संभल सपा सांसद जियाउर रहमान वर्क को भारतीय किसान यूनियन असली के लोगों ने सौंपा ज्ञापन
संभल।कृषि कानूनों के खिलाफ एवम एमएसपी गारंटी कानून बनवाने के लिए 2020-21 में किसानों ने दिल्ली के बॉर्डरों पर 378 दिनों तक ऐतिहासिक आंदोलन लड़ा था। उस समय केंद्र सरकार ने 3 कृषि कानून वापस लिए थे एवम एमएसपी गारंटी कानून बनाने के लिए एक कमेटी के गठन का ऐलान किया था। अगले 2 वर्षों तक 1-1 दिन के कई सांकेतिक कार्यक्रमों के माध्यम से हम ने सरकार का ध्यान एमएसपी गारंटी कानून बनाने की तरफ आकर्षित करना चाहा लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
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धैर्य की सभी सीमाएं पार होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवम किसान मजदूर मोर्चा ने निम्नलिखित मांगों पर 13 फरवरी को "दिल्ली कूच" का ऐलान किया -
1). पूरे देश के किसानों के लिए सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए और डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव तय किये जाये।
2). किसानों और मजदूरों की पूर्ण कर्ज़मुक्ति करी जाये।
3). भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूरे देश में पुनः लागू किया जाए एवम भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की लिखित सहमति एवम कलेक्टर रेट से 4 गुणा मुआवज़ा देने के प्रावधान लागू किये जायें।
4). लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को सज़ा एवम पीड़ित किसानों को न्याय दिया जाए एवम 2020-21 के किसान आंदोलन के सभी मुकदमे रदद् किये जायें।
5). भारत विश्व व्यापार संगठन से बाहर आये एवम सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
6). किसानों और खेत मजदूरों को 10000 रुपये/महीना की पेंशन दी जाए।
7). पीएम फसल बीमा योजना में सुधार किए जाएं, फसल में नुक्सान होने पर एक एकड़ को यूनिट मानकर मुआवजा दिया जाए एवम प्रीमियम सरकार द्वारा भरा जाए।
8) विद्युत संशोधन विधेयक 2023 को रद्द किया जाए एवम खेती को प्रदूषण कानून से बाहर निकाला जाए।
9). मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार, 700 रुपये का मजदूरी भत्ता दिया जाए एवम मनरेगा को खेती के साथ जोड़ा जाए।
10). नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां एवम खाद बनाने वाली कंपनियों पर सख्त दंड और जुर्माना लगाने के प्रावधान तय किये जायें एवम बीजों की गुणवत्ता में सुधार किये जायें।
11). मिर्च, हल्दी एवम अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
12). संविधान की 5 सूची को लागू किया जाए एवम जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित कर के कम्पनियों द्वारा आदिवासियों की ज़मीन की लूट बन्द करी जाए।
13). किसान आंदोलन - 2 के दौरान किसानों पर गोलियां चलाने एवम अत्याचार करने वाले पुलिस अधिकारियों पर सख्त कारवाई करी जाए।
13 फरवरी से शुरू हुए किसान आंदोलन - 2 के शुरुआती दिनों में केंद्र सरकार के मंत्रियों से 4 दौर की वार्ता किसान नेताओं की हुई लेकिन वे सभी वार्ताएं बेनतीजा रही। अपनी मांगों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए अपने ही देश की राजधानी दिल्ली में जा रहे किसानों के ऊपर हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा फायरिंग करी गयी, पैलेट गनों का इस्तेमाल किया गया एवम जहरीली गैसों का इस्तेमाल किया गया। हरियाणा पुलिस की तरफ से करी गयी इस हिंसा में 1 किसान शुभरकन सिंह सिर में गोली लगने से शहीद हो गए, 5 किसानों की आंखों की रोशनी चली गयी, कई साथियों की जहरीली गैस के चपेट में आने से मौत हो गयी एवम 433 किसान घायल हो गए।
आप की पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले किसानों एवम मजदूरों के ये मुद्दे अपने मैनिफेस्टो में शामिल किए थे। आप को जनता ने चुन कर अपने प्रतिनिधि के तौर पर संसद में भेजा है इसलिए आपकी ज़िम्मेदारी बनती है कि आप MSP गारंटी कानून, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट एवम किसान-मजदूरों की कर्जमाफी समेत तमाम मुद्दों पर संसद के मानसून सत्र में प्राइवेट बिल पेश करें ताकि किसानों एवम मजदूरों की मांगें पूरी हो सकें। यदि आप संसद में गंभीरतापूर्वक किसानों-मजदूरों के मुद्दों पर प्राइवेट बिल नहीं लाते हैं तो फिर हमें ये मानने पर मजबूर होना पड़ेगा कि किसानों-मजदूरों के मुद्दों पर आप गम्भीर नहीं हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवम किसान मजदूर मोर्चा












सम्भल । हाथरस में हुए हादसे में जनपद संभल के विकास खंड गुन्नौर की ग्राम पंचायत सैजना मुस्लिम के मजरा उदयभानपुर की रहने वाली पिंकी पत्नी सुनील को हादसे में हताहत होने के बाद उनके परिजनों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 2 लाख रुपये की राहत दी गयी। उपजिलाधिकारी गुन्नौर रमेश बाबू एवं खंड विकसाधिकारी गुन्नौर नरेशपाल सिंह द्वारा मृतक पिंकी के आश्रितों को डीबीटी का पत्र दिया गया।
महबूब अली, सम्भल। आज चाँद की 29 तारीख़ मुताबिक़ 07 जुलाई 2024 बरोज़ हफ़्ता बाद नमाज़े मग़रिब मरकज़ी मदरसा अहले सुन्नत अजमल उल उलूम सम्भल में मरकज़ी रुयते हिलाल कमेटी (रजि०) की मीटिंग शहर मुफ़्ती क़ारी अलाउद्दीन अजमली की अध्यक्षता में हुई, जिसमें शहर के उलेमा और ज़िम्मेदार हज़रात मौजूद रहे सम्भल में मौसम ख़राब होने की वजह से चाँद नहीं दिखाई दिया, हिन्दुस्तान के कई इलाक़ों से राब्ता किया गया, लेकिन कहीं से भी चाँद के होने की कोई ख़बर नहीं मिली।
Jul 08 2024, 17:35
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