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पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार फहराया तिरंगा, बोले- अनगिनत वीरों को हम नमन कर रहे

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देशभर में आज जश्न-ए-आजादी की धूम है। भारत आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा कि यह दिन उन अनगिनत लोगों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया और संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि देश आजादी के दीवानों का कर्जदार है। पीएम मोदी ने लाल किले से कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों ये हमारा स्वर्णिम काल खंड है, ये मौका हमें जाने नहीं देना है।

हमें गर्व है कि हमारे पास 40 करोड़ लोगों का खून: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से, प्राकृतिक आपदा के कारण, हमारी चिंताएं बढ़ रही हैं। कई लोगों ने प्राकृतिक आपदा में अपने परिवार के सदस्यों, संपत्ति को खो दिया है. देश को भी नुकसान हुआ है। आज, मैं उन सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि संकट की इस घड़ी में यह देश उनके साथ खड़ा है। लाल किले पर पीएम मोदी ने कहा, हमें गर्व है कि हमारे पास उन 40 करोड़ लोगों का खून है, जिन्होंने भारत से औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंका…आज, हम 140 करोड़ लोग हैं, अगर हम संकल्प करें और एक दिशा में एक साथ आगे बढ़ें, तभी हम रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को पार करके 2047 तक ‘विकसित भारत’ बन सकते हैं।

युवा, किसान, महिला गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं। अभावों के बीच स्वतंत्रता के प्रति इनकी निष्ठा, लोकतंत्र के प्रति इनकी श्रद्धा पूरे विश्व के लिए प्रेरक घटना है। जरा आजादी से पहले के वो दिन याद करें। सैकड़ों साल की गुलामी और उसका हर कालखंड संघर्ष का रहा. युवा हो, किसान हो, महिला हो या आदिवासी हों… वो गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। इतिहास गवाह है, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व भी हमारे देश के कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जा रही थी।

आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ है। हमारी कोशिश है कि हर सेक्टर में कार्य को गति दें। तेज गति दें। पहले हम सेक्टर में नए अवसर पैदा करें। दूसरा ढांचे में बदलाव करें और नागरिकों की सुविधाओं पर ध्यान दें। आज समाज खुद विश्वास से भरा हुआ है। हम एक ललक लेकर आगे बढ़ रहे हैं। प्रति व्यक्ति आय हम दोगुनी करने में सफल हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि विदेश मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है।

सीएम नीतीश कुमार ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की राज्य और देशवासियों को दी हार्दिक बधाई, गांधी मैदान में फहराएंगे तिरंगा

डेस्क : आज देश अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इसे लेकर पूरे देश के साथ बिहार में भी जश्न का माहौल है। राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार सुबह 9 बजे झंडा फहराएंगे।

इस पहले बीते बुधवार को मुख्यमंत्री ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राज्यवासियों और देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार स्वतंत्रता संग्राम में आहूति देने वाले वीर सपूतों को नमन किया।

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी आहूति देने वाले तमाम वीर सपूतों एवं स्वतंत्रता संग्राम के सभी सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनकी शहादत और कुर्बानियां अमर हैं। उनके संघर्ष और कुर्बानी के कारण ही हम सबको आजादी का यह महान तोहफा मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने राज्य एवं देशवासियों से अपील की है कि वे आपसी भाईचारा, मेल-जोल, सद्भाव, सहिष्णुता का वातावरण बनाए रखें।

देश की आजादी अक्षुण्ण रखने के लिये आज के दिन हम सब यह संकल्प लें कि हम अपनी एकता-अखंडता बनाये रखेंगे और देश को प्रगति, समृद्धि एवं विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। देश का नाम दुनिया में रौशन करते रहेंगे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का देश के नाम संबोधन, बोलीं- देश अपना संपूर्ण गौरव फिर से हासिल करेगा
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78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार, 14 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया।राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी का यह पर्व हमें उन दिनों की याद दिलाता है, जब देश के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया। हमारे स्वाधीनता सैनानियों ने हमें नई अभिव्यक्ति प्रदान की। सरदार पटेल, बोस, भगत सिंह, बाबा साहेब अंबेडकर जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की सराहना होती रही है। उन्होंने कहा, सभी देशवासी उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं। लहराते तिरंगे को देखना हमारे हृदय को उत्साह से भर देता है। ये महान देश का हिस्सा होने की खुशी को व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम अपने परिवार के साथ अलग-अलग त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी हैं। आजादी के त्योहार में शामिल होने वाले सभी देशवासी हमारा परिवार हैं।

मुर्मू ने कहा कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे देश को अपना संपूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी। बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अगले साल उनकी 150वीं जयंती का उत्सव राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके योगदान को और अधिक गहराई से सम्मान देने का अवसर होगा।

*विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का जिक्र*
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, आज, 14 अगस्त को, हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।

*महिला सशक्तिकरण का किया जिक्र*
राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, समावेशी भावना, हमारे सामाजिक जीवन के हर पहलू में दिखाई देती है। अपनी विविधताओं और बहुलताओं के साथ, हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं। मैं दृढ़ता के साथ यह मानती हूं कि भारत जैसे विशाल देश में, कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करना होगा। महिलाओं को केंद्र में रखते हुए सरकार द्वारा अनेक विशेष योजनाएं भी लागू की गई हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है।

*नई संहिता स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि*
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘इस वर्ष जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में, हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया है। नई संहिता का उद्देश्य, केवल दंड देने की बजाय, अपराध-पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। मैं इस बदलाव को स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं।

*भारत बना 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था', राष्ट्रपति मुर्मू*
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमारे नव-स्वाधीन राष्ट्र की यात्रा में गंभीर बाधाएं आई हैं। न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के संवैधानिक आदर्शों पर दृढ़ रहते हुए, हम इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि भारत, विश्व-पटल पर अपना गौरवशाली स्थान पुनः प्राप्त करे. वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है। इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है। हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है। ऐसा करके, उन्होंने भारत को कृषि-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हमारे देशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने में अमूल्य योगदान दिया है।
रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज को अमेरिका ने नहीं दिया वीजा, जानें क्या है वजह


अयोध्या में रामलला की मूर्ति बनाने वाले मुर्तिकार अरुण योगीराज और उनके परिवार को अमेरिका ने वीजा देने से इंकार कर दिया। उन्होंने एसोसिएशन ऑफ कन्नड़ कूट ऑफ अमेरिका के एक कार्यक्रम, विश्व कन्नड़ कंनवेंशन-2024 में भाग लेने के लिए आवेदन किया था।अरुण योगीराज के मुताबिक इनवाइट मिलने के बाद ही उन्‍होंने वीजा के लिए अप्‍लाई किया था। अमेरिकी अंबेसी को संपर्क कर उन्‍होंने अपने डॉक्‍यूमेंट दिए। अब अचानक उन्‍हें इस बात की जानकारी दी गई है कि उनकी अर्जी रिजेक्‍ट कर दी गई है।

अरुण को 20 दिन की यात्रा पर अमेरिका जाना था।अरुण योगीराज को एसोसिएशन ऑफ कन्नड़ कूटस ऑफ अमेरिका (AKKA) द्वारा आयोजित विश्व कन्नड़ सम्मेलन (डब्ल्यूकेसी 2024) में हिस्सा लेने लेने के लिए बुलाया गया था। ये कार्यक्रम 30 अगस्त से 1 सितंबर, 2024 तक वर्जीनिया के ग्रेटर रिचमंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होना है। सम्मेलन का उद्देश्य कन्नड़ संस्कृति और विरासत का जश्न मनाना है। क्योंकि, उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की प्रसिद्ध मूर्ति बनाई थी, इसलिए उन्हें सम्मान के तौर पर शामिल होने के लिए बुलाया गया था।

अरुण योगीराज के अनुसार उन्होंने वीजा संबंधित सभी डॉक्यूमेंट जमा किए थे, इसके वाबजूद भी उन्हें वीजा नहीं दिया गया। राम लला की मूर्ति बनाने के लिए मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज के वीजा आवेदन को अस्वीकार करने के लिए यूएस ने कोई आधिकारिक कारण भी नहीं बताया है।10 अगस्त को बिना किसी कारण का हवाला दिए उनके आवेदन को कैंसल कर दिया गया था।

इस साल की शुरुआत में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे अरुण योगीराज ने बनाया है। अरुण योगीराज की कई पीढ़ियां मूर्तियां बनाने का काम करती रही हैं, लेकिन रामलला की मूर्ति बनाकर अरुण देश-दुनिया में काफी लोकप्रिय हो गए हैं।
साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मॉर्ने मॉर्कल बने टीम इंडिया के नए गेंदबाजी कोच, जानें कब से शुरू होगा कॉन्ट्रैक्ट
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दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल को भारतीय टीम का गेंदबाजी कोच बनाया गया है। मोर्कल का करार एक सितंबर से शुरू होगा।गौतम गंभीर की मांग पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मॉर्ने मॉर्कल को टीम इंडिया का नया गेंदबाजी कोच नियुक्त किया है। बोर्ड ने पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को टीम इंडिया का मुख्य कोच नियुक्त किया था, लेकिन सहायक स्टाफ की घोषणा नहीं की थी।अभिषेक नायर और रयान टेन डोश्टे को बतौर असिस्टेंट कोच टीम में शामिल किया गया। वहीं अब भारत को उनका नया बॉलिंग कोच भी मिल गया।

क्रिकबज के अनुसार, मोर्ने मॉर्केल के भारतीय क्रिकेट टीम के नए बॉलिंग कोच का कॉन्ट्रैक्ट 1 सितंबर से शुरू होने वाला है। इस बात की जानकारी क्रिकबज को बीसीसीआई सचिव जय शाह ने दी है। मोर्ने मोर्केल शुरू से ही भारत के बॉलिंक कोच बनने की रेस में सबसे आगे चल रहे थे। मोर्केल आईपीएल में भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर के साथ कोचिंग स्टाफ में काम कर चुके हैं। दोनों लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ जुड़े हुए थे।इससे पहले, गंभीर और मोर्कल कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) टीम में भी तीन सीजन तक एक दूसरे के साथ काम कर चुके हैं।

मोर्कल का भारतीय टीम के साथ गेंदबाजी कोच के रूप में पहला काम बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली दो मैचों की टेस्ट सीरीज होगा। दोनों टीमों के बीच यह सीरीज 19 सितंबर से शुरू होगी। मोर्कल के नाम की चर्चा महीने भर से चल रही थी, लेकिन अब आधिकारिक रूप से उन्होंने म्हांब्रे की जगह ले ली है। इसके साथ ही बीसीसीआई ने विदेशी कोच नहीं बनाने के अपने चलन में करीब एक दशक बाद बदलाव किया है। पूर्व मुख्य कोच डंकन फ्लेचर के बाद पहली बार कोई विदेशी भारतीय कोचिंग टीम का हिस्सा होगा।

आपको बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट में भी मोर्ने मोर्केल को कोचिंग का अनुभव है। वह पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बॉलिंग कोच रह चुके हैं। मोर्केल के टीम इंडिया के साथ जुड़ने के बाद भारत की तेज गेंदबाजी पहले से और बेहतर नजर आ सकती है।
'आरोपियों को बचाने की कोशिश', कोलकाता रेप-हत्या मामले पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या पर दुख और आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि देश भर में चिकित्सा समुदाय और महिलाओं के बीच असुरक्षा बढ़ रही है। गुरुवार रात की घटना के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में गांधी ने मामले से निपटने की आलोचना की और शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाया।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जघन्य घटना से पूरा देश स्तब्ध है। जिस तरह से उनके खिलाफ क्रूर और अमानवीय कृत्य की परतें खुल रही हैं, उससे डॉक्टर समुदाय और महिलाओं में असुरक्षा का माहौल है।” उन्होंने आरोपियों को बचाने के कथित प्रयासों पर भी निशाना साधा और  कहा कि इससे "अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल" खड़े होते हैं।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह में डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं, तो माता-पिता अपनी बेटियों को पढ़ाई के लिए बाहर कैसे भेज सकते हैं? निर्भया कांड के बाद बने सख्त कानून भी ऐसे अपराधों को रोकने में असफल क्यों हैं, मुझे आश्चर्य हुआ।

राहुल गांधी ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय संवाद और ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।उन्होंने कहा, "हाथरस से लेकर उन्नाव और कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रही घटनाओं पर हर पार्टी को, समाज के हर वर्ग को गंभीर चर्चा करनी होगी और ठोस कदम उठाने होंगे।"

बलात्कार और हत्या का मामला, जिसके कारण डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया, अब कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही है। घटना 8 अगस्त को हुई, जिसके बाद  पूरे देश में आक्रोश का माहौल है।  डॉक्टर्स स्ट्राइक पर है और न्याय की मांग कर रहे हैं।
लड़खड़ा रही चीन की अर्थव्यवस्था में ये कैसा व्यापार, अब लाशों को बेचकर भरी जा रहीं जेबें

#thousands_corpses_sold_in_china
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। हालांकि की हाल के सालों में चीनी अर्थव्यवस्था में नाटकीय रूप से गिरावट आ रही है।हालात ऐसे हैं कि यह अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में अपस्फीति (वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में गिरावट) के कगार पर पहुंच सकता है।शुक्रवार को जारी स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, भुगतान संतुलन में चीन की प्रत्यक्ष निवेश देनदारियां अप्रैल-जून की अवधि में लगभग 15 बिलियन डॉलर कम हो गईं। इस बीच चीन से जुड़ी एक हैरान कर देने वाली खबर आ रही है। खबर आ रही है चीन में शवों का व्यापार हो रहा है।

चीन में एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ हुआ है जो श्मशान से लाश चुरा कर बेचता था। इस गैंग ने 4000 से अधिक लाशों की तस्करी कर ली थी। इन लाशों की तस्करी अंगों के लिए होती थी। मामले में चीन की एजेंसियों ने 75 लोगों को आरोपित बनाया है। पुलिस को ऐसे गैंग के बारे में पता चला है जो मृत लोगों के शरीर को श्मशान और मेडिकल लैब से चुरा कर बेच देता था। यह लाशें शांक्सी ओस्टेराइड बायोमेडिकल और हेन्गपू टेक्नोलॉजी नाम की कम्पनियों को बेचीं गई।

लाशें बेचने का यह सिलसिला 2015-23 के बीच चला और इससे लाशें बेचने वाले गैंग ने कम से कम ₹75 करोड़ बनाए। यह धंधा चीन यह धंधा चीन के सात राज्यों में चल रहा था और यहाँ से लाशों की तस्करी हो रही थी। चाइना डेली ने कहा कि अनहुई, ग्वांगडोंग, जियांग्सू, जियांग्शी, जिलिन, लियाओनिंग, सिचुआन और युन्नान प्रांतों में अधिकारियों की जांच में अंतिम संस्कार पार्लरों और इसी तरह के निकायों के कर्मचारियों द्वारा उल्लंघन के कई आरोप लगाए गए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में 70 से ज्यादा लोगों को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है। आरोप है कि श्मशान घाट के कर्मचारी गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे थे।
कानूनी पचड़े में फंसीं सपना चौधरी, कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट, हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी का है मामला


हरियाणवी डांसर और सिंगर सपना चौधरी हमेशा किसी न किसी वजह के चलते सुर्खियों का हिस्सा बनी रहती हैं. लेकिन इस बार सपना चौधरी कानूनी पचड़े में फंसी हैं. सिंगर की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. सपना पर गिरफ्तारी तक की तलवार लटकती हुई नजर आ रही हैं. दरअसल दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सपना चौधरी के खिलाफ एक हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया है.

दरअसल सपना को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन वो दी हुई तारीख पर नहीं पहुंची. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रश्मि गुप्ता ने मंगलवार को सपना चौधरी के कोर्ट में पेश न होने पर गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया. इस मामले पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, आरोपी (सपना चौधरी) की ओर से लास्ट सुनवाई पर पेशी से छूट मांगी गई थी. सपना मंगलवार को भी पेश नहीं हुई. सपना को फोन करने के बावजूद वह कोर्ट में पेश नहीं हुईं.


अब इस मामले में कोर्ट अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को करेगी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई तक आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट यानी NBW जारी किया जाता है. पूरे मामले की अगर बात करें तो पवन चावला नाम के शख़्स ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा था कि सपना चौधरी ने उनसे पैसों की धोखाधड़ी की थी. पवन की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने 2021 में FIR दर्ज की थी.


बिग बॉस में नजर आई थीं सपना चौधरी

सपना चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने पवन से बिजनेस के बहाने पैसे लिए थे, लेकिन उन्होंने और उनके परिवार ने पैसों का इस्तेमाल किसी और काम के लिए कर लिया. इस मामले में सपना चौधरी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. 28 मई, 2024 को कोर्ट ने IPC की धारा 420 और धारा 406 के तहत अपराध का संज्ञान लिया था. लेकिन भेजे गए समन के बावजूद भी सपना चौधरी कोर्ट में पेश नहीं हुई थी.
बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा करेंगे नागा साधु, कूच करने को तैयार, बोले- हमारा जन्म सनातन की रक्षा के लिए हुआ, सरकार हमें...



बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा अब हमारे नागा साधु करेंगे। हजारों की संख्या में नागा साधु बांग्लादेश कूच करने को तैयार हैं। उन्होंने इसके लिए भारत सरकार से इजाजत मांगी है। साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्य़क्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार असहनीय हैं। अगर भारत सरकार अनुमति दे तो यहां के नागा संन्यासी, जिनका जन्म सनातन की रक्षा के लिए हुआ है, हिंदुओं की रक्षा के लिए बांग्लदेश मार्च करने के लिए तैयार हैं।

बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद फैली हिंसा में कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाते हुए हिंदुओं को निशाना बनाया। तख्तापलट के अंतरिम सरकार बनने के बाद भी हिंदुओं पर हमले जारी है। हिंदू घरों और मंदिरों पर लगातार हमले ने संत समाज का आक्रोशित कर दिया है। इसे लेकर विगत मंगलवार (13 अगस्त) को साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद  ने हरिद्वार में एक बैठक की। बैठक में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद परिषद ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र से सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया।


संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को लिखे लेटर में परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अपराधों के बारे में अभी पूरी दुनिया चुप है। महंत रविंद्र पुरी ने लिखा कि- हमें आशा है कि आप अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के संतों की भावनाओं को समझेंगे और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और उनके उत्पीड़न पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। पुरी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की लहर की निंदा करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया है।

वहीं महंत रविंद्र पुरी ने यह भी कहा कि अगर भारत सरकार इजाजत देती है तो बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए नागा साधु उस देश तक कूच करने के लिए तैयार हैं। बता दें कि बांग्लादेश के कट्टरपंथी मुस्लिम (Fundamentalist Muslim) ने देश के 27 जिलों में हिंदुओं का कत्लेआम किया। उनके घरों और प्रतिष्ठान को निशाना बनाया।


वहीं घरों में लूटपाट करने के बाद आग के हवाले कर दिया। वहीं कट्टरपंथियों ने 50 से ज्यादा मंदिर फूंक दिए। पूरे देश में दंगाई आतंक का तांडव नृत्य किया। बांग्लादेश डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार की रात देश के 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और दुकानों पर हमले किए। दंगाइयाें ने टोली या छोटे-छोटे झुंड बनाकर हिंदू बस्तियों पर धावा बोला। हिंदुओं के घरों में घुसकर लोगों को मारपीट कर बाहर निकाला। पूरा सामान लूटने के बाद आग के हवाले कर दिया। विरोध करने वाले हिंदुओं को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था।
और कब तक भारत में रहेगीं शेख हसीना, बांग्लादेशी नेता का प्रवास कितनी बड़ी चुनौती?
#india_face_challenges_after_bangladesh_ex_pm_sheikh_hasina
5 अगस्त को बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना भाग कर भारत आई हैं। इससे एक बात तो साफ हो गई कि इस सबसे मुश्किल वक्त में भी भारत शेख हसीना के साथ ही खड़ा रहा। अब तक किसी दूसरे देश से शेख हसीना के शरण की बात सामने नहीं है। एक तरफ तो अमेरिका ने हसीना का वीजा रद्द कर दिया है, जबकि यूनाइटेड किंगडम ने सुझाव दिया है कि वह जिस भी सुरक्षित देश में पहुंचें, वहां शरण ले लें। ऐसे में शेख हसीना का भारत में अस्थायी प्रवास शीघ्र समाप्त होने की संभावना नहीं है। माना जा रहा है कि जब तक हसीना को कहीं और शरण नहीं मिलती, तब तक वह भारत में ही रहेंगी।

शेख हसीने के भारत में अस्थायी प्रवास का दोनों देशों के बीच संबंधों पर असर पड़ना तय है। इसमें कोई शक नहीं है कि मोदी सरकार ने शेख हसीना को शरण देकर अच्छा किया, लेकिन इसके नतीजे में बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाएं और बढ़ सकती हैं। वहां भारत विरोधी तत्व पहले से ही सक्रिय थे। शेख हसीना उन पर लगाम लगा रही थीं, लेकिन उनके भारत आने और बांग्लादेश लौटने की संभावनाएं शून्य होने के साथ ही पश्चिम ने जिस प्रकार उनसे मुंह मोड़ा, उससे साफ है कि भारत को बांग्लादेश में अपने हित सुरक्षित करना और कठिन हो सकता है।

भारत की समस्या केवल यह नहीं है कि वह बांग्लादेश में अपने हितों की रक्षा कैसे करे, बल्कि यह भी है कि वहां के अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से हिंदुओं को कैसे बचाए? आरक्षण विरोध के बहाने शेख हसीना को सत्ता से हटाने के आंदोलन के दौरान हिंदुओं पर छिटपुट हमले ही हो रहे थे, लेकिन तख्तापलट के बाद तो उनकी शामत ही आ गई है। बांग्लादेश का शायद ही कोई ऐसा इलाका हो, जहां से हिंदुओं के घरों, दुकानों और मंदिरों को निशाना बनाए जाने की खबरें न आ रही हों। शेख हसीना के शासन में बांग्लादेश के जो हिंदू खुद को थोड़ा-बहुत सुरक्षित महसूस करते थे, वे फिलहाल असहाय-निरुपाय दिख रहे हैं।
चिंता की बात यह है कि सेना उनकी रक्षा को उतनी तत्पर नहीं दिख रही, जितना उसे दिखना चाहिए। भारत को बांग्लादेश के हिंदुओं को बचाने के लिए कुछ करना होगा, अन्यथा उनका वैसा ही बुरा हाल होगा, जैसे अफगानिस्तान में हुआ और पाकिस्तान में हो रहा है।