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चीन-PAK को झटका देकर भारत ने 10 साल के लिए हासिल किया चाबहार बंदरगाह ! जानिए इससे देश को क्या फायदा होगा ?








भारत ने अगले दस वर्षों के लिए ईरान के चाबहार बंदरगाह को संचालित करने का अधिकार सुरक्षित कर लिया है, जो अंतर्राष्ट्रीय जगत में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है। दरअसल, ओमान की खाड़ी पर दक्षिणपूर्वी ईरान में स्थित यह बंदरगाह भारत के लिए अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि यह अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार प्रदान करता है, जिससे भारत पाकिस्तान को बायपास कर सकता है। चाबहार बंदरगाह का उपयोग करके, भारत का लक्ष्य अफगानिस्तान और उससे आगे तक एक सीधा और कुशल व्यापार मार्ग स्थापित करना है। यह कदम चीनी सहायता से विकसित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के विकल्प के रूप में भी काम करता है। चाबहार और ग्वादर के बीच समुद्र से केवल 100 किलोमीटर की दूरी है, लेकिन चाबहार बंदरगाह रणनीतिक रूप से अधिक अहम है।

चाबहार बंदरगाह अपनी क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने और भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की भारत की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। उम्मीद है कि यह बंदरगाह मध्य एशियाई क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के भारत के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अतिरिक्त, चाबहार बंदरगाह को भारत की महत्वाकांक्षी अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) परियोजना के एक प्रमुख घटक के रूप में देखा जाता है। INSTC का लक्ष्य भारत को ईरान के माध्यम से मध्य एशिया, रूस और यूरोप से जोड़ने के लिए समुद्री, रेल और सड़क मार्गों का एक मल्टीमॉडल नेटवर्क स्थापित करना है। इस गलियारे में चाबहार बंदरगाह के शामिल होने से ईरान, अजरबैजान और उससे आगे रूस के साथ भारत की कनेक्टिविटी में काफी वृद्धि होगी। जिससे भारत का व्यापार बढ़ेगा और मध्य पूर्वी देशों से रिश्ते भी सुधरेंगे।


बता दें कि, 21 वर्षों से अटके पड़े चाबहार बंदरगाह समझौते की शुरुआत 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान हुई थी। इसकी पहल 2003 में अटल सरकार ने की थी, लेकिन सरकार बदलते ही ये मामला 10 सालों के लिए ठंडा पद गया। 2014 में जब फिर से भाजपा सत्ता में आई, तो इस पर नए सिरे से चर्चाएं शुरू हुईं, क्योंकि उधर ईरान में भी सत्ता परिवर्तन हो चूका था। 2018 में मोदी सरकार ने ईरान के साथ मिलकर बंदरगाह में भारत की भूमिका का विस्तार करते हुए समझौते को औपचारिक रूप दिया गया। नया 10-वर्षीय समझौता मूल अनुबंध का स्थान लेता है, जो बंदरगाह के संचालन में भारत की भागीदारी के लिए अधिक मजबूत रूपरेखा प्रदान करता है। यह कदम तब उठाया गया है जब मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया में प्रमुख व्यापार मार्ग क्षेत्रीय संघर्षों के कारण बाधित हो गए हैं, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

चाबहार बंदरगाह समझौते के अलावा, भारत ने बंगाल की खाड़ी में म्यांमार के सिटवे बंदरगाह का नियंत्रण लेने के लिए इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल के एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है, जिससे इस क्षेत्र में अपनी समुद्री उपस्थिति और व्यापार नेटवर्क का और विस्तार होगा।
भाजपा नेता प्रवीण नेत्तारू का कातिल मुस्तफा दो साल बाद गिरफ्तार, दहशत फैलाने के लिए की थी हत्या

कर्नाटक भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य प्रवीण नेट्टारू की हत्या के लगभग दो साल बाद मुख्य आरोपी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। मुस्तफा पाइचर को NIA ने शुक्रवार सुबह सकलेशपुरा से गिरफ्तार किया था। 26 जुलाई, 2022 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलारे गांव में कथित तौर पर प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कैडरों द्वारा प्रवीण नेट्टारू की दो बाइक सवार हमलावरों द्वारा हत्या कर दी गई थी। उसी साल सितंबर में केंद्र सरकार ने PFI पर प्रतिबंध लगा दिया था। मामला शुरू में बेलारे पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। बाद में मामला NIA को सौंप दिया गया। NIA ने पिछले साल जनवरी में इस मामले में 20 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। एनआईए की चार्जशीट के अनुसार, एक (हिन्दू) समुदाय के सदस्यों के बीच दहशत पैदा करने और समाज में सांप्रदायिक नफरत और अशांति पैदा करने के PFI के एजेंडे के तहत नेत्तारू की धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई थी। हत्या मामले की NIA जांच से पता चला कि PFI ने 2047 तक इस्लामी शासन स्थापित करने के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए "गुप्त हत्यारा दस्ते" का गठन किया था। इन सदस्यों को कुछ समुदायों और समूहों से संबंधित नेताओं की पहचान करने, भर्ती करने और निगरानी करने के लिए हथियारों के साथ-साथ निगरानी तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया गया था। पिछले साल अक्टूबर में, NIA ने मामले के संबंध में तीन संदिग्धों की जानकारी के लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की थी। एनआईए ने कहा था कि तीन संदिग्ध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य थे - पोय्यगुड्डे पडांगडी से नौशाद (32), सोमवारपेट तालुक से अब्दुल नासिर (41) और अब्दुल रहमान (36)। एनआईए ने तीनों के बारे में कोई भी जानकारी साझा करने के लिए प्रत्येक को 2 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
PM मोदी ने दाखिल किया नामांकन, तीसरी बार वाराणसी से लड़ेंगे चुनाव, 2014 में पहली बार यहां से बने थे सांसद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को वाराणसी से नामांकन दाखिल कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह 2014 में पहली बार यहां से सांसद बने थे। इसके बाद 2019 में भी उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की। आज नामांकन दाखिल करने से पहले पीएम मोदी ने दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की पूजा की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी काल भैरव मंदिर पहुंचे। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। नामांकन के दौरान पीएम मोदी के साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री तीसरी बार काशी से मैदान में उतरे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से आज का दिन बेहद खास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन कर दिया है। इस दौरान उनके साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एनडीए गठबंधन के कई नेता मौजूद रहे। प्रधानमंत्री सबसे पहले बनारस के दशाश्वमेध घाट गए और इसके बाद काल भैरव मंदिर के दर्शन किए। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और एलजेपी (रामविलास) के चीफ चिराग पासवान, जयंत चौधरी, ओमप्रकाश राजभर, संजय निषाद, प्रफुल्ल पटेल, चंद्रबाबू नायडू, अनुप्रिया पटेल, हरदीप पुरी, पवन कल्याण। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे, लेकिन अब नीतीश कुमार की तबीयत खराब बताई जा रही है, जिसके कारण उन्होंने अपने पूरे दिन के सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
भ्रामक विज्ञापन मामले में फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने की बाबा रामदेव की तारीफ, योग के क्षेत्र मेंयोगदान की तारीफ*
#supreme_court_exempts_baba_ramdev
पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। आज की अदालती कार्रवाई में योगगुरू रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी पेश हुए हैं।इस दौरान पतंजलि के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने उन उत्पादों की बिक्री रोक दी है जिन के लाइसेंस रद्द हो गए थे। इस दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने योग के क्षेत्र में बाबा रामदेव के योगदान की भी तारीफ की है। हालांकि, बाबा रामदेव और बालकृष्ण पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलेगा या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया। दरअसल, पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को कहा कि जिन दवाओं के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं, उन्हें दुकान पर बेचने से रोकने और उनको वापस लाने को लेकर उनकी तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं, इसे लेकर एक हलफनामा दायर करें। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि पतंजलि को एक हलफनामे में इन उत्पादों के स्टॉक के बारे में भी जानकारी देनी होगी। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि की ओर से दिए गए विज्ञापनों पर तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रामदेव ने योग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी कुछ किया है, लेकिन यह मसला अलग है। चूंकि दवा खरीदने वाले उपभोक्ताओं से जुड़ा है। इसमें लापरवाही नहीं बरती जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मकसद बस इतना है कि लोग सतर्क रहें। बाबा रामदेव में लोगों की आस्था है। उसे उन्हें सकारात्मक रूप से इस्तेमाल करना चाहिए। दुनिया भर में योग को लेकर जो बढ़ावा मिला है, उसमें एक योगदान बाबा रामदेव का भी है। इसके बाद बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच को धन्यवाद और प्रणाम कहा, जिसपर जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि हमारा भी प्रणाम। इससे पहले की सुनवाई में अदालत ने पतंजलि के उन उत्पादों को बेचने पर रोक लगा दी थी जिसका लाइसेंस अब निलंबित हो चुका है। अदालत ने पतंजलि के प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करने वाले लोगों और संस्थानों के लिए भी कुल 6 बिंदुओं में दिशानिर्देश जारी किया था।
भारत और ईरान के बीच चाबहार समझौते पर अमेरिका को मिर्ची, दे डाली प्रत‍िबंधों की धमकी*
#us_irritated_by_chabahar_agreement_between_india_and_iran भारत ने सोमवार को ईरान के साथ चाबहार पोर्ट को लेकर बड़ी डील की है। दोनों देशों के बीच 10 साल के लिए हुई इस डील के तहत भारत ईरान के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित चाबहार बंदरगाह के शाहिद बेहिश्ती टर्मिनल का विकास और फिर संचालन करेगा। भारत के लिए यह सौदा बेहद अहम है और इसे पाकिस्तान में चीन द्वारा विकसित ग्वादर पोर्ट की काट के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका को यह करार पसंद नहीं आ रहा है। चाबहार बंदरगाह को लेकर डील होने के बाद बौखलाए अमेरिका ने भारत पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। बीच सोमवार को चाबहार बंदरगाह को लेकर डील होने के बाद अमेरिका बौखला गया है। अमेरिका के व‍िदेश मंत्रालय ने भारत का नाम लिए बिना धमकी दी है और कहा 'कोई भी' जो ईरान के साथ बिजनस करने पर व‍िचार कर रहा है। अमेरिका ने कहा कि जो देश ईरान के साथ बिजनस कर रहे हैं, उन्‍हें 'प्रत‍िबंधों के संभाव‍ित खतरे' के प्रत‍ि जागरुक रहना चाहिए। भारतीय मूल के अमेरिकी प्रवक्‍ता वेदांत पटेल ने यह भी दावा किया कि चाबहार पोर्ट को लेकर भारत को कोई भी छूट नहीं दी गई है। उन्‍होंने कहा कि ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रत‍िबंध अभी भी बरकरार हैं और हम इसे आगे भी लागू करेंगे। अमेरिकी प्रवक्‍ता यह दावा तब कर रहे हैं जब खुद अमेरिकी प्रशासन ने साल 2018 में भारत को चाबहार बंदरगाह को लेकर छूट दी थी। बता दें भारत और ईरान ने चाबहार में स्थित शाहिद बेहश्ती बंदरगाह के टर्मिनल के परिचालन के लिए सोमवार को एक दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। पीटीआई के मुताबिक ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर की गई पोस्ट में यह जानकारी दी। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के पोर्ट्स एंड मेरिटाइम ऑर्गनाइजेशन ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह पहला मौका है जब भारत विदेश में स्थित किसी बंदरगाह का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा। चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। इस बंदरगाह को भारत और ईरान मिलकर विकसित कर रहे हैं।
*पीएम मोदी आज करेंगे नामांकन, पर्चा भरने से पहले एक्स पर किया पोस्ट, बोले-अपनी काशी से मेरा रिश्ता अद्भुत है*
#pm_narendra_modi_nomination_from_varanasi प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन करने वाले हैं।नामांकन से पहले पीएम मोदी गंगा स्नान करेंगे। वह दशाश्वमेध घाट पर पूजा-अर्चना करने के बाद काल भैरव से आशीर्वाद लेंगे। पीएम करीब 11 बजकर 40 मिनट पर नामांकन दाखिल करेंगे। इस दौरान उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्र और यूपी सरकार के मंत्री मौजूद रहेंगे। इसके अलावा 12 बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी पीएम की नामांकन प्रक्रिया के दौरान शामिल रहेंगे। *काशी से मेरा अद्भुत रिश्ता- पीएम मोदी* पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन के पूर्व सोशल मीडिया के एक्स साइट पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा कि 'अपनी काशी से मेरा रिश्ता अद्भुत है, अभिन्न है और अप्रतिम है… बस यही कह सकता हूं कि इसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता!' *नामांकन से पहले हुए पीएम मोदी का रोड शो* वहीं, नामांकन से पहले पीएम मोदी ने सोमवार (13 मई) को पांच किलोमीटर लंबा भव्य रोड शो किया। पीएम मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह भी मौजूद थे। रोड शो के दौरान पूरा इलाका 'हर हर महादेव' और 'जय श्री राम' के नारों से गूंज रहा था। सड़क के दोनों तरफ समर्थकों और लोगों की भारी भीड़ प्रधानमंत्री की जय-जयकार करने के लिए जमा हुई थी। रोड शो काशी विश्वानाथ धाम में जाकर खत्म हुआ। *पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं कांग्रेस के अजय राय* वाराणसी भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी का गढ़ है। उन्होंने यहां से दो बार 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव जीता। कांग्रेस ने वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को खड़ा किया है। यह तीसरी बार है जब अजय राय लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी का सामना करेंगे। वाराणसी में लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण में 1 जून को मतदान होगा। 2019 में पीएम मोदी ने 6,74,664 से अधिक वोटों के साथ सीट जीती थी।
पीएम मोदी का नामांकन कल, कई राज्यों के CM सहित ये बड़ी हस्तियां भी होंगी शामिल; जानें पूरे दिन का कार्यक्रम

डेस्क: पीएम मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे। इससे पहले मंगलवार की सुबह को वह काशी के कोतवाल काल भैरव से अनुमति लेंगे। बता दें कि मंगलवार को गंगा सप्तमी के साथ ही पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। प्रधानमंत्री के नामांकन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा शासित और गठबंधन वाले 12 राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। इसके अलावा अन्य केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पदाधिकारियों की भी मौजूदगी रहेगी। 

नामांकन के पहले सुबह करीब 9 बजे पीएम मोदी दशास्वमेध घाट पर मां गंगा को नमन कर सकते हैं। उनका क्रूज से नमो घाट तक जाना भी प्रस्तावित है। यहां से प्रधानमंत्री काल भैरव मंदिर जाएंगे और फिर वहां से नामांकन करने कलेक्ट्रेट जाएंगे। नामांकन के बाद रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में पीएम मोदी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी करेंगे।

पुष्य नक्षत्र में करेंगे नामांकन

इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी का वाराणसी में रोड शो चल रहा है। रोड शो समाप्त होने के बाद पीएम मोदी बाबा विश्वनाथ से आशीर्वाद लेंगे और फिर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी के कोतवाल से अनुमति लेकर नामांकन करेंगे। प्रधानमंत्री मंगलवार को पड़ने वाली गंगा सप्तमी के दिन स्नान कर मां गंगा को नमन भी कर सकते हैं।

 ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी की मानें तो शास्त्र के अनुसार गंगा सप्तमी और नक्षत्र राज पुष्य नक्षत्र का संयोग और साथ ही रवि योग ग्रहों की अच्छी स्थितियों का निर्माण कर रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कोई भी कार्य करने से अभिष्ट की सिद्धि होती है। पुष्य नक्षत्र में यदि किसी काम को किया जाए तो उसमें कार्य सिद्धि तय मानी जाती है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विशेष संयोग में ही अपना नामांकन करेंगे।

नामांकन में ये लोग होंगे शामिल

पीएम मोदी के नामांकन में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत देश के करीब 12 मुख्यमंत्रियों के शामिल हो सकते हैं। इसमें भाजपा शासित और गठबंधन वाले राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। भाजपा नेताओं के मुताबिक नामांकन में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा, हरियाणा के नायब सिंह सैनी, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा शामिल होंगे। 

इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी नामांकन में शामिल होंगे। वहीं एनडीए के प्रमुख घटक लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान, अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर आदि भी नामांकन के दौरान मौजूद रहेंगे।

बीजेपी ने स्वीकार की राहुल गांधी की चुनौती, तेजस्वी सूर्या ने चिट्ठी लिखकर बताया कौन करेगा बहस

#tejasvi_surya_fires_salvo_as_rahul_gandhi_accepts_debate

लोकसभा चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर जमकर हमलावर हैं। रैलियों में जमकर तीखे वार किए जा रहे है।सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के दो पूर्व जजों और एक संपादक ने राहुल गांधी और पीएम मोदी को डिबेट के लिए एक मंच पर बुलाने का न्योता दिया था। कांग्रेस के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने दो पूर्व जजों की ओर से पेश चुनावी बहस के निमंत्रण को स्‍वीकार करते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहस के लिए तैयार हैं। जिस पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुनौती को स्वीकार कर लिया है।उन्होंने एक पत्र लिखकर राहुल गांधी की ओर से पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ खुली बहस के न्योते पर बीजेपी की ओर से एक शख्स का नाम आगे किया है।

बीजेपी फायरब्रांड नेता और सांसद तेजस्वी सूर्या ने राहुल गांधी की बहस करने की चुनौती को स्वीकार करते हुए उन्हें एक पत्र लिखा है। साथ ही बहस करने के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अभिनव प्रकाश को नामित किया है। अपने पत्र में तेजस्वी ने राहुल का हाल चाल पूछा।सांसद तेजस्वी सूर्या ने पत्र में लिखा कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान के व्यस्त कार्यक्रम के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और बहस में शामिल होने की आपकी इच्छा की सराहना करते हैं। उन्होंने लिखा कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी की युवा शाखा के रूप में हम अपनी पार्टी के दृष्टिकोण और नीतियों, खासकर हमारे देश के भविष्य को आकार देने वाली नीतियों के बारे में खुली और सक्रिय बातचीत की महत्वपूर्ण आवश्यकता को समझते हैं।

तेजस्वी ने आगे लिखा कि इस संबंध में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अभिनव प्रकाश को आगामी बहस के लिए नामित करते हुए मुझे खुशी हो रही है। उन्होंने पत्र में बताया कि अभिनव प्रकाश उत्तर प्रदेश से हैं, जिस राज्य का आप पहले संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसके अलावा वह दलित जाति, पासी से हैं, जो रायबरेली में अनुसूचित जाति की आबादी का 30% से अधिक का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह वही निर्वाचन क्षेत्र है जिसका आपके परिवार ने लंबे समय से प्रतिनिधित्व किया है और जहां आप वर्तमान समय में चुनावी दावेदार हैं।

तेजस्वी सूर्या द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बहस करने के लिए अभिनव प्रकाश को नामित करने पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अभिनव प्रकाश ने कहा है कि मैं तेजस्वी सूर्या को राहुल के साथ बहस करने के लिए नियुक्त करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं इस बहस का इंतजार कर रहा हूं। मैं उत्तर प्रदेश से हूं। राहुल गांधी और उनके परिवार ने इतने लंबे समय तक राज्य का प्रतिनिधित्व किया है। मुझे उम्मीद है कि वह बहस से उस तरह नहीं भागेंगे जैसे वह अमेठी से भागे थे।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी. लोकुर, जस्टिस रिटायर्ड अजीत पी. शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को सार्वजनिक बहस में हिस्सा लेते हुए अपने एजेंडे से जनता को अवगत कराने का विचार दिया था।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस निमंत्रण को स्वीकार किया और उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सार्वजनिक बहस के लिए तैयार हैं। उन्होंने एक सोश्ल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते गहुए कहा था कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए प्रमुख दलों का एक मंच से अपना विजन देश के समक्ष रखना एक सकारात्मक पहल होगी। राहुल ने पोस्ट में आगे कहा कि कांग्रेस इस पहल का स्वागत करती है और चर्चा का निमंत्रण स्वीकार करती है। उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री जी से भी इस संवाद में हिस्सा लेने की अपेक्षा करता है।

AAP ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, जेल में बंद मनीष सिसोदिया समेत 40 नाम, सुनीता केजरीवाल भी उतरेंगी मैदान में

डेस्क: आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब लोकसभा चुनाव के लिए 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में सबसे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम है। वहीं, जैसी चर्चाएं थी इसमें दूसरे नंबर पर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल का भी नाम है। इन दोनों के अलावा पंजाब सीएम भगवंत मान, सत्येंद्र जैन, राघव चड्ढा, सौरभ भारद्वाज, संदीप पाठक, पंकज गुप्ता, संजय सिंह और आतिशी को भी स्टार कैंपेनर बनाया गया है। वहीं, जेल में बंद मनीष सिसोदिया का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है।

देखें पूरी लिस्ट-

वहीं, आपको बता दें कि पंजाब में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की परनीत कौर और आम आदमी पार्टी के कुलदीप सिंह धालीवाल समेत कई उम्मीदवारों ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया। परनीत कौर और आप के उनके प्रतिद्वंद्वी बलबीर सिंह ने पटियाला से नामांकन पत्र दाखिल किया, जबकि आप के कुलदीप सिंह धालीवाल ने अमृतसर से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। 

भाजपा उम्मीदवार अरविंद खन्ना ने संगरूर संसदीय सीट से अपना पर्चा दाखिल किया, जबकि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा ने तरनतारन जिले की खडूर साहिब सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन पत्र 14 मई तक दाखिल किए जा सकते हैं जबकि नामांकन पत्रों की जांच 15 मई को होगी। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 17 मई है।

पंजाब में 1 जून को वोटिंग

पर्चा दाखिल करते समय चार बार की सांसद परनीत कौर के साथ उनके बेटे रनिंदर सिंह, बेटी जय इंदर कौर और भाजपा नेता भी मौजूद थे। नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले उन्होंने पटियाला के ऐतिहासिक बुर्ज बाबा आला सिंह पर मत्था टेका। मार्च में भाजपा में शामिल हुईं कौर ने 1999, 2004, 2009 और 2019 में कांग्रेस के टिकट पर पटियाला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 

उनके पति और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद कांग्रेस ने पिछले साल फरवरी में उन्हें निलंबित कर दिया था। अरविंद खन्ना ने संगरूर संसदीय क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया और उनके साथ पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ थे। पंजाब की 13 लोकसभा सीट के लिए एक जून को मतदान होगा।

चौथे चरण में भी पिछले तीन फेज की तरह कम मतदान, शाम 5 बजे तक 62.31% मतदान

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लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया का चौथा चरण आज पूरा हो गया। इसके साथ ही कुल 378 सीटों के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं।मतदान के राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो, शाम 5 बजे तक सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में 75.66 प्रतिशत मतदाता वोट कर चुके हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश में 68.04 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 68.01 प्रतिशत मतदाता शाम 5 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं। अन्य राज्यों के मतदान प्रतिशत की बात करें तो, शाम 5 बजे तक झारखंड में 63.14, ओडिशा में 62.96, तेलंगाना में 61.16, उत्तर प्रदेश में 56.35, बिहार में 54.14, महाराष्ट्र में 52.49 और जम्मू कश्मीर में 35.75 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण के लिए नौ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 96 सीटों पर आज वोट डाले गए।लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में कई दिग्गजों की साख दांव पर है। इसमें यूपी के कन्नोज से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, तेलंगाना के हैदराबाद से एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन औवैसी, पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख नेता महुआ मोइत्रा, बिहार के बेगूसराय से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और मुंगेर से जेडीयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की किस्मत का फैसला जनता कर चुकी है।