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अमेरिका को चीन ने दिया बड़ा झटका, चीनी उत्पादों पर भारी आयात शुल्क लगाने का एलान

#america_big_decision_against_dragon_up_to_100_percent_tax_on_goods

अमेरिका चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं। इसी क्रम नें यूएस ने ड्रैगन को बड़ा झटका दिया है। अमेरिका ने चीन से इंपोर्ट होने वाले तमाम सामानों पर 100 प्रतिशत तक का टैक्‍स लगा दिया है।इनमें इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी, स्टील, सौर सेल और एल्यूमीनिय शामिल हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100 फीसदी, सेमीकंडक्टर पर 50 फीसदी और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा की गई है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में राष्ट्र को संबोधित करते हुए इसका एलान किया।

व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से राष्ट्र को संबोधित करते हुए, जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी श्रमिकों को अनुचित व्यापार प्रथाओं से रोका न जाए और देश अपनी इच्छानुसार किसी भी प्रकार की कार खरीदना जारी रख सके।उन्होंने पीटीआई के हवाले से कहा कि मैं चीन के साथ निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा चाहता हूं, संघर्ष नहीं। हम चीन के खिलाफ 21वीं सदी की आर्थिक प्रतिस्पर्धा जीतने के लिए किसी अन्य की तुलना में अधिक मजबूत स्थिति में हैं क्योंकि हम फिर से अमेरिका में निवेश कर रहे हैं।

बाइडन ने आरोप लगाया कि वर्षों से चीन की सरकार ने इस्पात और एल्यूमीनियम, इलेक्ट्रिक वाहन, सौर पैनल और दस्ताने व मास्क जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपकरण जैसे उद्योगों में सरकारी पैसे का इस्तेमाल किया है। चीन ने इन सभी उत्पादों को भारी सब्सिडी दी, जिससे चीनी कंपनियों को दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में कहीं अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित किया गया। फिर अतिरिक्त उत्पादों को गलत तरीके से कम कीमतों पर बाजार में डंप किया गया और दुनियाभार के अन्य निर्माताओं को व्यवसाय से बाहर किया गया। 

बाइडन ने कहा, चीन प्रतिस्पर्धा विरोधी रणनीति पर भरोसा करता है, जैसे अमेरिकी कंपनियों को चीन में व्यापार करने के लिए अपनी तकनीक स्थानांतरित (टेक्नोलॉजी ट्रांसफर) करने के लिए मजबूर करना।

*चाबहार डील पर भारत पर भड़के अमेरिका को जयशंकर की दो टूक, जानें क्या कहा?*
#us_jaishankar_took_charge_on_india_iran_chabahar_deal_reminded_america
भारत और ईरान के बीच हुई चाबहार डील के बाद अमेरिका की नाराजगी सामने आई है। अमेरिका को यह करार पसंद नहीं आ रहा है। चाबहार बंदरगाह को लेकर डील होने के बाद बौखलाए अमेरिका ने भारत पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को दो टूक जवाब दिया है। एस जयशंकर ने ये भी साफ कर दिया कि इस परियोजना से पूरे क्षेत्र को फायदा होगा, इसके लिए छोटी सोच को लोगों को स्वीकार नहीं करना चाहिए। विदेश मंत्री ने मंगलवार को कोलकाता में अपनी किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' के बांग्ला संस्करण के विमोचन के बाद एक बातचीत के दौरान जब अमेरिका की रुख के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, मैंने कुछ टिप्पणियां देखीं, जो की गई थीं, लेकिन मुझे लगता है कि यह लोगों को संवाद करने, समझाने और समझाने का सवाल है कि यह वास्तव में यह सभी के फायदे के लिए है। मुझे नहीं लगता कि लोगों को इसके बारे में छोटी सोच रखना चाहिए। एस जयशंकर ने कहा, अमेरिका ने पहले ऐसा नहीं किया है, इसलिए, अगर आप चाबहार में बंदरगाह को लेकर अमेरिका के रवैये को देखें, तो पहले वह पोर्ट की व्यापक प्रासंगिकता की सराहना करता रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस पर काम करेंगे। *चाबहार डील पर अमेरिका की भारत को चेतावनी* बता दें कि अमेरिका ने मंगलवार को चेतावनी दी थी कि तेहरान के साथ व्यापारिक डील पर विचार करने वाले "किसी को" भी प्रतिबंधों के संभावित जोखिम के बारे में पता होना चाहिए। अमेरिकी विदेश विभाग के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "मैं बस यही कहूंगा...ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहेंगे और इनको जारी रखा जाएगा।" जब उनसे यह पूछा गया कि इन प्रतिबंधों के दायरे में क्या भारतीय कंपनियां भी आ सकती हैं, इस पर वेदांत पटेल मे कहा कि जो कोई भी ईरान के साथ व्यापारिक सौदे पर विचार कर रहा है, उस पर संभावित जोखिम का खतरा बना रहेगा। *भारत-ईरान के बीच चाबहार पोर्ट डील* बता दें कि भारत ईरान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे मध्य एशियाई देशों तक अपनी पहुंच आसान बनाने के लिए चाबहार पोर्ट पर एक टर्मिनल विकसित कर रहा है। भारत और ईरान ने चाबहार के शाहिद बेहश्ती बंदरगाह के टर्मिनल के संचालन के लिए एक समझौता किया है। 10 साल के लिए एक डील पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के पोर्ट्स एंड मेरिटाइम ऑर्गनाइजेशन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। *चाबहार डील आखिर है क्या? * पहले भारत से अफगानिस्तान को भेजा जाने वाला कोई भी सामान पाकिस्तान के रास्ते होकर जाता था। लेकिन इस डील से भारत को अब व्यापार के लिए पाकिस्तान की जरूरत नहीं होगी। अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया से बिजनेस के लिए भारत को नया रूट मिल जाएगा। अब तक इन देशों तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान का सहारा लेना पड़ता था। यह बंदरगाह भारत के लए रणनीतिक और कूटनीति के लिहाज के भी अहम है।
PoK में आधी रात को लगे ‘आजादी’ के नारे, अब तक 3 की मौत..इंडियन आर्मी से लोग लगा रहे मदद की गुहार





पाक अधिकृत कश्मीर में चौथे दिन भी हिंसक झड़पें जारी हैं। PoK की सड़कों पर आधी रात को आजादी के नारे लगे हैं तो गलियां धूं-धूं करके जलती नजर आ रही हैं। मंगलवार की सुबह PoK के कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं।


हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। PoK में हिसंक हुए विरोध प्रदर्शन का आज चौथा दिन है। वहीं PoK से हिंसा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें लोग आजादी के लिए आवाज बुलंद करते नजर आ रहे हैं।

PoK में लगे आजादी के नारे

PoK में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कोई नई बात नहीं है। हालांकि शुक्रवार को ये प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया। अब तक एक पुलिस अफसर समेत 3 लोगों की जान चली गई तो 100 से भी ज्यादा लोग घायल हैं। पिछले चार दिनों से PoK के लोग आजादी की मांग कर रहे हैं। ऐसे में आधी रात को भी पीओके में आजादी के नारे लग रहे थे, जिसका वीडियो काफी वायरल हो रहा है।

भारतीय सेना से की गई मदद की मांग

PoK में लगातार बढ़ रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के सामने पाकिस्तान सरकार ने भी घुटने टेक दिए हैं। पाक सरकार ने PoK के लिए फंड के रूप में 23 अरब रुपए जारी किए हैं। मगर पाकिस्तानी सरकार का ये कदम PoK पर मरहम लगाने के लिए काफी नहीं है। PoK की गलियों पर बमबारी और गोलीबारी की घटनाएं हो रहीं हैं, जिन्हें देखने के बाद कई लोग भारतीय आर्मी से एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं। खासकर कश्मीर में बैठे लोग PoK में अपने कश्मीरी भाईयों को आजादी दिलाने के लिए भारतीय सेना से मदद की गुहार लगा रहे हैं।


आवामी एक्शन कमेटी ने रखी मांग

PoK में चौथे दिन भी चक्का जाम जारी है। इसी बीच आवामी एक्शन कमेटी ने पाकिस्तान सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं। इन मांगों में मंगला बांध से टैक्स फ्री बिजली समेत गेहूं के आटे पर सब्सीडी जैसी चीजें शामिल हैं। बता दें कि मुजफ्फराबाद ददयाल और  मीरपुर सहित पीओके की कई जगहों पर प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच में हिंसक झड़पें देखने को मिल रही हैं।
गाजा में रिटायर्ड भारतीय कर्नल की हत्या, संयुक्त राष्ट्र में थे तैनात*
#israel_hamas_war_indian_retd_colonel_died_in_attack
दक्षिणी गाजा के रफाह शहर के खान यूनिस इलाके में हुई गोलीबारी से संयुक्त राष्ट्र के एक कर्मचारी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य कर्मचारी जख्मी हो गया।गाजा के रफाह में अस्पताल जाते समय भारतीय सेना के पूर्व कर्नल वैभव अनिल काले इजरायली हवाई हमले में मारे गए हैं। उन्होंने तीन सप्ताह पहले ही बतौर सुरक्षा सेवा समन्वयक संयुक्त राष्ट्र के लिए काम शुरू किया था। घटना के वक्त संयुक्त राष्ट्र का झंडा लेकर एक वाहन से जा रहे थे। को इजरायल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद संयुक्त राष्ट्र के किसी अंतरराष्ट्रीय कर्मी की मौत का यह पहला मामला बताया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, 46 वर्षीय वैभव अनिल काले एक महीने पहले ही गाजा में संयुक्त राष्ट्र डिपार्टमेंट ऑफ सेफ्टी एंड सिक्योरिटी (डीएसएस) विभाग में बतौर सिक्योरिटी सर्विस कॉर्डिनेटर के तौर पर शामिल हुए थे। अनिल काले संयुक्त राष्ट्र के स्टीकर लगी गाड़ी में सफर कर रहे थे, उनकी गाड़ी पर संयुक्त राष्ट्र का झंडा भी लगा था। संयुक्त राष्ट्र के बयान के मुताबिक यह हमला उस वक्त हुआ जब सुबह को अनिल काले अपने सहयोगी के साथ यूएन की गाड़ी में रफाह स्थित यूरोपियन अस्पताल जा रहे थे। संयुक्त राष्ट्र के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र कर्मी पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और मौत पर दुख जताया है। साथ ही, मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने मृतक परिवार को भी अपना शोक संदेश भेजा है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़ीं एजेंसियों के हवाले से पता लगा है कि काले के वाहन पर गोलियां बरसाई गईं। ये गोलियां किसने मारीं, अभी इस बारे में जानकारी नहीं मिली है। आईडीएफ की ओर से कहा गया है कि हमले की जांच की जा रही है। हमला सक्रिय युद्ध वाले इलाके में हुआ। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने काले की मौत के बाद दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि शांति और युद्ध रोकने की कोशिश होनी चाहिए। काले से पहले भी कई जिंदगियां यहां तबाह हो चुकी हैं। कर्नल काले में 2022 में भारतीय सेना से रिटायरमेंट ली थी। इसके बाद दो महीने पहले वे संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा और सुरक्षा विभाग (डीएसएस) में गए थे। काले 11 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में सेवाएं दे चुके थे। इजराइल पर हमास ने 7 अक्टूबर को आतंकवादी हमला किया था। उसके बाद से दोनों में भीषण जंग चल रही है। गाजा में अब तक 190 से ज्यादा संयुक्त राष्ट्र कर्मी मारे जा चुके हैं। वहीं, 35,091 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं, जबकि 78827 लोग घायल हुए हैं। इजराइल के 33 बच्चों सहित 1200 से अधिक लोग मारे गए हैं।
*स्वाति मालीवाल पर आप ने तोड़ी चुप्पी, अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार पर एक्शन*
#aap_accept_swati_maliwal_assault_sanjay_singh_says_strict_action_will_be_taken
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास में आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से बदसलूकी मामले में आप ने चुप्पी तोड़ी है। पार्टी सांसद संजय सिंह ने दो टूक कहा है कि मामला सीएम केजरीवाल के संज्ञान में है। इसमें सख्त कार्रवाई होगी। हम सभी स्वाति मालीवाल के साथ हैं। बता दें कि राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने सीएम केजरीवाल के निजी सचिव पर मारपीट का आरोप लगाया है। आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि कल बहुत ही निंदनीय घटना घटी। कल सुबह सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पहुंची थीं। ड्राइंग रूम में स्वाति मालीवाल अरविंद केजरीवाल का इंतजार कर रही थीं। इस बीच आवास के स्टाफ में से विभव कुमार पहुंचे और स्वाति मालीवाल के साथ अभद्रता और बदतमीजी की। इस घटना की जानकारी स्वाति ने 112 नंबर पर काल करके पुलिस को दी। घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है। संजय सिंह ने कहा कि इस पूरी घटना का मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्वाति मालीवाल ने देश और समाज के हित में कई काम किए हैं। पार्टी की सीनियर और पुरानी लीडर्स में से एक हैं। हम सब उनके साथ हैं। विभव कुमार का नाम अप्रैल में तब सुर्खियों में आया था जब दिल्ली सतर्कता विभाग ने सीएम के पीए के तौर पर उनकी नियुक्ति को “अवैध” करार दिया था और केजरीवाल के निजी सचिव के पद से बर्खास्त कर दिया था।
आम आदमी पार्टी को भी दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी बनाएगी ईडी, मनीष सिसोदिया पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में खुलासा
#aam_aadmi_party_to_be_made_accused_in_delhi_liquor_sacam
दिल्‍ली के कथित शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्‍टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शिकंजा मजबूत करने के बाद अब ईडी इस मामले में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाने जा रही है। जांच एजेंसी की तरफ से मंगलवार को दिल्‍ली हाईकोर्ट में यह जानकारी दी गई। पार्टी पर भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्‍ट के तहत एक्‍शन लिया जाएगा।

आबकारी केस से जुड़े सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से वकील दयान कृष्णन पेश हुए और उन्होंने अपनी दलीलें रखी। वकील दयान कृष्णन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी के मुताबिक आरोपियों की ओर से मुकदमे में देरी करने के लिए एक संगठित प्रयास किया गया था। मैं पूछता हूं, इसका आधार क्या है?वहीं इडी के वकील जुहैब हुसैन ने बताया कि आम आदमी पार्टी को भी इस मामले में आरोपी बनाया जाएगा और पूरक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।

ईडी ने जमानत का जमानत का विरोध करते हुए यह बताया गया कि इस मामले में केवल मनीष सिसोदिया और सीएम अरविंद केजरीवाल ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी भी बराबरी की हिस्‍सेदार है। मनी ट्रेल की जांच के दौरान उनकी भूमिका भी सामने आई है। लिहाजा अब पार्टी को भी इस केस में आरोपी बनाया जा रहा है।

वहीं, मनीष सिसोदिया के वकील ने आगे कहा कि 6 दिसंबर 2023 को ईडी ने 540 पन्नों के दस्तावेज रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए आवेदन दायर किया गया। यह आवेदन पहली शिकायत के एक साल से ज़्यादा समय बाद और चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट के चार महीने बाद दायर किया गया। अब छठी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई है। लेकिन जिस पर चर्चा हुई, वह सभी आरोपी व्यक्तियों के आवेदन थे. इस मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है।
आम आदमी पार्टी को भी दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी बनाएगी ईडी, मनीष सिसोदिया पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में खुलासा*
#aam_aadmi_party_to_be_made_accused_in_delhi_liquor_sacam
दिल्‍ली के कथित शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्‍टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शिकंजा मजबूत करने के बाद अब ईडी इस मामले में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाने जा रही है। जांच एजेंसी की तरफ से मंगलवार को दिल्‍ली हाईकोर्ट में यह जानकारी दी गई। पार्टी पर भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्‍ट के तहत एक्‍शन लिया जाएगा। आबकारी केस से जुड़े सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से वकील दयान कृष्णन पेश हुए और उन्होंने अपनी दलीलें रखी। वकील दयान कृष्णन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी के मुताबिक आरोपियों की ओर से मुकदमे में देरी करने के लिए एक संगठित प्रयास किया गया था। मैं पूछता हूं, इसका आधार क्या है?वहीं इडी के वकील जुहैब हुसैन ने बताया कि आम आदमी पार्टी को भी इस मामले में आरोपी बनाया जाएगा और पूरक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा। ईडी ने जमानत का जमानत का विरोध करते हुए यह बताया गया कि इस मामले में केवल मनीष सिसोदिया और सीएम अरविंद केजरीवाल ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी भी बराबरी की हिस्‍सेदार है। मनी ट्रेल की जांच के दौरान उनकी भूमिका भी सामने आई है। लिहाजा अब पार्टी को भी इस केस में आरोपी बनाया जा रहा है। वहीं, मनीष सिसोदिया के वकील ने आगे कहा कि 6 दिसंबर 2023 को ईडी ने 540 पन्नों के दस्तावेज रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए आवेदन दायर किया गया। यह आवेदन पहली शिकायत के एक साल से ज़्यादा समय बाद और चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट के चार महीने बाद दायर किया गया। अब छठी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई है। लेकिन जिस पर चर्चा हुई, वह सभी आरोपी व्यक्तियों के आवेदन थे. इस मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है।
पीएम मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से किया नामांकन, जानिए कौन हैं प्रधानमंत्री के 4 प्रस्तावक*
#pm_modi_varanasi_loksabha_election_nomination_four_prastavak
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन भर दिया। पीएम मोदी के नामांकन के मौके पर चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर शामिल हैं। बता दें कि पंडित गणेश्वर शास्त्री ने ही अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकाला था। बैजनाथ पटेल ओबीसी समाज से आते हैं और संघ के पुराने व समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। लालचंद कुशवाहा ओबीसी समाज से आते हैं और पार्टी के कार्यकर्ता हैं। संजय सोनकर दलित समाज से आते हैं और पार्टी के कार्यकर्ता भी हैं। चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। *प्रस्‍तावक का स्‍थानीय वोटर होना जरूरी* निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है। कई बार प्रस्तावकों के कारण चुनाव का रुख ही बदल जाता है। सूरत लोकसभा सीट पर ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। नियमों के अनुसार, अगर कोई उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है, तो निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता को उसकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव देना आवश्यक होता है। *नामांकन से पहले पीएम ने लिया आशीर्वाद* बता दें कि आज सुबह पीएम मोदी नामांकन से पहले दशाश्वमेध घाट पहुंचे। यहां उन्होंने मां गंगा की पूजा की। दशाश्वमेध घाट पर पूजा के बाद पीएम मोदी बनारस के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव के मंदिर भी पहुंचे। काल भैरव में पूजा के बाद पीएम मोदी अपने नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट रवाना हुए और यहां उन्होंने नामांकन किया। बता दें कि पीएम मोदी के नामंकन में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन हो रहा है। एनडीए शासित राज्यों के 11 मुख्यमंत्री और मोदी कैबिनेट के 18 मंत्री इस वक्त काशी में मौजूद हैं। सहयोगी दलों में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, चिराग पासवान, जयंत चौधरी भी पीएम के नामांकन में शामिल होने के लिए वारणसी पहुंचे हैं। *एक दिन पहले किया था भव्य रोड शो* इससे पहले सोमवार को वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी ने भव्य रोड शो किया। इस दौरान सड़कों पर हुजूम उमड़ पड़ा। करीब 6 किलोमीटर का यह रोड शो रहा। इस दौरान पीएम मोदी का काशी के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की है। पीएम मोदी के रोडशो में सीएम योगी भी मौजूद रहे।
दुश्मनी निभाने में नंबर वन ड्रैगन बना भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर, अमेरिका को पछाड़कर पाया ये मुकाम
#china_becomes_indias_number_1_trading_partner
भारत और इसके पड़ोसी देश चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं और सीमा विवादों को लेकर अक्सर तनातनी होती रहती है लेकिन कारोबार के मामले में ऐसा नहीं है। भारत से कारोबार के मामले में चीन ने अमेरिका को पछाड़ दिया है। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के आंकड़ों के मुताबिक वित्तवर्ष 2023-24 में चीन ने भारत के साथ 118 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कारोबार किया है। यह कारोबार अमेरिका से ज्यादा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन के एक्सपोर्ट में 8.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

जीटीआरआई के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष में चीन को भारत का निर्यात 8.7 फीसदी बढ़कर 16.67 अरब डॉलर हो गया। आयरन ओर, सूती धागा/कपड़े/मेडअप, हैंडलूम, मसाले, फल और सब्जियां, प्लास्टिक और लिनोलियम जैसे क्षेत्रों में भारत का निर्यात बढ़ा है। वहीं बीते वित्त वर्ष में पड़ोसी देश चीन से भारत का आयात 3.24 फीसदी बढ़कर 101.7 अरब डॉलर हो गया।

*अमेरिका से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट में आई कमी*
वहीं दूसरी ओर अमेरिका से भारत के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका को भारत के एक्सपोर्ट में 1.32 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने अमेरिका को 78.54 बिलियन डॉलर एक्सपोर्ट किया था, जोकि वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 77.5 बिलियन डॉलर रह गया। वहीं दूसरी ओर इंपोर्ट में भी 20 फीसदी गिरावट देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का अमेरिका से इंपोर्ट 40.8 बिलियन डॉलर पर आ गया है।

*भारत के ट्रेड सरप्लस और व्यापार घाटे की स्थिति भी बदली*
जीटीआरआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के दौरान टॉप के 15 व्यापारिक भागीदारों के साथ भारत के व्यापार में काफी बदलाव आया है। इससे न केवल आयात और निर्यात पर असर देखा गया है बल्कि कई अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रेड सरप्लस और व्यापार घाटे की स्थिति भी बदली है। इसमें कहा गया है कि इस अवधि में चीन को एक्सपोर्ट में 0.6 फीसदी की मामूली गिरावट देखी गई, जो 16.75 अरब डॉलर से घटकर 16.66 अरब डॉलर पर आ गया। वहीं चीन से इंपोर्ट 44.7 फीसदी बढ़कर 70.32 अरब डॉलर से 101.75 अरब डॉलर हो गया।

*अमेरिका के साथ फायदा*
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते 5 साल में भारत को अमेरिका के साथ व्यापार करने में काफी फायदा हुआ है. पांच साल में अमेरिका को निर्यात 47.9 प्रतिशत बढ़कर 52.41 अरब डॉलर से 77.52 अरब डॉलर हो गया। अमेरिका से आयात में भी 14.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 35.55 अरब डॉलर से बढ़कर 40.78 अरब डॉलर हो गई है। जिसकी वजह से भारत का ट्रेड सरप्लस 16.86 बिलियन डॉलर से बढ़कर 36.74 बिलियन हो गया है।
*मालदीव को भारत ने फिर दिखाया बड़ा दिल, मोटी आर्थिक मदद के लिए तैयार, जानें चीन को कैसे लगा झटका*
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चीन के इशारे पर लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रही मालदीव की मोहम्‍मद मुइज्‍जू सरकार को आखिरकार उसी के सामने हाथ फैलाना पड़ा। एक बार फिर भारत ने बड़ा दिल दिखाते हुए मालदीव की बड़ी आर्थिक मदद की है। पर्यटन के मोर्चे पर झटका खा चुके मालदीव के हाथ फैलाने पर इंडिया की ओर से उसके बजट में मदद की गई है। मालदीव की मोहम्‍मद मुइज्‍जू सरकार के गिड़गिड़ाने पर आखिरकार भारत का दिल पसीज गया है। भारत ने मालदीव को 5 करोड़ डॉलर का बजट सपोर्ट दे दिया है। देश ने सहयोग का संदेश देते हुए वहां (मालदीव) के वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर के सरकारी बॉण्ड की मियाद एक और साल के लिए बढ़ा दी है। कुछ महीने पहले मालदीव की तरफ से भारत को अकड़ दिखाया जा रहा था। भारत ने तल्खी के बीच मालदीव की बड़ी मदद का ऐलान किया है। मालदीव के 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (5 करोड़ रुपये) के सरकारी बॉण्ड की मियाद एक साल के लिए बढ़ा दी है। भारतीय उच्चायोग ने एक बयान जारी करते हुए इसकी पुष्टि की। बयान में कहा गया है कि भारत सरकार से बजटीय समर्थन हासिल करने के मालदीव सरकार के विशेष अनुरोध पर अवधि बढ़ाने का फैसला किया गया। भारत की इस मदद के लिए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने भारत का धन्यवाद भी दिया है। मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का यह ऐलान भारत और मालदीव के बीच दीर्घकालीन दोस्‍ती को दर्शाता है। मालदीव की सरकार ने कहा कि वह आगे भी आपसी हित और समृद्धि के लिए भागीदारी करती रहेगी। मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की सहायता से चलाए जा रहे प्रॉजेक्‍ट में काफी प्रगति हुई है। यह इस बात को दिखाता है कि उनकी सरकार इन प्रॉजेक्‍ट को पहली प्राथमिकता देती है। बता दें कि हाल ही में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने खुद भारत से बजट अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया था। मूसा जमीर 8 मई से 10 मई के बीच में नई दिल्‍ली की यात्रा पर आए थे। उन्‍होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। *भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण मालदीव?* मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने और चीन की तरफ झुकाव होने के बावजूद आखिर भारत ने क्यों मालदीव की मदद का फैसला लिया? जवाब साफ है- मालदीव, भारत के लिए सामरिक और रणनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है। केंद्र-शासित प्रदेश लक्षद्वीप से इसकी दूरी महज 700 किमी है और यह हिंद महासागर में सामरिक रूप से काफी महत्वूर्ण जगह पर स्थित है। हिंद महासागर से जो मालवाहक जहाज गुजरते हैं, वो मालदीव से होकर जाते हैं। एक तरीक से यह सेंटर प्वाइंट है। इसीलिये भारत हर हाल में हिंद महासागर में अपना दबदबा चाहता है।