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बालू लदे ट्रक में यात्रियों से भरी स्लीपर बस घुसी, दो की मौत, सौ से अधिक यात्री घायल, चालक को झपकी आने से हुआ हादसा
लखनऊ । यूपी  के फिरोजाबाद में आधी रात भीषण सड़क हादसा हो गया। यहां पवर स्लीपर बस आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर आगे चल रहे बालू लदे ट्रक में घुस गई। हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। हादसे में चालक और एक यात्री की मौके पर ही मौत हो गई। करीब 100 से अधिक यात्री घायल हो गए। इनमें से 31 यात्रियों को जिला संयुक्त चिकित्सालय एवं शेष को सैफई पीजीआई, जनपद इटावा में भर्ती कराया गया है। चालक को झपकी आने से हादसा बताया जा रहा है।

एक निजी स्लीपर बस बुधवार की रात बहराइच से 150 यात्री लेकर दिल्ली के लिए निकली। इनमें अधिकांश यात्री मजदूर वर्ग के बताए गए। बस को हापुड़ निवासी चालक इरफान चला रहा था। बस आधी रात करीब एक बजे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर नगला खंगर क्षेत्र के किमी संख्या-59 पर पहुंची।हां चालक को झपकी आ जाने से बस आगे जा रहे बालू लदे ट्रक में पीछे से टकरा गई। घटना के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। एक्सप्रेसवे से गुजर रहे अन्य लोग हादसा देख रुक गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। क्षतिग्रस्त बस में फंसे यात्री बचाव के लिए चीख रहे थे।

सूचना पर एसपी ग्रामीण रणविजय सिंह, एसडीएम शिकोहाबाद विकल्प, एसडीएम सिरसागंज, इंस्पेक्टर शिकोहाबाद प्रदीप कुमार, इंस्पेक्टर नसीरपुर शेर सिंह, इंस्पेक्टर नगला खंगर पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। जानकारी होने पर यूपीडा की टीम भी पहुंच गई। टीम ने राहत बचाव कार्य शुरु कर दिया। एंबुलेंस की मदद से हादसे में घायल 31 यात्रियों को जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया। वहीं शेष यात्रियों को सैफई पीजीआई, जनपद इटावा में भर्ती कराया। यूपीडा की टीम ने हाइड्रा की मदद से क्षतिग्रस्त हुई बस को एक्सप्रेसवे से हटाया। इसके बाद यातायात सुचारू हो सका। हादसे में कुल 100 यात्रियों के घायल होने जानकारी है। हादसे में चालक इरफान एवं यात्री रामदेव की मौत हुई है।
योगी सरकार का आदेश, अपनी तहसील में ही निवास करें उपजिलाधिकारी और तहसीलदार

लखनऊ। जनता की समस्याओं को सुनने और समय पर उनकी समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित कराने के लिए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गुड गवर्नेंस की अपनी प्रतिबद्धता का अनुकरण करते हुए सरकार ने प्रदेश भर की विभिन्न तहसीलों में तैनात उपजिलाधिकारी (एसडीएम) एवं तहसीलदार को अब उसी तहसील में निवास करने का आदेश जारी किया है।

इस आदेश का उद्देश्य यह है कि उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार ज्यादा से ज्यादा समय अपनी तहसील में बिताएं एवं जनसामान्य की समस्याओं को सुनकर निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत उसका निराकरण करने का प्रयास करें। इससे न सिर्फ अधिकारियों की, बल्कि सरकार की छवि में भी सुधार होगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव की ओर से मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को जो निर्देश दिए गए हैं, उसके अनुसार जनसमस्याओं का ससमय निराकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार की गुड गवर्नेंस की प्रतिबद्धता के लिए यह आवश्यक है कि तहसील स्तरीय प्रशासन पूरी सजगता व तत्परता से कार्य करें। इस निर्देशन व पर्यवेक्षण को सशक्त बनाने के लिए यह आवश्यक है कि संबंधित तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात हैं, वहीं निवास करें। तहसील राजस्व प्रशासन के अंतर्गत सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी तरह हो, यह सुनिश्चित करना संबंधित जिलाधिकारी व मंडलायुक्तगण का प्राथमिक दायित्व है।

संबंधित जिलाधिकारी व मंडलायुक्तगण यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित तहसीलदार व उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात किए गए हैं, वहीं निवास करें। सभी जिलाधिकारी ईमेल आईडी पर 7 दिन के अंदर इस आशय का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराएंगे। वहीं संबंधित मंडलायुक्त एवं शासन स्तर से इस विषय का आकस्मिक निरीक्षण व जांच भी की जाएगी। संबंधित तहसीलदार व उपजिलाधिकारी यदि तहसील में निवासरत नहीं पाए गए तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संबंधित जिलाधिकारी का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा। इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
बजट 2024 : चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार से यूपी को मिलेंगे  2.43 लाख करोड़ रुपये, तेजी से घूमेगा विकास का पहिया
लखनऊ । उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार से चालू वित्त वर्ष में 2.43 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यांश और ब्याज मुक्त लोन के मदों के तहत मिलेगी। यह राशि अंतरिम बजट के मुकाबले करीब 7482 करोड़ रुपये अधिक है। वहीं, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) सेक्टर के लिए बजट में दी गई घोषणाएं यूपी के लिए सौगात बनकर आई हैं। ये बजट यूपी में 72 लाख नए उद्यमी पैदा करेगा। बजट में नौजवानों, छात्रों, किसानों और छोटे-मझोले उद्यमियों पर विशेष फोकस किया गया है। मुफ्त राशन योजना का लाभ प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को अगले पांच साल तक मिलता रहेगा।

आम बजट में यूपी का बजट बढ़कर 223737.23 करोड़ रुपये हो गया

एक फरवरी को आए अंतरिम बजट में केंद्रीय करों में उत्तर प्रदेश का अंश 218816.84 करोड़ रुपये था, जोकि आम बजट में बढ़कर 223737.23 करोड़ रुपये हो गया है। केंद्र की ओर से राज्यों की सहायता योजना के तहत 50 वर्ष के लिए ब्याज मुक्त लोन दिया जाता है। यूपी को पिछले वित्त वर्ष में करीब 17938 करोड़ रुपये मिले थे, जो चालू वित्त वर्ष में 20,500 करोड़ रुपये होगा।ये बजट 20 लाख इकाइयों को संजीवनी देगा। कम से कम एक करोड़ कामगारों को रहने के लिए छत देगा। प्रदेश सरकार में एमएसएमई, रेशम व खादी मंत्री राकेश सचान ने बताया कि बजट में घोषित 12 में से कम से कम दो औद्योगिक पार्क यूपी में लाए जाएंगे। बजट में एमएसएमई के लिए पेश ऋण गारंटी योजना यूपी के उद्यमियों को सबसे ज्यादा राहत देगी। एमएसएमई विभाग के मुताबिक करीब 22 लाख नए उद्यमियों की पौध केवल इस योजना से ही तैयार होगी। यहां बता दें कि यूपी में देशभर में सबसे ज्यादा 96 लाख से ज्यादा एमएसएमई इकाइयां हैं। छोटे उद्यमियों की सबसे ज्यादा शिकायतें बैंकों द्वारा उन्हें लोन देने में आनाकानी करना है। बैंक अपने धन की सुरक्षा चाहते हैं और गारंटी के अभाव में लोन देने में हिचकिचाते हैं।

यूपी में 4.5 करोड़ से ज्यादा इंडस्ट्री वर्कर

मुद्रा योजना की सीमा 10 लाख से 20 लाख रुपये बढ़ाए जाने का सबसे ज्यादा फायदा भी यूपी को ही मिलेगा। अभी 76.79 लाख मुद्रा लोन यूपी में दिए गए हैं। लोन सीमा दोगुना होने से प्रदेश में 24 लाख नए उद्यमी तैयार होंगे, जो अपने कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं या उनके उद्यम की लागत 10 लाख रुपये से ज्यादा है। इतना ही नहीं लोन कितना दिया जाए, इसके लिए नया ऋण आकलन मॉडल लोन की रफ्तार बढाएगा। विभाग के मुताबिक 26 लाख उद्यमियों के लिए नए लोन का रास्ता खुलेगा।इसी तरह एनपीए से छोटी इकाइयों को बचाने की योजना भी बहुत काम की है। प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में 15,757 करोड़ रुपये एनपीए हो चुके हैं। ट्रेड्स योजना से 20 लाख उद्यमियों की माली हालत सुधरेगी। यूपी में 4.5 करोड़ से ज्यादा इंडस्ट्री वर्कर हैं। डारमेट्री योजना से करीब एक करोड़ को फायदा होगा। पीपीपी मोड पर आवास बनाने से 10 लाख को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

प्रदेश की 100 आईटीआई होंगी अपग्रेड, 3.5 लाख युवाओं को होगा फायदा

केंद्रीय बजट में युवा और रोजगार पर काफी फोकस किया गया है। वहीं कौशल प्रशिक्षण कर युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के लिए काफी प्रावधान किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से 1000 आईटीआई को हब और स्पोक व्यवस्था में अपग्रेड करने की घोषणा में प्रदेश की भी लगभग 100 और आईटीआई को अपग्रेड करने की उम्मीद बढ़ गई है। प्रदेश की सरकारी व निजी आईटीआई से हर साल साढ़े तीन लाख युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर निकल रहे हैं। ऐसे में इन आईटीआई के अपग्रेडेशन से यहां के युवा रोजगार के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे।केंद्रीय बजट से यूपी के 50 लाख छात्रों व युवाओं के लिए उम्मीद जगी है। वे कम ब्याज दर पर एजुकेशन लोन ले सकेंगे। अभी परिवार की आय निर्धारित सीमा से अधिक होने के चलते ये छात्र प्रदेश सरकार की छात्रवृत्ति व शुल्क भरपाई योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं।

चालू वित्त वर्ष में करीब 40 हजार करोड़ रुपये मिलने की संभावना

यूपी में हाईवे के लिए चालू वित्त वर्ष में करीब 40 हजार करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। बजट में ग्रामीण सड़कों पर भी फोकस दिखा। प्रदेश में करीब दो हजार नए ग्रामीण मार्ग बन सकेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि सड़कों को दिए गए बजट में वर्ष 2047 का विजन दिखा।केंद्रीय बजट में 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं की इंटर्नशिप (प्रशिक्षण) की घोषणा का लाभ प्रदेश के लगभग दो लाख युवाओं को मिलेगा। प्रदेश में सीएम शिक्षुता योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं को अब इंटर्नशिप के दौरान मिलने वाले प्रतिमाह भत्ते के साथ ही प्रशिक्षण समाप्त होने पर 6000 रुपये की एकबारगी सहायता भी मिलेगी।
यूपी में नौ आईएएस व पांच पीसीएस अधिकारियों का तबादला,आईएएस प्रेरणा सिंह को ग्रेटर नोएडा अथारिटी की एसीईओ नियुक्त 
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में आईएएस व आईपीएस का तबादला जारी है। इसी क्रम में नौ आईएएस व पांच पीसीएस अफसरों के तबादले कर दिए गए हैं। कानपुर नगर और फिरोजबाद के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) बदले गए हैं। आईएएस सुधीर कुमार  नगर आयुक्त कानपुर नगर बनाया गया है वो अभी तक सीडीओ कानपुर नगर थे। आईएएस दीक्षा जैन सीडीओ कानपुर नगर बनाया गया है अभी तक वह सीडीओ फिरोजबाद थीं।
आईएएस शत्रुघ्न बैश्य सचिव कानपुर विकास प्राधिकरण कानपुर नगर को सीडीओ फिरोजाबाद बनाया गया है। आईएएस प्रेरणा सिंह को ग्रेटर नोएडा अथारिटी की एसीईओ नियुक्त किया गया है। इसी तरह आईएएस शिव प्रसाद को प्रबन्ध निदेशक अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम बनाया गया है वह अभी तक विशेष सचिव विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के पद पर कार्यरत थे।

आईएएस डॉ कंचन शरण अपर आयुक्त अलीगढ़ मंडल को अपर आयुक्त आगरा मंडल बनाया गया है। आईएएस अरुण कुमार अपर आयुक्त बरेली मंडल को अपर आयुक्त अलीगढ़ मंडल बनाया गया है। इसी तरह शीलधर सिंह यादव अपर आयुक्त लखनऊ मंडल को विशेष सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। आईएएस रणविजय यादव अपर आयुक्त लखनऊ मंडल को विशेष सचिव सिंचाई विभाग नियुक्त किया गया है।


इन पीसीएस अफसरों का हुआ तबादला

इसी प्रकार से पीसीएस अफसरों का भी तबादला किया गया है। सिटी मैजिस्ट्रेट लखनऊ पीसीएस सिद्धार्थ कानपुर के नये एडीएम एफआर बनाये गये हैं।सिटी मैजिस्ट्रेट गोरखपुर पीसीएस मंगलेश दुबे को एडीएम प्रशासन नोएडा बनाया गया है।एसडीएम बुलन्दशहर पीसीएस विमल किशोर गुप्ता को मेरठ का एडीएम न्यायिक बनाया गया है।पीसीएस पंकज दीक्षित एसडीएम बहराइच को एसडीएम आजमगढ़ बनाया गया है।  पीसीएस शालिनी सिंह तोमर सहायक निदेशक स्थानीय निकाय को एसडीएम उन्नाव बनाया गया है।
खेत की जुलाई करते वक्त निकला प्राचीन अद्भुत शिवलिंग, लोगों ने शुरू की पूजा अर्चना
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के आगरा में खेत की जुताई करते समय ट्रैक्टर के कल्टीवेटर में एक पत्थर टकराया। लोगों ने देखा तो प्राचीन अद्भुत शिवलिंग निकली। इसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गई। लोगों ने इसे स्थापित करके पूजा-अर्चना शुरू कर दी।

सावन माह भगवान शिव की आराधना के लिए जाना जाता है। मंदिरों में पूजा-अर्चना के साथ बम बम भोले के जयकारे गूंजते रहते हैं। इसी कड़ी में पिनाहट क्षेत्र के पातीरामपुरा गांव निवासी किसान राधेश्याम बुधवार की सुबह खेत की जुताई करा रहे थे। ट्रैक्टर के कल्टीवेटर से एक पत्थर टकराया। देखा तो एक अद्भुत प्राचीन शिवलिंग थी। इसकी लंबाई करीब डेढ़ फुट गोलाकार है।

खबर फैलते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। शिवलिंग की महिलाओं ने सफाई शुरू कर दी। भजन कीर्तन और बम-बम भोले के जयकारे गूंजने लगे। लोगों ने शिवलिंग स्थापित करके पूजा अर्चना शुरू कर दी। आसपास के गांव में भी शिवलिंग निकलने की खबर फैल गई तो लोग दर्शन को आने लगे।


सावन माह में शिवलिंग निकालने की सूचना मिलते ही सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण पातीरामपुरा में शिवलिंग को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। प्राचीन शिवलिंग ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र बन गई है। लोग पूजा अर्चना करने के साथ चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं। और भजन कीर्तनों का दौर शुरू हो गया है।

वहीं ग्रामीण राधेश्याम, सुनील कुमार, और रामदेवी ने बताया कि गांव में भगवान शिव का कोई मंदिर नहीं था पूजा अर्चना करने के लिए दूसरे दूर मंदिरों में जाना पड़ता था। सावन माह में अचानक शिवलिंग निकलने से भगवान शिव उनके गांव पधारे हैं।

उन्हें स्थापित कर पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है। जल्द ही मंदिर का निर्माण भी कराया जाएगा। सावन पवित्र माह में शिवलिंग प्राप्त होना बहुत ही पुण्य की बात है। भगवान गांव पर कृपा बनकर निकले हैं। जिसे लेकर बहुत धन्य हो गए हैं।
मरीज की मौत पर भड़के तीमारदारों ने डॉक्टर को पीटा

लखनऊ। राजधानी के गोमतीनगर स्थित एक अस्पताल में पूर्व केजीएमयू के प्रोफेसर डॉक्टर रवि देव के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। डॉक्टर के साथ मारपीट करने वाले मरीज की मौत पर तीमारदार भड़क गए और जमकर हंगामा काटा। पूरी घटना अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।

गोमतीनगर विस्तार में इग्निस हॉस्पिटल है। अस्पताल में एक मरीज भर्ती था। देर रात उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। इस पर मृतक मरीज के तीमारदारों (परिजनों) ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पहले तो बवाल काटा और फिर डॉक्टर और अस्पताल स्टॉफ के साथ मारपीट शुरू कर दी। मरीज की मौत से गुस्साएं परिजनों ने इस दौरान केजीएमयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ. रवि देव से भी बदसलूकी और पिटाई कर दी।

तीमारदारों की यह हरकत अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई। वीडियो में आधा दर्जन से अधिक लोग डॉ. रवि के साथ मारपीट करते दिखे। इस बीच सूचना पर गोमतीनगर थाना पुलिस पहुंची। लेकिन तब तक मारपीट करने वाले तीमारदारी शामिल लोग भाग निकले। हालांकि पुलिस ने अन्य परिजनों से पूछताछ करते हुए मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। गोमतीनगर थाना पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटैज में मारपीट करने वालों की पहचान करते हुए कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

लखनऊ मेें भतीजे ने चाचा की लाइसेंसी पिस्टल से खुद को मारी गोली, मौत

लखनऊ। गाजीपुर थाना क्षेत्र में बुधवार को भतीजे ने चाचा के लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारकर हत्या कर ली है। सूचना पर पहुंची पुलिस फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल से जांच कर साक्ष्य एकत्र करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

पुलिस उपायुक्त उत्तरी अभिजीत आर शंकर ने बताया कि इंदिरानगर के हरियर नगर में किराये के मकान में रहने वाले सत्येन्द्र सिंह ने पुलिस को सूचना दी कि उनके भतीजे प्रत्यूषराज सिंह (18) ने लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली है। सूचना पाकर मौके पर थाना प्रभारी गाजीपुर, फोरेंसिक टीम पहुंचकर घटनास्थल की बारीकी से जांच पड़ताल की। चाचा ने पुलिस को बताया कि भतीजे का लखनऊ के कल्याण सिंह कैंसर हॉस्पिटल में चल रहा था। इससे वह काफी परेशान था, जिसके चलते उसने उनकी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली है। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से पिस्टल, खाली बुलेट बरामद कर लिया है। शव को पोस्टमार्टम भेजकर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

तेज रफ्तार ट्रक ने छात्र को रौंदा,मौत से गुस्साएं लाेगाें ने चक्का जाम किया, साइकिल से विद्यालय पढ़ाई करने जा रहा था छात्र

लखनऊ /वाराणसी। शहर के सारनाथ थाना क्षेत्र के चंद्रा चौराहे के समीप बुधवार को तेज रफ्तार ट्रक ने साइकिल सवार छात्र को रौंद दिया। छात्र की मौके पर ही मौत हो गई। हृदय विदारक घटना से गुस्साएं लोगों ने सड़क पर चक्का जाम कर दिया। सूचना पाते ही पुलिस भी वहां पहुंच गई। बताया जा रहा कि छात्र साइकिल से स्कूल पढ़ने के लिए जा रहा था। पुलिस ने समझा बुझाकर किसी तरह से परिजनों को शांत कराने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है।

हादस के बाद ट्रक को छोड़कर भाग निकला चालक

जानकारी के लिए बता दें कि रमरेपुर पहड़िया निवासी अजीत कुमार जायसवाल का इकलौता पुत्र भावेश जायसवाल (15) प्रतिदिन की भांति आज सुबह स्कूल जाने के लिए घर से निकला था।छात्र साइकिल से चंद्रा चौराहे के समीप पहुंचा ही था कि अचानक आई तेज रफ्तार बालू लदी ट्रक ने उसे रौंद दिया। हादसे के बाद चालक कुछ दूर आगे जाकर वाहन छोड़कर भाग निकला। इस हृदय विदारक घटना में छात्र की माैके पर ही मौत हाे गई। इसकी जानकारी पाते ही पिता अजीत और छात्र के परिजन मौके पर पहुंच गए। मृत छात्र के परिजनों और मां का करूण विलाप देख आक्रोशित क्षेत्रीय लोगों ने चक्का जाम कर दिया। इससे सारनाथ पंचक्रोशी मार्ग पर वाहनों की कतार लग गई। मौके पर पहुंचे सारनाथ थाना प्रभारी ने लोगों को समझा बुझा कर उन्हें शांत कराया। थाना पुलिस मामले में अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है।

लखनऊ में प्रॉपर्टी डीलर की मौत के मामले में तीन पुलिसकर्मी निलंबित, जांच में लापरवाही आयी सामने

लखनऊ । राजधानी के बंथरा गांव में रविवार रात बिजली को लेकर हुए विवाद में 22 वर्षीय प्रॉपर्टी डीलर रितिक पांडेय की मौत के मामले में लापरवाही बरतने वाले तीन पुलिसकर्मियों को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। इनमें दो दरोगा और एक सिपाही है। बंथरा इंस्पेक्टर भी जांच में दोषी पाए गए हैं। डीसीपी ने उन पर कार्रवाई की संस्तुति कर पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी है। जल्द इंस्पेक्टर पर भी गाज गिर सकती है। इस बड़ी कार्रवाई से पुलिस में हड़कंप मच गया है। चूंकि इससे स्पष्ट हो गया कि अगर थाने आने के बाद पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो फिर कार्रवाई होनी तय है।

जानकारी के लिए बंथरा में लाइट न आने से लोग परेशान थे। इसलिए रविवार की रात में बिजली कर्मी को बुलाकर फाल्ट ठीक करा रहे थे। बताया जाता है कि इस दौरान ऋतिक का हिमांशु सिंह व उसके साथियों से विवाद हो गया। आरोप है कि कुछ देर बाद ऋतिक के घर पर हिमांशु व अन्य लोगों ने धावा बोलकर पूरे परिवार को पीटा। कुछ घंटे बाद ऋतिक की मौत हो गई। पुलिस ने पांच नामजद व दस अज्ञात पर केस दर्ज किया था। घटना के दौरान परिजनों ने इस पूरे मामले में पुलिस पर लापवाही का आरोप लगाते हुए शव रखकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस ने परिजनों को समझा बुझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।

जांच में पुलिस व दरोगा की लापरवाही आयी सामने

मामला शांत होने के बाद जब जांच कराई गई तो पुलिस की लापरवाही उजागर हुई । एसीपी कृष्णानगर की जांच में दरोगा सुभाष यादव, दरोगा सुशील यादव और सिपाही यतेंद्र सिंह दोषी पाए गए। डीसीपी साउथ तेज स्वरूप ने इन सभी को निलंबित कर दिया है। विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं। प्रकरण में बंथरा इंस्पेक्टर हेमंत राघव भी लापरवाही बरतने में दोषी पाए गए हैं।पीड़ित परिजनों का कहना है कि वारदात की रात थाने के नाइट इंचार्ज एसएसआई इब्ने हसन थे। पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिलने पर वह और अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे भी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित परिजन ने इस पर सवाल उठाते हुए एसएसआई पर भी कार्रवाई की मांग की है। डीसीपी का कहना है कि जांच जारी है। अगर दोषी पाए गए तो कार्रवाई होगी।

आरोपियों को अभी तक पकड़ नहीं पायी पुलिस

इस पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी। पीड़ित परिजनों की तरफ से दी गई तहरीर के आधार अवनीश सिंह, हिमांशु सिंह, प्रियांशु सिंह, शनि सिंह और दस अज्ञात पर केस दर्ज किया गया था। पुलिस की तीन टीमें रायबरेली, अमेठी और सुल्तानपुर में दबिश दे रही हैं। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पूरा परिवार गांव से गायब है। हालांकि पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

एक्शन में सीएम योगी, लापरवाह पांच एडीएम एफआर और तीन एसडीएम से जवाब तलब
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न आपदाओं में हुई जनहानि एवं क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही करने वाले छह से ज्यादा अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
इसमें पांच जिलों के एडीएम एफआर को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है, जबकि तीन एसडीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है। बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ को निलंबित कर दिया।

सीएम योगी ने सभी लापरवाह अधिकारियों को दो दिनों में अपना स्पष्टीकरण शासन को सौंपने के निर्देश दिये हैं। अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो सीएम योगी सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि आपदा से हुई जनहानि का मुआवजा 24 घंटे के अंदर प्रदान किया जाए। इन लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश भर में आपदा से हुई जनहानि का सर्वे पूरा कर 24 घंटे में मुआवजा दिया जा रहा है। वहीं इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में विभिन्न आपदाओं के दौरान हुई जनहानि और क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। इनमें बांदा, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर और मुजफ्फरनगर के एडीएम एफआर क्रमश: संतोष सिंह, उमेश चंद्र निगम, उमा शंकर, एस सुधाकरन और गजेंद्र कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि सौंपी गयी है। इसके साथ ही लापरवाही पर सिद्धार्थनगर की सदर तहसील के एसडीएम ललित कुमार मिश्रा, हाथरस की शादाबाद तहसील के एसडीएम संजय कुमार सिंह और अलीगढ़ की अतरौली तहसील के एसडीएम अनिल कुमार कटियार से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। वहीं बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ अश्विनी कुमार को निलंबित कर दिया है। सभी को दो दिनों के अंदर अपना जवाब शासन को सौंपना होगा।