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शादी का झांसा दे युवक ने युवती को दो साल बनाया हवस का शिकार ,शादी से मना करने पर युवती के पिता ने दर्ज कराई एफआईआर
मलिहाबाद, लखनऊ। रहीमाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक पिता ने रहीमाबाद थाने पर तहरीर दी है कि उसके ही गांव के छोटू (22) ने उसकी 19 वर्षीय पुत्री को अपने प्रेमजाल में फंसा शादी का झांसा देकर उसके साथ 2  साल से यौन शोषण करता चला आ रहा है। इसकी जब जानकारी हुई तो युवक के परिजनों से शिकायत कर शादी करने की बात कही गयी।


जिसपर युवक युवती को शादी करने की बात कह टरकाता रहा। ज्यादा मामला जब बढ़ा तब प्रधान व संभ्रांत लोगों के मध्य पंचायत हुई जिसमें युवक ने एक माह में शादी करने की बात कही। जब एक माह बीता तब एक बार फिर युवती के पिता ने शादी करने की बात कही तो छोटू ने अपने चाचा रामआसरे के साथ मिल मारपीट कर शादी करने से मना कर युवक ने आत्महत्या कर युवती के परिजनों को फंसाने की धमकी देने लगा।  इस सम्बन्ध में एसओ रहीमाबाद अनुभव सिंह ने बताया कि युवती के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही की जा रही है।
देवरानी-जेठानी ने एक दूसरे के विरुध दर्ज कराया मुकदमा, जेठानी ने दहेज उत्पीड़न, देवरानी ने मारपीट

मलिहाबाद, लखनऊ। ग्राम खडता निवासिनी सविता ने थाने में दर्ज कराई गयीं एफआईआर में आरोप लगाया है कि उसका विवाह 4 वर्ष पूर्व खडता निवासी आशीष के साथ हुआ था। शादी के बाद से उसका पति आये दिन मारता पीटता है। साथ ही उसका पति आशीष विदेश  ओमान चला गया। विगत 5 जून को उसका पति आशीष ओमान से वापस आकर करीब 10 बार उसके साथ मारपीट कर चुका है। आशीष की पत्नी सविता का आरोप है कि 17 जून को उसके पति ने रात करीब 10 बजे उसका गला दबा दिया। जिसकी जानकारी उसने अपने मायके में दी। जिसके बाद उसका भाई, मां, मामी व भाभी ससुराल आयी।

जिसपर उसके पति आशीष ने अपने भाइयों अंशू, अनूप,  सुजीत, विवाहिता की ननदें सीमा, चमन व उसकी देवरानी सौम्या ने मारपीट कर एक लाख रुपयों की मांग कर उसके डेढ़ वर्षीय पुत्र को छीनकर घर से भगा दिया। वहीं वहीं दूसरी तरफ सविता की देवरानी सौम्या ने दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि उसका सम्मिलित परिवार है। जिसमें सौम्या के ससुर व जेठ आशीष (जेठानी का पति) बाहर रहते है। सौम्या ने आरोप लगाया है कि किसी बात को लेकर जेठ आशीष व जेठानी सविता के मध्य विवाद हो गया था। जिसपर उसकी जेठानी ने अपने मायके से बहन रोली, मां,पिता हरिशंकर, भाई आकाश, मामा-मामी व 4 अन्य लोगों को बुला मेरी व मेरी ननद को जमीन पर गिराकर मारपीट की थी।
मुख्यमंत्री योगी ने एक दिन में प्रदेश में 36 करोड़ 50 लाख पौध रोपण महाअभियान का शुभारम्भ किया,मुख्यमंत्री ने हरिशंकरी वृक्ष वाटिका स्थापित की
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर देशवासियों से ‘एक पेड़ मां के नाम’ पर लगाने का आह्वान किया था। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते प्रधानमंत्री  का यह आह्वान प्रत्येक भारतवासी के लिए मंत्र बनना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कुकरैल नदी तट पर स्थित सौमित्र वन में ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान’ के अन्तर्गत एक दिन में प्रदेश में 36 करोड़ 50 लाख पौध रोपण महाअभियान का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हरिशंकरी वृक्ष वाटिका स्थापित की। उन्होंने छात्र-छात्राओं को पौध वितरित कीं तथा 10 किसानों को कार्बन क्रेडिट से हुई आय के प्रतीकात्मक चेक प्रदान किये।

मुख्यमंत्री  ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस महाअभियान से जुड़ने तथा एक पेड़ मां के नाम लगाने का शुभ अवसर लगभग प्रदेश के प्रत्येक परिवार को प्राप्त होने जा रहा है। इस पवित्र अभियान के अंतर्गत एक ही दिन में प्रदेश में लगभग 03 पेड़ प्रत्येक मातृशक्ति के नाम पर लगने जा रहे हैं। इसके अंतर्गत 36 करोड़ 50 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। प्रातःकाल प्रारम्भ हुए कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक लगभग 12 करोड़ पौध रोपण का कार्य सम्पन्न किया जा चुका है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत पेड़ लगाने के साथ-साथ उसका संरक्षण भी करना होगा। इसके माध्यम से हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित करने के कार्यक्रम से जुड़ेंगे। इसीलिए कहा गया है कि ‘पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ’।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व नेतृत्व में प्रदेश में वृक्षारोपण महाअभियान से जुड़ने का कार्य किया गया। जहां प्रदेश में एक ही दिन में 36 करोड़ 50 लाख पौध रोपण किया जाएगा, वहीं विगत 07 वर्षों में राज्य सरकार ने अब तक 168 करोड़ पौध रोपित कीं। इस अभियान के अंतर्गत लगाए गए 75 से 80 प्रतिशत पेड़ अभी भी जीवित है । वैश्विक संस्थाएं इस अभियान को मान्यता प्रदान कर रही हैं।इस कार्यक्रम में 10 किसानों को कार्बन क्रेडिट के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इन किसानों ने कार्बन उत्सर्जन से होने वाली पर्यावरण क्षति की भरपाई पेड़ लगाकर की है। इन्होंने इसके अंतर्गत अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर कार्यवाही को आगे बढ़ाया। वैश्विक संस्थाओं ने इनके कार्यों का निरीक्षण किया। नेट जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में किसानों को यह प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है।

इन प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश सरकार को 200 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हो रहा है। इसके अंतर्गत कार्बन उत्सर्जन को रोकने के लिए लगाए गए पेड़ों के कारण किसानों को लगातार 05 वर्ष तक धनराशि प्रदान की जाएगी। पहले चरण में आज 25 हजार किसानों को इस सुविधा का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत फलदार, औषधीय, पीपल, पाकड़, बरगद, हरिशंकरी आदि के पौध रोपण के साथ-साथ नवग्रह वाटिका, नक्षत्र शाला आदि स्थापित करने का कार्य सम्पन्न किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि आज से 50 वर्ष पूर्व कुकरैल नदी अपने जीवन्त स्वरूप में थी। यह कुकरैल से निकलकर गोमती नदी में मिलती थी, लेकिन वर्ष 1984 के पश्चात इस नदी को भू-माफियों ने अपने स्वार्थ के लिए पाटना प्रारम्भ किया। परिणामस्वरूप नदी, नाले में परिवर्तित हो गयी तथा बस्तियों के ड्रेनेज को उड़ेलने का माध्यम बन गई। जिस नदी पर मानवीय सभ्यता और संस्कृति बसी हुई थी, उसको नष्ट कर दिया गया। इन कार्यों से गोमती नदी को भी प्रदूषित किया गया।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तय किया है कि लखनऊ आने वाले अतिथियों, पर्यटकों के साथ-साथ लखनऊ व प्रदेशवासियों के लिए कुकरैल में नाइट सफारी की स्थापना की जाएगी। नाइट सफारी लोगों के मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञानवर्धन का केंद्र भी बनेगी। पूरे कुकरैल क्षेत्र को इको टूरिज्म के बेहतरीन स्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी क्रम में इस क्षेत्र से अतिक्रमण को हटाया गया। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह जगह खाली कराई है। एल0डी0ए0 ने प्रशासन की सहायता से मकानों की रजिस्ट्री कराने वाले तथा आवास विहीन लोगों के 2,100 परिवारों को एक-एक आवास उपलब्ध कराने का कार्य सम्पन्न किया है। उनका व्यवस्थित पुनर्वास किया गया है।

भू माफिया बनकर लोगों को ठगने तथा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ एफ0आई0आर0 दर्ज कर कार्रवाई की गई। जो क्षेत्र पहले अकबरनगर के नाम पर पॉल्यूशन का माध्यम बना हुआ था, आज वहां पर भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण जी के नाम पर सौमित्र वन स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज उन्हें इस सौमित्र वन में हरिशंकरी वृक्ष की वाटिका लगाने का अवसर प्राप्त हुआ। सौमित्र वन के दूसरी ओर शक्तिवन लगने जा रहा है। शक्तिवन भारत की नदी संस्कृति को बचाने का माध्यम बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अभियान के साथ जनप्रतिनिधिगण, प्रदेश के सभी विभाग तथा समाज के विभिन्न तबके के लोग जुड़े हैं। जनपद सीतापुर में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल  इस अभियान को आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि प्रदेश में पेड़ों की कमी नहीं है। इनमें छायादार, इमारती लकड़ी, फलदार, औषधीय तथा सजावटी आदि विविध प्रकार के पौधे हैं। प्रदेश सरकार ने जगह-जगह वाटिका विकसित करने का निर्णय लिया है। सौमित्र वन और शक्तिवन की तर्ज पर अलग-अलग जगहों पर हरिशंकरी, नवग्रह, नक्षत्र आदि वाटिकाओं को लगाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा की आज सायंकाल होते-होते प्रदेशवासियों को वृक्षारोपण अभियान के लक्ष्य को प्राप्त करने का शुभ समाचार मिलेगा। इसके साथ ही हम इस पवित्र अभियान को नई ऊंचाई पर पहुंचने का कार्य करेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के 56 लाख लाभार्थियों के घरों में एक-एक सहजन का पेड़ भी लगाया जा रहा है। प्रदेश में विरासत वृक्षों को बचाने की मुहिम को आगे बढ़ाया गया है। 100 वर्ष पुराने पेड़ों को प्रत्येक परिस्थिति में बचाना है। कहा जाता है कि जनपद बाराबंकी में स्थित द्वापर युग का कल्पवृक्ष 5,000 वर्ष पुराना है। इसे अनेक पीढ़ियों ने देखा है।

लखनऊ प्रदेश की राजधानी है, इसने स्वयं को प्रदेश के सबसे बड़े महानगर के रूप में स्थापित किया है। प्रदेश सरकार ने कल ही इसको स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में विकसित करने तथा इसके आसपास के क्षेत्र को आर्थिक प्रगति के नए मानक से जोड़ने के लिए कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। विकास का लाभ लम्बे समय तक लोगों को तब प्राप्त होगा, जब हम भौतिक विकास करने के साथ-साथ उससे होने वाली पर्यावरणीय क्षति को न्यूनतम स्तर तक ले जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री  के मार्गदर्शन में पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेक कदम उठाए गए। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश के शहरों में हैलोजन स्ट्रीट लाइटें लगायी गयी थीं। इससे अधिक विद्युत खपत के साथ-साथ  कार्बन उत्सर्जन भी ज्यादा होता था। इन्हें एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइटों से बदला गया। राज्य में ऐसी 16 लाख एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक का बैन, पर्यावरण तथा जीव जगत की रक्षा के लिए उत्तम प्रयास हो सकता है। प्रदेश में यह कार्य भी किया गया है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि विश्व के पर्यावरणविद् ग्लोबल वाॅर्मिंग को लेकर चिंतित हैं। ग्लोबल वाॅर्मिंग जीव सृष्टि के सामने संकट के रूप में सामने आया है। इस संकट का कारण मनुष्य का स्वार्थ है। इसको नियंत्रित करने की जिम्मेदारी भी मनुष्य के ऊपर ही होनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन के कारण असमय वर्षा, सूखे तथा बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है। इन सब कारणों से अकाल पड़ने की सम्भावना भी रहती है।

प्रदेश में सामान्य रूप से बाढ़ का समय अगस्त से लेकर मध्य सितम्बर तक रहता है, लेकिन गत वर्ष अक्टूबर के अंत में बाढ़ आयी थी। पहले जुलाई माह में कभी भी बाढ़ की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन इस वर्ष पहली बार जुलाई के प्रथम सप्ताह में बाढ़ की विभीषिका को झेलना पड़ा। प्रदेश में 24 जनपदों की लगभग 20 लाख आबादी नेपाल और उत्तराखण्ड में हुई अतिवृष्टि के कारण बाढ़ की चपेट में आयी।

इस वर्ष मई और जून माह लम्बे समय तक लोगों को याद रहेंगे। प्रदेश में तापमान सामान्य रूप से 42 से 45 डिग्री के बीच रहता था। इस वर्ष इससे कहीं ज्यादा तापमान रिकॉर्ड किया गया। यह ग्लोबल वार्मिंग के ही दुष्प्रभाव हैं।कार्यक्रम को वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  अरुण कुमार सक्सेना, सांसद बृज लाल एवं डॉ0 दिनेश शर्मा ने भी सम्बोधित किया।कार्यक्रम के दौरान कुकरैल नदी तट पर किये जाने वाले भावी विकास कार्याें तथा वृक्षारोपण अभियान पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।

जौनपुर : प्रेमी के साथ भागी पत्नी, पति और बच्चों को दे रही जान से मारने की धमकी


जौनपुर। पत्नी घर में रखा हुआ आभूषण और जमीन के कागजात लेकर कहीं चली गई। काफी खोजबीन करने के बाद पति ने थाना कोतवाली पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराया है, लेकिन मामला कुछ और ही निकला। पत्नी अपने प्रेमी के साथ गहना जेवर लेकर फरार हो चुकी थी। उसने बच्चों को भी धमकाया था कि इस बात की सूचना अगर अपने पिता को दिया तो चमड़ी उधेड़ दूंगी। उसने अपने पति और बच्चों को जान से मारने की धमकी भी दिया है। डरे सहमे पति ने अपने बच्चों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसपी से न्याय की गुहार लगाई है।

जानकारी के मुताबिक  आदेश सेठ पुत्र वशिष्ठ नारायण सेठ निवासी ताड़तला थाना कोतवाली जिला जौनपुर का मूल निवासी है। पीड़ित ने बताया कि पत्नी 37 वर्षीय रानी सेठ 13 जुलाई  2024 को घर से शाम करीब 5:30 बजे मेरा रखा हुआ गहना व जमीन के कागजात को लेकर कहीं चली गई। जिसकी खोजबीन करने पर न मिलने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना कोतवाली में दिया था। पत्नी रानी सेठ ने बच्चों को भी धमकाया था कि मेरे फोन से की गई बात को और व्हाट्सएप पर की गई चेटिंग की बात को पिता से बताना नहीं। नहीं तो तुम्हारी चमड़ी उधेड़ लूंगी। उसकी धमकी से बच्चे डर गए थे। बच्चों ने बाद में बताया कि मम्मी किसी शुभम सेठ नाम के लड़के से बात करती है और उससे कह रही थी कि मैं जल्द ही इन लोगों का सारा खेल खत्म कर दूंगी और हम लोग चैन से रहेंगे।

18 जुलाई 2024 को मेरी पत्नी रानी अपनी बहन के लड़के के साथ जबरदस्ती मेरे घर में घुसकर हम लोगों से झगड़ा करने लगी। जब मैंने पूछा मेरा गहना कहां है तो कहने लगी कि गहना और कागज जहां रखना था रख दिया है और तुमको और तुम्हारे बच्चों को जब तक खत्म नहीं कर दूंगी तब तक इस घर से मुझे कोई हटा नहीं सकता है। आदेश ने बताया कि इन सब के पीछे पत्नी के प्रेमी शुभम सेठ और रानी की बहन रेनू सेठ पत्नी सुनील सेठ निवासी शाहगंज, रॉबर्ट्सगंज का हाथ है। यह लोग मिलकर कभी भी मेरी व मेरे बच्चों की जान ले सकते हैं। वह अपने प्रेमी के साथ मिलकर मेरे घर पर भी कब्जा करना चाह रही है। इस घटना से आहत पीड़ित और उसके बच्चे बहुत ज्यादा डरे सहमे हैं। पीड़ित पति ने पुलिस अधीक्षक से निवेदन किया है कि रानी सेठ, शुभम सेठ व रेनू सेठ के ऊपर मुकदमा पंजीकृत कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
लखनऊ पहुंचे केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, बोल-प्राकृतिक खेती का प्रयोग शुरू करें किसान

लखनऊ। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को "भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति" कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसान प्राकृतिक खेती का प्रयोग शुरू करें। ऐसा फल, सब्जी व अन्ना पैदा करें जो शरीर के लिए अमृत के समान हो। बिना केमिकल फर्टिलाइजर के उपयोग के गुणत्ता के साथ उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है। यह धारणा बन गई है कि बिना केमिकल फर्टिलाइजर के उत्पादन नहीं बढ़ेगा लेकिन ऐसा नहीं है। पहले व दूसरे साल उत्पादन कम जरूरत होता है लेकिन तीसरे साल से उत्पादन बेहतर होने लगता है।

शिवराज सिंह ने लखनऊ के द सेंट्रम होटल में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हमारा संकल्प है कि उत्पादन घटने नहीं देंगे। देश के अन्न भंडार भरेंगे। ग्लोबल वार्मिंग से आज दुनिया चिंतित है। केमिकल फर्टिलाइजर के उपयोग से उत्पादन खूब बढ़ा। फल, सब्जी व अन्न खूब पैदा हो रहा है लेकिन क्या वह खाने योग्य है। सारे कीट मित्र समाप्त हो गये। केंचुआ दिखाई नहीं देता। अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह धरती आने वाली पीढ़ियों के रहने लायक नहीं बचेगी। इसलिए समय रहते चेतने की जरूरत है। धरती बचेगी तो हम बचेंगे।

उन्होंने कहा कि भारत का सब्जी फल अनाज जब दुनिया में धूम मचाएगा तब हमारा किसान खुशहाल होगा। पहले खेती से पूर्व पूजा होती थी। आज माँ का नाता नहीं रहा। केवल स्वार्थ बचा है। प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को जागरूक करने की जरूरत है। प्राकृतिक खेती का प्रयोग शुरू करें किसान, उन्हें प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। जो किसान प्राकृतिक खेती शुरू करेंगे, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए 3 साल तक कुछ पैसा सीधे उनके खाते में डालेंगे। प्राकृतिक खेती से पानी कम लगेगा। खाद व केमिकल का खर्चा बचेगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कृषिमंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, लद्दाख के कार्यकारी सभासद कृषि स्टेनज़िन चोस्फ़ेल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ देवेश चतुर्वेदी और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान मौजूद रहे।
प्राकृतिक खेती को समर्पित यूपी में जल्द एक कृषि विश्वविद्यालय होगा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश के एक राज्य में कृषि कार्य में अत्यधिक फर्टिलाइजर के उपयोग का हश्र ये हुआ कि आज वहां से 'कैंसर ट्रेन' चलानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति से कृषि उत्पादन जरूर बढ़ा, मगर ये अधूरा सच है। आज फर्टिलाइजर की अधिकता के कारण एक 'धीमा जहर' हमारी धमनियों में घुस रहा है। ये दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि पशु-पक्षी भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपी में जल्द ही एक कृषि विश्वविद्यालय को प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित किया जाएगा। योगी ने कहा कि हरित क्रांति का लाभ अन्न उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में हुआ है, मगर ये अधूरा सच है। हमें 17वीं और 18वीं सदी के भारत के उन प्रांतों में प्राकृतिक खेती से होने वाले उत्पादन दर को भी देखना होगा जब धरती अपने प्राकृतिक स्वरूप में थी और अन्न उत्पादन भी ज्यादा था। सीएम योगी ने कहा कि हमें खेती को लेकर पिछले सौ-डेढ़ सौ वर्ष में जो पढ़ाया गया है, उसमें और पुराने समय के विज्ञान में कितना अंतर है। हमें इतिहास के पन्नों को फिर से पलटना होगा। हरित क्रांति के बाद जब खेती में फर्टिलाइजर का उपयोग हुआ तो कुछ समय तक उत्पादन तो बढ़ा, मगर आज एक स्लो प्वाइजन के रूप में वह हमारी धमनियों में घुसता जा रहा है।

गाय भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही अत्यधिक फर्टिलाइजर वाला चारा

सीएम योगी ने कहा कि फर्टिलाइजर का दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों में ही नहीं देखने को मिल रहा बल्कि पशु-पक्षी भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमरोहा में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल में 12 से 14 गाय अचानक मर गईं, जब हमने वहां विशेषज्ञ भेजे तो ये पता लगा कि चारे में बड़े पैमाने पर फर्टिलाइजर मिला था, जिसके कारण उनकी मौत हुई। हमें समझना होगा कि जब गाय अत्यधिक फर्टिलाइजर को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है तो मनुष्य की स्थिति क्या होगी।

गांव-गांव में युवा किडनी, हार्ट और कैंसर से हो रहे प्रभावित

सीएम योगी ने कहा कि उनके पास मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए बड़ी संख्या में लोग धन की मांग करते हैं, इसमें सर्वाधिक मामले कैंसर के होते हैं। आज से कुछ साल पहले इतनी भयावह स्थिति नहीं थी। आज गांव-गांव में युवाओं में कोई किडनी, कोई हार्ट तो कोई कैंसर से पीड़ित हो गया है। इसका कारण है कि हमारा खानपान कहीं न कहीं प्रभावित हुआ है। जिसने नई-नई बीमारियों को जन्म दिया है। इससे बचाव का नया मंत्र पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती का दिया है।

सर्टिफिकेशन लैब्स को अपग्रेड कीजिए, धन सरकार देगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा। यूपी में इसके लिए बड़ी संभावना है। हमारे पार देश की 12 प्रतिशत भूमि है। यूपी में देश की 17 प्रतिशत आबादी रहती है। हम देश के खाद्यान का 20 प्रतिशत उत्पादन करते हैं। हमारे पास पर्याप्त जल संसाधन है। हमें आज की आवश्यकता के अनुरूप उस क्वालिटी पर ध्यान देना होगा जो हमारे हैपिनेस इंडेक्स को ऊंचाई पर ले जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सरकार ने इस दिशा में कार्य प्रारंभ किया है। हमारे पास अभी 4 कृषि विश्वविद्यालय हैं, पांचवां बनने जा रहा है। 89 कृषि विज्ञान केंद्र हैं और दो केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय हैं। हमने कह रखा है कि प्राकृतिक खेती से जो भी प्रोडक्ट आता है, उसके सर्टिफिकेशन के कार्यक्रम को तेज गति से आगे बढ़ाना है। बीज से इसकी शुरुआत हो और बाजार तक पहुंचने पर अच्छा दाम मिल सके, ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं हम। हमने प्रदेश के कृषि विश्वविद्यलयों को कह दिया है कि सर्टिफिकेशन लैब्स को अपग्रेड कीजिए, धन सरकार देगी।

प्राक्रतिक खेती को लेकर जनजागरण हुआ है

सीएम योगी ने कहा कि यूपी में 9 क्लाइमेटिक जोन हैं। हर क्लाइमेटिक जोन में कृषि विज्ञान केंद्र को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के रूप में विकसित करने के रूप में हमने आगे बढ़ाया है। इसमें हम खेती को प्राकृतिक पद्धति से आगे बढ़ा सकेंगे। यूपी में आज कृषि विज्ञान केंद्र देखने लायक हैं। 2017 से पहले इन केंद्रों पर जंगल उग गये थे। आज ये किसानों, पशुपालकों और कृषि के लिए कुछ न कुछ योगदान दे रहे हैं। यूपी में 1 लाख एकड़ भूमि में प्राक्रतिक खेती को लेकर जनजागरण हुआ है। खासकर बुंदेलखंड में इसके परिणाम अच्छे दिखाई दे रहे हैं।
चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे में तीन लोगों की मौत, पांच लोग गम्भीर घायल :एपीआरओ


लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे के सहायक जनसम्पर्क अधिकारी (एपीआरओ) पंकज कुमार सिंह ने कहा कि रात में सभी कोच को डाउन लाइन से हटा दिया गया है। आठ सौ कर्मचारी काम पर जुटे हैं। तीन यात्रियों की मौत हुई है। पांच यात्री गम्भीर रुप से घायल और सात यात्रियों को हल्की चोट आयी है।पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मृतकों में बिहार राज्य के अररिया निवासी सरोज कुमार सिंह(31), चंडीगढ़ निवासी राहुल (38) और एक व्यक्ति जिसकी लखनऊ के केजीएमयू ले जाते हुए मौत हुई है।

मेडिकल विश्वविद्यालय ले जा रहे व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी है। इसके अलावा गम्भीर रूप से घायल पांच लोगों का उपचार लखनऊ में मेडिकल काॅलेज में कराया जा रहा है।उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों की एक टीम कल रात से अभी तक मौके पर डटी हुई है। पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या मौके पर पहुंच कर यात्रियों से वार्ता कर उनके दुख में शामिल हुईं। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा के मौके पर पहुंचने के बाद से महाप्रबंधक वहीं डटी रही।

उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर रेलवे के बाराबंकी-गोरखपुर रेल खण्ड पर चण्डीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की बोगियां बेपटरी हो गयीं थीं। गोंडा स्टेशन से लगभग 19 किलोमीटर दूर मोतीगंज-झिलाही स्टेशनों के बीच गुरुवार को यह हादसा हुआ था।
बिना वीजा-पासपोर्ट के लखनऊ में रह रहा केन्याई नागरिक गिरफ्तार, भारत आया था पढ़ाई करने

लखनऊ। यूपी  की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर से कमिश्नरेट पुलिस ने केन्या के मूल नागरिक मॉरीश ओकिय को बिना वीजा व पासपोर्ट के गिरफ्तार किया गया है। पूछता के दौरान पता चला कि इसका बीजा 19 साल पहले समाप्त हो गया था। पुलिस को मॉरीश के पास से कोई दस्तावेज नहीं मिलने पर उससे लम्बी पूछताछ कर विदेशी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।


केन्या के नैरोबी का रहने वाला मॉरीश अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए भारत आया था। उसने बी-कॉम, एम-कॉम करने के बाद आगे की पढ़ाई करनी चाही। इसी बीच वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में धोखाधड़ी के एक मामले में उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई। उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जेल से छूटने के बाद मॉरीश काम की तलाश में लखनऊ आ गया। यहां केबल तार जोड़ने का काम करने लगा। उसने पहचान छुपाकर रखी।हाथ में हुनर होने के बावजूद पासपोर्ट और वीजा को लेकर वह गम्भीर नहीं हुआ। इसी दौरान उसकी शिकायत हुई और लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने उसे इंदिरा नगर के सेक्टर 17 से गिरफ्त में ले लिया।

महिला की शिकायत पर हुई जांच

गाजीपुर पुलिस के मुताबिक मॉरिस मूल रूप से केन्या की राजधानी नैरोबी का रहने वाला है। वह अब्दुल कलाम के मकान में किराए पर रह रहा था। उसके खिलाफ एक महिला नशीली दवा सप्लाई करने का आरोप लगाई है। इसकी शिकायत डीसीपी से भी की गई थी। मामला क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा तो गिरफ्तार कर जांच शुरू की गई। हालांकि अभी कोई आरोप सिद्ध नहीं हुए है।

चार महीने जेल में रहा है मॉरिस

मॉरिस की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पुराने केस भी खंगालना शुरू की। जांच में पता चला कि नवंबर 2002 में मॉरिस के खिलाफ एक केस दर्ज हुआ था। इसमें वह अपने दो साथियों के साथ वाराणसी धोखाधड़ी किया था। फाइल में केस का नंबर 100 है। साल 2002 में उसे चार महीने की सजा भी हुई थी। जेल से छूटने के बाद वह वापस नहीं गया न ही किसी एजेंसी द्वारा उसे कोई जानकारी दी गई।
असली नोटों के बदले दुगना नकली नोट देने का झांसा देकर ठगी करने वाले संगठित गिरोह के दो सदस्य लखनऊ से गिरफ्तार

लखनऊ। एसटीएफ यूपी को असली नोटों के बदले दुगुना नकली नोट देने का झांसा देकर ठगी करने वाले संगठित गिरोह के दो सदस्यों को कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नकली नोट बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। अभियुक्त का नाम रामस्वरूप विश्नोई पुत्र मन्नीराम निवासी नया गांव पोस्ट व तहसील नोख, थाना जसरा, जनपद बीकानेर, राजस्थान, विष्णु शर्मा पुत्र हीरालाल शर्मा निवासी ग्राम व पोस्ट नोखा, तहसील नोखा, जनपद बीकानेर राजस्थान है।

एसटीएफ ने कूटरचित पांच सौर रुपये की गड्डी किया बरामद

एसटीएफ ने इनके कब्जे से पांच सौ रुपये की कूटरचित पचास गड्डी(सफेद पेपर की सहायता से तैयार) तीन  मोबाइल, एक रबर स्टैम्प, दो  पिट्ठू बैग, आठ आईडीबीआई बैंक की स्लिप, दो डेबिट/क्रेडिट कार्ड, दो आधार कार्ड, एक डीएल और 2,810 रु० नकद दोनों अभियुक्तों के कब्जे से बरामद किया है। इन्हें स्कार्पियों क्लब के पास गढ़ी तिराहा थाना गुडम्बा कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है।

असली नोटो के बदले दोगुना नकली नोट करने की मिली सूचना

विगत काफी दिनों से राजधानी लखनऊ व उसके आस पास के जनपदों में नकली नोट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के बारे में सूचना प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ यूपी की विभिन्न टीमों/फील्ड इकाईयों को अभिसूचना संकलन कर आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके अनुपालन में दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ यूपी लखनऊ के पर्यवेक्षण में एक टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।

लखनऊ व आसपास के जनपदों ठगी का करने का कर रहे थे काम

अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि जनपद लखनऊ व आस-पास के क्षेत्र में एक सक्रिय गैंग द्वारा असली नोटो के बदले दुगना नकली नोट देने के नाम पर ठगी की जाती है। उक्त सूचना पर कर निरीक्षक हेमन्त भूषण सिंह के नेतृत्व में उ०नि० हरीश कुमार सिंह चौहान, उ०नि० पीयूष पाठक, मु०आ० विनोद कुमार यादव, मु०आ० पवन सिंह विसेन, गु०आ० कृष्णकान्त शुक्ल, मु०आ० सरताज अहमद, मु०आ० शिवानन्द शुक्ल, मु०आ० सुनील कुमार यादव, मु०आ० आलोक रंजन, आरक्षी राम सिंह यादव, मु०आ० चालक कपिलदेव की टीम जनपद लखनऊ में भ्रमणशील भी।

नकली नोट देने जाते समय एसटीएफ ने दबोचा

इस दौरान ज्ञात हुआ कि कुछ व्यक्ति असली नोट के बदले दुगुना नकली नोट देने के लिए स्कार्पियो क्लब के पास गढ़ी तिराहे पर आने वाले है। यदि जल्दी की जाय तो पकडे़ जा सकते है। उक्त सूचना पर विश्वास करके एसटीएफ टीम द्वारा उक्त ज्ञात स्थान पर पहुँचकर उपरोक्त दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।विस्तृत पूछताछ पर दोनों अभियुक्तों ने बताया कि उनका एक गिरोह है जो असली नोट के बदले दुगुना नकली नोट देने का लालच देकर ठगी करता है। इनके द्वारा लोगों को नकली नोट के नाम पर उनसे कुछ रूपये लेकर उन्हें नकली नोट के नाम पर असली दुगुना नोट दिया जाता है।

कलर प्रिन्टर से तैयार करते थे पांच सौ के रुपये के नोट

जब वह आदमी उन नोटों को बाजार में चलाता है तो उन्हें कोई नकली नहीं कहता है चूंकि वह असली नोट ही होती है। तब व्यक्ति को इनके ऊपर विश्वास हो जाता है। इसके उपरान्त वह व्यक्ति लालच में आकर इनसे और ज्यादा नोटों की मांग करता है। जिस पर यह लोग उस व्यक्ति से ज्यादा नोट लेकर उसे अपने द्वारा तैयार किये गये कूटरचित नोट दे देते हैं।उल्लेखनीय है कि इनके द्वारा सफेद पेपर पर कलर प्रिन्टर की मदद से 500 रुपये की नोटों की गड्‌डी तैयार की जाती है, जिसके उपर और नीचे असली नोट लगाया जाता है। शेष बीच में सफेद पेपर पर इस तरह से बार्डर तैयार किया जाता है जिससे कि ऐसा प्रतीत हो कि यह असली नोटो की गड्‌डी है।

बण्डल देने के बाद तुरंत जाते थे निकल

इन गड़ियों पर बैंकों की स्लिप को स्कैन करके तैयार की हुई कूटरचित स्लिप लगा दी जाती है एवं बैंक के जैसे ही दिनांक व बैंक की मुहर लगाकर बण्डल तैयार करके उस बण्डल को सफेद पन्नी से लेमिनेट कर दिया जाता है। व्यक्तियों को यह बण्ठल देने के पश्चात वहां से जल्द से जल्द निकल जाते है जब व्यक्तियों द्वारा बण्डल खोलकर देखा जाता है और इनको फोन मिलाया जाता है, तब यह अपना मोबाइल आफ कर लेते है। इनके द्वारा अपना असली नाम, पता आदि किसी को नहीं बताया जाता है।गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना-गुडम्बा कमिश्नरेट लखनऊ में मु०अ०सं० 279/2024 धारा 319(2), 318(4), 338, 336 (3), 341 (1) बी०एन०एस० का अभियोग पंजीकृत कराकर दाखिल किया गया है।
योगी सरकार का बड़ा फैसला : यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर संचालक मालिक का नाम पहचान लिखना होगा
लखनऊ । यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर संचालक मालिक का नाम पहचान लिखना होगा। उन्होंने कहा कि कांवड यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।उधर योगी सरकार के इस फैसले का सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती ने कड़ा विरोध किया है। दोनों ने इस आदेश को वापस लेने की मां की है।

भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है: अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है। समाज का भाईचारा बिगाड़ने का कोई न कोई बहाना ढूंढ़ती रहती है। भाजपा की इन्हीं विभाजनकारी नीतियों के चलते प्रदेश का सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने नया फरमान जारी किया है कि ठेले-ढाबे सहित सभी दुकानदार अपना नाम बाहर जरूर लिखें। इसके पीछे सरकार की मंशा अल्पसंख्यक वर्ग को समाज से अलग बांटने और उन्हें शक के दायरे में लाने की है। जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा। अखिलेश ने कहा कि भाजपा की नीति और नीयत दोनों विभाजनकारी हैं, जिसे जनता समझ चुकी है। उन्होंने मांग की कि न्यायालय स्वतः संज्ञान ले और प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर उचित कार्यवाही करे।

जनहित में प्रदेश सरकार को इस आदेश को तत्काल वापस लेना चाहिए: मायावती

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग के दुकानदारों का नाम लिखने का मुजफ्फरनगर पुलिस का फरमान गलत परंपरा है। यह सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ सकता है। जनहित में प्रदेश सरकार को इस आदेश को तत्काल वापस लेना चाहिए। बसपा सुप्रीमो ने बृहस्पतिवार को एक्स पर जारी अपने बयान में कहा कि पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश गलत परंपरा है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने संभल जिले में स्कूली बच्चों के जूते उतारने के मामले पर कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सरकारी बेसिक स्कूलों में शिक्षक व छात्रों को कक्षा में जूते-चप्पल उतार कर जाने का अनुचित आदेश भी चर्चा में है। इस मामले में भी राज्य सरकार को तत्काल ध्यान देना चाहिए।