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हाथरस जैसा दोबारा हादसा न हो इसके लिए डीजीपी  प्रशांत कुमार ने बनाया एसओपी, सभी जिलों को जारी, इसका पुलिस को अब करना होगा पालन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ( डीजीपी ) प्रशांत कुमार ने भीड़ प्रबंधन और भगदड़ से बचाव के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी की है। एसओपी के तहत अब यूपी में जिला, रेंज और जोन स्तर पर अलग-अलग इंटिग्रेटेड सिस्टम (एकीकृत प्रणाली) बनेगी। डीएम, सीएमओ, सिविल डिफेंस, फायर बिग्रेड और स्थानीय पुलिस के स्तर पर नियमित रूप से इंटिग्रेटेड सिस्टम को अपडेट किया जाएगा। हाथरस में सत्संग भगदड़ जैसी घटना दोबारा न हो, इसका प्रयास किया जाएगा।

भीड़ प्रबंधन व पुलिस व्यवस्थापन के लिए दिशा निर्देश जारी
डीजीपी यूपी प्रशांत कुमार द्वारा भीड़ जनित आपदा व भगदड़ से बचाव के दृष्टिगत वृहद आयोजनों में भीड़ प्रबंधन व पुलिस व्यवस्थापन के लिए लिए दिशा निर्देश जारी किया है।  डीजीपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक विरासत के लिये पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। विभिन्न धर्मों के विश्व प्रसिद्ध धार्मिक, आध्यात्मिक तथा ऐतिहासिक । सांस्कृतिक स्थल यहां अवस्थित हैं, जहां  नियमित रूप से वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। उक्त आयोजनों में न केवल देश के वरन विश्व के कई स्थानों से भारी संख्या में लोग सम्मिलित होते हैं। इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच, विभिन्न मॉल, रेलवे स्टेशन, राजनैतिक पार्टियों के कार्यक्रम तथा आध्यात्मिक संतों के कार्यक्रम में भी भारी संख्या में जनसमुदाय की भागीदारी रहती है।

भीड़ जनित आपदा व भगदड़ की पूरी सम्भावना

उक्त स्थानों पर किसी भी समय भीड़ जनित आपदा व भगदड़ की पूरी सम्भावना रहती है। विगत में जनपद लखनऊ, प्रतापगढ़, वाराणसी, प्रयागराज (इलाहाबाद रेलवे स्टेशन) तथा हाथरस में इस प्रकार की घटनायें घटित हो चुकी हैं। इसके दृष्टिगत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिकरण द्वारा भी भीड़ प्रबंधन के दृष्टिगत अनेक सुझाव दिये गये हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में भीड़ जनित आपदा व भगदड़ से बचाव के दृष्टिगत वृहद आयोजनों में भीड़ प्रबंधन व पुलिस व्यवस्थापन के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर से मानक संचालन प्रक्रिया  तैयार की गयी है।

पुलिस पहले से चेक करें कि कार्यक्रम स्थल पर कोई खतरा नहीं

डीजीपी ने कहा कि कार्यक्रमों की परमिशन देने वाले अधिकारी और स्थानीय पुलिस पहले से चेक करें कि कार्यक्रम स्थल पर कोई खतरा नहीं है। वहां लोगों का आवागमन सुरक्षित है। संभावित खतरों (आग, बिजली, सड़क दुर्घटना और श्वास अवरोधक) के आकलन के आधार पर आपातकालीन योजना तैयार की जाए। सभी विभागों से समन्वय बनाया जाए। कार्यक्रम की पूरी जानकारी और वहां आने वालों की अनुमानित संख्या की जानकारी जुटाई जाए।

कार्यक्रम स्थलों पर सीसीटीवी के जरिए मॉनिटरिंग की जाए

प्रशांत कुमार ने कहा कि सुरक्षा और ट्रैफिक के लिए जरूरी पुलिस, पीएसी, केंद्रीय बल, अधिकारियों और संसाधनों का मांग पत्र तैयार किया जाए। मजबूत बैरिकेडिंग की जाए।कार्यक्रम स्थलों पर सीसीटीवी के जरिए मॉनिटरिंग की जाए और ऑपरेशनल कंट्रोल रूम बनाए जाएं। कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए राजपत्रित अधिकारी (स्थानीय मैजिस्ट्रेट) को प्रभारी नियुक्ति किया जाए। ड्यूटी पर लगाए जाने वाले फोर्स की समुचित ब्रीफिंग की जाए।

अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाए

डीजीपी ने कहा कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाए। कार्यक्रम स्थल पर लाइट, पीने का पानी और ऐंबुलेंस का इंतजाम किया जाए। क्राउड कंट्रोल प्लान के तहत आवागमन और पार्किंग का इंतजाम किया जाए। अतिथियों की श्रेणी तय कर उसी हिसाब से उनके आवागमन के मार्ग अलग-अलग रखे जाएं। जनता के लिए आवागमन के मार्ग अलग हों। जरूरत का आकलन करते हुए स्थानीय फील्ड यूनिट, फायर बिग्रेड, बीडीएस टीम, फ्लड यूनिट और एसडीआरएफ की भी मदद ली जाए।
यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की तिथियां घोषित,60 हजार 244 पदों होगी परीक्षा पर दो सत्राें में होगी परीक्षा
   लखनऊ। पुलिस सेवा में जाने वाले युवाओं के लिए राहत बड़ी खबर है। चूंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव के बाद बदले हुए तेवर में नजर आ रहे है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नौकरियों के लिए बैठकें की है। इसके परिणाम स्वरूप ही यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की तिथियां घोषित हो गई हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षाएं 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को होंगी। यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद पर 60 हजार 244 अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी। इस सीधी भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए उप्र पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड अपनी तैयारियों में जुट गया है।

दो सत्रों में आयोजित होगी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा

अभी तक की तैयारियों के अनुसार कांस्टेबल भर्ती परीक्षा दो सत्र में होगी। 23 अगस्त से 25 अगस्त तक लगातार परीक्षाओं के बाद चार दिनों तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के कारण समय अंतराल दिया जा रहा है। इसके बाद पुन: 30 और 31 अगस्त को परीक्षा होगी। इसीलिए परीक्षा को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए अभी से ही तैयारी शुरू कर दी गई।

सीएम योगी ने छह माह के अंदर कराने का दिया था निर्देश

जानकारी के लिए बता दें कि यह परीक्षा पूर्व में निरस्त कर दी गयी थी।  मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्देशित किया गया था कि यह परीक्षा छह माह के अन्दर शुचिता एवं पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को दृष्टिगत रखते हुये पुनः आयोजित करायी जाए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस परीक्षा को एक निश्चित समय सीमा के अन्तर्गत शुचितापूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से उच्चतम मानकों के अनुसार आयोजित करने की प्रतिबद्धता के कम में यह कार्यकम घोषित किया गया है।

परीक्षाओं की शुचिता से छेड़छाड़ करने पर होगी आजीवन सजा

चयन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण ढंग से कराये जाने के सम्बन्ध में परीक्षा सम्बन्धित विभिन्न व्यवस्थाओं यथा-परीक्षा की तैयारियों, परीक्षा केन्द्रों के चयन, परीक्षार्थियों का सत्यापन, छद्मनिरूपण रोके जाने आदि के लिए विस्तृत दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 19.06.2024 को जारी किए गये है। यह परीक्षा इन सभी मानकों के अनुसार की जा रही है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, जैसे प्रश्नपत्र लीक होना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़‌छाड़ आदि को रोकने के लिए यूपी सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या-6, सन् 2024) दिनांक 01 जुलाई, 2024 को अधिसूचित किया गया है, इस अधिनियम में प्रावधान किया गया है।

पांच लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में होंगे सम्मिलित

इस अधिनियम के अन्तर्गत परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या नकल कराना, प्रश्न पत्र का प्रतिरूपण करना या प्रकट करना या प्रकट करने का षड्यंत्र करना आदि कृत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं, जो इस अधिनियम के अन्तर्गत दण्डनीय है। ऐसे प्रकरणों में एक करोड़ तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा, दोनों ही हो सकती है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा "आरक्षी नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर सीधी भर्ती-2023" की लिखित परीक्षा उपरोक्त उल्लिखित तिथियों में आयोजित की जायेगी। जन्माष्टमी त्योहार के कारण परीक्षा में अंतराल दिया गया है। उक्त तिथियों को प्रतिदिन 02 पालियों में यह परीक्षा सम्पन्न होगी तथा प्रति पाली में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में सम्मिलित होंगे।

प्रवेश पत्र दिखाकर नि:शुल्क बस सेवा का उठा सकेंगे लाभ

उक्त परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की निःशुल्क बस सेवा की सुविधा रहेगी। अभ्यर्थी अपनी सुविधानुसार इसका लाभ ले सकते है, जिसके लिए बस से यात्रा करने वाले अभ्यर्थियों को अपने प्रवेश पत्र की अतिरिक्त दो प्रतियां डाउनलोड करनी होगी तथा उसकी एक प्रति परीक्षा केन्द्र के जनपद तक की यात्रा एवं दूसरी प्रति परीक्षा उपरान्त अपने जनपद तक की यात्रा के लिए बस कंडक्टर को प्रस्तुत करना होगा।

यूपी पुलिस कांस्टेबल एडमिट कार्ड यूं करें डाउनलोड

चरण -1 - यूपी पुलिस वेबसाइट uppbpb.gov.in या ccp123.onlinereg.co.in पर जाएं।
चरण - 2- डिस्ट्रिक्ट इंटीमेशन के लिंक पर क्लिक करें।
चरण 3- एडमिट कार्ड विंडो खुलने पर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर डालें। एडमिट कार्ड सामने आ जाएगा। (हो सकता है कि विंडो न खुले और" दि सर्विस इज अनअवेलेबल " का एरर आए। ऐसी स्थिति में आप पेज रिफ्रेश करें। फिर ट्राय करें। फिर भी न हो तो थोड़ी देर बाद ट्राय करें। चरण 4- एडमिट कार्ड स्क्रीन पर आने पर इसे डाउनलोड करें। प्रिंट आउट निकाल लें।
पूर्व विधायक उदयभान करवरिया 10 साल बाद नैनी सेंट्रल जेल से रिहा

लखनऊ/प्रयागराज।  नैनी सेंट्रल जेल में जनवरी 2014 से आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया गुरुवार सुबह 10 साल बाद जेल से रिहा कर दिए गए। रिहाई के समय उनकी पत्नी पूर्व भाजपा विधायक नीलम करवरिया व अन्य समर्थक भी जेल के बाहर मौजूद थे। राज्य सरकार ने अच्छे चाल चलन की वजह से समय पूर्व उनकी रिहाई का आदेश दिया है । यह आदेश 19 जुलाई को जारी हुआ था ।
कागजी खानापूर्ति में पांच दिन और लग गया। प्रयागराज मंडल की राजनीति में बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले पूर्व विधायक उदयभान करवरिया और उनके भाइयों, बड़े भाई पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया तथा छोटे भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया के अलावा रिश्तेदार रामचंद्र त्रिपाठी ( कल्लू) को झूंसी से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक  जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित हत्याकांड में उम्र कैद मिली थी। जवाहर की 13 अगस्त 1996 में सिविल लाइंस क्षेत्र में  गोली मार कर हत्या की गई थी।

राजनीतिक षड्यंत्र में जेल

पूर्व विधायक ने रिहाई के बाद कहा कि वे और उनका परिवार राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हुआ। अपराध से दूर दूर तक कोई नाता नहीं रहा। प्राथमिकता क्या होगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पत्नी को लिवर सिरोसिस है। उसका इलाज कराएंगे।

बालू लदे ट्रक में यात्रियों से भरी स्लीपर बस घुसी, दो की मौत, सौ से अधिक यात्री घायल, चालक को झपकी आने से हुआ हादसा
लखनऊ । यूपी  के फिरोजाबाद में आधी रात भीषण सड़क हादसा हो गया। यहां पवर स्लीपर बस आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर आगे चल रहे बालू लदे ट्रक में घुस गई। हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। हादसे में चालक और एक यात्री की मौके पर ही मौत हो गई। करीब 100 से अधिक यात्री घायल हो गए। इनमें से 31 यात्रियों को जिला संयुक्त चिकित्सालय एवं शेष को सैफई पीजीआई, जनपद इटावा में भर्ती कराया गया है। चालक को झपकी आने से हादसा बताया जा रहा है।

एक निजी स्लीपर बस बुधवार की रात बहराइच से 150 यात्री लेकर दिल्ली के लिए निकली। इनमें अधिकांश यात्री मजदूर वर्ग के बताए गए। बस को हापुड़ निवासी चालक इरफान चला रहा था। बस आधी रात करीब एक बजे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर नगला खंगर क्षेत्र के किमी संख्या-59 पर पहुंची।हां चालक को झपकी आ जाने से बस आगे जा रहे बालू लदे ट्रक में पीछे से टकरा गई। घटना के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। एक्सप्रेसवे से गुजर रहे अन्य लोग हादसा देख रुक गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। क्षतिग्रस्त बस में फंसे यात्री बचाव के लिए चीख रहे थे।

सूचना पर एसपी ग्रामीण रणविजय सिंह, एसडीएम शिकोहाबाद विकल्प, एसडीएम सिरसागंज, इंस्पेक्टर शिकोहाबाद प्रदीप कुमार, इंस्पेक्टर नसीरपुर शेर सिंह, इंस्पेक्टर नगला खंगर पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। जानकारी होने पर यूपीडा की टीम भी पहुंच गई। टीम ने राहत बचाव कार्य शुरु कर दिया। एंबुलेंस की मदद से हादसे में घायल 31 यात्रियों को जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया। वहीं शेष यात्रियों को सैफई पीजीआई, जनपद इटावा में भर्ती कराया। यूपीडा की टीम ने हाइड्रा की मदद से क्षतिग्रस्त हुई बस को एक्सप्रेसवे से हटाया। इसके बाद यातायात सुचारू हो सका। हादसे में कुल 100 यात्रियों के घायल होने जानकारी है। हादसे में चालक इरफान एवं यात्री रामदेव की मौत हुई है।
योगी सरकार का आदेश, अपनी तहसील में ही निवास करें उपजिलाधिकारी और तहसीलदार

लखनऊ। जनता की समस्याओं को सुनने और समय पर उनकी समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित कराने के लिए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गुड गवर्नेंस की अपनी प्रतिबद्धता का अनुकरण करते हुए सरकार ने प्रदेश भर की विभिन्न तहसीलों में तैनात उपजिलाधिकारी (एसडीएम) एवं तहसीलदार को अब उसी तहसील में निवास करने का आदेश जारी किया है।

इस आदेश का उद्देश्य यह है कि उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार ज्यादा से ज्यादा समय अपनी तहसील में बिताएं एवं जनसामान्य की समस्याओं को सुनकर निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत उसका निराकरण करने का प्रयास करें। इससे न सिर्फ अधिकारियों की, बल्कि सरकार की छवि में भी सुधार होगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव की ओर से मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को जो निर्देश दिए गए हैं, उसके अनुसार जनसमस्याओं का ससमय निराकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार की गुड गवर्नेंस की प्रतिबद्धता के लिए यह आवश्यक है कि तहसील स्तरीय प्रशासन पूरी सजगता व तत्परता से कार्य करें। इस निर्देशन व पर्यवेक्षण को सशक्त बनाने के लिए यह आवश्यक है कि संबंधित तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात हैं, वहीं निवास करें। तहसील राजस्व प्रशासन के अंतर्गत सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी तरह हो, यह सुनिश्चित करना संबंधित जिलाधिकारी व मंडलायुक्तगण का प्राथमिक दायित्व है।

संबंधित जिलाधिकारी व मंडलायुक्तगण यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित तहसीलदार व उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात किए गए हैं, वहीं निवास करें। सभी जिलाधिकारी ईमेल आईडी पर 7 दिन के अंदर इस आशय का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराएंगे। वहीं संबंधित मंडलायुक्त एवं शासन स्तर से इस विषय का आकस्मिक निरीक्षण व जांच भी की जाएगी। संबंधित तहसीलदार व उपजिलाधिकारी यदि तहसील में निवासरत नहीं पाए गए तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संबंधित जिलाधिकारी का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा। इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
बजट 2024 : चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार से यूपी को मिलेंगे  2.43 लाख करोड़ रुपये, तेजी से घूमेगा विकास का पहिया
लखनऊ । उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार से चालू वित्त वर्ष में 2.43 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यांश और ब्याज मुक्त लोन के मदों के तहत मिलेगी। यह राशि अंतरिम बजट के मुकाबले करीब 7482 करोड़ रुपये अधिक है। वहीं, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) सेक्टर के लिए बजट में दी गई घोषणाएं यूपी के लिए सौगात बनकर आई हैं। ये बजट यूपी में 72 लाख नए उद्यमी पैदा करेगा। बजट में नौजवानों, छात्रों, किसानों और छोटे-मझोले उद्यमियों पर विशेष फोकस किया गया है। मुफ्त राशन योजना का लाभ प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को अगले पांच साल तक मिलता रहेगा।

आम बजट में यूपी का बजट बढ़कर 223737.23 करोड़ रुपये हो गया

एक फरवरी को आए अंतरिम बजट में केंद्रीय करों में उत्तर प्रदेश का अंश 218816.84 करोड़ रुपये था, जोकि आम बजट में बढ़कर 223737.23 करोड़ रुपये हो गया है। केंद्र की ओर से राज्यों की सहायता योजना के तहत 50 वर्ष के लिए ब्याज मुक्त लोन दिया जाता है। यूपी को पिछले वित्त वर्ष में करीब 17938 करोड़ रुपये मिले थे, जो चालू वित्त वर्ष में 20,500 करोड़ रुपये होगा।ये बजट 20 लाख इकाइयों को संजीवनी देगा। कम से कम एक करोड़ कामगारों को रहने के लिए छत देगा। प्रदेश सरकार में एमएसएमई, रेशम व खादी मंत्री राकेश सचान ने बताया कि बजट में घोषित 12 में से कम से कम दो औद्योगिक पार्क यूपी में लाए जाएंगे। बजट में एमएसएमई के लिए पेश ऋण गारंटी योजना यूपी के उद्यमियों को सबसे ज्यादा राहत देगी। एमएसएमई विभाग के मुताबिक करीब 22 लाख नए उद्यमियों की पौध केवल इस योजना से ही तैयार होगी। यहां बता दें कि यूपी में देशभर में सबसे ज्यादा 96 लाख से ज्यादा एमएसएमई इकाइयां हैं। छोटे उद्यमियों की सबसे ज्यादा शिकायतें बैंकों द्वारा उन्हें लोन देने में आनाकानी करना है। बैंक अपने धन की सुरक्षा चाहते हैं और गारंटी के अभाव में लोन देने में हिचकिचाते हैं।

यूपी में 4.5 करोड़ से ज्यादा इंडस्ट्री वर्कर

मुद्रा योजना की सीमा 10 लाख से 20 लाख रुपये बढ़ाए जाने का सबसे ज्यादा फायदा भी यूपी को ही मिलेगा। अभी 76.79 लाख मुद्रा लोन यूपी में दिए गए हैं। लोन सीमा दोगुना होने से प्रदेश में 24 लाख नए उद्यमी तैयार होंगे, जो अपने कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं या उनके उद्यम की लागत 10 लाख रुपये से ज्यादा है। इतना ही नहीं लोन कितना दिया जाए, इसके लिए नया ऋण आकलन मॉडल लोन की रफ्तार बढाएगा। विभाग के मुताबिक 26 लाख उद्यमियों के लिए नए लोन का रास्ता खुलेगा।इसी तरह एनपीए से छोटी इकाइयों को बचाने की योजना भी बहुत काम की है। प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में 15,757 करोड़ रुपये एनपीए हो चुके हैं। ट्रेड्स योजना से 20 लाख उद्यमियों की माली हालत सुधरेगी। यूपी में 4.5 करोड़ से ज्यादा इंडस्ट्री वर्कर हैं। डारमेट्री योजना से करीब एक करोड़ को फायदा होगा। पीपीपी मोड पर आवास बनाने से 10 लाख को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

प्रदेश की 100 आईटीआई होंगी अपग्रेड, 3.5 लाख युवाओं को होगा फायदा

केंद्रीय बजट में युवा और रोजगार पर काफी फोकस किया गया है। वहीं कौशल प्रशिक्षण कर युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के लिए काफी प्रावधान किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से 1000 आईटीआई को हब और स्पोक व्यवस्था में अपग्रेड करने की घोषणा में प्रदेश की भी लगभग 100 और आईटीआई को अपग्रेड करने की उम्मीद बढ़ गई है। प्रदेश की सरकारी व निजी आईटीआई से हर साल साढ़े तीन लाख युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर निकल रहे हैं। ऐसे में इन आईटीआई के अपग्रेडेशन से यहां के युवा रोजगार के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे।केंद्रीय बजट से यूपी के 50 लाख छात्रों व युवाओं के लिए उम्मीद जगी है। वे कम ब्याज दर पर एजुकेशन लोन ले सकेंगे। अभी परिवार की आय निर्धारित सीमा से अधिक होने के चलते ये छात्र प्रदेश सरकार की छात्रवृत्ति व शुल्क भरपाई योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं।

चालू वित्त वर्ष में करीब 40 हजार करोड़ रुपये मिलने की संभावना

यूपी में हाईवे के लिए चालू वित्त वर्ष में करीब 40 हजार करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। बजट में ग्रामीण सड़कों पर भी फोकस दिखा। प्रदेश में करीब दो हजार नए ग्रामीण मार्ग बन सकेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि सड़कों को दिए गए बजट में वर्ष 2047 का विजन दिखा।केंद्रीय बजट में 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं की इंटर्नशिप (प्रशिक्षण) की घोषणा का लाभ प्रदेश के लगभग दो लाख युवाओं को मिलेगा। प्रदेश में सीएम शिक्षुता योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं को अब इंटर्नशिप के दौरान मिलने वाले प्रतिमाह भत्ते के साथ ही प्रशिक्षण समाप्त होने पर 6000 रुपये की एकबारगी सहायता भी मिलेगी।
यूपी में नौ आईएएस व पांच पीसीएस अधिकारियों का तबादला,आईएएस प्रेरणा सिंह को ग्रेटर नोएडा अथारिटी की एसीईओ नियुक्त 
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में आईएएस व आईपीएस का तबादला जारी है। इसी क्रम में नौ आईएएस व पांच पीसीएस अफसरों के तबादले कर दिए गए हैं। कानपुर नगर और फिरोजबाद के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) बदले गए हैं। आईएएस सुधीर कुमार  नगर आयुक्त कानपुर नगर बनाया गया है वो अभी तक सीडीओ कानपुर नगर थे। आईएएस दीक्षा जैन सीडीओ कानपुर नगर बनाया गया है अभी तक वह सीडीओ फिरोजबाद थीं।
आईएएस शत्रुघ्न बैश्य सचिव कानपुर विकास प्राधिकरण कानपुर नगर को सीडीओ फिरोजाबाद बनाया गया है। आईएएस प्रेरणा सिंह को ग्रेटर नोएडा अथारिटी की एसीईओ नियुक्त किया गया है। इसी तरह आईएएस शिव प्रसाद को प्रबन्ध निदेशक अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम बनाया गया है वह अभी तक विशेष सचिव विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के पद पर कार्यरत थे।

आईएएस डॉ कंचन शरण अपर आयुक्त अलीगढ़ मंडल को अपर आयुक्त आगरा मंडल बनाया गया है। आईएएस अरुण कुमार अपर आयुक्त बरेली मंडल को अपर आयुक्त अलीगढ़ मंडल बनाया गया है। इसी तरह शीलधर सिंह यादव अपर आयुक्त लखनऊ मंडल को विशेष सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। आईएएस रणविजय यादव अपर आयुक्त लखनऊ मंडल को विशेष सचिव सिंचाई विभाग नियुक्त किया गया है।


इन पीसीएस अफसरों का हुआ तबादला

इसी प्रकार से पीसीएस अफसरों का भी तबादला किया गया है। सिटी मैजिस्ट्रेट लखनऊ पीसीएस सिद्धार्थ कानपुर के नये एडीएम एफआर बनाये गये हैं।सिटी मैजिस्ट्रेट गोरखपुर पीसीएस मंगलेश दुबे को एडीएम प्रशासन नोएडा बनाया गया है।एसडीएम बुलन्दशहर पीसीएस विमल किशोर गुप्ता को मेरठ का एडीएम न्यायिक बनाया गया है।पीसीएस पंकज दीक्षित एसडीएम बहराइच को एसडीएम आजमगढ़ बनाया गया है।  पीसीएस शालिनी सिंह तोमर सहायक निदेशक स्थानीय निकाय को एसडीएम उन्नाव बनाया गया है।
खेत की जुलाई करते वक्त निकला प्राचीन अद्भुत शिवलिंग, लोगों ने शुरू की पूजा अर्चना
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के आगरा में खेत की जुताई करते समय ट्रैक्टर के कल्टीवेटर में एक पत्थर टकराया। लोगों ने देखा तो प्राचीन अद्भुत शिवलिंग निकली। इसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गई। लोगों ने इसे स्थापित करके पूजा-अर्चना शुरू कर दी।

सावन माह भगवान शिव की आराधना के लिए जाना जाता है। मंदिरों में पूजा-अर्चना के साथ बम बम भोले के जयकारे गूंजते रहते हैं। इसी कड़ी में पिनाहट क्षेत्र के पातीरामपुरा गांव निवासी किसान राधेश्याम बुधवार की सुबह खेत की जुताई करा रहे थे। ट्रैक्टर के कल्टीवेटर से एक पत्थर टकराया। देखा तो एक अद्भुत प्राचीन शिवलिंग थी। इसकी लंबाई करीब डेढ़ फुट गोलाकार है।

खबर फैलते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। शिवलिंग की महिलाओं ने सफाई शुरू कर दी। भजन कीर्तन और बम-बम भोले के जयकारे गूंजने लगे। लोगों ने शिवलिंग स्थापित करके पूजा अर्चना शुरू कर दी। आसपास के गांव में भी शिवलिंग निकलने की खबर फैल गई तो लोग दर्शन को आने लगे।


सावन माह में शिवलिंग निकालने की सूचना मिलते ही सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण पातीरामपुरा में शिवलिंग को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। प्राचीन शिवलिंग ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र बन गई है। लोग पूजा अर्चना करने के साथ चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं। और भजन कीर्तनों का दौर शुरू हो गया है।

वहीं ग्रामीण राधेश्याम, सुनील कुमार, और रामदेवी ने बताया कि गांव में भगवान शिव का कोई मंदिर नहीं था पूजा अर्चना करने के लिए दूसरे दूर मंदिरों में जाना पड़ता था। सावन माह में अचानक शिवलिंग निकलने से भगवान शिव उनके गांव पधारे हैं।

उन्हें स्थापित कर पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है। जल्द ही मंदिर का निर्माण भी कराया जाएगा। सावन पवित्र माह में शिवलिंग प्राप्त होना बहुत ही पुण्य की बात है। भगवान गांव पर कृपा बनकर निकले हैं। जिसे लेकर बहुत धन्य हो गए हैं।
मरीज की मौत पर भड़के तीमारदारों ने डॉक्टर को पीटा

लखनऊ। राजधानी के गोमतीनगर स्थित एक अस्पताल में पूर्व केजीएमयू के प्रोफेसर डॉक्टर रवि देव के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। डॉक्टर के साथ मारपीट करने वाले मरीज की मौत पर तीमारदार भड़क गए और जमकर हंगामा काटा। पूरी घटना अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।

गोमतीनगर विस्तार में इग्निस हॉस्पिटल है। अस्पताल में एक मरीज भर्ती था। देर रात उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। इस पर मृतक मरीज के तीमारदारों (परिजनों) ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पहले तो बवाल काटा और फिर डॉक्टर और अस्पताल स्टॉफ के साथ मारपीट शुरू कर दी। मरीज की मौत से गुस्साएं परिजनों ने इस दौरान केजीएमयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ. रवि देव से भी बदसलूकी और पिटाई कर दी।

तीमारदारों की यह हरकत अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई। वीडियो में आधा दर्जन से अधिक लोग डॉ. रवि के साथ मारपीट करते दिखे। इस बीच सूचना पर गोमतीनगर थाना पुलिस पहुंची। लेकिन तब तक मारपीट करने वाले तीमारदारी शामिल लोग भाग निकले। हालांकि पुलिस ने अन्य परिजनों से पूछताछ करते हुए मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। गोमतीनगर थाना पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटैज में मारपीट करने वालों की पहचान करते हुए कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

लखनऊ मेें भतीजे ने चाचा की लाइसेंसी पिस्टल से खुद को मारी गोली, मौत

लखनऊ। गाजीपुर थाना क्षेत्र में बुधवार को भतीजे ने चाचा के लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारकर हत्या कर ली है। सूचना पर पहुंची पुलिस फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल से जांच कर साक्ष्य एकत्र करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

पुलिस उपायुक्त उत्तरी अभिजीत आर शंकर ने बताया कि इंदिरानगर के हरियर नगर में किराये के मकान में रहने वाले सत्येन्द्र सिंह ने पुलिस को सूचना दी कि उनके भतीजे प्रत्यूषराज सिंह (18) ने लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली है। सूचना पाकर मौके पर थाना प्रभारी गाजीपुर, फोरेंसिक टीम पहुंचकर घटनास्थल की बारीकी से जांच पड़ताल की। चाचा ने पुलिस को बताया कि भतीजे का लखनऊ के कल्याण सिंह कैंसर हॉस्पिटल में चल रहा था। इससे वह काफी परेशान था, जिसके चलते उसने उनकी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली है। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से पिस्टल, खाली बुलेट बरामद कर लिया है। शव को पोस्टमार्टम भेजकर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।