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सारा अली खान-सारा तेंदुलकर से नहीं, इस खूबसूरत अभिनेत्री से शादी करने वाले हैं शुभमन गिल?

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा खिलाड़ी शुभमन गिल अपनी शानदार बल्लेबाजी के साथ ही अपने गुड लुकिंग स्टाइल और स्मार्टनेस के लिए भी जाने जाते हैं, यही कारण है कि आए दिन उनसे जुड़ी तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय बनी रहती है। शुभमन गिल ने बल्लेबाजी के साथ ही अपनी खूबसूरती से भी लोगों का दिल जीत है। युवा भारतीय क्रिकेटर लंबे समय से अपनी लव लाइफ को लेकर चर्चाओं का विषय बने हुए हैं पिछले कई समय से उनका नाम क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर के साथ चर्चाओं का विषय रहा है इतना ही नहीं बीच में उनका नाम बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान के साथ में भी चर्चाओं में रहा हैं, लेकिन कभी शुभमन गिल ने दोनों को लेकर ऑफीशियली कोई भी बयान जारी नहीं किया ना ही सारा तेंदुलकर और सारा अली खान ने अपनी ओर से इस इन खबरों को लेकर कोई जवाब दिया। फिलहाल भारतीय टीम T20 वर्ल्ड कप के लिए अमेरिका गई हुई है इस बीच शुभमन गिल एक बार फिर अपने लव लाइफ को लेकर सुर्खियां बटोरते हुए नजर आ रहे हैं लंबे समय से सारा-सारा से नाम जुड़ने के बाद अब शुभ मंगल का नाम टीवी एक्ट्रेस रिद्धिमा पंडित के साथ में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। हालांकि इस रिश्ते को लेकर भी शुभमन दिल ने कोई जानकारी साझा नहीं की है लेकिन सोशल मीडिया पर आप दोनों के रिश्ते को लेकर जमकर चर्चाएं चल रही है जबकि दोनों की उम्र में 9 साल का अंतर देखने को मिलता है शुभमन गिल 24 साल के हैं और अभिनेत्री 33 साल की हैं। खबरें तो यहां भी चल रही है कि शुभ मंगल जल्द ही रिद्धिमा पंडित से शादी करने वाले हैं। सोशल मीडिया पर जाम का सुर्खियां बटोरने वाली अभिनेत्री में आप चल रही इन खबरों को लेकर बड़ा बयान जारी किया है और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जिस तरह से सोशल मीडिया पर खबरें चल रही है पूरी रूप से गलत है। फिलहाल उनका शादी करने का कोई मूड नहीं है इन खबरों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। अभिनेत्री के बयान से यह साफ हो जाता है कि सोशल मीडिया पर चल रही शुभमन गिल और रिद्धिमा पंडित की खबरें गलत है।
क्या मोदी के बाद शिवराज सिंह चौहान बन सकते है देश के प्रधानमंत्री? डिटेल में पढ़िए, सत्ता के गलियारे में क्यों उठा यह सवाल, कितनी है सच्चाई

लोकसभा चुनाव के लिए 6 चरण की वोटिंग हो चुकी है। आज सातवें और आखिरी चरण में 8 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश की 57 सीटों पर वोटिंग हो रही है। इसके नतीजे 4 जून को आएंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार किसकी सरकार बनती है। परंतु दिलचस्प बात ये है कि, अगर भाजपा सत्ता में आई तो प्रधानमंत्री कौन बनेगा। ये सवाल इसलिए उठा क्योंकि साल 2019 में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि 75 साल के ऊपर के सभी नेताओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल 75 साल के हो जाएंगे। हाल ही में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा था कि मोदी जी जवाब दीजिए क्या आप 75 के बाद भी प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे या नहीं? और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए उनके उत्तराधिकारी के रूप में कार्यभार संभालने का रास्ता साफ कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा था कि, इसी के तहत आडवाणी जी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा को रिटायर किया गया. न जाने कितने लोगों की टिकटें काटी गईं। अब बड़ा सवाल ये है कि यदि मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे तो भारत का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? हालाँकि अमित शाह ने ये बात साफ कर दी है कि, 75 साल में रिटायरमेंट का भाजपा के संविधान में कोई जिक्र नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही अपनी तीसरी टर्म पूरी करेंगे। लोगों के मन में ये सवाल भी है कि यदि मोदी पीएम नहीं बनेंगे तो क्या मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है? मध्य प्रदेश की जनता के लाडले शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक इतिहास बहुत ही शानदार रहा है। वे चार बार मध्य प्रदेश, के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं और लोगों के दिलों में उनकी अलग ही छवि है। इस बार विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। शिवराज की महत्वाकांक्षी लाडली बहना जैसी कई योजनाओं ने मध्य प्रदेश की जनता के दिलों में शिवराज के प्रति अलग ही छवि बना ली है। शिवराज सिंह का राजनीतिक इतिहास 1972 में 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुए 1990 में बुधनी विधानसभा से पहली बार विधायक बने। 1992 में भाजपा के प्रदेश महासचिव नियुक्त किए गए। 1993 से 1996 तक श्रम तथा कल्याण समिति के सदस्य बने। 1996 में 11वीं लोकसभा में विदिशा से दूसरी बार संसद सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। 1999 में विदिशा से चौथी बार लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए। 2000 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 2005 में बीजेपी मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2019 में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए। इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान केंद्र में कई विशेष समितियों के सदस्य तथा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पहली बार उन्होंने मध्य प्रदेश में 2005 में सीएम पद की शपथ ली थी, इसके बाद वे चार बार मध्य प्रदेश के सीएम पद को सुशोभित कर चुके हैं। शिवराज सिंह चौहान चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं। यानी सबसे लंबे कार्यकाल वाले। शिवराज सिंह चौहान अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं रहें हैं तो अब उनकी आगे की राह क्या होगी?
पुणे पोर्श दुर्घटना: पुलिस ने आरोपी की मां को गिरफ्तार किया

पुणे शहर की पुलिस ने शनिवार सुबह 19 मई को पोर्श दुर्घटना में शामिल किशोर की मां को दुर्घटना के बाद नाबालिग  के रक्त के नमूने बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया। इस दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी। 19 मई को पुणे के कल्याणीनगर इलाके में मोटरसाइकिल सवार दो लोगों की मौत हो गई थी। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा, "हमने रक्त के नमूने के मामले में मां को गिरफ्तार किया है।" पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि 19 मई को दुर्घटना के बाद किशोर के बदले गए रक्त के नमूने मां के थे या नहीं। पुलिस के अनुसार, किशोर की मां कथित तौर पर सासोन जनरल अस्पताल में रक्त के नमूने में हेराफेरी में शामिल थी, जिसमें पहले से ही दो डॉक्टर और एक अस्पताल कर्मचारी को गिरफ्तार किया जा चुका है।

नवीनतम गिरफ्तारी के साथ, मामले में अब तक परिवार के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में मुख्य आरोपी 17 वर्षीय नाबालिग पहले से ही निरीक्षण गृह में है, जबकि उसके पिता और दादा 14 दिन के न्यायिक हिरासत में हैं। 

पुणे शहर पुलिस विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ड्राइवर को गलत तरीके से बंधक बनाने और दुर्घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए उसे धमकी देने में कथित भूमिका के लिए मां की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने यह भी पुष्टि की कि वे ड्राइवर गंगाधर हेरिक्रब के अपहरण के मामले में उसकी जांच करना चाहते हैं। किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने नाबालिग को दी गई जमानत रद्द कर दी और उसे 5 जून तक निगरानी गृह में भेज दिया। पुलिस का दावा है कि 17 वर्षीय किशोर नशे की हालत में लग्जरी कार चला रहा था, जब यह घातक दुर्घटना हुई।

लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस की करवाई की काफी आलोचना की थी जिसमे की नाबालिग से निबंध लिखाया गया था , लोगों ने कहा की किसी जान लेने जैसा गमगीन अपराध करने की बाद सज़ा के तौर पर प्रशासन निबंध लिखवा कर कैसे इसकी पुस्टि कर सकती है , जिसके बाद खून के सैंपल बदलने का आरोप सामने आया और परिवार को हिरासत में लिया गया।

*कन्याकुमारी में पीएम मोदी की साधना खत्म, 30 मई की शाम से थे ध्यान में लीन
डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान साधना कन्याकुमारी में समाप्त हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल में , उसी जगह पर ध्यान लगाया था, जहां स्वामी विवेकानंद ने साधना की थी. आज सुबह सूर्योदय के समय ‘सूर्य अर्घ्य’ देने के बाद पीएम मोदी ने तीसरे और अंतिम दिन अपनी ध्यान साधना शुरू की थी और दोपहर को समाप्त किया. ‘सूर्य अर्घ्य’ आध्यात्मिक अभ्यास से जुड़ी एक परंपरा है, जिसमें भगवान सूर्य को जल अर्पित कर उन्हें नमन किया जाता है. प्रधानमंत्री ने एक लोटे से समुद्र में सूर्य को जल अर्पित किया और माला जपी. मोदी भगवा वस्त्र पहने हुए थे और उन्होंने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की. वह अपने हाथों में ‘जाप माला’ लेकर मंडपम के चारों ओर चक्कर लगाते दिखे. कन्याकुमारी सूर्योदय और सूर्यास्त के लिए मशहूर कन्याकुमारी सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्यों के लिए मशहूर है और मेमोरियल तट के पास एक छोटे-से टापू पर स्थित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई की शाम को विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान साधना शुरू की थी. पीएम मोदी की साधना पर द्रमुक और कांग्रेस का कटाक्ष प्रधानमंत्री के प्रवास के मद्देनजर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता एवं जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन ने आरोप लगाया कि पर्यटकों को उस क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं है, जिससे स्थानीय व्यवसाय पर गंभीर असर पड़ा है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दावा किया कि इसके अलावा, इस क्षेत्र को जहाजों और विमानों के लिए निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. सेल्वापेरुन्थागई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में ध्यान लगाते हुए मोदी की वीडियो और तस्वीरें जारी करने के लिए भाजपा पर कटाक्ष किया. कांग्रेस नेता ने पोस्ट में कहा, कितनी जगह पर कितने वीडियोग्राफर खड़े थे! स्वामी विवेकानंद मौन हैं.

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान साधना कन्याकुमारी में समाप्त हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल में , उसी जगह पर ध्यान लगाया था, जहां स्वामी विवेकानंद ने साधना की

एग्जिट पोल 2024: नरेंद्र मोदी की हैट्रिक या कांग्रेस की वापसी ? पोलस्टर्स करेंगे अनुमान।

2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षित एग्जिट पोल परिणामों का करेंगे अनुमान। एग्जिट पोल के प्रकाशन पर चुनाव आयोग का प्रतिबंध, जो 19 अप्रैल, 2024 से लागू है, आज शाम 6:30 बजे हट जाएगा। इसके बाद, विभिन्न मीडिया संगठन अपने एग्जिट पोल के निष्कर्षों को तुरंत जारी करेंगे, जो इस उच्च-दांव वाले चुनावी युद्ध के संभावित परिणामों की प्रारंभिक झलक पेश करेंगे। एग्जिट पोल मतदाताओं के मतदान केंद्र से निकलने के तुरंत बाद किए जाने वाले सर्वेक्षण होते हैं। इन पोल का उद्देश्य आधिकारिक परिणाम आने से पहले चुनाव के परिणाम की भविष्यवाणी करना है।

कांग्रेस ने टेलीविजन चैनलों पर किसी भी लोकसभा एग्जिट पोल बहस में भाग नहीं लेने के अपने फैसले की घोषणा की है। कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि मतदाताओं ने अपना वोट डाल दिया है और उनका फैसला सुरक्षित है, उन्होंने कहा कि पार्टी को “टीआरपी के लिए अटकलों और झगड़े में शामिल होने का कोई कारण नहीं दिखता है।” भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने दावा किया कि कांग्रेस का यह निर्णय इस बात की "स्पष्ट पुष्टि" है कि विपक्षी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में हार मान ली है। एक्स पर एक पोस्ट में, नड्डा ने मतदाताओं से शनिवार को मतदान के सातवें और अंतिम चरण में अपना वोट बर्बाद न करने का आग्रह किया, उन्होंने तर्क दिया कि कांग्रेस आमतौर पर तब बाहर हो जाती है जब उसे अनुकूल परिणामों की उम्मीद नहीं होती है, लेकिन अगर उसे लगता है कि उसके पास एक बाहरी मौका भी है, तो उसे चुनाव लड़ने में कोई संकोच नहीं होता।

भाजपा का चुनावी रुख 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के होशियारपुर में एक रैली के साथ अपने व्यापक लोकसभा अभियान का समापन किया। 16 मार्च को चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद से, मोदी ने 206 जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जो 2019 के चुनावों के दौरान उनके 145 कार्यक्रमों से अधिक है। 76-दिवसीय अभियान अवधि के दौरान, उन्होंने सभी पाँच दक्षिणी राज्यों का दौरा किया, जहाँ भाजपा की स्थिति को उन क्षेत्रों में सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया गया जहाँ उसे पहले बहुत कम सफलता मिली थी। रैलियों, रोड शो और 80 मीडिया साक्षात्कारों के माध्यम से मोदी के अथक अभियान ने भाजपा के प्राथमिक वोट-प्राप्तकर्ता के रूप में उनकी भूमिका को उजागर किया। उनके प्रयासों का प्रभाव 4 जून को सामने आएगा, जब चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।

कांग्रेस का चुनावी रुख 

लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए जोरदार अभियान के तहत, पार्टी नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने 100 से अधिक जनसंपर्क कार्यक्रमों में भाग लिया। राहुल गांधी ने सातवें चरण के मतदान के लिए प्रचार के अंतिम दिन पंजाब में प्रचार किया, जबकि प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश के सोलन में रोड शो का नेतृत्व किया। खड़गे ने 100 से अधिक रैलियों, 20 से अधिक प्रेस कॉन्फ्रेंस और 70 से अधिक मीडिया इंटरैक्शन में भाग लिया। राहुल गांधी ने 107 रैलियों और प्रमुख कार्यक्रमों में भाग लिया, और प्रियंका गांधी ने 108 सार्वजनिक बैठकों और रोड शो में भाग लिया, और कई मीडिया साक्षात्कार दिए। प्रियंका गांधी ने रायबरेली और अमेठी पर ध्यान केंद्रित किया क्योंकि उन्होंने 16 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में प्रचार किया। 

एग्जिट पोल कितने सटीक साबित हुए। 

एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए, और हाल के वर्षों में गलत भविष्यवाणियों के उल्लेखनीय उदाहरण सामने आए हैं। हालांकि, 2019 और 2014 के भारतीय आम चुनावों के एग्जिट पोल ने समग्र भावना को लगभग सटीक रूप से पकड़ लिया।

2019 में, एग्जिट पोल ने एनडीए के लिए औसतन 306 सीटें और यूपीए के लिए 120 सीटों की भविष्यवाणी की। एनडीए के लिए वास्तविक परिणाम काफी अधिक थे, जिसने 352 सीटें जीतीं (जिसमें अकेले भाजपा ने 303 सीटें हासिल कीं), जबकि यूपीए ने केवल 93 सीटें जीतीं (जिसमें कांग्रेस को 52 सीटें मिलीं)। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के लिए 352 सीटों की भविष्यवाणी की थी, जबकि न्यूज 24-टुडेज चाणक्य ने भी भाजपा की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की थी।

2019 के लोकसभा चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 303 सीटें जीतीं, जो 2014 की तुलना में 21 ज़्यादा थीं, जबकि कांग्रेस पार्टी 52 सीटों पर सिमट गई। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और वाईएसआरसीपी ने 23-23 सीटें जीतीं, उसके बाद ममता बनर्जी की टीएमसी ने 22, शिवसेना ने 18, जेडी(यू) ने 16, बीजेडी ने 12, बीएसपी ने 10, एसपी ने 5, एनसीपी ने 5 और सीपीआई(एम) ने 3 सीटें जीतीं।

इस बार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के लिए 400 से ज़्यादा सीटों का लक्ष्य रखा है, जबकि भाजपा का लक्ष्य 370 से ज़्यादा सीटें जीतना है।

अगले 24 घंटे में देश के 6 राज्यों में होगी झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने दी जानकारी

डेस्क : दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। इस बीच मौसम विभाग ने देश के छह राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। केरल के कई हिस्सों में गुरुवार को झमाझम बारिश भी हुई। मौसम विभाग ने बताया कि अगले तीन दिन केरल, माहे, उप-हिमालय पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है। इन राज्यों में 115.5 से 204.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा सकती है। 30 मई से लेकर 2 जून तक पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी।

आंधी के साथ यहां हो सकती है बारिश

इसके अलावा नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी आंधी के साथ हल्की से मध्यम स्तर तक बारिश की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, 30 मई से 3 जून तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में, 30 और 31 मई को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में गरज के साथ छिटपुट हल्की वर्षा होने की संभावना है।

राजस्थान और गुजरात में चलेंगी तेज हवाएं

30 मई से 3 जून तक उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में बहुत हल्की बारिश होने की संभावना है। 31 मई से 3 जून तक राजस्थान में धूल भरी आंधी चलने की संभावना है। गुजरात में तेज सतही हवाएं (30-40 किमी/घंटा) चलने की भी संभावना है। 

इन राज्यों में अभी गर्मी से नहीं मिलेगी राहत

मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम राजस्थान, मध्य प्रदेश, विदर्भ, झारखंड और ओडिशा में एक जून तक भीषण गर्मी देखने को मिलेगी। इस दौरान लू भी चलेगी। इन राज्यों में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। मौसम विभाग ने बताया कि इन जगहों पर अधिकतम तापमान 45-50 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है। यहां पर लगभग इतना तापमान रोजाना दर्ज किया जा रहा है। लू और तपती गर्मी से लोग परेशान हैं। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को हल्की बारिश से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली।

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप नेता INDIA गठबंधन की बैठक के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर पहुंचे

डेस्क: लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के मतदान के बीच आज INDIA गठबंधन की बैठक है। बता दें कि इस बैठक में शामिल होने के लिए गठबंधन के नेताओं का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है। AAP पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप नेता INDIA गठबंधन की बैठक के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर पहुंच गए हैं।

इस बैठक में शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, एमके स्टालिन समेत विपक्ष के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे। यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हो रही है। 

आपको बता दें कि विपक्षी INDIA ब्लॉक के घटक दलों के नेता लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन का आकलन करने के साथ-साथ चुनाव नतीजों के बाद की अपनी रणनीति बनाने के लिए आज एक बैठक करने जा रहे हैं.

अमेरिकी वैज्ञानिकों का दावा- 2014 में पृथ्वी से टकराया था एलियन ऑब्जेक्ट, इससे एलियन मिलने की संभावना बढ़ी

डेस्क : दुनिया भर के वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के अलावा भी ब्रह्मांड में कहीं और जीवन हो सकता है। वैसे तो आज तक इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है, लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिकों ने हाल ही में चौंकाने वाला दावा किया है। उनका कहना है कि 2014 में पृथ्वी से जो उल्कापिंड टकराया था, वो हमारे सौरमंडल का नहीं था।

अमेरिकी स्पेस एजेंसी यूएस स्पेस कमांड (USSC) ने पिछले हफ्ते ही एक ट्वीट में यह जानकारी दी है। हावर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक आमिर सिराज और अब्राहम लोएब का दावा है कि जनवरी 2014 में धरती से टकराने वाला उल्कापिंड किसी दूसरे सौरमंडल से आया था। उन्हें इस बात पर 99.999% विश्वास है। USSC के मुताबिक, ये पत्थर सच में एक इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट ही था।

2.1 लाख किमी की रफ्तार से टकराया था पत्थर

पृथ्वी से टकराने वाले उल्कापिंड का साइज 1.5 फीट था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पत्थर 1,30,000 मील प्रति घंटे या 2,10,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती से टकराया था। हमारे ग्रह में प्रवेश करते समय इसे पापुआ न्यू गिनी देश के आसमान में टूटते तारे के समान चमकता हुआ देखा गया था। माना जाता है कि यह पत्थर ध्वस्त होकर प्रशांत महासागर में जा गिरा था। यदि इसके टुकड़े मिल जाते हैं तो वैज्ञानिक इसकी उत्पत्ति के बारे में और बेहतर रिसर्च कर पाएंगे।

पहले भी पाया जा चुका है एलियन ऑब्जेक्ट

अब तक ओउमुआमुआ नाम के ऑब्जेक्ट के ही एलियन होने की पुष्टि हुई है। यह सितंबर 2017 में सूर्य के पास से गुजरा था। पृथ्वी से इसकी दूरी 21 मिलियन मील या 33 मिलियन किलोमीटर थी। ये एक पत्थर था या एलियंस की टेक्नोलॉजी का हिस्सा, वैज्ञानिकों को इस बात का कोई अंदाजा नहीं है।

हर एक दशक में पृथ्वी से टकराते हैं एलियन ऑब्जेक्ट

रिसर्चर्स सिराज और लोएब का कहना है कि लगभग हर 10 साल में पृथ्वी से एलियन ऑब्जेक्ट टकराते हैं। इसका मतलब, धरती के अब तक के जीवन में उससे 450 मिलियन एलियन पत्थर टकरा चुके हैं। वैज्ञानिकों का तो यह भी मानना है कि इन पत्थरों में हमें एलियंस के जीवन से जुड़े सबूत मिल सकते हैं।

तुर्की ने सीरिया में किया घातक ड्रोन हमला, एयरस्ट्राइक में अमेरिका समर्थित चार लड़ाके ढेर

डेस्क: उत्तरी सीरिया में तुर्की ने घातक ड्रोन हमला किया है। तुर्की ने यह हमला शुक्रवार शाम को किया। इस ड्रोन हमले में अमेरिका समर्थित चार लड़ाके मारे गए हैं। जबकि 11 नागरिक घायल हो गये। घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। कुर्द की अगुवाई वाले बल ने यह जानकारी दी। 

अमेरिका समर्थित एवं कुर्द की अगुवाई वाले ‘सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ)’ पर इस हमले से एक दिन पहले ही तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था कि कुर्द की अगुवाई वाले समूह यदि स्थानीय चुनाव कराने की अपनी योजना पर आगे बढ़ते हैं तो उनकी सरकार उन पर कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी ।

अमेरिकी लड़ाकों की मौत से वाशिंगटन भी हरकत में आ गया है। तुर्की की सरकार का आरोप है कि इन समूहों का तुर्किये में प्रतिबंधित कुर्द उग्रवादियों के साथ संबंध है। एसडीएफ ने कहा कि ड्रोन ने कामिशली और उसके आसपास उसके परिसरों तथा आम लोगों के मकानों एवं वाहनों पर आठ बार प्रहार किया। उत्तरी सीरिया में तुर्की के ऐसे हमले असामान्य नहीं हैं। ‘

एंबुलेंस पर भी हमला

कुर्दिश रेड क्रीसेंट’ ने कहा कि जब उसके अर्धचिकित्साकर्मी हमले वाले क्षेत्रों में पहुंचने की कोशिश कर रहे थे तब भी तुर्की ने उसकी एक एंबुलेंस को निशाना बनाया। उसने कहा कि यह हमला कामिशली के पश्चिम अमौदा शहर के समीप हुआ। अभी तुर्की की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया है। सीरिया के उत्तरी एवं पूर्वी हिस्सों पर काबिज कुर्द के नेतृत्व वाले स्वायत्त प्रशासन ने 11 जून को निगम चुनाव कराने की घोषणा की है।

चुनावी नतीजों से पहले साजिश का खुलासा! इजरायली कंपनी AI की मदद से चला रही थी BJP के खिलाफ एजेंडा*

डेस्क: लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण के लिए वोटिंग कल शाम पूरी हो जाएगी. जबकि, 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे भी सामने आ जाएंगे. इस बीच एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. जिसमें अमेरिकी कंपनी ओपन एआई ने दावा किया है कि उसने उन खुफिया अभियानों को विफल कर दिया है, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल का इस्तेमाल कर लोकसभा चुनाव के नतीजे प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ये खुलासा लोकसभा चुनावों के रिजल्ट घोषित होने से ठीक 4 दिन पहले हुआ है. ओपन एआई की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक इजरायली कंपनी ने “भारत पर केंद्रित टिप्पणियां तैयार करना शुरू कर दिया, जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी पार्टी की आलोचना की गई और विपक्षी कांग्रेस पार्टी की प्रशंसा की गई. वहीं, "जीरो ज़ेनो" नाम के गुप्त ऑपरेशन में कनाडा, अमेरिका, इजरा/ल और घाना सहित कई क्षेत्रों में जनता की राय को प्रभावित करने के लिए फर्म द्वारा किए गए एक बड़े प्रयास का हिस्सा था. लोकसभा चुनावों में बाधा डालने की हो रही थी कोशिश वहीं, रिपोर्ट में पता चला है कि लोकसभा चुनावों पर केन्द्रित गतिविधि की मई में सूचना दी गई थी, और नेटवर्क का संचालन इजरायल की एक राजनीतिक अभियान प्रबंधन फर्म STOIC की ओर से किया जा रहा था. ओपन एआई की रिपोर्ट में ऐसे अभियानों का हवाला दिया गया है जिनमें खुफिया कामों के लिए एआई का इस्तेमाल किया गया था, जिनका उपयोग जनता की राय में हेरफेर करने या राजनीतिक परिणामों को प्रभावित करने के लिए किया गया था. AI की मदद से चलाया गया बीजेपी विरोधी एजेंडा इजरायल से संचालित कई अकाउंट का इस्तेमाल खुफिया अभियानों के लिए कंटेंट बनाने और एडिटिंग करने के लिए किया गया था. यह कंटेंट एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वेबसाइट और यूट्यूब पर शेयर किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया कि मई की शुरुआत में इस नेटवर्क ने अंग्रेजी भाषा के कंटेंट के साथ भारत में दर्शकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. देश के लोकतंत्र के लिए खतरनाक खतरा- राजीव चंद्रशेखर इंडिया टुडे की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ये बिल्कुल स्पष्ट और प्रत्यक्ष है कि बीजेपी कुछ भारतीय राजनीतिक दलों की ओर से फैलाई जा रही गलत सूचना और विदेशी हस्तक्षेप का निशाना थी. केंद्रीय मंत्री ने इसे देश के लोकतंत्र के लिए "खतरनाक खतरा" बताया है. उन्होंने कहा कि ये साफ है कि भारत और बाहर निहित स्वार्थी तत्व इसके पीछे हैं और इसकी गहन जांच कर पर्दाफाश किए जाने की आवश्यकता है. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इस समय मेरा विचार यह है कि इन प्लेटफार्मों को इसे बहुत पहले जारी करना चाहिए था और चुनाव खत्म होने में इतनी देर नहीं करनी चाहिए थी.