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आज का पंचांग- 20 जुलाई 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का राशिफल

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- आषाढ़

अमांत- आषाढ़

तिथि

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी- 05:59 पी एम तक

नक्षत्र

पूर्वाषाढा - 01:49 ए एम, जुलाई 21 तक

योग

12:08 ए एम, जुलाई 21 तक

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 05:36 AM

सूर्यास्त- 07:19 PM

चन्द्रोदय- 6:47 PM

चन्द्रास्त- 05:03 AM

अशुभ काल

राहू- 09:02 ए एम से 10:45 ए एम

यम गण्ड- 02:10 पी एम से 03:53 पी एम

गुलिक काल: 05:36 ए एम से 07:19 ए एम

दुर्मुहूर्त- 05:36 ए एम से 06:31 ए एम

वर्ज्यम्- 12:04 पी एम से 01:36 पी एम

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:55 पी एम

अमृत काल- 09:14 पी एम से 10:45 पी एम

ब्रह्म मुहूर्त- 04:14 ए एम से 04:55 ए एम

शुभ योग

रवि योग 05:36 ए एम से 01:49 ए एम, जुलाई 21

आज का राशिफल, 20 जुलाई 2024:जानिये राशि के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा..?

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 राशियों का वर्णन किया गया है। हर राशि का स्वामी ग्रह होता है। ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकंलन किया जाता है। 20 जुलाई 2024 को शनिवार है। शनिवार का दिन हनुमान जी और शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से हनुमान जी और शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाती है।

 हनुमान जी और शनिदेव की पूजा-उपासना करने से जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। 

ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, 20 जुलाई का दिन कुछ राशि वालों के लिए बेहद शुभ होने वाला है तो कुछ राशि वालों को जीवन में छोटी-मोटी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं, 20 जुलाई 2024 को किन राशि वालों को होगा लाभ और किन राशि वालों को रहना होगा सावधान। पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि तक का हाल…

मेष राशि- आत्मसंयत रहें। व्यर्थ के क्रोध से बचें। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान पर जा सकते हैं। मित्रों का सहयोग भी मिल सकता है। मन अशान्त रहेगा। वाणी में सौम्यता रहेगी। धैर्यशीलता में वृद्धि होगी। खर्च भी बढ़ेंगे, लेक‍िन आय में भी वृद्धि होगी। सन्तान को कष्ट होगा।

वृषभ राशि- मन परेशान रहेगा। परिवार में शान्ति‍ बनाये रखने के प्रयास करें। बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। नौकरी में तरक्की के योग बन रहे हैं। कारोबार में वृद्धि होगी। परिश्रम की अधिकता रहेगी। सेहत का ध्यान रखें। लाभ के अवसर म‍िलेंगे। 

मिथुन राशि- क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा के भाव मन में हो सकते हैं। माता-पिता के स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। किसी प्रतियोगी परीक्षा एवं साक्षात्कारादि कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। नौकरी में तरक्की के योग बन रहे हैं। व‍िवादों से बचकर रहने का प्रयास करें।

कर्क राशि- भवन सुख में वृद्धि हो सकती है। माता-पिता का सानिध्य मिलेगा। नौकरी में इच्छाविरुद्ध कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। किसी प्रतियोगी परीक्षा एवं साक्षात्कारादि कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। नौकरी में तरक्की के योग भी बन रहे हैं। आय के नए स्रोत व‍िकस‍ित हो सकते हैं।

सिंह राशि- क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा के मनोभाव हो सकते हैं। नौकरी में परिवर्तन के अवसर मिल सकते हैं। परिवार से दूर किसी दूसरे स्थान पर जा सकते हैं। क्रोध एवं आवेश के अतिरेक से बचें। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। सन्तान की ओर से सुखद समाचार मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में अफसरों का सहयोग मिलेगा।

कन्या राशि- नौकरी में परिवर्तन की सम्भावना बन रही हैं। पारिवारिक सुख में कमी आ सकती है। किसी दूसरे स्थान पर जाना हो सकता है। माता का सानिध्य एवं साथ मिलेगा। कारोबार में परिवर्तन हो सकता है। आय में वृद्धि होगी। मन परेशान रहेगा। आत्मसंयत रहें। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।

तुला राशि- संयत रहें। धैर्यशीलता में कमी रहेगी। परिवार की समस्याएं परेशान कर सकती हैं। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। परिवार में आपसी मनमुटाव बढ़ सकता है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। आलस्य की अधिकता रहेगी। परिवार की समस्या परेशान कर सकती हैं। रुके हुए काम पूरा होने के योग हैं।

वृश्चिक राशि- आत्मविश्वास में कमी आएगी। नौकरी में परिवर्तन के योग बन रहे हैं। उच्चपद की प्राप्ति‍ हो सकती है। स्थान परिवर्तन के भी हो सकता है। भाइयों के सहयोग से आय के स्रोत विकसित हो सकते हैं। धैर्यशीलता में कमी भी रहेगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है। व‍िवादों से बचें।

धनु राशि- आत्मविश्वास में कमी रहेगी। बातचीत में सन्तुलित रहें। नौकरी में विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। खर्चों की अधिकता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। किसी प्रतियोगी परीक्षा एवं साक्षात्कारादि कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे।

मकर राशि- मन में आशा-निराशा के भाव हो सकते हैं। शैक्षिक कार्यों पर ध्यान दें। माता-पिता के स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। सन्तान को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। नौकरी में परिवर्तन के योग बन रहे हैं। परिवार से दूर जा सकते हैं। कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती हैं। आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे।

कुंभ राशि- मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहेंगे। नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा एवं साक्षात्कारादि कार्यों में सफलता मिलेगी। कला एवं संगीत के प्रति रुझान रहेगा। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। मन में शान्ति एवं प्रसन्नता के भाव रहेंगे। कुटुम्ब परिवार में धार्मिक कार्य होंगे।

मीन राशि- मानसिक शान्ति‍ रहेगी, परन्तु फिर भी आत्मसंयत रहें। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। रहन-सहन में असहज रहेंगे। कार्यक्षेत्र में निराशा एवं असन्तोष के भाव रहेंगे। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान की यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है।

आज का राशिफल, 19जुलाई 2024:जानिये राशिफल के अनुसार आज का दिन आप का कैसा रहेगा..?

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 राशियों का वर्णन किया गया है। हर राशि का स्वामी ग्रह होता है। ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकंलन किया जाता है। 19 जुलाई 2024 को शुक्रवार है। शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। माता लक्ष्मी की पूजा-उपासना करने से जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, 19 जुलाई का दिन कुछ राशि वालों के लिए बेहद शुभ होने वाला है तो कुछ राशि वालों को जीवन में छोटी-मोटी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। 

आइए जानते हैं, 19 जुलाई 2024 को किन राशि वालों को होगा लाभ और किन राशि वालों को रहना होगा सावधान। पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि तक का हाल…

मेष राशि- आज का दिन रिश्तों में प्यार और खुशियां लेकर आएगा। हालांकि, आर्थिक मामलों में थोड़ी होशियारी बरतें। फैमिली मेंबर्स के साथ टाइम स्पेंड करें। ऑफिस के जरूरी टास्क को डेडलाइन से पहले कंपलीट करें। आज भाई-बहन के सपोर्ट से आय में वृद्धि के नए अवसर मिलेंगे। पारिवारिक जीवन में खुशनुमा माहौल रहेगा। आनंददायक जीवन गुजारेंगे।

वृषभ राशि- आज वृषभ राशि वालों का आर्थिक मामलों में भाग्य साथ देगा। आय के कई सोर्स से रुपए-पैसे आएंगे, लेकिन अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दें। कुछ जातकों को काम के सिलसिले में यात्रा करना पड़ सकता है। करियर से जुड़ा कोई भी फैसला लेते समय परिजनों से सलाह जरूर लें। आर्थिक मामलों में थोड़ी सावधानी बरतें और बिना सोचे-समझे इनवेस्टमेंट का डिसीजन न लें।

मिथुन राशि- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। ऑफिस के महत्वपूर्ण कार्यों में लापरवाही न बरतें। कुछ जातकों का आज प्रॉपर्टी से जुड़े विवादों के चलते स्ट्रेस बढ़ सकता है। जरूरत पड़ने पर किसी अनुभवी से सलाह लें। कोर्ट-कचहरी के मामलों से दूर रहें। जल्दबाजी में कोई फैसला न लें।

कर्क राशि- आज के दिन कर्क राशि वालों के जीवन में खुशियों का माहौल होगा। हालांकि, आज किसी को धन उधार देने से बचें। निवेश से जुड़े फैसले बहुत होशियारी से लें। नौकरी-कारोबार में कड़ी मेहनत का फल मिलेगा। नौकरीपेशा वालों के प्रमोशन या अप्रेजल के चांसेस बढ़ेंगे। लोगों आपके कार्य और स्वभाव से प्रसन्न रहेंगे। पारिवारिक जीवन में भी सुख-शांति बनी रहेगी।

सिंह राशि- आज सिंह राशि वाले जो चाहेंगे,उसकी उपलब्धता होगी। पार्टनर का सपोर्ट मिलेगा। लंबे समय से रुके हुए कार्यों में मनचाही सफलता मिलेगी। नई प्रॉपर्टी या वाहन की खरीदारी के योग बनेंगे। हालांकि, कुछ जातकों का परिजनों से वैचारिक मतभेद हो सकता है। पास्ट की गलतियों से सीख लेकर लाइफ में आगे बढ़े रहें। होली के दिन लाइप की नए सिरे से शुरुआत करें और जीवन में हर छोटे-छोटे पलों को खूब एंजाय करें।

कन्या राशि- आज आप धार्मिक कार्यों में शामिल होंगे। नौकरी-बिजनेस में वातावरण अनुकूल रहेगा। उच्चाधिकारियों के सपोर्ट से कार्यों की बाधाएं दूर होंगी। फैमिली के साथ टाइम स्पेंड करें। रंगों का पर्व होली को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाएं। कार्यों का ज्यादा स्ट्रेस न लें। पास्ट की गलतियों को दोबारा न दोहराएं। ऑफिस की पॉलिटिक्स से दूर रहें और अपने सभी कार्यों को बेहतर ढंग से कंपलीट करने की कोशिश करें। 

तुला राशि- आज आपका दिन बेहद शुभ है। प्रोफेशनल लाइफ में शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। नई जॉब का ऑफर मिलेगा। प्रमोशन या अप्रेजल के चांसेस बढ़ेंगे। कर्ज से मुक्ति मिलेगी। पारिवारिक जीवन में खुशियां बांटते रहें। अपनों के सेहत पर ध्यान दें। जीवनसाथी के भावनाओं का सम्मान करें। उनका सपोर्ट करें। इससे रिश्तों में प्यार और मिठास बरकरार रहेगा।

वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि वालों को आज अज्ञात भय को लेकर मन परेशान रहेगा, लेकिन पार्टनर के सपोर्ट मिलेगा। जिससे मन को थोड़ी शांति मिलेगी। आज धार्मिक कार्यों में शामिल होने के लिए टाइम निकालें। चैलेंजिंग टास्क को कंपलीट करने के लिए सहकर्मियों की हेल्प मांगे। अपने भावनाओं पर नियंत्रण रखें। क्रोध से बचें। मानसिक शांति के लिए रोजाना योग और मेडिटेशन करें।

धनु राशि- आज पारिवारिक जीवन में खुशनुमा माहौल रहेगा। घर में धर्म-कर्म के कार्यों का आयोजन हो सकता है। नई प्रॉपर्टी या वाहन की खरीदारी के योग बनेंगे। आज आपके सभी सपने साकार होंगे। नौकरी-बिजनेस में तरक्की के कई सुनहरे अवसर मिलेंगे। व्यापार में विस्तार होगा। आय में वृद्धि के योग बनेंगे। होली का दिन खुशियों की नई उमंग लेकर आएगा।

मकर राशि- आज आपका दिन शानदार रहने वाला है, लेकिन व्यापार में उतार-चढ़ाव संभव है। आर्थिक मामलों में सावधानी बरतें। फैमिली के साथ होली के मौज-मस्ती भरे पलों को एंजाय करें। निवेश से जुड़े फैसले बहुत सोच-समझकर लें। अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। इनवेस्टमेंट को लेकर कनफ्यूजन होने पर एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। आज संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेंगे। शत्रुओं से थोड़ा बचकर रहें।

कुंभ राशि- आज का दिन मिलाजुला परिणाम देने वाला है। दोस्तों के साथ मिलकर होली का जश्न मनाएंगे। फैमिली और फ्रेंड्स के सपोर्ट से धन लाभ के नए अवसर मिलेंगे। आज तेज रफ्तार में वाहन न चलाएं। बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। परिजनों के साथ टाइम स्पेंड करें। आज पार्टनर के साथ मिलकर कुकिंग कर सकते हैं। इससे रिश्तों में प्यार और उत्साह बरकरार रहेगा। कुछ जातकों को नई जॉब का ऑफर मिल सकता है।

मीन राशि- मीन राशि वालों के जीवन में कई चमत्कारिक बदलाव आएंगे। धन का आवक बढ़ेगा। सामाजिक पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। लंबे समय से अटके हुए कार्य सफल होंगे। हालांकि, परिजनों के स्वास्थ्य को लेकर मन चिंतित रह सकका है। आज किसी को बड़े अमांउट में धन उधार न दें। विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। सामाजिक कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी।

आज का पंचांग, 19 जुलाई 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का दिन कैसा रहेगा...?

राष्ट्रीय मिति आषाढ़ 28, शक सम्वत् 1946, आषाढ़, शुक्ल, त्रयोदशी, शुक्रवार, विक्रम संवत् 2081। सौर श्रावण मास प्रविष्टे 04, मुहर्रम 12, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 19 जुलाई सन् 2024 ई। सूर्य दक्षिणायन, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु। राहुकाल पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। त्रयोदशी तिथि सायं 07 बजकर 42 मिनट तक उपरांत चतुर्दशी तिथि का आरंभ।

मूल नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 02 बजकर 55 मिनट तक उपरांत पूर्वाषाढ़ नक्षत्र का आरंभ। ऐन्द्र योग अर्धरात्रोत्तर 02 बजकर 41 मिनट तक उपरांत वैधृति योग का आरंभ। कौलव करण प्रातः 08 बजकर 14 मिनट तक उपरांत गर करण का आरंभ। चन्द्रमा दिन रात धनु राशि पर संचार करेगा। आज के व्रत त्योहार प्रदोष व्रत।

सूर्योदय का समय 19 जुलाई 2024 : सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 19 जुलाई 2024 : शाम में 7 बजकर 19 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 19 जुलाई 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 13 मिनट से 4 बजकर 54 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्‍यरात्रि रात में 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 7 बजकर 18 मिनट से 7 बजकर 39 मिनट तक। अमृत काल सुबह 7 बजकर 18 मिनट से 9 बजकर 1 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 19 जुलाई 2024 :

राहुकाल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर में 12 बजे तक। सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक गुलिक काल। दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक यमगंड। दुर्मुहूर्त काल सुबह 8 बजकर 20 मिनट से 9 बजकर 15 मिनट तक। इसके बाद दोपहर में 12 बजकर 55 मिनट से 1 बजकर 50 मिनट तक।

आज का उपाय : आज माता लक्ष्मी को लाल गुलाब के 7 फूल अर्पित करें।

शिव ज्योतिर्लिंग-9: अपने भक्त की रक्षा के लिए प्रकट हुए थे नागेश्वर शिव ज्योतिर्लिंग, आज भी उनके दर्शन से लोगों का होता है कल्याण

- विनोद आनंद 

भगवन शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का

 दसवां स्थान है. यह ज्योतिर्लिंग प्रमाणिक रूप से कहाँ स्थित है, इस पर विद्वानों के अलग-अलग दावे हैं.जिसके कारण यह कहना आसान नहीं है है की असली नागेश्वर ज्योतिर्लिंग कहाँ है , फिर भी गुजरात राज्य में गोमती द्वारका के बीच दारूकावन क्षेत्र में इसके प्रामाणिक स्थान होने की मान्यता अधिक है.

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग होने के दावे जिन दी अन्य स्थानों पर किए जाते हैं, उनमें से एक आंध्रप्रदेश में अवढा गांव में मन जाता है. यह अवढा गांव महाराष्ट्र राज्य के परभनी क्षेत्र से होकर हिंगोली जाते हुए पड़ता है. दूसरा स्थान उत्तराखंड राज्य में अल्मोड़ा से सत्रह मील दूर जोगेश्वर नामक तीर्थ बताया जाता है.यहाँ उतर वृंदावन आश्रम के पास जोगेश्वर नाम का एक पुराना मंदिर है. इससे डेढ़ मील की उतराई पर देवदार के सघन वृक्षों के मध्य नदी के तट पर नागेश्वर ज्योतिर्लिंग बताया जाता है. स्कंध पुराण में इन्हीं नागेश लिंग का वर्णन एवं महात्म्य वर्णित है.

शिव पुराण में गुजरात राज्य के भीतर ही दारूकावन क्षेत्र में स्थित ज्योतिर्लिंग को ही नागेश्वर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है.द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति में भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग को दारूकावन क्षेत्र में ही वर्णित किया गया है. महात्म्य के अनुसार जो आदरपूर्वक इस शिवलिंग की उत्पत्ति एवं महात्म्य को सुनेगा और इसके दर्शन करेगा, वह सभी पापों से मुक्त होकर समस्त सुखों को भोगता हुआ अंततः परमपद को प्राप्त होगा.

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्‌।

उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम्‌ ॥1॥

परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्‌।

सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥

वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।

हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥3॥

एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।

सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥

॥ इति द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति संपूर्णम्‌ ॥

नागेश ज्योतिर्लिंग को लेकर पौराणिक कथा

सुप्रिय नामक एक बड़ा धर्मात्मा और सदाचारी वैश्य था. वह भगवान्‌ शिव का अनन्य भक्त था. वह निरन्तर उनकी आराधना, पूजन और ध्यान में तल्लीन रहता था. अपने सारे कार्य वह भगवान्‌ शिव को अर्पित करके करता था. मन, वचन, कर्म से वह पूर्णतः शिवार्चन में ही तल्लीन रहता था. उसकी इस शिव भक्ति से दारुक नामक एक राक्षस बहुत क्रुद्व रहता था उसे भगवान्‌ शिव की यह पूजा किसी प्रकार भी अच्छी नहीं लगती थी. वह निरन्तर इस बात का प्रयत्न किया करता था कि उस सुप्रिय की पूजा-अर्चना में विघ्न पहुँचे. एक बार सुप्रिय नौका पर सवार होकर कहीं जा रहा था. उस दुष्ट राक्षस दारुक ने यह उपयुक्त अवसर देखकर नौका पर आक्रमण कर दिया. उसने नौका में सवार सभी यात्रियों को पकड़कर अपनी राजधानी में ले जाकर कैद कर लिया. सुप्रिय कारागार में भी अपने नित्यनियम के अनुसार भगवान्‌ शिव की पूजा-आराधना करने लगा.

अन्य बंदी यात्रियों को भी वह शिव भक्ति की प्रेरणा देने लगा. दारुक ने जब अपने सेवकों से सुप्रिय के विषय में यह समाचार सुना तब वह अत्यन्त क्रुद्ध होकर उस कारागर में आ पहुँचा.सुप्रिय उस समय भगवान्‌ शिव के चरणों में ध्यान लगाए हुए दोनों आँखें बंद किए बैठा था. उस राक्षस ने उसकी यह मुद्रा देखकर अत्यन्त भीषण स्वर में उसे डाँटते हुए कहा- 'अरे दुष्ट वैश्य! तू आँखें बंद कर इस समय यहाँ कौन- से उपद्रव और षड्यन्त्र करने की बातें सोच रहा है?' उसके यह कहने पर भी धर्मात्मा शिवभक्त सुप्रिय की समाधि भंग नहीं हुई.

 अब तो वह दारुक राक्षस क्रोध से एकदम पागल हो उठा. उसने तत्काल अपने अनुचरों को सुप्रिय तथा अन्य सभी बंदियों को मार डालने का आदेश दे दिया. सुप्रिय उसके इस आदेश से जरा भी विचलित और भयभीत नहीं हुआ.

वह एकाग्र मन से अपनी और अन्य बंदियों की मुक्ति के लिए भगवान्‌ शिव से प्रार्थना करने लगा.उसे यह पूर्ण विश्वास था कि मेरे आराध्य भगवान्‌ शिवजी इस विपत्ति से मुझे अवश्य ही छुटकारा दिलाएँगे. उसकी प्रार्थना सुनकर भगवान्‌ शंकरजी तत्क्षण उस कारागार में एक ऊँचे स्थान में एक चमकते हुए सिंहासन पर स्थित होकर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हो गए.

उन्होंने इस प्रकार सुप्रिय को दर्शन देकर उसे अपना पाशुपत-अस्त्र भी प्रदान किया. इस अस्त्र से राक्षस दारुक तथा उसके सहायक का वध करके सुप्रिय शिवधाम को चला गया. भगवान्‌ शिव के आदेशानुसार ही इस ज्योतिर्लिंग का नाम नागेश्वर पड़ा.बाद में इस स्थान पर एक बडे आमर्दक सरोवर का निर्माण हुआ.और ज्योतिर्लिंग उस सरोवर में समाहित हो गया.

पांडव कालीन इतिहास :-

युग बीते और आया द्वापर युग श्री कृष्ण का जन्म इस युग में हुआ.जब द्युत के खेल में कौरवों द्वारा पांचों पांडवों को पराजित किया गया था, तो द्यूत की शर्तों के अनुसार पांडवों को 12 वर्ष के वनवास और एक वर्ष के अज्ञातवास की सजा सुनाई गई थी. इस बीच, पांडवों ने पूरे भारत में भ्रमण किया. घूमते-घूमते वे इस दारुकवन में आ गए और इस स्थान पर उनके साथ एक गाय भी थी, वह गाय प्रतिदिन सरोवर में उतरकर दूध देती थी. एक बार भीम ने यह देखा और अगले दिन वह गाय का पीछा करते हुए सरोवर में उतर गया और उसने भगवान महादेव को देखा तो उसने देखा कि गाय हर दिन शिवलिंग को दुध छोड रही थी. तब पांचों पांडवों ने उस सरोवर को नष्ट करने का निश्चय किया. और वीर भीम ने अपनी गदा से उस सरोवर के चारों ओर पर प्रहार किया और सभी ने महादेव के इस शिवलिंग दर्शन किये. श्री कृष्ण ने उन्हें उस शिवलिंग के बारे में बताया और कहा यह शिवलिंग कोई साधारण नही हे यह नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है. तब पांचों पांडवों ने उस स्थान पर भूतल पर स्थित ज्योतिर्लिंग का भव्य अखंड पत्थर का मंदिर बनवाया.

यादव काल का इतिहास :-

और फिर से समय के साथ वर्तमान मंदिर हेमाडपंथी शैली में सेउना (यादव) वंश द्वारा बनाया गया था और कहा जाता है कि यह 13 वीं शताब्दी का है, जो सात मंजिला पत्थर की इमारत का बनाया था।

एक और किंवदंती – अघोरी कनेक्शन

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी एक और दिलचस्प कहानी है, जो अघोरियों से जुड़ी है. यह एक ऐसा संप्रदाय है जो अपनी अपरंपरागत प्रथाओं के लिए जाना जाता है. कहा जाता है कि एक बार अघोरियों के एक समूह ने मांस और मदिरा चढ़ाकर नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करने की कोशिश की थी. भगवान शिव उनकी भक्ति से प्रसन्न हुए लेकिन उनके अनुष्ठानों को अस्वीकार करते हुए उनके सामने प्रकट हुए और उन्हें अधिक पुण्य पथ की ओर निर्देशित किया.

यह कथा इस विचार को पुष्ट करती है कि भक्ति और हृदय की पवित्रता बाह्य अनुष्ठानों से अधिक महत्वपूर्ण हैं, तथा भगवान शिव की पूजा की समावेशी प्रकृति पर बल देती है.

1600 शताब्दी के बाद का इतिहास :-

बाद में छत्रपति संभाजी महाराज के शासनकाल में औरंगजेब ने इस मंदिर की इमारतों को नष्ट कर दिया.मंदिर के वर्तमान खड़े शिखर का पुनर्निर्माण अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किया गया था.जो आज मौज़ूद है.

शास्त्रों में नागेश्वर

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का उल्लेख शिव पुराण सहित कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है. इन ग्रंथों में आध्यात्मिक ज्ञान और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नागेश्वर की पूजा के महत्व का वर्णन किया गया है.

आधुनिक मंदिर

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की वर्तमान संरचना निरंतर पुनर्निर्माण प्रयासों का परिणाम है.मंदिर परिसर में मुख्य गर्भगृह शामिल है जहाँ ज्योतिर्लिंग स्थित है, जिसके चारों ओर विभिन्न देवताओं को समर्पित छोटे मंदिर हैं. वास्तुकला पारंपरिक और आधुनिक शैलियों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण दर्शाती है, जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करती है.

धार्मिक त्यौहार और समारोह

भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि के दौरान मंदिर में बहुत उत्साहपूर्ण उत्सव मनाया जाता है. देश के विभिन्न भागों से तीर्थयात्री उत्सव में भाग लेने के लिए एकत्रित होते हैं, जिसमें विस्तृत अनुष्ठान, प्रार्थना और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।

जहां हर साल इस मंदिर मे लाखो के संख्या मे लोग आते हैं.

महाशिवरात्री के उत्सव पर यहा सबसे बडा मेला लगता है ओर रथोत्सव मनया जाता है.महाशिवरात्री के ठीक 5 दिन बाद रथोत्सव मनया जाता. है.

देवशयनी एकादशी की समाप्ति के साथ ही आज से चार महीने तक चतुर्मास शुरू,मांगलिक कार्यों के आयोजन पर 4 महीने तक लगा ब्रेक

देवशयनी एकादशी के समाप्ति के साथ ही गुरुवार से चार महीने तक चतुर्मास होने के कारण मांगलिक कार्यों के आयोजन पर ब्रेक लग जायेगा. प्रतिवर्ष ऐसी स्थिति बनने को लेकर पूर्व से ही लोग तैयार रहते हैं.

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि देवशयनी एकादशी को लेकर बुधवार को पूजा-अर्चना, दान पुण्य का दौर जारी रहा. तीन दिन बाद पूर्णिमा और फिर बाबा भोलेनाथ के पूजा-अर्चना के लिए अति महात्मय वाली श्रावणी माह की शुरुआत हो जायेगी. 

पुरोहित प्रमोद पांडेय के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है. इस दिन उपवास रखने से जीवन में आ रही कई समस्याएं दूर हो जाती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद सदैव बना रहता है. इसके साथ साथ इस दिन माता लक्ष्मी की उपासना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती है. 

ऐसे में काफी संख्या में लोग सत्यनारायण भगवान की पूजा-अर्चना भी करवाते हैं. देवशयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी तक भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग पर विश्राम करते हैं. शयनकाल में मांगलिक कार्य करने से व्यक्ति को उनका आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है. देवशयनी से भगवान विष्णु शयनकाल में चले जाते हैं और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी को भगवान जागते हैं. चातुर्मास में सभी देवता सो जाते हैं इसलिए इन दिनों मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. इस बार देवोत्थान एकादशी 12 नवंबर को है.

 इस तरह अगस्त से अक्टूबर तक शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं हैं. इसके बाद 12 नवंबर देवोत्थान एकादशी से शादी-विवाह शुरू हो जायेंगे.

आज का राशिफल, 18 जुलाई 2024:जानिए राशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा

ग्रहों की स्थिति- गुरु और मंगल वृषभ राशि में। सूर्य, शुक्र व बुध कर्क राशि में। केतु कन्या राशि में। चंद्रमा वृश्चिक राशि में। वक्री शनि कुंभ राशि में। राहु मीन राशि के गोचर में चल रहे हैं।

राशिफल-

मेष राशि- परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। बहुत बचकर पार करें। स्वास्थ्य के मामले में कोई रिस्क मत लीजिएगा। बाकी प्रेम, संतान अच्छा है। व्यापार अच्छा है। बाकी हर दृष्टिकोण से आप सही चल रहे हैं। लाल वस्तु पास रखें।

वृषभ राशि- आनंदमय जीवन गुजर रहा है। प्रेम विवाह की ओर स्थिति जा रही है। स्वास्थ्य बहुत अच्छा। जीवनसाथी के साथ आपका बहुत अच्छा चल रहा है। प्रेम-संतान, व्यापार बहुत अच्छा है। बजरंगबली को प्रणाम करते रहें।

मिथुन राशि- स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम-संतान की स्थिति अच्छी है। व्यापार भी अच्छा है। खर्च की अधिकता आपको तोड़ रही है, इसलिए हिसाब से चलिए। लाल वस्तु का दान करें।

कर्क राशि- कमाई बढ़ गई है। आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। शासन-सत्ता पक्ष की नजदीकियां बढ़ गई हैं। बस भावुकता पर नियंत्रण रखें। प्रेम में तूतू-मैंमैं से बचें। बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि- गृहकलह के संकेत हैं। थोड़ा बचकर पार करें। स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए। प्रेम-संतान बहुत अच्छा है। व्यापार भी अच्छा है। आर्थिक स्थिति आपकी सुदृढ़ होती जा रही है। लाल वस्तु पास रखें।

कन्या राशि- उत्साह बढ़ रहा है। साहस बढ़ रहा है। कर्मठता बढ़ रही है। इससे व्यावसायिक उत्थान कर रहे हैं। स्वास्थ्य ठीक ठाक, प्रेम-संतान अच्छा, व्यापार अच्छा। लाल वस्तु का दान करें।

वृश्चिक राशिफल 18 जुलाई: ऑफिस में रची जाएगी आपके खिलाफ साजिश, शाम तक हो सकती है शर्मनाक स्थिति

तुला राशि- धन का आवक बढ़ेगा। कुटुंबों में वृद्धि होगी लेकिन जुबान के कारण थोड़ी खटपट भी होगी। निवेश करने की प्रवृत्ति को थोड़ा ध्यान रखिए। बाकी स्वास्थ्य ठीक है, प्रेम-संतान अच्छा है व व्यापार अच्छा है। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

वृश्चिक राशि- ओजस्वी-तेजस्वी बने रहेंगे। समाज में सराहना होगी। आपका कद बढ़ेगा। जरूरत के हिसाब से वस्तुएं जीवन में उपलब्ध होंगी। स्वास्थ्य, प्रेम व व्यापार बहुत अच्छा है। पीली वस्तु पास रखें।

धनु राशि- मानसिक परेशानी बनी रहेगी। सिरदर्द, नेत्र पीड़ा हो सकता है। प्रेम-संतान की स्थिति बहुत अच्छी है। व्यापार बहुत अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

तुला राशिफल 18 जुलाई: आज होगा आपकी आर्थिक स्थिति में बदलाव, आज इस चीज से जरूर बनाएं दूरी

मकर राशि- आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। यात्रा में लाभ होगा। स्वास्थ्य, प्रेम व व्यापार अच्छा दिख रहा है। बजरंगबली को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- कोर्ट-कचहरी में विजय के संकेत हैं। व्यापारिक स्थिति सुदृढ़ होगी। पिता का साथ होगा। स्वास्थ्य ठीक ठाक, प्रेम-संतान अच्छा व व्यापार अच्छा रहेगा। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

मीन राशि- भाग्य साथ देगा। रोजी रोजगार में तरक्की करेंगे। कार्यों की विघ्न बाधा खत्म होगी। स्वास्थ्य पर ध्यान दें, प्रेम-संतान, व्यापार अच्छा चल रहा है। शिव जी को प्रणाम करें, शुभ होगा।

आज का पंचांग- 18 जुलाई 2024:पंचांग के अनुसार जानिये आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- आषाढ़

अमांत- आषाढ़

तिथि

शुक्ल पक्ष द्वादशी- जुलाई 17 09:03 PM- जुलाई 18 08:44 PM

शुक्ल पक्ष त्रयोदशी- जुलाई 18 08:44 PM- जुलाई 19 07:41 PM

नक्षत्र

ज्येष्ठा- जुलाई 18 03:12 AM- जुलाई 19 03:25 AM

मूल- जुलाई 19 03:25 AM- जुलाई 20 02:55 AM

योग

शुक्ल- जुलाई 17 07:04 AM- जुलाई 18 06:12 AM

ब्रह्म- जुलाई 18 06:12 AM- जुलाई 19 04:44 AM

इन्द्र- जुलाई 19 04:44 AM- जुलाई 20 02:40 AM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 5:55 AM

सूर्यास्त- 7:10 PM

चन्द्रोदय- जुलाई 18 4:38 PM

चन्द्रास्त- जुलाई 19 3:18 AM

अशुभ काल

राहू- 2:12 PM- 3:51 PM

यम गण्ड- 5:55 AM- 7:35 AM

कुलिक- 9:14 AM- 10:53 AM

दुर्मुहूर्त- 10:20 AM- 11:13 AM, 03:38 PM- 04:31 PM

वर्ज्यम्- 08:51 AM- 10:28 AM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त- 12:06 PM- 12:59 PM

अमृत काल- 06:31 PM- 08:08 PM

ब्रह्म मुहूर्त- 04:19 AM- 05:07 AM

आज का राशिफल:17जुलाई, जानिए राशि के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा..?

ग्रहों की स्थिति- मंगल और गुरु वृषभ राशि में। सूर्य का प्रवेश कर्क राशि में हो चुका है, वहां शुक्र व बुध पहले से विराजमान हैं। केतु कन्या राशि में। चंद्रमा का प्रवेश वृश्चिक राशि में, जहां पर नीच के हैं। वक्री शनि कुंभ राशि में। राहु मीन राशि में।

राशिफल-

मेष राशि- परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। थोड़ा बचकर पार करें। चोट-चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। प्रेम, संतान की स्थिति बहुत अच्छी है। व्यापार भी बहुत अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

वृषभ राशि- आनंददायक जीवन गुजरेगा। स्वास्थ्य में सुधार, प्रेम-संतान का साथ, व्यापार बहुत अच्छा है। नौकरी-चाकरी बहुत अच्छी। प्रेमी-प्रेमिका की मुलाकात हो सकती है। बजरंगबली को प्रणाम करते रहें।

मिथुन राशि- शत्रुओं पर भारी पड़ेंगे। कार्यों की विघ्न-बाधा खत्म होगी। स्वास्थ्य नरम-गरम बना रहेगा। प्रेम-संतान अच्छा है। व्यापार भी अच्छा है। लाल वस्तु का दान करें।

कर्क राशि- भावुकता में आकर कोई निर्णय न लें। महत्वपूर्ण निर्णय अभी रोक दीजिए। रौब और रुआब आप में बना रहेगा। सुकुमारता भी बनी रहेगी। स्वास्थ्य ठीक ठाक। प्रेम-संतान मध्यम। व्यापार बहुत अच्छा। लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि- गृहकलह के संकेत हैं। थोड़ा ध्यान से चलें। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। प्रेम-संतान भी अच्छा है। व्यापार भी अच्छा है। भौतिक सुख-संपदा में वृद्धि दिख रही है। लाल वस्तु पास रखें।

कन्या राशि- चली आ रही परेशानी दूर होगी। व्यापारिक स्थिति सुदृढ़ होगी। जो आपने सोच रखा है, डिजाइन किया है उसे लागू करें। व्यावसायिक सफलता मिलने के पूर्ण योग दिख रहे हैं। स्वास्थ्य ठीक ठाक, प्रेम-संतान अच्छा, व्यापार अच्छा। लाल वस्तु का दान करें।

तुला राशि- व्यापारिक स्थिति सुदृढ़ होती जा रही है। मन थोड़ा परेशान सा रहेगा। भाग्यवश रुपए-पैसे आएंगे। जुबान थोड़ा अनियंत्रित न होने दीजिएगा। निवेश करने से बचिए। बाकी स्वास्थ्य, प्रेम व व्यापार लगभग ठीक ठाक है। लाल वस्तु का दान करें।

वृश्चिक राशि- आकर्षण के केंद्र बने रहेंगे। समाज में सराहना होगी। नायक-नायिका की भांति चमकते हुए दिखाई पड़ रहे हैं स्वास्थ्य अच्छा। प्रेम, संतान अच्छा है। व्यापार भी अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

धनु राशि- चिंताकारी सृष्टि का सृजन हो रहा है। सिरदर्द, नेत्र पीड़ा बना रहेगा। स्वास्थ्य नरम गरम। प्रेम-संतान अच्छा। व्यापार बहुत अच्छा। लाल वस्तु पास रखें।

मकर राशि- आय के नवीन साधन बनेंगे, पुराने मार्ग से भी पैसे आएंगे। मन संकुल रहेगा। यात्रा का योग बनेगा। स्वास्थ्य, प्रेम व व्यापार बहुत अच्छा है। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- सरकारी तंत्र लाभ देंगे। कोर्ट-कचहरी में विजय। राजनीतिक लाभ होगा। स्वास्थ्य, प्रेम व व्यापार बहुत अच्छा रहेगा। लाल वस्तु का दान करें।

मीन राशि- भाग्यवश कुछ काम बनेंगे। यात्रा का योग बनेगा। कष्टकारी समय आपसे दूर होगा। चली आ रही परेशानी दूर होगी। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम-संतान अच्छा, व्यापार अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

आज का पंचांग 17 जुलाई 202:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रह योग

विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - आषाढ़

अमांत - आषाढ़

तिथि

शुक्ल पक्ष एकादशी- जुलाई 16 08:34 PM- जुलाई 17 09:03 PM

शुक्ल पक्ष द्वादशी- जुलाई 17 09:03 PM- जुलाई 18 08:44 PM

नक्षत्र

अनुराधा - जुलाई 17 02:14 AM- जुलाई 18 03:12 AM

ज्येष्ठा - जुलाई 18 03:12 AM- जुलाई 19 03:25 AM

योग

शुभ - जुलाई 16 07:18 AM- जुलाई 17 07:04 AM

शुक्ल - जुलाई 17 07:04 AM- जुलाई 18 06:12 AM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय - 5:55 AM

सूर्यास्त - 7:10 PM

चन्द्रोदय - जुलाई 17 3:38 PM

चन्द्रास्त - जुलाई 18 2:25 AM

अशुभ काल

राहू - 12:33 PM- 2:12 PM

यम गण्ड - 7:34 AM- 9:14 AM

कुलिक - 10:53 AM- 12:33 PM

दुर्मुहूर्त - 12:06 PM- 12:59 PM

वर्ज्यम् - 06:24 AM- 08:04 AM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त - Nil

अमृत काल - 04:22 PM- 06:01 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:19 AM- 05:07 AM

शुभ योग

अमृतसिद्धि योग - जुलाई 17 05:55 AM - जुलाई 18 03:12 AM (अनुराधा और बुधवार)

सर्वार्थसिद्धि योग - जुलाई 17 05:55 AM - जुलाई 18 03:12 AM (अनुराधा और बुधवार)