आजमगढ़::नवतपा में करें पशु पक्षी एवं मानव की सेवा पूर्ण होगी मनोकामना
उपेन्द्र कुमार पांडेय, आजमगढ़। नवतपा शुरू हो गया है और ये सोमवार 3 जून2024 तक रहेगा सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के बाद नवतपा शुरू हो जाता है। नारायण ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केंद्र फूलपुर प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की नवतपा से जुड़ी ज्योतिषीय मान्यताएं हैं। इन दिनों में सूर्य पूरे प्रभाव में होता है और इसी वजह से इन दिनों में गर्मी ज्यादा रहती है। इस समय को नवतपा के साथ ही रोहिणी का तपना भी कहते हैं।
जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तब से नवतपा शुरू होता है। रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्र है और इस नक्षत्र में सूर्य के आने से चंद्र का प्रभाव कम होता है। चंद्र का प्रभाव कम होने से शीतलता कम होती है और मौसम में गर्मी बढ़ती है।माना जाता है कि रोहिणी नक्षत्र में आने के बाद सूर्य पूरे नौ दिनों तक अपने पूरे प्रभाव में रहता है, इसी समय को नवतपा कहते हैं।लोक मान्यताएं हैं कि अगर नवतपा में थोड़ी बहुत बारिश हो जाती है तो इसे नवतपा का गलना कहते हैं। ऐसा होने पर वर्षा ऋतु में अच्छी बारिश की संभावना नहीं होती है।अगस्त्य तारा अस्त होने के बाद नवतपा की तेज गर्मी से बादल बारिश करने के लिए तैयार होने लगते हैं।
किसान नवतपा यानी इन नौ दिनों के मौसम देखकर को आने वाले में समय होने वाली बारिश की भविष्यवाणियां करते हैं। नवतपा में दिन बड़े और रातें छोटी हो जाती हैं।
माना जाता है कि नवतपा के दिनों ज्यादा गर्मी पड़ती है तो बारिश अच्छी होती है। नवतपा को मानसून का गर्भकाल कहते हैं। नौ दिनों तक गर्मी अधिक रहेगी, इस कारण जल का वाष्पीकरण तेजी से होगा और नवतपा के बाद बारिश शुरू होने लगती है।नवतपा में अधिकतर जगहों पर काफी अधिक गर्मी रहती है, लू चलती है। ऐसी स्थिति में गर्मी को लेकर सतर्क रहना चाहिए। दोपहर में धूप में घूमने से बचना चाहिए।इन दिनों में धूप में निकलना ज्यादा जरूरी हो तो पानी पीते रहें, ज्यादा देर धूप में खड़े न रहें। मौसमी फल, फलों का रस पीते रहें। ऐसे कपड़े पहनें, जिनमें ज्यादा गर्मी न लगती हो। ध्यान रखें शरीर में पानी की कमी न हो और भूखे भी न रहें।
प्रतिदिन सुबह जल्दी उठें और सूर्य को जल चढ़ाएं। इन दिनों में लडू गोपाल को कपूर और चंदन का लेप लगाना चाहिए। शिवलिंग पर ठंडा जल चढ़ाना चाहिए। इन दिनों में शिवलिंग के ऊपर मिट्टी का ऐसा कलश लगाया जाता है, जिससे कलश से पतली धारा शिवलिंग लगातार गिरती रहती है।नवतपा में खाने-पीने की चीजों के साथ ही ठंडे पानी और शरबत का दान कर सकते हैं। ठंडे पानी का प्याऊ लगा सकते हैं। छाते का और जूते-चप्पल का दान करें। गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन दान करें पक्षियों के लिए जल एवं अन्य छत पर रखेंधार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन के दुखों में कमी और सुखों में बढ़ोतरी होती है ।
ज्योतिषाचार्य- पंडित ऋषिकेश शुक्ला 9450 591 477
May 28 2024, 17:17