*निःसंकोच होकर फाइलेरियारोधी दवा का करें सेवन : राकेश राठौर गुरू*
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर-फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। साल में एक बार कुछ फाइलेरिया रोधी दवाएं हमें जीवन भर की अपंगता से बचा सकती है। इस दवा को प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को आशा कार्यकर्ता के सामने खानी है। यह बात प्रदेश सरकार के नगर विकास राज्य मंत्री राकेश राठौर गुरू ने शनिवार को खैराबाद सीएचसी पर आयोजित सर्वजन दवा सेवन अभियान का शुभारंभ करते हुए कही। इस मौके पर राज्यमंत्री, सीएमओ और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी समेत अन्य तमाम लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा का भी सेवन किया।
राज्य मंत्री ने कहा कि इस बीमारी में पैर या हाथ का वजन इतना ज्यादा हो जाता है कि जीवन जीने में कठिनाई होती है। न जाने फाइलेरिया के कितने मरीजों को सामाजिक तिरस्कार भी सहनी पड़ी होगी। बार बार बुखार से पीड़ित होते हैं। इतनी दुस्वारियों से अच्छा है कि साल में एक बार आने वाले इस अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा खा लें ताकि स्वयं और समाज के भविष्य को बचाया जा सके। हमें अपनी संवेदना और जागरूकता इस बीमारी के प्रति व्यक्त करनी होगी। उन्होंने कहा कि मैं जिले के लोगों से अपील करता हूं कि निश्चित रूप से पूरी तरह निःसंकोच होकर दवा खिलाने वाली टीम के सामने दवा का सेवन करें। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिले के लोग निश्चित रूप से सकारात्मक सहयोग करेंगे।
सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने कहा कि फाइलेरिया से बचाव की दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि दवा खाली पेट नहीं खानी है। इस अभियान के तहत तीन तरह की दवाएं आईवरमेक्टीन, अल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार 42.46 लाख लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का लक्ष्य है। फाइलेरिया रोधी दवा एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को करनी है।
अभियान को सफल बनाने के लिए 3,735 टीमें और 719 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. दीपेंद्र वर्मा ने बताया कि फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद कुछ ,व्यक्तियों में जी मितलाने, चकत्ते पड़ना, चक्कर आना और उल्टी आने की समस्या हो सकती है। इससे घबराने के जरूरत नहीं है। फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद शरीर में फाइलेरिया परजीवियों के खत्म होने के कारण इस तरह के लक्षण होते हैं, जोकि कुछ देर बाद समाप्त हो जाते हैं। इस मौके पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. आरएस यादव, जिला मलेरिया अधिकारी जीतेंद्र कुमार, माइक्रोबायलॉजिस्ट डॉ. आरके सिंह, बीसीपीएम अंशूल त्रिपाठी, सीफार के भूपेंद्र सिंह, पीसीआई की अंशू मिश्रा, एमए खान सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
Aug 14 2024, 15:49