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चारधाम यात्रा : सुगम यात्रा के सरकारी दावे फेल, बिना दर्शन घर लौटने लगे तीर्थयात्री, अब तक 4000 ने की वापसी

चारधाम की सुगम यात्रा के लिए शासन-प्रशासन की कोशिशें रंग नहीं ला पा रही हैं। तीर्थयात्रा को आए कई श्रद्धालु धामों के दर्शन किए बिना ही घरों को लौटने लगे हैं। प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी शुरू की, लेकिन अब तक करीब चार हजार तीर्थयात्री ऋषिकेश से घर लौट गए। लौटने वाले तीर्थयात्रियों का कहना था कि उत्तराखंड में पहुंचने के बाद भी धामों के दर्शन न कर पाना दुर्भाग्य है। यह उनके जीवन का सबसे बुरा अनुभव है। बता दें कि ये लोग अस्थायी पंजीकरण के लिए रोके गए थे फिर यह व्यवस्था भी बंद कर दी गई।

ऑफलाइन पंजीकरण बंद होने पर ऋषिकेश में रोके गए करीब 12 हजार तीर्थयात्रियों को धामों के दर्शन कराने के लिए प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था की। प्रशासन की योजना थी कि अस्थायी पंजीकरण कर इन यात्रियों को धामों के लिए रवाना किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया। सोमवार शाम करीब पांच बजे प्रशासन ने अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी बंद कर दी।

ट्रांजिट कैंप प्रशासन के मुताबिक, 12 हजार के सापेक्ष छह हजार यात्रियों का ही अस्थायी पंजीकरण कराया जा सका। शेष छह हजार में से करीब चार हजार तीर्थयात्री बिना दर्शन लौट गए हैं। करीब ढाई हजार तीर्थयात्री अब भी ट्रांजिट कैंप परिसर व धर्मशालाओं में ठहरे हैं।

800 यात्री देंगे ध्रुव परीक्षा

प्रशासन ने 31 मई तक ऑफलाइन पंजीकरण बंद रखने का निर्णय लिया है। ट्रांजिट कैंप में रुके यात्रियों में से करीब 800 यात्रियों ने ऑफलाइन पंजीकरण शुरू होने तक यहीं रुकने का प्रण लिया है। उनका कहना है कि ध्रुव ने अनिश्चित समय के लिए भगवान की प्रतीक्षा की। हम भी ऑफलाइन पंजीकरण शुरू होने का इंतजार कर लेंगे। प्रशासन का कहना है कि इन यात्रियों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई है।

ऋषिकेश में बने 16,953 ट्रिप कार्ड

ऋषिकेश एआरटीओ कार्यालय में चार अप्रैल से ग्रीन कार्ड बनने शुरू हुए थे। 20 मई तक यहां से 23,063 ग्रीन कार्ड और 16,923 वाहनों के ट्रिप कार्ड बन चुके हैं। इन वाहनों से अब तक ऋषिकेश से 1,52,963 यात्री धामों की यात्रा के लिए गए हैं। परिवहन विभाग के मुताबिक, 11,520 वाहन रवाना हुए हैं। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर विभाग ने 1,400 वाहनों का चालान व 20 वाहन सीज भी किए हैं।

अस्थायी पंजीकरण व्यवस्था भी बंद कर दी गई है। क्या बेहतर किया जा सकता है इसके लिए उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है।

बंगाल में भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार के PA समेत कई बीजेपी नेताओं के यहां रेड, छापेमारी से मच गया बवाल

 लोकसभा चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से सियासत गरमा सकती है. बंगाल पुलिस ने बुधवार (22 मई) तड़के घाटल संसदीय सीट से बीजेपी उम्मीदवार हिरण्मय चटर्जी के पीए के घर पर छापेमारी की है. ये छापेमारी ऐसे वक्त में हुई है, जब तीन दिन बाद यानी 25 मई को यहां चुनाव होने वाले हैं. पश्चिम बंगाल पुलिस पीए तमोघ्नो डे के घर पर बुधवार तड़के 2.30 बजे पहुंची और छापेमारी शुरू की. पुलिस घाटल में ही दो अन्य बीजेपी नेताओं के घर भी पहुंची.

हिरण्मय चटर्जी के पीए तमोघ्नो डे की मां ने बताया है कि जब पुलिस उनके घर पर आई तो उन्होंने दरवाजा नहीं खोला. उनका कहना है कि वह घर पर अकेले थीं, जिसकी वजह से उन्होंने दरवाजा खोलना सही नहीं समझा. तमोघ्नो डे की मां ने कहा कि उनके बेटे का सिर्फ एक कसूर है कि वह हिरण्मय चटर्जी के साथ रहते हैं, जिसकी वजह से पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है. माना जा रहा है कि बीजेपी इस मुद्दे पर टीएमसी पर हमला बोल सकती है.

मिली जानकारी के मुताबिक, घाटल पुलिस स्टेशन और खड़गपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारी छापेमारी के लिए हिरण्मय चटर्जी के पीए के यहां पहुंचे थे. छापेमारी के लिए पहुंची टीम ने किसी तरह से घर में एंट्री की और अपने काम को अंजाम दिया. पुलिस अधिकारी सुबह 6.30 बजे छापेमारी करने के बाद वहां से रवाना हुए. पुलिस दो और बीजेपी नेताओं के घर भी गई, दोनों घाटल सांगठनिक जिले से हैं. उनके नाम सौमेन मिश्रा और तन्मय घोष हैं.

 बंगाल पुलिस की छापेमारी ऐसे समय पर हुई है, जब राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाले हैं. पांच चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अब छठे चरण की तैयारी चल रही है. छठे चरण का मतदान 25 मई को होने वाला है. घाटल में भी इसी दिन वोटिंग होने वाली है.

देशभर में एक जुलाई से लागू होंगे ये तीन नए कानून, उत्तराखंड राज्य की पूरी तैयारी

पहली जुलाई से देशभर में लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों के लिए उत्तराखंड की तैयारी पूरी हो चुकी है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के साथ नए कानूनों को लागू करने से पहले सभी राज्यों के स्तर पर अब तक की तैयारी के बारे में प्रगति जानी।

एक जुलाई से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय सुरक्षा अधिनियम 2023 लागू होने हैं। सीएस कहा, कानूनों की जानकारी के संबंध में सभी प्रशिक्षण 20 जून तक पूरे हो जाएंगे। सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर अपडेट का प्रशिक्षण भी 31 मई तक पूरा हो जाएगा।

कानूनों को सरल तरीके से पढ़ने की विधि तैयार की गई

नए आपराधिक कानूनों के पास होने के बाद प्रशिक्षण संस्थानों से समन्वय बनाते हुए राज्य के 50 अधिकारियों को गाजियाबाद, जयपुर से मास्टर ट्रेनर का कोर्स कराया गया। बताया, 18 अन्य अधिकारियों को भी मास्टर ट्रेनर के रूप में ट्रेनिंग दी गई। साथ ही उत्तराखंड पुलिस ने हस्त पुस्तिका तैयार की है। इसके आधार पर सारे कोर्स का संचालन किया जा रहा है। इसमें वृहद कानूनों को सरल तरीके से पढ़ने की विधि तैयार की गई है। हस्त पुस्तिका की 25 हजार प्रतियां पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को बांटी गई है। ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए तीन मॉड्यूल तैयार किए जा रहे हैं।

बताया, कम समय को देखते हुए प्रशिक्षण को जिला स्तर तक विकेंद्रित किया गया है। सभी मास्टर ट्रेनर और अभियोजन अफसरों की संयुक्त टीम ऑफलाइन मोड में सिविल पुलिस के विवेचना अधिकारियों को ट्रेनिंग दे रही हैं। ऐसे कर्मचारी जिनका पुलिस विवेचना में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं होता है, उन्हें ऑनलाइन मोड में प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके लिए ऑनलाइन माड्यूल तैयार किया जा रहा है।

आईपीएस अधिकारियों व पुलिस कप्तानों को दो दिवसीय प्रशिक्षण

बताया, यह मॉड्यूल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित है। इस माह के अंत तक केंद्र सरकार के बनाए गए आई गॉट कर्मयोगी पोर्टल पर चलाया जाएगा। इसके बाद सभी कर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए एक माह का समय दिया जाएगा। कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल को चारधाम यात्रा के दृष्टिगत करीब 20 दिन का समय दिया जाएगा।

कहा, वे पोर्टल पर उपलब्ध 18 लेक्चर माड्यूल का अध्ययन कर टेस्ट देने के बाद प्रशिक्षित हो जाएंगे। नागरिक पुलिस व पीएसी के 1000 रिक्रूट आरक्षियों को तीन दिन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके लिए लगभग 500 मुख्य आरक्षियों को प्रमोशन के लिए भी नए आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया है। सभी आईपीएस अधिकारियों व पुलिस कप्तानों को भी दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

बताया, ऑफलाइन ट्रेनिंग चार चरण में पूरी होनी थी, जिसमें अभी तक तीन चरण पूरे हो चुके हैं। बागेश्वर, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में यह ट्रेनिंग समाप्त भी हो चुकी है। पिचहत्तर प्रतिशत ऑफलाइन मोड का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। अगले एक हफ्ते में ऑफलाइन प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। आई गॉट कर्मयोगी पोर्टल पर सभी पुलिस कर्मियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।

25 हजार पुलिस बल का प्रशिक्षण

भारतीय न्याय संहिता में छोटे और बड़े 190, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 360 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 45 बदलाव किए गए हैं। नए कानूनों को सभी पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों तक पहुंचने के लिए प्रशिक्षण का रोडमैप तैयार कर लिया गया है। लगभग 25,000 पुलिस बल का ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में प्रशिक्षण प्रस्तावित है।

आज सपा के लड़के जरा गलती करके दिखाएं, योगी सरकार उनका वो हाल करेगी...', बनारस में बोले PM मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 'नारी शक्ति संवाद' कार्यक्रम को संबोधित किया तथा कांग्रेस एवं सपा को निशाने पर लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सपा वाले बेशर्मी से कहते थे कि लड़के हैं, लड़कों से तो गलती हो जाती है। मगर, आज समाजवादी पार्टी के लड़के जरा गलती करके दिखाएं। मुख्यमंत्री योगी की सरकार उनका वो हाल करेगी, जो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा।

प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि पिछले 10 वर्षों में सरकार की नीतियों से लेकर फैसलों तक में हमारी माताएं, बहनें केंद्र में आई हैं। इस पर उतनी चर्चा भले ही ना हुई हो, किन्तु ये भारत की सक्सेस स्टोरी का एक बहुत बड़ा फैक्टर है। आप बताईए, जब आपके बिना घर नहीं चलता है तो देश आपके बिना कैसे चल जाता? ये बात 60 सालों तक सरकारों को समझ में ही नहीं आईं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की सरकारों ने महिलाओं के साथ क्या किया? सिर्फ उपेक्षा एवं असुरक्षा। इंडी गठबंधन की मानसिकता ही महिला विरोधी है। इंडी गठबंधन वाले महिला आरक्षण का विरोध करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जहां इनकी सरकार आती है, महिलाओं का जीना दूभर हो जाता है। बनारस के लोग तो उत्तर प्रदेश, बिहार दोनों में रहे। जंगलराज से परिचित हैं। बहन, बेटियों का घर से निकलना कठिन था। बेटियों को सुरक्षा के डर से पढ़ाई छोड़कर घर पर बैठना पड़ता था तथा समाजवादी पार्टी वाले बेशर्मी से बोलते थे कि लड़के हैं, लड़कों से तो गलती हो जाती है। आज समाजवादी पार्टी के लड़के जरा गलती करके दिखाएं, योगी जी की सरकार उनका वो हाल करेगी, जो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा।

कांग्रेस का कम सीटों पर लड़ना रणनीति है या कुछ और? खरे ने किया खुलासा*
#kharge_said_conscious_decision_by_congress_to_contest_on_lesser_seats
1951 से लेकर अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कांग्रेस इतनी कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राजनीतिक गलियारों में इस पर ख़ूब चर्चा भी हो रही है कि सबसे पुराने राष्ट्रीय दल कांग्रेस को ऐसा क्यों करना पड़ा।अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया है कि सोच-समझकर ये फैसला लिया है, जो राष्ट्र हित में है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में न्यूज एजेंसी पीटीआई को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने बताया कि आखिर क्यों कांग्रेस ने कम सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया। खरगे ने कहा कि इंडिया ब्लॉक को एकजुट रखने और भाजपा को हराने की रणनीति के तहत कांग्रेस ने जानबूझकर इस लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव लड़ा है। उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह कदम पार्टी के कम आत्मविश्वास को नहीं दिखाता है। यह समझौता एकजुट विपक्ष की जीत सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। इसलिए उन दलों को जगह दी गई, जिनकी विभिन्न हिस्सों में ताकत है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में 328 उम्मीदवार उतारे हैं। यह पहली बार होगा कि सबसे पुरानी पार्टी 400 से कम सीटों पर आम चुनाव लड़ रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 421 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 2014 में इसने 464 सीटों पर और 2009 में पार्टी ने 440 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 417 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी ने 2019 में 52 सीटें, 2014 में 44, 2009 में 206 और 2004 में 145 सीटें जीती थीं।
एक्टर पवन सिंह पर बीजेपी का 'बड़ा कार्रवाई,पार्टी से किए गए निष्कासित*
#lok_sabha_election_bhojpur_star_pawan_singh_expelled_by_bjp भोजपुरी एक्टर पवन सिंह भारतीय पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।दरअसल, कारकाट से एनडीए से उपेंद्र कुशवाहा के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पवन सिंह को लेकर पहले से यह कयास लगाए जा रहे थे कि पवन सिंह नाम वापस नहीं लेते हैं तो पार्टी बड़ी कार्रवाई कर सकती है।पार्टी ने दल विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर पवन सिंह के खिलाफ एक्शन लिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के बिहार इकाई के अरविंद शर्मा के हस्ताक्षर से जारी पत्र में लिखा गया है कि, लोकसभा चुनाव में आप एनडीए के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं आपका यह कार्य दल विरोधी है, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है तथा पार्टी अनुशासन के विरुद्ध आपने यह कार्य किया है। अतः आपको दल विरोधी इस कार्य के लिए माननीय प्रदेश अध्यक्ष जी के आदेश अनुसार पार्टी से निष्कासित किया जाता है। बता दें कि पवन सिंह ने पहले स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के अपने फैसले की घोषणा की थी। इससे पहले भाजपा ने उन्हें आसनसोल लोकसभा का टिकट दिया है। भाजपा चाहती थी कि पवन सिंह आसनसोल से ही चुनाव लड़ें। लेकिन, अगले ही दिन पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। दरअसल, पवन सिंह बिहार में आरा से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन, जब आरा से केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद आरके सिंह को टिकट दिया गया तब पवन सिंह ने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया।
अपने विदाई भाषण से चर्चा में आएं रिटायर हुए जस्टिस चितरंजन दास, जानें ऐसा क्या कहा कि मच गई हलचल

#calcutta_high_court_justice_chitta_ranjan_dash_farewell_speech

कलकत्ता हाई कोर्ट के जज चितरंजन दास सोमवार को रिटायर हो गए। अपने विदाई भाषण में उन्होंने कई बड़ी बातें कहीं जिसके बाद वो सुर्खियों में आ गए हैं। अपने कार्यकाल के आखिरी दिन विदाई भाषण में उन्होंने जिस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) की अपनी सदस्यता का जिक्र किया, वह न्यायाधीश पद के साथ जुड़ी गरिमा और संवेदनशीलता से वाकिफ किसी भी शख्स को हैरान कर सकता है। उन्होंने बताया कि वह न केवल अतीत में इस संगठन के सदस्य रहे हैं बल्कि अब रिटायरमेंट के बाद अगर संगठन उन्हें कोई उपयुक्त काम सौंपता है तो उसे खुशी-खुशी अंजाम देंगे।

अपने फेयरवेल स्पीच में जस्टिस दास ने कहा कि मैं अपने काम की वजह से करीब 37 साल तक आरएसएस से दूरी बनाकर रखी। मैंने अपने करियर में कभी भी प्रमोशन के लिए संगठन का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि यह मेरे और इसके सिद्धांतों के खिलाफ है। सभी के साथ समान व्यवहार किया, चाहे वह कोई अमीर व्यक्ति हो या गरीब, चाहे वह कम्युनिस्ट हो या भाजपा, कांग्रेस या टीएमसी से हो।

उन्होंने आगे कहा कि मेरे सामने सभी समान हैं। मैंने अपने जीवन में कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए मुझमें यह कहने का साहस है कि मैं संगठन से जुड़ा हूं क्योंकि यह भी गलत नहीं है। मैं किसी के लिए कोई पूर्वाग्रह नहीं रखता। मैंने दूसरों के प्रति समान दृष्टिकोण रखना सीखा है और इसके प्रति मेरी प्रतिबद्धता भी रही है। कुछ लोगों को भले ही अच्छा न लगे लेकिन आज मैं कहना चाहता हूं कि मैं संघ का सदस्य था और हूं।

रिटायर्ड जस्टिस चितरंजन दास कोलकाता हाईकोर्ट में उन्हीं अभिजीत गंगोपाध्याय के साथी जज रहे हैं जिन्होंने दो महीने पहले ज्युडिशियल सर्विस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी, और इस वक्त तमलुक सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।

भीषण गर्मी से झुलस रहे लोग,अगले 4 दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी*
#heat_wave_alert_ima_issue_alert_beware भारत के अधिकतर हिस्से इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं।पूरे उत्तर पश्चिम भारत में गर्मी से हाल बेहाल हैं। पहाड़ी राज्य हिमाचल में भी ज्यादातर शहरों में तापमान 40 डिग्री के आस-पास बना हुआ है। उत्तर भारत के मैदानी इलाके बीते पांच दिनों से भयंकर लू की चपेट में हैं। इस बीच मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में भी गर्मी से राहत के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए हीट वेव का रेड अलर्ट जारी किया है। रेड अलर्ट जिन राज्यों के लिए जारी किया गया है, उनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश का नाम शामिल है। *इन राज्यों में रेड अलर्ट* मौसम विभाग ने फिलहाल अगले चार दिनों तक दिल्ली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं कुछ अन्य उत्तर पश्चिमी राज्यों के लिए लू का येलो अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में तापमान 42 से 45 डिग्री तक बना रहा है। मौसम विभाग की मानें तो मध्य भारत, उत्तर भारत और उत्तर पश्चिम भारत के राज्यों में बदलाव के आसार नहीं है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। मंगलवार को देश के कई इलाकों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा। इनमें राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के कई इलाके शामिल हैं। गर्मी के चलते इन इलाकों में आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित रहा। गुजरात के कई इलाकों में भीषण गर्मी के साथ ही उमस हालात को और खतरनाक बना रही है। हरियाणा के सिरसा में मंगलवार को अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि देश में सबसे ज्यादा है। मौसम विभाग ने गर्मी को देखते हुए बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। दूसरी तरफ, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने भी एडवायजरी जारी कर लोगों को सावधानी बरतने और बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी है। घर से बाहर काम करने वालों को पानी की बोतल साथ रखने की सलाह दी गई है।
सिंगापुर में तबाही मचाने वाले कोरोना के केपी1 और केपी2 वैरिएंट की भारत में दस्तक, इन राज्यों में मिले केस
#covid_19_variant_kp1_kp2_cases_detected_in_india
सिंगापुर में कोरोना के नए वेरिएंट के कारण पूरी दुनिया चिंता में है।सिंगापुर में कहर बरपाने वाला कोविड का नया वेरिएंट केपी.2 और केपी.1 अब भारत में भी अपने पैर पसारने लगा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केपी.2 और केपी.1 वैरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केपी.2 के 290 मामले और केपी.1 के 34 मामले भारत में सामने आए हैं।

*इन राज्यों में मिले केपी 1 एंड केपी 2 के मरीज*
प्राप्त डाटा के मुताबिक देश के7 राज्यों में केपी 1 के केस मिले हैं। बंगाल -23 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं गोवा में 1, गुजरात में 2 और हरियाणा में 1। महाराष्ट्र में 4, राजस्थान में 2, उत्तराखंज में 1 केपी 1 के मरीज मिले हैं। केपी 2 के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। जिनमें से ज्यादातर मरीज महाराष्ट्र में मिले हैं। महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या 148 मिले हैं। दिल्ली में 1, गोवा में 12,गुजरात में 23, हरियाणा में 3, कर्नाटक में 4, मध्य प्रदेश में 1, ओडिशा में 17, राजस्थान में 21, UP में 8, उत्तराखंड में 16, वेस्ट बंगाल में 36 मरीज मिले हैं।

*अब तक बीमारी के गंभीर लक्षण नहीं दिखे*
अबतक मिली जानकारी के लिए मुताबिक इस वेरिएंट से बीमारी व्यक्ति भर्ती होने और इससे जुड़े गंभीर मामले नहीं मिले हैं। फिलहाल चिंता और घबराहट का कोई कारण नहीं है। लेकिन इसे हल्के में भी नहीं ले सकते हैं क्योंकि यह  SARS-CoV2 की फैमिली से आता है। जो काफी तेजी में फैलता है। स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, केपी1 और केपी2 भी कोरोना के जेएन1 वैरिएंट के उप-वैरिएंट हैं। हालांकि इस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में अभी बीमारी के गंभीर लक्षण नहीं दिखे हैं और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी कम है। ऐसे में घबराने वाली बात नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इन वैरिएंट में म्युटेशन की प्रक्रिया होती रहेगी और यह कोरोना वायरस की प्रकृति भी है।

*कोरोना के नए वेरिएंट केपी 1 एंड केपी 2 के लक्षण कुछ ऐसे दिखते हैं*
बुखार के साथ ठंड लगना या सिर्फ बुखार
लगातार खांसी
गला खराब होना
नाक बंद होना या नाक बहना
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
सांस लेने में दिक्क्त
थकान
स्वाद या किसी भी चीज का गंध नहीं आना
ठीक से सुनाई न देना
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं (जैसे पेट खराब होना, हल्का दस्त, उल्टी)
दिल्ली में वोटिंग से पहले “आप” को झटका, जेल में ही रहेंगे मनीष सिसोदिया, जमानत याचिका खारिज
#delhi_liquor_scam_case_manish_sisodia_bail_plea_rejected
दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले निचली अदालत जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। दिल्ली में लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले कोर्ट का ये फैसला आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका है। दिल्ली में 25 मई को वोट डाले जाएंगे। बता दें कि मनीष सिसोदिया करीब 15 महीने से वो तिहाड़ में बंद हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मनीलॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच को याचिकाकर्ता ने बताया की देरी के आधार पर उन्हें जमानत दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा, सभी पक्षों को सुनने के बाद हमारा मानना है की सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत अर्जी निचली अदालत में दाखिल करने को कहा था।

मनीष सिसोदिया करीब 15 महीने से वह जेल में बंद हैं। सिसोदिया पर शराब नीति बनाकर प्राइवेट कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। आरोप है कि इस शराब नीति से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा और शराब घोटाले के जरिए फंड जुटाया गया जिसे गोवा के चुनाव में भी इस्तेमाल किया गया। मनीष सिसोदिया एक्साइज विभाग के मंत्री थे और उनपर एक्साइज नीति के खिलाफ फैसले लेने का आरोप है। इतना ही नहीं,ईडी और सीबीआई के मुताबिक सिसोदिया पर सबूत छिपाने के भी आरोप हैं। सिसोदिया ने 14 फोन और 43 सिम कार्ड्स बदले। इनमें से पांच सिम सिसोदिया के नाम पर थे।

सीबीआई ने उनको पिछले साल 26 फरवरी 2023 को अरेस्ट किया और दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा। कोर्ट ने चार मार्च को दो दिन और उनकी हिरासत बढ़ा दी। सात मार्च को ईडी ने सिसोदिया से करीब छह घंटे तक पूछताछ की थी।