/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1705416222766666.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1705416222766666.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1705416222766666.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png StreetBuzz s:rims
रिम्स 2 की जमीन पर आज हल चलाएंगे चंपई सोरेन, प्रशासन अलर्ट, जानें क्या है पूरा मामला?

#rims2controversychampaisorenwillploughthefieldinnagdi

झारखंड की राजधानी रांची के नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 के निर्माण स्थल को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसको लेकर लगातार पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। जिसने समर्थन में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन उतर आए हैं। पूर्व सीएम चंपाई सोरेन हजारों किसानों के साथ आज नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 की भूमि पर हल चलायेंगे। इन सबके बीच प्रशासन ने भी कमर कस ली है।

हजारों की संख्या में ग्रामीणों की भी जुटने की संभावना

कांके के नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 की भूमि पर आज रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता चंपाई सोरेन ‘हल जोतो, रोपा रोपो’ कार्यक्रम के तहत हल चलायेंगे। नगड़ी के किसानों के विरोध को समर्थन देते हुए चंपाई सोरेन ने कहा कि रिम्स-2 के लिए चिन्हित जमीन के अधिग्रहण में 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून, सीएनटी एक्ट और ग्राम सभा के नियमों का पालन नहीं हुआ है। इस दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीणों की भी जुटने की संभावना है।

दो जगहों पर बनाई गई अस्थायी जेल

विरोध प्रदर्शन को लेकर नगड़ी मौजा के आसपास व प्रदर्शन स्थल तक आनेवाले रास्तों पर कुल 15 जगहों पर बीडीओ व सीओ स्तर के पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस निरीक्षक सहित अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं। वहीं, बिरसा मुंडा स्टेडियम व प्लस 2 हाई स्कूल कांके में दो जगहों पर अस्थायी जेल भी बनाया गया है। इसके अलावा वाटर कैनन, रबर बुलेट, वज्र वाहन, फायर टेंडर वाहन आदि की भी व्यवस्था की गयी है। तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।

200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू

प्रशासन ने रिम्स-2 निर्माण स्थल के 200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू किया है। जिसके तहत वहां भीड़ इकट्ठी करना और हथियार लाने पर पाबंदी लगाई गई है। प्रशासन का कहना है कि कांके अंचल अंतर्गत मौजा नगड़ी में प्रस्तावित रिस्स–2 के सीमांकन एवं फेंसिंग कार्य पूर्ण हो चुका है। इस दौरान यह देखा गया कि उक्त स्थल पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो रही है तथा कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा फेंसिंग के अंदर प्रवेश का प्रयास एवं विधि-व्यवस्था भंग करने की आशंका बनी हुई है।

क्या है पूरा मामला?

मालूम हो नगड़ी और आसपास के गांवों में रिम्स-2 के लिए चिह्नित जमीन पर खेती करने से रैयतों को रोके जाने और कांटेदार तारों से घेराबंदी किये जाने से ग्रामीणों में नाराजगी है। नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर ग्रामीण कई दिनों से आंदोलन की तैयारी में जुटे हैं। समिति ने आसपास के गांवों के किसानों को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुत पहले जमीन का अधिग्रहण किया गया था। पर जब यहां कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ, तो इस जमीन पर स्वाभाविक दावा रैयतों का है।

अमरनाथ यात्रा के लिए निकला पहला जत्था, एलजी मनोज सिन्हा ने दिखाई हरी झंडी

#jk_lg_manoj_sinha_flags_off_first_batch_of_pilgrims_shri_amarnath_yatra

बाबा बर्फानी के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे लाखों श्रद्धालुओं के लिए आज का दिन बेहद खास है। अमरनाथ यात्रा की शुरूआत हो चुकी है। यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था आज बुधवार को जम्मू से रवाना हो गया। बाबा बर्फानी का पहला दर्शन 3 जुलाई को होगा। इसके लिए आज यानी 2 जुलाई को अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई।

पवित्र अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ आज जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर किया गया। भगवती नगर आधार शिविर से पहला जत्था रवाना हुआ। इस दौरान भक्त हर-हर महादेव का उद्घोष कर रहे थे।

इस दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आए हुए हैं। लोगों में खासा उत्साह है। भोलेनाथ के भक्त सभी आतंकी हमलों को दरकिनार कर भारी संख्या में यहां पहुंचे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछली यात्राओं से भी बेहतर होगी।

नौ अगस्त को होगा यात्रा का समापन

कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 38 दिवसीय तीर्थयात्रा तीन जुलाई को घाटी से दो रास्तों से शुरू होगी - अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में छोटा (14 किलोमीटर) लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग। यात्रा का समापन नौ अगस्त को होगा।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी

अमरनाथ यात्रा के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी है। खासकर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 180 कंपनियों के साथ बहुस्तरीय सुरक्षा और निगरानी के लिए जैमर और प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। लखनपुर से बनिहाल तक 50,000 से अधिक तीर्थयात्रियों के लिए 106 आवास केंद्रों में भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई है।

कुपोषण मुक्त झारखण्ड बनाने के लिए झारखंड सरकार के महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा योजना तैयार

रांची : झारखंड सरकार का महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा कुपोषण मुक्त झारखण्ड बनाने के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

 इस दिशा में विभाग की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे है.सरकार द्वारा प्रतिमाह 38523 आंगनवाडी केन्द्रों द्वारा लगभग 11 लाख लाभार्थियों को पूरक पोषाहार उपलब्ध काराया जा रहा है। जिसके अंतर्गत सभी आंगनवाडी केन्द्रों पर 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए प्रतिदिन गरमा गरम भोजन परोसा जा रहा है.

राज्य सरकार ने अपनी तरफ से अतिरिक्त राशि देते हुए इसमे अंडा जोड़ दिया है ताकि सभी बच्चों को सम्पूर्ण पोषण मिले। इसी के साथ लक्षित लाभार्थियों के पोषण स्तर को सुधारने हेतु सूक्ष्म पोषक तत्व युक्त ऊर्जा सघन भोजन (घर ले जाने योग्य राशन भी नियमित रूप से उपलब्ध कराया जा रह है.

कुपोषण की स्थिति में सुधार लाने हेतु राज्य सरकार द्वारा अति गंभीर कुपोषित बच्चों जिसकी उम्र 6 माह से 6 वर्ष तक है उसको वर्तमान में दिए जा रहे THR को संवर्धित करते हुए, अधिक उर्जा, प्रोटीन एवं सूक्ष्म पोषण तत्वों से भरपूर शिशु शक्ति उपलब्ध कराते हुए बच्चो के कुपोषण को समाप्त कर सुपोषित करने हेतु पायलट योजना चलाया जा रहा है.

शिशु शक्ति योजना के तहत अति गंभीर कुपोषित बच्चो के उम्र के अनुसार सही मात्रा में पोषण युक्त भोजन देने हेतु विशेष रूप से तैयार किया गया है.

महानिदेशक, झारखण्ड राज्य पोषण मिशन की अध्यक्षता में गठित THR समिति के द्वारा 

कुपोषित बच्चो के लिए विशेष रूप से प्रोटीन एवं कैलोरी युक्त शिशु के सम्बन्ध में की गयी अनुशंसा के अंतर्गत तथा यूनिसेफ़ एवं राज्य के सर्वश्रेष्ठ केंद्र -RIMS के तकनीकी सहयोग से इस शिशु शक्ति संवर्धित THR को राज्य भर में लागू कराने से पूर्व निदेशक, समाज कल्याण के मार्गदर्शन में इसका प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल पश्चिम सिहभूम के चक्रधरपुर प्रखण्ड में किया जा रहा है.

इस पायलट स्टडी का शुभारम्भ दिनांक 18.01.2025 को सांसद जोबा मांझी के कर कमलो द्वारा किया जा रहा है.

बच्चों के स्वास्थ एवं सम्पूर्ण विकास के लिए विभाग सभी बच्चों की नियमित वृद्धि निगरानी के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 0-6 वर्ष के बच्चों को सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहा है। समुदाय के बीच प्रमुख पोषण व्यवहारों को बढ़ावा दे रहा है, जैसे कि प्रारंभिक स्तनपान, ऊपरी आहार, टीकाकरण के साथ- साथ नियमित परामर्श देते हुए उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के साथ जोड़ा जा रहा है.

इस पायलट स्टडी के परिणाम के अनुरूप इसको पूरे राज्य में लागू करने पर विचार किया जायेगा। इस प्रयोग का उद्देश्य कुपोषित बच्चों को सुपोषित की श्रेणी में लाते हुए माननीय मुख्य मंत्री महोदय के कुपोषण मुक्त झारखण्ड के संकल्प को पूर्ण करना है.

इस पहल को सफल बनाने में प्रेस मीडिया और अन्य संचार तंत्रो का सहयोग लिया जायेगा ताकि यह महत्वपूर्ण योजना को लेकर आम लोगों में जागरूकता आ सके.

रांची के रिम्स में डॉक्टर ने युवती संग छत से लगाई छलांग, डॉ. की मौत, युवती की स्थिति खतरे से बाहर


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राजधानी रांची के सुपर स्पेशलिटी सरकारी अस्पताल में हुई बड़ी घटना। इस घटना से रिम्स के डॉक्टरो की बढ़ी चिंता। रिम्स के एक पीजी डॉक्टर ने एक युवती के साथ रविवार देर रात हॉस्टल नंबर-4 से छलांग लगा दी। दोनों को आनन-फानन में इमरजेंसी में लाया गया। 

मेरी जानकारी के अनुसार छत से कूदने वाला डॉक्टर आकाश भेंगरा 2013 बैच का छात्र था। युवती का नाम पल्लवी बताया जा रहा है। डॉक्टर आकाश भेंगरा के छह से कूदने की सूचना मिलने पर हॉस्टल में मौजूद अन्य जूनियर डॉक्टर दोनों को लेकर इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। जहां जूनियर डॉक्टर आकाश को बचाया नहीं जा सका और उसकी मौत हो गई। 

वहीं पल्लवी गंभीर रूप से घायल हो गई है जिसका इलाज चल रहा है। पल्लवी के कंधे की हड्‌डी टूट गई है। डॉक्टरों की टीम युवती की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। घटना की जानकारी मिलने के बाद आकाश के सहयोगी डॉo ट्रॉमा सेंटर में जमा हो गए थे।

घटना की सूचना मिलते ही बरियातू थानेदार मनोज कुमार मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। देर रात तक पुलिस मामले की जांच में जुटी थी।बताया जा रहा है यह मामला प्रेम प्रसंग में विवाद के कारण खुदकशी की है।लेकिन खुदकुशी का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया था। वही जांच का विषय यह भी है कि आखिर रात में बॉयज हॉस्टल में कोई बाहरी लड़की अपने मित्र से मिलने कैसे आई। पुलिस पूरे मामले को अलग-अलग पहलू से जांच कर रही है। दोनों परिवार को इसकी सूचना दे दी गई है। 

आकाश भेंगरा एमबीबीएस करने के बाद रिम्स से ही ऑर्थोपेडिक (हड्‌डी) विभाग में पीजी सेकेंड ईयर में पढ़ाई कर रहा था। पल्लवी नामक की लड़की उनकी महिला मित्र थी। पल्लवी का RIMS से कोई लेना-देना नहीं है।

RIMS की मनमानी: अब कैंपस में बिना अनुमति पार्किंग पर लगेगा 20 हजार का जुर्माना, रात 9 के बाद डिलीवरी बॉय के प्रवेश पर लगी रोक

रायपुर-  रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में पार्किंग के नाम पर मनमानी चल रही है। RIMS के डीन प्रोफेसर डॉक्टर गम्भीर सिंह ने कैंपस में वाहनों के प्रवेश को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के अनुसार, हॉस्टल में न रहने वाले विद्यार्थियों और इंटर्न्स को कॉलेज परिसर में दोपहिया और चारपहिया वाहन लाने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई छात्र या इंटर्न इन नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया, तो उसे ₹20,000 का जुर्माना और कॉलेज से निलंबन का सामना करना पड़ सकता है।

वहीं जो छात्र अपने वाहन कैंपस के अंदर लाना चाहते हैं, उन्हें ₹50,000 का वार्षिक शुल्क देना होगा और गाड़ी केवल निर्धारित पार्किंग क्षेत्र में खड़ी करनी होगी। पार्किंग के बाहर पाए जाने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। इसके साथ ही अब पार्सलों की डिलीवरी करने वाले डिलीवरी बॉय को भी रात 9:00 बजे के बाद कैंपस में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। 9:00 बजे के बाद आने वाले पार्सल को गेट के बाहर से ही प्राप्त करना होगा।

हॉस्टल में न रहने वाले छात्रों की बढ़ी परेशानी

बता दें कि RIMS के डीन के इस फरमान से छात्रों को परेशान कर दिया है, क्योंकि जो छात्र हॉस्टल में नहीं रहते और दूर दराज इलाकन से कॉलेज आते है अब उन्हें कैंपस के बाहर गाड़ी खड़ी करनी होगी, जिससे उनके चोरी और टूट-फूट का होने का ख़तरा होगा।

रालोद अवध प्रांत अध्यक्ष चौधरी राम सिंह पटेल के नेतृत्व में दिया गया ज्ञापन

आरक्षण

आरक्षण कोई मुद्दा नही था। न ही इससे किसी को कोई दिक्कत थी। इसे बीजेपी द्वारा प्रस्तावित राजनीतिक मुद्दा बनाया गया वोट बैंक के लिए। जनता के बीच प्रोपेगंडा फैलाया गया कि,आरक्षण के कारण जेनेरल केटेगरी वालो की नौकरी में सेंधमारी हो रही है। जेनेरल केटेगरी वालो की नौकरी आरक्षण वाले खा रहे है। बगैरा-बगैरा। जबकि sc/st से ज्यादा आरक्षण जेनेरल केटेगरी को मिलता हैं। 100 में 50.5% जेनेरल केटेगरी वालो को मिलता है। बाकी का 49.5% sc/st और obc को मिलता है। आधे से ज्यादा आरक्षण तो जेनेरल केटेगरी वाले ले रहे और इल्जाम sc/st पर लगा रहे की वे लोग उनकी नौकरी/हिस्सेदारी खा रहे है। यह बिल्कुल तर्कहीन और तथ्यहीन बात है। महीन बात यह है कि,सवर्णो को sc/st का आगे बढ़ना चुभता है। जिसे वो किसी भी हाल में खत्म करना चाहते है।

आरक्षण तो सिर्फ सहारा है। चलना खुद पडता है। आरक्षण ठिक उस walkar की तरह है। जिसके सहारे एक छोटा बच्चा चलना सिखता है। उसी आरक्षण रूपी walkar से दलित/आदिवासी/पिछडा लोग आज अपने समाज मे चलना सीख रहे है। जिस दिन ये लोग पूर्ण रूप से चलना सीख जायेगे उस दिन खुद-ब-खुद walkar रूपी आरंक्षण को भुला देगे। जैसे बच्चा जब अपने पैरो से चलना शुरू कर देता है उस दिन से वह अपने walkar को हाथ तक नही लगाता।

आरक्षण एक व्यवस्था है समाज मे समानता लाने का। यह आरक्षण दलित/आदिवासी/पिछडो के विकास का संसाधन है। और संसाधन के बिना विकास संभव नही। देश का विकास करने के लिये प्रत्येक व्यक्ति का विकास करना जरूरी है। व्यक्ति के विकास से ही एक अच्छे समाज का निर्माण होगा। जहां खुशियां होगी,अमन-चैन और सुकुन होगा। लोगो के बीच नफरत नही मोहब्बत होगी।

समाज मे,अपने आस-पास किसी की मदद करना या किसी को सहारा देना गलत है क्या? समाज मे दलित/आदिवासी/पिछडे लोगो को आरक्षण का सहारा देकर उन्हें अपने पैरों पर खडा होने लायक बनाया जा रहा तो क्या इसमें कोई बुराई है?

आजकल अकसर सुनने को मिलता है- आरक्षण वाला डॉक्टर/आरक्षण वाला इंजीनियर। जब लोग RIMS(Rajendra Institute of Medical Science,Ranchi) पहुचते है तब कोई भी यह सवाल नही करता कि कौन आरक्षण वाला डॉक्टर है और कौन बिना आरक्षण वाला?

मैने फेसबुक पर एक post देखा था। "जिसमे चार लड़कों की तस्वीर थी। जहां तीन लडको को सोता हुआ दिखाया गया था और उनके उपर लिखा था- Sc/st/obc। चौथे लडके को पढ़ते हुए दिखाया गया था और उसके उपर लिखा था- General."

उस post का मतलब यही था कि, जेनेरल केटेगरी के लडके रात-दिन पढाई करके डॉक्टर/इंजीनियर बनते है और sc/st/obc केटेगरी के लडके सोये-सोये डॉक्टर/इंजीनियर बन जाते है। इसलिये ऐसे डॉक्टर/इंजीनियर न तो अच्छा इलाज कर सकते है और ना ही अच्छा काम। ताजुब की बात यह है कि,पढे-लिखे लोग भी ऐसे post को share nd like करते है। जबकि हकीकत इसके उलट है।

आरक्षण केवल sc/st/obc candidates को medical/engineering college तक पहुचने मे मदद करता है ना कि डॉक्टर/इंजीनियर की डिग्री दिलाने मे।

डॉक्टर/इंजीनियर बनने के लिये sc/st/obc candidates को भी उतनी ही मेहनत करनी पड़ती है जितना जेनेरल केटेगरी वाले करते है। फिर भी लोग कहते है- आरक्षण वाला डॉक्टर/ आरक्षण वाला इंजीनियर!

एक तरफ बहुत से लोग है जो आरक्षण को खत्म करने की वकालत करते है। वही दूसरी तरफ मोदी सरकार ने सवर्ण को भी दस प्रतिशत का आरक्षण दे दिया है। जबकि उन्हें आरक्षण की नही,economic support की जरूरत है। क्योकि सवर्ण लोग बौद्धिक और तार्किक क्षमता से निपुण होते है। जबकि sc/st/लोगो की बौद्धिक और तार्किक क्षमता सवर्णो की तुलना में कम होती है। पर इसका मतलब यह कतई नही है कि, sc/st के लोगो को मौका मिलने पर अपनी बौद्धिक और तार्किकि क्षमता को विकसित नही कर सकते। हज़ारो हज़ार sc/st लड़को ने डॉक्टर/इंजीनियर बन कर साबित भी किया हैं। बस उन्हें मौका मिलना चाहिए। और यह मौका उन्हें आरक्षण के द्वारा मिलता है। बहुत से लोगो का यह मानना है कि,जो लोग आरक्षण का लाभ लेकर सुखी-सम्पन्न हो चुके है। उन्हें आरक्षण का लाभ नही लेना चाहिए। पर महीन बात यह है कि,आरक्षण का संबंध इनकम से नही बल्कि सामाजिक असमानता और इंटेलिजेंस(बौद्धिक एवं तार्किक क्षमता) से है। इसकी क्या गारंटी है कि,आरक्षण से डॉक्टर/इंजीनियर बनने वाले का बेटा/बेटी बिना आरक्षण के डॉक्टर/इंजीनियर बन पाएंगे? कुछ लोग यह भी कहते है कि,आरक्षित वर्ग के कुछ खास लोग तथा कुछ खास जातियां ही आरक्षण का लाभ उठा रही है। जिसके कारण बाकी लोग आरक्षण का लाभ नही उठा पा रहे। अब यह कैसे संभव है?

आरक्षित वर्ग(sc/st) के जो भी पढ़े-लिखे लोग है। वे सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में शामिल होते है। जिसने अच्छे से पढ़ाई-लिखाई किया,वो सफल होते है। जिसने अच्छे से पढ़ाई नही किया,वे सफल नही हो पाते। sc/st को भी सफल होने के लिए पढ़ना पड़ता है। मेहनत करनी पड़ती है। ऐसा नही है कि,आरक्षण के नाम पर बगैर पढ़े-लिखे ही नौकरी मिल जाएगी। आरक्षण का लाभ वही लोग उठाते है,जो पढ़ते है। मेहनत करते है। इसलिए यह कहना गलत है कि,आरक्षण का लाभ केवल खास जाती या खास लोग उठा रहे है।

हज़ारो साल के शोषण ने sc/st के DNA को विकृत कर दिया है। सवर्णो का यह शोषण हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक है। जिसका नतीजा है कि, आज भी sc/st के बच्चे सवर्णो का मुकाबला नही कर पाते है। इसी विकृति को दूर करने के लिए आरक्षण नाम का एन्टी डॉज लाया गया। ताकि sc/st केटेगरी के लोग सवर्णो की बराबरी कर सके। पर सवर्णो को ये बराबरी रास नही आती। इसलिए ये लोग हमेशा से आरक्षण का विरोध करते आये है। मेरे खयाल से आरक्षण तब तक लागू रहना चाहिए जब तक sc/st की बौद्धिक और तार्किक क्षमता सवर्णो के बराबर न हो जाए। आरक्षण भीख नही,सवर्णो द्वारा किये गए शोषण का मुआवजा है। जो आज सवर्णो को भारी पड़ रहा है।

सवर्णो में भी बहुत से ऐसे लोग है जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपना विकास नही कर पाते। सरकार वैसे लोगो को schoolarship दे ताकि वे लोग भी अपना विकास कर समाज मे सम्मान पा सके।

सवर्ण को schoolarship रूपी walkar की जरूरत है न की आरक्षणरूपी walkar की।

रिजर्वेशन शुड कंटिन्यू टिल द एन्ड ऑफ कास्टिसम।

कोलकाता के ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म, मर्डर केस में देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल जारी,रांची के RIMS में पेन डाउन हड़ताल

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : कोलकाता में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में देशभर में रोष देखने को मिल रहा है। इस घटना के बाद से ही पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक के राज्यों में कई अस्पतालों में अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया गया है। वही राजधानी रांची के बड़े अस्पताल के जूनियर डॉक्टरो ने भी हड़ताल की घोषणा कर दी है। हालांकि मानवता को देखते हुए इमरजेंसी में लोगों का इलाज चल रहा है।

बता दे कि कुछ दिनों पूर्व पश्चिम बंगाल के कोलकाता मे एक ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म कर हत्त्या का मामला सामने आया जो देश के लोगो को झक-झोर के रख दिया है। आज राजधानी रांची स्थित RIMS मे जूनियर डॉक्टरों के द्वारा आक्रोश प्रदर्शन किया गया डॉक्टरों ने जमकर प्रदर्शन किया मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लाने की माँग को लेकर डॉक्टर हाथ में वी डिमांड्स सेफटी एंड सिक्योरिटी की बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते दिखे।

लाठीचार्ज में घायल JBKSS नेता देवेंद्र नाथ महतो दिल्ली रेफर*

रांची:सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज में घायल JBKSS नेता देवेंद्र नाथ महतो को रांची RIMS से बेहतर इलाज के लिए कल बुधवार को दिल्ली रेफर किया गया है। विदित हो कि स्थायीकरण, मानदेय बढ़ोतरी एवं अन्य मांगों के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो पर पुलिस प्रशासन ने क्रूरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गया था। इस लाठी चार्ज में देवेंद्र नाथ महतो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद पिछले 6 दिनों से उनका इलाज रिम्स में चल रहा था। *1500 आंदोलनकारियों के खिलाफ केस दर्ज* गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आवास का घेराव मामले में JBKSS के नेता देवेंद्रनाथ महतो सहित 1500 आंदोलनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन सभी पर गैर जमानती धाराएं लगाई गयी हैं। लालपुर थाना केस कांड संख्या-185/24 से देवेंद्रनाथ महतो सहित कुल अज्ञात 1500 पर गैर जमानती धाराएं लगाई गई है। मिली खबर के मुताबिक इन धाराओं में हत्या के प्रयास, राज्य सरकार के खिलाफ उसकाने, सरकारी काम में बाधा डालने एवं तोड़फोड़ जैसी धाराएं लगाई गई हैं।
रिम्स 2 की जमीन पर आज हल चलाएंगे चंपई सोरेन, प्रशासन अलर्ट, जानें क्या है पूरा मामला?

#rims2controversychampaisorenwillploughthefieldinnagdi

झारखंड की राजधानी रांची के नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 के निर्माण स्थल को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसको लेकर लगातार पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। जिसने समर्थन में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन उतर आए हैं। पूर्व सीएम चंपाई सोरेन हजारों किसानों के साथ आज नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 की भूमि पर हल चलायेंगे। इन सबके बीच प्रशासन ने भी कमर कस ली है।

हजारों की संख्या में ग्रामीणों की भी जुटने की संभावना

कांके के नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 की भूमि पर आज रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता चंपाई सोरेन ‘हल जोतो, रोपा रोपो’ कार्यक्रम के तहत हल चलायेंगे। नगड़ी के किसानों के विरोध को समर्थन देते हुए चंपाई सोरेन ने कहा कि रिम्स-2 के लिए चिन्हित जमीन के अधिग्रहण में 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून, सीएनटी एक्ट और ग्राम सभा के नियमों का पालन नहीं हुआ है। इस दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीणों की भी जुटने की संभावना है।

दो जगहों पर बनाई गई अस्थायी जेल

विरोध प्रदर्शन को लेकर नगड़ी मौजा के आसपास व प्रदर्शन स्थल तक आनेवाले रास्तों पर कुल 15 जगहों पर बीडीओ व सीओ स्तर के पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस निरीक्षक सहित अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं। वहीं, बिरसा मुंडा स्टेडियम व प्लस 2 हाई स्कूल कांके में दो जगहों पर अस्थायी जेल भी बनाया गया है। इसके अलावा वाटर कैनन, रबर बुलेट, वज्र वाहन, फायर टेंडर वाहन आदि की भी व्यवस्था की गयी है। तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।

200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू

प्रशासन ने रिम्स-2 निर्माण स्थल के 200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू किया है। जिसके तहत वहां भीड़ इकट्ठी करना और हथियार लाने पर पाबंदी लगाई गई है। प्रशासन का कहना है कि कांके अंचल अंतर्गत मौजा नगड़ी में प्रस्तावित रिस्स–2 के सीमांकन एवं फेंसिंग कार्य पूर्ण हो चुका है। इस दौरान यह देखा गया कि उक्त स्थल पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो रही है तथा कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा फेंसिंग के अंदर प्रवेश का प्रयास एवं विधि-व्यवस्था भंग करने की आशंका बनी हुई है।

क्या है पूरा मामला?

मालूम हो नगड़ी और आसपास के गांवों में रिम्स-2 के लिए चिह्नित जमीन पर खेती करने से रैयतों को रोके जाने और कांटेदार तारों से घेराबंदी किये जाने से ग्रामीणों में नाराजगी है। नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर ग्रामीण कई दिनों से आंदोलन की तैयारी में जुटे हैं। समिति ने आसपास के गांवों के किसानों को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुत पहले जमीन का अधिग्रहण किया गया था। पर जब यहां कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ, तो इस जमीन पर स्वाभाविक दावा रैयतों का है।

अमरनाथ यात्रा के लिए निकला पहला जत्था, एलजी मनोज सिन्हा ने दिखाई हरी झंडी

#jk_lg_manoj_sinha_flags_off_first_batch_of_pilgrims_shri_amarnath_yatra

बाबा बर्फानी के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे लाखों श्रद्धालुओं के लिए आज का दिन बेहद खास है। अमरनाथ यात्रा की शुरूआत हो चुकी है। यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था आज बुधवार को जम्मू से रवाना हो गया। बाबा बर्फानी का पहला दर्शन 3 जुलाई को होगा। इसके लिए आज यानी 2 जुलाई को अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई।

पवित्र अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ आज जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर किया गया। भगवती नगर आधार शिविर से पहला जत्था रवाना हुआ। इस दौरान भक्त हर-हर महादेव का उद्घोष कर रहे थे।

इस दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आए हुए हैं। लोगों में खासा उत्साह है। भोलेनाथ के भक्त सभी आतंकी हमलों को दरकिनार कर भारी संख्या में यहां पहुंचे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछली यात्राओं से भी बेहतर होगी।

नौ अगस्त को होगा यात्रा का समापन

कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 38 दिवसीय तीर्थयात्रा तीन जुलाई को घाटी से दो रास्तों से शुरू होगी - अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में छोटा (14 किलोमीटर) लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग। यात्रा का समापन नौ अगस्त को होगा।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी

अमरनाथ यात्रा के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी है। खासकर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 180 कंपनियों के साथ बहुस्तरीय सुरक्षा और निगरानी के लिए जैमर और प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। लखनपुर से बनिहाल तक 50,000 से अधिक तीर्थयात्रियों के लिए 106 आवास केंद्रों में भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई है।

कुपोषण मुक्त झारखण्ड बनाने के लिए झारखंड सरकार के महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा योजना तैयार

रांची : झारखंड सरकार का महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा कुपोषण मुक्त झारखण्ड बनाने के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

 इस दिशा में विभाग की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे है.सरकार द्वारा प्रतिमाह 38523 आंगनवाडी केन्द्रों द्वारा लगभग 11 लाख लाभार्थियों को पूरक पोषाहार उपलब्ध काराया जा रहा है। जिसके अंतर्गत सभी आंगनवाडी केन्द्रों पर 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए प्रतिदिन गरमा गरम भोजन परोसा जा रहा है.

राज्य सरकार ने अपनी तरफ से अतिरिक्त राशि देते हुए इसमे अंडा जोड़ दिया है ताकि सभी बच्चों को सम्पूर्ण पोषण मिले। इसी के साथ लक्षित लाभार्थियों के पोषण स्तर को सुधारने हेतु सूक्ष्म पोषक तत्व युक्त ऊर्जा सघन भोजन (घर ले जाने योग्य राशन भी नियमित रूप से उपलब्ध कराया जा रह है.

कुपोषण की स्थिति में सुधार लाने हेतु राज्य सरकार द्वारा अति गंभीर कुपोषित बच्चों जिसकी उम्र 6 माह से 6 वर्ष तक है उसको वर्तमान में दिए जा रहे THR को संवर्धित करते हुए, अधिक उर्जा, प्रोटीन एवं सूक्ष्म पोषण तत्वों से भरपूर शिशु शक्ति उपलब्ध कराते हुए बच्चो के कुपोषण को समाप्त कर सुपोषित करने हेतु पायलट योजना चलाया जा रहा है.

शिशु शक्ति योजना के तहत अति गंभीर कुपोषित बच्चो के उम्र के अनुसार सही मात्रा में पोषण युक्त भोजन देने हेतु विशेष रूप से तैयार किया गया है.

महानिदेशक, झारखण्ड राज्य पोषण मिशन की अध्यक्षता में गठित THR समिति के द्वारा 

कुपोषित बच्चो के लिए विशेष रूप से प्रोटीन एवं कैलोरी युक्त शिशु के सम्बन्ध में की गयी अनुशंसा के अंतर्गत तथा यूनिसेफ़ एवं राज्य के सर्वश्रेष्ठ केंद्र -RIMS के तकनीकी सहयोग से इस शिशु शक्ति संवर्धित THR को राज्य भर में लागू कराने से पूर्व निदेशक, समाज कल्याण के मार्गदर्शन में इसका प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल पश्चिम सिहभूम के चक्रधरपुर प्रखण्ड में किया जा रहा है.

इस पायलट स्टडी का शुभारम्भ दिनांक 18.01.2025 को सांसद जोबा मांझी के कर कमलो द्वारा किया जा रहा है.

बच्चों के स्वास्थ एवं सम्पूर्ण विकास के लिए विभाग सभी बच्चों की नियमित वृद्धि निगरानी के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 0-6 वर्ष के बच्चों को सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहा है। समुदाय के बीच प्रमुख पोषण व्यवहारों को बढ़ावा दे रहा है, जैसे कि प्रारंभिक स्तनपान, ऊपरी आहार, टीकाकरण के साथ- साथ नियमित परामर्श देते हुए उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के साथ जोड़ा जा रहा है.

इस पायलट स्टडी के परिणाम के अनुरूप इसको पूरे राज्य में लागू करने पर विचार किया जायेगा। इस प्रयोग का उद्देश्य कुपोषित बच्चों को सुपोषित की श्रेणी में लाते हुए माननीय मुख्य मंत्री महोदय के कुपोषण मुक्त झारखण्ड के संकल्प को पूर्ण करना है.

इस पहल को सफल बनाने में प्रेस मीडिया और अन्य संचार तंत्रो का सहयोग लिया जायेगा ताकि यह महत्वपूर्ण योजना को लेकर आम लोगों में जागरूकता आ सके.

रांची के रिम्स में डॉक्टर ने युवती संग छत से लगाई छलांग, डॉ. की मौत, युवती की स्थिति खतरे से बाहर


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राजधानी रांची के सुपर स्पेशलिटी सरकारी अस्पताल में हुई बड़ी घटना। इस घटना से रिम्स के डॉक्टरो की बढ़ी चिंता। रिम्स के एक पीजी डॉक्टर ने एक युवती के साथ रविवार देर रात हॉस्टल नंबर-4 से छलांग लगा दी। दोनों को आनन-फानन में इमरजेंसी में लाया गया। 

मेरी जानकारी के अनुसार छत से कूदने वाला डॉक्टर आकाश भेंगरा 2013 बैच का छात्र था। युवती का नाम पल्लवी बताया जा रहा है। डॉक्टर आकाश भेंगरा के छह से कूदने की सूचना मिलने पर हॉस्टल में मौजूद अन्य जूनियर डॉक्टर दोनों को लेकर इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। जहां जूनियर डॉक्टर आकाश को बचाया नहीं जा सका और उसकी मौत हो गई। 

वहीं पल्लवी गंभीर रूप से घायल हो गई है जिसका इलाज चल रहा है। पल्लवी के कंधे की हड्‌डी टूट गई है। डॉक्टरों की टीम युवती की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। घटना की जानकारी मिलने के बाद आकाश के सहयोगी डॉo ट्रॉमा सेंटर में जमा हो गए थे।

घटना की सूचना मिलते ही बरियातू थानेदार मनोज कुमार मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। देर रात तक पुलिस मामले की जांच में जुटी थी।बताया जा रहा है यह मामला प्रेम प्रसंग में विवाद के कारण खुदकशी की है।लेकिन खुदकुशी का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया था। वही जांच का विषय यह भी है कि आखिर रात में बॉयज हॉस्टल में कोई बाहरी लड़की अपने मित्र से मिलने कैसे आई। पुलिस पूरे मामले को अलग-अलग पहलू से जांच कर रही है। दोनों परिवार को इसकी सूचना दे दी गई है। 

आकाश भेंगरा एमबीबीएस करने के बाद रिम्स से ही ऑर्थोपेडिक (हड्‌डी) विभाग में पीजी सेकेंड ईयर में पढ़ाई कर रहा था। पल्लवी नामक की लड़की उनकी महिला मित्र थी। पल्लवी का RIMS से कोई लेना-देना नहीं है।

RIMS की मनमानी: अब कैंपस में बिना अनुमति पार्किंग पर लगेगा 20 हजार का जुर्माना, रात 9 के बाद डिलीवरी बॉय के प्रवेश पर लगी रोक

रायपुर-  रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में पार्किंग के नाम पर मनमानी चल रही है। RIMS के डीन प्रोफेसर डॉक्टर गम्भीर सिंह ने कैंपस में वाहनों के प्रवेश को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के अनुसार, हॉस्टल में न रहने वाले विद्यार्थियों और इंटर्न्स को कॉलेज परिसर में दोपहिया और चारपहिया वाहन लाने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई छात्र या इंटर्न इन नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया, तो उसे ₹20,000 का जुर्माना और कॉलेज से निलंबन का सामना करना पड़ सकता है।

वहीं जो छात्र अपने वाहन कैंपस के अंदर लाना चाहते हैं, उन्हें ₹50,000 का वार्षिक शुल्क देना होगा और गाड़ी केवल निर्धारित पार्किंग क्षेत्र में खड़ी करनी होगी। पार्किंग के बाहर पाए जाने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। इसके साथ ही अब पार्सलों की डिलीवरी करने वाले डिलीवरी बॉय को भी रात 9:00 बजे के बाद कैंपस में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। 9:00 बजे के बाद आने वाले पार्सल को गेट के बाहर से ही प्राप्त करना होगा।

हॉस्टल में न रहने वाले छात्रों की बढ़ी परेशानी

बता दें कि RIMS के डीन के इस फरमान से छात्रों को परेशान कर दिया है, क्योंकि जो छात्र हॉस्टल में नहीं रहते और दूर दराज इलाकन से कॉलेज आते है अब उन्हें कैंपस के बाहर गाड़ी खड़ी करनी होगी, जिससे उनके चोरी और टूट-फूट का होने का ख़तरा होगा।

रालोद अवध प्रांत अध्यक्ष चौधरी राम सिंह पटेल के नेतृत्व में दिया गया ज्ञापन

आरक्षण

आरक्षण कोई मुद्दा नही था। न ही इससे किसी को कोई दिक्कत थी। इसे बीजेपी द्वारा प्रस्तावित राजनीतिक मुद्दा बनाया गया वोट बैंक के लिए। जनता के बीच प्रोपेगंडा फैलाया गया कि,आरक्षण के कारण जेनेरल केटेगरी वालो की नौकरी में सेंधमारी हो रही है। जेनेरल केटेगरी वालो की नौकरी आरक्षण वाले खा रहे है। बगैरा-बगैरा। जबकि sc/st से ज्यादा आरक्षण जेनेरल केटेगरी को मिलता हैं। 100 में 50.5% जेनेरल केटेगरी वालो को मिलता है। बाकी का 49.5% sc/st और obc को मिलता है। आधे से ज्यादा आरक्षण तो जेनेरल केटेगरी वाले ले रहे और इल्जाम sc/st पर लगा रहे की वे लोग उनकी नौकरी/हिस्सेदारी खा रहे है। यह बिल्कुल तर्कहीन और तथ्यहीन बात है। महीन बात यह है कि,सवर्णो को sc/st का आगे बढ़ना चुभता है। जिसे वो किसी भी हाल में खत्म करना चाहते है।

आरक्षण तो सिर्फ सहारा है। चलना खुद पडता है। आरक्षण ठिक उस walkar की तरह है। जिसके सहारे एक छोटा बच्चा चलना सिखता है। उसी आरक्षण रूपी walkar से दलित/आदिवासी/पिछडा लोग आज अपने समाज मे चलना सीख रहे है। जिस दिन ये लोग पूर्ण रूप से चलना सीख जायेगे उस दिन खुद-ब-खुद walkar रूपी आरंक्षण को भुला देगे। जैसे बच्चा जब अपने पैरो से चलना शुरू कर देता है उस दिन से वह अपने walkar को हाथ तक नही लगाता।

आरक्षण एक व्यवस्था है समाज मे समानता लाने का। यह आरक्षण दलित/आदिवासी/पिछडो के विकास का संसाधन है। और संसाधन के बिना विकास संभव नही। देश का विकास करने के लिये प्रत्येक व्यक्ति का विकास करना जरूरी है। व्यक्ति के विकास से ही एक अच्छे समाज का निर्माण होगा। जहां खुशियां होगी,अमन-चैन और सुकुन होगा। लोगो के बीच नफरत नही मोहब्बत होगी।

समाज मे,अपने आस-पास किसी की मदद करना या किसी को सहारा देना गलत है क्या? समाज मे दलित/आदिवासी/पिछडे लोगो को आरक्षण का सहारा देकर उन्हें अपने पैरों पर खडा होने लायक बनाया जा रहा तो क्या इसमें कोई बुराई है?

आजकल अकसर सुनने को मिलता है- आरक्षण वाला डॉक्टर/आरक्षण वाला इंजीनियर। जब लोग RIMS(Rajendra Institute of Medical Science,Ranchi) पहुचते है तब कोई भी यह सवाल नही करता कि कौन आरक्षण वाला डॉक्टर है और कौन बिना आरक्षण वाला?

मैने फेसबुक पर एक post देखा था। "जिसमे चार लड़कों की तस्वीर थी। जहां तीन लडको को सोता हुआ दिखाया गया था और उनके उपर लिखा था- Sc/st/obc। चौथे लडके को पढ़ते हुए दिखाया गया था और उसके उपर लिखा था- General."

उस post का मतलब यही था कि, जेनेरल केटेगरी के लडके रात-दिन पढाई करके डॉक्टर/इंजीनियर बनते है और sc/st/obc केटेगरी के लडके सोये-सोये डॉक्टर/इंजीनियर बन जाते है। इसलिये ऐसे डॉक्टर/इंजीनियर न तो अच्छा इलाज कर सकते है और ना ही अच्छा काम। ताजुब की बात यह है कि,पढे-लिखे लोग भी ऐसे post को share nd like करते है। जबकि हकीकत इसके उलट है।

आरक्षण केवल sc/st/obc candidates को medical/engineering college तक पहुचने मे मदद करता है ना कि डॉक्टर/इंजीनियर की डिग्री दिलाने मे।

डॉक्टर/इंजीनियर बनने के लिये sc/st/obc candidates को भी उतनी ही मेहनत करनी पड़ती है जितना जेनेरल केटेगरी वाले करते है। फिर भी लोग कहते है- आरक्षण वाला डॉक्टर/ आरक्षण वाला इंजीनियर!

एक तरफ बहुत से लोग है जो आरक्षण को खत्म करने की वकालत करते है। वही दूसरी तरफ मोदी सरकार ने सवर्ण को भी दस प्रतिशत का आरक्षण दे दिया है। जबकि उन्हें आरक्षण की नही,economic support की जरूरत है। क्योकि सवर्ण लोग बौद्धिक और तार्किक क्षमता से निपुण होते है। जबकि sc/st/लोगो की बौद्धिक और तार्किक क्षमता सवर्णो की तुलना में कम होती है। पर इसका मतलब यह कतई नही है कि, sc/st के लोगो को मौका मिलने पर अपनी बौद्धिक और तार्किकि क्षमता को विकसित नही कर सकते। हज़ारो हज़ार sc/st लड़को ने डॉक्टर/इंजीनियर बन कर साबित भी किया हैं। बस उन्हें मौका मिलना चाहिए। और यह मौका उन्हें आरक्षण के द्वारा मिलता है। बहुत से लोगो का यह मानना है कि,जो लोग आरक्षण का लाभ लेकर सुखी-सम्पन्न हो चुके है। उन्हें आरक्षण का लाभ नही लेना चाहिए। पर महीन बात यह है कि,आरक्षण का संबंध इनकम से नही बल्कि सामाजिक असमानता और इंटेलिजेंस(बौद्धिक एवं तार्किक क्षमता) से है। इसकी क्या गारंटी है कि,आरक्षण से डॉक्टर/इंजीनियर बनने वाले का बेटा/बेटी बिना आरक्षण के डॉक्टर/इंजीनियर बन पाएंगे? कुछ लोग यह भी कहते है कि,आरक्षित वर्ग के कुछ खास लोग तथा कुछ खास जातियां ही आरक्षण का लाभ उठा रही है। जिसके कारण बाकी लोग आरक्षण का लाभ नही उठा पा रहे। अब यह कैसे संभव है?

आरक्षित वर्ग(sc/st) के जो भी पढ़े-लिखे लोग है। वे सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में शामिल होते है। जिसने अच्छे से पढ़ाई-लिखाई किया,वो सफल होते है। जिसने अच्छे से पढ़ाई नही किया,वे सफल नही हो पाते। sc/st को भी सफल होने के लिए पढ़ना पड़ता है। मेहनत करनी पड़ती है। ऐसा नही है कि,आरक्षण के नाम पर बगैर पढ़े-लिखे ही नौकरी मिल जाएगी। आरक्षण का लाभ वही लोग उठाते है,जो पढ़ते है। मेहनत करते है। इसलिए यह कहना गलत है कि,आरक्षण का लाभ केवल खास जाती या खास लोग उठा रहे है।

हज़ारो साल के शोषण ने sc/st के DNA को विकृत कर दिया है। सवर्णो का यह शोषण हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक है। जिसका नतीजा है कि, आज भी sc/st के बच्चे सवर्णो का मुकाबला नही कर पाते है। इसी विकृति को दूर करने के लिए आरक्षण नाम का एन्टी डॉज लाया गया। ताकि sc/st केटेगरी के लोग सवर्णो की बराबरी कर सके। पर सवर्णो को ये बराबरी रास नही आती। इसलिए ये लोग हमेशा से आरक्षण का विरोध करते आये है। मेरे खयाल से आरक्षण तब तक लागू रहना चाहिए जब तक sc/st की बौद्धिक और तार्किक क्षमता सवर्णो के बराबर न हो जाए। आरक्षण भीख नही,सवर्णो द्वारा किये गए शोषण का मुआवजा है। जो आज सवर्णो को भारी पड़ रहा है।

सवर्णो में भी बहुत से ऐसे लोग है जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपना विकास नही कर पाते। सरकार वैसे लोगो को schoolarship दे ताकि वे लोग भी अपना विकास कर समाज मे सम्मान पा सके।

सवर्ण को schoolarship रूपी walkar की जरूरत है न की आरक्षणरूपी walkar की।

रिजर्वेशन शुड कंटिन्यू टिल द एन्ड ऑफ कास्टिसम।

कोलकाता के ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म, मर्डर केस में देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल जारी,रांची के RIMS में पेन डाउन हड़ताल

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : कोलकाता में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में देशभर में रोष देखने को मिल रहा है। इस घटना के बाद से ही पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक के राज्यों में कई अस्पतालों में अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया गया है। वही राजधानी रांची के बड़े अस्पताल के जूनियर डॉक्टरो ने भी हड़ताल की घोषणा कर दी है। हालांकि मानवता को देखते हुए इमरजेंसी में लोगों का इलाज चल रहा है।

बता दे कि कुछ दिनों पूर्व पश्चिम बंगाल के कोलकाता मे एक ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म कर हत्त्या का मामला सामने आया जो देश के लोगो को झक-झोर के रख दिया है। आज राजधानी रांची स्थित RIMS मे जूनियर डॉक्टरों के द्वारा आक्रोश प्रदर्शन किया गया डॉक्टरों ने जमकर प्रदर्शन किया मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लाने की माँग को लेकर डॉक्टर हाथ में वी डिमांड्स सेफटी एंड सिक्योरिटी की बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते दिखे।

लाठीचार्ज में घायल JBKSS नेता देवेंद्र नाथ महतो दिल्ली रेफर*

रांची:सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज में घायल JBKSS नेता देवेंद्र नाथ महतो को रांची RIMS से बेहतर इलाज के लिए कल बुधवार को दिल्ली रेफर किया गया है। विदित हो कि स्थायीकरण, मानदेय बढ़ोतरी एवं अन्य मांगों के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो पर पुलिस प्रशासन ने क्रूरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गया था। इस लाठी चार्ज में देवेंद्र नाथ महतो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद पिछले 6 दिनों से उनका इलाज रिम्स में चल रहा था। *1500 आंदोलनकारियों के खिलाफ केस दर्ज* गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आवास का घेराव मामले में JBKSS के नेता देवेंद्रनाथ महतो सहित 1500 आंदोलनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन सभी पर गैर जमानती धाराएं लगाई गयी हैं। लालपुर थाना केस कांड संख्या-185/24 से देवेंद्रनाथ महतो सहित कुल अज्ञात 1500 पर गैर जमानती धाराएं लगाई गई है। मिली खबर के मुताबिक इन धाराओं में हत्या के प्रयास, राज्य सरकार के खिलाफ उसकाने, सरकारी काम में बाधा डालने एवं तोड़फोड़ जैसी धाराएं लगाई गई हैं।