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प्राकृतिक खेती को समर्पित यूपी में जल्द एक कृषि विश्वविद्यालय होगा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश के एक राज्य में कृषि कार्य में अत्यधिक फर्टिलाइजर के उपयोग का हश्र ये हुआ कि आज वहां से 'कैंसर ट्रेन' चलानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति से कृषि उत्पादन जरूर बढ़ा, मगर ये अधूरा सच है। आज फर्टिलाइजर की अधिकता के कारण एक 'धीमा जहर' हमारी धमनियों में घुस रहा है। ये दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि पशु-पक्षी भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपी में जल्द ही एक कृषि विश्वविद्यालय को प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित किया जाएगा। योगी ने कहा कि हरित क्रांति का लाभ अन्न उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में हुआ है, मगर ये अधूरा सच है। हमें 17वीं और 18वीं सदी के भारत के उन प्रांतों में प्राकृतिक खेती से होने वाले उत्पादन दर को भी देखना होगा जब धरती अपने प्राकृतिक स्वरूप में थी और अन्न उत्पादन भी ज्यादा था। सीएम योगी ने कहा कि हमें खेती को लेकर पिछले सौ-डेढ़ सौ वर्ष में जो पढ़ाया गया है, उसमें और पुराने समय के विज्ञान में कितना अंतर है। हमें इतिहास के पन्नों को फिर से पलटना होगा। हरित क्रांति के बाद जब खेती में फर्टिलाइजर का उपयोग हुआ तो कुछ समय तक उत्पादन तो बढ़ा, मगर आज एक स्लो प्वाइजन के रूप में वह हमारी धमनियों में घुसता जा रहा है।

गाय भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही अत्यधिक फर्टिलाइजर वाला चारा

सीएम योगी ने कहा कि फर्टिलाइजर का दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों में ही नहीं देखने को मिल रहा बल्कि पशु-पक्षी भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमरोहा में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल में 12 से 14 गाय अचानक मर गईं, जब हमने वहां विशेषज्ञ भेजे तो ये पता लगा कि चारे में बड़े पैमाने पर फर्टिलाइजर मिला था, जिसके कारण उनकी मौत हुई। हमें समझना होगा कि जब गाय अत्यधिक फर्टिलाइजर को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है तो मनुष्य की स्थिति क्या होगी।

गांव-गांव में युवा किडनी, हार्ट और कैंसर से हो रहे प्रभावित

सीएम योगी ने कहा कि उनके पास मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए बड़ी संख्या में लोग धन की मांग करते हैं, इसमें सर्वाधिक मामले कैंसर के होते हैं। आज से कुछ साल पहले इतनी भयावह स्थिति नहीं थी। आज गांव-गांव में युवाओं में कोई किडनी, कोई हार्ट तो कोई कैंसर से पीड़ित हो गया है। इसका कारण है कि हमारा खानपान कहीं न कहीं प्रभावित हुआ है। जिसने नई-नई बीमारियों को जन्म दिया है। इससे बचाव का नया मंत्र पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती का दिया है।

सर्टिफिकेशन लैब्स को अपग्रेड कीजिए, धन सरकार देगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा। यूपी में इसके लिए बड़ी संभावना है। हमारे पार देश की 12 प्रतिशत भूमि है। यूपी में देश की 17 प्रतिशत आबादी रहती है। हम देश के खाद्यान का 20 प्रतिशत उत्पादन करते हैं। हमारे पास पर्याप्त जल संसाधन है। हमें आज की आवश्यकता के अनुरूप उस क्वालिटी पर ध्यान देना होगा जो हमारे हैपिनेस इंडेक्स को ऊंचाई पर ले जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सरकार ने इस दिशा में कार्य प्रारंभ किया है। हमारे पास अभी 4 कृषि विश्वविद्यालय हैं, पांचवां बनने जा रहा है। 89 कृषि विज्ञान केंद्र हैं और दो केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय हैं। हमने कह रखा है कि प्राकृतिक खेती से जो भी प्रोडक्ट आता है, उसके सर्टिफिकेशन के कार्यक्रम को तेज गति से आगे बढ़ाना है। बीज से इसकी शुरुआत हो और बाजार तक पहुंचने पर अच्छा दाम मिल सके, ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं हम। हमने प्रदेश के कृषि विश्वविद्यलयों को कह दिया है कि सर्टिफिकेशन लैब्स को अपग्रेड कीजिए, धन सरकार देगी।

प्राक्रतिक खेती को लेकर जनजागरण हुआ है

सीएम योगी ने कहा कि यूपी में 9 क्लाइमेटिक जोन हैं। हर क्लाइमेटिक जोन में कृषि विज्ञान केंद्र को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के रूप में विकसित करने के रूप में हमने आगे बढ़ाया है। इसमें हम खेती को प्राकृतिक पद्धति से आगे बढ़ा सकेंगे। यूपी में आज कृषि विज्ञान केंद्र देखने लायक हैं। 2017 से पहले इन केंद्रों पर जंगल उग गये थे। आज ये किसानों, पशुपालकों और कृषि के लिए कुछ न कुछ योगदान दे रहे हैं। यूपी में 1 लाख एकड़ भूमि में प्राक्रतिक खेती को लेकर जनजागरण हुआ है। खासकर बुंदेलखंड में इसके परिणाम अच्छे दिखाई दे रहे हैं।
चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे में तीन लोगों की मौत, पांच लोग गम्भीर घायल :एपीआरओ


लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे के सहायक जनसम्पर्क अधिकारी (एपीआरओ) पंकज कुमार सिंह ने कहा कि रात में सभी कोच को डाउन लाइन से हटा दिया गया है। आठ सौ कर्मचारी काम पर जुटे हैं। तीन यात्रियों की मौत हुई है। पांच यात्री गम्भीर रुप से घायल और सात यात्रियों को हल्की चोट आयी है।पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मृतकों में बिहार राज्य के अररिया निवासी सरोज कुमार सिंह(31), चंडीगढ़ निवासी राहुल (38) और एक व्यक्ति जिसकी लखनऊ के केजीएमयू ले जाते हुए मौत हुई है।

मेडिकल विश्वविद्यालय ले जा रहे व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी है। इसके अलावा गम्भीर रूप से घायल पांच लोगों का उपचार लखनऊ में मेडिकल काॅलेज में कराया जा रहा है।उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों की एक टीम कल रात से अभी तक मौके पर डटी हुई है। पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या मौके पर पहुंच कर यात्रियों से वार्ता कर उनके दुख में शामिल हुईं। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा के मौके पर पहुंचने के बाद से महाप्रबंधक वहीं डटी रही।

उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर रेलवे के बाराबंकी-गोरखपुर रेल खण्ड पर चण्डीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की बोगियां बेपटरी हो गयीं थीं। गोंडा स्टेशन से लगभग 19 किलोमीटर दूर मोतीगंज-झिलाही स्टेशनों के बीच गुरुवार को यह हादसा हुआ था।
बिना वीजा-पासपोर्ट के लखनऊ में रह रहा केन्याई नागरिक गिरफ्तार, भारत आया था पढ़ाई करने

लखनऊ। यूपी  की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर से कमिश्नरेट पुलिस ने केन्या के मूल नागरिक मॉरीश ओकिय को बिना वीजा व पासपोर्ट के गिरफ्तार किया गया है। पूछता के दौरान पता चला कि इसका बीजा 19 साल पहले समाप्त हो गया था। पुलिस को मॉरीश के पास से कोई दस्तावेज नहीं मिलने पर उससे लम्बी पूछताछ कर विदेशी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।


केन्या के नैरोबी का रहने वाला मॉरीश अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए भारत आया था। उसने बी-कॉम, एम-कॉम करने के बाद आगे की पढ़ाई करनी चाही। इसी बीच वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में धोखाधड़ी के एक मामले में उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई। उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जेल से छूटने के बाद मॉरीश काम की तलाश में लखनऊ आ गया। यहां केबल तार जोड़ने का काम करने लगा। उसने पहचान छुपाकर रखी।हाथ में हुनर होने के बावजूद पासपोर्ट और वीजा को लेकर वह गम्भीर नहीं हुआ। इसी दौरान उसकी शिकायत हुई और लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने उसे इंदिरा नगर के सेक्टर 17 से गिरफ्त में ले लिया।

महिला की शिकायत पर हुई जांच

गाजीपुर पुलिस के मुताबिक मॉरिस मूल रूप से केन्या की राजधानी नैरोबी का रहने वाला है। वह अब्दुल कलाम के मकान में किराए पर रह रहा था। उसके खिलाफ एक महिला नशीली दवा सप्लाई करने का आरोप लगाई है। इसकी शिकायत डीसीपी से भी की गई थी। मामला क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा तो गिरफ्तार कर जांच शुरू की गई। हालांकि अभी कोई आरोप सिद्ध नहीं हुए है।

चार महीने जेल में रहा है मॉरिस

मॉरिस की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पुराने केस भी खंगालना शुरू की। जांच में पता चला कि नवंबर 2002 में मॉरिस के खिलाफ एक केस दर्ज हुआ था। इसमें वह अपने दो साथियों के साथ वाराणसी धोखाधड़ी किया था। फाइल में केस का नंबर 100 है। साल 2002 में उसे चार महीने की सजा भी हुई थी। जेल से छूटने के बाद वह वापस नहीं गया न ही किसी एजेंसी द्वारा उसे कोई जानकारी दी गई।
असली नोटों के बदले दुगना नकली नोट देने का झांसा देकर ठगी करने वाले संगठित गिरोह के दो सदस्य लखनऊ से गिरफ्तार

लखनऊ। एसटीएफ यूपी को असली नोटों के बदले दुगुना नकली नोट देने का झांसा देकर ठगी करने वाले संगठित गिरोह के दो सदस्यों को कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नकली नोट बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। अभियुक्त का नाम रामस्वरूप विश्नोई पुत्र मन्नीराम निवासी नया गांव पोस्ट व तहसील नोख, थाना जसरा, जनपद बीकानेर, राजस्थान, विष्णु शर्मा पुत्र हीरालाल शर्मा निवासी ग्राम व पोस्ट नोखा, तहसील नोखा, जनपद बीकानेर राजस्थान है।

एसटीएफ ने कूटरचित पांच सौर रुपये की गड्डी किया बरामद

एसटीएफ ने इनके कब्जे से पांच सौ रुपये की कूटरचित पचास गड्डी(सफेद पेपर की सहायता से तैयार) तीन  मोबाइल, एक रबर स्टैम्प, दो  पिट्ठू बैग, आठ आईडीबीआई बैंक की स्लिप, दो डेबिट/क्रेडिट कार्ड, दो आधार कार्ड, एक डीएल और 2,810 रु० नकद दोनों अभियुक्तों के कब्जे से बरामद किया है। इन्हें स्कार्पियों क्लब के पास गढ़ी तिराहा थाना गुडम्बा कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है।

असली नोटो के बदले दोगुना नकली नोट करने की मिली सूचना

विगत काफी दिनों से राजधानी लखनऊ व उसके आस पास के जनपदों में नकली नोट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के बारे में सूचना प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ यूपी की विभिन्न टीमों/फील्ड इकाईयों को अभिसूचना संकलन कर आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके अनुपालन में दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ यूपी लखनऊ के पर्यवेक्षण में एक टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।

लखनऊ व आसपास के जनपदों ठगी का करने का कर रहे थे काम

अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि जनपद लखनऊ व आस-पास के क्षेत्र में एक सक्रिय गैंग द्वारा असली नोटो के बदले दुगना नकली नोट देने के नाम पर ठगी की जाती है। उक्त सूचना पर कर निरीक्षक हेमन्त भूषण सिंह के नेतृत्व में उ०नि० हरीश कुमार सिंह चौहान, उ०नि० पीयूष पाठक, मु०आ० विनोद कुमार यादव, मु०आ० पवन सिंह विसेन, गु०आ० कृष्णकान्त शुक्ल, मु०आ० सरताज अहमद, मु०आ० शिवानन्द शुक्ल, मु०आ० सुनील कुमार यादव, मु०आ० आलोक रंजन, आरक्षी राम सिंह यादव, मु०आ० चालक कपिलदेव की टीम जनपद लखनऊ में भ्रमणशील भी।

नकली नोट देने जाते समय एसटीएफ ने दबोचा

इस दौरान ज्ञात हुआ कि कुछ व्यक्ति असली नोट के बदले दुगुना नकली नोट देने के लिए स्कार्पियो क्लब के पास गढ़ी तिराहे पर आने वाले है। यदि जल्दी की जाय तो पकडे़ जा सकते है। उक्त सूचना पर विश्वास करके एसटीएफ टीम द्वारा उक्त ज्ञात स्थान पर पहुँचकर उपरोक्त दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।विस्तृत पूछताछ पर दोनों अभियुक्तों ने बताया कि उनका एक गिरोह है जो असली नोट के बदले दुगुना नकली नोट देने का लालच देकर ठगी करता है। इनके द्वारा लोगों को नकली नोट के नाम पर उनसे कुछ रूपये लेकर उन्हें नकली नोट के नाम पर असली दुगुना नोट दिया जाता है।

कलर प्रिन्टर से तैयार करते थे पांच सौ के रुपये के नोट

जब वह आदमी उन नोटों को बाजार में चलाता है तो उन्हें कोई नकली नहीं कहता है चूंकि वह असली नोट ही होती है। तब व्यक्ति को इनके ऊपर विश्वास हो जाता है। इसके उपरान्त वह व्यक्ति लालच में आकर इनसे और ज्यादा नोटों की मांग करता है। जिस पर यह लोग उस व्यक्ति से ज्यादा नोट लेकर उसे अपने द्वारा तैयार किये गये कूटरचित नोट दे देते हैं।उल्लेखनीय है कि इनके द्वारा सफेद पेपर पर कलर प्रिन्टर की मदद से 500 रुपये की नोटों की गड्‌डी तैयार की जाती है, जिसके उपर और नीचे असली नोट लगाया जाता है। शेष बीच में सफेद पेपर पर इस तरह से बार्डर तैयार किया जाता है जिससे कि ऐसा प्रतीत हो कि यह असली नोटो की गड्‌डी है।

बण्डल देने के बाद तुरंत जाते थे निकल

इन गड़ियों पर बैंकों की स्लिप को स्कैन करके तैयार की हुई कूटरचित स्लिप लगा दी जाती है एवं बैंक के जैसे ही दिनांक व बैंक की मुहर लगाकर बण्डल तैयार करके उस बण्डल को सफेद पन्नी से लेमिनेट कर दिया जाता है। व्यक्तियों को यह बण्ठल देने के पश्चात वहां से जल्द से जल्द निकल जाते है जब व्यक्तियों द्वारा बण्डल खोलकर देखा जाता है और इनको फोन मिलाया जाता है, तब यह अपना मोबाइल आफ कर लेते है। इनके द्वारा अपना असली नाम, पता आदि किसी को नहीं बताया जाता है।गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना-गुडम्बा कमिश्नरेट लखनऊ में मु०अ०सं० 279/2024 धारा 319(2), 318(4), 338, 336 (3), 341 (1) बी०एन०एस० का अभियोग पंजीकृत कराकर दाखिल किया गया है।
योगी सरकार का बड़ा फैसला : यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर संचालक मालिक का नाम पहचान लिखना होगा
लखनऊ । यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर संचालक मालिक का नाम पहचान लिखना होगा। उन्होंने कहा कि कांवड यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।उधर योगी सरकार के इस फैसले का सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती ने कड़ा विरोध किया है। दोनों ने इस आदेश को वापस लेने की मां की है।

भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है: अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है। समाज का भाईचारा बिगाड़ने का कोई न कोई बहाना ढूंढ़ती रहती है। भाजपा की इन्हीं विभाजनकारी नीतियों के चलते प्रदेश का सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने नया फरमान जारी किया है कि ठेले-ढाबे सहित सभी दुकानदार अपना नाम बाहर जरूर लिखें। इसके पीछे सरकार की मंशा अल्पसंख्यक वर्ग को समाज से अलग बांटने और उन्हें शक के दायरे में लाने की है। जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा। अखिलेश ने कहा कि भाजपा की नीति और नीयत दोनों विभाजनकारी हैं, जिसे जनता समझ चुकी है। उन्होंने मांग की कि न्यायालय स्वतः संज्ञान ले और प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर उचित कार्यवाही करे।

जनहित में प्रदेश सरकार को इस आदेश को तत्काल वापस लेना चाहिए: मायावती

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग के दुकानदारों का नाम लिखने का मुजफ्फरनगर पुलिस का फरमान गलत परंपरा है। यह सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ सकता है। जनहित में प्रदेश सरकार को इस आदेश को तत्काल वापस लेना चाहिए। बसपा सुप्रीमो ने बृहस्पतिवार को एक्स पर जारी अपने बयान में कहा कि पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश गलत परंपरा है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने संभल जिले में स्कूली बच्चों के जूते उतारने के मामले पर कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सरकारी बेसिक स्कूलों में शिक्षक व छात्रों को कक्षा में जूते-चप्पल उतार कर जाने का अनुचित आदेश भी चर्चा में है। इस मामले में भी राज्य सरकार को तत्काल ध्यान देना चाहिए।
हमीरपुर में दो ट्रकों की भिड़ंत में दो जिंदा जले, बिजनौर में पिता-पुत्र की गई जान
लखनऊ । यूपी में इन दिनों सड़क हादसों का कहर चल रहा है। हर दिन कहीं न कहीं भीषण सड़क हादसा हो जा रहा है। बिजनौर और हमीरपुर में कुछ ऐसा ही हुआ। हमीरपुर में ट्रक-ट्रक आपस में भिड़ गए। जिसमें दो जिंदा जल गये तो बिजनौर में अज्ञात वाहन ने बाइक सवार को रौंद दिया। जिसमें पिता-पुत्र की मौत हो गई। पुलिस ने दोनों घटनाओं में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है।

कानपुर-सागर हाईवे पर हुआ हादसा

पहली घटना हमीरपुर जिले से है। यहां पर गुरुवार की रात कानपुर-सागर हाईवे पर ब्लैक स्पॉट राठ तिराहे के पास दो तेज रफ्तार ट्रकों की आपस में भिड़ंत हो गई। टक्कर लगने के बाद आग लग गई। जिसमें दोनों चालकों की जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं, दो खलासी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया है। घटना के बाद से सुबह तक हाईवे पर जाम लगा रहा। मृत चालकों की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है।

कमालपुर से सुबह दिल्ली जाने के लिए बाइक से निकले थे पिता-पुत्र

दूसरी घटना बिजनौर जनपद में चांदपुर थाना क्षेत्र में अज्ञात वाहन की टक्कर से शुक्रवार काे बाइक सवार पिता-पुत्र की मौत हो गई। चांदपुर क्षेत्रान्तर्गत अशरफ (40) पुत्र नासिर निवासी कमालपुर अपने बेटे रिहान (16) के साथ मोटरसाइकिल से अपने गांव कमालपुर से शुक्रवार सुबह दिल्ली जाने के लिए निकले थे। दाेनाें चांदपुर से बवनपुरा के बीच हरपुर मोड़ के पास पहुंचे ही थे कि तभी किसी अज्ञात वाहन से टकराने के कारण घायल हो गए।इस बीच स्थानीय लाेग दाैड़ कर माैके पर पहुंचे ताे रिहान की मौके पर ही मृत्यु हो चुकी थी, जबकि पिता अशरफ गंभीर रुप से घायल हालत में तड़प रहे थे।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा

सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने घायल को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्याऊ भेजा, जहां उसे भी मृत घाेषित कर दिया गया। पुलिस ने मृतक पिता-पुत्र के शवों को कब्जे में लेकर पंचायतनामा की कार्रवाई के उपरान्त पोस्टमार्टम जिला अस्पताल मोर्चरी भिजवाते हुए कार्रवाई की।इसके अलावा इसी स्थान पर मोटरसाइकिल सवार विक्रम पुत्र जसराज निवासी हुसैनपुर कलां थाना शिवाला कलां भी मार्ग दुर्घटना का शिकार हाे गया। घायल अवस्था में उसे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्याऊ भिजवाया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
कारोबारियों के खिलाफ होने वाले रिपोर्ट को लेकर डीजीपी सख्त, जारी किया निर्देश, जांच के बाद दर्ज की जाए एफआईआर
लखनऊ । फर्जी आरोप लगाकर कारोबारियाें, निर्दोष व्यक्तियों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर मुकदमा दर्ज कराने वाले मामले को लेकर डीजीपी यूपी प्रशांत कुमार ने कड़ा रूख अपनाते हुए निर्देश जारी किया है कि ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज करने से पहले जांच जरूर कर लें। ताकि पता चल सके की आरोप सही है यह गलत। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के संचालकों व उद्यमियों को सबूत मिलने पर ही आरोपी बनाये।इसी के तहत पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार ने  उद्यमियों व निर्दोष व्यक्तियों के विरुद्ध निराधार प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत न किये जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये है।

प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने की बढ़ रही प्रवृत्ति

डीजीपी द्वारा साफ निर्देश दिया गया है कि विभिन्न व्यापारिक संगठनों द्वारा समय-समय पर विभिन्न स्तर पर प्रत्यावेदन के माध्यम से यह तथ्य प्रस्तुत किये गये हैं कि व्यवसायिक विवादों, जो मूलतः सिविल प्रकृति के होते हैं, को आपराधिक रंग देते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कराने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसके अतिरिक्त प्रतिष्ठानों, संस्थानों आदि में कोई आकस्मिक घटना व दुर्घटना होने पर प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार व्यक्तियों के अतिरिक्त मैनेजमेन्ट स्तर के लोगों को भी प्रथम सूचना में नामित कर दिया जाता है, जिनका उस घटना से कोई प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं होता है।


इन मामलों में पहले जांच कराई जाए तब लिखे एफआईआर

डीजीपी ने  कहा कि कुछ लोग न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर निर्दोष व्यक्तियों, विशेष रूप से उद्यमियों के विरुद्ध निराधार प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत करा देते है। जबकि यह शासन की प्रदेश में उद्यमियों को आमंत्रित करने तथा  व्यापार को बढ़ावा देने की नीति के विपरीत है। इस प्रकार की घटनाओं से व्यवसायी यूपी में निवेश करने से हतोत्साहित हो सकते है। समय समय पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी स्पष्ट निर्देश। दिये गये है कि वैवाहिक एवं पारिवारिक विवाद व्यापारिक अपराध चिकित्सीय लापरवाही के प्रकरण, भ्रष्टाचार के प्रकरण ऐसे प्रकरण, जिनमे प्रथम सूबना पंजीकृत कराने में अस्वाभाविक विलम्ब हुआ हो, ऐसे मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट पजीकृत करने से पूर्व जांच करायी जा सकती है।

सीधे प्रथम सूचना की रिपोर्ट लिखे जाने से अनावश्यक बढ़ रहा भार

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वर्णित उपरोक्त पांच श्रेणी के प्रकरणों के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट प्राप्त होने पर यदि सीधे प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली जाती है तो प्रतिवादी पक्ष द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट खंडित करने अथवा विवेचना स्थगित करने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिकाएं योजित की जाती है, जिससे न्यायालय का बहुमूल्य समय नष्ट होता है और पुलिस प्रशासनिक मशीनरी पर भी अनावश्यक कार्य का भार बढ़ता है।

इन पांच प्रकरणों में रिपोर्ट दर्ज करने से पहले जांच जरूरी

उपरोक्त के दृष्टिगत यह युक्तियुक्त पाया जा रहा है कि उपरोक्त वर्णित सभी पांच प्रकार के प्रकरणों में यदि प्रस्तुत किये गये प्रार्थना पत्र से संज्ञेय अपराध का होना न पाया जाए अथवा संशय की स्थिति हो तो प्रार्थना पत्र में अंकित तथ्यों की जांच कराकर यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि घटना में संज्ञेय अपराध का हीना पाया जा रहा है अथवा नहीं। तत्पश्चात ही प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत की जाए।

डीजीपी ने समस्त फील्ड अधिकारियों को यह दिया निर्देश

पुलिस महानिदेशक द्वारा उपरोका के दृष्टिगत निम्नवत कार्रवाई के लिए समस्त फील्ड अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि उद्यमियों एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों यथा भवन निर्माताओं, फैक्ट्री संचालकों, होटल संचालकों, अस्पताल एवं नर्सिंग होम संचालकों तथा स्कूल/शैक्षिक संस्थानों के संचालकों के विरुद्ध प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत करने से पूर्व जांच कर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि प्रस्तुत प्रार्थना पत्र।

रिपोर्ट दर्ज करने से पहले इन बातों को रखना होगा ध्यान

व्यवसायिक प्रतिद्वदिता  व  व्यवसायिक विवाद अथवा सिविल विवादों को अापराधिक स्वरूप देते हुए तो नहीं प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत किये गये प्रार्थना पत्र से क्या संज्ञेय अपराध का होगा प्रमाणिक रूप से स्पष्ट हो रहा है।जांच के दौरान जांच अधिकारी द्वारा वादी तथा प्रतिवादी अर्थात उभयपक्षों को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जायेगा तथा प्रकरण से सम्बन्धित दोनों पक्षों द्वारा उपलब्ध कराये गये अभिलेखों को भी जांच आख्या के साथ संलग्न किया जायेगा। उपरोक्त निर्गत दिशा-निर्देशों का अक्षरश अनुपालन सुनिश्चत किये जाने की अपेक्षा की गयी है।
हादसे के बाद ट्रेन के लोको पायलट की हालत भी बिगड़ी, थानाध्यक्ष मोतीगंज प्रतिभा सिंह अचानक हो गई बेहोश , दोनों खतरे से बाहर

लखनऊ । गोंडा-गोरखपुर रेलखंड के मोतीगंज-झिलाही रेलवे स्टेशन के मध्य पिकौरा कोयरीपुर गांव के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में बचाव और राहत कार्य में जुटीं थानाध्यक्ष मोतीगंज अचानक बेहोश हो गईं। वहीं हादसे के बाद ट्रेन के लोको पायलट की हालत भी बिगड़ गई। मौके पर मौजूद डाक्टरों की टीम ने दोनों का इलाज किया। डाक्टरों ने बताया कि हार्टबीट बढ़ने से दोनों की हालत बिगड़ी थी। मगर इलाज के बाद दोनों अब खतरे से बाहर हैं। चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन बृहस्पतिवार की दोपहर गाेंडा रेलवे स्टेशन से छूटने के बाद करीब 3.45 बजे गोंडा-गोरखपुर रेलखंड के मोतीगंज रेलवे स्टेशन से गुजर रही थी। मोतीगंज-झिलाही रेलवे स्टेशन के मध्य पिकौरा कोयरीपुर गांव के पास रेल ट्रेक में आई खराबी के कारण पहले ट्रेन दो डिब्बे पलट गए। इसके बाद एक के बाद एक करके और 12 डिब्बे पलट गए। रेल हादसे के बाद कोहराम मच गया। इस हादसे में लोगों की मौत के साथ तीन दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए। हादसे की सूचना पर प्रशासन व पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और राहत कार्य में जुट गए। गर्मी व उमस के कारण बचाव व राहत कार्य में जुटीं थानाध्यक्ष मोतीगंज प्रतिभा सिंह अचानक बेहोश हो गईं, उनके बेहोश होते ही चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट लखनऊ निवासी राजनाथ की भी हालत बिगड़ गई। मौके पर राहत कार्य में लगी डॉक्टरों की टीम ने दोनों का इलाज किया। डॉक्टरों ने बताया कि हार्टबीट बढ़ने से दोनों की हालत बिगड़ी थी। अब दोनों खतरे से बाहर हैं।
चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में जान गंवाने वाले तीन लोगों में से दो लोगों की हुई पहचान

लखनऊ । गोंडा-गोरखपुर रेलखंड के मोतीगंज-झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच पिकौरा कोयरीपुर गांव के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में जान गंवाने वाले तीन लोगों में से दो लोगों की पहचान हो गई है जबकि एक व्यक्ति के बारे में कुछ पता नहीं चला है। मृतकों में एक की पहचान राहुल निवासी बरेली व सरोज कुमार सिंह निवासी अररिया बिहार के रूप में हुई है जबकि तीसरा अज्ञात है। जीआरपी और सिविल पुलिस के माध्यम से मृतकों के घर सूचना भेज दी गई है। गोंडा जिले के चार लोग भी ट्रेन में सवार थे, जो हादसे में जख्मी हो गये। सीएचसी मनकापुर के चिकित्सक डॉ. आलोक चौधरी ने बताया कि रेल हादसे के बाद कुल 31 घायलों को सीएचसी लाया गया। जिनमें से दो लोगों की मौत हो गई थी। इसमें से एक मृतक की पहचान राहुल (38) निवासी धनेटी बरेली (उप्र) व दूसरे मृतक की सरोज कुमार सिंह (30) पुत्र रघुनंदन सिंह निवासी अररिया बिहार के रूप में हुई है। रेल हादसे में गंभीर रूप से घायल 09 लोगों को गोंडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। जहां से दो लोगों को नाजुक हालत में ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया। घायलों में सबसे अधिक 14 लोग बिहार प्रांत से हैं। जबकि गोंडा के चार, सुल्तानपुर के दो, गोरखपुर के एक, संतकबीरनगर के एक, चंडीगढ़ के एक, कुशीनगर के एक व नागालैंड के एक बुजुर्ग शामिल हैं।
यूपी के बंद सिनेमा घरों में फिर लौटेगी रौनक, योगी सरकार देगी अनुदान

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में बंद सिनेमाघरों में फिर रौनक लौटेगी। सीएम योगी ने बंद सिनेमाघरों के पुनर्संचालन, मल्टीप्लेक्स विहीन जिलों में मल्टीप्लेक्स निर्माण और सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के निर्माण के लिए अनुदान योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राज्य कर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आम जनता के मनोरंजन के प्रमुख साधनों में सिनेमा की बड़ी भूमिका है। नए दौर में बदलती तकनीक के साथ प्रदेश में सिंगल स्क्रीन वाले पुराने सिनेमाघर या तो बंद हो गए हैं अथवा उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे सिनेमाघरों को दोबारा जीवित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन योजना लाई जानी चाहिए। निवेश और रोजगार सृजन की दृष्टि से भी यह उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि योजना ऐसी हो जिससे कि बंद अथवा संचालित सिनेमाघरों के स्थान पर व्यावसायिक काॅम्पलेक्स व कम क्षमता के सिनेमाघरों का निर्माण, बंद सिनेमाघरों को उसी स्थिति में पुनः संचालित करने को प्रोत्साहन मिले। सिनेमाघरों के लिए निर्धारित न्यूनतम सीटों की संख्या की शर्त में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए रियायत दी जानी चाहिए।