*गर्मियों में मछली पालकों को विशेष ध्यान देने की है जरूरत*
गोंडा- गर्मियों में मछली पालन करने वाले किसानों को खास ध्यान रखना होता है। गर्मियों के मौसम में किसान जिस तालाब में मछलियों का पालन करते हैं, उसका पानी गर्म हो जाता है और धीरे-धीरे तालाब सूखने भी लगता है। कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर के मत्स्य वैज्ञानिक डॉ. ज्ञानदीप गुप्ता ने बताया कि गर्मी के मौसम में मछली पालन में किसानों को नुकसान न हो, इसके लिए उन्हें कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा।
मछली पालन में किसानों के रखना है इन बातों का ख्यालः-
-तालाब का पानी बदलते रहने चाहिए। इसके साथ ही तालाब में पानी का लेवल पांच फुट से लेकर साढ़े पांच फुट तक बनाये रखना चाहिए। पानी में ऑक्सीजन का लेवल बनाये रखने के लिए उसमें चूना मिला देना चाहिए। तापमान बढ़ने से पानी गर्म होता है और उसमें ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। चूना ऑक्सीजन के लेवल को मेंटेन रखता है।
-मछलियों को एक तालाब से दूसरे तालाब में शिफ्ट करना बेहतर है।
-गर्मियों के मौसम में मछलियों को कई बीमारियां भी हो जाती हैं। बीमारियों से बचाव के लिए तालाब के पानी में पोटेशियम परमैग्नेट का छिड़काव करना चाहिये, साथ ही तालाब में ऑक्सीजन की मात्रा भी सही रहती है।
-गर्मी के मौसम में अगर तालाब में ज्यादा मछली हो गई है तो फिर किसानों को उन्हें एक तालाब में नहीं रखना चाहिए । कुछ मछलियों को निकालकर दूसरे तालाब में शिफ्ट कर देना चाहिए, ताकि उन्हें कोई समस्या न हो।
-गर्मी में मछलियों के भोजन में खास ध्यान रखना होता है। इस मौसम में उन्हें सूखा खाना नहीं देना चाहिए। इसके लिए ताजे पानी में थोड़ा सा मीठा घोलकर और उसमें विटामिन सी मिलाकर मछलियों को आहार के रूप में देना चाहिये।
मछली पालन कर रहे किसान अगर इन बातों को ध्यान रखेंगे तो उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने बताया कि मत्स्य तालाबों के बंधों पर अरहर की बुवाई करके किसान भाई बंधों की मिट्टी के कटाव को रोक सकते हैं, साथ ही अरहर का अतिरिक्त उत्पादन भी प्राप्त कर सकते हैं।
Jun 01 2024, 17:33