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नीट पेपर लीक मामले पर सियासत जारी : सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप-प्रत्यारोप

डेस्क : नीट पेपर लीक मामले को लेकर प्रदेश की सियासत चरम पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष इस मामले को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर है। दोनो ओर से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे है। 

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जांच एजेंसियों से नीट के मामले की निष्पक्ष जांच की अपील की है। उन्होंने कहा कि संजीव मुखिया और उसके साथ आ रहे नामों की जांच की जाए। नहीं तो आरोपितों के संबंधों को उजागर करेंगे। शनिवार को मीडिया से बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि संजीव मुखिया, नीतीश और अमित आनंद के खिलाफ जांच कर कार्रवाई हो।

नेता प्रतिपक्ष ने चेतावनी दी कि जांच करें नहीं तो सारी तस्वीर हैं। किन-किन नेताओं के साथ की, सब मेरे पास हैं। इनके संबंधों की जांच हो नहीं तो दिखाना पड़ेगा। कहा कि जांच एजेंसी निष्पक्षता से जांच करें, ये सब चीज छुपने वाली नहीं है। जिसने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है उसे हम छोड़ने वाले नहीं हैं, हम लोग पर्दाफाश करेंगे। आरोप लगाया और कहा कि सरकार में बैठे लोग भले ही मामले को भटकाएं, इधर उधर करें लेकिन पेपर लीक करने वाले बचेंगे नहीं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले मान ही नहीं रही थी कि पेपर लीक हुआ है और अब पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कानून लाया जा रहा है।

वहीं बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि लालू-राबड़ी राज में लोगों ने बीपीएससी में भ्रष्टाचार देखा है। 1990 से 2005 के बीच कई परीक्षाओं में घोटाला हुए। बीपीएससी के अध्यक्ष रामाश्रय यादव, लक्ष्मी राय, रामसिंहासन सिंह एवं अन्य को पद पर रहते हुए जेल गए। रामाश्रय यादव पर जमीन देकर अध्यक्ष पद लेने का भी आरोप लग चुका है।

पटना में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नीट परीक्षा में राजद और उनसे जुड़े लोगों का हाथ होना कोई आश्चर्यजनक नहीं है। 2013 से 2024 के बीच 6 वर्षों से अधिक ये सत्ता में रहे पर नहीं सुधरे। इसलिए नीतीश कुमार ने इन्हें बाहर कर दिया। अपने आप्त सचिव प्रीतम कुमार पर लगे आरोप, ईओयू द्वारा पूछताछ का समन, अनुराग-सिकंदर-प्रीतम कनेक्शन और लालू-राबड़ी आवास में सिकंदर की बेरोकटोक आवाजाही पर स्थिति स्पष्ट करने के बजाए ये अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। सिकंदर को भी ये क्लीन चिट दे रहे हैं। क्योंकि उन्होंने कहा है कि वह बेनीफीशरी (लाभार्थी)हो सकता है, मास्टरमाइंड नहीं है। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के सत्ता में रहने पर 2017 में बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन में भर्ती घोटाला सामने आया था। इसके किंगपिन रामाशीष राय थे। परीक्षा घोटाला, भर्ती घोटाला, मेधा घोटाला, सिपाही भर्ती घोटाला, पशुपालन घोटाला, अलकतरा घोटाला सभी इनके सत्ता में रहने पर ही हुआ। पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग के पूरे सिस्टम को धराशायी कर दिया। कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता से इन्हें कोई सरोकार नहीं था। केवल भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की व्यवस्था बनी थी। वर्तमान सरकार इन मामलों में सख्ती से निपटेगी।

बिहार में नहीं थम रहा निर्माणाधीन पुलों के गिरने का सिलसिला : सिवान, अररिया के बाद अब यहा गिरा पूल

डेस्क : बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते शनिवार को सिवान जिला के महराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गाँव के बीच का पुल अचानक टूट गया था। वही आज रविवार को एक बार फिर से एक निर्माणाधीन पुल गिर गया है। इस तरह पिछले एक सप्ताह में बिहार में तीसरी बार पुल गिरने का हादसा हुआ है। इस बार यह पूल पूर्वी चंपारण जिले में गिरा है। मामला मोतिहारी के घोड़ासहन प्रखंड अमावा से चैनपुर स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर बन रहे पुल का है। करीब डेढ़ करोड़ की लागत से पुल बन रहा था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से इस पुल का निर्माण हो रहा था। आरसीसी पुल का निर्माण धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन प्रा। लिमिटेड श्रीकृष्णनगर द्वारा कराया जा रहा था। 

बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से इस पुल का निर्माण हो रहा था। पुल की ढलाई का काम पिछले कई दिनों से चल रहा था। लोगों को उम्मीद थी कि इस पुल की ढलाई खत्म होने के बाद जल्द ही इसपर परिचालन शुरू हो जाएगे हालांकि उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।

गौरतलब है कि इसके पहले शनिवार को सिवान जिला के महराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गाँव के बीच का पुल अचानक टूट गया। जिससे दोनों गाँवों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। इस पुल के टूटने से इलाके के लोग काफी परेशान हो गए हैं, क्योंकि यह पुल दोनों गाँवों के बीच का मुख्य संपर्क साधन था। 

ग्रामीणों ने बताया कि गंडक विभाग द्वारा नहर की सफाई कराई गई थी, और नहर की मिट्टी काटकर नहर के बांध पर फेंकी गई थी। इस प्रक्रिया से पुल का पिलर काफी कमजोर हो गया था, जिसके कारण पुल टूट गया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि नहर की सफाई के दौरान विभाग ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया, जिससे पुल के पिलर पर अतिरिक्त भार पड़ गया और यह हादसा हो गया। इस पुल की चौड़ाई लगभग 30 फीट था। लगभग 30 वर्ष पहले इस पुल का निर्माण कराया गया था।

वहीं 18 जून को अररिया जिले में एक पुल गिर गया था। बकरा नदी पर बन रहे पुल का तीन पाया अचानक से गिर गया। करीब 12 करोड़ रूपये की लागत से बन रहे पुल के गिर जाने के बाद स्थानीय विधायक ने काम में अनियमितता का आरोप लगाया था। उन्होंने पूरे मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे। वहीं अररिया में निर्माणाधीन पुल गिरने से स्थानीय लोगों में काफी रोष दिखा था।

राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के प्री-बजट बैठक में शामिल हुए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, प्रदेश के विकास के लिए मांगा विशेष पैकेज*

डेस्क : बिहार सरकार ने प्रदेश में विकास दर को कायम रखने के लिण् केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज और बिजली क्षेत्र में वन नेशन वन टैरिफ लागू करने की मांग की है। बीते शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्री-बजट बैठक बिहार के डिप्टी सीएम व वित्त मंत्री सम्राट चौधरी शामिल हुए इस दौरान उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री के समक्ष इन यह मांग की। सम्राट चौधरी ने बताया कि 2022-23 में बिहार की विकास दर देश में 10.64 प्रतिशत थी। वित्तीय अनुशासन, बेहतरीन प्रबंधन एवं कम संसाधन होते हुए भी यह दर हासिल किया है। इसे कायम रखने के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता की जरूरत है। वहीं, केंद्रीय प्रक्षेत्र से बिजली लेने पर बिहार को 4.81 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ता है। निजी क्षेत्र की बिजली दर 3.60 रुपये प्रति यूनिट है। इसलिए देश में वन नेशन वन टैरिफ की लागू होना चाहिए। बिहार ने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) के तहत वर्तमान ऋण लेने की सीमा को 3 प्रतिशत से अधिक करने की मांग की। सम्राट चौधरी ने कहा कि केंद्रीय बजट में 2023-24 में एक लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता के आवंटन पर विचार किया गया था। स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, जलापूर्ति, बिजली, सड़क, पुल आदि के लिए ब्याज मुक्त ऋण बजट 2024-25 में भी जारी रहनी चाहिए। इसे अंतरिम बजट में घटा 55,000 करोड़ कर दिया गया है। इसे पिछले बजट के बराबर एक लाख करोड़ रखा जाय।
राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के प्री-बजट बैठक में शामिल हुए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, प्रदेश के विकास के लिए मांगा विशेष पैकेज*

डेस्क : बिहार सरकार ने प्रदेश में विकास दर को कायम रखने के लिण् केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज और बिजली क्षेत्र में वन नेशन वन टैरिफ लागू करने की मांग की है। बीते शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्री-बजट बैठक बिहार के डिप्टी सीएम व वित्त मंत्री सम्राट चौधरी शामिल हुए इस दौरान उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री के समक्ष इन यह मांग की। सम्राट चौधरी ने बताया कि 2022-23 में बिहार की विकास दर देश में 10.64 प्रतिशत थी। वित्तीय अनुशासन, बेहतरीन प्रबंधन एवं कम संसाधन होते हुए भी यह दर हासिल किया है। इसे कायम रखने के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता की जरूरत है। वहीं, केंद्रीय प्रक्षेत्र से बिजली लेने पर बिहार को 4.81 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ता है। निजी क्षेत्र की बिजली दर 3.60 रुपये प्रति यूनिट है। इसलिए देश में वन नेशन वन टैरिफ की लागू होना चाहिए। बिहार ने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) के तहत वर्तमान ऋण लेने की सीमा को 3 प्रतिशत से अधिक करने की मांग की। सम्राट चौधरी ने कहा कि केंद्रीय बजट में 2023-24 में एक लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता के आवंटन पर विचार किया गया था। स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, जलापूर्ति, बिजली, सड़क, पुल आदि के लिए ब्याज मुक्त ऋण बजट 2024-25 में भी जारी रहनी चाहिए। इसे अंतरिम बजट में घटा 55,000 करोड़ कर दिया गया है। इसे पिछले बजट के बराबर एक लाख करोड़ रखा जाय।
मौसम का हाल : कल 24 जून से बिहार में बारिश की बढ़ेगी गतिविधि, प्रदेश के इन इलाकों में भारी बारिश के आसार*


डेस्क : पिछले कुंछ दिनों से सूरज के तल्ख तेवर से परेशान बिहारवासियों को बीते दो-तीन दिन से भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। काले बादलों के साथ रिमझिम फुहारों से कई जिले तर हो गए और प्रचंड गर्मी से प्रदेशवासियों को बड़ी राहत मिली। इसी बीच मौसम विभाग की ओर से एकबार बड़ी राहत वाली सूचना जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 24 जून से बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। वहीं 25 और 26 जून को बारिश की गतिविधि में और वृद्धि होने के आसार हैं। इस बाबत मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। इस दौरान उत्तर बिहार के ज्यादातर जिलों में मध्य से भारी बारिश होने आसार हैं। वहीं दक्षिण बिहार में भी हल्के से मध्यम स्तर तक की बारिश हो सकती है। हालांकि आज रविवार को उत्तर-पूर्व भाग के एक-दो स्थानों पर गरज व चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। वहीं पटना सहित शेष भाग में लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून का उत्तरी सीमा मालदा, भागलपुर और रक्सौल में बनी हुई है। दो-तीन दिनों के दौरान इसके आगे बढ़ने की परिस्थितियां अनुकूल बन रही है। इस कारण प्रदेश के अन्य भागों में भी मानसून के प्रसार बढ़ने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को पटना सहित प्रदेश के अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। राज्य का अधिकतम पारा 4.4 डिग्री तक चढ़ा। वहीं 6 शहरों का तापमान 40 डिग्री के पार चला गया। प्रदेश का सबसे गर्म जिला भोजपुर (41.5 डिग्री) रहा। वहीं पटना के अधिकतम तापमान में 1.7 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के साथ 38.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। तापमान चढ़ने और पुरवा हवा चलने के कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का एहसास हुआ। हालांकि शुक्रवार को अधिकतम तापमान में गिरावट और बादलों की आवाजाही के कारण राजधानी सहित दक्षिण बिहार के लोगों को राहत मिली थी।
मौसम का हाल : कल 24 जून से बिहार में बारिश की बढ़ेगी गतिविधि, प्रदेश के इन इलाकों में भारी बारिश के आसार*


डेस्क : पिछले कुंछ दिनों से सूरज के तल्ख तेवर से परेशान बिहारवासियों को बीते दो-तीन दिन से भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। काले बादलों के साथ रिमझिम फुहारों से कई जिले तर हो गए और प्रचंड गर्मी से प्रदेशवासियों को बड़ी राहत मिली। इसी बीच मौसम विभाग की ओर से एकबार बड़ी राहत वाली सूचना जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 24 जून से बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। वहीं 25 और 26 जून को बारिश की गतिविधि में और वृद्धि होने के आसार हैं। इस बाबत मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। इस दौरान उत्तर बिहार के ज्यादातर जिलों में मध्य से भारी बारिश होने आसार हैं। वहीं दक्षिण बिहार में भी हल्के से मध्यम स्तर तक की बारिश हो सकती है। हालांकि आज रविवार को उत्तर-पूर्व भाग के एक-दो स्थानों पर गरज व चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। वहीं पटना सहित शेष भाग में लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून का उत्तरी सीमा मालदा, भागलपुर और रक्सौल में बनी हुई है। दो-तीन दिनों के दौरान इसके आगे बढ़ने की परिस्थितियां अनुकूल बन रही है। इस कारण प्रदेश के अन्य भागों में भी मानसून के प्रसार बढ़ने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को पटना सहित प्रदेश के अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। राज्य का अधिकतम पारा 4.4 डिग्री तक चढ़ा। वहीं 6 शहरों का तापमान 40 डिग्री के पार चला गया। प्रदेश का सबसे गर्म जिला भोजपुर (41.5 डिग्री) रहा। वहीं पटना के अधिकतम तापमान में 1.7 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के साथ 38.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। तापमान चढ़ने और पुरवा हवा चलने के कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का एहसास हुआ। हालांकि शुक्रवार को अधिकतम तापमान में गिरावट और बादलों की आवाजाही के कारण राजधानी सहित दक्षिण बिहार के लोगों को राहत मिली थी।
अब राजद पर परिवारवाद का नहीं लगेगा आरोप ! तेजस्वी ने बड़ा फैसला लेते हुए इस सांसद को बनाया राजद संसदीय दल का नेता

डेस्क : तेजस्वी के हाथ में जब से राजद की कमान आई है बहुत सारे फैसले ऐसे लिए जा रहे है जिससे ऐसा लगता है कि राजद पर परिवारवाद के लगने वाले आरोप से बाहर निकालने की कोशिश हो रही है। लालू परिवार पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह पार्टी के सारे पद पर अपने ही परिवार के लोगों को बैठाते हैं। अब पहली बार तेजस्वी यादव ने इन आरोपों से बाहर निकलने की कोशिश की है। 

2019 में लोकसभा में कोई सांसद नहीं होने के कारण रिक्त संसदीय दल के नेता को लेकर इसबार राजद के 4 सांसद होने पर यह माना जा रहा था कि पाटलिपुत्र से सांसद बनी लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती को संसदीय दल के नेता के रूप में चुना जा सकता है। लेकिन तेजस्वी यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए इस बार पार्टी से बाहर के किसी चेहरे को मौका दिया है। औरंगाबाद से राजद की टिकट पर चुनाव जीते अभय कुशवाहा को संसदीय दल के नेता की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे यह साफ है कि अब तेजस्वी यादव पार्टी पर लग रहे परिवारवाद की छवि को खत्म करना चाहते हैं।

बता दें इस बार लोकसभा चुनाव में इंडी गठबंधन में बिहार में नौ सीटों पर जीत हासिल की है। जिसमें चार सीटों औरंगाबाद, जहानाबाद, बक्सर और पाटलिपुत्र सीट पर राजद को जीत हासिल हुई थी। जिसके बाद पार्टी में संसदीय दल का नेता किसे चुना जाएगा, इसको लेकर मंथन चल रहा था।

जजों की नियुक्ति हेतु भी Exams हो।
सुनिए चिराग पासवान जी का संसद में दमदार स्पीच।

नीतीश कुमार ने फिर साबित किया नहीं है उनका कोई तोड़ : राजनीतिक सफर खत्म होने की हो रही थी चर्चा, उलटे अब और बढ़ गया कद, पढिए...

डेस्क : वर्ष 2022 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चौकाने वाले फैसले के बाद यह चर्चा जोरो पर शुरु हो गई थी अब उनका राजनीतिक सफर खात्मे की ओर है। लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा। नीतीश कुमार का राजनीतिक कद अब और बढ गया है। नीतीश कुमार का कद इस लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद इस बात से भी लगाया जा सकता है कि केन्द्र में सरकार बनने के अंतिम क्षण तक महागठबंधन उनकी ओर टकटकी लगाए रखा। जदयू के वरिष्ठ नेता के.सी त्यागी ने तो यहा तक खुलासा किया कि नीतीश कुमार को महागठबंधन की ओर से पीएम पद तक ऑफर किया गया था।

दरअसल 10 अगस्त 2022 को दूसरी बार नीतीश कुमार ने पाला बदलते हुए राजद के साथ जाकर सरकार बना लिया था। बिहार में 2022 के बाद महागठबंधन की सरकार करीब 17 महीनें चली। हालांकि नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदलकर 28 जनवरी 2024 को जदयू-भाजपा की नई सरकार बना ली। जिसके बाद से देश के सभी नेता एकसुर में यह कर रहे थे कि नीतीश कुमार अब विश्वास के काबिल नहीं रह गए है।

वर्ष 2022 में जब नीतीश कुमार ने राजग का साथ छोड़कर राजद के साथ मिलकर महागठबंधन का सरकार बनाया था तो उस दौरान प्रदेश में जमकर बयानबाजी हुई थी। सीएम नीतीश कुमार हर कार्यक्रम के दौरान कहा करते थे कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भाजपा में नहीं जाएंगे...। इतना ही नहीं वे बीजेपी की नई टीम पर भी जमकर बरसते थे। 

वहीं बीजेपी द्वारा भी उनके खिलाफ जमकर हमला बोला जाता था। बीजेपी के सभी बड़े नेता यह कहते नहीं थकते थे कि अब नीतीश कुमार के लिए सारे दरवाजे बंद हो चुके है। उनकी अब बीजेपी में किसी हाल मे इंट्री नही हो सकती। हालांकि यह सब बाते धरी की धरी रह गई। राजनीति में कोई न तो अपना होता है ना ही पराया वाली कहावत चरितार्थ हुई और दोनो एक साथ चले आए। 

हालांकि जब नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को 2024 को पलटी मारते हुए बीजेपी के साथ गए थे तो राजनीतिक हलको में यह चर्चा बड़े जोरो से चली कि अब नीतीश कुमार का राजनीतिक प्रासंगिकता खत्म हो जायेगी। उनपर जनता और किसी दल का विश्वास नहीं रह गया है। लेकिन लोकसभा चुनाव में यह बात गलत साबित हुई। चुनाव परिणाम ने यह साबित किया कि अभी बिहार में नीतीश कुमार राजनीति की धुरी हैं।

चुनाव परिणाम में जिस तरह से एनडीए को नुकसान हुआ उससे यह बात साफ है कि बिहार में नीतीश कुमार एनडीए के साथ नहीं होते तो एनडीए को भारी नुकसान होता और बहुमत के आंकड़े को पार करना कठिन हो जाता। बिहार में एनडीए को चुनाव के ठीक पहले विपक्षी गठबंधन का हिस्सा रहे नीतीश कुमार एनडीए में लौटे थे। उनकी वापसी ने एनडीए की साख बिहार में बचायी। बिहार में एनडीए को 30 सीटों पर जीत मिली। पड़ोसी राज्य यूपी में एनडीए को बड़ा झटका लगा। ऐसे में बिहार की दो तिहाई सीटें हासिल कर एनडीए ने पूर्ण बहुमत प्राप्त करने में सफल रही।

  

दरअसल नीतीश कुमार की एक डिफेंसिव तकनीक है। वे बहुत जल्दबाजी में नहीं रहते है। वे सही वक्त का इंतजार करते है और अपना पत्ता खोलते है। आप यदि उनके राजद के साथ जाने और फिर साथ छोड़ने पर नजर डाले तो आपको पता चलेगा कि अंतिम क्षण तक किसी को यह पक्का जानकारी नही थी कि वे पाला बदलने वाले है। नीतीश कुमार क्रिकेट के उस नो बॉल की तरह इंतजार करते है कि, जहां गलत शॉर्ट पर आउट होने का खतरा भी नहीं और तुक्का लगा तो छक्का। वहीं बिहार के संदर्भ में गठबंधन का टूटना और नया एलायंस बना लेने में नीतीश कुमार को 'एक्सपर्ट' के तौर पर ट्रीट किया जाता है।

लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार का कद तो इतना बढ़ गया है कि जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने भी कहा है कि सीएम नीतीश का मतलब है, मैं हूं.. यानी नीतीश कुमार का मतलब है "मैं हूं" और जब तक "मैं हूं तब तक सत्ता मेरे हाथ में रहेगा"। 

वहीं अब तो बीजेपी ने खुले तौर पर बिहार में नीतीश कुमार को अपना नेता मान लिया है। बिहार के दोनों उप मुख्यमंत्रियों ने साफ तौर पर कहा है कि 2025 में बीजेपी नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगी।

बिहार में सड़क सुरक्षा, यातायात व्यवस्था एवं मानव व्यापार निषेध होगी और मजबूत, सीएम नीतीश कुमार ने 117 पुलिस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर कियारवाना

डेस्क : प्रदेश में अब सड़क सुरक्षा, यातायात व्यवस्था एवं मानव व्यापार निषेध और मजबूत होगा। आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सड़क सुरक्षा, यातायात व्यवस्था एवं मानव व्यापार निषेध के सुदृढ़ीकरण हेतु 117 पुलिस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 

कार्यक्रम की शुरूआत में अपर पुलिस महानिदेशक, यातायात सुधांशु कुमार ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, सांसद देवेश चन्द्र ठाकुर, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी, विधान पार्षद ललन सर्राफ आदि मौजूद रहे।

वहीं मुख्यमंत्री ने पुलिस वाहनों के लोकार्पण के पूर्व उसका निरीक्षण किया और उसकी कार्य प्रणाली के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। इससे बिहार पुलिस को नई ताकत मिलेगी। साथ ही पुलिस सड़क सुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने में और ज्यादा सशक्त होगी। वहीं मानव व्यापार निषेध पर भी पुलिस और ज्यादा बेहतर तरीके से एक्टिव हो सकेगी।

वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, पुलिस महानिदेशक आर०एस० भट्टी, गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, अपर पुलिस महानिदेशक, स्पेशल ब्रांच सुनील कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, यातायात सुधांशु कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, बजट पारसनाथ, परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।