फ्रांस में त्रिशंकु संसद के हालात, चुनावी नतीजे आने के बाद भड़की हिंसा
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फ्रांस चुनाव के दूसरे राउंड में बड़ा बदलाव देखने मिला है।रविवार की रात फ़्रांस के लिए उम्मीद से उलट नतीजों वाली रात थी। संसदीय चुनाव के नतीजे चौंकाने वाल रहे। पहले दौर में पहले स्थान पर रहने वाली दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली आखिरी दौर में आखिरी स्थान पर पहुंच गई है। फ्रांस के संसदीय चुनावों में वामपंथी गठबंधन की बढ़त के बाद राजधानी पेरिस समेत पूरे देश में हिंसा भड़क उठी है।
वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ़्रंट 182 सीटों के साथ पहले स्थान पर है। जबकी बुरी तरह पिछड़ी मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया।पहले चरण में सर्वाधिक मत जीतने वाली धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली तीसरे नंबर रही है। लेकिन इनमें से किसी के पास भी बहुमत के आंकड़े नहीं हैं और फ़्रांस में त्रिशंकु संसद के हालात बन गए हैं।फ्रांस में अनिश्चितता की ऐसी स्थिति बन गई है, जो पहले कभी नहीं देखी गई।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का मध्यमार्गी गठबंधन दूसरे स्थान पर और दक्षिणपंथी तीसरे स्थान पर आया. इस चुनावों से तीन प्रमुख राजनीतिक गुट उभरे हैं- फिर भी उनमें से कोई भी 577 सीटों वाले निचले सदन नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए जरूरी 289 सीटों के करीब नहीं पहुंच पाया है। यहां सबसे बड़े गुट बनकर उभरे वामपंथी गठबंधन को 182 सीटें मिली हैं। वहीं मैक्रों के गठबंधन को 168 सीटें, जबकि धुर दक्षिणपंथी रैसेमबलेमेंट नेशनल और उसके सहयोगियों को 143 सीटें मिली हैं।
जैसे ही चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए हजारों लोग पेरिस के प्लेस डे ला रिपब्लिक पर इकट्ठा हुए। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांसीसी चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल में वामपंथी गठबंधन की जीत की संभावना के बाद पेरिस में जश्न और हिंसा दोनों का माहौल बन गया। धुर-वामपंथी गठबंधन के अप्रत्याशित रूप से आगे निकलने की खबर पर हजारों लोग जश्न मनाने के लिए पेरिस के प्लेस डे ला रिपप्लिक में जमा हो गए। नतीजों से नाराज और नतीजों के बाद जश्न मना रहे लोग सड़को पर आ गए है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
ब्रिटिश टैबलायड द सन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह पता नहीं चल पाया है कि बढ़ते तनाव के बीच सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी किस दल के समर्थक है। इसके पहले यह आशंका जताई गई थी कि अगर दक्षिणपंथी जीत जाते हैं तो हिंसा भड़क सकती है।
Jul 08 2024, 13:31