/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz मानसून हेल्थ टिप्स: बरसात के दिनों में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए गर्म पानी के साथ करें इन चीजों का उपयोग,आप रहेंगे स्वस्थ Healthcare
मानसून हेल्थ टिप्स: बरसात के दिनों में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए गर्म पानी के साथ करें इन चीजों का उपयोग,आप रहेंगे स्वस्थ


मानसून का मौसम जारी है और इस मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर और इन्फेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा होता है। बारिश के दौरान वायु-जनित, जल-जनित और भोजन-जनित बीमारियों का खतरा होता है। यही वजह है कि बहुत से लोग उल्टी, पेट खराब, खांसी और सर्दी और यहां तक ​​कि कभी-कभी फ्लू की शिकायत करते हुए नजर आते हैं।

इस मौसम में सभी बचाव के उपायों के साथ खाने-पीने का ध्यान रखना जरूरी है। हेल्दी डाइट से कई मौसमी बीमारियों के खिलाफ इम्यूनिटी मजबूत करने में मदद मिलती है। इसके लिए सबसे बेस्ट उपाय हर्बल चाय या काढ़ा है। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से तैयार चाय या काढ़ा बॉडी डिटॉक्स करने, खून को साफ करने और शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करते हैं।

फैट टू स्लिम की डायरेक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा आपको एक ऐसे ही जबरदस्त मिश्रण के बारे में बता रही हैं, जो आपको अंदर से मजबूत बनाकर मानसून की बीमारियों से बचा सकता है। यह मिश्रण गर्म पानी, नींबू और हल्दी से मिलकर बनाया जा सकता है।

हल्दी वाले गर्म पानी के फायदे

गर्म पानी शरीर में गर्मी पैदा करता है जो चयापचय और अन्य शरीर के सभी कार्यों को कंट्रोल करता है। यह वसा को तोड़ने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने, मांसपेशियों को आराम देने और शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। ये कारक शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने और मानसून में वायरल अटैक को रोकने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।

गर्म पानी शरीर में गर्मी पैदा करता है जो चयापचय और अन्य शरीर के सभी कार्यों को कंट्रोल करता है। यह वसा को तोड़ने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने, मांसपेशियों को आराम देने और शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। ये कारक शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने और मानसून में वायरल अटैक को रोकने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।

मानसून में नींबू के फायदे

विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर नींबू इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करता है। इसके पोषक तत्व हानिकारक सूक्ष्मजीवों के खिलाफ एंटीबॉडी को बढ़ाने का काम करते हैं।

मानसून में हल्दी के फायदे

हल्दी में करक्यूमिन होता है जोकि एक नैचुरल एंटी-सेप्टिक और एंटी-वायरल होता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं और कोशिकाओं में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देते हैं।

कैसे बनाएं हल्दी वाला गर्म पानी

एक गिलास गर्म पानी में, आपको एक नींबू का रस, आधा चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाना चाहिए। इसे अच्छी तरह मिक्स करके पीना चाहिए। अगर आप कच्ची हल्दी का उपयोग कर रहे हैं, तो हमारा सुझाव है कि आधा इंच हल्दी को लगभग पांच मिनट तक पानी में अच्छी तरह उबाल लें। फिर इसे एक गिलास में छान लें, इसमें नींबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें।

कब पिएं हल्दी वाला गर्म पानी

एक्सपर्ट ने बताया कि आपको मानसून के दौरान रोजाना सुबह उठकर सबसे पहले हल्दी वाला गर्म पानी पीना चाहिए। इससे पाचन को बेहतर बनाने और पेट की गंदगी को साफ करने में भी मदद मिल सकती है। इससे फैट भी बर्निंग होता है।

Hii

Hii

स्ट्रीटबज़्ज़ हेल्थ टिप्स: बारिश में बरते सावधानी,थोड़ी लापरवाही आपको ला सकते हैं कई बीमारी के चपेट में, बचाव की जानकारी के लिए पढ़े हेल्थ टिप्स

चिलचिलाती गर्मी के बाद जब मानसून आता है तो चारों ओर हरियाली छा जाती है। बरसात वाकई सुखदायी है लेकिन मानसून का ये मौसम सेहत के लिए काफी सारे खतरा लेकर आता है। इस दौरान काफी सारी बीमारियां एक साथ हमला बोलती है और अधिकतर लोग बचाव की जानकारी के बगैर इनकी चपेट में आ जाते हैं।

बारिश में इन बीमारियों ( का खतरा

विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि बारिश में बीमारियों से बचने सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इस मौसम में वायरल फीवर, मलेरिया, डेंगू, पीलिया, त्वचा में इंफेक्शन, पेट से जुड़ी समस्या, दस्त समेत अन्य शिकायतें सामने आती है। 

इसकी वजह से अस्पतालों की ओपीडी में खासकर मेडिसिन विभाग में जुलाई और अगस्त माह में में बाकी महीनों के तुलना में डेढ़ गुना तक मरीज बढ़ जाते हैं।

इसका कारण बारिश में दूषित पानी, खाना, बारिश में भीगने की वजह से है। मच्छर जनित बीमारियों में नाली व गड्ढों में पानी भरे होने की वजह से समस्या आती है। तो कई तरह के कीटों की वजह से भी अन्य बीमारियों होती है। ऐसे में हमें स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

बारिश में सेहत का रखें ध्‍यान

इसके लिए साफ पानी का सेवन करें, कोशिश करें पानी उबालकर पीएं, बाहर का पानी ना पीएं। खाना गर्म और घर का आहार लें। बाहर का खाना खासकर फास्टफूड व अन्य तेलयुक्त व बासी आहार से परहेज करें। पानी में ना भींगे। बारिश में रेनकोर्ट का उपयोग करें। सिर को गिला हाेने से बनाएं। किसी तरह की स्वास्थ्यगत समस्या हो तो चिकित्सकीय उपचार लें। खुद से दवाओं का सेवन ना करें। कुछ जरूरी सावधानियां बरतने से आप स्वास्थ्यगत समस्याओं से बच सकते हैं।

बारिश में बीमारियों से बचने के उपाय

1 - आपके पास स्वच्छ और सुरक्षित पानी की आपूर्ति होनी चाहिए। यदि आप शहरी क्षेत्र में रहते हैं, तो पीने के लिए उचित निर्देशों का पालन करें। अगर आप बारिश के दौरान बाहर घूमने जा रहे हैं, तो स्ट्रीट फूड से दूर रहें।

2 - भीगे कपड़ों को जल्दी बदलें और सुखाएं। नमी से भरे कपड़ों पर बैक्टीरिया और कीटाणु बढ़ सकते हैं, जो आपको बीमारी के जोखिम में डाल सकते हैं।

3 - अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं। यह आपको बाक्टीरिया और अन्य संक्रमणों से बचाने में मदद करेगा।

4 - भोजन की स्‍वच्‍छता का ध्यान रखें। बारिश के दौरान स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें और पानी या भोजन सामग्री पर लगी कीटाणुओं से बचें।

स्वास्थ्य:किडनी डैमेज होने के पूर्व ना करें इन लक्षणों को इग्नोर,तुरंत लें चिकित्सको से परामर्श,आइये जानते हैं इन लक्षणों को...?


किडनी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है । किडनी किसी कारण से शरीर में काम करना बंद कर देती है या फिर ठीक से काम नहीं कर पाती है, तो इसके कारण शरीर के अन्य अंग भी काम करना बंद कर देता है। इसलिए किडनी को हेल्दी रखने की सलाह दी जाती है।

 किडनी से जुड़े किसी भी लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए। हालांकि, दिन में नहीं बल्कि किडनी डैमेज से जुड़े कुछ लक्षण रात के समय भी महसूस होते हैं और ये लक्षण बहुत कॉमन होने के कारण कई बार इग्नोर भी हो जाते हैं। 

चिकित्सकों का मानना है कि समय महसूस होने वाले किडनी डैमेज से जुड़े लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है।

 रात के समय किडनी डैमेज सेजुड़े लक्षण विशेष रूप से महसूस होने लगते हैं, जबकि कई बार किडनी डैमेज के कारण दिन में महसूस हो रहे लक्षणों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने आगे बताया कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये संकेत किसी अन्य शारीरिक बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर से सही जांच कराना बहुत महत्वपूर्ण है। किडनी डैमेज से जुड़े ऐसे लक्षण जो आमतौर पर रात के समय देखे जा सकते हैं, इस प्रकार हैं:

1. रात के समय अक्सर पेशाब आना 

रात के समय बार-बार पेशाब जाने की जरूरत पड़ना, यानी रात के समय बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता, किडनी के क्षति का संकेत हो सकता है। किडनी आपके खून से कचरा फिल्टर करने का काम करती है और तरल संतुलन को नियंत्रित करने में मदद करती है। जब वे प्रभावित होते हैं, तो वे पेशाब को सही ढंग से एकत्र करने में संघटन कर सकते हैं। 

इसके परिणामस्वरूप, आपको पेशाब करने के लिए कई बार जागने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे आपकी नींद बिगाड़ सकती है।

2. अंगों में सूजन 

किडनी डैमेज होने पर शरीर में जरूरत से ज्यादा द्रव जमानो होने लग सकता है, जिस कारण से शरीर के कई हिस्सों में सूजन होने लगती है जैसे टांग या पैरों में सूजन आना आदि। यह सूजन दिन में अधिक दिखाई देगी, लेकिन रात को जब आप लेटते हैं तो तरल शरीर में पुनः वितरित होता है, तो यह रात को अधिक भी हो सकता है। ऐसे में जब आप उठते हैं तो आपके शरीर के कुछ अंगों में सूजन दिख सकती है।

3. पीठ या बाईं ओर दर्द होना 

किडनी निचली पीठ क्षेत्र में स्थित होती हैं, बढ़ते रिब केज के नीचे। किडनी के क्षति को पीठ या बाएं ओर क्षेत्र में दर्द के रूप में प्रकट हो सकता है, जो रात को लेटते समय अधिक बढ़ सकता है। इस दौरान हो रहे दर्द की गंभीरता से यह अंदाजा भी लगाया जा सकता है कि किडनी में डैमेज कितना हो चुका है। इस दौरान होने वाला दर्द आमतौर पर काफी तेज व चुभन जैसा होता है, जो किडनी की समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।

 किडनी से जुड़े किसी भी लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए। किडनी डैमेज होने के पीछे कई कारक हो सकते हैं जिनमें आमतौर पर डायबिटीज, संक्रमण और अन्य कई कारक शामिल हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।

अगर रात में सोते वक्त बार बार बदलते है करवटें,बार-बार खुल जाती है नींद, तो आइए जानते है इसके पीछे की वजह


दिल्ली:- हमलोग जानते है कि जल्दी सोना और जल्दी जागना स्वस्थ जीवन की निशानी है। जल्दी सोने से और जल्दी सुबह उठने से हम हर कार्य समय पर करते है क्योंकि आजकल के टाइम में इंसान इतना व्यस्त रहता है खुद के लिए टाइम नहीं होता और अपने आप पर ध्यान नहीं दे पाता इसलिए टाइम से सोने और टाइम से जागने से सारा रूटिंग सही रहता है।

दिनभर के स्ट्रेस और थकान को दूर करने के लिए रात में सुकून की नींद पाना काफी ज्यादा जरूरी होता है। अगर आप, कम से कम 7-8 घंटे की नींद नहीं ले रहे हैं, तो ये खतरे की घंटी हो सकती है। वैसे तो, बार-बार आंख खुलना और करवटें बदलना आज के लाइफस्टाइल में काफी कॉमन है, लेकिन कई लोग इसके पीछे की असल वजह से अनजान रहते हैं। अच्छी और गहरी नींद के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाना अपनी जगह है, लेकिन इसकी वजह को समझना सबसे जरूरी है। आइए जानते हैं बार बार नींद खुलने के कारण।

सोशल मीडिया

इंटरनेट पर हर वक्त एक्टिव बने रहना भी नींद को प्रभावित करता है। बता दें, कि मोबाइल की रोशनी आंखों पर पड़ने से बॉडी में मेलाटोनिन और स्लीप हार्मोन का प्रोडक्शन बाधित होता है, जो खराब नींद के तौर पर देखने को मिलता है।

दवाओं के साइड-इफेक्ट्स

गहरी नींद न आने के पीछे कई बार दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी जिम्मेदार हो सकते हैं। एंटी-डिप्रेसेंट्स, ड्यूरेटिक्स, बीटा-ब्लॉकर या खांसी-जुकाम के लिए ली जाने वाली दवाएं भी नींद में खलल डालने का काम करती हैं।

इन्सोम्निया

स्लीप डिसऑर्डर इन्सोम्निया के कारण भी नींद में बाधा पैदा होती है, जिससे आपको दिनभर थकावट महसूस होती है। बार-बार नींद खुलना, नींद न आना और करवटें बदलते रहना इसी के लक्षणों में गिना जाते हैं।

थायराइड

अगर आप थायराइड के पेशेंट हैं, तो ये भी खराब नींद के पीछे की वजह हो सकती है। बता दें, कि इस बीमारी में हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिनका असर स्लीपिंग शेड्यूल पर भी साफ नजर आता है। ऐसे में, एड्रेनालाईन हार्मोन के स्तर में इजाफा होता है और नींद की कमी देखने को मिलती है।

हेल्थ टिप्स:अगर फैटी लिवर की समस्या से आप भी है ग्रस्त तो मानसून में खाना शुरू कर दे ये फूड

फैटी लिवर एक ऐसी बीमारी है जो लिवर में बहुत अधिक वसा के बनने की वजह से होती है। अभी के समय में खराब खानपान और लाइफस्टाइल के कारण फैटी लिवर की समस्या भी बढ़ती जा रही है. ये एक ऐसी स्थिती है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं में फैट ज्यादा जमा हो जाती है. फैटी लिवर साधारण बीमारी है लेकिन अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो ये गंभीर हो सकती है. बता दें कि रोजाना एक्सरसाइज नहीं करने से भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है.

खासतौर पर मानसून के दौरान लिवर से जुड़े जोखिम और भी बढ़ जाते हैं. ऐसे में अपनी डाइट में वही फूड्स शामिल करें जो लिवर की सुरक्षा करें. मानसून के मौसम में फैटी लिवर की समस्या से बचने के लिए कौन-कौन से फूड खाने चाहिए, आइए इसके बारे में जानते हैं.

हरी सब्जियां

हरी सब्जियों में आयरन के साथ-साथ विटामिन की मात्रा भी भरपूर होती है. पालक, केल और मटर जैसी सब्जियों को डाइट में शामिल किया जा सकता है. विटामिन और मिनरल हमारे लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं.

ताजे फल

फल हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं. जामुन, संतरे, सेब और अनार जैसे फलों में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा ज्यादा होती है. ये फ्री रेडिकल्स को बेअसर करके लिवर को हेल्दी रखते हैं.

बेहतरीन मसाला हल्दी

हेल्दी को सबसे बेहतरीन मसाला माना जाता है. इसमें एंटी इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं. गौर हो कि हल्दी मेंकरक्यूमिन नाम का एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं जो फैटी लीवर रोग वाले व्यक्तियों को लाभ पहुंचा सकते हैं.

साबुत अनाज

साबुत अनाज भी फैटी लिवर में बेहद फायदेमंद हैं. ब्राउन राइस, चने और दालें जैसी चीजों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें. इनमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो पाचन को दुरुस्त रखते हैं. इसके अलावा, ये शरीर में ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करते हैं.

हाइ़ड्रेट रहें

लिवर ठीक ढंग से फंक्शन करे, इसके लिए खुद को हाइड्रेट रखें. लिवर को दुरुस्त रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं. पानी शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालने का काम भी करता है.

मानसून में झड़ते बालों की समस्या से है परेशान तो अपनाएं यह घरेलू उपाय जिससे कम हो जाएगा हेयर फॉल


बाल झरना आज के टाइम में आम समस्या महिला हो या पुरुष बाल झरने की समस्या से हर कोई परेशान है पर मानसून में ये समस्या और बढ़ जाती है ।बाकी दिन के मुताबिक मानसून में बाल तेजी से झरने लगते है इस मौसम में बाल इतने टूटते और झड़ते हैं कि उन्हें देखकर ऐसा लगता है, मानो अब सिर पर बाल बचेंगे भी या नहीं। यह समस्या उन लोगों के साथ ज्यादा होती है, जिनके बाल लंबे होते हैं।वैसे तो गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण आजकल अधिकतर लोग हेयर फॉल से परेशान हैं। लेकिन बरसात के मौसम में यह समस्या काफी अधिक बढ़ जाती है। मानसून में मौसम में अत्यधिक नमी के कारण बालों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से हेयर फॉलिकल्स कमजोर हो जाते हैं और बाल बहुत ज्यादा झड़ने और टूटने लगते हैं। ऐसे में, हेयर फॉल को रोकने के लिए लोग तरह-तरह के शैम्पू, ऑयल और हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इनसे भी कुछ खास फर्क देखने को नहीं मिलता है। 

अगर आप भी मानसून में झड़ते बालों की समस्या से परेशान हैं, तो चिंता न करें। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे, जिनका इस्तेमाल करके आप मानसून के दौरान झड़ते बालों की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। तो आइए, जानते हैं हेयर फॉल रोकने के लिए घरेलू उपायों के बारे में -

बरसात में हेयर फॉल रोकने के घरेलू उपाय

एलोवेरा

एलोवेरा स्किन के साथ-साथ बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह स्कैल्प के पीएच लेवल को बैलेंस करने में मदद करता है, जिससे डैंड्रफ की समस्या दूर होती है। एलोवेरा बालों को पोषण और हेयर फॉलिकल्स को मजबूती प्रदान करता है। बालों में एलोवेरा लगाने से हेयर फॉल को रोकने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप ताजे एलोवेरा जेल को अपने स्कैल्प और बालों में लगाएं। करीब आधे घंटे बाद बालों को माइल्ड शैम्पू से धो लें। बेहतर रिजल्ट के लिए हफ्ते में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करें।

ऑयल मसाज

झड़ते बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हॉट ऑयल मसाज भी बहुत लाभकारी होती है। इससे स्कैल्प पर ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से होता है और बालों के रोमों को पोषण मिलता है। इसके लिए आप नारियल, जैतून, सरसों या बादाम के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्कैल्प और बालों में तेल लगाकर हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में मसाज करें। तेल को 1-2 घंटे या रातभर के लिए बालों में लगा रहने दें। उसके बाद शैम्पू से वॉश कर लें। नियमित रूप से ऐसा करने से आपके बाल लंबे-घने और मजबूत बनेंगे।

प्याज का रस 

हेयर फॉल को कंट्रोल करने के लिए प्याज का रस बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। इसमें सल्फर पाया जाता है, जो बालों को मजबूत और घना बनाने में मदद करता है। साथ ही, इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण भी मौजूद होते हैं, जो स्कैल्प पर जमा हानिकारक बैक्टीरिया और डैंड्रफ को दूर करने में मदद करते हैं। बालों में प्याज का रस लगाने से बालों का झड़ना कम होता और हेयर ग्रोथ में भी मदद मिलती है। इसके लिए आप एक प्याज को पीस लें। फिर कपड़े में निचोड़कर उसका रस निकाल लें। अब कॉटन की मदद से प्याज के रस को स्कैल्प पर लगाएं। इसे कम से कम आधे घंटे तक लगाकर रखें। उसके बाद माइल्ड शैम्पू से बालों को धो लें। आप हफ्ते में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

हेयर मास्क लगाएं

झड़ते बालों की समस्या से छुटकारा आपने के लिए आप किचन में मौजूद चीजों से हेयर मास्क बनाकर भी लगा सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरी में एक अंडा फेंट लें। फिर इसमें 2 चम्मच दही और एक चम्मच शहद मिलाएं। इसमें थोड़ा-सा नारियल भी मिक्स कर लें। अब इसे अपने स्कैल्प और बालों पर लगाएं 30-45 मिनट बाद शैम्पू से बालों को धो लें।

मेथी दाना

अगर मानसून में आपके बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे हैं, तो आप मेथी दाना का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें प्रोटीन, आयरन, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो बालों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। मेथी में निकोटिनिक एसिड भी पाया जाता है, जो बालों को मजबूत और घना बनाने में मदद करता है। इसके लिए आप आधा कप मेथी दाना को रातभर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इन्हें मिक्सी में पीसकर पेस्ट बना लें। 

अब इसे अपने स्कैल्प और बालों में लगाएं और 30 मिनट तक लगाकर रखें। फिर गुनगुने पानी और माइल्ड शैम्पू से बालों को धो लें। बेहतर रिजल्ट के लिए हफ्ते में कम से कम एक बार इसका इस्तेमाल जरूर करें।

स्ट्रीटबज्ज हेल्थ टिप्स: मानसून में मौसमी बीमारियों से बचने के लिए पीजिए नींबू और हल्दी से बने येलो ड्रिंक जो आपकी इम्यूनिटी को करेंगे बूस्ट

दिल्ली:-अभी मानसून चल रहा है बरसात के मौसम में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले ड्रिंक की काफी जरूरत होती है क्योंकि बरसात के मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लाता है.इस मौसम में फ्लू डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, डायरिया जैसी कुछ बीमारियां हैं जो आपको परेशान कर सकती हैं. इसको लेकर हम सावधान भी रहते हैं लेकिन सुहाने मौसम का आनंद लेने के लिए कभी-कभी कुछ गलतियां कर देते हैं. जिससे हम बुरी तरह से बीमार भी पड़ जाते हैं।

ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आप जल्दी ठीक हो जाएं और आपकी इम्यूनिटी मजबूत रहे तो आप हल्दी और नींबू वाला ड्रिंक ट्राई कर सकते हैं. नींबू और हल्दी का पानी एक हेल्दी ड्रिंक है.नींबू और हल्दी दोनों में बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो शरीर को ढ़ेरों लाभ प्रदान करते हैं.

इम्यूनिटी बढ़ाए- नींबू और हल्दी अपने इम्यून बूस्टिंग गुणों के लिए जाने जाते हैं. नींबू में विटामिन सी होता है जो मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है.वहीं हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभावों वाला एक यौगिक है.ये भी इम्यून फंक्शन को बढ़ावा दे सकता है.कुल मिलाकर दोनों का संयोजन आपके तिरक्षा प्रणाली को बेहतर बना सकता है.इससे आप बीमार भी कम पड़ते हैं औऱ अगर बीमार पड़ भी गए तो रिकवरी फास्ट होती है.

सूजन में फायदेमंद:-नींबू और हल्दी दोनों में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो सूजन और पुरानी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।इसके अलावा इस मिश्रण में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करते हैं. दिल से जुड़ी बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं.

पाचन तंत्र- नींबू और हल्दी वाला पानी स्वस्थ पाचन में सहायता कर सकता है.नींबू का रस, अपनी साइट्रिक एसिड सामग्री के कारण, पाचन एंजाइमों के उत्पादन को उत्तेजित कर सकता है. यह भोजन के टूटने में सहायता करता है और बेहतर पोषक तत्व अवशोषण को बढ़ावा देता है. हल्दी का उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन तंत्र को शांत करने और सूजन और गैस से राहत देने के लिए किया जाता रहा है. यह अपच जैसी स्थितियों के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है.

कब पिएं हल्दी और नींबू वाला ड्रिंक

आप खाली पेट नींबू और हल्दी वाला पानी पी सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि सुबह इसका सेवन करने से आपका शरीर पोषक तत्वों को अधिक प्रभावी ढंग से अवशोषित कर पाता है.दूसरा विकल्प यह है कि आप अपने भोजन से 30 मिनट पहले यह हेल्दी ड्रिंक पी सकते हैं ऐसा करने से पाचन उत्तेजित हो सकता है, पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ सकता है और हेल्दी मेटाबॉलिज्म का समर्थन हो सकता है।

बॉडी डिटॉक्सिफई-नींबू और हल्दी का पानी शरीर के लिए प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर के रूप में काम कर सकता है. नींबू में साइट्रिक एसिड की मौजूदगी लिवर के कार्य को उत्तेजित करती है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है.विषाक्त पदार्थ निकलने से पिंपल दाग धब्बों की समस्या दूर होती है. त्वचा पर निखार आता है.

संगीत सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि विभिन्न बिमारियों के इलाज में भी है सहायक, कैसे..? जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर


संगीत का महत्व केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। चिकित्सा विज्ञान भी इस बात को मान्यता देने लगा है कि संगीत का प्रभाव शरीर और मन पर सकारात्मक होता है।

संगीत और मानसिक स्वास्थ्य

संगीत सुनने से मस्तिष्क में डोपामाइन नामक हार्मोन का स्त्राव होता है, जो हमें खुशी और संतोष का अनुभव कराता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। जब हम अपनी पसंद का संगीत सुनते हैं, तो हमारे मन की स्थिति सुधरती है और मानसिक तनाव कम होता है।

शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

संगीत का प्रभाव केवल मानसिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है। विभिन्न शोधों से यह साबित हो चुका है कि संगीत सुनने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदय गति सुधरती है। यह दर्द को भी कम करने में सहायक होता है, इसलिए ऑपरेशन के दौरान और उसके बाद भी मरीजों को संगीत सुनने की सलाह दी जाती है।

बीमारियों का उपचार

कई बीमारियों के उपचार में संगीत थेरेपी का उपयोग किया जाने लगा है। जैसे कि अवसाद, अनिद्रा, और पुराने दर्द जैसी समस्याओं में यह बहुत प्रभावी साबित हुई है। प्रतिदिन २० मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनने से इन रोगों से बचा जा सकता है और मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

संगीत का नियमित रूप से आनंद लेना न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। चिकित्सा विज्ञान भी अब इस बात को मान्यता दे चुका है कि संगीत का सुनना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इसलिए, प्रतिदिन २० मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनकर आप बहुत से रोगों से दूर रह सकते हैं और अपने जीवन को अधिक स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं।