यौन शोषण मामले में सीआईडी ने येदियुरप्पा के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र, लगाया गंभीर आरोप
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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ नाबालिग लड़की से यौन शोषण के मामले में अपराध जांच शाखा (सीआईडी) लगातार जांच कर रही है। यौन शोषण मामले में राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने उनके और तीन अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। आरोप पत्र में कहा है कि पूर्व सीएम ने अपने तीन सहयोगियों के साथ मिलकर पीड़िता और उसकी मां को चुप रहने के लिए मोटी रकम दी है। येदियुरप्पा और उनके के तीन सहयोगियों पर भी सुबूत नष्ट करने और रिश्वत देने के आरोप दर्ज किए गए हैं। बता दें कि येदियुरप्पा पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिग लड़की के साथ अपने आवास पर अश्लील हरकत की थी। उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
शुक्रवार को सीआईडी के दायर किए आरोप पत्र में बताया गया कि 81 वर्षीय येदियुरप्पा के खिलाफ पोक्सो की धारा 8 व आईपीसी की धारा 354ए, 204, 214 और उनके सहयोगियों अरुण वाइएम और रुद्रेश एम. के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 204, 214 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। आरोप पत्र में बताया गया है कि दो फरवरी को सुबह 11.15 बजे 17 वर्षीय नाबालिग और उसकी मां डॉलर कॉलोनी स्थित येदियुरप्पा के आवास पहुंचे थे। आवास पर जब येदियुरप्पा नाबालिग की मां से बात कर रहे थे तब उन्होंने अपने बाएं हाथ से पीड़िता की दाहिनी कलाई पकड़ रखी थी। इसके बाद येदियुरप्पा ने नाबालिग को हॉल के बगल में स्थित एक बैठक रूम के भीतर बुलाया और दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया। चार्जशीट में आगे दावा किया गया है कि कमरे में येदियुरप्पा ने पीड़िता से पूछा कि क्या उसे उस व्यक्ति का चेहरा याद है जिसने पहले उसका यौन उत्पीड़न किया था। इसके जवाब में पीड़िता ने दो बार कहा कि हां उसे याद है।
सीआईडी ने चार्जशीट में आगे कहा कि पीड़िता ने येदियुरप्पा के हाथ को झटकते हुए दूर हट गई और उनसे दरवाजा खोलने के लिए कहा। इसके बाद येदियुरप्पा ने दरवाजा खोला और पीड़िता के हाथ में कुछ पैसे रखकर बाहर निकल गए। बाहर निकलने के बाद उन्होंने पीड़िता की मां से कहा कि वो इस मामले में उनकी मदद नहीं कर सकते हैं। इसके बाद उन्होंने पीड़िता की मां को भी कुछ पैसे दिए और फिर आवास से बाहर भेज दिया।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, येदियुरप्पा पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 8 (यौन उत्पीड़न के लिए सजा) और धारा 354A (यौन उत्पीड़न), 204 (इसे रोकने के लिए दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को नष्ट करना) के तहत आरोप लगाया गया है। वहीं, तीन अन्य सह अभियुक्तों अरुण वाई एम, रुद्रेश एम और जी मारिस्वामी, जो येदियुरप्पा के सहयोगी हैं पर पॉस्को अधिनियम के साथ-साथ आईपीसी की धारा 204 और 214 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
Jun 28 2024, 19:47