श्री शिक्षा निकेतन स्कूल में मदर्स डे समारोह का हुआ आयोजन, बच्चों द्वारा प्रस्तुत संस्कृतिक कार्यक्रम ने सभी का मन मोहा
गया। गया शहर के नैली रोड खटकाचक स्थित श्री शिक्षा निकेतन स्कूल में मदर्स डे समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर विद्यालय परिसर को रंगीन गुम्बारो से सजाया गया। वहीं, विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के आए हुए माता के बीच विभिन्न तरह के प्रति योग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। सफल प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया। बच्चों ने संस्कृत कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के संस्थापिका रुक्मिणी देवी के चित्र पर विद्यालय की प्राचार्य पूनम सिन्हा एवं आए हुए माताओं ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात विद्यालय की शिक्षिकाओं ने वहां पर मौजूद सभी बच्चों की माता को तिलक लगाकर एवं पुष्प अर्पित कर उनका पूजन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यालय की छात्र नव्या, चांदनी एवं तनु ने तू कितनी अच्छी है मां गाने पर नृत्य प्रस्तुत किया।
वही, मैंने पायल है छनकाई गाने पर निधि एवं निहारिका ने डांस प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया, दिलबरो गाने पर कक्षा पांच की छात्रा सीता एवं रिशु ने, वही चटक मटक गाने पर अनु कुमारी ने नृत्य प्रस्तुत किया, क्लास 2 की छात्रा सुनिधि सुमन ने कोका कोला सॉन्ग गाने पर व पिया जी तेरी एक न सुनेगी गाने पर तनु एवं चित्रा ने नृत्य प्रस्तुत किया। अंत में गुलाबी सरारा गाने पर अनामिका ने डांस प्रस्तुत किया।
विद्यालय में आयोजित क्विज कॉन्टेस्ट में सभी माताओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा दिखाई।
क्विज कॉन्टेस्ट के सफल प्रतिभागियों को प्राचार्य पूनम सिन्हा ने प्रशस्ति पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया। इस मौके पर श्रीमती सिन्हा ने कहा कि हमारे विद्यालय में पूर्व की भांति इस वर्ष भी मदर्स डे से समारोह का आयोजन किया गया है। आज का यह पूरा आयोजन माताओं को समर्पित है। बच्चों को अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए यह बातें सिखाई गई है। इस तरह के कार्यक्रमों का करने का मुख्य उद्देश्य यह भी होता है कि गृहणी घर में रहने वाली महिलाएं एक सुखद माहौल में आकर एक दूसरे मिले और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन भी करें। साथ ही हम लोग भी इन माताओं को सम्मानित कर गौरवान्वित हो।
क्योंकि मां का सम्मान देवता के पूजन से भी बड़ा है। क्योंकि कहा भी गया है की मां शब्द से छोटा कोई शब्द नहीं है और मां से बड़ा कोई शब्द नहीं है। मां का प्यार और दुलार पाने के लिए देवी देवताओं को भी मनुष्य योनि में अवतार लेना पड़ा है। पूरा कार्यक्रम प्राचार्य पूनम सिन्हा के दिशा निर्देशन एवं शिक्षिका रूपा गुप्ता एवं राखी राज के देखरेख में संपन्न हुआ।
रिपोर्ट: मनीष कुमार।
May 11 2024, 18:25