॉक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ शारीरिक और मौखिक दोनों तरह की हिंसा से निपटने के लिए एक अलग कानून बनाने की मांग की है। प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने वालों में डॉ. हर्ष महाजन, एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, कोरोना काल में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के निदेशक डॉ एसके सरीन, अशोक वैद, अनूप मिश्रा, ए.के. ग्रोवर, अलका कृपलानी और मोहसिन वली समेत 70 से ज्यादा नाम हैं। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है, “हम पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टर हाल में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई भयावह घटना के बारे में गहरी चिंता और पीड़ा के साथ आपको लिख रहे हैं। हमारे देश के प्रमुख के रूप में, हम इस भयावह स्थिति को दूर करने के लिए आपसे तत्काल और व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं।” पत्र में कहा गया, “हम पूरी एकजुटता के साथ पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं, जिसका दर्द और क्षति अकल्पनीय है। हम चिकित्सा समुदाय को भी अपना पूरा समर्थन देते हैं, जो अपने काम के दौरान इस तरह की हिंसा का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुरक्षित रखा जाना चाहिए।” *डॉक्टरों ने पीएम मोदी से की ये मांग* -डॉक्टर स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की सुरक्षा के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मौजूदा कानूनी ढांचे को और अधिक सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। -यौन हिंसा के अपराधियों के लिए कठोर और समयबद्ध सजा: डॉक्टर ऐसे अपराधों के खिलाफ निवारक के रूप में कठोर और त्वरित दंड की वकालत करते हैं। -अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में उन्नत सुरक्षा उपाय: पत्र में सरकार से सभी चिकित्सा कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के भीतर बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने का आग्रह किया गया है। -स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक विशेष कानून का अधिनियमन और कार्यान्वयन: हम केंद्र और राज्य सरकारों से स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक अलग कानून बनाने और लागू करने का आग्रह करते हैं, जिससे जमीन पर इसका तेजी से कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। -पत्र में कहा गया है कि एक प्रस्तावित विधेयक, “डॉक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम विधेयक” 2019 से तैयार किया गया है, लेकिन अभी तक पारित होने और अपनाने के लिए संसद में पेश नहीं किया गया है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि इस आशय का एक अध्यादेश तुरंत लाया जा सकता है, और विधेयक को तुरंत पारित किया जाना चाहिए ताकि देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों में काम करने वाले सभी लोग पीड़ित रोगियों की सेवा में बिना किसी डर के काम कर सकें। *सुप्रीम कोर्ट ने केस पर लिया स्वत: संज्ञान* महिला से रेप और मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इस केस पर स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ 20 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगी।
अमरनाथ यात्रा का आज समापन हो जाएगा। यह यात्रा सावन की पूर्णिमा तिथि को समाप्त होगी। श्री अमरनाथ यात्रा सोमवार को पवित्र छड़ी और विशेष पूजा के साथ संपन्न हो जाएगी। बता दे कि इस साल यात्रा इस साल यात्रा की शुरुआत 29 जून से हुई थी। पिछले दो दशक में यह चौथा मौका है जब बाबा बर्फानी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पांच लाख से अधिक है। आज छड़ी मुबारक की परंपरा निभाई जाएगी, उसके बाद अमरनाथ यात्रा को समाप्त कर दी जाएगी। श्री अमरनाथ यात्रा गुरुवार पवित्र गुफा में छड़ी मुबारक की पूजा के साथ संपन्न होगी। भगवान शिव की प्रतीक छड़ी मुबारक को श्रीनगर स्थान से पहलगाम और पंचतरिणी तक लाया जाता है। अमरनाथ मंदिर पवित्र छड़ी के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरी ने बताया कि एक रात रुकने के बाद छड़ी मुबारक रविवार सुबह श्रावण शुक्ल पक्ष चतुर्दशीके मौके पर शेषनाग शिविर से पंचतरणी शिविर के लिए रवाना हुई। इसके बाद पवित्र छड़ी साधुओं के एक समूह के साथ 14,800 फुट की ऊंचाई पर स्थित महागुन्स टॉप को पार कर गई थी। महागुन्स टॉप स्वामी अमरनाथ जी के पवित्र मंदिर के मार्ग में सबसे ऊंची चोटी है। छड़ी मुबारक को सोमवार सुबह श्रावण पूर्णिमा के मौके पर पवित्र गुफा में ले जाया जाएगा और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पारंपरिक पूजा और अनुष्ठान किए जाएंगे। *क्या है छड़ी मुबारक?* भगवान शिव की पवित्र गदा, जिसे छड़ी मुबारक के नाम से भी जाना जाता है। छड़ी मुबारक को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। यह एक धार्मिक परंपरा है। इस चांदी की छड़ी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस छड़ी में भगवान शिव की अलौकिक शक्तियां निहित हैं। कहा जाता हैं कि महर्षि कश्यप ने यह छड़ी भगवान शिव को इस आदेश के साथ सौंपी थी कि इसे प्रति वर्ष अमरनाथ लाया जाए। *इस साल 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन* जानकारी के अनुसार, इस साल 5.10 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। इसके पहले 2008 में 5.33 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। वर्ष 2012 में ऑलटाइम 6.35 लाख का रिकाॅर्ड बना था। 2011 में 6.21 लाख श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा की। वर्ष 2004 में चार लाख, 2005 में 3.88 लाख, 2006 में 3.47 लाख, 2007 में 2.96 लाख, 2009 में 3.81 लाख, 2010 में 4.55 लाख, 2013 में 3.54 लाख, 2014 में 3.72 लाख, 2015 में 3.52 लाख, 2016 में 2.21 लाख, 2017 में 2.60 लाख, 2018 में 2.85 लाख, 2019 में 3.43 लाख, 2020 में 3.04 लाख और 2023 में 4.50 लाख श्रद्धालुओं ने हिमलिंग के दर्शन किए।
Aug 19 2024, 13:46
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