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2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने बहाया खूब पसीना, 75 दिनों में 206 रैलियां और रोड शो, 80 इंटरव्यू

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लोकसभा चुनाव का प्रचार थमने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कन्याकुमारी में ध्यान में लीन हैं। पीएम मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में 45 घंटे के ध्यान में बैठे है। फनका ये ध्यान 75 दिनों की जी-तोड़ मेहनत के बाद शुरू हुआ है। दरअसल, 16 मार्च को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किए जाने के बाद से कुल 206 जनसभाएं और रोड शो किए। पीएम मोदी ने रैलियां और रोड शो के अलावा रिकॉर्ड स्तर पर मीडिया कर्मियों को इंटरव्यू दिए हैं, जिनकी संख्या 80 है। अपने तीसरे टर्म के लिए पीएम मोदी ने खूब पसीना बहाया है। जिसके बाद अब ने 45 घंटे के लिए ध्यान की मुद्रा में हैं।

औसतन प्रतिदिन एक से अधिक साक्षात्कार दिए

पीएम मोदी ने गुरुवार को पंजाब के होशियारपुर में रैली के साथ अपने चुनाव प्रचार का समापन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 16 मार्च को कन्याकुमारी से ही अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। बीते 75 दिनों में प्रधानमंत्री ने 206 चुनावी कार्यक्रमों में शिरकत की। इनमें चुनावी रैलियां-रोड शो शामिल हैं। इनके अलावा पीएम मोदी ने विभिन्न मीडिया संस्थानों को 80 के करीब इंटरव्यू भी दिए हैं। मतदान शुरू होने के बाद से औसतन उन्होंने प्रतिदिन एक से अधिक साक्षात्कार दिए हैं।

2019 के मुकाबले ज्यादा रैलियां

2024 में उन्होंने ज्यादा चुनाव प्रचार किया और जनसभाओं को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने इससे पहले 2019 के चुनावों के दौरान लगभग 145 रैलियां और रोड में हिस्सा लिया था। इस बार चुनाव प्रचार का समय 75 दिनों का था, जबकि पांच साल पहले चुनाव में 68 दिन थे। निर्वाचन आयोग ने जब चुनावों की घोषणा की थी तो पीएम मोदी दक्षिण भारत के राजनीतिक दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने 15 मार्च से 17 मार्च के बीच तीन दिनों में दक्षिण भारत के सभी पांच राज्यों को कवर किया था। 

इन राज्यों पर रहा फोकस

पीएम मोदी ने जिन राज्यों में सबसे ज्यादा प्रचार किया, उनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और ओडिशा का नाम प्रमुख है। अपने विभिन्न इंटरव्यू में पीएम मोदी ने दावा किया कि भाजपा इन आम चुनाव में बंगाल में अच्छा प्रदर्शन करेगी और राज्य में अधिकतम सीटों पर जीत दर्ज करेगी। विपक्ष के संविधान में बदलाव के आरोपों पर पीएम मोदी ने कहा कि जब तक वह जीवित हैं, तब तक कोई भी संविधान के मूल सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। पीएम मोदी ने संविधान में संशोधन को लेकर कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा किया।

तीसरे टर्म के पहले 125 दिन का रोडमैप तैयार

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के लिए खूब मेहनत की है। इसके अलावा उन्होंने अपने थर्ड टर्म के पहले 125 दिनों का रोडमैप तैयार कर लिया है। उनका कहना है कि सरकार बनते ही, तीसरे टर्म में अगले 125 दिन में क्या होगा, सरकार क्या करेगी, सरकार कैसे करेगी, सरकार किसके लिए करेगी, सरकार कब तक करेगी, इसके रोडमैप पर काम कर लिया गया है। इसमें भी 25 दिन विशेष तौर पर युवाओं के लिए केंद्रित किए गए हैं, अगले 5 साल में कौन से बड़े निर्णय लेने हैं, इसकी भी रूपरेखा खींची जा चुकी है। अगले 25 साल के विजन पर भी उनकी सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है।

4 जून को घोषित होंगे नतीजे

प्रधानमंत्री मोदी के इस धुआंधार चुनाव प्रचार का जनता पर कितना असर रहा, इसका पता तो 4 जून को ही लगेगा जब चुनाव परिणाम घोषित होंगे। करीब 73 साल की उम्र में मोदी ने जितनी सभाएं की और जो दूरी तय की, इस मामले में उनके नजदीक भी कोई नेता नहीं टिकता। वह अपनी पार्टी के लिए मतदाताओं को आकर्षित वाला सबसे बड़ा आकर्षण रहे। इस दौरान दिए गए भाषणों के लिए आलोचकों ने उनकी आलोचना भी की तो भाजपा के उत्साही समर्थकों का जोश भी बढ़ा।

कन्याकुमारी में विवेकानंद की प्रतिमा के सामने पीएम मोदी का 45 घंटे का ध्यान, विरोध में विपक्ष पहुंचा चुनाव आयोग
#modi_45_hour_meditation_session_in_kanniyakumari_vivekananda_rock_memorial प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में 45 घंटे का ध्यान शुरू हो गया है।75 दिनों की लंबी चुनावी प्रक्रिया के बाद कल शाम जब प्रचार का शोर थमा तो प्रधानमंत्री ध्यान लगाने के लिए कन्याकुमारी पहुंच गए। पीएम मोदी कल देर शाम से विवेकानंद रॉक मेमोरियल में मेडिटेशन कर रहे हैं। वे एक जून की शाम तक विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यानमग्न रहेंगे। आज उनके ध्यान का दूसरा दिन है। 30 मई को लोकसभा चुनाव का शोर थमते ही पीएम मोदी कन्याकुमारी पहुंचे। सबसे पहले वो भगवती अम्मन गए। दक्षिण भारतीय पारंपरिक वस्त्र में वो नंगे पांव हाथ जोड़ते हुए पीएम मोदी मंदिर के अंदर गए। इसके बाद मंदिर में मौजूद पुजारियों ने पीएम को विधिवत पूजा कराई। वो शाम की आरती में शामिल हुए। मंदिर की परिक्रमा की। पुजारियों ने उन्हें अंगवस्त्र दिया। पीएम मोदी को देवी मां की एक तस्वीर भी भेंट की गई। बता दें कि अम्मन मंदिर 108 शक्ति पीठों में एक है। ये मंदिर करीब 3000 साल पुराना है।अम्मन मंदिर में पूजा पाठ के बाद प्रधानमंत्री मोदी एक बोट से विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम पहुंचे। ध्यान मंडपम में उन्होंने विवेकानंद और राम कृष्ण परमहंस के सामने हाथ जोड़े। फूल चढ़ाए। इसके बाद पीएम मोदी ध्यान साधना में बैठ गए। कई मायनों में खास है ये स्थल पीएम मोदी के ध्यान का एक वीडियो सामने आया है, वीडियो में पीएम मोदी भगवा कुर्ता और गमछे में दिख रहे हैं। वे स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के समक्ष बैठकर ध्यान कर रहे हैं। उनके हाथों में माला है और ओम की आवाज गूंज रही है। इस ध्यान मंडपम की खास बात यह है कि यह वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद ने देश भ्रमण के बाद तीन दिनों तक ध्यान किया था। समुद्र तट से करीब 500 मीटर दूर स्थित चट्टान पर विवेकानंद 24 दिसंबर 1892 को तैर कर पहुंचे थे। 25 से 27 दिसंबर तक उन्होंने इसी चट्टान पर ध्यान किया था। यहीं उन्होंने विकसित भारत का सपना देखा था। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर देवी पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर साधना की थी। ध्यान को लेकर विपक्ष के निशाने पर पीएम वहीं, पीएम मोदी के ध्यान को लेकर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है। कांग्रेस का कहना है कि ये चुनाव आचार संहिता का सीधा- साधा उल्लंघन है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अपील की है कि ये सुनिश्चित किया जाए कि मीडिया द्वारा मोदी के इस ध्यान लगाने के कार्यक्रम का प्रसारण न किया जाए। इतना ही नहीं टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि यदि पीएम मोदी का ध्यान कार्यक्रम प्रसारित हुआ तो पार्टी चुनाव आयोग से शिकायत करेगी।सीपीआईएम ने तो मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पत्र लिखते हुए PM के मेडिटेशन के दौरान इससे जुड़ी खबरों का प्रसारण पर लगाई जाए। विपक्ष के इस हंगामे के बीच आइए जानते हैं कि क्या पीएम मोदी का ध्यान लगाना सच में आचार संहिता का उल्लंघन है।
स्कैंडल में फंसे जेडीएस सांसद देश पहुंचते ही प्रज्जवल रेवन्ना गिरफ्तार, आज होगी कोर्ट में पेशी*
#prajwal_revanna_arrest_medical_today_sit_team_court
कर्नाटक सेक्स स्कैंडल केस में आरोपी प्रज्वल रेवन्ना को गिरफ्तार कर लिया गया है। जर्मनी के म्यूनिख से बंगलूरू हवाई अड्डे पर पहुंचते ही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देर रात प्रज्ज्वल को गिरफ्तार कर लिया। सेक्स स्कैंडल में फंसे प्रज्वल रेवन्ना करीब 34 दिनों बाद जर्मनी से वापस आ गए हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि वह 31 मई को जांच टीम के सामने पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके खिलाफ मामले झूठे हैं और हासन में राजनीतिक ताकतें काम कर रही हैं। कई महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना को आज तड़के बेंगलुरु पहुंचने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।एसआईटी की टीम अब उनसे पूछताछ करेगी और आज ही उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। एक दिन पहले ही बेंगलुरु की एक अदालत ने बलात्कार और यौन शोषण के मामले में प्रज्वल रेवन्ना की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की थी। प्रज्वल जद (एस) सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते हैं। यौन उत्पीड़ का आरोप लगने के छह दिन बाद और हसन लोकसभा सीट पर वोटिंग एक दिन बाद 27 अप्रैल को रेवन्ना देश छोड़कर चले गए थे। रेवन्ना ने अपने राजनयिक पासपोर्ट पर म्यूनिख के लिए उड़ान भरी थी। करीब 34 दिनों बाद वह बेंगलुरु लौटे हैं। इससे पहले कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को कहा था कि प्रज्वल रेवन्ना अगर देश नहीं लौटते हैं, तो उनके पासपोर्ट को रद्द करने जैसी कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर गुरूवार को कई महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने ‘हासन चलो’ मार्च में शिरकत की व आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले की निष्पक्ष जांच की भी मांग की। इस मार्च का आयोजन ‘नवेड्डु निलादिद्दरे’ नामक मानवाधिकार समूह द्वारा किया था। इसमें राज्य भर से महिलाओं, श्रमिकों, किसानों और दलितों ने हिस्सा लिया।
*‘1 जून के दिन नया रिकॉर्ड बनाना है’पीएम मोदी ने काशी की जनता से की खास अपील

#pm_modi_message_to_people_of_kashi_before_the_last_phase_of_voting

1 जून को लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण का मतदान होना है।लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में यूपी की वाराणसी सीट पर भी वोटिंग होनी है। यहां से मौजूदा बीजेपी सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं।ऐसे में पीएम मोदी ने काशी की जनता से खास अपील की है।पीएम मोदी ने आखिरी चरण की वोटिंग से पहले काशी की जनता के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया। इस वीडियो संदेश के जरिए उन्होंने काशी की जनता से ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान की अपील की है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, मुझे याद है, मेरे नामांकन वाले दिन युवा पीढ़ी बहुत उत्साहित थी। अब यही उत्साह हर बूथ पर दिखे, मेरा यही आग्रह है। अब काशी के विकास को नई ऊंचाई देने का अवसर है, ये तभी हो पाएगा जब काशी के लोग 1 जून को अधिक से अधिक मतदान करेंगे। काशी के युवा, नारी शक्ति और किसानों से विशेष आग्रह है। आप लोगों का एक-एक वोट मेरी शक्ति को बढ़ाएगा, मुझे नई ऊर्जा देगा। आप लोगों को याद रखना है कि पहले मतदान फिर जलपान।

भोजपुरी में बोलते हुए उन्होंनेकहा है कि काशी के लिए इस बार का चुनाव नवकाशी के साथ ही विकसित भारत के निर्माण का भी चुनाव है। काशी के लोगों को 1 जून के दिन नया रिकॉर्ड बनाना है। लोकसभा चुनाव के मतदान का दिन आ गया है। मेरे लिए काशी भक्ति, शक्ति और विरक्ति की नगरी है। काशी विश्व की सांस्कृतिक राजधानी है, संगीत की धरती है।

इससे पहले पंजाब के होशियारपुर की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘संविधान-संविधान की रट लगाने’ के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उसने आपातकाल के दौरान संविधान का ‘गला घोंट’ दिया था तथा जब 1984 के दंगों में सिखों की हत्या हो रही थी तब उसने संविधान की परवाह नहीं की। उन्होंने कहा कि चुनावी रैली में कहा, ‘‘जब 84 के दंगों में सिखों के गले में टायर बांधकर जलाया जा रहा था, तब इन्हें संविधान की नहीं सूझी।’’ होशियारपुर से पार्टी उम्मीदवार अनीता सोम प्रकाश और आनंदपुर साहिब से उम्मीदवार सुभाष शर्मा के पक्ष में यहां आयोजित रैली में प्रधानमंत्री ने आरक्षण, भ्रष्टाचार और राम मंदिर के मुद्दों पर भी बात की।

जम्मू के अखनूर में बड़ा हादसा, श्रद्धालुओं से भरी बस खाई में गिरी, 20 की मौत

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जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में गुरुवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां श्रद्धालुओं को लेकर जा रही एक बस सड़क से फिसलकर खाई में गिर गई। इस हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई।जबकि कई यात्री घायल हो गए। बताया जा रहा है कि जिले के कालीधर क्षेत्र में यह बस सड़क से फिसलकर करीब 150 फुट गहरी खाई में जा गिरी। जिसमें 20 लोगों ने अपनी जान गंवा दी।बताया जा रहा है कि 25 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया हैष सभी को नजदीक के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश नंबर की बस जम्मू से शिवखोड़ी के लिए जा रही था। इस दौरान अखनूर के टूंगी मोड़ में गहरी खाई में जा गिरी। बताया जा रहा है कि बस में लगभग 60 से अधिक यात्री सवार थे। बस के गहरी खाई में गिरने की सूचना मिलते ही स्‍थानीय प्रशासन का पूरा अमला मौके पर पहुंच गया और तत्‍काल बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। मौके पर एसडीएम अखनूर लेखराज, एसडीपीओ अखनूर मोहन शर्मा, थाना प्रभारी अखनूर तारिक अहमद पर पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्य चलाया।

हादसा इतना भीषण था कि मृतकों की लाशें बस में फंस गई थीं जिसके बाद रेस्क्यू टीम ने मुश्किल से लोगों को निकाला है। स्थानीय लोगों ने भी रेस्क्यू में मदद की है। बस के खाई में गिरने के बाद तुरंत स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस और स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जिसके बाद लोगों को मुश्किल से बस के अंदर से निकाला गया और हॉस्पिटल भेजा गया है।

होटल मालकिन जया शेट्टी की हत्या में छोटा राजन दोषी करार, 23 साल बाद हुआ इंसाफ

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मुंबई की एक विशेष अदालत ने होटल व्यवसायी जया शेट्टी की हत्या के मामले में गैंगस्टर छोटा राजन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जया शेट्टी की चार मई 2001 को उनके होटल में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामलों के विशेष न्यायाधीश एएम पाटिल ने राजन को हत्या के लिए भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया।जिसके बाद सजा का ऐलान भी कर दिया गया। जया शेट्टी मध्य मुंबई के गामदेवी में गोल्डन क्राउन होटल की मालकिन थीं। मुंबई की एक मकोका कोर्ट के विशेष न्यायधीश एम एम पाटिल ने राजन को दोषी ठहराया।

छोटा राजन गिरोह की ओर से जबरन वसूली की धमकियों का सामना कर रहीं जया शेट्टी को गिरोह के दो कथित सदस्यों ने 4 मई 2001 को होटल की पहली मंजिल पर गोली मार दी थी। छोटा राजन गिरोह से जबरन वसूली की धमकी मिलने की सूचना के बाद होटल व्यवसायी को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई थी। लेकिन हमले से दो महीने पहले शेट्टी के अनुरोध पर उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी।

4 मई 2001 को फिरौती देने से इनकार करने पर ग्रांट रोड के गोल्डन क्राउन होटल में राजन के गुर्गों ने जया शेट्टी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राजन गैंग ने रवि पुजारी के जरिए जया शेट्टी से 50 करोड़ की फिरौती मांगी थी। इस मामले में अन्य आरोपी अजय मोहिते, प्रमोद धोंडे और राहुल पावसरे को वर्ष 2013 में दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अब छोटा राजन को उम्र कैद की सजा मिली है। 

अक्टूबर 2015 में इंडोनेशिया में गिरफ्तारी के बाद भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद छोटा राजन फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।कभी दाऊद इब्राहिम का करीबी रहा छोटा राजन 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के बाद दाऊद गैंग से अलग हो गया था।

मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला, बोले-इतनी नफ़रत फ़ैलाने वाला पीएम नहीं देखा

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर समाज के एक खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए "घृणास्पद, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने" का आरोप लगाया। 1 जून को लोकसभा चुनाव के सातवें चरण से पहले पंजाब के मतदाताओं को लिखे पत्र में सिंह ने मतदाताओं से अपील की कि उनके पास "यह सुनिश्चित करने का एक आखिरी मौका है कि लोकतंत्र और हमारा संविधान निरंकुश शासन के बार-बार हमलों से सुरक्षित रहे, जो भारत में तानाशाही फैलाने की कोशिश कर रहा है।"मनमोहन सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने सबसे घिनौने तरीके से नफरत फैलाने वाले भाषण दिए।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने सार्वजनिक चर्चा की गरिमा को गिराया" मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चा पर बारीकी से नज़र रख रहा हूँ। मोदी जी ने सबसे घिनौने तरीके से नफरत फैलाने वाले भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी हैं। मोदी जी सार्वजनिक चर्चा की गरिमा और इस तरह प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को कम करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं," सिंह ने कहा।

 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, "इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इस तरह के घृणित, असंसदीय और असभ्य शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने मेरे नाम पर कुछ झूठे बयान भी लगाए हैं। मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया। यह भाजपा का एकमात्र कॉपीराइट है।" प्रधानमंत्री मोदी ने सिंह पर यह कहने का आरोप लगाया था कि "देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानो का है "।

 पूर्व प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों पर अग्निवीर योजना लागू करने के लिए भाजपा की आलोचना की और इसे गलत बताया। उन्होंने भाजपा पर देशभक्ति, बहादुरी और सेवा को केवल चार साल तक सीमित करके कमतर आंकने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने "नकली राष्ट्रवाद" कहा। "नियमित भर्ती के लिए प्रशिक्षित लोगों को निवर्तमान शासन द्वारा बुरी तरह से धोखा दिया गया। पंजाब का युवा, किसान का बेटा, जो सशस्त्र बलों के माध्यम से मातृभूमि की सेवा करने का सपना देखता है, अब केवल 4 साल के कार्यकाल के लिए भर्ती होने के बारे में दो बार सोच रहा है। अग्निवीर योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने अग्निवीर योजना को खत्म करने का वादा किया है," उन्होंने कहा।

जानें महात्मा गांधी को लेकर पीएम मोदी ने ऐसा क्या कहा की मच गया बवाल, विपक्ष ने खोला मोर्चा

#pmmodicommentsonmahatma_gandhi

देश में लोकसभा चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। सात चरणों में होने वाले चुनाव में छह टरणों की वोटिंग खत्म हो चुकी है। अब बसआखिरी दौरे के लिए वोट डाले जाने हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बयान दिया है, जिसपर बवाल मच गया है। विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने पीएम मोदी के किलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू के दौरान कहा है कि 1982 से पहले महात्मा गांधी को कोई नहीं जानता था।पीएम का दावा है कि रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' के रिलीज के बाद दुनिया ने महात्मा गांधी को जाना। 

समाचार चैनल एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है, "दुनिया में महात्मा गांधी एक बहुत बड़े महान आत्मा थे। क्या इस 75 साल में हमारी जिम्मेवारी नहीं थी क्या कि पूरी दुनिया महात्मा गांधी को जानें। कोई नहीं जानता है, माफ करना मुझे। पहली बार जब गांधी फिल्म बनी तब दुनिया में क्यूरिओसिटी हुई कि अच्छा ये कौन है? हमने नहीं किया जी। इस देश का काम था..." पीएम मोदी ने आगे कहा,"अगर मार्टिन लूथर किंग को दुनिया जानती है, अगर हमारे साउथ अफ्रीका के नेल्सन मंडेला जी को दुनिया जानती है, गांधी जी किसी से कम नहीं थे जी। ये मानना पड़ेगा जी। मैं दुनिया घूमने के बाद कह रहा हूं कि गांधी को और गांधी के माध्यम से भारत को तवज्जो मिलनी चाहिए थी।"

पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार

महात्मा गांधी को लेकर दिए गए पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से पलटवार किया गया है। पीएम मोदी के बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बयान दिया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, इन्होंने (पीएम नरेंद्र मोदी) अगर पढ़ा होता या पढ़े होते तो ऐसी बात महात्मा गांधी के बारे में नहीं बोलते। 80 से 90 देशों में उनका स्टैच्यू है। महात्मा गांधी ने जो काम किया उसके बारे में उन्हें पता नहीं तो उन्हें संविधान के बारे में भी पता नहीं होगा। गरीबों की वो बात करते थे। वो आजादी की विकास की बात करते थे।

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी के बयान पर तंज कसा है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सिर्फ 'एंटायर पॉलिटिकल साइंस' के छात्र को ही महात्मा गांधी के बारे में जानने के लिये फिल्म देखने की ज़रूरत रही होगी।"

विपक्ष ने खोला मोर्चा

वहीं, तृणमूल कांग्रेस की नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने पीएम मोदी के इस बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, "कोई गांधी को नहीं जानता था।"

केरल कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी की 1930 के दशक में लंदन, पेरिस और स्विट्ज़रलैंड की यात्रा की तस्वीरें साझा की हैं। केरल कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, "लंदन, स्विट्ज़रलैंड और पेरिस में गांधी जहां भी गए भीड़ ने उन्हें घेर लिया। अपने जीवनकाल में गांधी दुनिया में सबसे लोकप्रिय नेता थे। भारत को अब भी गांधी और नेहरू के नाम से जाना जाता है। गांधी अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों के लिए जाने जाते थे। कम से कम जब बात गांधी की हो, तब तो सच बोलिए।"

जानें महात्मा गांधी को लेकर पीएम मोदी ने ऐसा क्या कहा कि मच गया बवाल, विपक्ष ने खोला मोर्चा
#pm_modi_comments_on_mahatma_gandhi देश में लोकसभा चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। सात चरणों में होने वाले चुनाव में छह टरणों की वोटिंग खत्म हो चुकी है। अब बसआखिरी दौरे के लिए वोट डाले जाने हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बयान दिया है, जिसपर बवाल मच गया है। विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने पीएम मोदी के किलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू के दौरान कहा है कि 1982 से पहले महात्मा गांधी को कोई नहीं जानता था।पीएम का दावा है कि रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' के रिलीज के बाद दुनिया ने महात्मा गांधी को जाना। समाचार चैनल एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है, "दुनिया में महात्मा गांधी एक बहुत बड़े महान आत्मा थे। क्या इस 75 साल में हमारी जिम्मेवारी नहीं थी क्या कि पूरी दुनिया महात्मा गांधी को जानें। कोई नहीं जानता है, माफ करना मुझे। पहली बार जब गांधी फिल्म बनी तब दुनिया में क्यूरिओसिटी हुई कि अच्छा ये कौन है? हमने नहीं किया जी। इस देश का काम था..." पीएम मोदी ने आगे कहा,"अगर मार्टिन लूथर किंग को दुनिया जानती है, अगर हमारे साउथ अफ्रीका के नेल्सन मंडेला जी को दुनिया जानती है, गांधी जी किसी से कम नहीं थे जी। ये मानना पड़ेगा जी। मैं दुनिया घूमने के बाद कह रहा हूं कि गांधी को और गांधी के माध्यम से भारत को तवज्जो मिलनी चाहिए थी।" *पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार* महात्मा गांधी को लेकर दिए गए पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से पलटवार किया गया है। पीएम मोदी के बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बयान दिया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, इन्होंने (पीएम नरेंद्र मोदी) अगर पढ़ा होता या पढ़े होते तो ऐसी बात महात्मा गांधी के बारे में नहीं बोलते। 80 से 90 देशों में उनका स्टैच्यू है। महात्मा गांधी ने जो काम किया उसके बारे में उन्हें पता नहीं तो उन्हें संविधान के बारे में भी पता नहीं होगा। गरीबों की वो बात करते थे। वो आजादी की विकास की बात करते थे। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी के बयान पर तंज कसा है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सिर्फ 'एंटायर पॉलिटिकल साइंस' के छात्र को ही महात्मा गांधी के बारे में जानने के लिये फिल्म देखने की ज़रूरत रही होगी।" *विपक्ष ने खोला मोर्चा* वहीं, तृणमूल कांग्रेस की नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने पीएम मोदी के इस बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, "कोई गांधी को नहीं जानता था।" केरल कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी की 1930 के दशक में लंदन, पेरिस और स्विट्ज़रलैंड की यात्रा की तस्वीरें साझा की हैं। केरल कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, "लंदन, स्विट्ज़रलैंड और पेरिस में गांधी जहां भी गए भीड़ ने उन्हें घेर लिया। अपने जीवनकाल में गांधी दुनिया में सबसे लोकप्रिय नेता थे। भारत को अब भी गांधी और नेहरू के नाम से जाना जाता है। गांधी अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों के लिए जाने जाते थे। कम से कम जब बात गांधी की हो, तब तो सच बोलिए।"
दिल्ली की अदालत ने सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को ईडी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया, जो आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने केंद्रीय जांच एजेंसी को शनिवार तक केजरीवाल की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।न्यायाधीश ने केजरीवाल की एक अन्य याचिका पर भी प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने नियमित जमानत याचिका स्वीकार नहीं किए जाने की स्थिति में चिकित्सा आधार पर एक सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत मांगी है। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत याचिका में “कई तरह की खामियों” का आरोप लगाया और जवाब दाखिल करने के लिए कम से कम दो दिन का समय मांगा, क्योंकि वह “सब कुछ रिकॉर्ड पर लाना चाहते हैं”। राजू ने दलील दी कि केजरीवाल का स्वास्थ्य उन्हें मौजूदा लोकसभा चुनावों में प्रचार करने से नहीं रोक रहा है और आप सुप्रीमो ने पिछली तारीख पर जमानत याचिका दायर की, ताकि “हमें बहुत कम समय मिले।” एएसजी ने कहा, "उनके आचरण के कारण उन्हें आज कोई आदेश देने का अधिकार नहीं है।" केजरीवाल फिलहाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 जून तक अंतरिम जमानत पर हैं। कोर्ट 1 जून को अंतरिम जमानत आवेदन पर दलीलें सुनेगा और 7 जून को नियमित जमानत आवेदन पर दलीलें सुनेगा। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने बुधवार को केजरीवाल की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कुछ मेडिकल टेस्ट कराने के लिए अपनी अंतरिम जमानत को सात दिनों के लिए बढ़ाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने आवेदन स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि चूंकि केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी गई है, इसलिए याचिका विचारणीय नहीं है। केजरीवाल ने अपने "अचानक और अस्पष्टीकृत वजन घटने के साथ-साथ उच्च कीटोन स्तर" के मद्देनजर पीईटी-सीटी स्कैन सहित कई मेडिकल टेस्ट कराने के लिए अपनी अंतरिम जमानत को सात दिनों के लिए बढ़ाने की मांग की है, जो किडनी, गंभीर हृदय संबंधी बीमारियों और यहां तक कि कैंसर का संकेत है।