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मोहम्मद सिराज फिर बीच मैदान में भड़के, इस खिलाड़ी को दिखाई आंखें


डेस्क: भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज मैदान में हों तो कभी भी कुछ भी हो सकता है। वैसे तो सिराज अपनी धारदार गेंदबाजी से विकेट लेने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कभी कभार वे तेवर भी दिखा ही देते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ। भारत और श्रीलंका के बीच कोलंबो में खेले जा रहे तीसरे वनडे में एक बार फिर से ऐसा ही कुछ नजर आया, जब वे बीच मैच के दौरान श्रीलंका के बल्लेबाज कुसल मेंडिस को आंखें दिखाते हुए नजर आए। इसका वीडियो भी आप यहां देख सकते हैं।



दरअसल आज के मुकाबले में श्रीलंका के कप्तान ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। यानी भारत को पहले गेंदबाजी करनी थी। श्रीलंका के सलामी बल्लेबाजों ने टीम को एक अच्छी शुरुआत से टीम को मजबूती दी। पारी के 38 ओवर हो चुके थे और श्रीलंका की टीम तीन विकेट पर 138 रन बना चुकी थी। कप्तान रोहित शर्मा ने 39वां ओवर मोहम्मद सिराज को थमाया। इस बीच इस ओवर की तीसरी बॉल पर सिराज और कुसल मेंडिल के बीच कुछ शब्दों का आदान प्रदान हुआ। सिराज की ये बॉल करीब 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फेंकी गई थी। ये एक स्किड बॉल थी, जो थोड़ी नीचे भी रही। मेंडिस ने समय रहते अपना बल्ला नीचे किया और गेंद को रोका। इसके बाद सिराज और मेंडिस एक दूसरे को देखते हैं। ये घटनाक्रम कुछ सेकेंड तक चलता है और इसके बाद सिराज वापस अपने रनअप पर लौट जाते हैं।


मजे की बात ये भी रही कि सिराज ने इसी ओवर में एक विकेट भी ले लिया। हालांकि आउट होने वाले बल्लेबाज मेंडिस नहीं थे। इसी ओवर की चौथी बॉल पर मेंडिस ने एक रन लिया और दूसरे छोर पर चले गए। अब सिराज के सामने समरविक्रमा थे। ये बॉल 139 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तर से की गई और समरविक्रमा एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। यॉर्कर बॉल पर सिराज बड़ी अपील की। विराट कोहली और सिराज को लग रहा था कि आउट है, लेकिन कीपर ऋषभ पंत ने कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। सिराज ने कप्तान रोहित को रिव्यू लेने के लिए मना लिया। जब तीसरे अंपायर ने इसे चेक किया तो पता चला कि  समरविक्रमा ने जल्दबाजी में अपना बल्ला नीचे किया। अल्ट्राएज ने पुष्टि की और बॉल-ट्रैकिंग से पता चला कि गेंद लेग से टकराई थी। जोएल विल्सन का फैसला पलट दिया गया और समरविक्रमा गोल्डन डक पर आउट हो गए। यानी वे पहली ही बॉल पर बिना कोई रन बनाए आउट होकर पवेलियन लौट गए।


बात मुकाबले की करें तो श्रीलंका की टीम अपने सलामी बल्लेबाजों की बढ़िया शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाए और पूरी टीम 50 ओवर में केवल 248 रन ही जुटा सकी। अब भारतीय टीम को अगर ये मैच जीतना है तो उसे 249 रन बनाने होंगे। सीरीज का पहला मैच टाई हो गया था, वहीं दूसरे मैच में भारत को 32 रन से हार का सामना करना पड़ा था। अब सीरीज को अगर बराबरी पर लाना है तो टीम इंडिया को हर हाल में इस लक्ष्य को हासिल करना होगा।
विनेश फोगाट अस्पताल में भर्ती, इस वजह से अचानक लिया गया बड़ा फैसला


डेस्क : पेरिस ओलंपिक 2024 में मंगलवार को जब विनेश फोगाट से एक के बाद एक लगातार अपनी तीन मुकाबले जीते और सीधे फाइनल में एंट्री की, इसके बाद पूरे हिन्दुस्तान में जश्न का माहौल था। फाइनल में पहुंचने का मतलब था कि भारत और विनेश फोगाट का मेडल पक्का हो गया था। इसके बाद बुधवार को केवल इतना ही तय होना था कि वो मेडल गोल्ड होगा या फिर सिल्वर। लेकिन इससे पहले कि मेडल हाथ आता खेल हो गया। विनेश फोगाट का फाइनल मुकाबला रात करीब 12 बजकर 45 मिनट पर होना था। लेकिन उससे पहले जब उनका वजन किया गया तो वो कुछ ज्यादा आ गया। इसके बाद वे इस इवेंट से बाहर हो गईं हैं। इस बीच खबर है कि जैसे ही उन्हें इवेंट से डिस्क्वालीफाई किया, उसके बाद अचानक से विनेश फोगाट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट की ऐतिहासिक पटखनी से हर कोई खुश था और उनसे गोल्ड की आस लगाए बैठा था, लेकिन किसको पता था कि विरोधी पहलवानों को पटखनी देने वाली विनेश को वक्त के आगे झुकना पड़ेगा। गोल्ड से मात्र एक कदम दूर विनेश ओलंपिक फाइनल से डिसक्वालीफाई हो चुकी हैं और इसका कारण मात्र उनका अधिक 100 ग्राम वजन है। ओलंपिक में फाइनल तक का सफर तय करना भारत की इस बेटी के लिए आसान नहीं था, उसे प्री-क्वार्टर में ही 4 बार की विश्व चैंपियन और पिछले ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट का सामना करना था। विनेश के पिता महावीर फोगाट का मानना था कि ये मैच गोल्ड की लड़ाई है। एक चुनौतीपूर्ण मुकाबले में विनेश ने सुसाकी को 3-2 से हराया। सुसाकी ने अपने करियर के सभी 95 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले जीते थे। लेकिन, विनेश ने सुसाकी को उन्हीं के पैंतरे से मात दी।

इस बीच इवेंट से बाहर होने के बाद खबर आई है कि अचानक से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। हालांकि चिंता की कोई बात नहीं है। पता चला है कि विनेश डिहाइड्रेशन का शिकार हुई हैं। इसलिए उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा है। यानी अब वे कुछ वक्त तक वहीं पर रहेंगी। विनेश के बारे में बताया जा रहा है कि वे फाइनल से पहले की पूरी रात सोई नहीं हैं। इस दौरान वे साइकलिंग और जॉगिंग करती रहीं, ताकि उनका वजन ज्यादा ना हो, लेकिन फिर भी वे 100 ग्राम से चूक गईं।

विनेश की फॉर्म देखकर ये साफ था कि वो गोल्ड की प्रबल दावेदार हैं लेकिन भाग्य का साथ नहीं मिलने के कारण वो इस ऐतिहासिक जीत से चूक गईं। विनेश फोगाट को पेर‍िस ओलंप‍िक में ड‍िस्क्वाल‍िफाई घोष‍ित किया गया है। वह 50 किलोग्राम रेसल‍िंग के फाइनल में पहुंची थी। उनका इवेंट के दूसरे दिन 50 किलोग्राम वर्ग में अधिक वजन पाया गया।
ओलंपिक के फाइनल मुकाबले से पहले बाहर हुई पहलवान विनेश फोगाट, ज्यादा वजन के चलते हुईं बाहर, अब सिल्वर भी नहीं मिलेगा



डेस्क: पेरिस ओलंपिक 2024 में महिला कुश्ती 50 किग्रा स्पर्धा के फाइनल मुकाबले से पहले पहलवान विनेश फोगाट को तगड़ा झटका लगा है। उन्हें अधिक वजन के कारण फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया है। मंगलवार को उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की लोपेज गुजमान को 5-0 से हराया था। वह ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान बनीं थीं।

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि विनेश फोगाट को वजन ज्यादा होने की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। संघ ने कहा, "भारतीय दल को इस बात का दुख है कि महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम वर्ग से विनेश फोगट को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। रात भर टीम द्वारा किए गए बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, आज सुबह उनका वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम अधिक था। इस समय दल द्वारा कोई और टिप्पणी नहीं की जाएगी। भारतीय दल आपसे विनेश की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करता है। वह मौजूदा प्रतियोगिताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहेगा।"


मंगलवार को खेले गए मुकाबले में विनेश पहले राउंड तक 1-0 से आगे थीं। फिर आखिरी तीन मिनट में उन्होंने क्यूबा की पहलवान पर डबल लेग अटैक किया और चार पॉइंट अर्जित किए। इस बढ़त को उन्होंने अंत तक बनाए रखा और फाइनल में जगह बनाई। विनेश का इस ओलंपिक में सफर शानदार रहा है। सेमीफाइनल से पहले उन्होंने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की लिवाच उकसाना को 7-5 से हराया था।


फाइनल में विनेश का अमेरिका की सारा एन हिल्डब्रांड से मुकाबला होना था। अमेरिका की इस पहलवान ने टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वे विश्व चैंपियनशिप में दो रजत और दो कांस्य मेडल भी जीत चुकी हैं। यह मुकाबला देर रात 12:30 बजे (आठ अगस्त) खेला जाएगा।

फाइनल के लिए क्वालिफाई करने के बाद विनेश ने अपनी मां से वीडियो कॉल के जरिए बात की थी। विनेश अपनी मां और परिवारवालों से बात करते हुए स्वर्ण पदक जीतने का वादा किया था। हालांकि, अब वह इस मुकाबले से बाहर हो गई हैं।
बांग्लादेश में नहीं थम रही हिंसा, होटल में आगजनी में दो भारतीय नागरिक घायल, अवामी लीग के नेता के होटल में 24 लोगों को जिंदा जलाया
डेस्क: बांग्लादेश में हिंसा मंगलवार को भी जारी है। बांग्लादेश में एक इंडोनेशियाई नागरिक सहित कम से कम 24 लोगों को भीड़ ने जिंदा जला दिया। बांग्लादेश में हिंसा के बाद से ही लोग अवामी लीग पार्टी के एक नेता के होटल में रुके हुए थे।


यह घटना ऐसे समय हुई जब पार्टी की नेता शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़कर चली गईं हैं। स्थानीय पत्रकारों और अस्पताल सूत्रों ने मंगलवार को जानकारी दी कि सोमवार को रात करीब 1 बजे के बाद अज्ञात लोग आए और होटल को आग लगा दी, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अवामी लीग सरकार का विरोध करने वाली उग्र भीड़ ने होटल के भूतल पर आग लगा दी और यह शीघ्र ही ऊपरी मंजिलों तक फैल गई।


वहीं, बांग्लादेश में अवामी लीग के नेता के होटल में आग लगाने की घटना में दो भारतीय नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक मुहम्मद सईद अली और रबीउल अली नाम के दो भारतीय नागरिक गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।

ये दोनों भारत के असम के रहने वाले हैं।

सूत्रों के मुताबिक, दोनों भारतीय बिजनेसमैन हैं और व्यावसायिक कारणों से बांग्लादेश गए थे।

बांग्लादेश के जेसोर में मंगलवार सुबह बदमाशों ने 11 मंजिला एक होटल में आग लगा दी। इसके बाद दो युवकों ने 11वीं मंजिल से जान बचाने के लिए छलांग लगा दी। उन्हें गंभीर हालत में भारत लाया गया।

जेस्सोर में अवामी लीग नेता के होटल में आग लगाने की घटना में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई, 84 अन्य घायल हो गए।

जिस होटल में आगजनी हुई, वह आवामी लीग के नेता शाहीन चकलादार का है। चकलादार जेसोर जिले के अवामी लीग के महासचिव हैं। डिप्टी कमिश्नर अबरारुल इस्लाम ने आगजनी की खबर की पुष्टि की है।

शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

अब उपद्रवी अल्पसंख्यक हिंदुओं, शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के समर्थकों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे हैं।
पेरिस खेलगांव की ऐसी बदहाली...गोल्ड मेडलिस्ट एथलीट पार्क में सोने को हुआ मजबूर




डेस्क: खेलों के आयोजन के अलावा पेरिस ओलंपिक 2024 अपने खराब मैनेजमेंट के लिए भी दुनियाभर में सुर्खियां बटोर रहा है. पहले सीन नदी का मुद्दा, फिर भीषण गर्मी, फिर ओलंपिक विलेज के कमरों में 'एंटी-सेक्स' बेड, ये सारी बातें एथलीटों की ओर से बार-बार सामने लाई जा रही हैं. लेकिन अब जो ताजा मामला सामने आया है, वो काफी हैरान करने वाला है. ओलंपिक 2024 का गोल्ड मेडलिस्ट ओलंपिक विलेज के कमरों से तंग आकर पार्क में सोता हुआ पाया गया. यह गोल्ड मेडलिस्ट एथलीट इटालियन तैराक थॉमस सेकॉन हैं.


ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट थॉमस सेकॉन को पेरिस ओलंपिक विलेज की खराब स्थितियों से इतनी परेशानी हुई कि वो पार्क में सोते नजर आए! जी हां, आपने सही पढ़ा. सऊदी अरब के रोवर हुसैन अलीरेजा ने पार्क में एक पेड़ के नीचे तौलिये पर सोते हुए सेक्कन की फोटो शेयर की.


दरअसल, पुरुषों की 100 मीटर बैकस्ट्रोक में गोल्ड जीतने वाले सेकॉन ने ओलंपिक विलेज में रहने की स्थिति पर काफी नाराजगी जताई थी. इसके अलावा थॉमस सेकॉन ने इसकी सार्वजनिक रूप से शिकायत भी की थी. उन्होंने कहा कि कई एथलीट इसी वजह से परेशान हैं. वो बताते हैं कि गर्मी और शोर की वजह से उन्हें नींद नहीं आ रही है.

थॉमस सेकॉन अकेले ऐसे एथलीट नहीं हैं जिन्होंने रहने की स्थिति को लेकर शिकायत की हो. इससे पहले कोको गॉफ, एरियन टिटमस और असिया तौती ने भी विलेज की सुविधाओं पर सवाल उठाए थे. ऑस्ट्रेलियाई तैराक टिटमस का तो कहना है कि अगर वो बेहतर जगह पर रहतीं तो शायद वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ देतीं. उनका मानना है कि ओलंपिक विलेज उच्च प्रदर्शन के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है.
पेरिस ओलंपिक 2024: विनेश फोगाट ने सेमीफाइनल में बनाई जगह, धमाकेदार अंदाज में जीता मुकाबला


डेस्क: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की विनेश फोगाट कमाल का प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने सेमीफाइनल में जगह बना ली है। उनके आगे यूक्रेन की ओक्साना लिवाच टिक नहीं पाईं और मुकाबला हार गईं। लिवाच ने कोशिश तो बहुत की। पर अंत में बाजी विनेश का हाथ लगी। क्वार्टर फाइनल मैच उन्होंने 7-5 से जीत लिया है। अब उनका सेमीफाइनल मुकाबला क्यूबा की गुजमान लोपेज से आज रात में 9.45 बजे होगा।

ओक्साना लिवाच के खिलाफ पहले राउंड में 2-0 की बढ़त बनाने के बाद विनेश ने दूसरे राउंड की शुरुआत में अपनी बढ़त 4-0 की कर ली। ओक्साना ने भी अंक हासिल कर मैच में वापसी करने की कोशिश की और उन्होंने विनेश की बढ़त को दो अंकों (5-3) तक सीमित कर दिया। विनेश पर इस समय थकान हावी हो रही थी।


उन्होंने अपने कोच से चैलेंज लेने के लिए कहा। वीडियो रेफरी ने देखने के बाद इसे खारिज कर दिया और विनेश को एक और अंक का खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्हें हालांकि इस दौरान खुद को तरोताजा करने के लिए कुछ सेकेंड मिल गए। बाद में विनेश ने यूक्रेन की पहलवान को बाहर धकेल कर दो अंक हासिल कर अपनी बढ़त को 7-4 कर लिया। ओक्साना इसके बाद एक अंक हासिल करने में सफल रही लेकिन यह विनेश को रोकने के लिए काफी नहीं था।


भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक के महिला 50 किग्रा कुश्ती के अंतिम-16 मैच में जापान की युई सुसाकी को 3-2 हरा कर बड़ा उलटफेर किया। चार बार की विश्व चैम्पियन सुसाकी ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। जापान की पहलवान की इंटरनेशनल कुश्ती में यह पहली हार है, जिससे विनेश की यह सफलता और भी खास हो जाती है। विनेश के खिलाफ मुकाबले में आखिरी कुछ सेकेंड से पहले सुसाकी पास 2-0 की बढ़त थी।

अपना तीसरा ओलंपिक खेल रही विनेश अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल कर आखिरी पांच सेकेंड में जापान की चैम्पियन पहलवान को टेकडाउन कर दो अंक हासिल करने में सफल रही। जापान की टीम ने इसके खिलाफ अपील भी की लेकिन रेफरी ने वीडियो रीप्ले देखने के बाद उसे खारिज कर दिया जिससे विनेश को एक और अंक मिला और उन्होंने 3-2 से जीत हासिल कर ली।
गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा पर सभी की नजरें, जानें कितने मीटर के थ्रो पर कर जाएंगे फाइनल के लिए क्वालीफाई?


डेस्क: भारत के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा के पेरिस ओलंपिक 2024 में जैवलिन थ्रो इवेंट का इंतजार सभी भारतीय काफी बेसब्री के साथ कर रहे हैं। इस इवेंट का क्वालिफिकेशन राउंड आज यानी 6 अगस्त को भारतीय समयानुसार दोपहर 1:50 पर शुरू होगा, जिसमें नीरज के अलावा किशोर जेना भी हिस्सा ले रहे हैं। इस इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में कुल 32 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें 16-16 के 2 अलग-अलग ग्रुप बनाए गए हैं। किशोर जेना को जहां पहले ग्रुप में जगह दी गई है तो वहीं नीरज दूसरे ग्रुप का हिस्सा हैं।

जैवलिन थ्रो इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड के बारे में बात की जाए तो इसमें हिस्सा लेने वाले सभी एथलीट को 3 बार भाला फेंकने का मौका मिलेगा, जिसमें उनके सबसे बेस्ट थ्रो को शामिल किया जाएगा। फाइनल इवेंट के लिए क्वालीफाई करने के लिए कम से कम 84 मीटर के मार्क को पार करना होगा। यदि कई एथलीट ऐसा करने में कामयाब नहीं होते हैं तो इस स्थिति में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले कुल 12 एथलीट मेडल राउंड के लिए अपनी जगह को बनाएंगे।

नीरज चोपड़ा जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था तो वहीं उनका सीजन बेस्ट थ्रो 88.36 मीटर का है। वहीं उन्होंने इस साल अपनी फिटनेस पर अधिक ध्यान देने की वजह से ज्यादा एक्शन में नहीं दिखाई दिए। वहीं किशोर जेना की बात की जाए तो उन्होंने पिछले एशियन गेम्स में 87.54 मीटर का थ्रो किया था लेकिन उनका सीजन बेस्ट थ्रो 80.84 मीटर का है। यदि जेना एशियन गेम्स के अपने थ्रो को यहां दोहराने में कामयाब होते हैं तो भारत के लिए इस इवेंट में दो मेडल जीतने का मौका बन सकता है।

नीरज चोपड़ा कितने बजे दिखेंगे एक्शन में?

जैवलिन थ्रो इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में नीरज चोपड़ा को ग्रुप-बी में जगह मिली है और वह दोपहर 3:20 पर एक्शन में दिखाई देंगे।

इस इवेंट में नीरज के अलावा और कौन से भारतीय एथलीट ले रहे हिस्सा?

जैवलिन थ्रो इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में नीरज चोपड़ा के अलावा किशोर जेना भी हिस्सा ले रहे हैं जो दोपहर 1:50 पर एक्शन में दिखाई देंगे।
बैडमिंटन में लक्ष्य सेन हारे ब्रॉन्ज मेडल मैच, ओलंपिक में इतिहास रचने से चूके




डेस्क: भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल मैच नहीं जीत सके हैं। उन्हें बैडमिंटन के मेंस सिंगल इवेंट में हार का सामना करना पड़ा है। भारत के लिए यह निराशा का पल है। आपको बता दें कि भारतीय बैडमिंटन के लिए यह एक ऐतिहासिक पल हो सकता था। भारत ने कभी भी बैडमिंटन के मेंस सिंगल इवेंट में कोई भी मेडल नहीं जीता है। लक्ष्य सेन ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बन सकते थे। लक्ष्य सेन को इस मुकाबले में मलेशिया के ली जी जिया से हार मिली है। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह मुकाबला काफी रोमांचक रहा।

लक्ष्य सेन और ली जी जिया के बीच खेले गए इस मुकाबले को ली जी जिया ने 13-21, 21-16, 21-11 के अंतर से अपने नाम किया। इस मुकाबले से पहले सेट को लक्ष्य सेन ने अपने नाम किया था, लेकिन इसके बाद मलेशिया के ली जी जिया ने शानदार वापसी की। लक्ष्य को पहले सेट में 21-13 से जीत मिली थी। ली जी जिया पहला सेट हारने के बाद निराश नहीं हुए और उन्होंने अगले दोनों सेट में लक्ष्य सेन को हराया। दूसरा सेट दोनों खिलाड़ियों के बीच काफी रोमांचक रहा। जहां ली जी जिया को 21-16 से जीत मिली। दूसरे सेट में लक्ष्य काफी शानदार फॉर्म में थे, लेकिन तब ही उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसने उनके लय को खराब कर दिया।

बैडमिंटन मेंस सिंगल्स इवेंट से ब्रॉन्ज मेडल मैच के दूसरे सेट में लक्ष्य सेन के चोटिल हो गए। जिसका असर उनके लय पर भी पड़ा। लक्ष्य को इंजरी के बाद अपने हाथों पर पट्टी लगानी पड़ी। इंजरी भी उनके प्लेइंग हैंड पर हुई। जिसके कारण वह सही से खेल नहीं पा रहे थे। उनके दाएं हाथ से खून भी आता दिखा। कई बार उन्होंने इसके कारण बीच मैच में ब्रेक लिया। अंत में ऐसा नजर आया कि वह अपनी इंजरी से काफी परेशान हैं और यह भी एक कारण रहा कि वह अपने अगले दोनों सेट हार गए।
अनंतनाग में जलाए गए कश्मीरी हिंदुओं के घर...साजिश की आशंका


मट्टन, अनंतनाग में कश्मीरी हिंदुओं के घर दुर्घटनावश पूरी तरह जल गए। पांच घर पूरी तरह जलकर खाक हो गये. हालांकि, हादसे के वक्त घर में कोई नहीं था, इसलिए बड़ी जनहानि टल गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. आधी रात 1:45 बजे दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाई। हालांकि, आग बुझाने में काफी समय लग गया। एक घर में आग पर काबू नहीं पाया जा सका तो उसे तोड़ दिया गया. दमकलकर्मियों ने बताया कि आग बुझाने में कुल चार घंटे लगे. वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.


दूसरी ओर, कश्मीर शारदा पीठम के अध्यक्ष रवींद्र पंडिता ने इस दुखद घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस घटना ने सभी को चौंका दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि अल्पसंख्यकों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए नियुक्त अधिकारी उचित कदम नहीं उठा पाए.


अगर धमकाया जाए... तो डरो मत... हम यहीं रहेंगे: हिंदू बयान..
कश्मीरी हिंदू समुदाय ने फैसला किया है कि जहां भी उन्हें धमकी दी जाएगी वे वहां जाएंगे और धमकियों से नहीं डरेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें 1990 से धमकियां मिलनी शुरू हो गईं और वे डर गए थे. उन्होंने साहसपूर्वक घोषणा की कि वे जहाँ भी जाएँ, यह उनकी मातृभूमि है। उन्होंने कहा कि वे यहां अपने घर बना रहे हैं और मंदिरों का जीर्णोद्धार भी चल रहा है. वे चाहते हैं कि सरकार हिंदुओं की जान-माल की गारंटी ले.


धमकाया जा रहा है? हिंदुओं को डरा रहे हैं?
केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर का माहौल पूरी तरह से बदल गया है. अर्थव्यवस्था और पर्यटन प्रणाली पटरी पर लौट रही है। सबसे बढ़कर, कश्मीरी पंडित और हिंदू जो अपनी संपत्ति और रिश्तेदारों को पूरी तरह से पीछे छोड़ चुके हैं, वे अपने स्थानों पर लौट रहे हैं। हिंदू मंदिरों का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसे सहन न कर पाने के कारण कुछ देशद्रोही ऐसे अत्याचार पर उतारू हो रहे हैं।
स्वाति मालीवाल मारपीट केस में केजरीवाल के पीए बिभव को सुप्रीम कोर्ट की लताड़, 'सीएम आवास में ऐसे गुंडे को जगह क्यों....'




डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि क्या इस तरह के गुंडे को मुख्यमंत्री आवास में काम करना चाहिए। बिभव ने इस साल मई में आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित रूप से हमला किया था। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने बिभव की जमानत याचिका पर सुनवाई अगले बुधवार के लिए सूचीबद्ध की। पीठ ने बिभव कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि अदालत दिल्ली हाईकोर्ट की आर से दर्ज की गई घटना के विवरण से हैरान है।


बिभव ने मामले में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के 12 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है। उनका दावा है कि उसके खिलाफ आरोप झूठे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि जांच पूरी होने के कारण अब उसकी हिरासत की आवश्यकता नहीं है। शीर्ष अदालत ने बिभव कुमार की याचिका पर दिल्ली सरकार को एक नोटिस जारी किया।

पीठ ने सिंघवी से पूछा कि क्या मुख्यमंत्री आवास एक निजी बंगला है? क्या इस तरह के गुंडे को मुख्यमंत्री आवास में काम करना चाहिए? इस पर सिंघवी ने कहा कि चोटें गंभीर नहीं थीं। 13 मई की घटना के तीन दिन बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई और एक बात यह भी है कि मालीवाल का घटना के दौरान पुलिस हेल्पलाइन पर कॉल करना क्या संकेत देता है। इस पर पीठ ने कहा कि हम हर दिन भाड़े के हत्यारों और लुटेरों को जमानत देते हैं, लेकिन सवाल यह है कि किस तरह की घटना है। जिस तरह से यह घटना हुई, वह परेशान करने वाली है। बिभव ने ऐसा व्यवहार किया कहि जैसे कोई गुंडा मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में घुस आया हो। पीठ ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के सामने उसकी पूरी दलील यह थी कि मालीवाल के आरोप मनगढ़ंत हैं।


सिंघवी ने कहा कि घटना के दिन वह पुलिस थाने गई थीं, फिर बिना कुछ कहे वापस आ गईं, लेकिन फिर तीन दिन बाद उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराई। इस पर पीठ ने कहा कि हम हैरान हैं? क्या एक युवती से बात करने का यह कैसा तरीका है? मालीवाल अपनी तबीयत के बारे में बता रही थीं, इसके बाद भी बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की। सिंघवी ने कहा कि अदालत मालीवाल की प्राथमिकी पर भरोसा कर रही है, लेकिन बिभव की शिकायत मालीवाल की मित्रवत पुलिस और दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा दर्ज नहीं की गई थी। इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि हमें आपकी आंतरिक राजनीति से मतलब नहीं है और अदालत केवल केस रिकॉर्ड और प्राथमिकी पर गौर कर रही है।


मामले के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि वह इसे खुली अदालत में नहीं पढ़ना चाहती, लेकिन एक बार जब उन्होंने उसे अपनी विशेष शारीरिक स्थितियों के कारण ऐसा करने से मना किया, तो इस व्यक्ति ने उन पर हमला करना जारी रखा। पीठ ने कहा कि वह खुद को क्या समझता है? क्या सत्ता उसके सिर पर चढ़ गई है।

सिंघवी ने कहा कि ये सभी आरोप परीक्षण के मामले हैं और फिलहाल वह केवल जमानत की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले को उच्चतम स्तर पर ले जाने और अपराध को देखने के बाद भी वह जमानत का हकदार है, क्योंकि वह सबूतों से छेड़छाड़ नहीं कर सकता या गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकता। पीठ ने कहा कि हां, हम केवल जमानत के मुद्दे पर गौर कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि अगर इस तरह का व्यक्ति गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकता, तो कौन कर सकता है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि रिकॉर्ड देखिए, क्या मुख्यमंत्री आवास के ड्राइंग रूम में कोई ऐसा व्यक्ति था, जिसने बिभव कुमार खिलाफ बोलने की हिम्मत की? हमें लगता है कि उसे शर्म भी नहीं आई।

इस बीच सिंघवी ने कहा कि मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया जा चुका है। बिभव 75 दिनों से हिरासत में है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि बिभव कुमार को सत्र अदालत की ओर से ही जमानत दे दी जानी चाहिए थी। जस्टिस दत्ता ने सिंघवी से बिभव के पद के बारे में पूछा तो सिंघवी ने जवाब दिया कि बिभव पहले सरकारी कर्मचारी था। अब वह केजरीवाल का राजनीतिक सलाहकार-सह-सचिव है, जो राजनीतिक नियुक्तियों को संभालता है।


आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की शिकायत पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मालीवाल ने शिकायत में कहा था कि जब वह 13 मई को सीएम आवास मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिलने पहुंचीं थी तो बिभव ने उनके साथ मारपीट की। मालीवाल की शिकायत पर पुलिस ने बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि बिभव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

बिभव ने जमानत के लिए 27 मई को ट्रायल कोर्ट का रुख किया था, लेकिन वहां से जमानत खारिज होने के बाद सत्र न्यायालय में अपील की। वहां से भी निराशा के बाद बिभव ने हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन हाईकोर्ट ने भी बिभव को राहत देने से इनकार कर दिया। अब हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिभव ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।