तीसरी सवारी पर शिवमय हुई शिव की नगरी उज्जैन, बाबा महाकाल के दिखाई दिए तीन स्वरूप
उज्जैन : बाबा महाकाल की तीसरी सवारी आस्था, उत्साह और उमंग के साथ निकाली गई। भगवान श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में हाथी पर श्री मनमहेश के रूप में व गरुड़ रथ पर श्री शिव-तांडव स्वरूप में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले और अपनी प्रजा का हाल जाना।
भगवान की सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में भगवान का उप-मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन जगदीश देवड़ा और खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने विधिवत पूजन-अर्चन किया और सवारी में शामिल हुए। इसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। भगवान श्री महाकाल की पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मन्दिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवारी श्री चंद्रमौलेश्वर को सलामी दी गई। सवारी मार्ग में जगह-जगह खड़े श्रद्धालुओं ने भोलेशंभु-भोलेनाथ और अवंतिकानाथ की जय के घोष के साथ भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की।
बाबा महाकाल की सवारी में डमरू वादन की मंगल ध्वनि से भगवान शिव की स्तुति की गई। डमरू वादकों द्वारा एकसाथ लयबद्ध रूप में आकर्षक एवं मनमोहक प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं का मन मोहा। बाबा श्री महाकाल के भक्तों ने हर्षोल्लास और उमंग से सवारी में भाग लिया और डमरू वादकों का स्वागत किया। इसके साथ ही बाबा महाकाल की सवारी में निमाड़ अंचल के लोकनृत्य काठी की मनमोहक प्रस्तुति आकर्षण का केन्द्र रही। भगवान शंकर और माता गौरा से जुड़ी इस प्रस्तुति ने सभी श्रद्धालुओं का मन मोहा। लोक कलाकारों ने मोरपंख से सजी आकर्षक रंग-बिरंगी वेशभूषा में प्रमुख ढाक वाद्ययंत्र से आकर्षक प्रस्तुति दी।
बाबा महाकाल की सवारी के साथ भजन मंडलियां भी उत्साह और उमंग के साथ शिव भजनों की मधुर प्रस्तुति देते हुए चली।
रामघाट पर भगवान महाकाल का इन्द्रदेव ने भी किया जलाभिषेक
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मन्दिर से प्रस्थान कर जैसे ही रामघाट पर पहुंची, वैसे ही चहुंओर आस्था और श्रद्धा का जन-सैलाब उमड़ पड़ा। श्रावण में अपने सौंदर्य की छटा बिखेरते हुए स्वयं प्रकृति भगवान श्री महाकाल का स्वागत करने के लिए आतुर दिखाई दी। पुजारियों के साथ भगवान का जलाभिषेक वर्षा कर इन्द्रदेव ने भी किया। भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन और जलाभिषेक पं. आशीष पुजारी द्वारा विधिवत पूजन-अर्चन कराया गया। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी रामघाट पर भगवान का पूजन किया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद उमेशनाथ महाराज सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
सुगमता से हुए श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में हजारों की संख्या में भक्त झांझ, मजीरे, ढोल और भगवान का प्रिय वाद्य डमरू बजाते हुए पालकी के साथ उत्साहपूर्वक आराधना करते हुए चले। श्रद्धालुओं ने सुगमतापूर्वक भगवान के दर्शन लाभ लिए। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची, जहॉ शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।
सवारी की प्रमुख झलकियां
दत्त अखाडा पर माधव संगीत महाविद्यालय के दल ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी।
श्रद्धालुगण आकर्षक स्वरूप धारण कर भगवान महाकाल की आराधना करते हुए चले।
सवारी मार्ग पर आकर्षक रंगोलियों से जगह-जगह बाबा महाकाल की सवारी का स्वागत किया गया।
प्रशासन एवं पुलिस के आला अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का सतत निरीक्षण करते हुए सवारी का सफल संचालन सुनिश्चित किया।
संभागायुक्त संजय गुप्ता, आईजी संतोष कुमार सिंह, डीआईजी नवनीत भसीन, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने सवारी की व्यवस्थाओं की सतत निगरानी की।
दो चलित रथ के माध्यम से श्रृद्धालुओं ने भगवान महाकाल की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन किए।
महाकाल घाटी, रामघाट, दत्त अखाड़ा, गोपाल मन्दिर आदि प्रमुख स्थानों पर बड़ी एलईडी के माध्यम से भी श्रद्धालुओं ने सवारी का सजीव प्रसारण देखा।
Aug 07 2024, 08:42