लोकसभा चुनाव के बीच पीओके को भारत में मिलाने की चर्चा तेज, क्या तीसरी बार बीजेपी की वापसी से निकलेगा कोई हल
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भारत सरकार ने जिस तरह आर्टिकल 370 निरस्त कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए, उसी तरह अब अगले कदम में पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoK) को भारत में मिलाने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। खासकर लोकसभा चुनाव के इस माहौल में बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने इसको लेकर बयान दिया है।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है और हम इसे लेकर रहेंगे।विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी कह रहे हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर यानी पीओकेभारत का हिस्सा है और हमेशा रहेगा। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और असम के सीएम हिमंता बिस्वा जैसे नेता भी पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर पर लगातार बयान दे रहे हैं।अब तो पाकिस्तान को पाक अधिकृत कश्मीर को बचाना मुश्किल हो रहा है।आप देखना चुनाव के बाद मोदी जी को तीसरा बार प्रधानमंत्री बनने दीजिए, अगले छह महीने के अंदर आप देखेंगे कि पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा होगा।
बीजेपी नेताओं की ओर से की जा रही इन बयानबाजियों के बाद सवाल ये उठ रहे हैं कि भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में मिलाने के लिए क्या कदम उठाया है। देश की नरेन्द्र मोदी सरकार ने इस दिशा में अपनी कोशिशें शुरू कर दी हैं। भारत की संसद में इस पर प्रस्ताव रखा जा चुका है। 2014 के पहले की कांग्रेस सरकारों ने भले ही इस पर चुप्पी साध रखी हो लेकिन आज की मोदी सरकार इसे लेकर पिछले 10 सालों से लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए है। यही वजह है कि पीएम मोदी के साथ उनके सारे नेता एक सुर में 'अबकी बार 400 पार का नारा... POK हमारा' का नारा लगाकर अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं।
वहीं, पीओके को लेकर भविष्य में सरकार की ओर से कार्रवाई को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहले ही अपनी बात रख चुके हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में इस सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा था, पीओके हमारा था, है और रहेगा। मुझे लगता है कि आगे उसकी नौबत नहीं आएगी। पीओके के लोग सामने आकर खुद मांग करेंगे कि हम भारत के साथ जाना चाहते हैं। जिस तरीके से जम्मू-कश्मीर का विकास हो रहा है और जिस तरीके से अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत का कद ऊंचा हुआ है, भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है और हमारे देश की अर्थव्यवस्था जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है, आज हम दुनिया के देशों में टॉप पांच में पहुंच गए हैं, जो पहले 11वें स्थान पर थे।
राजनाथ सिंह का ये बयान तक आया, जब पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं।दरअसल पाकिस्तान से ही आवाज उठ रही है कि कश्मीर कभी पाकिस्तान नहीं बनना चाहता।बलूचिस्तान के लोगों के साथ ही पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर की जनता भी खुद की आजादी की मांग कर रही है। बीते 10 सालों में वहां के लोग पाकिस्तानी फौज और पुलिस के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। आतंकवादी कैंपों के चलते पहले लोग कम मुखर थे। लेकिन भारत ने जब सीमापार के कैंप तबाह किए तो वहां के लोगों का हौसला बढ़ा है। अब हालात ये हैं कि पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश और गुस्सा चरम पर है।पीओके में जारी हिंसक प्रदर्शनों से पाकिस्तान सरकार हिल गई है।
May 24 2024, 10:18