था, है और रहेगा... पीओके पर विदेश मंत्री जयशंकर की दो टूक, कहा- उल्टी दिशा में है विपक्ष, दावा किया, एक दिन पीओके का भारत में विलय होकर रहेगा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिर कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर (पीओके) पहले भी भारत का था, आज भी भारत का ही है और आगे भी भारत का ही रहेगा। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है जिसे छुड़ाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। जयशंकर ने कहा, 'पीओके भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।' उन्होंने मुंबई में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में भारतीय पूंजी बाजार 'विकसित भारत के लिए रोडमैप' पर एक सेमिनार में मीडिया से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं।
कहा कि भारत की नीति स्पष्ट है- पीओके पर अवैध कब्जे को हटाना है और इसका भारत में विलय करना है। क्या विपक्षी दल भी पीओके पर ऐसी ही राय रखते हैं? इस सवाल पर जयशंकर ने कहा कि विपक्ष उल्टी दिशा में बढ़ रहा है। विदेश मंत्री बोले, 'हमारा इरादा पक्का है कि एक दिन पीओके पर अवैध कब्जा हटेगा और इसका भारत में विलय होगा। अब आप देखिए कि किस तरह विपक्ष उल्टी दिशा में चल रहा है।' जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'अगर मैं रिकॉर्ड की बात करूं तो पिछले पांच सालों में हमारी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक अनुच्छेद 370 को हटाना है।'
पाकिस्तान के परमाणु बम का डर दिखाने वालों को लगाई लताड़
जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के पाकिस्तान पर दिए बयानों पर भी पूछे गए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत के पास भी परमाणु हथियार हैं और देश को इन पर गर्व है। उन्होंने उनकी आलोचना की जो पाकिस्तान के परमाणु बम का डर दिखाकर पीओके की बात करने से बचते हैं।
पीओके में जनता बदहाल
पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और बढ़े हुए बिलों के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शनों के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के बाद पाकिस्तान सरकार ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की। पीओके में बदहाली के खिलाफ हड़ताल का सोमवार को चौथा दिन है। प्रदर्शनकारियों ने वहां धरना शुरू कर दिया और मुजफ्फराबाद की ओर एक लंबा मार्च निकाला।
प्रदर्शनकारियों ने कोहाला-मुजफ्फराबाद रोड को जाम कर दिया, जिससे कोहाला शहर और मुजफ्फराबाद के बीच यातायात बाधित हो गया। लगातार हो रहे विरोध-प्रदर्शन से साफ है कि पीओके को लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ काफी नाराजगी है। मीरपुर में पुलिस, सुरक्षाब बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव के बाद पीओके की सरकार ने रेंजर्स और पुलिस को तैनाती बढ़ा दी है। इन टकरावों के कारण एक पुलिस अधिकारी की जान चली गई और 70 से अधिक अन्य घायल हो गए। इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीओके में वर्तमान स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। वहीं, प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार के बीच कोई बातचीत नहीं हो रही है।
May 13 2024, 16:44