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बड़बोलापन के कारण महाराष्ट्र में हारी MVA:गिरिराज सिंह बोले- झारखंड चुनाव नतीजों को स्वीकार करते हैं
बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार-यूपी समेत राजस्थान उपचुनाव, झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र में भाजपा की बंपर जीत को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा है कि वहां की जनता ने संजय राउत के बड़बोलापन के कारण महा विकास अघाड़ी को नकार दिया है।

आज यानी शनिवार को बेगूसराय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार उपचुनाव में लालू यादव, तेजस्वी यादव जबकि उत्तर प्रदेश उपचुनाव में अखिलेश यादव का सूपड़ा साफ हो गया है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि जिन राज्यों में उपचुनाव था, उनमें यूपी मजेदार था। लग रहा था कि अखिलेश यादव बाजी मारने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन वे पिछड़ गए। राजस्थान में भी कांग्रेस पिछड़ गई।

गिरिराज सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र में NDA को जो दो तिहाई से ज्यादा वोट मिला है, ये दिखा रहा है कि बड़बोलापन में उद्धव ठाकरे को तो संजय राउत खा गए। महाराष्ट्र की जनता ने उद्धव ठाकरे को नकार दिया और बता दिया कि आखिर असली शिवसेना कौन है।

महाराष्ट्र की जनता ने शरद पवार को भी नकार दिया। महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा का स्ट्राइक रेट लगभग 87-88 फीसदी गया है। अगर पूरे देश का सीटों का चुनाव देखेंगे, तो भी भाजपा को पूरे सीटों का 60 फीसदी से ज्यादा मिला है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि झारखंड में जनता का जो आदेश है, उसे हम कबूलते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जनता ने लालू यादव का सूपड़ा साफ कर दिया। इसके साथ ही यूपी की जनता ने अखिलेश के साथ भी वही काम किया है। संजय राउत की ओर से महाराष्ट्र के रिजल्ट को गलत बताए जाने पर गिरिराज सिंह ने कहा कि झारखंड में आपके पक्ष में नतीजे आए तो ठीक, महाराष्ट्र में NDA के फेवर में रिजल्ट आया तो खराब। गिरिराज सिंह ने कहा कि संजय राउत के बड़बोलेपन के कारण उद्धव ठाकरे समेत महाअघाड़ी का नाश हुआ है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस जीत गई तो बल्ले बल्ले, हिमाचल में जीत गई तो बल्ले बल्ले। लेकिन अगर महाराष्ट्र में चुनाव हार गए तो ईवीएम पर सवाल, ये उनका पुराना डायलॉग है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह के बयान से कल ही लग गया था कि उन लोगों ने हार स्वीकार कर लिया है।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
महाराष्ट्र चुनाव परिणाम: शरद पवार की NCP की सबसे खराब परफॉर्मेंस, अजीत पवार की एनसीपी को मिला जनता का समर्थन

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के रूझान साफ बता रहे हैं कि जनता अजीत पवार की NCP के साथ है. शरद पवार की NCP (SCP) मात्र 13 सीटों पर आगे है. वहीं अजीत पवार की एनसीपी 37 सीटों पर आगे चल रही है. चुनाव परिणाम के ये रुझान बता रहे हैं कि शरद पवार का राजनीति करियर का ग्राफ कितना नीचे पहुंच गया है. यह उनके करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस है.

शरद पवार की NCPSP महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है. दोपहर 1 बजे के रुझानों के मुताबिक, इस गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (SHSUBT) 92 सीट में से 19 पर और शरद पवार की NCPSP 86 में से 13 सीटों पर आगे है. वहीं, कांग्रेस 19 पर आगे चल रही है. इस गठबंधन के उलट रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति (NDA) को बहुमत मिल गया है. गठबंधन की भाजपा 126, शिवसेना 54, अजीत पवार की एनसीपी 38 आगे चल रही है.

राजनीतिक करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस

पार्टी के टूटने के बाद महाराष्ट्र का यह चुनाव शरद पवार और अजीत पवार के लिए अग्नि परीक्षा जैसा था. इस मुकाबले में अजीत बाजी मार ले गए और शरद पवार पीछे छूट गए.महाराष्ट्र में हालिया चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं कि शरद पवार की पार्टी टूटने के बाद वो अपने राजनीतिक करियर के सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गए हैं. साल 2014 के महाराष्ट्र चुनाव में एनसीपी को 41 सीट और 2019 में पार्टी को 54 सीटें मिली, लेकिन आंकड़े शरद पवार के सबसे बुरे दौर की तस्वीर को दिखा रहे हैं.

कैसे कमजोर हुए शरद पवार?

शरद पवार को कमजोर करने की शुरुआत 2 जुलाई, 2023 से हुई, जब अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की. वो एनसीपी के 8 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. उन्हें इसका फायदा मिला और अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली और 8 विधायकों ने मंत्रिपद की. अजित ने यह भी दावा किया उनके पास 40 विधायकों को उनका समर्थन हासिल है. इस बयान के बाद अजित और शरद पवार के खेमे यह जंग शुरू हुई की असली NCP कौन है. यह लड़ाई चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर तक पहुंच गई. दोनों खेमों में एनसीपी पर अपना दावा ठोका. इसे यह अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार के रूप में मैदान में है.

इस तरह पार्टी टूटी और नुकसान बढ़ता गया और हालत यह हो गई कि महाराष्ट्र में शरद पवार का रुतबा तेजी से घटा. जो अब चुनावी आंकड़ों के रूप में दिखाई दे रहा है.

महाराष्ट्र में एनडीए की जीत की संभावना, झारखंड में जेएमएम+ सबसे आगे

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Picture Credit: Business Today

महायुति गठबंधन लगातार तीसरी बार महाराष्ट्र में जीत की ओर अग्रसर दिख रहा है, जबकि जेएमएम और उसकी टीम झारखंड में बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, दोनों राज्यों में स्थिति स्पष्ट होती जा रही है। भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) वर्तमान में महाराष्ट्र में भारत ब्लॉक के खिलाफ मुकाबले में आगे चल रहा है। मतगणना सुबह 8 बजे डाक मतपत्रों के साथ शुरू हुई। जबकि एनडीए, जो दोनों राज्यों में एक टीम के रूप में लड़ रहा है, पश्चिमी राज्य में आरामदायक बढ़त हासिल करने के बाद महाराष्ट्र में भी जीत के लिए तैयार दिख रहा है। झारखंड में भारत ब्लॉक ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है और राज्य में जीत की संभावना है।

महाराष्ट्र चुनाव: महायुति बनाम महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की लड़ाई

महाराष्ट्र में, मुख्य मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन, जिसमें शिवसेना और एनसीपी (अजित पवार) शामिल हैं, और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच है, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एससीपी) शामिल हैं। अधिकांश एग्जिट पोल और राजनीतिक पंडितों ने महायुति गठबंधन के लिए आरामदायक बहुमत की भविष्यवाणी की। हालांकि, अनुमान ने यह भी संकेत दिया कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) परिणामों में मजबूत प्रदर्शन करेगी, लेकिन बहुमत के आंकड़े को पार करने की संभावना बहुत कम है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के अनुसार, महायुति के नेता एक साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि चुनाव परिणाम में बहुमत हासिल करने पर महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम 2024 पश्चिमी राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि यह प्रमुख दलों - शिवसेना और एनसीपी में विभाजन के बाद राज्य में पहला विधानसभा चुनाव है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा नेता विनोद तावड़े के खिलाफ नोट के बदले वोट के आरोप लगे थे। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसे 'नोट जिहाद' करार दिया था। 

झारखंड विधानसभा चुनाव:

एनडीए बनाम भारत की लड़ाई पर सबकी निगाहें झारखंड में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच है, जो अपने काम और वादों पर निर्भर है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को अपने वादों और केंद्र सरकार के कामों पर लोगों का समर्थन मिलने की उम्मीद है।

झारखंड में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) शामिल हैं। इसके विपरीत, झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) शामिल हैं।

झारखंड में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना को लेकर एग्जिट पोल में विभाजन देखने को मिला है। इनमें से कई एग्जिट पोल में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को झामुमो और उनकी टीम पर बढ़त दिखाई गई है। झारखंड में 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों - 13 नवंबर और 20 नवंबर - में मतदान हुआ था।

झारखंड चुनाव परिणाम पर मुख्य अपडेट

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झारखंड में चुनाव में दो प्रमुख गठबंधनों - राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और इंडिया ब्लॉक के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। दोनों पक्षों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित प्रमुख नेताओं का समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने अपनी-अपनी पार्टियों को जीत दिलाने के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया। उनके प्रयासों का उद्देश्य मतदाताओं को प्रभावित करना और अपने गठबंधनों को जीत दिलाना था।

प्रचार के दौरान, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच आदिवासी अधिकार, अप्रवास संबंधी चिंताएँ और भ्रष्टाचार के आरोपों सहित कई मुद्दों पर टकराव हुआ। झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि उसके सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) ने 10 सीटों पर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने दो सीटों पर और चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक सीट पर चुनाव लड़ा।

झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय दल में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) 41 सीटों पर, कांग्रेस 30 सीटों पर, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) छह सीटों पर और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में, JMM-कांग्रेस-RJD गठबंधन ने 81 में से 47 सीटें हासिल कीं, जबकि भाजपा ने 25 सीटें जीतीं। अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन झारखंड विधानसभा में 42 से 53 सीटें हासिल करेगा। हालांकि, एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत का अनुमान लगाया है। 

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) झारखंड विधानसभा चुनाव में एक आश्चर्यजनक तत्व के रूप में उभरा है, जिसके उम्मीदवार छह में से पांच सीटों पर आगे चल रहे हैं, शनिवार को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध रुझानों के अनुसार। पांच विधानसभा सीटों पर आरजेडी उम्मीदवार मौजूदा बीजेपी विधायकों से आगे चल रहे हैं। झारखंड चुनाव परिणाम लाइव: जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार सरयू रॉय ने जमशेदपुर पश्चिम में 16,000 से अधिक वोटों की बढ़त बना ली है। उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के बन्ना गुप्ता को चार राउंड की मतगणना के बाद 11, 371 वोट मिले हैं।

Bihar By-Election Result 2024: बिहार में चार सीटों पर हुए उपचुनाव, जानें कहां कौन आगे

बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझान आने शुरु हो गए हैं. इमामगंज, बेलागंज, तरारी और रामगढ पर उप चुनाव हुए थे. प्रशांत किशोर की एंट्री के बाद ये चुनाव काफी दिलचस्प हो गया था. इन सभी सीटों पर 13 नवंबर को मतदान हुआ था.

बेलागंज विधानसभा: इस सीट पर JDU की मनोरमा देवी रुझानों में 12 हजार मतों से आगे चल रही हैं. इस सीट की बात करें तो एक तरफ RJD नेता और जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव की साख दांव पर है, तो वहीं दूसरी जेडीयू भी ताल ठोक रही है. पहली बार चुनाव लड़ रही प्रशांत किशोर की जन सुराज ने एंट्री लेते ही चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. चुनाव में राजद का समीकरण ध्वस्त करने के लिए जन सुराज ने जहां मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है.

तरारी विधानसभा: तरारी सीट पर NDA के विशाल प्रशांत रुझानों में 6 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर सीपीआई(M) के राजू यादव हैं. सात विधानसभा वाले भोजपुर जिले की तरारी विधानसभा सीट पर भी प्रशांत किशोर ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. माना जा रहा है कि यहां मुख्य रूप से बीजेपी प्रत्याशी विशाल प्रशांत और माले प्रत्याशी राजू यादव के बीच मुकाबला है. प्रशांत किशोर को ऐन मौके पर यहां से अपना प्रत्याशी भी बदलना पड़ा था. नतीजे उनके फेवर में होंगे या नहीं ये देखना दिलचस्प होगा.

इमामगंज विधानसभा: इमामगंज विधानसभा सीट से आरजेडी के रोशन कुमार मांझी रुझानों में आगे चल रहे हैं.इमामगंज विधानसभा सीट पर मुख्य रूप से यहां एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. एनडीए ने यहां से जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी को उम्मीदवार बनाया था, जबकि महागठबंधन से रोशन मांझी उम्मीदवार थे. वहीं जन सुराज ने जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया था.

रामगढ़ विधानसभा:

शुरुआती रुझानों में बसपा के सतीश कुमार सिंह उर्फ पिंटू यादव 13, हजार मतों से आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह हैं.रामगढ़ विधानसभा सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां आरजेडी से अजीत सिंह, बीजेपी से अशोक सिंह, बसपा से पिंटू यादव और जन सुराज से सुशील सिंह कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं.

झारखंड में INDIA गठबंधन लगातार बढ़त बनाते हुए आगे निकल रही है।*

*झारखंड 32/81* NDA :- 15 INDIA :- 17 OTHER :- 0
चम्पई सोरेन का एलान,कोई किंतु-परंतु नहीं सरकार भाजपा-NDA गठबंधन की ही बनेगी

;* झा. डेस्क झारखंड: सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार चंपई सोरेन ने कहा, "भाजपा की ही अधिकांश विधानसभाओं में जीत होगी. इस बात में कोई किंतु-परंतु नहीं है. सरकार भी भाजपा-NDA गठबंधन की ही बनेगी. चुनाव प्रचार के समय से ही संकेत मिल चुके थे... भाजपा गठबंधन के पक्ष में मतदान हुआ है..."
प्रदेश के छः स्वास्थ्य केंद्रों को प्रदान किया गया एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दी बधाई

रायपुर- उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले राज्य के पांच आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र व एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने नवम्बर माह में ही  इन छः स्वास्थ्य केंद्रों  का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में महासमुंद ज़िले के प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र लंबर को 94.24%, नारायणपुर ज़िले के आयुषमान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र करमरी को 91.87% व एड़का को 86.08% के साथ कांकेर जिले के आयुषमान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र अर्रा को 95.03%, तेलगरा को 93.53% व पर्रेकोदो को 89.81% अंक प्राप्त हुए हैं ।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टॉफ को बधाई दी है। उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।  दूरस्थ अंचलों में स्थित शासकीय अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र मिलना इस बात का संकेत है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं सभी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।

राजद ने प्रदेश की NDA सरकार पर ब्लैक पेपर और शिक्षा को रसातल में ले जाने का लगाया आरोप, कही यह बात*
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पटना - राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने NDA सरकार पर ब्लैक पेपर और शिक्षा को रसातल में ले जाने का आरोप लगाया है। आज मीडिया को संबोधित करते हुए राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि राजद शासन काल में खुले विद्यालयों को एनडीए शासनकाल में बंद कर दिया गया। प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक शिक्षकों के पद खाली है। 20 हजार 340 प्राथमिक विद्यालय खोले गए थे। आरजेडी शासन काल मे,12619 विद्यालयों का भवन राजद शासन काल में बना दिया गया था। कहा कि राज्य में अभी कुल 42573 प्राथमिक विद्यालय हैं। जिसमें 20340 प्राथमिक विद्यालय केवल राजद शासन काल में खुले थे। एनडीए की सरकार में एक भी प्राथमिक विद्यालय नहीं खोला गया है। राजद सरकार में नियमित 688157 शिक्षकों के अतिरिक्त 196000 शिक्षामित्र की नियुक्ति की गई थी। श्री गगन ने कहा कि तेजस्वी यादव के सत्ता में रहने के साथ 12000 शिक्षकों की नियुक्ति 70 दिनों में हुआ। राजद के शासनकाल से हटाने के बाद 9 महीने बीत गए हैं अभी तक कोई बहाली नहीं हुई। राज्य में 216 मॉडल विद्यालय में अभी तक 81 विद्यालय का निर्माण नहीं हुआ है यह योजना राजद शासन काल का ही है। राजद शासन काल में जो विद्यालय और स्कूल के लिए काम हुआ एनडीए झूठ बोलकर उसे बदनाम कर रही है। पटना से मनीष प्रसाद
झारखंड में दोनों चरणों के चुनाव हुए समाप्त, झामुमो ने दो तिहाई बहुमत का किया दावा तो भाजपा भी कर रही है सरकार बनाने की पेशकश

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में दोनों चरणों का मतदान हुआ समाप्त। मतदान समाप्ति के साथ ही एग्जिट पोल सामने आने लगे हैं। चार एग्जिट पोल के नतीजों में से 3 में साफतौर पर बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार बनती नजर आ रही है। पहले चरण के लिए 13 नवंबर को मतदान हुई थी और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को मतदान किया गया था। 

 विधानसभा चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को घोषित होंगे। पहले चरण के चुनाव में 66.65% मतदान दर्ज हुआ था तो वही दूसरे चरण 68.45 फीसदी मतदान हुआ। चुनाव परिणाम के घोषित होने से पहले एग्जिट पोल की रिपोर्ट सामने आई। अब राजनीतिक पार्टियों भी अपने-अपने दावे पेश करते नजर आ रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इंडिया गठबंधन को दो तिहाई बहुमत से जीत हासिल करने को बताया। उन्होंने कहा कि झारखंड में 81 विधानसभा अंतर्गत 24 जिला में 11 जिला में भाजपा का खाता तक नहीं खुलेगा। बाकी बचे 13 जिलों में एनडीए गठबंधन के साथ कड़ा संघर्ष रहेगा। 

झारखंड में हुए दोनों चरणों के चुनाव में शहरी मतदाताओं के अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में मतदान ज्यादा हुआ। इसे लेकर सुप्रियो भट्टाचार्य ने ग्रामीण मतदाताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र के लोगों की अपेक्षा ज्यादा रहती है लेकिन जब वोट देने की बारी आती है तो अपना कर्तव्य कहां छोड़ जाते हैं यह समझ से परे है।

झामुमो के दावों के बाद भला बीजेपी कहां चुप रहती, झारखंड में भाजपा के चुनाव सह प्रभारी व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि झारखंड में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनेगी। संसाधनों का उपयोग करके समृद्ध विकसित, सशक्त और घुसपैठिया मुक्त राज्य बनेगा झारखंड। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता और यहां के कार्यकर्ताओं का हमें अद्भुत प्यार और स्नेह मिला है।

बड़बोलापन के कारण महाराष्ट्र में हारी MVA:गिरिराज सिंह बोले- झारखंड चुनाव नतीजों को स्वीकार करते हैं
बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार-यूपी समेत राजस्थान उपचुनाव, झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र में भाजपा की बंपर जीत को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा है कि वहां की जनता ने संजय राउत के बड़बोलापन के कारण महा विकास अघाड़ी को नकार दिया है।

आज यानी शनिवार को बेगूसराय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार उपचुनाव में लालू यादव, तेजस्वी यादव जबकि उत्तर प्रदेश उपचुनाव में अखिलेश यादव का सूपड़ा साफ हो गया है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि जिन राज्यों में उपचुनाव था, उनमें यूपी मजेदार था। लग रहा था कि अखिलेश यादव बाजी मारने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन वे पिछड़ गए। राजस्थान में भी कांग्रेस पिछड़ गई।

गिरिराज सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र में NDA को जो दो तिहाई से ज्यादा वोट मिला है, ये दिखा रहा है कि बड़बोलापन में उद्धव ठाकरे को तो संजय राउत खा गए। महाराष्ट्र की जनता ने उद्धव ठाकरे को नकार दिया और बता दिया कि आखिर असली शिवसेना कौन है।

महाराष्ट्र की जनता ने शरद पवार को भी नकार दिया। महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा का स्ट्राइक रेट लगभग 87-88 फीसदी गया है। अगर पूरे देश का सीटों का चुनाव देखेंगे, तो भी भाजपा को पूरे सीटों का 60 फीसदी से ज्यादा मिला है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि झारखंड में जनता का जो आदेश है, उसे हम कबूलते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जनता ने लालू यादव का सूपड़ा साफ कर दिया। इसके साथ ही यूपी की जनता ने अखिलेश के साथ भी वही काम किया है। संजय राउत की ओर से महाराष्ट्र के रिजल्ट को गलत बताए जाने पर गिरिराज सिंह ने कहा कि झारखंड में आपके पक्ष में नतीजे आए तो ठीक, महाराष्ट्र में NDA के फेवर में रिजल्ट आया तो खराब। गिरिराज सिंह ने कहा कि संजय राउत के बड़बोलेपन के कारण उद्धव ठाकरे समेत महाअघाड़ी का नाश हुआ है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस जीत गई तो बल्ले बल्ले, हिमाचल में जीत गई तो बल्ले बल्ले। लेकिन अगर महाराष्ट्र में चुनाव हार गए तो ईवीएम पर सवाल, ये उनका पुराना डायलॉग है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह के बयान से कल ही लग गया था कि उन लोगों ने हार स्वीकार कर लिया है।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
महाराष्ट्र चुनाव परिणाम: शरद पवार की NCP की सबसे खराब परफॉर्मेंस, अजीत पवार की एनसीपी को मिला जनता का समर्थन

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के रूझान साफ बता रहे हैं कि जनता अजीत पवार की NCP के साथ है. शरद पवार की NCP (SCP) मात्र 13 सीटों पर आगे है. वहीं अजीत पवार की एनसीपी 37 सीटों पर आगे चल रही है. चुनाव परिणाम के ये रुझान बता रहे हैं कि शरद पवार का राजनीति करियर का ग्राफ कितना नीचे पहुंच गया है. यह उनके करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस है.

शरद पवार की NCPSP महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है. दोपहर 1 बजे के रुझानों के मुताबिक, इस गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (SHSUBT) 92 सीट में से 19 पर और शरद पवार की NCPSP 86 में से 13 सीटों पर आगे है. वहीं, कांग्रेस 19 पर आगे चल रही है. इस गठबंधन के उलट रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति (NDA) को बहुमत मिल गया है. गठबंधन की भाजपा 126, शिवसेना 54, अजीत पवार की एनसीपी 38 आगे चल रही है.

राजनीतिक करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस

पार्टी के टूटने के बाद महाराष्ट्र का यह चुनाव शरद पवार और अजीत पवार के लिए अग्नि परीक्षा जैसा था. इस मुकाबले में अजीत बाजी मार ले गए और शरद पवार पीछे छूट गए.महाराष्ट्र में हालिया चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं कि शरद पवार की पार्टी टूटने के बाद वो अपने राजनीतिक करियर के सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गए हैं. साल 2014 के महाराष्ट्र चुनाव में एनसीपी को 41 सीट और 2019 में पार्टी को 54 सीटें मिली, लेकिन आंकड़े शरद पवार के सबसे बुरे दौर की तस्वीर को दिखा रहे हैं.

कैसे कमजोर हुए शरद पवार?

शरद पवार को कमजोर करने की शुरुआत 2 जुलाई, 2023 से हुई, जब अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की. वो एनसीपी के 8 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. उन्हें इसका फायदा मिला और अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली और 8 विधायकों ने मंत्रिपद की. अजित ने यह भी दावा किया उनके पास 40 विधायकों को उनका समर्थन हासिल है. इस बयान के बाद अजित और शरद पवार के खेमे यह जंग शुरू हुई की असली NCP कौन है. यह लड़ाई चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर तक पहुंच गई. दोनों खेमों में एनसीपी पर अपना दावा ठोका. इसे यह अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार के रूप में मैदान में है.

इस तरह पार्टी टूटी और नुकसान बढ़ता गया और हालत यह हो गई कि महाराष्ट्र में शरद पवार का रुतबा तेजी से घटा. जो अब चुनावी आंकड़ों के रूप में दिखाई दे रहा है.

महाराष्ट्र में एनडीए की जीत की संभावना, झारखंड में जेएमएम+ सबसे आगे

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Picture Credit: Business Today

महायुति गठबंधन लगातार तीसरी बार महाराष्ट्र में जीत की ओर अग्रसर दिख रहा है, जबकि जेएमएम और उसकी टीम झारखंड में बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, दोनों राज्यों में स्थिति स्पष्ट होती जा रही है। भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) वर्तमान में महाराष्ट्र में भारत ब्लॉक के खिलाफ मुकाबले में आगे चल रहा है। मतगणना सुबह 8 बजे डाक मतपत्रों के साथ शुरू हुई। जबकि एनडीए, जो दोनों राज्यों में एक टीम के रूप में लड़ रहा है, पश्चिमी राज्य में आरामदायक बढ़त हासिल करने के बाद महाराष्ट्र में भी जीत के लिए तैयार दिख रहा है। झारखंड में भारत ब्लॉक ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है और राज्य में जीत की संभावना है।

महाराष्ट्र चुनाव: महायुति बनाम महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की लड़ाई

महाराष्ट्र में, मुख्य मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन, जिसमें शिवसेना और एनसीपी (अजित पवार) शामिल हैं, और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच है, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एससीपी) शामिल हैं। अधिकांश एग्जिट पोल और राजनीतिक पंडितों ने महायुति गठबंधन के लिए आरामदायक बहुमत की भविष्यवाणी की। हालांकि, अनुमान ने यह भी संकेत दिया कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) परिणामों में मजबूत प्रदर्शन करेगी, लेकिन बहुमत के आंकड़े को पार करने की संभावना बहुत कम है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के अनुसार, महायुति के नेता एक साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि चुनाव परिणाम में बहुमत हासिल करने पर महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम 2024 पश्चिमी राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि यह प्रमुख दलों - शिवसेना और एनसीपी में विभाजन के बाद राज्य में पहला विधानसभा चुनाव है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा नेता विनोद तावड़े के खिलाफ नोट के बदले वोट के आरोप लगे थे। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसे 'नोट जिहाद' करार दिया था। 

झारखंड विधानसभा चुनाव:

एनडीए बनाम भारत की लड़ाई पर सबकी निगाहें झारखंड में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच है, जो अपने काम और वादों पर निर्भर है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को अपने वादों और केंद्र सरकार के कामों पर लोगों का समर्थन मिलने की उम्मीद है।

झारखंड में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) शामिल हैं। इसके विपरीत, झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) शामिल हैं।

झारखंड में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना को लेकर एग्जिट पोल में विभाजन देखने को मिला है। इनमें से कई एग्जिट पोल में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को झामुमो और उनकी टीम पर बढ़त दिखाई गई है। झारखंड में 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों - 13 नवंबर और 20 नवंबर - में मतदान हुआ था।

झारखंड चुनाव परिणाम पर मुख्य अपडेट

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झारखंड में चुनाव में दो प्रमुख गठबंधनों - राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और इंडिया ब्लॉक के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। दोनों पक्षों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित प्रमुख नेताओं का समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने अपनी-अपनी पार्टियों को जीत दिलाने के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया। उनके प्रयासों का उद्देश्य मतदाताओं को प्रभावित करना और अपने गठबंधनों को जीत दिलाना था।

प्रचार के दौरान, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच आदिवासी अधिकार, अप्रवास संबंधी चिंताएँ और भ्रष्टाचार के आरोपों सहित कई मुद्दों पर टकराव हुआ। झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि उसके सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) ने 10 सीटों पर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने दो सीटों पर और चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक सीट पर चुनाव लड़ा।

झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय दल में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) 41 सीटों पर, कांग्रेस 30 सीटों पर, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) छह सीटों पर और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में, JMM-कांग्रेस-RJD गठबंधन ने 81 में से 47 सीटें हासिल कीं, जबकि भाजपा ने 25 सीटें जीतीं। अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन झारखंड विधानसभा में 42 से 53 सीटें हासिल करेगा। हालांकि, एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत का अनुमान लगाया है। 

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) झारखंड विधानसभा चुनाव में एक आश्चर्यजनक तत्व के रूप में उभरा है, जिसके उम्मीदवार छह में से पांच सीटों पर आगे चल रहे हैं, शनिवार को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध रुझानों के अनुसार। पांच विधानसभा सीटों पर आरजेडी उम्मीदवार मौजूदा बीजेपी विधायकों से आगे चल रहे हैं। झारखंड चुनाव परिणाम लाइव: जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार सरयू रॉय ने जमशेदपुर पश्चिम में 16,000 से अधिक वोटों की बढ़त बना ली है। उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के बन्ना गुप्ता को चार राउंड की मतगणना के बाद 11, 371 वोट मिले हैं।

Bihar By-Election Result 2024: बिहार में चार सीटों पर हुए उपचुनाव, जानें कहां कौन आगे

बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझान आने शुरु हो गए हैं. इमामगंज, बेलागंज, तरारी और रामगढ पर उप चुनाव हुए थे. प्रशांत किशोर की एंट्री के बाद ये चुनाव काफी दिलचस्प हो गया था. इन सभी सीटों पर 13 नवंबर को मतदान हुआ था.

बेलागंज विधानसभा: इस सीट पर JDU की मनोरमा देवी रुझानों में 12 हजार मतों से आगे चल रही हैं. इस सीट की बात करें तो एक तरफ RJD नेता और जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव की साख दांव पर है, तो वहीं दूसरी जेडीयू भी ताल ठोक रही है. पहली बार चुनाव लड़ रही प्रशांत किशोर की जन सुराज ने एंट्री लेते ही चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. चुनाव में राजद का समीकरण ध्वस्त करने के लिए जन सुराज ने जहां मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है.

तरारी विधानसभा: तरारी सीट पर NDA के विशाल प्रशांत रुझानों में 6 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर सीपीआई(M) के राजू यादव हैं. सात विधानसभा वाले भोजपुर जिले की तरारी विधानसभा सीट पर भी प्रशांत किशोर ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. माना जा रहा है कि यहां मुख्य रूप से बीजेपी प्रत्याशी विशाल प्रशांत और माले प्रत्याशी राजू यादव के बीच मुकाबला है. प्रशांत किशोर को ऐन मौके पर यहां से अपना प्रत्याशी भी बदलना पड़ा था. नतीजे उनके फेवर में होंगे या नहीं ये देखना दिलचस्प होगा.

इमामगंज विधानसभा: इमामगंज विधानसभा सीट से आरजेडी के रोशन कुमार मांझी रुझानों में आगे चल रहे हैं.इमामगंज विधानसभा सीट पर मुख्य रूप से यहां एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. एनडीए ने यहां से जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी को उम्मीदवार बनाया था, जबकि महागठबंधन से रोशन मांझी उम्मीदवार थे. वहीं जन सुराज ने जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया था.

रामगढ़ विधानसभा:

शुरुआती रुझानों में बसपा के सतीश कुमार सिंह उर्फ पिंटू यादव 13, हजार मतों से आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह हैं.रामगढ़ विधानसभा सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां आरजेडी से अजीत सिंह, बीजेपी से अशोक सिंह, बसपा से पिंटू यादव और जन सुराज से सुशील सिंह कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं.

झारखंड में INDIA गठबंधन लगातार बढ़त बनाते हुए आगे निकल रही है।*

*झारखंड 32/81* NDA :- 15 INDIA :- 17 OTHER :- 0
चम्पई सोरेन का एलान,कोई किंतु-परंतु नहीं सरकार भाजपा-NDA गठबंधन की ही बनेगी

;* झा. डेस्क झारखंड: सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार चंपई सोरेन ने कहा, "भाजपा की ही अधिकांश विधानसभाओं में जीत होगी. इस बात में कोई किंतु-परंतु नहीं है. सरकार भी भाजपा-NDA गठबंधन की ही बनेगी. चुनाव प्रचार के समय से ही संकेत मिल चुके थे... भाजपा गठबंधन के पक्ष में मतदान हुआ है..."
प्रदेश के छः स्वास्थ्य केंद्रों को प्रदान किया गया एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दी बधाई

रायपुर- उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले राज्य के पांच आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र व एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने नवम्बर माह में ही  इन छः स्वास्थ्य केंद्रों  का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में महासमुंद ज़िले के प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र लंबर को 94.24%, नारायणपुर ज़िले के आयुषमान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र करमरी को 91.87% व एड़का को 86.08% के साथ कांकेर जिले के आयुषमान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र अर्रा को 95.03%, तेलगरा को 93.53% व पर्रेकोदो को 89.81% अंक प्राप्त हुए हैं ।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टॉफ को बधाई दी है। उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।  दूरस्थ अंचलों में स्थित शासकीय अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र मिलना इस बात का संकेत है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं सभी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।

राजद ने प्रदेश की NDA सरकार पर ब्लैक पेपर और शिक्षा को रसातल में ले जाने का लगाया आरोप, कही यह बात*
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पटना - राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने NDA सरकार पर ब्लैक पेपर और शिक्षा को रसातल में ले जाने का आरोप लगाया है। आज मीडिया को संबोधित करते हुए राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि राजद शासन काल में खुले विद्यालयों को एनडीए शासनकाल में बंद कर दिया गया। प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक शिक्षकों के पद खाली है। 20 हजार 340 प्राथमिक विद्यालय खोले गए थे। आरजेडी शासन काल मे,12619 विद्यालयों का भवन राजद शासन काल में बना दिया गया था। कहा कि राज्य में अभी कुल 42573 प्राथमिक विद्यालय हैं। जिसमें 20340 प्राथमिक विद्यालय केवल राजद शासन काल में खुले थे। एनडीए की सरकार में एक भी प्राथमिक विद्यालय नहीं खोला गया है। राजद सरकार में नियमित 688157 शिक्षकों के अतिरिक्त 196000 शिक्षामित्र की नियुक्ति की गई थी। श्री गगन ने कहा कि तेजस्वी यादव के सत्ता में रहने के साथ 12000 शिक्षकों की नियुक्ति 70 दिनों में हुआ। राजद के शासनकाल से हटाने के बाद 9 महीने बीत गए हैं अभी तक कोई बहाली नहीं हुई। राज्य में 216 मॉडल विद्यालय में अभी तक 81 विद्यालय का निर्माण नहीं हुआ है यह योजना राजद शासन काल का ही है। राजद शासन काल में जो विद्यालय और स्कूल के लिए काम हुआ एनडीए झूठ बोलकर उसे बदनाम कर रही है। पटना से मनीष प्रसाद
झारखंड में दोनों चरणों के चुनाव हुए समाप्त, झामुमो ने दो तिहाई बहुमत का किया दावा तो भाजपा भी कर रही है सरकार बनाने की पेशकश

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में दोनों चरणों का मतदान हुआ समाप्त। मतदान समाप्ति के साथ ही एग्जिट पोल सामने आने लगे हैं। चार एग्जिट पोल के नतीजों में से 3 में साफतौर पर बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार बनती नजर आ रही है। पहले चरण के लिए 13 नवंबर को मतदान हुई थी और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को मतदान किया गया था। 

 विधानसभा चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को घोषित होंगे। पहले चरण के चुनाव में 66.65% मतदान दर्ज हुआ था तो वही दूसरे चरण 68.45 फीसदी मतदान हुआ। चुनाव परिणाम के घोषित होने से पहले एग्जिट पोल की रिपोर्ट सामने आई। अब राजनीतिक पार्टियों भी अपने-अपने दावे पेश करते नजर आ रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इंडिया गठबंधन को दो तिहाई बहुमत से जीत हासिल करने को बताया। उन्होंने कहा कि झारखंड में 81 विधानसभा अंतर्गत 24 जिला में 11 जिला में भाजपा का खाता तक नहीं खुलेगा। बाकी बचे 13 जिलों में एनडीए गठबंधन के साथ कड़ा संघर्ष रहेगा। 

झारखंड में हुए दोनों चरणों के चुनाव में शहरी मतदाताओं के अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में मतदान ज्यादा हुआ। इसे लेकर सुप्रियो भट्टाचार्य ने ग्रामीण मतदाताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र के लोगों की अपेक्षा ज्यादा रहती है लेकिन जब वोट देने की बारी आती है तो अपना कर्तव्य कहां छोड़ जाते हैं यह समझ से परे है।

झामुमो के दावों के बाद भला बीजेपी कहां चुप रहती, झारखंड में भाजपा के चुनाव सह प्रभारी व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि झारखंड में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनेगी। संसाधनों का उपयोग करके समृद्ध विकसित, सशक्त और घुसपैठिया मुक्त राज्य बनेगा झारखंड। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता और यहां के कार्यकर्ताओं का हमें अद्भुत प्यार और स्नेह मिला है।