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हादसों का सड़क बनता जा रहा है आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे,जानिये कैसे

शिशिर पटेल

लखनऊ । यूपी में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे हादसों का सड़क बनता जा रहा है। इस सड़क पर चलना खतरों से खाली नहीं है। चूंकि इस रोड पर तेज रफ्तार के चलते लगातार भीषण हादसे हो रहे है। इसके पीछे कहीं न कहीं पुलिस व यातायात विभाग जिम्मेदार है। चूंकि हाईवे पर सीसीटीवी कैमरे जरूर लगाये गये है लेकिन वह केवल शो पीस साबित हो रहे है। नेशनल हाईवे पर वाहन फरार्टा भरते रहते है और उनका चालान तक नहीं कटता। पिछले पंद्रह दिनों में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर हुए हादसों पर गौर किया जाए तो यहीं निकल कर आया की ज्यादातर हादसे या तो चालक को झपकी आने से या फिर स्पीड बहुत तेज होने के कारण हुई है। इसके बाद भी हादसों से निपटने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

एक्सप्रेसवे पर रोड इंजीनियरिंग की दिख रही कमी

जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने जिस मंशा से यह एक्सप्रेसवे बनाया था क्या अब यह हादसों के लिए जाना जाएगा। ऐसे सवाल उठता है कि नेशनल हाईवे की टीम, ट्रैफिक की टीम, एनएचआई की टीम, ट्रैफिक व पुलिस विभाग की टीम क्या कर रही है। मुख्यमंत्री जो कि सड़क सुरक्षा समिति  के अध्यक्ष होते है। उनके द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि अभियान चलाकर सड़क हादसों पर लगाम लगाई जाए। सीएम के निर्देश पर यातायात विभाग द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके बाद भी एक्सप्रेस वे मौत के एक्सप्रेस वे बनते जा रहे है। साथ ही लगातार हादसों पर लगाम न लगना कई सारे सवाल खड़ा करता है। सड़क सुरक्षा को लेकर विभागीय तमगा क्यों गंभीर नहीं हो रहा है। जानकारों की माने तो एक्सप्रेस वे पर जो रोड इंजीनियरिंग है उसकी काफी कमी दिख रही है। इसकी सच्चाई पिछले दिनों आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे खुद बयां कर रहे है। 

केस- 1
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे  चालक को आई झपकी ने 25 जून को तीन लोगों की जान ले ली है। इस बार बोलेरो के ड्राइवर को झपकी आई तो उसकी गाड़ी डिवाइडर कूद कर दूसरी लेन में चली गई, इस दौरान सामने से आ रही एक कार से बोलेरो की टक्कर हो गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। 18 जुलाई में इसी एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा हो गया। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही  स्कॉर्पियो  ट्रक में पीछे से घुस गई। हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें बैठे तीन दोस्तों की मौत हो गई। जबकि दो दोस्त की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। हादसे के वक्त चालक पीछे की सीट पर बैठा था जो गंभीर रूप से घायल हुआ है।

केस-2
लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर उन्नाव जनपद में दस जुलाई सुबह लगभग साढ़े पांच बजे दूध के टैंकर में बिहार से आ रही डबल डेकर बस टकरा गई। हादसे में 18 यात्रियों की मौके पर मौत हो गई। 30 से ज्यादा घायल हो गए। यह बस सीतामढ़ी से दिल्ली जा रही थी। हादसे के बाद जांच में पता चला कि चालक को झपकी आ गयी जिसकी वजह से यह हादसा हो गया। इस हादसे को पीएम से लेकर सीएम तक ने संज्ञान में लिया और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिये थे। इस रोड पर जुलाई माह का सबसे बड़ा हादसा रहा है।

केस-3 जुलाई के अंत में फिर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर कार एक्सीडेंट में उप्र सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी के बेटा और बहू घायल हो गए। सूचना मिलते ही जिले के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। दोनों घायलों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इस हादसे में नंदी की बहू की नाक पर गंभीर चोट आई है। कार भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।

केस-4

अब अगस्त में माह की बात की जाए तो अभी दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के इटावा में भीषण सड़क हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर डबल डेकर बस एक कार से टकरा गई। हादसे के समय बस में 60 लोग सवार थे और कार में तीन लोग थे। हादसे में कार में सवार सभी लोगों की मौत हो गई। वहीं, बस में बैठे चार लोगों की जान गई है। घटना के बाद पता चला कि एक्सप्रेस-वे पर कन्नौज के लिए साइड से कट बना है। इसलिए आगे न जाकर रॉन्ग साइड ही कार दौड़ा दी। बस रायबरेली से नई दिल्ली जा रही थी। उसकी स्पीड काफी तेज थी। अचानक कार सामने आने पर ड्राइवर बस को कंट्रोल नहीं कर पाया और हादसा हो गया।साथ ही कार और बस दोनों की स्पीड काफी थी।

केस-5 अगस्त माह की शुरूआत होते ही ताला नगरी अलीगढ़ में कंटेनर और कार की टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई। यहां सवारियों से भरी एक ईको कार की कंटेनर से सीधी भिड़ंत हो गई। हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए और चीख पुकार मच गई। इस जबरदस्त हादसे में कार में सवार पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

तेज स्पीड व चालक को झपकी आने से हो रहे हादसे

पिछले दो माह के अंदर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर हुए हादसों से एक बात जरूर निकल कर आयी कि हादसे या तो तेज स्पीड या फिर चालक को झपकी आने से हो रही है। अब सवाल उठता है कि वाहनों के तेज स्पीड पर अंकुश लगाने के लिए एक्सप्रेस वे जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे है। अगर निर्धारित मानक से जिन वाहनों की स्पीड ज्यादा होती है उनका आॅनलाइन चालान कट जाना चाहिए लेकिन इस तरफ जिम्मेदार विभाग का ध्यान तनिक भी नहीं है। बताया जा रहा है कि जो सीसीटीवी कैमरे लगे है उनमें ज्यादातर शो पीश है। यह फिर रात के अंधेरे में वाहनों की रफ्तार को नहीं पकड़ पा रहे है। चूंकि ज्यादातर हादसे रात के अंधेरे में हो रहे है। अगर इसका कड़ाई से पालन होतो तो हाईवे पर वाहनों को फर्राटा भरते देखा जा सकता है।  साथ ही हादसों पर भी अंकुश लगता। इसके साथ ही सड़क पर वाहन लेकर चलने वालों की जांच होनी चाहिए कि कहीं शराब के नशे में धुत होकर तो नहीं वाहन चला रहे है। इसमें कहीं न कहीं कमियां है।जिसके सुधार न होने के कारण हादसों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

क्या बोले- एडीजी ट्रैफिक

अपर पुलिस महानिदेशक यातायात एवं सड़क सुरक्षा यूपी के सत्यनारायण ने बताया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर लगातार हो रहे सड़क हादसों को देखते हुए बस व कार चालकों से अपील की जा रही है कि तेज स्पीड में वाहन न चलाये। चालक शराब पीकर वाहन तो नहीं चला रहे है। इसकी जांच स्थानीय पुलिस के सहयोग से ब्रीथ एनलाइजर के माध्यम से टोल प्लाजा के नजदीक करने का काम किया जाएगा। ताकि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर होने वाले सड़क हादसों को रोका जा सके। तेज स्पीड से कार , बस व ट्रक चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
डीसीपी पूर्वी ने चिनहट थाने का किया निरीक्षण
लखनऊ।कानून व्यवस्था को बेहतर बनाये रखने के लिए डीसीपी पूर्वी ने बुधवार को चिन्हट थाने का औचक निरीक्षण किया।  साथ थाना प्रभारी सहित समस्त पुलिस कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए। डीसीपी पूर्वी लखनऊ शशांक सिंह ने बुधवार को  थाना चिनहट का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान  थाना परिसर, थाना कार्यालय, सीसीटीएनएस रूम, कर्मचारी बैरिक, मेस, सम्पत्ति गृह  व महिला हेल्प डेस्क चेक किया गया। सम्पत्ति गृह में सामान के रखरखाव को बेहतर करने के निर्देश दिये।

थाना कार्यालय में ड्यूटी पर मौजूद मुंशी व महिला हेल्प डेस्क अधिकारी से पूछताछ की व आवश्यक निर्देश दिए।साथ ही  थाना क्षेत्र में निरंतर प्रभावी रूप से पेट्रोलिंग, अपराध नियंत्रण व बीट क्षेत्र में भ्रमण किया जाए और थाना परिसर में साफ-सफाई रखने एवं अनावश्यक रूप से लम्बित पड़े वाहनों एवं मालों के विधिक निस्तारण के आदेश दिए गए।
जॉइंट सीपी ने कंट्रोल रूम का किया निरीक्षण
लखनऊ। राजधानी जॉइंट पुलिस कमिशनर कानून एवं व्यवस्था ने बुधवार को कैसर बाग क्षेत्र में स्थित कंट्रोल रूम की कार्यशैली का निरीक्षण किया और अफसरों को आवश्यक दिशा निर्देश देकर यातायात व्यवस्था को सुगम व सुचारू बनाने के लिए आदेश दिए। संयुक्त पुलिस आयुक्त ( कानून एवं व्यवस्था ) अमित वर्मा ने बुधवार को थाना कैसरबाग क्षेत्र के आईटीएमएस /आईसीसीसी कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया।

साथ ही राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुगम व सुचारू बनाने के लिए पुलिस कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने वीआईपी मूवमेंट,यातायात व्यवस्था,ट्रैफिक सिग्नल संचालन,सर्विलांस कैमरे संचालन,स्पीड कैमरा डिटेक्टर,गूगल मैप से यातायात दबाव की मॉनिटरिंग, व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम आदि का जायजा लेकर कंट्रोल रूम के सभी कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए।

लोहिया संस्थान में पहली बार मिला बॉम्बे ब्लड ग्रुप का मरीज
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में पहली बार बॉम्बे ब्लड ग्रुप के मरीज की पहचान हुई है। लोहिया संस्थान के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुब्रत चंद्रा द्वारा बताया गया कि बॉम्बे ब्लड ग्रुप भारत में दस हजार व्यक्तियों में से किसी एक को पाया जाता है।

यूरोपीय तथा विकसित देशों में 10 लाख में से एक इसमें एचएच एक ही एंटीजन (एच) लाल रक्त कणिकाए पाया जाता हैं, जिससे यह एबीओ ग्रुप से अलग होता है जिस कारण इसके मरीज को केवल एचएच बॉम्बे ब्लड ग्रुप का ही रक्त लिया या दिया जा सकता है।डाॅ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में राखी (बदला हुआ नाम) उम्र 25 वर्ष, महिला प्रसव के 40 हफ्ते 6 दिन के बाद रायबरेली से रेफर होकर राम मनोहर लोहिया संस्थान आई।

राखी पेशाब में खून आने की, सांस का फूलना तथा शिशु का गर्भ में कम घूमने की शिकायत के साथ संस्थान में आई। इसके बाद मरीज के खून का नमूना ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में आया जिसकी विस्तृत जांचों के बाद बाम्बे ब्लड ग्रुप में चिन्हित किया गया, क्योंकि यह अनुवांशिक होता है। इस मरीज को केवल यही रक्त का ग्रुप दिया जा सकता है। मरीज का हीमोग्लोबिन 5.1 पाया गया। इसके पश्चात विभाग द्वारा मरीज के पूरे परिवार की खून के नमूने की विस्तृत जांच की गई। मरीज के भाई का भी बॉम्बे ब्लड ग्रुप पाया गया। मरीज को उसके भाई का रक्त दिया गया। मरीज प्रसव उपरान्त अब सुरक्षित है।
प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा युवाओं को मिला एनएपीएस का लाभ, सीएम योगी ने प्रदेश में प्राथमिकता के आधार पर लागू की पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना
लखनऊ। देश में शिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) को योगी सरकार ने प्रदेश में पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया है। योजना के तहत प्रदेश के अंदर 2018 से लेकर 30 जून 2024 तक 2 लाख से ज्यादा प्रशिक्षुओं ने इसका लाभ लिया है। इसके लिए सरकार की ओर से 50 करोड़ से ज्यादा की राशि जारी की गई है।

उल्लेखनीय है कि युवाओं में शिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में इस योजना को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया है, जिसका परिणाम है कि लाखों युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी मिल पा रही है।

पुरुषों और महिलाओं दोनों को मिला लाभ

विभागीय अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2018 से लेकर 30 जून 2024 तक उत्तर प्रदेश में एनएपीएस योजना के तहत 2,18,033 प्रशिक्षुओं ने लाभ लिया है। इन लाभार्थियों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी बड़ी संख्या में सम्मिलित रही हैं। अप्रेंटिस का लाभ लेने वालों में जहां पुरुषों की संख्या 1,85,123 रही है तो वहीं महिलाओं की संख्या 32,608 है। इस योजना में युवाओं को प्रशिक्षण के साथ ही स्टाइपेंड के रूप में आर्थिक सहायता भी प्राप्त हुई। इसके लिए योजना के अंतर्गत प्रदेश में 30 जून तक 51.72 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है। यही नहीं, जुलाई 2023 से लेकर 30 जून 2024 के बीच में प्रशिक्षणार्थियों के बीच 46.85 करोड़ रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से वितरित की गई है।

431 स्थानों पर आयोजित हुए अप्रेंटिसशिप मेला

इस योजना के तहत सरकार ने प्रदेश भर में जून 2022 से जून 2024 तक 431 स्थानों पर प्रधानमंत्री नेशनल अप्रेंटिसशिप मेला (पीएमएनएएम) का आयोजन किया है। इस मेले में प्रदेश भर से 31,273 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। इसमें देश भर से 1873 छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों ने भी प्रतिभाग किया है। मालूम हो कि इस योजना से कुल 5757 उत्कृष्ट प्रतिष्ठान जुड़े हुए हैं, जो न सिर्फ युवाओं को अप्रेंटिसशिप का अवसर उपलब्ध करा रहे हैं, बल्कि कुशल युवाओं को भी तैयार कर रहे हैं।

नियोक्ताओं को मिलता है कुशल कार्यबल

योजना के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को स्टाइपेंड मिलता है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से सहायता प्राप्त होती है। प्रशिक्षुता के माध्यम से प्रशिक्षणार्थी व्यावहारिक अनुभव और कौशल से लैस होते हैं, जो उनके करियर में मददगार होता है। प्रशिक्षुता पूरी करने के बाद, प्रशिक्षुओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होते हैं। दूसरी तरफ, सरकार योजना के अंतर्गत नियोक्ताओं को प्रशिक्षुओं के वजीफे का 25% (अधिकतम 1500 रुपये प्रति माह) प्रदान करती है। वहीं, अप्रशिक्षित प्रशिक्षुओं के बुनियादी प्रशिक्षण की लागत का एक हिस्सा भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस योजना के माध्यम से नियोक्ताओं को प्रशिक्षित और कुशल कार्यबल मिलता है, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ती है तो वहीं रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होते हैं।
एक लाख का इनामी शार्प शूटर को एसटीएफ ने मुठभेड़ में किया ढेर, मुख्तार अंसारी, शाहबुद्दीन और मुन्ना बजरंगी के लिए करता था काम 
लखनऊ । मथुरा में माफिया मुख्तार अंसारी के एक लाख के इनामी शार्प शूटर पंकज यादव को बुधवार सुबह यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। मथुरा के सारे थाना इलाके में बुधवार सुबह यह मुठभेड़ हुई। बताया जा रहा है कि पंकज यादव के साथ एक और बदमाश था। वह भागने में सफल रहा।

कुख्यात अपराधी पंकज यादव उर्फ नखड़ू पुत्र राम प्रवेश यादव निवासी ताहिरापुर, रानीपुर, मऊ के ऊपर दो दर्जन से अधिक हत्या एवं अन्य संगीन मुकदमे दर्ज थे। पंकज यादव पर मऊ के चर्चित मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह रामसिंह और उनकी सुरक्षा में चल रहे आरक्षी सतीश कुमार की हत्या का आरोप है।

पंकज यादव मुख्तार अंसारी, शाहबुद्दीन और मुन्ना बजरंगी गैंग के लिए भी शार्प शूटर का काम करता था। मथुरा पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश शाही की टीम ने फरह में रोसू गांव के पास बुधवार सुबह करीब 5:20 बजे मुठभेड़ के दौरान पंकज यादव को ढेर कर दिया। उसका एक अन्य अपराधी साथी भागने में सफल रहा है। यह हिस्ट्रीशीटर पूर्वांचल के कई जिलों में हत्या और अन्य संगीन करीब दो दर्जन से अधिक मामलों में वांछित चल रहा था। बदमाश के शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
मध्य प्रदेश में भी संगठन विस्तार की तैयारी में अपना दल (एस), जल्द महत्वपूर्ण पदों पर लगेगी मुहर
लखनऊ/ भोपाल। हाल में संपन्न हुई अपना दल (एस) की प्रांतीय मासिक बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। 18वीं लोकसभा चुनाव के अनुभवों व सुझावों पर आधारित इस बैठक में जहाँ एक तरफ पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आउटसोर्सिंग भर्ती में आरक्षण का मुद्दा उठाकर सियासी सरगर्मी पैदा कर दी, वहीं पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल ने संगठात्मक ढांचे को अधिक मजबूत करने पर जोर दिया। सहकारिता भवन में हुई इस बैठक में राष्ट्रीय पदाधिकारियों समेत उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के कार्यकारी प्रदेश व जिला पदाधिकारी भी शामिल हुए। इस दौरान राष्ट्रीय सलाहकार जवाहरलाल पटेल व मध्य प्रदेश से का. महासचिव रोहित चंदेल भी शामिल हुए। पार्टी की योजना यूपी के साथ-साथ मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों में भी मजबूत संगठन का निर्माण करने की है। 

मध्य प्रदेश में पार्टी विस्तार की योजना पर राजनीतिक रणनीतिकार अतुल मलिकराम ने कहा कि, "गत लोकसभा चुनाव में पार्टी ने मिर्जापुर से ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के साथ कुछ बेहद महत्वपूर्ण सीख भी ली है। सभी जाति-वर्गों को केंद्र में रखने के साथ-साथ पार्टी की मासिक व सालाना गतिविधियों में भी इजाफा किया गया है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्तर पर गरीब, पिछड़े, वंचित वर्ग की आवाज बुलंद करने वाली पार्टी के रूप में एक अलग छवि विकसित करने के लिए यह बेहद आवश्यक है कि मध्य प्रदेश संगठन पर भी समान रूप से ध्यान दिया जाये। पार्टी को फ़िलहाल जमीनी स्तर पर पूरी जिम्मेदारी व ईमानदारी से कार्य करने की आवश्यकता है।"

बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल ने जल्द ही संगठन के सभी पदों की घोषणा किये जाने की बात कहीं, वहीं बाँदा, लखनऊ समेत कुछ जिलों के जिलाध्यक्षों को पुनः जिम्मेदारी सौंपे जाने की घोषणा भी की। इस दौरान उन्होंने कुछ पदाधिकारियों के अधिक सरकारी होने की तरफ भी इशारा किया तथा कहा कि जिसे जो जिम्मेदारी मिले वह उसे पूरे समर्पण के साथ उसका निर्वहन करे।
संयुक्त पारिवारिक संपत्ति के विभाजन और अपनी संपत्ति व्यवस्थापन प्रक्रिया का करें सरलीकरण : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मात्र 5,000 रुपये के स्टाम्प शुल्क के साथ अपनी अचल संपत्ति को रक्तसंबंधियों के नाम करने की बड़ी सहूलियत देने के बाद उत्तर प्रदेश में अब पारिवारिक विभाजन और व्यवस्थापन में भी बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि एक परिवार के सदस्यों के बीच अचल संपत्ति के बंटवारे तथा जीवित व्यक्ति द्वारा अपनी संपत्ति को अपने परिवारी जनों के नाम किए जाने पर देय स्टाम्प शुल्क भी 5,000 रुपये तय किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक खर्च के कारण प्रायः परिवार में विभाजन की स्थिति में विवाद की स्थिति बनती है और कोर्ट केस भी होते हैं। न्यूनतम स्टाम्प शुल्क होने से परिवार के बीच सेटलमेंट आसानी से हो सकेगा। मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा आम आदमी के ईज़ ऑफ़ लिविंग के लिए अनेक प्रयास किये गए हैं। संपत्ति विभाजन और व्यवस्थापना प्रक्रिया में सरलीकरण से लोगों को और सुविधा होगी।

यह होता है विभाजन

विभाजन विलेख में सभी पक्षकार विभाजित सम्पत्ति में संयुक्त हिस्सेदार होते हैं एवं विभाजन उनके मध्य होता है।

विभाजन विलेख में प्रस्तावित छूट एक ही मृतक व्यक्ति के समस्त लीनियल डीसेंडेंट्स, जो सहस्वामी हों, को आच्छादित करेगी अर्थात यदि दादा की मूल सम्पत्ति में वर्तमान जीवित हिस्सेदार चाचा/भतीजा/भतीजी हैं, तो वह इसका उपयोग कर सकते हैं।

यह होता है व्यवस्थापन

व्यवस्थापन विलेख में व्यवस्थापन कर्ता पक्षकार (जीवित) अपनी व्यापक सम्पत्ति को कई पक्षकारों के मध्य निस्तारित करता है।व्यवस्थापन विलेख में प्रस्तावित छूट के अधीन व्यवस्थापन कर्ता पक्षकार अपने समस्त लीनियल डीसेंडेंट्स/डीसेंडेंट्स, जो किसी भी पीढ़ी के हों, के पक्ष में व्यवस्थापन कर सकता है। अर्थात सम्पत्ति यदि परदादा परदादी जीवित हों, तो उनके पक्ष में, एवं यदि प्रपौत्र/प्रपौत्री जीवित हों, तो उनके पक्ष में भी किया जा सकता है।
लखनऊ में बीच सड़क पर महिला ने लगाई आग, जनता दर्शन में शिकायत करने के लिए पहुंची थी महिला, हालत गंभीर
लखनऊ। राजधानी के गौतमपल्ली थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक महिला ने ज्वलनशील पदार्थ अपने ऊपर डालकर खुद को आग लगा ली है। वह अपने एक साल के बच्चे को भी साथ लायी थी। परिवारिक विवाद के बाद न्याय के लिए मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में आयी थी। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस ने झुलसी महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराते हुए मामले की जांच कर रही है।

पुलिस उपायुक्त मध्य रवीना त्यागी ने बताया कि उन्नाव जनपद में थाना पुरवा की ग्राम छत्ताखेड़ा की रहने वाली अंजली जाटव अपने एक साल के बेटे को लेकर यहां पर आयी थी। विक्रमादित्य मार्ग पर 19बीडी चौराहे के पास महिला ने ज्वलनशील पदार्थ अपने ऊपर उड़ेलकर आग लगा ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे आनन-फानन में इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है।डीसीपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में यह मालूम हुआ है कि महिला परिवारिक समस्या से पीड़ित थी। इसी वजह से उन्होंने यहां पर आकर घटना को अंजाम दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर आयी थी महिला

उन्नाव से महिला सीएम योगी के जनता दरबार में आई थी। बाहर आने के बाद उसने अपने मासूम बच्चे को सड़क किनारे रख दिया। फिर बैग से पेट्रोल की बोटल निकाली और खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। जब तक लोग व पुलिस कर्मी दौड़े तब तक महिला लगभग सत्तर फीसदी जल चुकी थी। आग बुझाने के बाद महिला चिल्लाने लगी उसे बचा लो। महिला का नाम अंजली और पति का नाम देश राज है। महिला दो दिन पहले भी जनता दरबार आई थी। जिसमें उसे कार्रवाई का आश्वासन मिला था। डीसीपी ने बताया कि महिला का पारिवारिक विवाद में पुरवा थाने में एक मुकदमा दर्ज है। उसकी जांच की जा रही है।

महिला के बैग से मिला एक प्रार्थना पत्र

महिला के पास से एक लाल रंग का बैग मिला है। जिसमें सीएम योगी के नाम लिखा एक प्रार्थना पत्र मिला है। जिसमें लिखा है कि ससुराल वालों ने उससे पैसा और मंगलसूत्र छीन लिया है। पुलिस से शिकायत की तो उसे वापस नहीं दिलवा रही है। पुरवा थाने का दरोगा रिश्वतखोर है। सीएम से शिकायत करने के बाद पुलिस उसे लखनऊ लेने आयी। रास्ते में ले जाते समय समझौता करने के लिए उसे खूब डराया धमकाया। पुलिस पूरे मामले को गंभीरता पूर्वक से लेते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

महिला के आत्मदाह की कोशिश करने के बाद उन्नाव प्रशासन ने दी सफाई

इस पूरे मामले में उन्नाव प्रशासन की तरफ से सफाई दी गई। जिसमें बताया गया कि लखनऊ में एक महिला जिसका नाम अंजलि जाटव पत्नी देशराज है उसके द्वारा ज्वलनशील पदार्थ डालकर आत्महत्या का प्रयास होना संज्ञानित हुआ है । महिला के द्वारा अपने पति तथा ससुरालजनों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है । उक्त प्रकरण में महिला द्वारा जनता दर्शन तथा जिलाधिकारी  के तहसील दिवस में उपस्थित होकर कार्रवाई न होने की बात कही गई थी। जिस पर जिलाधिकारी उन्नाव द्वारा संबंधित पुलिस अधिकारी तथा उपजिलाधिकारी पुरवा को अग्रिम कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया था।

पुलिस महिला के पति व देवर को भेज चुकी है जेल

उपरोक्त के अनुपालन में महिला के पति तथा देवर को उप जिलाधिकारी पुरवा के न्यायालय में पांच अगस्त को  प्रस्तुत किया गया था, जिस पर उप जिलाधिकारी पुरवा द्वारा दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए महिला के प्रताड़ना के आरोपित पति तथा देवर को बीएनएसएस के अंतर्गत धारा 127/130/135(3)/170 में जेल भेज दिया गया था । महिला का 1 साल का छोटा बच्चा होना भी संज्ञानात हुआ है जिसे महिला अपने साथ लखनऊ ले गई थी उसकी देखभाल के लिए उचित प्रबंध किए जा रहे हैं ।
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में मकान गिरने की घटना में मंडलायुक्त से लिया पीड़िताें का हालचाल

लखनऊ/वाराणसी। विश्वनाथ मंदिर के पास दाे मकान गिरने की घटना का प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने संज्ञान लिया है। उन्हाेंने मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा से इस हादसे काे लेकर बात की है। प्रधानमंत्री द्वारा रेस्क्यू और मौजूदा हालात की मंडलायुक्त से जानकारी ली। हादसे में महिला की मौत पर प्रधानमंत्री ने दुख व्यक्त किया है। उन्हाेंने घायलों का नि:शुल्क इलाज कराने का निर्देश अधिकारियाें काे दिया।

उधर, वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी में चौक थाना क्षेत्र के खोया गली में राजेश गुप्ता व मनीष गुप्ता के जर्जर हाे चुकी मकान बारिश के चलते गिर गये। मकानों के गिरने की सूचना पर रेस्क्यू आपरेशन करा के मलबे में दबे आठ लोगों को बाहर निकाला गया है। घायलों को कबीरचौरा के शिवप्रसाद गुप्त चिकित्सालय भिजवाया गया है।

मंडलायुक्त ने बताया कि पूरे घटनाक्रम में छह लोगों का उपचार शिवप्रसाद गुप्त चिकित्सालय में चल रहा है। एक बच्चे की स्थिति नाजुक होने पर उसे ट्रामा सेंटर भिजवाया गया है। घटना में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात रही एक महिला सिपाही भी घायल हुई है, जिसका उपचार चल रहा है। वहीं एक महिला की माैत हाे गई है।

उन्होंने बताया कि घटना के बाद मौके से मलबा हटाने के लिए नगर निगम की टीम पहुंच चुकी है। रेस्क्यू आपरेशन करने वाली एनडीआरएफ की टीम अपना कार्य पूर्ण कर चुकी है। क्षेत्र में अव्यवस्था को रोकने के लिए मौके पर पहुंची वाराणसी पुलिस ने जिम्मा सम्भाल लिया है।