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पूर्व भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य को मिली जमानत
लखनऊ। एमपी-एमएलए कोर्ट से भाजपा की पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य को 12 अगस्त तक के लिए जमानत मिल गयी है। उन पर बिना तलाक दिए दूसरी शादी करने का आरोप है। कई बार नोटिस के बावजूद न्यायालय में पेश न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।

पूर्व कैबिनेटमंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं से भाजपा की सांसद रह चुकी है। लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना इलाके में रहने वाले वादी दीपक कुमार स्वर्णकार ने संघमित्रा और स्वामी प्रसाद मौर्य सहित अन्य लोगों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। संघमित्रा पर बिना तलाक दिए दूसरी शादी करने का आरोप था।

मामले को लेकर कोर्ट ने पिता-पुत्री को न्यायालय में पेश होने के लिए कई नोटिसे दी थी। कोर्ट में पेश न होने पर उन्हें 19 जुलाई को भगोड़ा घोषित करते हुए गैर जमानती वारंट जारी कर दिए थे। मंगलवार को संघमित्रा मौर्य कोर्ट में हाजिर हुई तो उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दे दिया। दो घंटे तक चली सुनवाई के बाद न्यायालय ने 50-50 हजार रुपये के दो मुचलकों पर उन्हें 12 अगस्त तक जमानत दे दी है।
पेपर लीक और लव जिहाद रोकने के लिए यूपी विधानसभा में विधेयक पारित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा में मंगलवार को विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक-2024 पारित हो गया। प्रदेश में लागू होने के बाद धोखे से धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास जैसी कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। उप्र सरकार ने सोमवार को विधान सभा में संशोधन विधेयक पेश किया था, जो मंगलवार को पास हो गया है।  यूपी सरकार ने इससे पहले विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित किया था। इस विधेयक में संशोधन कर सजा व जुर्माने की दृष्टि से इसे बहुत मजबूत किया गया है।

पहली बार इन अपराधों में आजीवन कारावास तक की सजा

यूपी में लव जिहाद जैसे अपराधों पर योगी सरकार ने और कड़ी सजा करने का फैसला किया है। पहली बार इन अपराधों में आजीवन कारावास तक की सजा दिए जाने का प्रस्ताव है। सरकार नेविधान सभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पारित करा लिया है। इसमें पहले से परिभाषित अपराधों में सजा जहां दोगुनी तक बढ़ा दी गई है, वहीं नए अपराध भी शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही पहले इस प्रकार के धर्मांतरण पर पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत कर सकता था।

इस विधेयक को विधानसभा से विधान परिषद को भेजा जाएगा

अब इस संशोधन के बाद समाज का कोई भी व्यक्ति शिकायत कर सकता है। पास हुए इस विधेयक को विधानसभा से विधान परिषद को भेजा जाएगा। विधान परिषद में पारित होने के उपरांत सरकार इस विधेयक को राज्यपाल को भेजेगी। धर्म परिवर्तन संशोधन अधिनियम की खास बातें -रिश्तेदारों के अलावा कोई भी इसकी जानकारी दे सकता है। -विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन पर 3 से 10 साल की सजा-नाबालिग,दिव्यांग,मानसिक दुर्बल ,महिला, एससी, एसटीका धर्म कराने पर पांच से 14 साल की सजा-सामूहिक धर्म परिवर्तन पर7 से 14 साल की सजा

यह काम करने वालों को होगी बीस साल की सजा

-विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल कर धर्म परिवर्तन पर 7 से 14 साल की सजा-यदि धर्म परिवर्तन के लिए जीवन या संपत्ति भय में डाली,हमला,बल प्रयोग,विवाह या विवाह का वचन(इसे ही लव जिहाद कहा जा रहा) या उत्प्रेरित करता है,साजिश करता है या प्रलोभन देकर,नाबालिग,महिला,व्यक्ति की तस्करी करता है,विक्रीत करता है या साजिश करता है तो कम से कम 20 साल से आजीवन कारावास तक की सजा होगी।

पेपर लीक पर भी सरकार सख्त, विधेयक पारित

उप्र. निजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन ) विधेयक-2024 पास होने के साथ ही सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों का उपयोग कर व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए सरकार ने विधेयक लेकर आई है। सरकार ने उप्र विधान सभा में मंगलवार को उप्र. सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक-2024 पारित करा लिया है। इसके लागू होने से प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले, पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो सकेगी।

एक करोड़ रुपये तक लगेगा जुर्माना

इनमें न्यूनतम दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक का सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने को शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार पहले भी पेपर लीक जैसे मामलों पर कड़े कदम उठा चुकी है और अब इस विधेयक का पास होना इस क्रम में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके अलावा निजी विश्वविद्यालय विधेयक भी पास हुआ। हालांकि विपक्षी सदस्यों का
कहना था कि इन विधेयकों में कुछ खामियां हैं। उन्हें दूर करने के लिए इसे प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए। सदन में विपक्ष का यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं हुआ।

एजेंसी और संचालकों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई

नए कानून के तहत परीक्षा करवाने वाली एजेंसी और उसके संचालकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं। गौरतलब है कि इसी साल पुलिस भर्ती और आर.ओ. और ए.आर.ओ. की परीक्षा का पेपर लीक का मामला हुआ था। जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
औद्योगिक निवेश का रिकार्ड बना रहा उत्तर प्रदेश
लखनऊ। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मंगलवार को विधानसभा में 12 हजार 909 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। जिसमें सर्वाधिक सात हजार 566 करोड़ रूपये का आवंटन औद्योगिक विकास के लिए किया गया। औद्योगिक विकास विभाग को आवंटित सात हजार 566 करोड़ में सर्वाधिक पांच हजार 664 करोड़ रूपये गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए निर्धारित किया गया है। यह यूपी में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है।

उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल संघ लिमिटेड उत्तर प्रदेश स्टेट यार्न कम्पनी लिमिटेड, उत्तर प्रदेश राज्य वस्त्र निगम लिमिटेड की मीलों के शासकीय देनद अतिरिक्त अन्य मदों में बकाया धनराशि के भुगतान के लिए 193 करोड़, अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 के कार्यान्वयन के लिए 900 करोड़, नई औद्योगिक नीति 275 करोड़, गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना में जीएसटी के अतिरिक्त प्रतिशत व्ययभार के दृष्टिगत विकासकर्ताओं को प्रतिपूर्ति के लिए 407 करोड़, औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना 2012 के लिए 400 करोड़ रूपए का प्राविधान किया गया है।

33 लाख करोड़ से अधिक के निवेश  समिट में आये प्रस्ताव

औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने कहा कि किसी भी राज्य की तरक्की में वहां के औद्योगिक विकास का महत्वपूर्ण स्थान है। जिसमें उत्तर प्रदेश ने देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ कर रिकार्ड बनाया है। जिस उत्तर प्रदेश में पहले निवेशक आने से डरते थे, अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रहे थे। आज उस उत्तर प्रदेश में निवेशक निवेश के लिए आतुर हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के जरिये रिकार्ड 33 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं। जिसमें से दस लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतर चुके हैं। मंत्री नन्दी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महाकुम्भ के पहले गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसे हर हाल में पूरा किया जाएगा।
गरीबों को ठगने वाले भूमाफिया सपा से जुड़े लोग : आदित्यनाथ

लखनऊ। लखनऊ के अकबरनगर इलाके में प्रदेश सरकार द्वारा अवैध कब्जेदारों पर की गई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में एक बार फिर समाजवादी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया।

विपक्ष की ओर से सदन में अकबरनगर मुद्दे पर उठाए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि पंत नगर और इंद्रप्रस्थनगर की कार्रवाई को हमने स्थगित करवाया है लेकिन अगर आप देखेंगे तो गरीबों को ठगने वाले जितने भी भूमाफिया हैं, उनमें से ज्यादातर समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए लोग ही थे। इंद्रप्रस्थनगर और पंत नगर में जिन लोगों ने लाल चिह्न लगाए हैं, उन्होंने यह किस नीयत से किया है इसकी पूरी रिपोर्ट हमने तलब की है। अगर किसी ने गलत नीयत से किया होगा तो उसकी जवाबदेही भी तय होगी लेकिन अगर सावधानीवश केवल चिह्नित करने के लिए किया गया है तो यह कुकरैल नदी के पुनर्व्यवस्थापन के लिए लोगों को सावधान करने के लिए है।

सदन के सदस्य रविदास मेहरोत्रा के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लखनऊ के इतिहास को जानते होंगे। लखनऊ में गोमती और कुकरैल नदी का संगम भी था। अकबरनगर 1984 के बाद से ही बसा है। इसमें ज्यादातर अवैध निर्माण था और यही कारण था कि यह हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी टिक नहीं पाया। जिन लोगों को गलत तरीके से फर्जी कागजात दिखाकर रजिस्ट्री की थी, उन लोगों को हमने रिहैबिलिटेट किया है। अब अकबरनगर कोई नगर नहीं है, बल्कि अब वह सौमित्र वन हो गया है। लखनऊ को उसकी पहचान दिलाने के लिए भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के नाम पर उसको सौमित्र वन बना दिया गया है। सपा सदस्य को तो खुश होना चाहिए कि लखनऊ के लोगों ने आपको विधायक बनाया है और लखनऊ को हम नाइट सफारी दे रहे हैं। मतबल ये कि लाभ आप कमाएंगे और पैसा सरकार दे रही है। इतनी अच्छी योजना मिलने के बाद आपको तो सरकार को धन्यवाद देना चाहिए।

आज आपको कुकरैल नदी नजर आएगी, नाला नहीं

आदित्यनाथ ने कहा कि पंत नगर और इंद्रप्रस्थनगर की कार्रवाई को हमने स्थगित करवाया है। हमने कहा है कि एक भी व्यक्ति जिसने रजिस्ट्री की है और उसके पास जायज कागजात हैं, उसको हम वहां कंपनसेशन देंगे और वो भी नदी को पुनर्जीवित करके। आप जाकर देखिए वहां पर कि कुकरैल नदी थी या नाला था। आपको आज के दिन पर नदी नजर आएगी, नाला नहीं। नदी पुनर्जीवन का अभियान पूरे देश के अंदर चल रहा है। हम बोलते तो हैं, जल ही जीवन है लेकिन क्या इनको तबाह करके हम जीवन की कल्पना कर पाएंगे। गोमती नदी को लखनऊ में क्या बना दिया आपने। एक तरफ गोमती को मां कहते हो और दूसरी तरफ पूरी नदी को गंदा नाला में बदल दिया। उस नदी की पुनर्व्यवस्थापन की कार्यवाही के लिए किए जा रहे प्रयास के लिए आपको लखनऊ के विधायक के रूप में सरकार की सराहना करनी चाहिए।
मानसून सत्र: योगी सरकार ने 12909 करोड़ का पेश किया अनुपूरक बजट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में 12909 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें 319.95 करोड़ रुपये नई योजनाओं पर खर्च किया जाएगा। बाकी की धनराशि पुरानी योजनाओं पर खर्च होगी। यह अनुपूरक बजट मूल बजट का 1.66 प्रतिशत है। बजट में सर्वाधिक 7518 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास के लिए आवंटित किया गया है।

नई बसों को खरीदने के लिए परिवहन विभाग को मिले 1000 करोड़

अनुपूरक बजट में औद्योगिक विकास के लिए 7500 करोड़, ऊर्जा विभाग के लिए 2000 करोड़, परिवहन विभाग की नई बसों को खरीदने के लिए 1000 करोड़, अमृत योजना को पूरा करने के लिए 600 करोड़ रुपये, कौशल विकास की योजना के लिए 200 करोड़ और ग्राम पंचायत से जुड़ी योजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।

इन विभागों को भी दिया गया भारी भरकम बजट

माध्यमिक शिक्षा विभाग(284 राजकीय इंटर कॉलेजों में लैब हेतु) तथा 28.40 करोड़ रुपये 1040 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों मे आईसीटी लैब हेतु 66.82 करोड़ रुपये, संस्कृति विभाग- 74.90 करोड़, अटल आवासीय विद्यालय स्थापना हेतु 53.15 करोड़ व 2.79 करोड़, रोजगार मिशन -49.80 करोड़, विधानसभा सचिवालय में डाटा सेंटर नवीनीकरण हेतु 3.25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

बोले सीएम - 2016 के मुकाबले अपराध कम हुए

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं व बच्चों पर होने वाले यौन उत्पीड़न पर आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जवाब देते हुए कहा कि इन मामलों में आरोपियों को सजा देने में यूपी देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश के हर जिले में एक महिला थाना बनाया गया है। अगर 2016 से तुलना की जाए तो प्रदेश में यौन उत्पीड़न के मामलों में साढ़े 17 प्रतिशत की कमी आई है। दुष्कर्म के मामलों में 25 प्रतिशत की कमी आई है। मुख्यमंत्री योगी विधान परिषद में सपा विधायक द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
मानसून सत्र : 'चाचा को गच्चा' वाली बात पर जब लगा ठहाका

लखनऊ। यूपी विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय का नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने का मुद्दा छाया रहा। आज मुख्यमंत्री योगी ने माता प्रसाद पांडे नेता प्रतिपक्ष बनने और शिवपाल यादव के नहीं बनने पर चुटकी ली तो सदन में ठहाके लगे।

दरअसल, उप्र विधान सभा मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान सीएम योगी कानून व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को बधाई, लेकिन चाचा को यहां भी गच्चा मिल गया। मुख्यमंत्री की इस बात पर सपा सदस्य संग्राम सिंह ने नेता सदन के चाचा को गच्चा देने की बात पर आपत्ति जताई तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा संग्राम सिंह आपको क्या दिक्कत है जब चाचा को दिक्कत नहीं है। आप शिवपाल सिंह यादव को क्यों उकसा रहे हैं। इस पर पूरा सदन ठहाके लगाकर हंस पड़ा।

इस बीच शिवपाल यादव अपनी सीट पर खड़े हुए। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमें गच्चा नहीं मिला है। हम समाजवादी लोग हैं। माता प्रसाद पांडेय बहुत सीनियर नेता हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। शिवपाल सिंह ने सदन में बड़ी बात कही कि हम तीन साल तक तो आपके (सत्ता पक्ष के) सम्पर्क में था। तो आपने भी गच्चा दे दिया था। इसी गच्चा के कारण लोकसभा चुनाव में आप की यह हालत हुई है। सपा के वरिष्ठ सदस्य शिवपाल की यह बात सुनकर पूरा सदन हंस पड़ा। मुख्यमंत्री योगी भी हंसने लगे। इसके आगे शिवपाल ने कहा कि 2017 में सपा उधर (सत्ता में ) होगी। तब आपको भी गच्चा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आपके जो डिप्टी चीफ मिनिस्टर हैं, वह फिर आपको गच्चा देंगे।

बेसकी शिक्षा विभाग पर सपा के एक अन्य सवाल पर सीएम योगी ने उठकर खड़े हुए। विधानसभा सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के रसोईयों के मानदेय बढ़ाने के सवाल पर कहा कि 2012 से 2017 के बीच सपा सरकार थी, तब रसोइयों को 500 रु से कम थी, 372000 रसोइयों के साथ आपने अन्याय किया कि उनके बच्चे नही पढ़ेंगे तो हटा दिया गया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2022 में हमने उनके मानदेय न्यूनतम 2000 रुपये किया। आपकी सरकार में 500 रु से कम मिलता था,आज आंगनबाड़ी और रसोइयों ने अच्छा कार्य कर रही हैं। कोविड में इन्होंने बेहतरीन कार्य किया, इसीलिए हमने इनके मानदेय को बढ़ाया और साथ ही अतिरिक मानदेय की व्यवस्था कीऔर साथ में टैबलेट भी दिए।

सीएम ने कहा कि हमने पंचायत सहायक को छह हजार रूपये फिक्स दे ही रहे हैं, साथ ही अन्य जाति आय निवास जो भी प्रमाणपत्र को वो देता है, उस पर पांच रूपये अतिरिक्त इंसेंटिव की व्यवस्था भी की है।
अपराध से निपटने में यूपी नंबर वन : योगी आदित्यनाथ


लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सपा सदस्य रागिनी सोनकर ने महिलाओं व बच्चों के प्रति अपराध पर सवाल उठाया। सदन में नेता सदन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अपराध से निपटने में यूपी नंबर वन है। 2017 से पहले की सरकारें उतनी संवेदनशील नहीं थीं। अब पोर्टल को एक्टिव किया गया। महिला से जुड़े मामलों में पेंडिंग मामले को सुलझाने में यूपी देश मे दूसरे स्थान पर है।

सीएम योगी ने कहा कि महिलाओं व बच्चों के साथ यौन शोषण घर के अंदर और घर के बाहर भी होते हैं। 2016 की तुलना दहेज की घटना 23-24 में 17.5 फीसद कमी आई है। बलात्कार में 25.30 फीसद की कमी है। लेकिन 17 से 2024 में देखे तो महिला एवं बाल उत्पीड़न 24402 अभुयुक्त को सजा दिलाई गई।2022 2024 के मध्य 16718 को सजा दी गयी।
लव जिहाद के खिलाफ कानून को सख्त करेगी योगी सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 'लव जिहाद' जैसे अपराधों पर और कड़ी सजा करने का फैसला किया है। इस प्रकार के अपराधों में आजीवन कारावास तक की सजा दिए जाने का प्रस्ताव है। सरकार ने सोमवार को विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश कर दिया है। इसमें पहले से परिभाषित अपराधों में सजा जहां दोगुनी तक की गई है, वहीं नए अपराध भी शामिल किए गए हैं जिसमें ताउम्र जेल का प्रावधान है।

इस कानून के तहत अधिकतम 10 साल की सजा

योगी सरकार 2021 में यह कानून लेकर आई थी। इसे विधानमंडल से पास कराकर विधिवत कानूनी जामा पहनाया गया था। तब इस कानून के तहत अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार तक जुर्माना था। सोमवार को प्रस्तावित विधेयक में अपराध का दायरा और सजा दोनों ही बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी इस कानून के तहत अपराध के दायरे में लाया गया है। इसमें विदेशी संस्थाओं या किसी भी अवैध संस्था से हुई फंडिंग भी शामिल है।

इसमें आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी भरना होगा

अगर कोई धर्म बदलावाने की नीयत से किसी व्यक्ति को जीवन या संपत्ति के भय में डालता है, हमला, बल प्रयोग या शादी करने का वादा करता है या इसके लिए षड्यंत्र करता है तो उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी भरना होगा। कोर्ट पीड़ित के इलाज के खर्च और पुनर्वास के लिए न्यायोचित धनराशि जुर्माने के रूप में तय कर सकेगी। सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की गरिमा व सामाजिक स्थिति, महिला, एससी-एसटी आदि का अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए यह महसूस किया गया कि सजा व जुर्माने को और कड़ा करने की जरूरत है। इसलिए, यह विधेयक लाया जा रहा है।

कोई भी दे सकेगा अवैध धर्मांतरण की सूचना

कानून में एक और बदलाव करते हुए घटनाओं की सूचना देने वालों का दायरा भी बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। पहले पीड़ित व्यक्ति, उसके माता-पिता, भाई-बहन या अन्य रक्त संबंधी, जिससे विवाह या दत्तक संबंध हो वह अपराध की सूचना दे सकता था। अब कोई भी व्यक्ति लिखित तौर पर इसकी सूचना पुलिस को दे सकेगा और उस पर जांच की जा सकेगी। कानून के तहत सभी अपराध गैर-जमानतीय बना दिए गए हैं। इनका विचारण सेशन कोर्ट से नीचे नहीं होगा। बिना लोक अभियोजक को अवसर दिए जमानत के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
डिप्टी सीएम बनने के सवाल पर पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा- मैं मुंगेरीलाल के सपने नहीं देखता हूं

लखनऊ । भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह सोमवार को राजा टोला में सपा कार्यकर्ता ओमप्रकाश सिंह के घर पहुंचे। ओमप्रकाश की हत्या से गम में डूबे परिजनों को सांत्वना देते हुए उन्होंने मदद का भरोसा दिया। इस दौरान बृजभूषण ने मीडिया के सवालों के जवाब भी दिए। वह प्रदेश सरकार को लेकर कुछ भी बोलने से कतराते रहे।

डिप्टी सीएम बनने के सवाल पर इतना जरूर कहा कि अब भाजपा मुझे कोई अवसर नहीं देगी। मैं मुंगेरीलाल के सपने नहीं देखता हूं। इस समय आराम की जिंदगी जी रहा हूं। सपा मुखिया अखिलेश यादव को नसीहत दी कि उन्हें भाजपा के बारे में भविष्यवाणी करने से बचना चाहिए।उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर फिर निशाना साधा। कहा कि वह विपक्ष की भूमिका भी सही ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं। सीएम योगी व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लेकर सवाल पर बृजभूषण कुछ बोले तो नहीं, लेकिन कहा कि यह किसी के पक्ष में नहीं है। सरकार से संगठन बड़ा होता है।
दिल्ली की घटना के बाद योगी सरकार गंभीर, अवैध तरीके से बेसमेंट बनाने वालों पर को कार्रवाई के निर्देश
लखनऊ । दिल्ली के राजेन्द्र नगर में बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटर में जलभराव से छात्रा की मौत के बाद अब योगी सरकार गंभीर हो चली है। इसीलिए अवैध तरीके से बने बेसमेंट के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है। आवास विभाग ने सभी विकास प्राधिकरणों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें अवैध तरीके बेसमेंट के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। वहीं, बेसमेंट में पार्किंग के इतर संचालित होने वाली गतिविधियों की जांच करके उनके खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीतिन रमेश गोकर्ण की ओर से जारी निर्देश में सभी विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, सभी विशेष क्षेत्र प्राधिकरणों के अध्यक्ष और विनियमित क्षेत्रों के अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे अपने यहां बेसमेंटों की जांच करें। यह देखें कि नक्शे के मुताबिक बेसमेंट बने हैं या नहीं? बेसमेंट जिस लिए बनाए गए थे उसी के मुताबिक उनका संचालन हो रहा है या नहीं।अपर मुख्य सचिव ने आदेश दिए हैं कि अगर बिना नक्शे के बेसमेंट बने हैं तो उनपर कार्रवाई की जाए।

अगर नक्शे के मुताबिक बेसमेंट बने हैं तो यह सुनिश्चित किया जाए उनका अनुपालन हो रहा है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं की जहां नक्शा स्वीकृत है वहां भी बरसात में बेसमेंटों की खोदाई न हो। अगर अपरिहार्य वजहों से खोदाई की जानी हो तो सुरक्षा मानकों का प्रयोग हो। अपर मुख्य सचिव ने आदेश दिए हैं कि बिना स्वीकृत मानचित्र के बने बेसमेंटों और स्वीकृत नक्शे के विपरीत बने बेसमेंटों के मामलों में संबंधित पर कठोर कार्रवाई की जाए।