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नीट-यूजी के री-एग्जाम का रिजल्ट जारी, 813 ने दिया था दोबारा पेपर

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नीट यूजी री-एग्जाम का रिजल्ट जारी हो गया है। पेपर लीक को लेकर हुए हंगामे के बाद 23 जून को हुए नीट-यूजी का री-एग्जाम कराया गया था। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आज नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट, अंडरग्रेजुएट (NEET UG) 2024 रीटेस्ट का रिजल्ट घोषित कर दिया है। बता दें कि पेपर लीक और अनियमितताओं के कारण नीट-यूजी 2024 जांच के दायरे में है।

बता दें इस परीक्षा को 1563 अभ्यर्थियों के लिए 23 जून को आयोजित किया गया था। इस परीक्षा में केवल 813 कैंडिडेट्स ने ही भाग लिया था। जिनका परिणाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने आज जारी कर दिया है। छात्रों को एनटीए नीट स्कोर कार्ड 2024 डाउनलोड करने के लिए अपने लॉगिन क्रेडेंशियल जैसे आवेदन संख्या और जन्म तिथि की आवश्यकता होगी।

छात्रों को ‘समय की हानि’ के कारण नीट-यूजी परीक्षा में ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, जिस पर सवाल खड़े हो गए और बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां उसने ग्रेस मार्क्स के मामले को रद्द करते हुए इन छात्रों की दोबारा परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था

बता दें कि इस वर्ष नीट यूजी परीक्षा का आयोजन 5 मई को समूचे देश में किया गया था। करीब 24 लाख कैंडिडेट्स इस परीक्षा में शामिल हुए थे। करीब 7 केंद्रों पर टाइम लॉस होने की वजह से 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए, जिससे बाद में कई समस्याएं खड़ी हो गईं और एक ही सेंटर के बहुत सारे टॉपर्स के अलावा कई स्टूडेंट्स ने टॉप किया। विवाद बढ़ने और अदालत तक पहुंचने पर यह तय किया गया कि इन 1563 बच्चों के लिए फिर से एग्जाम कराया जाएगा।

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संसद सत्र का छठा दिन आज, नीट पेपर लीक मामले में टकराव के आसार*
#parliament_session_2024
दो दिन के अवकाश के बाद आज से फिर लोकसभा सत्र शुरू हो रहा है। आज से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र में फिर टकराव के आसार हैं। विपक्ष नीट के मुद्दे पर लगातार हंगामा कर रहा है। दोनों सदनों में आज फिर हंगामे के आसार हैं। नीट पेपर लीक विवाद के अलावा अग्निपथ और महंगाई जैसे कई मुद्दों पर तीखी बहस होने के पूरे आसार हैं। वहीं, विपक्षी दल, इंडिया गठबंधन, प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो सहित केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ सोमवार, 1 जुलाई को संसद परिसर में प्रदर्शन करेगा। संसद में एक बार फिर हंगामा मच सकता है। इससे पहले संसद सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को दोनों सदनों में नीट मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ था। हंगामे के चलते लोकसभा में कार्यवाही 1 जुलाई तक स्थगित कर दी गई थी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को पहले नीट के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि पहले पर चर्चा हो और प्रधानमंत्री मोदी भी इसमें भाग लें। वहीं, राज्यसभा में खरगे ने इस मुद्दा को उठाया था। राज्यसभा में पेपर लीक के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ।खरगे वेल तक पहुंच गए थे। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जताई। धनखड़ ने कहा संसदीय इतिहास पर काला धब्बा है। राज्यसभा की कार्यवाही रुक-रुककर चलती रही। बाद में इसे भी 1 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया था। संसद के दोनों सदनों में विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का संकट है। वर्तमान सत्र में अब महज तीन कार्यदिवस शेष बचे हैं। विपक्ष प्रस्ताव पर चर्चा से पहले नीट मामले में चर्चा पर अड़ा हुआ है। सरकार का कहना है कि धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले किसी तरह की चर्चा की परंपरा नहीं है। गौरतलब है कि पीएम को मंगलवार को लोकसभा और बुधवार को राज्यसभा में चर्चा का जवाब देना है।
Thought of the day
बच्चे वही सीखते हैं जो माता-पिता सिखाते हैं।।
अब फिर नए विवाद में फंसे कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा, ताप्ती पर की गई टिप्पणी से गुस्साए लोग, जानिए पूरा मामला

 प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है हाल ही में उन्होंने बरसाना जाकर नाक रगड़ कर माफी मांगी थी इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है लेकिन इस बीच अप पंडित प्रदीप मिश्रा एक और नए विवाद में फंसते हुए नजर आ रहे हैं।

दरअसल, पिछले दिनों राधा रानी को लेकर दिए गए एक विवादित बयान ने प्रदीप मिश्रा को काफी ज्यादा चर्चाओं में ला दिया है। हमेशा अपनी कथा और उपायों के लिए चर्चाओं में रहने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा लंबे समय से विवादों का सामना कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने संत समाज के नाराज होने के बाद बरसाना जाकर राधा रानी के सामने माफी मांग ली है।

इसके बाद माना जा रहा था कि पंडित प्रदीप मिश्रा अब विवादों से दूर हो चुके हैं, लेकिन अब उनका एक और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने ताप्ती को लेकर कुछ ऐसी टिप्पणी कर दी जिसकी वजह से अब एमपी के आदिवासी बाहुल्य बैतूल और मुलताई के लोग उनसे नाराज हो गए हैं।

इतना ही नहीं अब गुस्सा आए लोग पंडित प्रदीप मिश्रा से मुलताई आकर माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। दरअसल कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि ताप्ती देवी कृष्ण पर मोहित हो गईं थीं। इससे यमुना उनपर कुपित हो गईं और उन्होंने मां ताप्ती को शाप दे दिया था। 

ताप्ती भक्तों का कहना है कि पंडित प्रदीप मिश्रा का यह कथन शास्त्र सम्मत नहीं है। मां ताप्ती मंदिर के प्रमुख पुजारी सौरभ जोशी का कहना है कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने बिल्कुल निराधार बात कही है। इसके लिए उन्हें ताप्ती भक्तोें से माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि, बैतूल में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव पुराण कथा आयोजित की गई थी। बताया जा रहा है कि उसी दौरान कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा ने माता ताप्ती नदी के बारे में विवादित टिप्पणी की थी।

विराट-रोहित के बाद इस दिग्गज ने किया संन्यास का ऐलान, करोड़ों फैंस को लगा तीसरा बड़ा झटका

T20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 7 रन से हराकर 17 साल बाद दूसरी बार वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया। कप्तान रोहित शर्मा की अगवाई में भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में काफी शानदार प्रदर्शन किया और भारतीय टीम को एक और T20 वर्ल्ड कप जीतवाया।

जहां एक और T20 वर्ल्ड कप जीतने की खुशी में पूरे देश में जश्न का माहौल है, तो वहीं दूसरी ओर टीम इंडिया के खिलाडी देश के करोड़ों फैंस को झटका पर झटका देते हुए नजर आ रहे हैं। बता दें कि, T20 वर्ल्ड कप जीतने के तुरंत बाद भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा और रन मशीन विराट कोहली ने T20 इंटरनेशनल से संन्यास का ऐलान कर दिया था।

इसके बाद अब एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। भारतीय टीम में ऑलराउंडर की भूमिका निभाने वाले रवींद्र जडेजा ने भी संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर पोस्ट साझा करते हुए इस बात की जानकारी दी है। यह खबर सामने आने के बाद फैंस को तगड़ा झटका लगा है।

असम में बाढ़ से हालात बिगड़े, ब्रह्मपुत्र नदी ने खतरे के निशान को किया पार

डेस्क : असम में पिछले कुछ दिनों से सुधर रही बाढ़ के हालात एक बार फिर बिगड़ गए हैं। डिब्रुगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान को पार गई है। वहीं राज्य में बाढ़ प्रभावितों की संख्या में इजाफा हुआ है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने एक बुलेटिन में कहा कि बाढ़ के कारण राज्य के सात जिलों में 1,33,945 लोग प्रभावित हुए हैं। 

किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं

वहीं, शुक्रवार को पांच जिलों में प्रभावित लोगों की संख्या घटकर 1,07,385 रह गई थी। असम में बाढ़ के कारण फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। साथ ही इस साल बाढ़, तूफान और भूस्खलन की चपेट में आ जाने से 42 लोगों की मौत हुई है। 

कछार जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित 

बता दें कि राज्य का कछार जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां बाढ़ से 67,030 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके बाद करीमगंज जिले में 27,235 लोग व धेमाजी में 25,947 लोग प्राकृतिक आपदा से संकट का सामना कर रहे हैं। बाढ़ के कारण कामरूप, करीमगंज, धेमाजी, डिब्रूगढ़, कछार, तिनसुकिया और लखीमपुर जिले जलमग्न हैं। 

66 राहत शिविरों में लोगों ने ली शरण

राज्य के 8,484 लोगों ने 66 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि पांच अन्य राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं। धेमाजी जिले में लगभग 100 लोगों को नाव के जरिये बचाया गया है। एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि विभिन्न भागों में सड़कें, पुल, तटबंध और पुलिया जैसे

महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनेंगी सुजाता सौनिक, जानिए इनके बारे में

डेस्क: महाराष्ट्र में पहली बार किसी महिला आईएएस अधिकारी को मुख्य सचिव की जिम्मेदारी मिलने वाली है। इस महिला अधिकारी का नाम है सुजाता सौनिक। वह राज्य के मुख्य सचिव डा. नितिन करीर की जगह लेंगी। पिछले शुक्रवार को अपने वार्षिक बजट में महिला-केंद्रित प्रस्तावों की घोषणा करने वाली महायुति सरकार 1987 बैच की आईएएस अधिकारी सुजाता सौनिक को मुख्य सचिव नियुक्त करेगी, क्योंकि वर्तमान मुख्य सचिव नितिन करीर सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

अगले साल जून में सेवानिवृत्त होंगी सुजाता

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता वाला राज्य सामान्य प्रशासन विभाग औपचारिक आदेश जारी करेगा ताकि वह निवर्तमान मुख्य सचिव नितिन करीर से कार्यभार ले सकें। सुजाता सौनिक अगले साल जून में सेवानिवृत्त होंगी। सुजाता सौनिक के अलावा राजस्व विभाग से अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमारी (1987 बैच) और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव इकबाल चहल (1989 बैच) मुख्य सचिव पद के लिए दो अन्य प्रमुख दावेदार थे।

शिंदे और फडणवीस ने नियुक्ति को दी हरी झंडी

शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुजाता सौनिक को मुख्य सचिव के रूप में चुनने में सर्वसम्मति दिखाई। सरकार आगामी विधानसभा चुनावों से पहले महिला मतदाताओं को एक मजबूत संकेत भेजना चाहती थी। इसके अलावा उनका चयन ऐसे समय में हुआ है जब सरकार ने हाल ही में चौथी महिला नीति के कार्यान्वयन की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य महिलाओं का सशक्तीकरण और विकास करना है।

सख्त और बेबाक अधिकारी

सख्त और बेबाक अधिकारी के रूप में जानी जाने वाली सुजाता सौनिक वर्तमान में राज्य के गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव का कार्यभार संभाल रही हैं। हाल ही में उन्हें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा सचिव रैंक पर पदोन्नत किया गया था। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग में भी अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्य किया है। साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य सहित कुछ अन्य विभागों में भी काम किया है।

तीन दशकों का अनुभव

सुजाता सौनिक के पास स्वास्थ्य सेवा, वित्त, शिक्षा, आपदा प्रबंधन एवं जिला, राज्य और संघीय स्तर पर शांति स्थापना और भारतीय प्रशासनिक सेवा और संयुक्त राष्ट्र के हिस्से के रूप में अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सार्वजनिक नीति और शासन का तीन दशकों का अनुभव है। सरकार ने उनके पति मनोज सौनिक को अप्रैल-दिसंबर 2023 तक सीएस नियुक्त किया था। वर्तमान में मनोज सौनिक मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार हैं।

नागालैंड निकाय चुनाव में एनडीपीपी की प्रचंड जीत, कोहिमा, मोकोकचुंग और दीमापुर में बड़ी जीत हासिल की

डेस्क: एनडीपीपी ने कोहिमा नगर परिषद में 19 में से पांच सीटें पहले ही निर्विरोध जीत ली थीं। उसने अंतिम परिणाम की घोषणा के बाद आठ और सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। मोकोकचुंग नगर परिषद में एनडीपीपी ने कुल 18 सीटों में से 15 सीटें जीतीं। इन 15 में से छह सीटें ऐसी हैं, जिन पर उसने निर्विरोध जीत हासिल की। दीमापुर नगर परिषद में एनडीपीपी ने 23 में से 13 सीटें जीतीं। भाजपा ने छह सीटें जीतीं, एनपीपी ने दो और दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की।

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26 जून को हुए थे चुनाव

26 जून को हुए निकाय चुनावों में 2.23 लाख से अधिक मतदाताओं में से लगभग 82 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। नगालैंड राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि पहली बार महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के साथ शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराए गए। पूर्वोत्तर के इस राज्य में यह एक ऐतिहासिक चुनाव है क्योंकि तीन नगरपालिकाओं और 22 नगर परिषद के लिए चुनाव 20 वर्ष के अंतराल के बाद कराया गया। इससे पहले, नगर निकाय चुनाव 2004 में हुआ था।

523 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला

सरकार ने पहले भी कई बार शहरी स्थानीय निकायों के लिए चुनाव की घोषणा की थी, लेकिन महिलाओं के लिए आरक्षण, भूमि तथा संपत्तियों पर कर के खिलाफ जनजातीय संगठनों और नागरिक संस्थाओं की आपत्तियों के कारण चुनाव नहीं कराया जा सका। इस चुनाव में 11 राजनीतिक दलों के 523 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हुआ। अन्य 64 उम्मीदवार नगर निकायों में निर्विरोध चुने गए।

ये दल मैदान में

चुनाव लड़ रहे दलों में एनडीपीपी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), राइजिंग पीपुल्स पार्टी, आरपीआई (आठवले), जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) शामिल थीं।

छह जिलों में नहीं हुआ था चुनाव

नागालैंड में कुल 39 नगर परिषदें हैं, लेकिन राज्य के पूर्वी हिस्से के छह जिलों में 14 शहरी स्थानीय निकायों में कोई चुनाव नहीं हुआ क्योंकि ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) ने क्षेत्र के छह जिले में चुनावों में भाग नहीं लेने का फैसला किया था। छह पूर्वी जिलों में निवास करने वाली सात नगा जनजातियों की सर्वोच्च संस्था ईएनपीओ ‘फ्रंटियर नगालैंड क्षेत्र’ की मांग करती रही है। उसका दावा है कि इस क्षेत्र को वर्षों से नजरअंदाज किया गया है।

ईएनपीओ इलाके में 14 नगर परिषद हैं। इस इलाके से 59 नामांकन पत्र स्वीकार किए गए थे, लेकिन आदिवासी संगठनों ने उम्मीदवारों को अपना नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया। ईएनपीओ ने राज्य की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को हुए चुनाव में भी भाग नहीं लिया था।