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मोदी सरकार कुछ दिनों की मेहमान', टीएमसी की रैली में अखिलेश का दावा

#akhilesh_yadav_attack_on_modi_government_in_dharmtala_tmc_rally

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की शहीद दिवस के मौके पर आयोजित रैली में समाजवादी पार्टी की प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने धर्मतला की रैली में भाग लेते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दमकर हमला बोला। अखिलेश ने दावा किया कि केन्द्र की एनडीए सरकार जल्द गिरने वाली है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भारत को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की साजिश रचने वाली ताकतों को अस्थायी सफलता मिल सकती है, लेकिन अंततः उनकी पराजय होगी। केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार लंबे समय तक नहीं टिकेगी, यह जल्द ही गिर जाएगी। अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने अपना विश्वास जनता पर से खो दिया है। अब उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। 

अखिलेश ने कहा कि केंद्र की सत्ता में विभाजनकारी ताकतें बैठी हैं जो देश को बांटकर राज करना चाहती हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे। निकट भविष्य में उन्हें पराजित किया जाएगा। सपा प्रमुख ने आगे कहा कि बंगाल व यूपी के लोगों ने देश को बांटने वाली ताकतों के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ी, जो महज कुछ दिनों के लिए सत्ता में मेहमान हैं। अखिलेश यादव इस रैली में लोकसभा चुनाव परिणाम की भी चर्चा करते दिखे। उन्होंने उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदर्शन की चर्चा की। सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बंगाल की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को बैक फुट पर धकेल दिया है।

सपा प्रमुख ने कहा कि बंगाल ने उन्हें हराया, यूपी भी इस लड़ाई में शामिल हुआ। केंद्र में सत्ता में बैठी यह सरकार, जिसे लोगों की परवाह नहीं है, जल्द ही गिर जाएगी। वे सत्ता के लिए बेताब हैं। हम उन्हें गिरते हुए देखेंगे और जल्द ही हम खुशी के दिन देखेंगे। हम सकारात्मक राजनीति में विश्वास करते हैं। लोगों के जीवन में बदलाव का समय आ गया है। संविधान और देश को बचाने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा।

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से शहीद दिवस रैली का आयोजन धर्मतला में किया गया। इसमें तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को भी आमंत्रित किया। ममता बनर्जी इस रैली के जरिए पश्चिम बंगाल में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही हैं। पश्चिम बंगाल के राजनीतिक मैदान में ममता बनर्जी ने अपनी ताकत का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में किया। अब उनकी तैयारी विधानसभा चुनाव को लेकर शुरू हो गई है।

बांग्लादेश में हिंसा से बिगड़े हालात, भारत के लिए हो सकती है खतरनाक, बॉर्डर पर जवान अलर्ट पर*
#bangladesh_violence_poses_a_threat_india पड़ोसी देश बांग्लादेश इन दिनों हिंसा की आग में झुलस रहा है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में छात्रों का हिंसक आंदोलन लगातार तेज हो रहा है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन देशभर में उग्र रूप ले चुका है। इस प्रदर्शन में अब तक 150 लोगों की मौत हो गई है जबकि 2500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हालात को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने देश में देशव्यापी कर्फ्यू को आज दोपहर तीन बजे तक के लिए बढ़ा दिया है। पहले यह सुबह 10 बजे तक के लिए तय था। हिंसा के चलते देश के कई शहरों में मोबाइल और इंटरनेट की सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई है। इधर, बांग्लादेश में आंदोलन छात्रों के हाथ से निकलकर इस्लामिक कट्टरपंथियों के हाथों में चला गया है। इस्लामिक कट्टरपंथी पार्टियों जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) जैसी ताकतों के हाथों में चला गया है। जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसी शक्तियां इसके पीछे हैं। ये ताकतें पूरी तरह से पाकिस्तान और चीन समर्थक मानी जाती हैं। ऐसे में इन शक्तियों की बढ़ती ताकत निश्चित रूप से भारत के लिए मुश्किल पैदा करेगी। सेंटर फॉर रिचर्स इन इंडो बांग्लादेश रिलेशंस कोलकाता द्वारा प्रकाशित पुस्तक हिंदू डिक्रेसेंट बांग्लादेश एंड वेस्ट बंगाल के लेखक और बांग्लादेश मामलों के विशेषज्ञ बिमल प्रमाणिक कहते हैं कि आंदोलन से पूरी तरह से साफ है कि आंदोलन छात्रों के हाथ से निकलकर इस्लामिक कट्टरपंथियों के हाथों में चला गया है। आरक्षण विरोधी आंदोलन ने हसीना सरकार विरोधी आंदोलन का रूप ले लिया है।उन्होंने कहा कि ऐसे में बांग्लादेश की स्थिति निश्चित रूप से भारत के लिए चिंता का विषय है. बांग्लादेश से सटे इलाके त्रिपुरा, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और यहां तक झारखंड जैसे राज्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ने के आसार हैं। इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतों के मजबूत होने से भारत की सीमावर्ती इलाकों में कट्टरपंथी ताकतों को बल मिलेगा और अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में भारत सरकार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है। पड़ोसी देशों में अशांति के कारण देशभर में बीजीबी जवानों की तैनाती की जा रही है, लेकिन भारत की सीमा पर बीएसएफ पूरी तरह से सतर्क है। हिंसा प्रभावित देश से लोग पलायन कर रहे हैं।यहां से भारी संख्या में लोग अलग-अलग देशों में जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, देशभर में बीजीबी जवानों की तैनाती से सीमा पर बीजीबी जवानों की संख्या कम हो सकती है। ऐसे में घुसपैठ की आशंका के चलते बीएसएफ भारतीय सीमा पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर रही है। बता दें कि साल 2021 में भारत में घुसपैठ की कोशिश करते हुए 2,951 लोगों को गिरप्तार किया गया था। इनमें 2036 बांग्लादेशी नागरिक थे और 58 रोहिंग्या थे। 2022 में सीमा पर 2,966 लोगों को अरेस्ट किया गया था। इनमें 1951 बांग्लादेशी और 79 रोहिंग्या थे। 2023 में 2,565 लोगों को अरेस्ट किया गया था, इनमें 1548 बांग्लादेशी और 86 रोहिंग्या थे। इस साल 15 जुलाई तक 1032 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इनमें 693 बांग्लादेशी और 21 रोहिंग्या हैं।
जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़, अफगानी नागरिकों ने दिया घटना को अंजाम

#pakistan_consulate_attacked_by_afghan_citizens_in_frankfurt_germany 

अफगानिस्तान के नागरिकों ने जर्मनी में पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास पर हमला कर दिया। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में अफगान नागरिकों ने वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ की। साथ ही पाकिस्तान का झंडा भी उतार ले गए। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में फिलहाल पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि अफगानी वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों से भी भिड़ गए। इस दौरान वे ऊपर चढ़कर पाकिस्तानी झंडा गिरा देते हैं। हालांकि, जर्मनी की पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि लोगों ने तालिबान शासन आने से पहले का अफगानिस्तान का झंडा ले रखा है। अब इस घटना के बाद से अफगानियों का सोशल मीडिया पर काफी विरोध हो रहा है।

वहीं प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए पाकिस्तान ने कराची में जर्मनी के वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी है। 'सुरक्षा कारणों' से अस्थायी रूप से यह बंद कर दिया गया है। वहीं हमले के पीछे का असली कारण पता नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से अफगान शरणार्थियों को वापस अफगानिस्तान भेजने से लोग नाराज हैं।

अब कर्नाटक में 14 घंटे काम करेंगे आईटी कर्मचारी? कंपनियों के दिए प्रस्ताव पर विचार कर रही सरकार

#it_companies_in_karnataka_proposed_to_work_for_14_hours

नौकरी आरक्षण विधेयक पर अलोचना झेल चुकी कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को आईटी से जुड़े कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, बताया जा रहा है कि आईटी कंपनियों के कर्मचारियों के काम के मौजूदा घंटों को बढ़ाकर 14 घंटे किया जा सकता है।आईटी कंपनियों ने कर्मचारियों के काम के घंटे मौजूदा 10 घंटे से बढ़ाकर 14 घंटे प्रतिदिन करने का एक प्रस्ताव कर्नाटक सरकार को सौंपा है। इस प्रस्ताव पर अब कर्नाटक सरकार विचार कर है। बता दें कि कर्नाटक में निजी क्षेत्र में नौकरी का आरक्षण देने वाले विधेयक पर हंगामा थमा नहीं था कि एक और नया विवाद पैदा हो गया है। जिससे बवाल मचा हुआ है।

इंडिया टुडे ने सूत्रों के जरिए दावा किया गया है कि सिद्धारमैया की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार 1961 के राज्य सरकार कर्नाटक दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन करने पर विचार कर रही है। आईटी कंपनियां भी सरकार से चाहती हैं कि सरकार उनके प्रस्ताव को संशोधन में शामिल किया जाए, ताकि कानूनी तौर पर काम के घंटे 14 घंटे यानि कि (12+2 घंटे का ओवर टाइम) हो जाए।आईटी क्षेत्र के नए प्रस्ताव में कहा गया है कि आईटी/आईटीईएस/बीपीओ के सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को लगातार तीन माह में 12 घंटे से अधिक यानि कि करीब 125 घंटे से अधिक काम करने की आवश्यकता हो सकती है। 

कर्नाटक राज्य आइटी/आइटीइएस कर्मचारी संघ (केआइटीयू) के प्रतिनिधि पहले ही श्रम मंत्री संतोष लाड से मिल चुके हैं और इस कदम पर अपनी चिंताएं व्यक्त कर चुके हैं।केआईटीयू के महासचिव सुहास अडिगा ने बताया, 'इससे आईटी/आईटीईएस कंपनियों को काम के दैनिक घंटे अनिश्चित काल तक बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह संशोधन कंपनियों को वर्तमान में मौजूद तीन शिफ्ट प्रणाली के बजाय दो शिफ्ट प्रणाली को अपनाने की अनुमति देगा और एक तिहाई कर्मचारियों को उनके रोजगार से बाहर कर दिया जाएगा। साथ ही आईटी कर्मचारियों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होगा।'

आपको बता दें कि वर्तमान में श्रम कानून 12 घंटे (10 घंटे + 2 घंटे ओवरटाइम) तक कार्य की अनुमति देता है।

आंध्र-बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस का बड़ा दावा

#jdu_bjd_ysrcp_demand_special_category_status_says_jairam_ramesh

22 जुलाई यानी कल से संसद के मानसून सत्र का आरंभ हो रहा है। इससे पहले सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई।इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर कई विपक्षी दल शामिल हुए। सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस ने बड़ा दावा किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऑल पार्टी मीटिंग में जेडीयू नेता ने बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग की।

जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज हुई सर्वदलीय बैठक में जेडी(यू) नेता ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वाईएसआरसीपी नेता ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। अजीब बात यह है कि टीडीपी नेता इस मामले पर चुप रहे।

सूत्रों की मानें तो बैठक में कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पोस्ट मिलना चाहिए। इसके अलावा कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने विपक्ष ने नीट का मुद्दा भी उठाया है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी की तरफ से रामगोपाल यादव ने कांवड़ रूट पर दुकानदारों के नेम प्लेट लगाकर पहचान दिखाने का मुद्दा भी उठाया। वहीं वाईएसआर कांग्रेस ने कहा कि टीडीपी सरकार उनके नेताओं को राज्य में टार्गेट कर रही हैस लिहाजा उनको सुरक्षा मिले। 

सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और केंद्रीय मंत्री तथा लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजीजू भी बैठक में मौजूद थे। इस पारंपरिक बैठक में कांग्रेस के के. सुरेश, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अभय कुशवाहा, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, समाजवादी पार्टी (सपा) नेता रामगोपाल यादव और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे।

केदारनाथ पैदल मार्ग में बड़ा हादसा, पहाड़ी से गिरे पत्थर, 3 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

 उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा हुआ है. यहां केदारनाथ पैदल मार्ग पर पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लोग घायल हो गए हैं. यह हादसा चिरबासा के पास हुआ है. राहगीरों ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी. इसके बाद एनडीआरएफ की टीम मौके पर राहत और बचाव कार्य के लिए पहुंची है. मौके पर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं.

आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि चिरबासा के पास भूस्खलन की सूचना है. इस हादसे में कुछ यात्रियों की मलबे में दबने से मौत की खबर है. हादसे का शिकार हुए कुछ घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि चिरबासा के पास भूस्खलन की सूचना है. इस हादसे में कुछ यात्रियों की मलबे में दबने से मौत की खबर है. हादसे का शिकार हुए कुछ घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल है. भूस्खलन से पैदल मार्ग पूरी तरीके से बाधित हो गया है. पैदल मार्ग पर बड़े-बड़े पत्थर पड़े हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह रास्ता केवल पैदल जाने वालों के लिए है. इस रास्ते पर चार पहिया वाहन नहीं चलते हैं. बचाव टीम रास्ते से मलबे को हटाने में जुटी हुई है. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि अचानक ही पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे. किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिला. मलबे में 8-10 से लोग दब गए. इनमें से 3 की मौत हो गई. 

इस हादसे पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘ केदारनाथ यात्रा मार्ग के पास पहाड़ी से मलबा व भारी पत्थर गिरने से कुछ यात्रियों के हताहत होने की खबर दुःखद है. मौके पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है, इस सम्बन्ध में निरंतर अधिकारियों के संपर्क में हूं.’ एक अधिकारी ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. इनकी पहचान की जा रही है. इनके घरवालों को भी सूचना भेजी जाएगी. घटनास्थल से जल्द से जल्द मलबे को हटा लिया जाएगा. अभी फिलहाल, राहगीरों को उस रास्ते से जाने पर मना किया जा रहा है.

Jio बनी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी, रच दिया इतिहास, इस मामले में चीनी कंपनियों को पीछे छोड़ा

 रिलायंस जियो ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। कंपनी ने डेटा खपत के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनकर भारत को गौरवान्वित किया है। जियो ने न केवल डेटा खपत में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, बल्कि भारत को डिजिटल इंडिया के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ाया है।

बता दें कि, जून तिमाही में कंपनी की डेटा खपत 32.8% बढ़कर 44 अरब गीगाबाइट हो गई। प्रति व्यक्ति डेटा खपत बढ़कर 30.3 जीबी प्रति माह हो गई है। इतना ही नहीं कंपनी के कुल ग्राहक 49 करोड़ हो गए हैं, जिनमें 13 करोड़ 5जी उपयोगकर्ता शामिल हैं। वॉयस कॉलिंग 1,420 अरब मिनट तक पहुंच गई, जो पिछले साल की तुलना में 6% अधिक है।

इसको लेकर रिलायंस जियो इन्फोकॉम के चेयरमैन आकाश अंबानी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण और किफायती इंटरनेट डिजिटल इंडिया की रीढ़ है। जियो अपने नए प्रीपेड प्लान, 5जी और एआई जैसे नवीनतम तकनीकों के माध्यम से डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों का होगा खात्मा, सेना ने बनाया प्लान, घाटी में 500 स्पेशल पैरा कमांडो तैनात

जम्मू क्षेत्र में अत्यधिक प्रशिक्षित पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ के मद्देनजर भारतीय सेना खुफिया सूचनाओं और सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुसार क्षेत्र में अपनी तैनाती को फिर से समायोजित करने जा रही है। रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना ने क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए पाकिस्तान से आए 50-55 आतंकवादियों की तलाश के लिए क्षेत्र में लगभग 500 पैरा स्पेशल फोर्स कमांडो तैनात किए हैं।

सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने क्षेत्र में अपने तंत्र को भी मजबूत किया है। इसके साथ ही आतंकवादियों का समर्थन करने वाले ओवरग्राउंड वर्करों सहित वहां आतंकवादी समर्थन ढांचे को खत्म करने के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जमीन पर सेना के अधिकारी आतंकवादियों की तलाश और उन्हें नष्ट करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, जो नवीनतम हथियारों और संचार उपकरणों से लैस हैं।

बताया जा रहा है कि सेना के पास पहले से ही इस क्षेत्र में आतंकवाद रोधी बुनियादी ढांचा मौजूद है, जिसमें रोमियो और डेल्टा बलों सहित राष्ट्रीय राइफल्स के दो बल तथा क्षेत्र में अन्य नियमित पैदल सेना डिवीजन मौजूद हैं। वहीं, आज आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी भी जम्मू जा रहे हैं। आर्मी चीफ सेना के अधिकारियों के साथ जम्मू में बढ़ रही आतंकी घुसपैठ की घटनाओं को लेकर बातचीत करेंगे।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर हादसा, चिरबासा के पास भूस्खलन, 3 की मौत

#landslide_in_gaurikund_kedarnath_route

गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रविवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। चिरबासा के पास पहाड़ी से अचानक भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिर गए।मलबा गिरने के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लोग घायल हो गए हैं। राहगीरों ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी। इसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य के लिए पहुंची हैं। साथ में प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं।

हादसा उस समय हुआ जब गौरीकुण्ड से तकरीबन 3 किमी आगे श्री केदारनाथ धाम जाने वाले पैदल मार्ग पर अचानक पहाड़ी से मलबा गिर गया। बताया जा रहा है कि श्रद्धालु पैदल ही जा रहे थे, इसी दौरान ऊपर पहाड़ी से मलबा पत्थर गिर गया। वहीं मलबे की चपेट में आने से की यात्रियों की मौत हो गई है। 

हादसे की सूचना मिलते ही चौकी गौरीकुण्ड पुलिस और डीडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची। रेस्क्यू टीमों ने पाया कि पहाड़ी से आए मलबा पत्थर की चपेट में आए 3 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 8 लोग घायल हो गए हैं। आनन-फानन में सभी घायलों को स्ट्रेचर की मदद से नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र गौरीकुण्ड भिजवाया गया। वहीं अभी भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है। माना जा रहा है कि कुछ अन्य लोग भी मलबे के नीचे हो सकते हैं।

इस हादसे पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘ केदारनाथ यात्रा मार्ग के पास पहाड़ी से मलबा व भारी पत्थर गिरने से कुछ यात्रियों के हताहत होने की खबर दुःखद है। मौके पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है, इस सम्बन्ध में निरंतर अधिकारियों के संपर्क में हूं।हादसे में घायल हुए लोगों को त्वरित रूप से बेहतर उपचार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। ईश्वर दिवंगतों की आत्मा को श्री चरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’

बजट में सैलरीड टैक्सपेयर्स को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बड़ी उम्मीदें, क्या इस बार कम होगा इनकम टैक्स का बोझ

# budget_2024_expectations_for_salaried_class_in_india_income_tax_relief

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वर्ष 2024 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। केंद्र सरकार की तीसरी पारी का यह पहला बजट होगा। आगामी बजट में वित्त मंत्री से विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग अपेक्षाएं हैं। सरकारी कर्मचारियों के साथ ही आम लोगों ने भी इस बजट से तमाम उम्मीदें लगा रखी हैं। सरकारी कर्मचारियों को जहां टैक्स में छूट की उम्मीद है, वहीं पर कारोबारी भी बजट में तमाम सहूलियतें चाह रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्रमम के लिए अधिक धन चाहता है। रियल एस्टेट क्षेत्र टैक्स इन्सेन्टिव्स और अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए समर्थन की उम्मीद करता है। हेल्थ केयर पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल रिसर्च के लिए अधिक बजट एलोकेशन चाहता है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कर छूट और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट चाहता है। कृषि क्षेत्र सब्सिडी और आधुनिक खेती के समर्थन की उम्मीद करता है। एमएसएमई क्षेत्र ऋण तक आसान पहुंच और कम अनुपालन बोझ की उम्मीद करता है।

पिछले वित्त वर्ष में देश में करीब 8.2 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया था, जो इसके पिछले वित्त वर्ष से 9% अधिक था। देश में टैक्स भरने वालों में एक बड़ी संख्या नौकरीपेशा लोगों की है। ऐसे में उन्हें इस बजट से खासा उम्मीदें हैं। एनालिस्ट्स का मानना है कि सैलरी पाने वाले लोगों के लिए बजट 2024 खास होने वाला हैं। सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव, धारा 80सी में छूट और चिकित्सा बीमा से जुड़े कई ऐलान कर सकती है।

वेतनभोगी एक वित्तीय वर्ष में अपनी टैक्स योग्य आय को 1.5 लाख रुपये तक कम करने के लिए धारा 80 सी के तहत दिए जाने वाले छूट का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, मुद्रास्फीति दर बढ़ने के बावजूद इसमें 2014 से कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस तरह के संशोधन से करदाताओं को मुद्रास्फीति के प्रबंधन में मदद मिलेगी और बचत और ईएलएसएस, टैक्स सेवर एफडी और पीपीएफ जैसे आवश्यक वित्तीय साधनों में निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र आगामी बजट में टैक्स को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की योजना बना रही है। अगर आयकर छूट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाता है तो इसका मतलब यह होगा कि 8.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले व्यक्ति कोई टैक्स नहीं देना होगा।

नई टैक्स व्यवस्था के तहत अधिकतम अधिभार दर वर्तमान में 25% की गई है, जो पिछले टैक्स स्ट्रक्चर में 37 प्रतिशत से काफी कम है। यह संभव है कि नई टैक्स व्यवस्था में प्रदान किए गए लाभों को पुराने टैक्स व्यवस्था में भी शामिल किया जाएगा। यदि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 80 सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाती हैं तो इससे भी मिडिल क्लास को काफी राहत मिलेगी। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार विमर्श हो सकता है।