जनता दरबार स्थगित रहने के बावजूद कार्यालय पहुंचे 200 फरियादी की DM ने बुलाकर बारी-बारी से सुनी फरियाद, पदाधिकारियों को कार्रवाई का दिए निर्देश
गया : जिलाधिकारी के जनता दरबार स्थगित रहने के बावजूद भी समाहरणालय परिसर में में आये हुए लगभग 200 व्यक्तियों के मामले को गंभीरतापूर्वक सुनते हुए संबंधित पदाधिकारियों को प्राप्त आवेदनों को जांच यथाशीघ्र कराते हुए जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। आवेदकों के कई मामलों में जिला पदाधिकारी द्वारा जिले के वरीय पदाधिकारी यथा उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी संबंधित प्रखंड के नामित जिला स्तरीय पदाधिकारी आदि द्वारा मामले को जांच करने का भी जिम्मा दिया गया है।
जनता दरबार में प्रधानमंत्री आवास-मुख्यमंत्री आवास योजना से संबंधित आए मामलों को जिला पदाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को संबंधित आवेदनों को यथाशीघ्र जांच करते हुए पात्रता रखने वाले व्यक्तियों को प्रधानमंत्री/ मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ देने हेतु अग्रेतर कार्य करने का निर्देश दिया।
जनता दरबार में कई व्यक्तियों ने भूमि विवाद, आपसी बटवारा, अतिक्रमण, जमीन संबंधी दिक्कते आदि से संबंधित आवेदन दिए। उन सभी आवेदन के आलोक में जिला पदाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारी तथा थानाध्यक्ष एवं अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के अध्यक्षता में थाना स्तर एवं अनुमंडल स्तर पर हर शनिवार को आयोजित होने वाले जनता दरबार में दोनों पक्षों के व्यक्तियों को बुलाकर संबधित मामलों को प्राथमिकता देते हुए निराकरण कराने का निर्देश दिए। जनता दरबार में जमीन से संबंधित अत्यधिक मामले को देखते हुए जिलाधिकारी ने आए आवेदनों को सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता को निर्देश दिया कि अच्छे तरीके से आए आवेदनों को जांच करते हुए संबंधित अधिकारियों द्वारा नियमानुसार उचित कार्रवाई करने हेतु आदेशित करें।
इसके साथ ही प्राप्त कई आवेदनों के विरुद्ध वरीय पदाधिकारी नामित कर जांच हेतु निर्देशित किया है। साथ ही जांच पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि प्राप्त आवेदन को अधिकतम 7 दिनों में जांच करते हुए दोषी कर्मी/ पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई हेतु प्रेषित करे। जनता दरबार में कई व्यक्ति परिमार्जन के संबंध में आवेदन दिए जिसपर जिला पदाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारी एवं राजस्व पदाधिकारी को सख्त निर्देश दिया कि परिमार्जन हेतु लंबित आवेदनों को तेजी से निष्पादन करें। जनता दरबार में जमीन से संबंधित आये मामलों में डीएम ने सभी अंचलाधिकारी को कहा कि ये आम जनता ज्यादातर गाँव के ही होते हैं और किसान होते है, इन्हें सरकारी कागजी प्रक्रिया के बारे में हर तरह से मदद करे। जरूरत पड़े तो ग्रामीणों की जो उनकी समस्या है, उसके आलोक में उन्हें आवेदन लिखवाने में मदद करे, किसी को बेवजह दौड़ना न पड़े इसका पूरा ख्याल रखें।
डीएम ने सभी अंचलाधिकारी एव भूमि सुधार समाहर्ता को कहा कि गया जिला में सभी किसान अपने सिचाई, पूरी तरह आहर पोखर पइन पर निर्भर है। इसे देखते हुए सरकारी जितने भी जल संचयन संरचनाओं हैं, यदि अतिक्रमण हो रहे हैं तो उसे तुरंत अतिक्रमण वाद चलकर निपटारा करें। उन्होंने कहा कि आहार पोकर एव पइन या सरकारी जमीन कही अतिक्रमण हैं,तो उसे प्राथमिकता से अतिक्रमण हटाने का काम करे।
रिपोर्ट: मनीष कुमार
May 10 2024, 19:53