राहुल गांधी के गुजरात जीतने के दावों में कितना दम?
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देश में हाल ही में लोकसभा चुनाव खत्म हुआ है। अब झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में चुनाव होने हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस के फोकस में गुजरात है। अब गुजरात में 2027 में होने वाले चुनाव में बीजेपी हारने जा रही हैं। ये दावा खुद राहुल गांधी ने किया है। 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस को अप्रत्याशित सीटें जिताने वाले राहुल गांधी इस समय फुल कॉन्फिडेंस में हैं। पहले तो लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता के रूप में अपनी स्पीच में राहुल ने कहा कि हम इस बार बीजेपी को गुजरात में भी हराने जा रहे हैं। यही नहीं, संसद सत्र की समाप्ति के बाद राहुल गुजरात दौरे पर पहुंचे और वहां भी अपनी यही बात दोहराई। ऐसा राहुल ने सिर्फ कहा ही नहीं, उन्होंने कहा 'लिख कर ले लो...ऐसे में सवाल उठ रहा है कि राहुल गांधी के दावे में कितना दम है।
वैसे किसी नेता के लिए कॉन्फिडेंस अच्छी बात है। ये कॉन्फिडेंस तब और अच्छा है जब आप किसी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं में जान पूंकने के लिए ये बहुत जरूरी चीज है। हालांकि, सवाल ये है कि राहुल गांधी के इस विश्वास की नींव कितनी मजबूत है। इसके लिए हमे बीते चुनावों का विश्लेषण जरूरी हो जाता है।
गुजरात की सत्ता से कांग्रेस 29 साल पहले बेदखल हुई और अब तक बीजेपी ने उसे वापसी का कोई मौका नहीं दिया। 1995 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी सियासी जड़े ऐसी जमाई की आज तक कांग्रेस उसे उखाड़ नहीं सकी। कांग्रेस को गुजरात की सत्ता से ऐसे बाहर होना पड़ा है कि अभी तक उसका वनवास जारी है। गुजरात में बीजेपी को हराने की काट कांग्रेस नहीं तलाश सकी है और कांग्रेस धीरे-धीरे सियासी हाशिए पर पहुंच गई है।
गुजरात में बीते दो विधानसभा चुनावों की बात करें तो, 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 99 और कांग्रेस ने 77 सीट पर जीत दर्ज की थी। तब भी कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई थी जबकि नरेंद्र मोदी तब केंद्र में प्रधानमंत्री के पद पर आसीन थे। 2022 के गुजरात की विधानसभा चुनाव में 188 सीटों में से 52.50 फीसदी वोटों के साथ 156 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। कांग्रेस 27.28 फीसदी वोटों के साथ महज 17 सीटें ही जीत सके थे। 2017 की तुलना में कांग्रेस का 14 फीसदी वोट गिर गया था। इससे पहले तक कांग्रेस का राज्य में 40 फीसदी के लगभग वोट शेयर हुआ करता था, लेकिन 2022 के चुनाव में भारी कमी आई है।
कांग्रेस गुजरात में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। केवल सीटें ही कम नहीं हो रहीं, “परिवार” भी छोटा होता जा रहा है। पिछले पांच महीनों में कांग्रेस के करीब 65 नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। 2022 के बाद से कांग्रेस के पांच विधायक पार्टी को अलविदा कह चुके हैं और 17 से घटकर 12 पर पहुंच गए हैं। कांग्रेस के विधायक रहे अरविंद लदानी, चिराग पटेल, विसीजे चावड़ा कांग्रेस की सदस्यता छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। पूर्व विधायक एवं राज्य के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेर और राज्यसभा सदस्य नाराण राठवा ने भी कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया और बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राठवा और उनके बेटे संग्राम राठवा, जोईता पटेल, चिराग कालरिया और बलवंत गढ़वी जैसे दिग्गज नेताओं के नाम पार्टी छोड़ने वालों में शामिल है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक व गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।
कांग्रेस का अपना आधार खिसकता जा रहा है और उसके विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी अपनी सियासी जड़े जमाने में जुट गई है। 2022 के चुनाव में कांग्रेस का जितना वोट घटा है, उतना ही आम आदमी पार्टी का बढ़ा है। आम आदमी पार्टी के चार विधायक है।
वैसे भी अगर राहुल गांधी के बयान पर गौर किया जाए तो उन्होंने ये नहीं बोला है कि कांग्रेस, बीजेपी को हराएगी। उन्होंने कहा है “हम यानी इंडिया” गठबंधन बीजेपी को हराने का काम करेंगे। ऐसे में गुजरात में इंडिया गठबंधन का कैसा स्वरूप होगा ये अहम सवाल है। अगर माना जाए कि दिल्ली की तरह गुजरात में भी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस से हाथ मिलाएगी तो उस स्थिति में क्या तस्वीर बन सकती है। 2022 के चुनाव को अगर पैरामीटर माना जाए तो आप और कांग्रेस का वोट शेयर मिलाने के बाद कुल आंकड़ा 40.8 प्रतिशत बैठता है। बड़ी बात यह है कि दोनों पार्टियों का मिलाने के बाद जितना वोट शेयर बैठ रहा है, उससे भी 13 फीसदी ज्यादा बीजेपी ने हासिल किया। ऐसे में पिछले चुनाव के नतीजे तो बताते हैं कि इंडिया गठबंधन के लिए वो शेयर के इस गैप को पाटना ही एक बड़ी चुनौती रहने वाला है।
Jul 09 2024, 13:41