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हमीरपुर से महिला को अगवा कर नोएडा में बंधक बनाकर की दरिंदगी
लखनऊ । हमीरपुर जिले में महिलाओं पर शर्मनाक घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। एक महिला को बीच बाजार से अगवा कर नोएडा ले जाया गया जहां उसे बंधक बनाकर लगातार दरिंदगी की गई। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने इस घटना की तफ्तीश शुरू कर दी है। बिंवार थाना प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार ने शुक्रवार को बताया कि घटना की तहरीर मिल गई है। जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।जनपद के बिंवार थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला के बच्चों को महाविद्यालय के हास्टल का एक कर्मचारी ट्यूशन पढ़ाने घर जाता था।

बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के दौरान महिला इसके जाल में फंस गई। महिला को किसी काम से बाजार बुलाकर उसे घसीटकर कार में डाल दिया और अपहरण कर महिला को नोएडा ले जाया गया। नोएडा में किराए के मकान में महिला को बंधक बनाकर रखा गया। अर्से तक उसके साथ दरिंदगी की गई। महिला पर नजर रखने के लिए दरिंदे का भाई और अन्य लोग भी पहरा देते रहे। यह महिला किसी तरह वहां से निकलकर हमीरपुर आई और घटना की लिखित जानकारी एसपी को देकर रो पड़ी। एसपी ने इस मामले में बिंवार थाना प्रभारी को जांच कर एक्शन लेने के निर्देश दिए। एसपी के निर्देश के बाद बिंवार थाने की पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। आरोपी की भी तलाश में पुलिस जुट गई है।नोएडा में बंधक बनी महिला किसी तरह दरिंदे के चंगुल से छूटकर यहां आते ही पहले थाने में घटना की तहरीर दी फिर एसपी उसने एसपी से न्याय की गुहार लगाई है। महिला ने बताया कि महाविद्यालय के हास्टल का बाबू बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने घर आता था।

इसने उसे बाजार बुलवाया और जबरदस्ती कार में बैठाकर नोएडा ले गया। नोएडा के बहलोरपुर पुलिस चौकी के पास आश्रम गली में किराए के मकान में बंधक बनाकर रखा गया। लगातार लम्बे समय तक उसके साथ दरिंदगी की गई।महिला को अगवाकर नोएडा ले जाकर बंधक बनाकर दरिंदगी करने के मामले में अब पुलिस एक्शन में आ गई है। पुलिस ने पीड़ित महिला की तहरीर पर प्रकरण की तफ्तीश शुरू कर दी है। आरोपी भी गांव से फरार हो गया है। बिंवार थाना प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार ने शुक्रवार को बताया कि घटना की तहरीर मिल गई है। जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हाेंने बताया कि इस महिला को पति ने छोड़ दिया है। आरोपी एक क्षेत्र के एक महाविद्यालय का कर्मचारी है जिसकी तलाश भी कराई जा रही है।
सीएम याेगी का अफसराें काे जनसुनवाई कर समाधान करने के निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर 'जनता दर्शन' किया। पीड़ितों ने पुलिस, कब्जा, स्थानांतरण आदि मुद्दों को लेकर सीएम से
अपनी वेदना रखी, जिस पर सीएम ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फरियादियों की सुनिये, फिर संवाद कर यथोचित कार्रवाई कीजिये। हर उचित मामलों में पीड़ित की संतुष्टि जरूरी है।

जन-जन की सुरक्षा, समृद्धि एवं खुशहाली की भावना के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर 'जनता दर्शन' कार्यक्रम
में विभिन्न जनपदों से आए सैकड़ों लोगों की समस्याएं सुनीं। एक शिक्षक ने अपनी निजी परेशानी को बताते हुए स्थानांतरण का आग्रह किया, जिस पर उनके आवेदन को कार्रवाई के लिए शिक्षा निदेशालय भेज दिया गया।

वहीं मृतक आश्रित कोटे से नौकरी का प्रार्थना पत्र लेकर भी एक फरियादी पहुंचे, जिस पर मुख्यमंत्री ने अफसरों को इसे सम्बंधित विभाग में भेजकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। सीएम योगी ने प्रत्येक पीड़ित के पास पहुंचे। उनकी शिकायत सुनी और प्रार्थना पत्र लेकर अफसरों को आगे की कार्रवाई के लिये कहा। इस दौरान पुलिस और जमीन कब्जे से जुड़े मामले भी आये, जिस पर मुख्यमंत्री ने सम्बंधित जिलों के अफसरों को इस पर कार्रवाई का निर्देश दिया।  कहा इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बीएसएनएल  के अच्छे दिन, सिम की बिक्री तीन गुना बढ़ी, लाखों ने नंबर कराए पोर्ट

लखनऊ । देश की तीन प्रमुख प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने हाल ही में अपने रिचार्ज प्लान महंगे किए हैं। इन तीनों कंपनियों के प्लान में करीब 25 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। निजी कंपनियों के रिचार्ज प्लान महंगे होने के बाद BSNL के अच्छे दिन आए हैं। BSNL के प्रति लोगों की दीवानगी बढ़ रही है। सोशल मीडिया पर हर रोज BSNL ही ट्रेंड कर रहा है और लोग निजी कंपनियों के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं। एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया के प्लान महंगे होने के बाद कुछ सर्किल में BSNL के सिम की बिक्री में तीन गुना इजाफा हुआ है। इसके अलावा लाखों यूजर्स ने BSNL में अपने सिम को पोर्ट कराया है।


सोशल मीडिया पर हर रोज BSNL ही ट्रेंड कर रहा है और लोग निजी कंपनियों के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं। एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया के प्लान महंगे होने के बाद कुछ सर्किल में BSNL के सिम की बिक्री में तीन गुना इजाफा हुआ है। इसके अलावा लाखों यूजर्स ने BSNL में अपने सिम को पोर्ट कराया है।


एक जिले में हर रोज हो रही 500 नए सिम कार्ड की बिक्री

कई रिपोर्ट्स के मुताबिक जब से प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के रिचार्ज प्लान महंगे हुए हैं उसके बाद से बीएसएनएल के सिम की बिक्री तीन गुना बढ़ गई है। इसके अलावा BSNL में  पोर्टेबिलिटी में भी ढाई गुना का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार-झारखंड सर्किल के धनबाद में हर रोज BSNL के 500 सिम बिक रहे हैं।
पिछले महीने यह आंकड़ा हर रोज 150 का था। इसके अलावा महज 6 दिन में BSNL के 2500 नए ग्राहक बने हैं। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में महज एक महीने में 1,61,083 लोग BSNL से जुड़े हैं। इसी अवधि में एयरटेल को 68,412 और जियो को 6,01,508 ग्राहकों ने अलविदा कहा है।


अगले महीने शुरू हो रही है BSNL की 4जी

बता दें कि अगले महीने देश के तमाम हिस्सों में BSNL की 4जी सर्विस शुरू हो रही है। शुरुआत में ग्राहकों को फ्री में 4जी सिम कार्ड मिलेंगे। इसके अलावा मौजूदा ग्राहकों के सिम कार्ड को भी फ्री में 4जी में अपग्रेड किया जाएगा।BSNL ने हाल ही में तमिलनाडु के तिरुवल्लुवर जिले में 4जी लॉन्च की है। BSNL 4G के साथ बेहतर कनेक्टिविटी और नेटवर्क का दावा किया गया है। BSNL 4G की इस लॉन्चिंग का फायदा नोचिली, कोलाथुर, पल्लीपेट, थिरुवेल्लावॉयल और पोन्नेरी जैसे इलाकों को होगा। बीएसएनएल के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इसके बाद तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 4जी रोलआउट किया जाएगा।
लखनऊ मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर को मिली एनपीजी की मंजूरी, 12 नये बनेंगे स्टेशन


लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में मेट्रों से सफर करने वालों के के लिए अच्छी खबर है। लखनऊ मेट्रो के प्रस्तावित ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर (चारबाग से वसंतकुंज) के डीपीआर की मंजूरी की दिशा में एक और सकारात्मक पहल हुई है। परियोजना को 9 जुलाई 2024 को दिल्ली में हुई नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप अर्थात एनपीजी की मंजूरी मिल गई है। राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना को इसी वर्ष मार्च माह में अनुमोदन मिल चुका है।यह मंजूरी मिलने से 12 और नये स्टेशन बनेंगे।


11 किमी से ज्यादा होगी लंबाई

चारबाग से वसंत कुंज तक प्रस्तावित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की कुल मार्ग लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी, जिसमें एलिवेटेड लंबाई 4.286 किलोमीटर, जबकि भूमिगत लंबाई 6.879 किलोमीटर होगी। इस कॉरिडोर में कुल स्टेशनों की संख्या 12 होगी, जिसमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड स्टेशन होंगे। इस प्रस्तावित कॉरिडोर के पूरा होने का अनुमानित समय 5 साल लगेगा और इसकी अनुमानित लागत 5081 करोड़ रुपए हैं। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में 12 मेट्रो स्टेशन होंगे। ये कॉरिडोर मौजूदा नार्थ साउथ कॉरिडोर के चारबाग मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा। चारबाग मेट्रो स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन के तौर पर काम करेगा।


अमीनाबाद, चौक जैसे इलाकों से मिलेगी कनेक्टिविटी

'चारबाग से वसंत कुंज' तक लखनऊ मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पुराने लखनऊ के प्रमुख स्थानों जैसे अमीनाबाद, चौक आदि को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह अपने मार्ग के साथ अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को भी जोड़ेगा और लखनऊ के लोगों को सुविधा प्रदान करेगा। चूंकि इन स्थानों पर आने जाने में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जाम की समस्या से हर दिन जूझना पड़ता है। मेट्रो की सुविधा हो जाने से सफर आसान हो जाएगा।


प्रस्तावित ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर से जुड़ेंगे ये स्टेशन


1. चारबाग (भूमिगत)
2. गौतम बुद्ध नगर (भूमिगत)
3. अमीनाबाद (भूमिगत)
4. पांडेयगंज (भूमिगत)
5. सिटी रेलवे स्टेशन (भूमिगत)
6. मेडिकल चौराहा (भूमिगत)
7. चौक (भूमिगत)
8. ठाकुरगंज (एलिवेटेड)
9. बालागंज (एलिवेटेड)
10. सरफराजगंज (एलिवेटेड)
11. मूसाबाग (एलिवेटेड)
12. वसंत कुंज (एलिवेटेड)

भारत  2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जायेगा


लखनऊ। विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई के अवसर पर इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से आईएमए भवन में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।इस अवसर पर आईएमए की निर्वाचित अध्यक्ष डा.सरिता सिंह ने कहा कि भारत 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जायेगा। वर्तमान में जनसंख्‍या के हिसाब से चीन विश्‍व में प्रथम स्‍थान पर और भारत दूसरे स्‍थान पर है, इसी को देखते हुए भारत सरकार परिवार नियोजन के कई कार्यक्रम चला रही है।

उन्होंने बताया कि भारत में बढ़ती जनसंख्‍या की वजह से देश को लगातार बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी बढ़ेगी। आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ रह पाना मुश्किल होगा। ऐसा अनुमान है कि भारत में एक मिनट में लगभग 25 बच्‍चे जन्‍म लेते हैं।उन्होंने बताया कि यह दिवस पहली बार 11 जुलाई 1987 को मनाया गया था, क्‍योंकि इसी दिन विश्‍व की जनसंख्‍या 5 अरब को पार कर गई थी, इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने जनसंख्या वृद्धि को लेकर दुनिया भर में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाने का निर्णय लिया,क्‍योंकि आज दुनिया के हर विकासशील और विकसित दोनों तरह के देश जनसंख्या विस्फोट से चिंतित हैं।

आईएमए के सचिव डा.संजय सक्सेना ने कहा कि पूरे विश्व में लगभग 225 मिलियन महिलाएं अनचाहे गर्भ की चपेट में हैं। इसका प्रमुख कारण सुरक्षित एवं प्रभावी परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध होने की जानकारी नहीं है।
बाढ़ कार्यों में लापरवाही पर मुख्यमंत्री का एक्शन, पांच जिलों के 10 अधिकारियों से जवाब तलब
लखनऊ। सरकारी कार्यों में हीलाहवाली करने वाले लापरवाह अधिकारी लगातर मुख्यमंत्री के निशाने पर बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार में लिप्त और कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के लिए लगातार सख्त एक्शन ले रहे हैं। इसी के तहत योगी ने गुरुवार को बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिले के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों से जवाब तलब किया है। इन पांचों जिलों के लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण देना होगा। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना अपेडट ले रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को राहत कार्यों से संबंधित दिशा-निर्देश दे रहे हैं ताकि जनहानि-धनहानि को कम से कम किया जा सके। मुख्यमंत्री को लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकरनगर और बलिया के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ द्वारा बाढ़ संबंधी सूचना ससमय उपलब्ध न कराने एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही की सूचना मिली। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लापरवाह पांचों जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ को स्पष्टीकरण सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने इन सभी को दो दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।


राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ के एडीएम (एफआर) राकेश सिंह, आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह, प्रतापगढ़ के एडीएम (एफआर) त्रिभुवन विश्वकर्मा, आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी, अंबेडकरनगर के एडीएम (एफआर) सदानंद गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान सिंह को नोटिस जारी की गई है। इसके अलावा बाढ़ संबंधी कार्यों में शिथिलता बरतने पर सीतापुर के एडीएम (एफआर) नीतीश कुमार सिंह, आपदा विशेषज्ञ हीरालाल और बलिया के एडीएम (एफआर) देवेंद्र प्रताप सिंह, आपदा विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह को नोटिस जारी की गई है।

राहत आयुक्त ने बताया कि सभी पांच जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों को दो दिन में अपना जवाब देना होगा। इसके बाद उनके जवाब को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री अगर लापरवाह आधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

बाढ़ कार्यों में लापरवाही पर मुख्यमंत्री का एक्शन, पांच जिलों के 10 अधिकारियों से जवाब तलब
लखनऊ। सरकारी कार्यों में हीलाहवाली करने वाले लापरवाह अधिकारी लगातर मुख्यमंत्री के निशाने पर बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार में लिप्त और कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के लिए लगातार सख्त एक्शन ले रहे हैं। इसी के तहत योगी ने गुरुवार को बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिले के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों से जवाब तलब किया है। इन पांचों जिलों के लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण देना होगा। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना अपेडट ले रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को राहत कार्यों से संबंधित दिशा-निर्देश दे रहे हैं ताकि जनहानि-धनहानि को कम से कम किया जा सके। मुख्यमंत्री को लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकरनगर और बलिया के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ द्वारा बाढ़ संबंधी सूचना ससमय उपलब्ध न कराने एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही की सूचना मिली। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लापरवाह पांचों जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ को स्पष्टीकरण सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने इन सभी को दो दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।


राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ के एडीएम (एफआर) राकेश सिंह, आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह, प्रतापगढ़ के एडीएम (एफआर) त्रिभुवन विश्वकर्मा, आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी, अंबेडकरनगर के एडीएम (एफआर) सदानंद गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान सिंह को नोटिस जारी की गई है। इसके अलावा बाढ़ संबंधी कार्यों में शिथिलता बरतने पर सीतापुर के एडीएम (एफआर) नीतीश कुमार सिंह, आपदा विशेषज्ञ हीरालाल और बलिया के एडीएम (एफआर) देवेंद्र प्रताप सिंह, आपदा विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह को नोटिस जारी की गई है।

राहत आयुक्त ने बताया कि सभी पांच जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों को दो दिन में अपना जवाब देना होगा। इसके बाद उनके जवाब को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री अगर लापरवाह आधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

बाढ़ कार्यों में लापरवाही पर मुख्यमंत्री का एक्शन, पांच जिलों के 10 अधिकारियों से जवाब तलब
लखनऊ। सरकारी कार्यों में हीलाहवाली करने वाले लापरवाह अधिकारी लगातर मुख्यमंत्री के निशाने पर बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार में लिप्त और कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के लिए लगातार सख्त एक्शन ले रहे हैं। इसी के तहत योगी ने गुरुवार को बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिले के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों से जवाब तलब किया है। इन पांचों जिलों के लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण देना होगा। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना अपेडट ले रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को राहत कार्यों से संबंधित दिशा-निर्देश दे रहे हैं ताकि जनहानि-धनहानि को कम से कम किया जा सके। मुख्यमंत्री को लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकरनगर और बलिया के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ द्वारा बाढ़ संबंधी सूचना ससमय उपलब्ध न कराने एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही की सूचना मिली। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लापरवाह पांचों जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ को स्पष्टीकरण सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने इन सभी को दो दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।


राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ के एडीएम (एफआर) राकेश सिंह, आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह, प्रतापगढ़ के एडीएम (एफआर) त्रिभुवन विश्वकर्मा, आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी, अंबेडकरनगर के एडीएम (एफआर) सदानंद गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान सिंह को नोटिस जारी की गई है। इसके अलावा बाढ़ संबंधी कार्यों में शिथिलता बरतने पर सीतापुर के एडीएम (एफआर) नीतीश कुमार सिंह, आपदा विशेषज्ञ हीरालाल और बलिया के एडीएम (एफआर) देवेंद्र प्रताप सिंह, आपदा विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह को नोटिस जारी की गई है।

राहत आयुक्त ने बताया कि सभी पांच जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों को दो दिन में अपना जवाब देना होगा। इसके बाद उनके जवाब को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री अगर लापरवाह आधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

समुचित इलाज न मिलने से बहन की मौत के बाद शव को कंधे पर लादकर पांच किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचा भाई, वीडियो वायरल

लखनऊ ।यूपी में भारी बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए है।  लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ से हालात भयावह हैं। बाढ़ के बीच बेबसी का दिल झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। समुचित इलाज न मिल पाने से एक किशोर की हो गई। मौत के बाद बहन का शव कंधे पर लादकर भाइयों को पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ा, तब वे गांव पहुंच सके। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है।

मामला मैलानी थाना के गांव एलनगंज महाराज नगर का है। बताते हैं कि गांव की 15 वर्षीय शिवानी की तबीयत खराब होने पर परिजनों ने उसे पलिया के अस्पताल में भर्ती कराया था। शिवानी को टाइफाइड था। परिजनों ने बताया कि बरसात के चलते पलिया शहर टापू में तब्दील हो गया। आवागमन बंद होने के कारण वे बेहतर इलाज के लिए बहन को बाहर नहीं ले जा सके, जिससे मौत हो गई।

यह भी बताया कि मौत के बाद शव गांव ले जाने की कोई व्यवस्था न होने पर उन्होंने नाव से नदी पार की और पांच किलोमीटर शव कंधे पर लादकर गांव आए। बहन का शव कंधे पर लादकर ले जाने का वीडियो भी वायरल हुआ है। गांव के प्रधान ने भी इस बात की पुष्टि की है।एक दिन पहले इसी तरह का मामला मझगई थाना क्षेत्र में सामने आया था। यहां समय पर एंबुलेंस नहीं आई, जिससे बीमार बच्ची को उपचार नहीं मिल सका और उसकी मौत हो गई। मझगई के गांव सेमरहिया निवासी राकेश की दो वर्षीय बेटी को बुखार आ रहा था।

बाढ़ में रास्तों पर पानी भरा होने की वजह से परिजन उसे इलाज के लिए कहीं ले नहीं जा पा रहे थे। स्वास्थ्य टीम गांव भी नहीं पहुंची। परिजनों के अनुसार क्षेत्रीय लेखपाल ने बुखार से पीड़ित बच्ची को बुधवार सुबह सलीमाबाद चौराहे पर लाने का कहा था। चौराहे पर एंबुलेंस मिलने की बात कही थी। राकेश, पत्नी के साथ बच्ची को लेकर सुबह सात बजे चौराहे पर पहुंच गए, लेकिन एंबुलेंस 11 बजे आई, तब तक बच्ची की मौत हो गई।
यूपी में 17 चिकित्साधिकारी बर्खास्त, लंबे समय से चल रहे थे गैरहाजिर

लखनऊ । यूपी के प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से लंबे समय से गैर हाजिर चल रहे है।जिसकी वजह से अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित चल रही है। जिसे देखते हुए  17 चिकित्साधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसी तरह तीन चिकित्साधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने की।

प्रदेश के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की तैनाती की गई थी। तैनाती के बाद चिकित्साधिकारी गायब हो गए। उन्हें नोटिस भेजी गई, लेकिन वे अस्पताल नहीं लौटे। इस पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। इसमें मथुरा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलदेव के चिकित्साधिकारी डॉ. आनंद गोयल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मोहनकोला की चिकित्साधिकारी डॉ. नेहा सिंह, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जगदीशपुर की चिकित्साधिकारी डॉ. निक्की, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमीन फरेंदा की चिकित्साधिकारी डॉ. ईशा सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खेसरहा की चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल वर्मा को बर्खाख्त कर दिया गया है।

इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होलीपुरा की चिकित्साधिकारी डॉ. कृतिका, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आहरण की चिकित्साधिकारी डॉ. सुनाक्षी सेठ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेतिया के चिकित्साधिकारी डॉ. रजनीश चौधरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरली छपरा के चिकित्साधिकारी डॉ. राहुल कुमार, सीएमओ बलिया कार्यालय में कार्यरत डॉ. एसपी जैन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी के चिकित्साधिकारी डॉ. सत्येंद्र पुरवार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बमटापुर (बरनाहाल) की चिकित्साधिकारी डॉ. अंजली वर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, औछा की चिकित्साधिकारी डॉ. स्वाति कुशवाहा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मड़िहान के चिकित्साधिकारी डॉ. अखलाक अहमद, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भोजीपुरा चिकित्साधिकारी डॉ. रूबी जायसवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसराना की चिकित्साधिकारी डॉ. सरिता पांडेय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हथौली जयसिंहपुर के चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष मगन शामिल हैं। इन सभी की बर्खास्तगी के बाद संबंधित पद को रिक्त घोषित कर दिया गया है।