आन्दोलनरत शिक्षकों के समर्थन में उतरा दिशा छात्र संगठन
![]()
विश्वनाथ प्रताप सिंह,प्रयागराज।दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा की ओर से प्रदेश भर में ऑनलाइन अटेण्डेंस के ख़िलाफ़ आन्दोलनरत शिक्षकों के समर्थन में लल्ला चुंगी पर विरोध प्रदर्शन किया गया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार से ऑनलाइन अटेण्डेंस के निर्णय को वापस लेने की माँग की गयी तथा शिक्षकों के आन्दोलन के समर्थन में पर्चे बाँटकर लोगों से आन्दोलन के पक्ष में एकजुट होने की अपील की गयी।
दिशा छात्र संगठन के आकाश ने कहा कि जिस प्रेरणा ऐप के माध्यम से शिक्षकों को उपस्थिति दर्ज करानी है, वह ऐप्लिकेशन कई जगहों पर ग़लत लोकेशन बता रहा है। साथ ही ऐप्लिकेशन के खुलने का समय केवल आधे घण्टे ही निर्धारित है। बहुत से प्राथमिक विद्यालय दूर-दराज़ के ऐसे ग्रामीण इलाक़ों में स्थित हैं जहाँ पर नेटवर्क आदि की भयंकर दिक्कतें हैं। बहुत सारे गाँवों में बिजली बहुत कम रहने से यह समस्या और बढ़ जाती है। बरसात के मौसम में पानी भर जाने या सड़क न होने के कारण स्कूल तक पहुँच पाना भी नामुमकिन हो जाता है।
साथ ही सर्वर क्रैश होने की स्थिति में शिक्षक स्पष्ट दिशा-निर्देश दिये जाने की माँग कर रहे हैं। सरकारी विद्यालयों के इन्फ़्रास्ट्रक्चर सुधारने से लेकर शिक्षकों की भर्ती जैसी चीज़ों पर कोई ठोस काम करने की बजाय योगी सरकार शिक्षकों की अटेण्डेंस जैसी चीज़ों को मुद्दा बनाकर असली सवालों को छिपा देना चाहती है। प्रदेश में पिछले छः सालों से शिक्षकों की कोई भर्ती नहीं आयी है। आँकड़े बताते हैं प्रदेश के आधे से ज़्यादा प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल एक या दो अध्यापकों के भरोसे चल रहे हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि सबसे पहली ज़रूरत यह है कि सरकारी विद्यालयों में सभी विषय के अध्यापकों की पर्याप्त संख्या में भर्ती की जाये। इन्फ़्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त किया जाये। इसके अलावा लेकिन योगी सरकार किसी भी तरह से शिक्षा व्यवस्था की बदहाली का ठीकरा अध्यापकों के सिर पर फोड़ कर सरकारी विद्यालयों को बन्द करने, शिक्षकों की भर्ती न करने जैसे अपने कुकर्मों पर पर्दा डालने में लगी है। ऐसे में दिशा छात्र संगठन इस तानाशाहीपूर्ण फ़ैसले को तत्काल वापस लेने की माँग करता है।
दिशा छात्र संगठन की ओर से अविनाश ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों से पढ़ाई के अलावा तरह-तरह के काम करवाये जाते हैं। लेकिन दूसरी ओर उन्हें कर्मचारियों को मिलने वाली सामान्य सुविधाएँ भी हासिल नहीं हैं। सरकार की नीतियों के वजह से शिक्षा का पूरा तन्त्र चौपट हो रहा है, लेकिन जानबूझकर अटेण्डेंस जैसी चीज़ों को मुद्दा बनाया जा रहा है ताकि इसका ठीकरा कर्मचारियों के सिर पर फोड़ दिया जाये। सरकार को ऐसे क़दम उठाने की बजाय शिक्षकों के ठोस सवालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। शिक्षकों की माँगें हैं कि अन्य राज्य कर्मचारियों की तरह उन्हें भी आधे दिन का अवकाश दिया जाना चाहिए, राज्य कर्मचारियों की तरह उन्हें 30 अर्जित अवकाश या कॉलेज शिक्षकों की तरह उन्हें पी.एल. मिलना चाहिए, अन्य विभागों की तरह उन्हें प्रतिपूरक अवकाश भी मिलना चाहिए।
दिशा छात्र संगठन शिक्षकों की इन माँगों का समर्थन करता है तथा यह भी माँग करता है कि सरकारी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों को भर्ती किया जाये तथा उनके इन्फ़्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त किया जाये।
विरोध प्रदर्शन में संजय, गौतम मौर्य, अमरेश, प्रशान्त, प्रियांशु, चंद्रप्रकाश, शिवा, प्रेमचन्द, विकास आदि शामिल रहे।


Jul 17 2024, 19:41
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1.4k