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कहां है हाथरस में “मौत का सत्संग” करने वाला बाबा? भगदड़ से तबाही के बाद एफआईआर दर्ज, लेकिन फरार बाबा का नाम नहीं

#hathras_satsang_incident_fir_filed_but_not_baba_name

यूपी के हाथरस में मंगलवार को हाहाकार मच गया। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। भगदड़ ऐसी कि देखते ही देखते लाशों का अंबार लग गया। हाथरस कांड में 121 लोग मर गए। सभी भोले बाबा का प्रवचन सुनने सत्संग में आए थे। हाथरस की इस घटना से सबको झकझोर दिया। अस्पताल के बाहर लाशों के ढेर पड़े हैं। पुलिस-प्रशासन और सरकार जख्मों रोते-बिलखते परिजनों के जख्मों पर मरहम लगाने में जुट गई है। अगर कोई नजर नहीं आ रहा है तो वो है हाथरस में “मौत का सत्संग” कराने वाला बाबा और उसके सेवादार।

देश को सदमे में डालने वाली इस घटना में 'भोले बाबा' के नाम से मशहूर आध्यात्मिक नेता नारायण साकार हरि फरार है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले 'भोले बाबा' की तलाश तेज कर दी है। मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया। जहां भगदड़ मच गई जिसमें 121 लोगों की जान चली गई। मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने कहा, हमें परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले, वे यहां नहीं हैं। ऐसी जानकारी है कि हादसे के बाद भोले बाबा मैनपुरी स्थित अपने आश्रम में पहुंचे थे। यूपी पुलिस हादसे की बाद भोले बाबा की तालाश में आश्रम में सर्च ऑपरेशन चलाया, बाबा वहां नहीं मिले। बाबा अब आश्रम से फरार हो गए हैं।

वहीं, 116 लोगों की मौत के बाद इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। लेकिन पुलिस की इस एफआईआर पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इसमें सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है।

इस बीच, आगरा प्रशासन ने भोले बाबा के सत्संग पर रोक लगा दी है। यह सत्संग 4 जुलाई को होना था। आयोजकों ने इसकी तैयारी भी कर ली थी। उप जिलाधिकारी की ओर से अनुमति भी ले ली गई थी। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

क्या आपको याद है “शोले की मौसी”, जानें लोकसभा में पीएम मोदी ने क्यों किया जिक्र
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के परिणामों को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर हमला करने के लिए फिल्म शोले के डायलॉग का इस्तेमाल किया। दरअसल, अगर आपने 'शोले' देखी होगी तो अच्छी तरह जानते होंगे कि फिल्म 'शोले' की एक चरित्र मौसी और जय (अमिताभ बच्चन) के बीच एक संवाद होता है। इसमें जय अपने दोस्त वीरू (धर्मेंद्र) के कमियों को अच्छाई बताकर पेश करता है। कांग्रेस पर हमला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'शोले' के इसी सीन का इस्तेमाल किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘शोले’ फिल्म की मौसी का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस देश के 13 राज्यों में जीरो पर सिमट गई है, लेकिन पार्टी के नेता खुद के भीतर गंभीरता लाना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को देखकर मुझे ‘शोले’ फिल्म के मौसी का डायलॉग याद आता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी ने शोले फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया है। आप सबको शोले फिल्म की वो मौसी जी याद होंगी। तीसरी बार तो हारे हैं पर मौसी ये बात तो सही है तीसरी बार ही तो हारे हैं पर मौसी मोरल विक्ट्री तो है न। 13 राज्यों में 0 सीटें आई हैं। अरे मौसी 13 राज्यों में जीरो सीटेंआई हैं पर हीरो तो हैं न। अरे पार्टी की लुटिया तो डुबोई है, अरे मौसी पार्टी अभी भी सांसें तो ले रही हैं।

पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस को आगाह किया। उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस के लोगों को कहूंगा जनादेश को फर्जी जीत के जश्न में मत दबाओ। जनादेश को फर्जी जीत के नशे में मत दबाओ। ईमानदारी से देशवासियों के जनादेश को जरा समझने की कोशिश को और उसे स्वीकार करो।
उत्तरप्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़, करीब 40 की मौत, 100 से अधिक घायल



उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दुखद घटना घटी, जहां सत्संग के दौरान मची भगदड़ में लगभग 40 लोगों की जान चली गई, वहीं 100 से अधिक लोग घायल हो गए। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुष्टि एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी ने की है। मृतकों में महिलाएं,  पुरुष और बच्चे भी शामिल हैं। हालाँकि, प्रशासन ने अभी 27 मौतों की पुष्टि की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में 40 मौतों की सूचना है। वहीं भगदड़ के कारणों का भी पता नहीं चल पाया है। हाथरस जनपद के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतीभानपुर में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। 


रिपोर्ट के अनुसार, हाथरस जिले के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले फुलेराई गांव में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। मृतकों के शवों को एटा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है। प्रत्यक्षदर्शी राकेश प्रताप सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि भगदड़ भोले बाबा के सत्संग के समापन पर हुई। यह कार्यक्रम एटा-हाथरस सीमा पर रतिभानपुर में हो रहा था और कई घायलों को इलाज के लिए एटा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने और घायलों के लिए उचित चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के साथ राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
पीएम मोदी का बिना नाम लिए राहुल पर निशाना, सुनाई “99” के फेर में फंसे बालक की कहानी
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संसद का 18वां सत्र चल रहा है। जैसा की पहले ही अनुमान लगाया गया था, सत्र  हंगामेदार चल रहा है।संसद सत्र के सातवें दिन पीएम मोदी ने लोकसभा में विपक्ष पर जमकर हमला बोला। लोकसभा मे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष खासकर कांग्रेस पार्टी पर सीधे हमला बोला।उन्होंने सोमवार को सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण की आलोचना करते हुए राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई और 99 के फेर में फंस गई है। इसी 99 के आंकड़े पर पीएम मोदी ने लोकसभा में एक किस्सा सुनाया है। उन्होंने कहा कि मुझे एक किस्सा याद आता है। 99 मार्क्स लेकर एक बालक घमंड में घूम रहा था और सबको दिखाता था देखों कितने ज्यादा मार्क्स आए हैं तो लोग भी 99 सुनते थे तो शाबासी देते थे तो फिर उनके टीचर आए तो फिर किस बात की मिठाई बांट रहे हो ये 100 में 99 नहीं लाया 543 में 99 लाया है। अब उस बालक बुद्धि को कौन समझाए कि तुमने फेल होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है।

कल सदन में खूब झूठ बोला गया-पीएम मोदी
लोकसभा मे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष खासकर कांग्रेस पार्टी पर सीधे हमला बोला। उन्होंने सोमवार को सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण की आलोचना करते हुए कहा कि सदन में खूब झूठ बोला गया। ये हरकतें देश की महान परंपराओं पर तमाचा है। सदन की गरिमा बचाने की जिम्मेदारी स्पीकर पर है। हमें उम्मीद है कि स्पीकर झूठ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। यह देश की जिम्मेदारी आपकी है।

कांग्रेस एक परवजीवी पार्टी-पीएम मोदी
नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संबोधन के दौरान कहा कि 60 साल बाद ऐसा हुआ, जब किसी प्रधानमंत्री को तीसरी बार सरकार बनाने का मौका मिला है। हालांकि, कांग्रेस इसे स्वीकर नहीं कर पा रही है और वो फर्जी जीत में डूबी हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस पार्टी 2024 से एक परवजीवी पार्टी के रूप में जानी जाएगी। परजीवी वो होता है जो जिस शरीर पर रहता है ये परजीवी उसी को ही खाता है। कांग्रेस भी जिस पार्टी के साथ गठबंधन करती है उसी के वोट खा जाती है और अपनी सहयोगी पार्टी की कीमत पर वो फलती-फूलती है। इसलिए कांग्रेस परजीवी कांग्रेस बन चुकी है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 16 राज्यों में जहां कांग्रेस अकेले लड़ी वहां उसका वोट शेयर इस चुनाव में गिर चुका है। गुजरात, छत्तीसगढ़, एमपी इन तीन राज्यों में जहां कांग्रेस अपने दम पर लड़ी और 64 में से सिर्फ दो सीट जीत पाई है।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, नीट पर बुधवार को संसद में चर्चा की मांग
#rahul_gandhi_lok_sabha_lop_writes_to_pm_modi_over_neet_paper_leak_debate
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।  राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले पीएम मोदी को पत्र लिखकर नीट पर बहस करने की मांग की है।राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि मेरा मानना है कि छात्रों के हित में नीट मुद्दे पर बहस का नेतृत्व करना उचित होगा।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा है- “आशा है कि यह पत्र मिलने तक आप सकुशल होंगे। मैं NEET पर संसद में बहस का अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं। जैसा कि आप जानते हैं, 28 जून को संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर बहस के विपक्ष के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था। विपक्ष ने इस मुद्दे पर दोबारा चर्चा कराने का अनुरोध किया था। माननीय लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को आश्वासन दिया था कि वह इस मुद्दे पर सरकार से चर्चा करेंगे।”

राहुल गांधी ने पत्र में आगे लिखा- हमारी एकमात्र चिंता पूरे भारत में लगभग 24 लाख नीट उम्मीदवारों का कल्याण है। लाखों परिवारों ने अपने बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए व्यक्तिगत बलिदान दिया। कई लोगों के लिए, नीट का पेपर लीक जीवन भर के सपने के साथ विश्वासघात है। आज ये छात्र और उनके परिजन हमसे, अपने जन प्रतिनिधियों से इस मुद्दे के समाधान के लिए साहसिक और निर्णायक कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। नीट परीक्षा तत्काल ध्यान देने योग्य है क्योंकि इसने हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली में गहरी साजिश को उजागर किया है।पिछले सात वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक हुए हैं, जिससे 2 करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं।

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने एक्स पोस्ट में चिट्ठी शेयर करते हुए कहा, मैं कल (बुधवार को) संसद में नीट पर बहस का अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं।मेरा मानना है कि यह उचित होगा कि आप इस बहस का नेतृत्व करें।
अपने चिर परिचित अंदाज में लोकसभा में मुसलमानों की नुमाइंदगी करते दिखे ओवैसी, मोदी को जनादेश मिलने की बताई वजह
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया। ओवैसी ने अपने चिर परिचित अंदाज में मुसलमानों की संसद में नुमाइंदगी पर सवाल उठाया। हैदराबाद सांसद ने मुस्लिमों का जिक्र करते हुए एक शायरी सुनाई। उन्होंने कहा, "उसूल बेच के मसनद खरीदने वालों, निगाह-ए-अहले-वफ़ा में बहुत हक़ीर हो तुम। वतन का पास तुम्हें था न हो सकेगा कभी, के अपनी हिर्स के बंदे हो बे जमीर हो तुम। इज्जत-ए-नफ़्स किसी शख्श की महफूज नहीं, अब तो अपने ही निगहबानों से डर लगता है। डंके की चोट पे जालिम को बुरा कहता हूं, मुझे सूली न जिंदानों से डर लगता है।"

लोकसबा में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं आज उन लोगों की तरफ से बात कर रहा हूं, जो दिखते तो हैं, लेकिन उनके बारे में कोई बात नहीं करता है। उनकी कोई सुनता भी नहीं है। मैं उनके बारे में बात कर रहा हूं, जिन्हें लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोद ने कहा कि वे घुसपैठिए हैं। मैं उन बेटियों और मांओं के बारे में कह रहा हूं, जिन्हें लेकर कहा गया कि वे ज्यादा बच्चे पैदा करती हैं। मैं उन नौजवानों के बारे में बात कर रहा हूं, जिनको मॉब लिंचिंग कर मारा जा रहा है। मैं उन मां-बाप की बात कर रहा हूं, इस हुकूमत के कानून से जिनके बच्चे जेलों में सड़ रहे हैं।

लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नफरत की राजनीति करती है। मुसलमानों के साथ न्याय नहीं हो रहा है। भाजपा के लिए मुस्लिमों की राय अहम नहीं है। मुसलमान भाजपा का कभी वोट बैंक नहीं था। नरेंद्र मोदी को जो जनादेश मिला है, वह सिर्फ और सिर्फ मुस्लिमों से नफरत की वजह से ही मिला है। भाजपा केवल मुसलमानों की नफरत पर जीतती है।

बीजेपी को निशाने पर लेते हुए एआईएआईएम चीफ ने कहा कि मुसलमानों के नफरत करने वाले हिंदुत्व के कारण मोदी को वोट मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि 6 जून के बाद 11 मुसलमानों की लिंचिंग की गई। मोदी के बुल्डोजर ने मॉब लिचिंग किया। मोदी के बुल्डोजर वाले बयान पर सदन में मौजूद केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने आपत्ति जताई। इस पर असदुद्दीन ओवैसी और मनसुख मंडाविया के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई। ओवैसी ने कहा कि मध्यप्रदेश में घरों को बुल्डोजर से तोड़ दिया गया। हिमाचल प्रदेश में एक दुकान को लूट दिया गया। उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा। सांसद ओवैसी ने कहा कि बेरोजगारी के कारण भारतीय रूस की सेना में जाकर लड़ रहे हैं। पिछले 10 साल में बेरोजगारों की फौज बढ़ी है और सरकार नौकरी देने के बजाय भारतीयों को फिलिस्तीन पर हमले करने वाले इजराइल भेजा जा रहे है।

ओवैसी ने संसद में केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर भारत इजरायल की मदद क्यों कर रहा है? उन्होंने कहा कि भारत इजरायल को हथियारों की खेप पहुंचा रहा है और उन हथियारों की मदद से इजरायल फिलिस्तीन के लोगों को मार रहा है। आप फिलिस्तीन को लेकर इस तरह की नीति क्यों अपना रहे हो? ओवैसी ने आगे कहा कि भारत में मोदी सरकार एक कैंप लगा रही है, जहां लोगों का चयन कर इजरायल युद्ध के लिए भेजा जा रहा है। यही काम रूस के लिए भी किया जा रहा है। यह गलत है और सरकार को इस पर जवाब देना होगा। एआईएमआईएम के सांसद ने सरकार से कहा कि आपकी रणनीति की वजह से खाड़ी देशों में रह रहे 90 लाख लोगों में डर का माहौल है।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और खड़गे के बीच जमकर हुई बहस, जानें क्यों आमने-सामने आए दोनों
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राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मंगलवार को सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और चेयरमैन जगदीप धनखड़ के बीच लंबी बहस हो गई।संसद सत्र के दूसरे सप्ताह के दूसरे दिन उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष के नेता की तकरार के बाद उन्हें आसन की ओर सख्त चेतावनी दी गई। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराज होकर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को कड़े लहजे में समझाया।सभापति ने खरगे के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपने कुर्सी का जितना अपमान किया है, उतना किसी ने नहीं किया। धनखड़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते।

दरअसल, राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी अपना भाषण दे रहे थे। अपने संबोधन के दौरान वह मोदी सरकार को उसके कई वादे याद दिला रहे थे। उन्होंने काले धन वापस लाने, 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने जैसे पीएम मोदी की ओर से कई वादे किए गए थे। इसी दौरान उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी की पिछले कार्यकाल के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत काफी घट गई थी। बावजूद इसके इस सरकार ने तेल के दाम नहीं घटाए।

सांसद प्रमोद ने आगे कहा, हो सकता है कि पीएम मोदी ने अपने कुछ दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया हो। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आपत्ति जताई और कहा कि आपके पास सबूत हो तो ही अपनी बातें कहिए।

इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश भी खड़े हो गए। वह सभापति की बातों को काटने लगे। इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि जयराम आप बहुत प्रतिभाशाली हैं। आप बहुत हिम्मती हैं। आपको तुरंत खरगे की जगह विपक्ष के नेता का पद लेना चाहिए। क्योंकि आप कुल मिलाकर खरगे का ही काम कर रहे हैं।

इस पर खरगे भी खड़े हो गए। खरगे ने सभापति की बातों पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, आपके दिमाग में आज भी वर्ण व्यवस्था भरा हुआ है। आप इसी कारण रमेश को प्रतिभाशाली बता रहे हैं और मुझे मंदबुद्धि बता रहे हैं। आप यह कह रह हैं कि मेरी जगह उनको बैठना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खरगे दलित समुदाय से आते हैं।

खरगे की आपत्ति पर सभापति धनखड़ ने सफाई देते हुए कहा, आप मेरी बात को नहीं समझ पाए। जितना मैं आपका आदर करता हूं उसका एक अंश भी आप मेरे लिए करेंगे तो आपको महसूस होगा कि मैंने कहा क्या है। फिर सभापति ने आगे कहा कि पहली पंक्ति में बैठे खरगे के पास 56 साल का विशाल अनुभव है। उनको भी जयराम रमेश की टिका टिप्पणी कर मदद करनी चाहिए।

इस पर खरगे ने आपत्ति ली और बराबर में बैठीं सोनिया गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मुझे बनाने (राज्सभा में विपक्ष का नेता) वाले यहां बैठे हैं श्रीमति सोनिया गांधी। न रमेश मुझे बना सकता है और न आप मुझे बना सकते हैं। खरगे के इस बयान पर सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए। उन्होंने कहा आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते। आप हर बार कुर्सी का अनादर नहीं कर सकते... आप अचानक खड़े हो जाते हैं और बिना यह समझे कि मैं क्या कह रहा हूं, कुछ भी बोल देते हैं। इस देश और संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कुर्सी के प्रति इतनी अवहेलना कभी नहीं हुई, जितनी आपने की। अब आपको आत्मचिंतन करने का समय आ गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सीबीआई से मांगा जवाब


दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा। अदालत ने मामले की सुनवाई 17 जुलाई को तय की है। अरविंद केजरीवाल के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत के समक्ष दलील दी कि सीबीआई को आम आदमी पार्टी प्रमुख को गिरफ्तार करने की कोई जरूरत नहीं है।

उन्होंने अदालत से कहा, "सीबीआई की एफआईआर अगस्त 2022 की है और फिर उन्हें अप्रैल 2023 में हिरासत में लिया गया और 9 घंटे तक पूछताछ की गई। अप्रैल से अब तक कुछ नहीं किया गया और इस तरह 2022 में दर्ज एफआईआर के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया।" सिंघवी ने तर्क दिया कि गिरफ्तारी ज्ञापन में कार्रवाई के लिए कुछ कारण और आधार अवश्य दर्शाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी का आधार यह होना चाहिए कि व्यक्ति आतंकवादी है या उसके भागने का खतरा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की  गिरफ्तारी आवश्यक नहीं थी क्योंकि वह आबकारी पुलिस मामले में न्यायिक हिरासत में थे ।

उन्होंने कहा, "गिरफ्तारी ज्ञापन काफी उल्लेखनीय है। यह केवल एक पैरा और 4 लाइनों का है।"

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की उच्च न्यायालय की बेंच  ने इसके बाद सीबीआई को नोटिस जारी कर एजेंसी से जवाब मांगा। "नोटिस जारी करें। सीबीआई की ओर से नोटिस स्वीकार किया जाता है। विस्तृत जवाब 7 दिनों के भीतर दाखिल किया जाए।" सुनवाई टालने से पहले अदालत ने कहा, "अगर कोई जवाब है तो 2 दिन के भीतर दाखिल किया जाए।" अरविंद केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, जब दिल्ली की एक अदालत ने एजेंसी को अदालत में उनसे पूछताछ करने की अनुमति दी थी। वह पहले से ही दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में थे।

उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। लोकसभा चुनाव के कारण सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 21 दिनों के लिए रिहा किया था। वह 2 जून को तिहाड़ जेल वापस आ गए। पिछले महीने दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति मामले में उन्हें जमानत दे दी थी। हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।
1993 मुंबई दंगों का आरोपी तीन दशक तक फरार रहने के बाद अब हुए गिरफ्तार


31 साल से फरार 65 वर्षीय व्यक्ति को सोमवार को 1993 मुंबई दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई को एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी सैयद नादिर शाह अब्बास खान को रफी अहमद किदवई मार्ग पुलिस की एक टीम ने मुंबई के सेवरी इलाके से गिरफ्तार किया। खान कथित तौर पर दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद मुंबई में हुए दंगों में शामिल था।

उस पर शहर में दंगों के दौरान हत्या के प्रयास और गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने का आरोप लगाया गया था। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, उस समय खान को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जमानत मिलने के बाद वह कभी अदालत में पेश नहीं हुआ। इसके बाद अदालत ने खान को वांछित आरोपी घोषित किया और उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। पुलिस ने सेवरी में उसके घर पर कई बार दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। उसके रिश्तेदारों के फोन रिकॉर्ड की जांच करने के बाद आखिरकार उन्हें उसके ठिकाने के बारे में सुराग मिला।

रफी अहमद किदवई मार्ग पुलिस स्टेशन के अधिकारियों को 29 जून को सूचना मिली कि खान अपने सेवरी स्थित आवास पर आने वाला है। पुलिस ने जाल बिछाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि मामले की आगे की जांच की जा रही है।

बंबई दंगे दिसंबर 1992 और जनवरी 1993 के बीच हुए थे। इतिहासकार बारबरा मेटकाफ के अनुसार दंगों के दौरान लगभग 900 लोग मारे गए थे। उनके अनुमान के अनुसार, मरने वालों में से अधिकांश मुस्लिम थे, उसके बाद हिंदू थे।

हाल ही में, मुंबई के एक टैक्सी चालक राजेश जायसवाल को मामले के सिलसिले में सत्र न्यायालय ने बरी कर दिया। मामले में आरोपी बनाए जाने के तीन दशक बाद भी 15 अन्य लोग फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस ने जांच जारी रखी  तहत अब्बास  से अन्य आरोपियों के बारे  में लगातार पूछताछ कर रहे है।  हलाकि ये पुलिस के लिए एक सफलता है लकिन  हमारे कानून पर सवाल खड़े  है की आरोपी इतने साल फरार थे और  कई केस ऐसे भी है जहाँ निर्दोष को सालों सजा  पड़ी है।
ईवीएम को लेकर अखिलेश यादव का बयान, बोले- यूपी की सभी 80 सीटें जीतने के बाद भी नहीं होगा भरोसा

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लोकसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम का मुद्दा उठाया। सपा प्रमुख ने ईवीएम को लेकर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था और ना आज है। उन्होंने कहा कि अगर मैं यूपी की 80 की 80 सीट भी जीत जाऊं तो भी भरोसा नहीं होगा।

आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश ने कहा कि जब तक ईवीएम चुनाव की व्यवस्था से नहीं हटाई जाती, तब तक समाजवादी पार्टी इस मांग को लेकर अडिग रहेगी। सपा प्रमुख ने कहा कि मैंने चुनाव से पहले प्रचार के दौरान कहा था कि ईवीएम से जीतकर ईवीएम हटाने का काम करेंगे। ईवीएम का मुद्दा मरा नहीं और न ही खत्म हुआ है। जब तक ईवीएम नहीं हटेगी, तब तक हम समाजवादी लोग इसको (हटाने की मांग) लेकर अडिग रहेंगे।

आज लोकसभा में अखिलेश ने साफ कह दिया कि अगर उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीत जाए तब भी उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर भरोसा नहीं होगा। 

बता दें कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में सपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। यूपी में सपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। लोकसभा चुनाव में सपा ने उत्तर प्रदेश में 37 संसदीय सीट जीतकर अब तक अपना सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रदर्शन किया है।

अखिलेश यादव पहले नहीं है, जिन्होंने ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं। इससे पहले भी कई नेताओं ने ईवीएम पर सवाल खड़े कर चुके हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईवीएम को ब्लैक बॉक्स बताया था और चुनाव में पारदर्शिता को लेकर भी चिंता जता चुके हैं। राहुल गांधी के अलावा बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी ईवीएम को लेकर कहा था कि विपक्ष 400 पार का नारा ऐसे लगा रहे हैं, जैसे पहले से ही ईवीएम का सेटिंग हो चुका है।