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रद्द हो सकता है प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय ने सिद्धारमैया सरकार की चिट्ठी का दिया जवाब

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प्रज्ज्वल रेवन्ना अश्लील वीडियो मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। उन्होंने पीएम मोदी से जेडीएस सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया था। इसके बाद विदेश मंत्रालय एक्शन मोड में दिखाई दे रहा है। इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है।न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक यह लेटर विदेश मंत्रालय को मिल गया है। इस पर कार्रवाई भी की जा रही है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने की मांग उठाई है।सिद्धारमैया ने अपने पत्र में लिखा है कि ये शर्मनाक है कि प्रज्वल रेवन्ना अपने जघन्य कृत्यों की खबर सामने आने के तुरंत बाद और अपने खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज होने से कुछ घंटे पहले अपने राजनयिक पासपोर्ट का इस्तेमाल करके 27 अप्रैल 2024 को देश छोड़कर जर्मनी भाग गया।

इससे पहले कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने अश्लील वीडियो मामले में केंद्र सरकार से प्रज्ज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी। केंद्र की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्होंने कहा था कि यह केंद्र की जिम्मेदारी है कि तय कानून के तहत मदद करे और राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करे।

बता दें कि जेडीएस सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना यौन शोषण के आरोपों को झेल रहे हैं। 33 साल के प्रज्ज्वल पर महिलाओं के यौन शोषण करने के कई मामले दर्ज हैं। इस घोटाले ने सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा-जेडीएस के बीच राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है। बता दें कि प्रज्ज्वल कर्नाटक के हासन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां 26 अप्रैल को मतदान हुआ था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जैसे ही सांसद से जुड़े वीडियो सामने आने लगे, वह वोटिंग खत्म होने के बाद वह 27 अप्रैल को देश छोड़कर जर्मनी भाग गए।

बीजेपी के कारण बताओ नोटिस का जयंत सिन्हा ने दिया जवाब, कहा- मुझसे किसी ने संपर्क तक नहीं किया
#hazaribagh_mp_jayant_sinha_on_bjp_show_cause_notice झारखंड की हजारीबाग सीट से बीजेपी के निवर्तमान सांसद जयंत सिन्हा ने पार्टी की तरफ से जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है।उन्होंने बीजेपी के कारण बताओ नोटिस पर निराशा और हैरानी व्यक्त की है।सिन्हा ने कहा कि उन्होंने पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला है क्योंकि वह “व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं” के लिए विदेश में थे। भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को जयंत सिन्हा को हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जायसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेने और इस तरह पार्टी की छवि को खराब करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जयंत सिन्हा ने भाजपा के झारखंड महासचिव आदित्य साहू के पत्र का जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण विदेश होने की वजह से उन्होंने डाक मत-पत्र प्रक्रिया के जरिए से मतदान किया। अगर पार्टी चाहती कि मैं किसी भी चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो आप निश्चित रूप से मुझसे संपर्क कर सकते थे। हालांकि, 2 मार्च को मेरी घोषणा के बाद झारखंड से एक भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी, सांसद या विधायक मेरे पास नहीं पहुंचे। मुझे किसी भी पार्टी कार्यक्रम आमंत्रित नहीं किया गया। इसके साथ ही मुझे किसी भी रैली या संगठनात्मक बैठकों के लिए भी न्योता नहीं आया। झारखंड की हजारीबाग सीट से मौजूदा सांसद सिन्हा ने साहू को लिखे दो पेज के पत्र में कहा, पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए मनीष जायसवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया। मैंने 8 मार्च को बधाई दी थी, जोकि मेरे समर्थन का ही साक्ष्य था। उन्होंने कहा, अगर बाबूलाल मरांडी मुझे कार्यक्रम में शामिल करना चाहते थे तो वो निश्चित रूप से मुझे आमंत्रित कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। जयंत सिन्हा ने कहा ‘लोकसभा अध्यक्ष को सूचित करने के बाद मैं कुछ निजी प्रतिबद्धताओं के कारण 10 मई 2024 को विदेश चला गया। पार्टी द्वारा मुझे किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किए जाने के कारण वहां रुकने की कोई आवश्यकता दिखाई नहीं पड़ी। जाने से पहले मैंने पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के जरिए अपना वोट दिया था इसलिए ये आरोप लगाना गलत है कि मैंने अपने मताधिकार के कर्तव्य का पालन नहीं किया है। पिछले कई दशकों से मैंने पार्टी की कई महत्वपूर्ण और सार्थक राष्ट्रीय नीति संबंधी पहलों में सहायता की है। इन पदों पर रहते हुए मेरे कार्यों की सराहना की गई है। मैंने पार्टी की सभी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाया है। बीजेपी नेता ने कहा, आपका यह रवैया समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं को निराश करने के अलावा पार्टी के सामूहिक प्रयासों को भी कमजोर करने वाला है। इसके अतिरिक्त, पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा और कठिन परिश्रम के बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि मुझे अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। हम निश्चित ही किसी भी समय व्यक्तिगत रूप से या फोन पर बात कर सकते थे, ताकि आपके किसी भी संदेह को दूर किया जा सके। हजारीबाग लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के पदाधिकारी होने के नाते आप कभी भी मुझसे संपर्क कर सकते थे। चुनाव समाप्त होने के बाद आपके द्वारा इस तरह का पत्र भेजना मेरे लिए समझ से परे है।
बीजेपी के कारण बताओ नोटिस का जयंत सिन्हा ने दिया जवाब, कहा- मुझसे किसी ने संपर्क तक नहीं किया

#hazaribagh_mp_jayant_sinha_on_bjp_show_cause_notice 

 झारखंड की हजारीबाग सीट से बीजेपी के निवर्तमान सांसद जयंत सिन्हा ने पार्टी की तरफ से जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है।उन्होंने बीजेपी के कारण बताओ नोटिस पर निराशा और हैरानी व्यक्त की है।सिन्हा ने कहा कि उन्होंने पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला है क्योंकि वह “व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं” के लिए विदेश में थे।

भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को जयंत सिन्हा को हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जायसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेने और इस तरह पार्टी की छवि को खराब करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जयंत सिन्हा ने भाजपा के झारखंड महासचिव आदित्य साहू के पत्र का जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण विदेश होने की वजह से उन्होंने डाक मत-पत्र प्रक्रिया के जरिए से मतदान किया। अगर पार्टी चाहती कि मैं किसी भी चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो आप निश्चित रूप से मुझसे संपर्क कर सकते थे। हालांकि, 2 मार्च को मेरी घोषणा के बाद झारखंड से एक भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी, सांसद या विधायक मेरे पास नहीं पहुंचे। मुझे किसी भी पार्टी कार्यक्रम आमंत्रित नहीं किया गया। इसके साथ ही मुझे किसी भी रैली या संगठनात्मक बैठकों के लिए भी न्योता नहीं आया।

झारखंड की हजारीबाग सीट से मौजूदा सांसद सिन्हा ने साहू को लिखे दो पेज के पत्र में कहा, पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए मनीष जायसवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया। मैंने 8 मार्च को बधाई दी थी, जोकि मेरे समर्थन का ही साक्ष्य था। उन्होंने कहा, अगर बाबूलाल मरांडी मुझे कार्यक्रम में शामिल करना चाहते थे तो वो निश्चित रूप से मुझे आमंत्रित कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

जयंत सिन्हा ने कहा ‘लोकसभा अध्यक्ष को सूचित करने के बाद मैं कुछ निजी प्रतिबद्धताओं के कारण 10 मई 2024 को विदेश चला गया। पार्टी द्वारा मुझे किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किए जाने के कारण वहां रुकने की कोई आवश्यकता दिखाई नहीं पड़ी। जाने से पहले मैंने पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के जरिए अपना वोट दिया था इसलिए ये आरोप लगाना गलत है कि मैंने अपने मताधिकार के कर्तव्य का पालन नहीं किया है। पिछले कई दशकों से मैंने पार्टी की कई महत्वपूर्ण और सार्थक राष्ट्रीय नीति संबंधी पहलों में सहायता की है। इन पदों पर रहते हुए मेरे कार्यों की सराहना की गई है। मैंने पार्टी की सभी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाया है।

बीजेपी नेता ने कहा, आपका यह रवैया समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं को निराश करने के अलावा पार्टी के सामूहिक प्रयासों को भी कमजोर करने वाला है। इसके अतिरिक्त, पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा और कठिन परिश्रम के बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि मुझे अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। हम निश्चित ही किसी भी समय व्यक्तिगत रूप से या फोन पर बात कर सकते थे, ताकि आपके किसी भी संदेह को दूर किया जा सके। हजारीबाग लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के पदाधिकारी होने के नाते आप कभी भी मुझसे संपर्क कर सकते थे। चुनाव समाप्त होने के बाद आपके द्वारा इस तरह का पत्र भेजना मेरे लिए समझ से परे है।

बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान की तबीयत बिगड़ी, अहमदाबाद के केडी अस्पताल में कराया गया भर्ती

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर शाहरुख खान की गुजरात के अहमदाबाद में बुधवार को तबीयत बिगड़ गई. भयंकर गर्मी और हीट वेव (लू) के कारण उनकी तबीयत खराब हुई, जिसके बाद उन्हें तुरंत अमदाबाद के केडी अस्पताल में भर्ती कराया गया. शाहरुख खान के एडमिट होने के बाद पुलिस ने केडी अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दी है. शाहरुख खान मंगलवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मुकाबले को देखने पहुंचे थे. इस मुकाबले में शाहरुख की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स ने सनराइजर्स हैदराबाद को हराकर फाइनल में जगह पक्की कर ली है.

अहमदाबाद में भयंकर गर्मी पड़ रही है. आज भी पारा 43 डिग्री के आस पास बना हुआ है. ऐसे में किंग खान भी इस भारी गर्मी से बच नहीं पाए और दोपहर में उनकी तबीयत खराब हो गई. पानी की कमी और खांसी होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. फिलहाल किंग खान का इलाज किया जा रहा है. डॉक्टर उनकी सेहत पर नज़र बनाए हुए हैं. फिलहाल शाहरुख की तबीयत ठीक है. अस्पताल में उनके साथ जूही चावला भी मौजूद हैं.

बीते रोज़ अहमदाबाद में आईपीएल का पहला क्वालीफायर मैच खेला गया था. इसमें शाहरुख की टीम ने दमदार प्रदर्शन किया और एसआरएच को 8 विकेटों से करारी शिकस्त दी. टीम के उमदा प्रदर्शन से शाहरुख बेहद खुश नज़र आए. मैच के बाद वो मैदान पर भी खिलाड़ियों के साथ देखे गए. बाद में उन्होंने नरेंद्र मोदी स्टेडिमय में पहुंचे हज़ारों समर्थकों का आभार व्यक्त किया. शाहरुख खान ने बेटे अबराम और बेटी सुहाना के साथ पूरे मैदान का चक्कर लगाया और दिल से सभी फैंस का आभार जताया.

आईपीएल के इस सीजन में अपनी टीम केकेआर के ज्यादातर मुकाबलों में शाहरुख मैदान में नज़र आए. मैच में केकेआर की हार हो या जीत, शाहरुख हमेशा ही मैदान में आते दिखे और खिलाड़ियों से मिलकर उनका हौंसला बढ़ाते दिखाई दिए. किंग खान की टीम आईपीएल की अपनी तीसरी ट्रॉफी जीतने से महज़ एक कदम दूर है.

कलकत्ता हाईकोर्ट से ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका,2010 के बाद दिए गई सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द

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लोकसभा चुनावों के बीच ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2010 के बाद बनाई गई सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया है।हाईकोर्ट के इस आदेश के परिणामस्वरूप करीब पांच लाख ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए। हालांकि, साथ ही हाईकोर्ट ने कहा, इस प्रमाणपत्र के जिन उपयोगकर्ताओं को पहले ही मौका मिल चुका है, उन पर इस फैसले का असर नहीं होगा। 

कलकत्ता हाई कोर्ट का कहना है कि 2010 के बाद जितने भी ओबीसी सर्टिफिकेट बनाए गए हैं, वे कानून के मुताबिक ठीक से नहीं बनाए गए हैं। इसलिए उस प्रमाणपत्र को रद्द किया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि इस निर्देश का उन लोगों पर कोई असर नहीं होगा जो पहले ही इस सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पा चुके हैं या नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं। अन्य लोग अब उस प्रमाणपत्र का उपयोग रोजगार प्रक्रिया में नहीं कर सकेंगे।

रद्द हो जाएंगे पांच लाख ओबीसी सर्टिफिकेट

कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश से 2010 के बाद बनाई गई सभी ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द हो जाएंगे। इसके चलते राज्य में करीब 5 लाख ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द होने की संभावना है। हालांकि कलकत्ता हाईकोर्ट का कहना है कि 2010 से पहले घोषित ओबीसी वर्ग के लोगों के प्रमाण पत्र वैध हैं। इसके साथ ही जिन्हें 2010 के बाद ओबीसी आरक्षण के कारण नौकरी मिल गई है या भर्ती की प्रक्रिया में हैं, वे भी वैध हैं।

सर्टिफिकेट के आधार पर जिन्हें नौकरी मिली उनका क्या?

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि साल 2010 के बाद बनाए गए ओबीसी प्रमाणपत्र में कानून का पूरी तरह से अनुपालन नहीं किया गया। इस फैसले के बाद यह सवाल उठा है कि क्या इन सर्टिफिकेट के आधार पर जिन्हें नौकरी मिली है, उन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस पर कोर्ट ने साफ कहा कि पहले जारी ओबीसी सर्टिफिकेट से जिन्हें नौकरी मिली है। उन पर इस फैसले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और न ही इस फैसले का उन पर कोई प्रभाव पड़ेगा, जो नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं।

चारधाम यात्रा : अब 20 घंटे खुला रहेगा बाबा केदार का दरबार, भक्तों का सैलाब देखकर लिया गया बड़ा फैसला

उत्तराखंड सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार चारधाम यात्रा में इस साल अबतक 39 यात्रियों की मौत हुई है। इन 39 मौतों में से सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ धाम में हुई हैं जहां अब तक 18 लोगों की जान जा चुकी है, इसके बाद यमुनोत्री धाम में 12 मौतें, बद्रीनाथ धाम में 7 मौतें और गंगोत्री धाम में दो मौतें हुई हैं। खराब स्वास्थ्य से हो रही मौतों के बाद सरकार तीर्थयात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर फोकस कर रही है, साथ ही उसने उचित अनुकूलन अवधि के बाद ही लोगों को यात्रा का विकल्प चुनने की सलाह दी है।

सोमवार शाम तक सवा सात लाख से ज्यादा तीर्थयात्री चार धामों में पहुंच चुके हैं, जिनमें केदारनाथ के लिए 3,19,193, यमुनोत्री के लिए 1,38,537, बद्रीनाथ के लिए 1,39,656 और गंगोत्री के लिए 1,25,777 यात्री शामिल हैं। उधर चार धाम की यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा हर तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दे रखे हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखने के लिए कहा गया है कि उनसे सामान की ज्यादा कीमत ना वसूली जाए।

पिछले साल हुई थी कुल 245 मौतें

पिछले साल चार धाम यात्रा के दौरान 245 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। इनमें से सबसे ज्यादा 120 मौतें केदारनाथ धाम के रास्ते में हुई थीं। बद्रीनाथ धाम रूट पर 46, गंगोत्री धाम रूट पर 30 और यमुनोत्री धाम रूट पर 39 मौतें हुई थीं। साथ ही हेमकुंड साहिब मार्ग पर भी नौ यात्रियों की जान गई थी।

स्वास्थ्य सचिव ने श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए

उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार फिलहाल रुद्रप्रयाग के तीन दिवसीय दौरे पर हैं, उन्होंने मंगलवार को अपने दौरे के दूसरे दिन केदारनाथ मार्ग पर स्वास्थ्य और अन्य यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को तीर्थयात्रियों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया, ‘राज्य सरकार का उद्देश्य चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है ताकि वे परेशानी मुक्त और सुविधाजनक यात्रा कर सकें साथ ही वे अपने साथ उत्तराखंड का सुखद अनुभव लेकर जाएं।’

50 साल से ज्यादा उम्र वालों की स्वास्थ्य जांच पर विशेष फोकस

कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर तीर्थयात्रियों की चिकित्सा जांच करने का निर्देश दिया गया है। विभाग विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक की उम्र वाले श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और रोगियों को केदारनाथ की पैदल यात्रा से बचने की सलाह दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘तीर्थयात्रियों को उचित अनुकूलन अवधि के बाद ही यात्रा का विकल्प चुनने की सलाह दी गई है।’

सुनिश्चित करें की हर दुकान पर सामान की रेट लिस्ट लगी हुई हो

स्वास्थ्य सचिव ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि तीर्थयात्रियों को अधिक कीमत पर सामान न बेचा जाए, इसके लिए उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे यह देखें कि यात्रा मार्ग की प्रत्येक दुकान में रेट लिस्ट लगी हुई हो और तीर्थयात्रियों को मिलावटी खाना नहीं परोसा जाए। उन्होंने अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर सेवाओं का विकल्प चुनने वाले तीर्थयात्रियों के साथ कोई धोखाधड़ी न हो।

यह भी ध्यान रखें की जानवरों के साथ किसी तरह की क्रूरता ना हो

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर चलने वाले खच्चरों और घोड़ों के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने पशुपालन विभाग को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कोई भी संचालक जानवरों के खिलाफ क्रूर व्यवहार न करे। साथ ही कहा कि ‘केदारनाथ यात्रा मार्ग पर किसी भी स्थिति में खच्चरों और घोड़ों को डबल चक्कर नहीं लगाना चाहिए और पूरे यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई बनाए रखनी चाहिए।’

 यात्रा मार्ग पेयजल की व्यवस्था का निर्देश

स्वास्थ्य सचिव ने सोनप्रयाग के पास यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों से भी बातचीत की और तीर्थयात्रियों द्वारा दिए गए सुझावों को नोट किया। इस दौरान गुजरात के विद्यानगर से आईं तीर्थयात्री कुसुमबेन (35) ने बताया कि सोनप्रयाग में मेरी मेडिकल स्क्रीनिंग की गई और मेडिकल स्टाफ से हरी झंडी मिलने के बाद, मैं गौरी कुंड से केदारनाथ की पैदल यात्रा पर निकलूंगी।

उधर राजस्थान के बाड़मेर से आए हकीकत सिंह (50) ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पूरे यात्रा मार्ग पर वाटर एटीएम की व्यवस्था की जानी चाहिए। जिसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने जल संस्थान विभाग के अधिकारियों को पूरे यात्रा मार्ग पर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने का निर्देश दिया, साथ ही बिजली विभाग के अधिकारियों को केदारनाथ की बिजली लाइन में आने वाली किसी भी खराबी को ठीक करने का निर्देश दिया।

ममता बनर्जी के विरोध में साधु समाज, 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का लिया निर्णय

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने शनिवार को रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के साधुओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके इस टिप्पणी के विरोध में बंगाल के साधुओं ने 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का फैसला किया। दरअसल, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि रामकृष्ण मिशन के कुछ भिक्षुओं ने आसनसोल में भक्तों से भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए कहा था। वहीं, भारत सेवाश्रम संघ के एक भिक्षु ने टीएमसी एजेंट को बहरामपुर में एक मतदान केंद्र पर बैठने से मना किया था। बनर्जी का आरोप था कि दोनों मठ भाजपा के निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं।

विश्व हंदू परिषद और पश्चिम बंगाल में साधुओं की शीर्ष संस्था बंगीय संन्यासी समाज के सदस्यों द्वारा संत स्वाभिमान यात्रा का आयोजन किया जाएगा। वीएचपी नेता सौरिस मुखर्जी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, "वोट वैंक की राजनीति के लिए मुख्यमंत्री ऐसी टिप्पणी कर रही हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। इस टिप्पणी के विरोध में पश्चिम बंगाल के साधु रैली निकालेंगे।"

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर पीएम मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि टीएमसी रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के खिलाफ झूठ फैला रही हैं। यह हद से पार है। अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता बनर्जी धार्मिक संगठनों को धमका रही हैं।

बाद में ममता ने सफाई पेश करते हुए कहा कि वह किसी संस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन राजनीति में शामिल होने के लिए एक या दो लोगों की आलोचना की है। बता दें कि कुछ अज्ञात लोगों ने जलपाईगुड़ी में रामकृष्ण मिशन के परिसर पर हमला किया और साधुओं को बंदूक दिखा कर उन्हें डराने की भी कोशिश की।

ममता बनर्जी के विरोध में साधु समाज, 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का लिया निर्णय

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने शनिवार को रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के साधुओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके इस टिप्पणी के विरोध में बंगाल के साधुओं ने 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का फैसला किया। दरअसल, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि रामकृष्ण मिशन के कुछ भिक्षुओं ने आसनसोल में भक्तों से भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए कहा था। वहीं, भारत सेवाश्रम संघ के एक भिक्षु ने टीएमसी एजेंट को बहरामपुर में एक मतदान केंद्र पर बैठने से मना किया था। बनर्जी का आरोप था कि दोनों मठ भाजपा के निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं। विश्व हंदू परिषद और पश्चिम बंगाल में साधुओं की शीर्ष संस्था बंगीय संन्यासी समाज के सदस्यों द्वारा संत स्वाभिमान यात्रा का आयोजन किया जाएगा। वीएचपी नेता सौरिस मुखर्जी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, "वोट वैंक की राजनीति के लिए मुख्यमंत्री ऐसी टिप्पणी कर रही हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। इस टिप्पणी के विरोध में पश्चिम बंगाल के साधु रैली निकालेंगे।" मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर पीएम मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि टीएमसी रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के खिलाफ झूठ फैला रही हैं। यह हद से पार है। अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता बनर्जी धार्मिक संगठनों को धमका रही हैं। बाद में ममता ने सफाई पेश करते हुए कहा कि वह किसी संस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन राजनीति में शामिल होने के लिए एक या दो लोगों की आलोचना की है। बता दें कि कुछ अज्ञात लोगों ने जलपाईगुड़ी में रामकृष्ण मिशन के परिसर पर हमला किया और साधुओं को बंदूक दिखा कर उन्हें डराने की भी कोशिश की।
बांग्लादेश के गायब सांसद का शव कोलकाता में मिला, इलाज कराने आए थे भारत*
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भारत में 9 दिन से लापता बांग्लादेश के सांसद अनवारुल अजीम अनार कोलकाता के एक फ्लैट में मृत मिले। बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां खान ने कोलकाता पुलिस के हवाले से इसकी पुष्टि की है। कोलकाता पुलिस ने बताया कि सांसद अनवारुल का शव न्यू टाउन इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। पुलिस ने इस मामले में 3 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही इसे प्री-प्लान मर्डर बताया है। बताया गया है कि अनवारुल अजीम अनार 12 मई को इलाज कराने पश्चिम बंगाल पहुंचे थे। इसके बाद वे अचानक ही गायब हो गए। उनकी आखिरी ज्ञात लोकेशन कोलकाता के राजरहाट में स्थित संजीवा गार्डन्स थी। पुलिस ने इस मामले में शिकायत मिलने के बाद गुमशुदगी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। हालांकि, बुधवार को बांग्लादेश के गृह मंत्री असद्दुजमां खान ने एलान किया कि अजीम की हत्या हुई है। उन्होंने बताया कि आवामी लीग के सांसद अजमी अंसार, जो कि भारत में लापता हो गए थे, उनकी कोलकाता में एक फ्लैट में हत्या हो गई। अब तक यह सामने आया है कि उनके हत्यारे बांग्लादेशी हैं। उन्होंने साजिश रचकर सांसद की जान ली। मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश पुलिस ने 56 वर्षीय सांसद की हत्या के मामले में तीन को गिरफ्तार किया है। जब उनसे शव को लेकर सवाल किया गया, तो मंत्री ने कहा कि उन्हें अभी इसकी जानकारी मिलनी बाकी है। असद्दुजमां ने कहा कि वे जल्द ही इस मामले में हत्या की वजहों का खुलासा करेंगे। इस मामले में भारत की पुलिस भी जानकारी जुटा रही है। वहीं, कोलकाता में सांसद के दोस्त गोपाल विश्वास ने 18 मई को पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद कोलकाता पुलिस एक्टिव हुई। अजीम बांग्लादेश के ट्रांसपोर्ट यूनियन से जुड़े हुई थे। उनका खुद ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। बताया गया है कि कल अजीम के मैनेजर के पास फिरौती के लिए फोन आया था और बड़ी रकम की मांग की गई थी।
चुनाव आयोग की कांग्रेस-भाजपा को नसीहत, चुनाव प्रचार में मर्यादा बनाए रखने को कहा*
#election_commission_notice_to_jp_nadda_and_mallikarjun_kharge लोकसभा चुनाव के बीच राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी का सिलसिला भी जारी है। चुनाव आयोग द्वारा लगातार ऐसे मामलों पर कार्रवाई भी की जा रही है। इस बीच चुनाव आयोग ने कांग्रेस और बीजेपी को नसीहत दी है।चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को स्टार प्रचारकों को उनके भाषण को सही करने सावधानी बरतने और शिष्टाचार बनाए रखने के लिए फॉर्मल नोट जारी करने का निर्देश दिया है । चुनाव आयोग ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के चुनाव प्रचार की गुणवत्ता में बेहद गिरावट आई है जिसके मद्देनजर यह आदेश जारी किए गए है। आयोग ने जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथों लिया। आयोग ने भाजपा को निर्देश दिए हैं कि पार्टी के नेता अपने भाषणों के दौरान धार्मिक और सांप्रदायिक बयानबाजी न करें। यह भी कहा गया है कि समाज को बांटने वाले बयानों से बचें। चुनाव आयोग ने इस बात पर भी जोर दिया कि चुनाव के समय सत्तारूढ़ दल पर अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है। वहीं, चुनाव आयोग ने कांग्रेस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि स्टार प्रचारक ऐसे बयान न दें जो गलत धारणाएं देते हों। इसके अलावा, अग्निवीर योजना पर बोलते समय, चुनाव निकाय ने कांग्रेस प्रचारकों या उम्मीदवारों से रक्षा बलों का राजनीतिकरण न करने और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में संभावित विभाजनकारी बयान न देने के लिए कहा है। ईसीआई ने दो टूक कहा कि दोनों बड़ी पार्टियों (भाजपा और कांग्रेस) को मतदाताओं के चुनावी अनुभव की विरासत को कमजोर करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. दोनों दलों के प्रमुख अपने-अपने स्टार प्रचारकों के लिए औपचारिक सलाह जारी करें, जिससे वो सावधानी बरतें और शिष्टाचार बनाए रखें. देश के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।