फाइलेरिया विलोपन कार्यक्रम के तहत उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक।
उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एम.डी.ए. आई.डी.ए. 2024 के सफल क्रियान्वयन हेतु जिलास्तरीय अन्तर्विभागीय बैठक का आयोजन किया गया।
इस बैठक में सेवा निवृत वरिष्ठ आईएएस श्री सुधीर त्रिपाठी,श्री बिरेन्द्र कुमार सिंह, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, भी.बी.डी. झारखण्ड राँची मुख्य रूप से शामिल हुए।
बैठक में जिलान्तर्गत 10 से 25 अगस्त 2024 तक राष्ट्रीय फाइलेरिया विलोपन कार्यक्रम के अन्तर्गत MDA-IDA कार्यक्रम निर्धारित है जिसके तहत लक्षित आबादी को फाइलेरिया रोधी दवा DEC, Albendazole एवं Ivermectin का सार्वजनिक सेवन कराने एवं कार्यक्रम को सफ़ल बनाने पर विस्तार से चर्चा की गई। मौके पर मुख्य रूप से उपस्थित रहे श्री सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि दो दशक से इस कार्यक्रम के सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन निरंतर कार्य कर रहा है।
फाइलेरिया रोग जानलेवा नहीं है लेकिन फाइलेरिया रोगी का जीवन कठिनाइयों से भरा होता है। इस बीमारी की दवा देश में अब उपलब्ध है लेकिन इतनी बड़ी आबादी को मास ड्रग अभियान के तहत दवा पिलाना चुनौतीपूर्ण कार्य है। झारखंड राज्य की बात करें तो सभी 24 जिले में इस रोग का असर है। दवा की एकल खुराख लेने में लोगों के अंदर कई भ्रांतियां है उन भ्रांतियों को तोड़ना और लोगों के अंदर जागरूकता पैदा करना इसके सफलता की महत्वपूर्ण कड़ी है। इस अभियान की सफलता लोगो की जागरूकता पर निर्भर है।
प्रचार प्रसार से सभी माध्यमों का प्रयोग कर लोगो ने दवा खाने को लेकर जागरूक किया जाना चाहिए ताकि झारखंड राज्य इस रोग से मुक्त हो सके। हजारीबाग के कई बड़े संस्थान मसलन मेरु बीएसएफ कैंप, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर,एनटीपीसी,डीवीसी ऐसे संस्थान है जहां मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान को बड़े स्तर पर आयोजित कर सामान्य नागरिकों में जागरूकता का भाव जगाया जा सकता है। मीडिया की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है।
उपायुक्त श्रीमती सहाय ने भी इस अभियान की सफलता के लिए हर प्रशासनिक सहयोग की बात कही। उन्होंने कहा मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान के तहत घर घर जाकर दवा की खुराक खिलाना सुनिश्चित करने के लिए हर प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
फाइलेरिया रोधी दवा DEC, Albendazole एवं Ivermectin का सार्वजनिक सेवन बिलकुल सुरक्षित है तथा इस रोग से ग्रसित व्यक्तियों के सुरक्षा के लिए उपयोगी है। अगर किसी व्यक्ति द्वारा दवा का सेवन के उपरान्त उल्टी, जी मचलना, चक्कर या खुजली आदि के लक्षण दिखाई पड़े तो यह संकेत प्रभावितों के लिए अच्छे है क्योंकि इससे यह प्रतीत होता है कि उस व्यक्ति में फाइलेरिया रोग के लक्षण है जिसे समय रहते दवा के माध्यम ठीक किया जा सकता है। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मियों, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवकों द्वारा दवा सेवन कराया जा सकता है।
मौके पर सिविल सर्जन ने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर बीमार व्यक्तियों को यह दवाएं नहीं दी जाएंगी शेष सभी व्यक्तियों को फाइलेरिया रोधी दवा डीईसी. एवं अल्बेंडाजोल कृमि नाशक दवा कि एकल खुराक सर्वजन को सेवन कराकर जन समुदाय को फाइलेरिया मुक्त बनाने को लेकर दवा खाने पर जोर दिया जाना है। प्रशासकों के समक्ष दवा खाना है।
सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि माइक्रोफाइलेरिया मौजूद हैं। दवा खाने के बाद माइक्रोफाइलेरिया के नष्ट होने से ऐसे लक्षण पैदा होते हैं।
इस पूरे कार्यक्रम के दौरान अगर किसी को साईड इफैक्ट होता है या किसी भी तरह की परेशानी होती है तो इसके लिए जिला एवं प्रखण्ड स्तर पर रैपिड रिस्पोन्स टीम का गठन किया गया है।
Jul 18 2024, 21:44