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भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने साय सरकार का अहम फैसला, सीएसआईडीसी के सारे रेट काॅन्ट्रेक्ट जुलाई माह के अंत तक हो जाएंगे निरस्त

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कैबिनेट में शासकीय समानों की खरीदी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की रोकथाम के मद्देनजर आज एक बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने सीएसआईडीसी के माध्यम से खरीदी में भ्रष्टाचार की शिकायतों को देखते हुए इसके सभी रेट काॅन्ट्रेक्ट को जुलाई माह के अंत तक निरस्त करने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार ने जेम पोर्टल से खरीदी पर रोक लगा दी थी, शासकीय सामग्री की खरीदी में दिक्कत, गुणवत्ता का अभाव एवं भ्रष्टाचार की शिकायतें काफी बढ़ गई थी।

साय सरकार ने इसको गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का फैसला लिया है, बल्कि जेम के माध्यम से खरीदी की व्यवस्था को फिर से बहाल कर शासकीय सामग्री की खरीदी में पारदर्शिता सुनिश्चित की है। विष्णु सरकार का यह फैसला सुशासन की दिशा में एक और कदम है।

कैबिनेट बैठक में छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 के (यथा संशोधित 2022) में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया। राज्य शासन के सभी विभाग आवश्यकतानुसार सामग्री, वस्तुओं एवं सेवाएं, जिनकी दरें एवं विशिष्टियां भारत सरकार के डीजीएसएण्डडी की जेम वेबसाइट में उपलब्ध हों, का क्रय जेम वेबसाईट से नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया पालन कर करेंगे। अतिरिक्त आवश्यकता होने पर सामग्री, वस्तु एवं सेवाओं के क्रय के संबंधित विभागों को वित्त विभाग से अनुमति लेना होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इसके अलावा और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्ण रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया। नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 5वीं तक बच्चों को स्थानीय भाषा-बोली में शिक्षा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही प्री-प्राइमरी से 12 वीं तक सबको शिक्षा उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई है। इस नवीन शिक्षा नीति के तहत समतामूलक और समावेशी शिक्षा प्रदान करने के साथ ही प्रचलित शैक्षणिक संरचना 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 लागू किया गया है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग तथा वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रधारकों की मृत्यु होने पर वारिसानों के नाम पर काबिज वन भूमि का हस्तांतरण राजस्व या वन अभिलेखों में दर्ज करने संबंधित कार्यवाही के लिए प्रक्रिया प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे भविष्य में नक्शा का जिओ रिफ्रेंसिंग होने से भूखण्ड का आधार नंबर भी लिया जाएगा। इसका उपयोग नामांतरण, सीमांकन, बटवारा आदि में किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ सशस्त्र सहायक प्लाटून कमाण्डर (नर्सिंग), प्रधान आरक्षक (नर्सिंग), मेल नर्स, फिमेल नर्स, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, नर्सिंग असिस्टेंड, कम्पाउण्डर, ड्रेसर, आरक्षक (बैण्ड), आरक्षक (श्वान दल) भर्ती प्रक्रिया वर्ष-2023 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी। यह छूट अनारक्षित वर्ग को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा के अतिरिक्त एक बार के लिए 05 वर्ष की छूट एवं आरक्षित वर्ग को पहले से 05 वर्ष की आयु शिथिलीकरण के अतिरिक्त, एक बार के लिए, निर्धारित आयु सीमा में 05 वर्ष की और छूट प्रदान की जाएगी।

प्रदेश में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, सुशासन एवं जनसमस्याओं के समाधान के लिए एक पृथक विभाग ‘‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग‘‘ का गठन किया गया है। जिसमें ई-समीक्षा, ई-लोकसेवा गारंटी एवं डिजिटल सेक्रेटरियेट को शामिल किए जाने के संबंध में मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ शासन कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। पूर्व में ये शाखाएं सामान्य प्रशासन विभाग में थी।

नवा रायपुर में आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न वर्ग के परिवारों को आवास मुहैया के लिए पंजीयन की तिथि में तीन वर्ष की वृद्धि कर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत नवा रायपुर में आवासों का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें हितग्राहियों को न्यूनतम मूल्य में आवास प्रदान करने के लिए पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों को यथावत् रखा गया है। आवासों के पंजीयन की तिथि को 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2027 तक कर दिया गया है। इस निर्णय से अभी तक रिक्त मकानों के पंजीयन में वृद्धि होगी।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र (State Capital Region) तथा संबंधित प्राधिकरण की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने की प्रक्रिया के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को अधिकृत किया गया है और इसके लिए आवास एवं पर्यावरण विभाग को प्रशासकीय विभाग बनाया गया है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष की बजट में 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य संवर्ग के भारतीय वन सेवा में वर्ष 1992 से 1994 तक के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदस्थ 06 अधिकारियों को गैर-कार्यात्मक आधार पर यथास्थान प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के समतुल्य वेतनमान 01 जनवरी 2024 से प्रदान करने हेतु भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, से सहमति प्राप्त की जाएगी। इसी तरह अधीक्षण अभियंता (सिविल) से मुख्य अभियंता (सिविल) के पद पर पदोन्नति के लिए निर्धारित न्यूनतम अवधि 05 वर्ष में केवल एक बार के लिए 01 वर्ष की छूट प्रदान करने का निर्णय भी कैबिनेट ने लिया है।

मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत स्वीकृत होंगे आवास

कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ प्रदेश के जरूरतमंद सर्वेक्षित 47 हजार 90 आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के तहत 01 अप्रैल से 30 अप्रैल 2023 तक प्रदेश में कुल 59.79 लाख परिवारों का सर्वेक्षण पूर्ण किया गया, जिसमें 47 हजार 90 परिवार ऐसे पाए गए जो आवासहीन है, किन्तु उनका नाम सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में नहीं है। ऐसे आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण से आवास स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निम्नानुसार महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -

मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग तथा वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रधारकों की मृत्यु होने पर वारिसानों के नाम पर काबिज वन भूमि का हस्तांतरण राजस्व या वन अभिलेखों में दर्ज करने संबंधित कार्यवाही के लिए प्रक्रिया प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे भविष्य में नक्शा का जिओ रिफ्रेंसिंग होने से भूखण्ड का आधार नंबर भी लिया जाएगा। इसका उपयोग नामांतरण, सीमांकन, बटवारा आदि में किया जाएगा।

# प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के लिए मंत्रिपरिषद की बैठक में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्ण रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया।

नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 5वीं तक बच्चों को स्थानीय भाषा-बोली में शिक्षा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही प्री-प्राइमरी से 12 वीं तक सबको शिक्षा उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई है। इस नवीन शिक्षा नीति के तहत समतामूलक और समावेशी शिक्षा प्रदान करने के साथ ही प्रचलित शैक्षणिक संरचना 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 लागू किया गया है।

# मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ सशस्त्र सहायक प्लाटून कमाण्डर (नर्सिंग), प्रधान आरक्षक (नर्सिंग), मेल नर्स, फिमेल नर्स, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, नर्सिंग असिस्टेंड, कम्पाउण्डर, ड्रेसर, आरक्षक (बैण्ड), आरक्षक (श्वान दल) भर्ती प्रक्रिया वर्ष-2023 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी।

यह छूट अनारक्षित वर्ग को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा के अतिरिक्त एक बार के लिए 05 वर्ष की छूट एवं आरक्षित वर्ग को पहले से 05 वर्ष की आयु शिथिलीकरण के अतिरिक्त, एक बार के लिए, निर्धारित आयु सीमा में 05 वर्ष की और छूट प्रदान की जाएगी।

# प्रदेश में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, सुशासन एवं जनसमस्याओं के समाधान के लिए एक पृथक विभाग ‘‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग‘‘ का गठन किया गया है। जिसमें ई-समीक्षा, ई-लोकसेवा गारंटी एवं डिजिटल सेक्रेटरियेट को शामिल किए जाने के संबंध में मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ शासन कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। पूर्व में ये शाखाएं सामान्य प्रशासन विभाग में थी।

# नवा रायपुर में आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न वर्ग के परिवारों को आवास मुहैया के लिए पंजीयन की तिथि में तीन वर्ष की वृद्धि कर दी गई है।

राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत नवा रायपुर में आवासों का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें हितग्राहियों को न्यूनतम मूल्य में आवास प्रदान करने के लिए पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों को यथावत् रखते हुए आवासों के पंजीयन की तिथि को 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2027 तक कर दिया गया है। इस निर्णय से अभी तक रिक्त मकानों के पंजीयन की संभावनाओं में वृद्धि होगी।

# राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र (State Capital Region) तथा संबंधित प्राधिकरण की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने की प्रक्रिया के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को अधिकृत किया गया है और इसके लिए आवास एवं पर्यावरण विभाग को प्रशासकीय विभाग बनाया गया है।

इसके लिए राज्य सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष की बजट में 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

# छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 के (यथा संशोधित 2022) में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया। राज्य शासन के समस्त विभाग आदि आवश्यकतानुसार सामग्री, वस्तुओं एवं सेवाओं जिनकी दरें एवं विशिष्टियां भारत सरकार के डीजीएसएण्डडी की जेम वेबसाइट में उपलब्ध हो का क्रय जेम वेबसाईट से उनकी नियमावली निर्धारित प्रक्रिया पालन करते हुए क्रय करेंगे। अतिरिक्त आवश्यकता होने पर सामग्री, वस्तु एवं सेवाओं के क्रय के लिए वित्त विभाग की सहमति आवश्यक होगी।

वर्तमान में प्रचलित सीएसआईडीसी के सभी रेट काॅन्ट्रेक्ट इस माह के अंत में निरस्त करने का भी निर्णय लिया गया। यह कदम भ्रष्टाचार निवारण की दृष्टि से लिया गया है।

# मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य संवर्ग के भारतीय वन सेवा में वर्ष 1992 से 1994 तक के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदस्थ 06 अधिकारियों को गैर-कार्यात्मक आधार पर यथास्थान प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के समतुल्य वेतनमान 01 जनवरी 2024 से प्रदान करने हेतु भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, से सहमति प्राप्त करने का निर्णय लिया गया।

# अधीक्षण अभियंता (सिविल) से मुख्य अभियंता (सिविल) के पद पर पदोन्नति के लिए निर्धारित न्यूनतम अवधि 05 वर्ष में केवल एक बार के लिए 01 वर्ष की छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

# छत्तीसगढ़ प्रदेश के जरूरतमंद सर्वेक्षित 47 हजार 90 आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के तहत 01 अप्रैल से 30 अप्रैल 2023 तक प्रदेश में कुल 59.79 लाख परिवारों का सर्वेक्षण पूर्ण किया गया, जिसमें 47 हजार 90 परिवार ऐसे पाए गए जो आवासहीन है, किन्तु उनका नाम सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में नहीं है। ऐसे आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण से आवास स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया।

विशेष पिछड़ी जनजाति की कमार महिलाएं गढ़ रही है विकास की गाथा

रायपुर-   कमार जनजाति मुख्य रूप से गरियाबंद जिले के छुरा, और धमतरी जिले के नगरी और मगरलोड विकासखण्डों में पाई जाती है। भारत सरकार द्वारा इन्हें विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा दिया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सरकार में विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को आर्थिक, समाजिक, शैक्षणिक उत्थान के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कमार परिवारों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। विशेष पिछड़ी कमार जनजाति की महिलाओं की आजीविका का मुख्य साधन बांस की कारीगरी और पारंपरिक खेती करना है। महासमुन्द जिले के पिथौरा ब्लॉक से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, गाँव सोनासिल्ली अब समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहा है।

बिहान योजना के तहत, ग्राम सोनासिल्ली में तकेश्वरी कमार और सचिव गीता कमार के नेतृत्व में महिला विकास और सशक्तिकरण का एक नया अध्याय शुरू हुआ। कमार महिलाओं ने स्व सहायता समूह का गठन किया गया। इस समूह ने 15,000 रुपये के अनुदान के साथ आत्मनिर्भरता की नई शुरूआत की है। अपने कौशल और संसाधनों का उपयोग करते हुए, उन्होंने बांस की कारीगरी में हाथ आजमाया और आज बांस से सुन्दर सजावटी सामग्री बनाकर दुकानों में भी विक्रय कर रही है। बांस की सामग्रियों को बेहतरीन कला कृतियों में बदल दिया।

छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक फेरबदल, IAS राजेश सुकुमार टोप्पो बने सचिव

रायपुर-  जल संसाधन विभाग के विशेष सचिव ( स्वतंत्र प्रभार) राजेश सुकुमार टोप्पो को विष्णुदेव साय सरकार ने भूतलक्षी प्रभाव ( 1 जनवरी 2021) से सचिव प्रमोट कर दिया है। पूर्ववर्ती रमन सरकार के करीबी होने की वजह से भूपेश सरकार ने चार साल से उनका प्रमोशन लटकाए हुए था।

इतना ही नहीं एक तेज तर्रार और काबिल अफसर को भूपेश सरकार ने राजस्व मंडल का सचिव बनाकर उन्हें लूप लाइन में डाल दिया था।लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद मौजूदा सरकार ने राजेश टोप्पो की अहमियत पहचानी और उन्हें जल संसाधन जैसे महत्वपूर्ण विभाग का विशेष सचिव (स्वतंत्र प्रभार) बनाया और अब उन्हें भूतलक्षी प्रभाव से सचिव प्रमोट कर दिया है। राजेश टोप्पो को सरकार ने 1 जनवरी 2021 की तारीख से सचिव प्रमोट किया है।

गौरतलब हो कि 2005 बैच के तेज तर्रार IAS अफसर राजेश टोप्पो डॉक्टर रमन सिंह सरकार में सीएम के भरोसेमंद अफसरों में शुमार थे। वे सीएम सचिवालय के साथ ही जनसंपर्क आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। राज्य में भूपेश सरकार आने के बाद राजेश टोप्पो को सरकार ने निशाना बनाया और उनके खिलाफ न केवल जांच बैठाई बल्कि बिना किसी ठोस कारण के प्रमोशन भी रोक दिया था।

अब छत्‍तीसगढ़ के हर घर में लगेगा स्मार्ट बिजली मीटर, प्रीपेड मोबाइल की तरह होगा रिचार्ज

रायपुर-   छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को अब प्रीपेड मोबाइल, डीजीएच और ब्राडबैंड की तरह पहले अपना बिजली मीटर रिचार्ज करना पड़ेगा। इसके बाद उन्हें बिजली आपूर्ति की जाएगी। रायपुर समेत प्रदेशभर में इन दिनों स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है।

प्रदेशभर में 54 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं, जिनके घरों में स्मार्ट मीटर लगेगा, जो मोबाइल के सिम की तरह काम करेगा। तय पैकेज के आधार पर उपभोक्ताओं को मीटर रिचार्ज कराना पड़ेगा। उपभोक्ता जितनी राशि का रिचार्ज करेगा, उतनी ही बिजली खर्च कर पाएगा।

बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि मीटर लगने से पूरा सिस्टम ऑटोमेटिक हो जाएगा। रिचार्ज खत्म होने पर बिजली सप्लाई बंद हो जाएगी, जैसे मोबाइल में रिचार्ज खत्म होने पर कालिंग, इंटरनेट और एसएमएस बंद हो जाता है। हालांकि, रात में रिचार्ज खत्म होने पर बिजली सप्लाई बाधित नहीं की जाएगी। लेकिन, उसे दूसरे दिन सुबह ही स्मार्ट मीटर रिचार्ज करना पड़ेगा।

सीएसपीडीसीएल के अधिकारियों के अनुसार अभी ट्रायल के तौर पर शहर के विभिन्न कॉलोनियों के घर-घर में स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है, जिसे कुछ दिन बाद रिचार्ज कराना पड़ेगा। बकाया बिजली बिल के भुगतान में आने वाली समस्या से छुटकारा पाने के लिए यह किया जा रहा है।

उपभोक्ताओं को रिचार्ज में खर्च बजट की सूचना हर सप्ताह एसएमएस के जरिए भेजा जाएगा। वहीं, जब रिचार्ज खत्म होने वाला होगा, तो इसकी अलर्ट की सूचना सप्ताह में तीन बार दी जाएगी। उपभोक्ताओं को अब हर साल वसूली जाने वाली सुरक्षा निधि से भी मुक्ति मिलेगी।

निःशुल्क लगाया जा रहा मीटर

उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर निःशुल्क लगाए जाएंगे। मीटर की 10 साल की गारंटी रहेगी। 10 साल स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी मरम्मत की जिम्मेदारी उठाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विशेष पहल पर परिवहन विभाग द्वारा आम नागरिकों को एक और नई सुविधा दी जा रही है। आवेदक के पते पर नहीं पहुंचने वाले ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीयन प्रमाण पत्र अब संबंधित आवेदकों को उनके जिले के क्षेत्रीय, अतिरिक्त क्षेत्रीय और जिला परिवहन कार्यालयों के माध्यम से वितरित किए जाएंगे।

छूट का मिलेगा लाभ, 300 रुपये तक बकाया पर नहीं कटेगा कनेक्शन

स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी सभी आम उपभोक्ताओं को सरकार की ओर से हाफ बिजली बिल योजना का लाभ मिलता रहेगा। छूट का लाभ देने के लिए मीटर में ऑटोमेटिक रूप से व्यवस्था दी जाएगी, जिससे रिचार्ज में ही छूट के लाभ के अनुसार उपभोक्ता का पैसा प्रति यूनिट कटेगा। न्यूनतम बैलेंस की जरूरत नहीं होगी। माइनस 300 रुपये तक बैलेंस होने का कारण इसकी जरूरत नहीं। कोई उपभोक्ता यदि दो-तीन माह के लिए घर से बाहर जा रहा है, तो उन्हें मीटर में न्यूनतम बैलेंस रखना होगा।

बिजली कंपनी रायपुर रीजन के ईडी जेएस नेताम ने कहा, शहर में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है। नया ऑटोमैटिक सिस्टम चालू होने के बाद सुरक्षा निधि रखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इसलिए अतिरिक्त सुरक्षा निधि की रकम को समायोजित करने के लिए मीटर में बैलेंस डाला जाएगा।

प्रकृति को हरा भरा बनाना है, एक पेड़ मां के नाम लगाना है-उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

रायपुर-  प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज एक पेड़ मॉं के नाम अभियान के तहत कबीरधाम जिले में वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर जिले के गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, स्काऊट गाईड के सदस्य, हरितिमा ग्रुप के सदस्य सहित अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर कवर्धा वन मंडल में एक-पेड़-माँ-के-नाम अभियान के तहत पौधारोपण किया। इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने निःशुल्क पौधा वितरण के लिए स्ट्राईक फोर्स वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रकृति को हरा भरा बनाना है, एक पेड़ मां के नाम लगाना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक-पेड़ मॉं-के-नाम प्रारंभ किया गया है। जो मूलतः वृक्षारोपण अभियान है।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि कि निःशुल्क पौधा प्राप्त करने के लिए विभाग द्वार क्यू.आर. कोड जारी किए गए है। जिससे स्कैन करके पौधा प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही 03 सम्पर्क नंबर भी जारी किया है। जिसमें सोमवार से शुक्रवार तक पौधा के लिए मांग किया जाएगा तथा शनिवार एवं रविवार को पौधा वितरण किया जाएगा।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया

रायपुर-     विद्यार्थी जीवन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर मिलने वाला मेडल जहां एक तरफ विजेताओं को उत्साह देता है, वहीं दूसरी तरफ कमजोर विद्यार्थियों को बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। यह न केवल व्यक्तिगत सफलता को मान्यता देता है, बल्कि सभी छात्रों को अपनी क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करने और मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है। यह बात रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मंगलवार को राजधानी रायपुर के कलेक्टर परिसर स्थित रेडक्रॉस सभागार में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान योजना कार्यक्रम में कही।

बृजमोहन अग्रवाल ने योजना के अंतर्गत 5वीं से 12वीं तक की परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के 189 विद्यार्थियों को मेडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, मेडल हासिल करने वाले विद्यार्थियों को दूसरो को भी बताना चाहिए कि यह सम्मान हासिल करने के उनको कितनी मेहनत करनी पड़ी जिससे दूसरे विद्यार्थी भी मोटिवेट होकर काम कर सकें। उन्होंने कहा कि, जिंदगी एक परीक्षा मात्र नहीं है। जीवन में आगे बढ़ाने के लिए हमें कड़ी मेहनत और बिना रुके निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। हम लोगों ने अक्सर समाचारों में पढ़ा और सुना है कि, 10वीं और 12वीं में थर्ड डिवीजन आने वाले लोग भी आगे चल कर निरंतर प्रयास और कड़ी मेहनत के दम पर आईएएस और आईपीएस बन जाते है। इसलिए हम लोगों को असफल होने पर निराश होने की जरूरत नहीं है और सफल होने पर अतिउत्साहित भी नही होना चाहिए। बल्कि अपनी सफलता को दूसरों के साथ साझा करना चाहिए। बृजमोहन अग्रवाल ने प्रतिभाओं का सम्मान के लिए नेशनल परीक्षा बोर्ड की तारीफ करते हुए कहा इस प्रकार के आयोजन से विद्यार्थियों को भविष्य में बहुत लाभ होगा। कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ ही अध्यापकों और जिला शिक्षा अधिकारी को भी सम्मानित किया।

कार्यक्रम में पीएसवाय, प्रदेश समन्वयक शुभ्रा शुक्ला मिश्र, कलेक्टर रायपुर गौरव कुमार सिंह, निगम कमिश्नर अभिषेक मिश्र समेत शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

बांकीमोंगरा के विकास में फंड की नहीं होगी कमी: कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन

रायपुर-    बांकीमोंगरा नगर पालिका परिषद के संचालन समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष समेत सभी सदस्यों के पदभार ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन शामिल हुए।

मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि अब बांकीमोंगरा नगर पालिका में विकास का नया सूर्याेदय होने जा रहा है। बांकीमोंगरा की जनता बहुत भाग्यशाली है कि उनको पहला अध्यक्ष शैल राठौर नारी शक्ति के रूप में कर्ता मिला है। बांकीमोंगरा की जनता लंबे समय से विकास नहीं होने का मलाल झेल रही थी। अब बांकीमोंगरा की जनता को विकास के लिए सोचना नहीं पड़ेगा। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है। केंद्र और राज्य दोनों से नगर पालिका के विकास कार्यों के लिए राशि मिलेगी। विष्णुदेव सरकार में निकाय को न तो सेटअप की न ही फंड की कमी नहीं होगी।

इस अवसर पर कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल, जिला अध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह, संचालन समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष शैल राठौर, उपाध्यक्ष कमला बरेठ, सदस्य प्रभावती चौहान, सतीश झा, लखपत शर्मा, अश्विनी मिश्रा, संतोष राठौर, मेलू पटेल, ज्योतिदास महंत पूर्व महापौर जोगेश लांबा, प्रफुल्ल तिवारी, पार्षद नरेंद्र देवांगन, नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल, भागवत विश्वकर्मा सहित जनप्रतिनिधिगण,  गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

वन मंत्री केदार कश्यप राजधानी में आयोजित जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर-  वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप आज रायपुरा स्थित पंडित गिरिजा शंकर मिश्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने नौनिहालों को तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर शाला प्रवेश कराया। उन्होंने इस मौके पर बच्चों को शाला गणवेश तथा पाठ्यसामग्री वितरण भी किया। उन्होंने छात्राओं को सरस्वती सायकल योजना के तहत सायकल प्रदान किया। मंत्री श्री कश्यप ने इस दौरान विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए नवाचार मॉडल प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

मंत्री श्री कश्यप ने शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों में अपार क्षमता है। शासकीय स्कूल के बच्चे कठिन पस्थितियों के बाद भी बेहतर परिणाम ला रहे हैं। यह हम सबके लिए यह खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि बच्चे लगन और ईमानदारी से शिक्षकों के आदर्श में चलकर शिक्षा ग्रहण कर अपने मां-बाप के सपनों को साकार करें, बच्चों को हताश-निराश होने की जरूरत नहीं है। समय को ध्यान रखते हुए खेलने के समय खेले-कुदे और पढ़ाई के समय पढ़ाई करें। गरीब, किसानों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। भविष्य निर्माता आज के नौनिहालों की शिक्षा-दिक्षा में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए सरकार तत्पर है। हमारी सरकार ने प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम जैसी बड़ी-बड़ी संस्थानें स्थापित की है। उच्च शिक्षा के लिए भी बाहर जाने की जरूरत नहीं है। अतिथियों ने इस मौके पर ‘‘मां के नाम एक पेड़’’ अभियान के तहत स्कूल परिसर में पौधा रोपण किया।

विधायक मोती लाल साहू ने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आज प्राईवेट स्कूल से बेहतर परीक्षा परिणाम शासकीय स्कूलों में आ रहा है। शासकीय स्कूलों में प्रवेश के लिए काफी भीड़ लगी है, इससे शासकीय स्कूलों का महत्व और गुणवत्ता अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कम सुविधाओं और चुनौती पूर्ण परिस्थितियों में भी बेहतर परिणाम सराहनीय है। बच्चों को भी लगन और ईमानदारी से शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।

विधायक श्री अनुज शर्मा ने कहा कि नन्हें-नन्हें बच्चों को जीवन के नए पड़ाव में प्रवेश कराने आए हैं। उनका हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत है। उन्हांेने कहा कि सरकारी संस्थान में पढ़े-लिखे ज्यादा संस्कारी होते हैैं। आज के मंच में मंत्री, विधायक, कलेक्टर सहित जितने भी लोग है सभी सरकारी स्कूलों में पढ़कर आप लोगों के बीच उपस्थित हैं। आप लोगों को भी किसी प्राईवेट स्कूल के विद्यार्थियों को देखकर अपने आप को कमजोर आंकने की जरूरत नहीं है। आप लोगों में अपार शक्ति और जोश है, अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इच्छानुसार परिणाम हासिल कर सकते हैैं।

विधायक गुरू खुशवंत साहेब ने जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अक्सर दूसरों के सुख सुविधओं और रहन-सहन को देखकर मन में उनकी तरह बनने की लालसा होती है। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे हर सुख सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम शाला में अनुशासन का पालन करते हैं। जीवन में भी अनुशासन से आगे बढ़ सकते हैं और अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षकों को स्कूल के बच्चों को भी अपने बच्चों की तरह जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।

इस अवसर पर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विश्वदीप सिंह, नगर निगम के कमिश्नर अविनाश मिश्रा, जिला शिक्षाधिकारी खण्डेलवाल, वार्ड केे पार्षद वीरेन्द्र देवांगन सहित शिक्षक-शिक्षिकांए तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार करेंगे हड़ताल, नायब तहसीलदार से मारपीट से हैं आक्रोशित

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में पटवारियों के बाद अब तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर जा रहे हैं. इस संबंध में आज राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा को ज्ञापन सौंपा गया. बता दें कि झलप में नायब तहसीलदार से मारपीट के बाद तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों में आक्रोश है. घटना के विरोध में 10 से 12 जुलाई तक हड़ताल का एलान किया है. उन्होंने कनिष्क प्रशासनिक संघ के बैनर तले मंत्री को ज्ञापन सौंपकर कार्यालय में सुरक्षा देने समेत 7 सूत्री मांगें रखी है. मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है.

तहसीलदारों का कहना है कि पूर्व में ही तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों ने न्यायालय में सुरक्षा संबंधी मांग सरकार से की थी एवं पूर्व सरकार ने न्यायालय में सुरक्षा के लिए सभी कलेक्टरों को पत्र भी जारी किए थे, परंतु आज तक फील्ड में उसका कोई असर नहीं दिखा है. इसके कारण आज भी न्यायालय में बैठे तहसीलदार नायब तहसीलदारों पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमले, मारपीट, गाली गलौज आदि की खबरें लगातार आती रही है. ऐसी स्थिति में नायब तहसीलदार तहसीलदारों का न्यायालय में बैठकर काम करना मुश्किल हो गया है. पिछली सरकार में मुख्यमंत्री ने नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित किया था परंतु आज तक इस संबंध में कोई भी पत्र सर्कुलर जारी नहीं किया गया है.

घोषणा का अब तक नहीं हुआ अमल

ज्ञापन में बताया गया है कि तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर प्रमोशन में 50-50 का अनुपात लागू करने की घोषणा की गई थी वह भी अभी तक अमल में नहीं लाया गया है. एएसएलआर एसएलआर को पर्याप्त संख्या में नायब तहसीलदार तहसीलदार होने के बावजूद तहसीलदार का प्रभार दिया जाता है, जिसके लिए भी संघ ने विरोध जाहिर किया था और बाकायदा सभी कलेक्टरों को मंत्रालय से पत्र भी निकल गया. एसएलआर को नायब तहसीलदार तहसीलदार ना बनाने के संबंध में निर्देश जारी किए गए थे, परंतु आज तक किसी भी मांग को पूरा नहीं किया गया है. ना ही घोषित एवं निर्देशित मांगों को अमल में लाया गया है.