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मुख्यमंत्री ने पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के मेधावी बच्चों को प्रोत्साहन राशि और स्कूटी खरीदने के लिए चेक वितरित किए

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान अपने निवास कार्यालय में श्रम विभाग के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों के मेधावी बच्चोें को दो-दो लाख रूपए की राशि का चेक प्रदान किया। इसमें मुख्यमंत्री नोनी-बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि एक लाख रूपए तथा स्कूटी क्रय के लिए दी जाने वाली एक लाख रूपए का चेक मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। अवसर पर प्रदेश के श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन सहित मेधावी बच्चों के अभिभावक विशेष रूप से उपस्थित थे।

श्रम विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 13 बच्चों को कुल दो-दो लाख रूपए के मान से 26 लाख रूपए का चेक प्रदान किया। इसमें एक लाख रूपए का चेक स्कूटी खरीदी के लिए मेधावी बच्चों को प्रदान किया गया।

ज्ञात हो कि योजना के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चे जो कक्षा 10वीं एवं 12वीं में शिक्षा सत्र 2023-24 में अध्ययनरत तथा छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा वर्ष 2023-24 में निर्माण श्रमिक के 13 बच्चे टॉप-10 सूची में है। उन्हें इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया गया। इनमें कक्षा 10वीं में गरियाबंद जिले से कुमारी होनिशा, महासमुंद जिले से कुमारी डेनिसा, रायगढ़ जिले से कुमारी बबीता एवं उमा, सूरजपुर जिले से आयुष कुमार, बलरामपुर जिले से कुमारी अंशिका, जशपुर जिले से कुमारी मीना यादव, राजनांदगांव जिले से कुमारी वंशिका, बालोद जिले से तोषण कुमार, खोमेन्द्र, कुमारी पद्मनी, जिज्ञासा एवं कांकेर जिले से कक्षा 12वीं की छात्रा कुमारी वीदेका का नाम शामिल है।

जनदर्शन कार्यक्रम में तलवारबाजी खिलाड़ी की माँ ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा आयोजित साप्ताहिक जनदर्शन कार्यक्रम में आज रायपुर, अमलीडीह निवासी तलवारबाजी खिलाड़ी रीवा बेनी की माँ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पास अपनी बिटिया का आवेदन लेकर पहुंची। उन्होंने मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि मेरी बिटिया का सलेक्शन न्यूजीलैंड में होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों के लिए हुआ है, इसमें लगभग चार लाख रुपए की लागत आने की संभावना है। बिटिया का वीजा भी क्लियर हो गया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से किसी तरह की मदद मिलती है तो बिटिया के लिए बहुत अच्छा होगा।

मुख्यमंत्री ने पूछा कि बिटिया का अब तक का क्या अचीवमेंट रहा है, इस पर श्रीमती बेनी ने बताया कि बिटिया अभी तक नेशनल में बहुत अच्छा परफॉर्म कर चुकी है। चेन्नई और गोवा में होने वाले नेशनल गेम्स में भी बिटिया ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अभी बिटिया पटियाला में साई स्थित केंद्र में तलवारबाजी का प्रशिक्षण ले रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने रीवा बेनी की मदद के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के लिए खेल विभाग को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कल आप कलेक्टर रायपुर से मिल लीजिए, वे खेल विभाग के साथ आवश्यक समन्वय कर आपकी हर संभव मदद करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिटिया को मेरा पूरा आशीर्वाद है, तलवारबाजी में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करे, न केवल बिटिया कॉमनवेल्थ में अपितु ओलंपिक खेलों में भी अच्छे प्रदर्शन के माध्यम से छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करे।

मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महान दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरू स्वामी विवेकानंद जी की 04 जुलाई को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने अपने संदेश में कहा है कि स्वामी जी ने भारतीय दर्शन और आध्यात्म से पूरी दुनिया का परिचय कराया और मानवता के कल्याण का मार्ग दिखाया। छत्तीसगढ़ ने स्वामी जी के उदार, व्यवहारिक और सुधारवादी सिद्धांतों को अपनाया है। स्वामी जी के बचपन का कुछ समय रायपुर में बीता, यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। आज छत्तीसगढ़ स्वामी जी के दिखाए मार्ग और सिद्धांतों को लेकर आगे बढ़ रहा है। श्री साय ने कहा है कि स्वामी जी के अमूल्य विचार सदियों तक लोगों को प्रेरित करते रहेंगे।

*11 जुलाई को होगा राज्य स्तरीय वन महोत्सव, ‘एक पेड़ मां के नाम’ महाअभियान अंतर्गत 70 लाख पौधों का होगा रोपण, वन विभाग की बैठक में मंत्री केदार

रायपुर-  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में देश की जनता से ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने की अपील की है। छत्तीसगढ़ में इस महाअभियान के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा अनुरूप 11 जुलाई को वन महोत्सव का राज्य स्तरीय आयोजन किया जाएगा। इसके अंतर्गत पूरे राज्य में 70 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। वन महोत्सव की तैयारियों के संबंध में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मुख्य वन संरक्षक एवं वनमण्डलाधिकारियों की समीक्षा बैठक ली।

समीक्षा बैठक में वन मंत्री ने इस महाअभियान को सफल बनाने के लिए विस्तार से निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय की मंशा है कि वन महोत्सव के मौके पर अधिकाधिक संख्या में लोग अपनी मां के नाम पेड़ लगाएं। इसके लिए पौधरोपण को सफल बनाने के उद्देश्य से इस बात का प्रयास किया जाए कि पौधरोपण क्षेत्र, जनप्रतिनिधियों द्वारा गोद लिया जाए साथ ही प्रत्येक पौधरोपण क्षेत्र को स्थानीय देवी देवताओं के नाम से चिन्हांकित कर जन सामान्य में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। साथ ही महतारी वंदन योजना के अंतर्गत आने वाली समस्त महिलाओं को शामिल किया जाए साथ ही माध्यमिक स्तर के छात्रों को भी इसमें भागीदार बनाया जाए।

पौधरोपण कार्य न सिर्फ वनक्षेत्र के अंदर होंगे अपितु वनक्षेत्र के बाहर निजी एवं शासकीय भूमियों जैसे आंगनबाड़ी, पुलिस चौंकी, उद्यान, अस्पताल, शमशान, शासकीय परिसर, छात्रावास आदि स्थानों में भी किया जावेगा। वनमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि इनके फोटोग्राफ्स मिशन लाईफ की साईट पर अपलोड किए जावें। वन मंत्री ने वनमण्डलों में किए जा रहे पौधरोपण के लक्ष्य और अब तक किए जा चुके पौधरोपण की जानकारी भी ली। राज्य में विभिन्न योजनाओं अंतर्गत 3 करोड़ 95 लाख 85 हजार से अधिक पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि इसमें 30 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। मंत्री ने शेष कार्य जुलाई अंत तक व्यापक जन भागीदारी से पूर्ण करने के निर्देश दिए।

अधिकारियों ने बताया कि जगदलपुर वृत्त अंतर्गत 535.48 हे. एवं 57 कि.मी. सड़क किनारे वृक्षारोपण के अंतर्गत कुल 308450 पौधों का रोपण किया जाना है। रायपुर वनवृत्त अंतर्गत 291.74 हे. एवं 2 कि.मी. सड़क किनारे वृक्षारोपण में 323913 पौधों का रोपण किया जाना है। कांकेर वनवृत्त अंतर्गत 220.74 हे. में 158804 पौधों का रोपण किया जाना है। सरगुजा वनवृत्त अंतर्गत 4942.44 हे. एवं 21 कि.मी. सड़क किनारे वृक्षारोपण में 5053370 पौधा रोपण का लक्ष्य रखा गया है। दुर्ग वनवृत्त अंतर्गत 167.55 हे. में 142468 पौधों का रोपण किया जाना है। बिलासपुर वनवृत्त अंतर्गत 520.05 हे. एवं 04 कि.मी. सड़क किनारे वृक्षारोपण में 454159 पौधा रोपण का लक्ष्य रखा गया है। किसान वृक्ष मित्र योजनांतर्गत 2 करोड़ 82 लाख 35 हजार 894 पौधों का रोपण कृषकों के द्वारा अपनी भूमि पर किया जा रहा है।

बैठक में ऋचा शर्मा, अपर मुख्य सचिव, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, व्ही श्रीनिवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, छत्तीसगढ़, अरूण कुमार पाण्डेय, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास/योजना), ओ.पी. यादव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, कैम्पा के साथ राज्य के समस्त मुख्य वन संरक्षक एवं वनमंडलाधिकारी उपस्थित रहे।

जनदर्शन : मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता से एक सप्ताह के भीतर 5 वर्षीय नूतन की आंख का हुआ इलाज

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशीलता से पांच वर्षीय नूतन ठाकुर की आंख का इलाज एक सप्ताह के भीतर हो गया है। नूतन की आंख में खेल-खेल में चोट लग गई थी जिससे उसका रेटिना खराब हो गया था। उसके पिता काशी ठाकुर मुख्यमंत्री निवास में 27 जून को आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के पास पहुंचे और उनसे नूतन की आंख का इलाज करने के लिए सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल अधिकारियों को नूतन का बेहतर से बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए ।

काशी ठाकुर आज अपनी बेटी को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने नूतन को दुलार, नाम पूछा और नूतन को अपना आशीर्वाद प्रदान किए। उन्होंने नूतन से कहा अच्छे से पढ़ाई करना। नूतन ने मुख्यमंत्री को बाल सुलभ सहजता के साथ गुलाब का फूल भेंट किया। काशी ठाकुर भी बेटी के इलाज के लिए मिली त्वरित सहायता के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते नहीं थकते।

गौरतलब है कि नूतन के पिता दुर्ग के बोरसीभाटा में रहते हैं, वे माली का काम करते हैं। नूतन का इलाज दुर्गा के शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज में चल रहा था । आंख की स्थिति देखकर डॉक्टरों ने बताया की आंख में कोई इंप्लांट नहीं हो सकता, इसलिए नकली आंख लगानी पड़ेगी। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर सरकारी खर्च पर नूतन की दाई आंख में पत्थर की आंख लगाइए गई है। नूतन के इलाज के लिए दुर्ग सीएमएचओ द्वारा 25000 रुपए की राशि रायपुर के जीईरोड स्थित आर्ट आई सेंटर को उपलब्ध कराई गई। यह प्रोस्थेटिक सेंटर है, जहां कृत्रिम अंग बनाए जाते हैं। यहां नूतन की दाईं आंख में पत्थर की आंख लगाई गई है।

राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का तबादला

रायपुर- राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का तबादला किया है. इसका आदेश आज सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया. आदेश के मुताबिक, शैलाभ कुमार साहू को मंत्रालय के उपसचिव बनाए गए हैं.

उप मुख्यमंत्री अरुण साव से मिले यूनिसेफ के जूनियर चीफ विलियम हेनलोन

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री अरुण साव से आज उनके निवास कार्यालय में यूनिसेफ छत्तीसगढ़-ओड़िशा के जूनियर चीफ विलियम हेनलोन ने सौजन्य मुलाकात की। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने उन्हें छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन और अन्य विकास कार्यों की जानकारी दी। श्री साव और यूनिसेफ की टीम के बीच जल और इससे जुड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में कार्पोरेट सेक्टर की सहभागिता के लिए ‘जल कोष’ के गठन के संबंध में चर्चा हुई।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने विलियम हेनलोन और उनकी टीम के सदस्यों वॉश एंड क्लाइमेट स्पेश्लिस्ट श्वेता पटनायक तथा वॉश प्रोग्राम ऑफिसर बिरोजा सतपथी को छत्तीसगढ़ के विकास के लिए यूनिसेफ द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में राज्य शासन द्वारा पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने राज्य के विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर साझा प्रयासों के बारे में भी चर्चा की।

अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन / 2047’ डॉक्यूमेंट तैयार करने वर्किंग ग्रुप के अधिकारियों की बैठक, सबके लिए बेहतर स्वास्थ्य एवं खुशहाल समाज पर दिया गया

रायपुर-  राज्य में सभी के लिए किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने गहन विचार विमर्श किया। ’अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन / 2047’ डॉक्यूमेंट तैयार करने ’गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य एवं पोषण’ विषय पर गठित वर्किंग समिति की द्वितीय बैठक राज्य नीति आयोग अटल नगर, नवा रायपुर के सभा कक्ष में आज गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित लक्ष्य, चुनौतियां एवं सामर्थ्य विषय पर विस्तार से चर्चा की गई तथा वर्किंग समिति के सदस्यों द्वारा सुझाव दिए गए।

बैठक में सदस्यों ने सभी के लिए सार्वभौमिक, किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने, किशोरों और जनजातियों पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता, रोग प्रोफाइल विकसित करने स्वास्थ्य देखभाल, चिकित्सा पर्यटन और फार्मास्यूटिकल्स विनिर्माण को बढ़ावा देने विस्तार से चर्चा की। इसी प्रकार सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की प्रभावी व्यवस्था, जनसंख्या विविधता और कठिन तथा पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ाने, अनुसंधान संस्थान विकसित करने तथा वृद्धावस्था और जलवायु संबंधी स्वास्थ्य मुद्दे पर गहन विचार विमर्श किया गया।

इसी तरह राज्य में मृत्युदर कम करने, एनीमिया फ्री करने ,सभी के अच्छे स्वास्थ्य, टेली मेडिसिन, मदर एंड चाइल्ड केयर, हॉस्पिटल के अपग्रेडेशन, पीपीपी मॉडल की उपयोगिता, केंद्र सरकार की योजनाओं से आम लोगों को लाभान्वित करने, प्रशिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता सुधारने, रिसर्च संस्थानों पर जोर, टीकाकरण, मेडिकल टूरिज्म हब बनाने, स्वस्थ एवं खुशहाल समाज बनाने सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों को दस्तावेज में शामिल करने पर भी चर्चा किया गया।

राज्य नीति आयोग के सदस्य के. सुब्रमण्यम ने विभागों द्वारा बनाए गए लघु, मध्यम एवं दीर्घकालीन विजन एवं रणनीतियों के निर्धारण हेतु आमजनों को लाभान्वित करने, गुड गवर्नेंस, गुणवत्तापूर्ण जीवन सहित अन्य कल्याणकारी उपायों पर सुझाव दिए।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने आम जनों को त्वरित चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने तथा ग्रामीण एवं दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार जैसे विषयों को दस्तावेज में शामिल कराने सुझाव दिए। मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ धीरज तिवारी ने कहा कि नागरिकों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सभी उपायों का समावेश डॉक्यूमेंट में होना चाहिए।

इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार, स्वास्थ्य संचालक ऋतुराज रघुवंशी, संयुक्त संचालक नीतू गौरड़िया, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, राज्य शहरी विकास अभिकरण, छत्तीसगढ़ लघु वनोजन सहकारी संघ, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के अधिकारी सहित अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

पहली बार किडनी की नस में सौ प्रतिशत रूकावट का लेजर एक्जाइमर विधि से एसीआई में सफल उपचार

रायपुर-   डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में 66 वर्षीय एक मरीज के किडनी को खून की आपूर्ति करने वाली बायीं धमनी में सौ प्रतिशत रुकावट तथा हृदय की मुख्य नस में 90 प्रतिशत रुकावट का एक्जाइमर लेजर विधि से सफल उपचार किया गया। उपलब्ध मेडिकल लिटरेचर के अनुसार विश्व में लेजर एंजियोप्लास्टी द्वारा किडनी की नस के पूर्ण ब्लॉक के उपचार का यह पहला केस है। एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव के नेतृत्व में हुए इस उपचार में मरीज के किडनी की धमनी यानी रीनल आर्टरी और कोरोनरी आर्टरी का एक साथ उपचार कर मरीज को रीनल फेल्योर और हार्ट फेल्योर होने से बचा लिया गया। इन दोनों इंटरवेंशनल प्रोसीजर को क्रमशः लेफ्ट रीनल आर्टरी क्रॉनिक टोटल ऑक्लूशन एवं इन स्टंट री-स्टेनोसिस ऑफ कोरोनरी आर्टरी कहा जाता है।

इस केस में पहली बार रीनल का 100 प्रतिशत ऑक्लूशन (रुकावट) था जिसके कारण बी. पी. कंट्रोल में नहीं आ पा रहा था। किडनी खराब हो रही थी। समय पर इलाज नहीं होता तो किडनी फेल हो जाती। डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने केस के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि मरीज के किडनी को खून की आपूर्ति करने वाली दोनों नसों में ब्लॉकेज था। एक में 100 प्रतिशत ब्लॉकेज/रुकावट था एक में 70-80 प्रतिशत ब्लॉकेज था। लेफ्ट रीनल आर्टरी जहां से शुरू होती है, वहीं मुख्य ब्लॉकेज था। इसके कारण खून का प्रवाह बिल्कुल बंद हो चुका था। इसके साथ ही मरीज के हृदय की मुख्य नस में ब्लॉकेज था जिसके लिए उसको 2023 में निजी अस्पताल में स्टंट लगा था जो बंद हो चुका था। यह स्टंट पूरी तरह ब्लॉक हो गया था। इन सब समस्याओं के कारण मरीज को हार्ट फेल्योर हाइपरटेंशन, सांस लेने में तकलीफ और बी. पी. कंट्रोल में नहीं आ रहा था।

ऐसे किया उपचार

सबसे पहले लेफ्ट रीनल आर्टरी जो 100 प्रतिशत ब्लॉक थी, उसमें कठोर ब्लॉकेज होने की वजह से एक्जाइमर लेजर से उसके लिए रास्ता बनाया फिर बैलून से उस रास्ते को बड़ा किया जिससे उसमें स्टंट लगाकर उस नली को पूरी तरह खोल दिया गया और नार्मल फ्लो को किडनी में वापस चालू किया गया। ब्लॉकेज खोलने के साथ ही बी. पी. में परिवर्तन आने शुरू हुए और बी. पी. कम हो गया। इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड के जरिये स्टंट को देखकर यह कन्फर्म किया गया कि वह ठीक से अपने स्थान पर स्थापित हुआ है या नहीं।

पूर्व में हुई एंजियोप्लास्टी के कारण हृदय की बायीं साइड की मुख्य नस लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग आर्टरी में डाले गये स्टंट के अंदर 90 प्रतिशत से भी ज्यादा रुकावट पायी गयी। इसको भी पहले लेज़र के जरिये ब्लॉकेज खोलकर रास्ता बनाया गया। फिर बैलून करके उस रास्ते को बड़ा किया गया फिर इंट्रा वैस्कुलर अल्ट्रासाउंड के जरिए स्टंट ब्लॉकेज के क्षेत्र को देखा। चूंकि रूकावट स्टंट के साथ-साथ स्टंट के बाहर की थी, इस वजह से एक नया स्टंट डालकर उस रूकावट को खोलने का निर्णय लिया गया। एक अतिरिक्त स्टंट डालकर दोनों रुकावट का इलाज किया गया। आईवीयूएस करके पूरी प्रक्रिया की वास्तविक वस्तुस्थिति को देखा। अंततः दोनों प्रक्रिया सफल रही। मरीज अब ठीक है तथा डिस्चार्ज लेकर घर जाने को तैयार है।

तम्बाकू नियंत्रण तंत्र को और अधिक सक्रिय करने प्रमुख विभागों के साथ राज्य स्तरीय कार्यशाला हुई आयोजित

रायपुर-   तम्बाकू नियंत्रण की दिशा में और अधिक प्रयास एवं आने वाली पीढ़ी को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा ब्लूमबर्ग परियोजना छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में 3 जुलाई को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन एवं संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार शासन के प्रमुख विभागों के राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति में इस राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आबकारी विभाग, श्रम विभाग एवं परिवहन विभाग के राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित हुए।

कार्यशाला में तम्बाकू के पैकेट में स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होने के बावजूद भी लोगो द्वारा तम्बाकू का उपयोग किए जाने पर चिंता व्यक्त की गई। कार्यशाला में तम्बाकू उत्पादों के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण एवम आर्थिक स्तिथि में पड़ने वाले भार से अवगत कराते हुए तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्र की सेवाओं की जानकारी दी गई। कार्यशाला में कोटपा-2003 सहित धूम्रपान मुक्त नीतियों के बारे में विस्तार से बताया गया तथा तम्बाकू नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ श्रम विभाग, परिवहन विभाग एवम आबकारी विभाग की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया तथा एम्स जोधपुर द्वारा बीड़ी के प्रभावों के संबंध में किए गए अध्ययन के छत्तीसगढ़ संस्करण का विमोचन किया गया।

तम्बाकू नियंत्रण की नीतियों एवं कानूनों पर किया गया मंथन

तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन द्वारा अंतरविभागीय समन्वय की आवश्यकता से अवगत कराया गया। साथ ही तम्बाकू नियंत्रण के लिए राज्य में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए राज्य में तम्बाकू की व्यापकता के बारे में बताया गया और मोनिटरिंग एप्प की जानकारी दी गई। कार्यशाला में यह जानकारी दी गई कि राज्य में शिक्षा विभाग के सहयोग से शैक्षणिक संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जा रहा है। साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रथम चरण में प्रत्येक जिले की 5-5 ग्राम पंचायतों को धूम्रपान मुक्त करने के प्रयास प्रारंभ किया जा चुका है। कार्यक्रम का संचालन ब्लूमबर्ग परियोजना के राज्य समन्वयक डॉ शैलेंद्र मिश्रा एवम आभार प्रदर्शन प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा किया गया।